दोपहर के ढाई बज चुके थे और पैसेंजर ट्रेन सीटी देने के बाद स्टेशन से धीरे धीरे आगे सरकने लगी थी | मैंने फर्स्ट क्लास में रिजर्वेशन ले लिया था | ट्रेन लगभग खाली ही थी सो मै नीचे वाले बर्थ पर ही लेट गया और आँख बंद कर ली | मेरे कूप के सामने वाले बर्थ पर करीब २५ साल की एक शादीशुदा औरत और एक १८-१९ साल का लड़का बैठे थे | वो दोनों धीरे धीरे बातें कर रहे थे | उनकी बात सुन कर समझ आ गया कि वो दोनों भाई बहन हैं और वो औरत अपने भाई के साथ अपने मायके किसी की शादी में जा रही थी |
अब तक ट्रेन स्पीड पकड़ चुकी थी और वो दोनों भी ऊँघने लगे थे | तभी लडका बोला ---------दीदी मै उपर वाले बर्थ पर जा के सो जाता हूँ , तुम भी थोड़ी देर लेट जाओ |
लडकी बोली ------ हाँ भाई मुझे भी नींद आ रही है |
लडका उपर चला गया और लड़की मेरे सामने वाले नीचे के बर्थ पर लेट गई | मैंने कनखियों से उसे देखा उसके साड़ी का पल्लू एक तरफ हो गया था और ब्लाउज में कसे उसके उरोज मेरे अंदर कि वासना को जगाने लगे थे | लड़की गोरी चिट्टी और मांसल बदन कि थी जिसे शायद हर मर्द मौका मिलने पर भोगना चाहेगा | मैंने मन ही मन सोचा की चलो रास्ते भर आँख सेकने का इंतजाम तो हो गया | उधर थोड़ा सा अफ़सोस भी हुआ की इसका भाई इसके साथ है | साला ये कबाब में हड्डी नही होता तो मज़ा आ जाता | लेकिन खैर अब जो था सो था | उसे बदला तो जा नही जा सकता था ? अब तक वो लड़की शायद नींद की आगोश में जा चुकी थी सो मैंने अपनी आँखें खोल ली और बारीकी से उसके बदन का मुआयना करने लगा | लम्बाई कुछ कम थी मेरे हिसाब से | शायद ५ फिट ४ इंच के लगभग होगी मगर माल मस्त मांसल बदन वाली थी, जैसी मुझे पसंद थी | अब तो मेरी हालत धीरे धीरे खराब होने लगी | मुझे लगा कि बाथरूम में जाकर मुठ मारनी ही पड़ेगी | तभी अचानक उसके पर्स में रक्खा मोबाइल बज उठा | चार पांच रिग के बाद वो उठी और अलसाई सी बुदबुदाते हुए फोन पर्स में से निकाल लिया ........पता नही अब कौन है .....थोड़ी देर आराम भी नही करने देते | फोन में नम्बर देखते हुए उसने फोन उठा लिया | अब तक मैंने फिर से अपनी आँख बंद कर ली थी | उसने बात शुरू की .............
हैलो......... हाँ बोलो |
उधर से किसी ने कुछ कहा होगा तो बोली .......... जोर से बोलो तुम्हारी आवाज़ सुनाई नही पड़ रही है |
फिर दूसरी तरफ से किसी ने कुछ कहा तो वो बोली .......... ठीक है रुको मै स्पीकर ऑन करती हूँ .......यह कहते हसे उसने स्पीकर आन कर दिया अब मुझे भी उनकी बातें सुनाई देने लगी | उधर से आवाज़ आई ........रोहित कहाँ है ?
उपर वाले बर्थ पर सो रहा है.........लड़की ने जवाब दिया |
और कौन कौन है बगल में ?
कोई नही ......फिर मेरी तरफ देखते हुए......... एक और आदमी है सामने वाले बर्थ पर वो भी सो रहा है | बाकी लगभग पूरी बोगी खाली है, कोई नही है इसमें |
उधर से आदमी बोला ............हाँ हाँ ये पैसेंजर लगभग खाली ही जाती है | अच्छा ये बताओ की अब मै क्या करूँ ?
मतलब? लड़की बोली |
अरे तुम तो चल दी मायके और मेरे इस पप्पू को तुम्हारी मुनिया के बगैर चैन ही नही मिलता | अकड़ा हुआ है |
ये कौन सी नई बात है ? लेने को तो तुम रोज़ मेरी लेते हो लेकिन तुम्हारे पप्पू की अकड़न बस मेरी मुनिया में घुसने के बाद मुश्किल से पांच मिनट की भी नही रहती | इधर पांच मिनट में पिचकारी छुटी और उधर तुम निढाल हुए | मेरी चिंता किसे है ? हर बार प्यासी तड़पती रह जाती हूँ | आज तक तुमने कभी भी मुझे मर्द वाला भरपूर प्यार नही दिया है | अच्छा है कम से कम जितने दिन मायके रहूंगी उतने दिन तो बचूंगी इस पप्पू मुनिया के खेल से जो मुझे तड़प छोड़ कुछ नही देता | आज तक मै ये नही जान पाई की इस खेल का मजा क्या होता है |
अरे यार हाथ से कर तो देता हूँ तेरा काम ...........दूसरी तरफ से मर्द की आवाज़ आई |
अच्छा कहा | हाथ से ही करना है तो तुम्हारी ज़रूरत क्या है ? हाथ तो मेरे पास भी है |
तो और क्या कहूँ बोल ? करवा ले किसी और से ? मायके में है कोई पुराना यार ?
बहुत अच्छे ? एक यही बाकी था | अगर सच में रश्मी दुसरे से करवाने वाली होती तो तुम ऐसा नही बोलते ?
अरे यार मै मजाक नही कर रहा ? मै खुले विचारों का आदमी हूँ | तू भी अपनी पसंद के यार से करवा और मै भी किसी दूसरी का मज़ा लेता हूँ | दोनों को इसमें मजा मिलेगा | इसमें गलत क्या है ?
अरे छोड़ो एक औरत को संभाल नही पा रहे दूसरी के पास जाओगे तो वो मेरी तरह ये नही कहेगी की हाथ से कर दो | लात मार के बाहर का रास्ता दिखा देगी | रही मेरी बात तो तुम तो मुझे मत ही समझाओ की मुझे क्या करना है |
अच्छा बाबा तेरा मूड अभी उखड़ा हुआ है बाद में बात करता हूँ | रवि की तरफ से बाय | .......... लड़की भी बोलती है बाय और फोन अपने पर्स में रख देती है | थोड़ी देर मेरी तरफ एकटक देखती है और फिर बाथरूम की तरफ बढ़ जाती है |
अब तक ट्रेन स्पीड पकड़ चुकी थी और वो दोनों भी ऊँघने लगे थे | तभी लडका बोला ---------दीदी मै उपर वाले बर्थ पर जा के सो जाता हूँ , तुम भी थोड़ी देर लेट जाओ |
लडकी बोली ------ हाँ भाई मुझे भी नींद आ रही है |
लडका उपर चला गया और लड़की मेरे सामने वाले नीचे के बर्थ पर लेट गई | मैंने कनखियों से उसे देखा उसके साड़ी का पल्लू एक तरफ हो गया था और ब्लाउज में कसे उसके उरोज मेरे अंदर कि वासना को जगाने लगे थे | लड़की गोरी चिट्टी और मांसल बदन कि थी जिसे शायद हर मर्द मौका मिलने पर भोगना चाहेगा | मैंने मन ही मन सोचा की चलो रास्ते भर आँख सेकने का इंतजाम तो हो गया | उधर थोड़ा सा अफ़सोस भी हुआ की इसका भाई इसके साथ है | साला ये कबाब में हड्डी नही होता तो मज़ा आ जाता | लेकिन खैर अब जो था सो था | उसे बदला तो जा नही जा सकता था ? अब तक वो लड़की शायद नींद की आगोश में जा चुकी थी सो मैंने अपनी आँखें खोल ली और बारीकी से उसके बदन का मुआयना करने लगा | लम्बाई कुछ कम थी मेरे हिसाब से | शायद ५ फिट ४ इंच के लगभग होगी मगर माल मस्त मांसल बदन वाली थी, जैसी मुझे पसंद थी | अब तो मेरी हालत धीरे धीरे खराब होने लगी | मुझे लगा कि बाथरूम में जाकर मुठ मारनी ही पड़ेगी | तभी अचानक उसके पर्स में रक्खा मोबाइल बज उठा | चार पांच रिग के बाद वो उठी और अलसाई सी बुदबुदाते हुए फोन पर्स में से निकाल लिया ........पता नही अब कौन है .....थोड़ी देर आराम भी नही करने देते | फोन में नम्बर देखते हुए उसने फोन उठा लिया | अब तक मैंने फिर से अपनी आँख बंद कर ली थी | उसने बात शुरू की .............
हैलो......... हाँ बोलो |
उधर से किसी ने कुछ कहा होगा तो बोली .......... जोर से बोलो तुम्हारी आवाज़ सुनाई नही पड़ रही है |
फिर दूसरी तरफ से किसी ने कुछ कहा तो वो बोली .......... ठीक है रुको मै स्पीकर ऑन करती हूँ .......यह कहते हसे उसने स्पीकर आन कर दिया अब मुझे भी उनकी बातें सुनाई देने लगी | उधर से आवाज़ आई ........रोहित कहाँ है ?
उपर वाले बर्थ पर सो रहा है.........लड़की ने जवाब दिया |
और कौन कौन है बगल में ?
कोई नही ......फिर मेरी तरफ देखते हुए......... एक और आदमी है सामने वाले बर्थ पर वो भी सो रहा है | बाकी लगभग पूरी बोगी खाली है, कोई नही है इसमें |
उधर से आदमी बोला ............हाँ हाँ ये पैसेंजर लगभग खाली ही जाती है | अच्छा ये बताओ की अब मै क्या करूँ ?
मतलब? लड़की बोली |
अरे तुम तो चल दी मायके और मेरे इस पप्पू को तुम्हारी मुनिया के बगैर चैन ही नही मिलता | अकड़ा हुआ है |
ये कौन सी नई बात है ? लेने को तो तुम रोज़ मेरी लेते हो लेकिन तुम्हारे पप्पू की अकड़न बस मेरी मुनिया में घुसने के बाद मुश्किल से पांच मिनट की भी नही रहती | इधर पांच मिनट में पिचकारी छुटी और उधर तुम निढाल हुए | मेरी चिंता किसे है ? हर बार प्यासी तड़पती रह जाती हूँ | आज तक तुमने कभी भी मुझे मर्द वाला भरपूर प्यार नही दिया है | अच्छा है कम से कम जितने दिन मायके रहूंगी उतने दिन तो बचूंगी इस पप्पू मुनिया के खेल से जो मुझे तड़प छोड़ कुछ नही देता | आज तक मै ये नही जान पाई की इस खेल का मजा क्या होता है |
अरे यार हाथ से कर तो देता हूँ तेरा काम ...........दूसरी तरफ से मर्द की आवाज़ आई |
अच्छा कहा | हाथ से ही करना है तो तुम्हारी ज़रूरत क्या है ? हाथ तो मेरे पास भी है |
तो और क्या कहूँ बोल ? करवा ले किसी और से ? मायके में है कोई पुराना यार ?
बहुत अच्छे ? एक यही बाकी था | अगर सच में रश्मी दुसरे से करवाने वाली होती तो तुम ऐसा नही बोलते ?
अरे यार मै मजाक नही कर रहा ? मै खुले विचारों का आदमी हूँ | तू भी अपनी पसंद के यार से करवा और मै भी किसी दूसरी का मज़ा लेता हूँ | दोनों को इसमें मजा मिलेगा | इसमें गलत क्या है ?
अरे छोड़ो एक औरत को संभाल नही पा रहे दूसरी के पास जाओगे तो वो मेरी तरह ये नही कहेगी की हाथ से कर दो | लात मार के बाहर का रास्ता दिखा देगी | रही मेरी बात तो तुम तो मुझे मत ही समझाओ की मुझे क्या करना है |
अच्छा बाबा तेरा मूड अभी उखड़ा हुआ है बाद में बात करता हूँ | रवि की तरफ से बाय | .......... लड़की भी बोलती है बाय और फोन अपने पर्स में रख देती है | थोड़ी देर मेरी तरफ एकटक देखती है और फिर बाथरूम की तरफ बढ़ जाती है |