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दोस्तो मैं यहा पहली बार इस फोरम पर स्टोरी पोस्ट कर रही हु...कुछ दिनों पहले ऐसीही मैन अपनी ही एक स्टोरी देखी जो किसीने कॉपी किया था...फिर मुझे भी लगा चलो कुछ नया लिखते है...उम्मीद है आपको पसंद आयेगी...और अपडेट जल्दी जल्दी नही आएंगे...3 4 दिन के गैप से आएंगे...
पात्र:-
1)नेहा:- उम्र 28 साल गदरायी सेक्सी सुंदर और स्वभाव से बहोत कामुक...गोरी बड़ी 36 की चुचिया 32 की कमर और 36 कि गांड....चुदाई का चश्का इसे बहोत पहले ही लग चुका था।और शादी के पहले उसने बहोत से लंड अपनी चुत में लिए थे। लेकिन शादी के बाद वो एकदम से पतिव्रता बन गयी थी।
राजीव:- नेहा का पति...सॉफ्टवेयर इंजीनियर ...उम्र 31साल
बहोत हैंडसम तगड़ा मर्द लेकिन नेहा के स्वभाव के विपरीत ये सेक्स को बस एक ड्यूटी मानता है...नेहा को हमेशा संतृष्ट करता है पर बस फ़र्ज़ समझ के।
प्रताप सिंग:- नेहा का ससुर उम्र 52 साल गांव में रहने वाला पुराने जमाने का पहलवान...अभी भी किसी जवान लड़के को धोबिपछाड दे दे...गांव में बहोत इज्जत है क्यों कि अमीर है पर हमेशा सब की मदद करते है। स्वभाव से थोड़े रंगीन मिजाज है पर इनके रंगरलिया के बारे में किसी को नही पता सब इनको बेहद शरीफ इंसान समझते है। अपने 10 इंच लंबे और 3 इंच मोठे लंड से कई चुत और गांड को ठंडा कर चुके है।
प्रमिला: - नेहा की सास ये बेहद धार्मिक किस्म की औरत है जो हमेशा सिर्फ पूजा में लगी रहती है उम्र 48 साल लेकिन देखने वाला कहेगा कि 60 की है...इनका इस कहानी में ज्यादा कुछ रोल है ही नही।
और भी किरदार है जो कहानी में आएंगे तब बताउंगी....अभी कहानी सुरु करती हूं।
नेहा और राजीव मुम्बई के एक आलीशान कॉलोनी में एक बंगले जैसे घर मे रहते है...दोनो की दो साल पहले शादी हुई है....दोनो एकदूसरे के साथ बहोत खुश है...दोनो एकदूसरे से बहोत प्यार करने लगे है...नेहा शादी के पहले जो भी थी अब राजीव के प्यार ने उसे वो सब भुला दिया था। वो एक पतिव्रता औरत बन गयी थी और हो भी क्यों ना...राजीव उसे हर तरह का सुख देता था। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था...तो दोस्ती कहानी सुरु होती है उस रात से जब नेहा और राजीव एकदूसरे में समाए थे....
नेहा:- आहहहहहहहह उफ़्फ़फ़फ़ राजीव और फ़ास्ट उफ़्फ़फ़फ़फ़ चोदो एससस एससस बस होने वाला है मममममम
राजीव ने तेज तेज धक्के लगाने लगा और नेहा को उस्की चरम सीमा तक पहोंचा दिया....
नेहा ने राजीव को कस के गले लगा लिया और अपनी सासे ठीक करने लगी....राजीव ने अपना लंड नेहा की चूत से निकाला और साइड में लेट गया....नेहा नार्मल हुई और राजीव का लंड पकड़ के सहलाने लगी... और अपना सर राजीव के छाती पे रख दिया।
नेहा:- उफ्फ्फ राजीव आप ने अपना काम पूरा क्यों नही किया.. आप हमेशा ऐसेही करते हो...मेरा हो जाता है और आप बिना अपना पानी निकाले सो जाते हो...
राजीव:-(नेहा को अपनी बाहों में खिंचता है) कोई बात नही कल कर लूंगा...चलो अभी सो जाते है...कल हमारे सीईओ आनेवाले है उनको कुछ जरूरी अनोउंसमेन्ट करनी है...
नेहा:- ओक बेबी गुड नाईट...माधवी उसके गालो को चूमती है वैसेही सो जाती है।
सुबह राजीव के आफिस जाने के बाद नेहा कुछ सामान लेने कॉलोनी के एक दुकान में जाति है....उस दुकान का मालिक एक 50 साल का आदमी....राजेश पांडे....बहोत ही ठरकी किस्म का आदमी है...कॉलोनी की 16साल की लड़कियों से लेके 45 साल की औरतों को हमेशा बुरी नजर से देखता है। नेहा पे उसकी खास नजर है नेहा की मदमस्त जवानी को देख के बुड्ढा पागल सा हो जाता है...नेहा की मटकती गांड को देख हमेशा अपना लंड मसलता रहता है...न जाने कितनी बार नेहा के नाम की मुठ मार चुका है।
राजेश नेहा को देख के खुश हो जाता है।
राजेश:- अरे नेहा बेटी ...आओ आओ...क्या चाहिए? तुम खुद क्यों आ गयी एक फ़ोन कर दिया होता...मैं खुद सामान देने आ जाता....नेहा की जवानी को ऊपर से नीचे तक अपनी प्यासी नजरो से देखते हुए कहा।
नेहा ने उस वक़्त टाइट जीन्स और टॉप पहना हुआ था।
नेहा के हर एक अंग उस जीन्स टॉप में उभर के आ रहा था। राजेश का लंड हर बार की तरह हरकत में आने लगा ...
नेहा :- कोई बात नही...अगली बार कुछ रहा तो कॉल कर दूंगी।
राजेश:- है बेटी..हैम तो हमेशा तुम्हारी सेवा में हाजिर है...बस हुक्म कर दिया करो...तुम्हारी सेवा करके हैम खुद को धन्य समझेंगे...बस मौका तो दो कभी....राजेश नेहा के टॉप में कसे हुए बूब्स को घूरते हुए कहता है।
नेहा:- जी अंकल जरूर...अब आ गयी हु तो खुद ही ले लेती हूं....और ऐसा बोल के नेहा एक एक करके सामान लेने लगी....राजेश काउंटर पे बैठ कर उसकी जीन्स में फसी गांड को देख के अपना लंड को मसलने लगा...
राजेश:-उफ़्फ़फ़फ़ क्या माल है साली...क्या मटकती गांड है इसकी...बस एक बार मिल जाय.. मजा आ जायेगा...
नेहा समान लेती रही और राजेश अपना लंड सहलाता रहा।
नेहा घर वापस आयी...और अपना काम निओटाने लगी।
रात को राजीव घर थोड़ा लेटे ही आया। नेहा ने हमेशा की तरह उसका स्वागत किया....पर वो थोड़ा टेंशन में था।
नेहा:- क्या हुआ राज...इतने टेंशन में क्यों हो??
राजीव ने नेहा को हाथ पकड़ के अपने पास बिठाया और...
राजीव:- नेहा क्या बताऊँ कुछ समझ नही आ रहा...आज मीटिंग थी उसमें मुझे प्रमोट कर दिया है...पर....
नेहा:- वाओ ये तो खुशी की बात है...इसमे टेंशन किंकया बात है...??
राजीव:- पूरी बात तो सुनो...पर अगले प्रोजेक्ट के लिए मुझे पूरा एक साल थोड़े थोड़े दिन ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और जर्मनी में रहना होगा...
नेहा:- सच मे...ये तो और अच्छा है ना...आप काम करना मैं घुमुंगी... नेहा राजीव की गोद मे जा बैठी...उसे बहोत खुशी हो रही थी कि वो अब अब्रॉड घूमने मिलेगा....
राजीव:- वही तो प्रॉब्लम है जान की मैं तुम्हे साथ नही ले जा पाऊंगा...क्यों कि प्रोजेक्ट इतना बड़ा है और काम इतना ज्यादा की मुझे हमेशा ट्रैवेल करते रहना पड़ेगा...मैं कभी भी एक जगह 10 दिन से ज्यादा नही राह पाऊंगा ऐसे में तुम्हे साथ ले जाना मुश्किल होगा....इसलिए मैंने सोचा है कि ये प्रमोशन मैं एक्सेप्ट नही करूँगा...
नेहा:- ओह्ह ये ऐसा कैसा प्रमोशन है? हा मत लो प्रमोशन मैं आपके बगैर नही रह सकती...नेहा राजीव से लिपट गयी...
राजीव:- हा जान मैं भी नही...कोई बात नही कोई जूनियर को प्रोमोट कर देने को कहूंगा...और फिर अगले 2 3 साल में मेरा भिंप्रोमोशन हो ही जायेगा...
नेहा:- क्या??? अगले 2 3 साल में?? ऐसा क्यों? और आप अपने जूनियर के नीचे काम करोगे?
राजीव:- तो क्या हुआ?? चलता है आजकल...लेकिन मैं तुमसे दूर रहने की बात सोच भी नही सकता...
नेहा:- नो...नेवर...ऐसा कुछ नही होगा...मैं आपको आपके जूनियर के नीचे काम करते हुए नही देख सकती...आप..आप...आप प्रमोशन ले लो...हम थोड़े दिन एडजस्ट कर लेंगे....
दोनो में थोड़ी बहस होने लगती है...मन तो दोनों का नही करता एकदूसरे से दूर रहने का लेकिन आखरी में ये डिसाइड होता है कि राजीव प्रमोशन लेगा और नेहा यही रहेगी और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करेगी। लेकिन वो इतने दिन अकेले नही राह सकती इसलिए राजीव अपने माँ बाप को शहर बुला लेगा....राजीव को एक हफ्ते के अंदर ऑस्ट्रेलिया के लिए निकलना था इसलिए वो अगले दिन से ही तैयारी में लग गया...उसके ऑस्ट्रेलिया जाने के दो दिन पहले प्रताप सिंग और प्रमिला गांव से शहर आ गए...नेहा ने भी ओपन यूनिवर्सिटी में एग्जाम का फॉर्म भर दिया और उनकी कॉलोनी से थोड़ी दूर एक क्लास जॉइन कर लिया जो दोपहर में 2 से 4 रहता है। सब सेट हो चुका था...राजीव के जाने का दिन आ गया...दोनो ने भारी मन से एकदूसरे से विदा लिया....राजीव ने नेहा से वादा किया कि उसे जब भी मौका मिलेगा वो इंडिया आ जायेगा...।
सुरु के कुछ दिन ऐसेही बीते... नेहा राजीव रोज फ़ोन पे बात करते मगर टाइम के डिफरन्स की वजह से ठीक से बात नही हो पाती.. फिर धीरे धीरे सब सेटल होने लगे प्रताप सिंग और प्रमिला भी शहर की आबोहवा में एडजस्ट होने लगे थे...प्रताप सिंग बेहद ख्शमिजाज इंसान थे उन्होंने कॉलोनी में कुछ दोस्त बन लिया थे जिनके साथ उनका अच्छा timepas हो जाता राजेश पांडे तो प्रताप सिंग का खास दोस्त बन गया था। राजेश प्रताप सिंग के साथ दोस्ती बढ़ाने लगा था।प्रमिला हमेशा किं तरह यहां भी पूजापाठ में लग गयी ...नेहा ने अपनी हेल्प के लिए एक नोकरानी रख ली थी....बबिता...वो भी कुछ ही दिनों में सबसे घुलमिल गयी थी।
सब सही चल रहा था...लेकिन एक घटना ऐसी घटने वाली थी जिससे सब बदलने वाला था।
पात्र:-
1)नेहा:- उम्र 28 साल गदरायी सेक्सी सुंदर और स्वभाव से बहोत कामुक...गोरी बड़ी 36 की चुचिया 32 की कमर और 36 कि गांड....चुदाई का चश्का इसे बहोत पहले ही लग चुका था।और शादी के पहले उसने बहोत से लंड अपनी चुत में लिए थे। लेकिन शादी के बाद वो एकदम से पतिव्रता बन गयी थी।
राजीव:- नेहा का पति...सॉफ्टवेयर इंजीनियर ...उम्र 31साल
बहोत हैंडसम तगड़ा मर्द लेकिन नेहा के स्वभाव के विपरीत ये सेक्स को बस एक ड्यूटी मानता है...नेहा को हमेशा संतृष्ट करता है पर बस फ़र्ज़ समझ के।
प्रताप सिंग:- नेहा का ससुर उम्र 52 साल गांव में रहने वाला पुराने जमाने का पहलवान...अभी भी किसी जवान लड़के को धोबिपछाड दे दे...गांव में बहोत इज्जत है क्यों कि अमीर है पर हमेशा सब की मदद करते है। स्वभाव से थोड़े रंगीन मिजाज है पर इनके रंगरलिया के बारे में किसी को नही पता सब इनको बेहद शरीफ इंसान समझते है। अपने 10 इंच लंबे और 3 इंच मोठे लंड से कई चुत और गांड को ठंडा कर चुके है।
प्रमिला: - नेहा की सास ये बेहद धार्मिक किस्म की औरत है जो हमेशा सिर्फ पूजा में लगी रहती है उम्र 48 साल लेकिन देखने वाला कहेगा कि 60 की है...इनका इस कहानी में ज्यादा कुछ रोल है ही नही।
और भी किरदार है जो कहानी में आएंगे तब बताउंगी....अभी कहानी सुरु करती हूं।
नेहा और राजीव मुम्बई के एक आलीशान कॉलोनी में एक बंगले जैसे घर मे रहते है...दोनो की दो साल पहले शादी हुई है....दोनो एकदूसरे के साथ बहोत खुश है...दोनो एकदूसरे से बहोत प्यार करने लगे है...नेहा शादी के पहले जो भी थी अब राजीव के प्यार ने उसे वो सब भुला दिया था। वो एक पतिव्रता औरत बन गयी थी और हो भी क्यों ना...राजीव उसे हर तरह का सुख देता था। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था...तो दोस्ती कहानी सुरु होती है उस रात से जब नेहा और राजीव एकदूसरे में समाए थे....
नेहा:- आहहहहहहहह उफ़्फ़फ़फ़ राजीव और फ़ास्ट उफ़्फ़फ़फ़फ़ चोदो एससस एससस बस होने वाला है मममममम
राजीव ने तेज तेज धक्के लगाने लगा और नेहा को उस्की चरम सीमा तक पहोंचा दिया....
नेहा ने राजीव को कस के गले लगा लिया और अपनी सासे ठीक करने लगी....राजीव ने अपना लंड नेहा की चूत से निकाला और साइड में लेट गया....नेहा नार्मल हुई और राजीव का लंड पकड़ के सहलाने लगी... और अपना सर राजीव के छाती पे रख दिया।
नेहा:- उफ्फ्फ राजीव आप ने अपना काम पूरा क्यों नही किया.. आप हमेशा ऐसेही करते हो...मेरा हो जाता है और आप बिना अपना पानी निकाले सो जाते हो...
राजीव:-(नेहा को अपनी बाहों में खिंचता है) कोई बात नही कल कर लूंगा...चलो अभी सो जाते है...कल हमारे सीईओ आनेवाले है उनको कुछ जरूरी अनोउंसमेन्ट करनी है...
नेहा:- ओक बेबी गुड नाईट...माधवी उसके गालो को चूमती है वैसेही सो जाती है।
सुबह राजीव के आफिस जाने के बाद नेहा कुछ सामान लेने कॉलोनी के एक दुकान में जाति है....उस दुकान का मालिक एक 50 साल का आदमी....राजेश पांडे....बहोत ही ठरकी किस्म का आदमी है...कॉलोनी की 16साल की लड़कियों से लेके 45 साल की औरतों को हमेशा बुरी नजर से देखता है। नेहा पे उसकी खास नजर है नेहा की मदमस्त जवानी को देख के बुड्ढा पागल सा हो जाता है...नेहा की मटकती गांड को देख हमेशा अपना लंड मसलता रहता है...न जाने कितनी बार नेहा के नाम की मुठ मार चुका है।
राजेश नेहा को देख के खुश हो जाता है।
राजेश:- अरे नेहा बेटी ...आओ आओ...क्या चाहिए? तुम खुद क्यों आ गयी एक फ़ोन कर दिया होता...मैं खुद सामान देने आ जाता....नेहा की जवानी को ऊपर से नीचे तक अपनी प्यासी नजरो से देखते हुए कहा।
नेहा ने उस वक़्त टाइट जीन्स और टॉप पहना हुआ था।
नेहा के हर एक अंग उस जीन्स टॉप में उभर के आ रहा था। राजेश का लंड हर बार की तरह हरकत में आने लगा ...
नेहा :- कोई बात नही...अगली बार कुछ रहा तो कॉल कर दूंगी।
राजेश:- है बेटी..हैम तो हमेशा तुम्हारी सेवा में हाजिर है...बस हुक्म कर दिया करो...तुम्हारी सेवा करके हैम खुद को धन्य समझेंगे...बस मौका तो दो कभी....राजेश नेहा के टॉप में कसे हुए बूब्स को घूरते हुए कहता है।
नेहा:- जी अंकल जरूर...अब आ गयी हु तो खुद ही ले लेती हूं....और ऐसा बोल के नेहा एक एक करके सामान लेने लगी....राजेश काउंटर पे बैठ कर उसकी जीन्स में फसी गांड को देख के अपना लंड को मसलने लगा...
राजेश:-उफ़्फ़फ़फ़ क्या माल है साली...क्या मटकती गांड है इसकी...बस एक बार मिल जाय.. मजा आ जायेगा...
नेहा समान लेती रही और राजेश अपना लंड सहलाता रहा।
नेहा घर वापस आयी...और अपना काम निओटाने लगी।
रात को राजीव घर थोड़ा लेटे ही आया। नेहा ने हमेशा की तरह उसका स्वागत किया....पर वो थोड़ा टेंशन में था।
नेहा:- क्या हुआ राज...इतने टेंशन में क्यों हो??
राजीव ने नेहा को हाथ पकड़ के अपने पास बिठाया और...
राजीव:- नेहा क्या बताऊँ कुछ समझ नही आ रहा...आज मीटिंग थी उसमें मुझे प्रमोट कर दिया है...पर....
नेहा:- वाओ ये तो खुशी की बात है...इसमे टेंशन किंकया बात है...??
राजीव:- पूरी बात तो सुनो...पर अगले प्रोजेक्ट के लिए मुझे पूरा एक साल थोड़े थोड़े दिन ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और जर्मनी में रहना होगा...
नेहा:- सच मे...ये तो और अच्छा है ना...आप काम करना मैं घुमुंगी... नेहा राजीव की गोद मे जा बैठी...उसे बहोत खुशी हो रही थी कि वो अब अब्रॉड घूमने मिलेगा....
राजीव:- वही तो प्रॉब्लम है जान की मैं तुम्हे साथ नही ले जा पाऊंगा...क्यों कि प्रोजेक्ट इतना बड़ा है और काम इतना ज्यादा की मुझे हमेशा ट्रैवेल करते रहना पड़ेगा...मैं कभी भी एक जगह 10 दिन से ज्यादा नही राह पाऊंगा ऐसे में तुम्हे साथ ले जाना मुश्किल होगा....इसलिए मैंने सोचा है कि ये प्रमोशन मैं एक्सेप्ट नही करूँगा...
नेहा:- ओह्ह ये ऐसा कैसा प्रमोशन है? हा मत लो प्रमोशन मैं आपके बगैर नही रह सकती...नेहा राजीव से लिपट गयी...
राजीव:- हा जान मैं भी नही...कोई बात नही कोई जूनियर को प्रोमोट कर देने को कहूंगा...और फिर अगले 2 3 साल में मेरा भिंप्रोमोशन हो ही जायेगा...
नेहा:- क्या??? अगले 2 3 साल में?? ऐसा क्यों? और आप अपने जूनियर के नीचे काम करोगे?
राजीव:- तो क्या हुआ?? चलता है आजकल...लेकिन मैं तुमसे दूर रहने की बात सोच भी नही सकता...
नेहा:- नो...नेवर...ऐसा कुछ नही होगा...मैं आपको आपके जूनियर के नीचे काम करते हुए नही देख सकती...आप..आप...आप प्रमोशन ले लो...हम थोड़े दिन एडजस्ट कर लेंगे....
दोनो में थोड़ी बहस होने लगती है...मन तो दोनों का नही करता एकदूसरे से दूर रहने का लेकिन आखरी में ये डिसाइड होता है कि राजीव प्रमोशन लेगा और नेहा यही रहेगी और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करेगी। लेकिन वो इतने दिन अकेले नही राह सकती इसलिए राजीव अपने माँ बाप को शहर बुला लेगा....राजीव को एक हफ्ते के अंदर ऑस्ट्रेलिया के लिए निकलना था इसलिए वो अगले दिन से ही तैयारी में लग गया...उसके ऑस्ट्रेलिया जाने के दो दिन पहले प्रताप सिंग और प्रमिला गांव से शहर आ गए...नेहा ने भी ओपन यूनिवर्सिटी में एग्जाम का फॉर्म भर दिया और उनकी कॉलोनी से थोड़ी दूर एक क्लास जॉइन कर लिया जो दोपहर में 2 से 4 रहता है। सब सेट हो चुका था...राजीव के जाने का दिन आ गया...दोनो ने भारी मन से एकदूसरे से विदा लिया....राजीव ने नेहा से वादा किया कि उसे जब भी मौका मिलेगा वो इंडिया आ जायेगा...।
सुरु के कुछ दिन ऐसेही बीते... नेहा राजीव रोज फ़ोन पे बात करते मगर टाइम के डिफरन्स की वजह से ठीक से बात नही हो पाती.. फिर धीरे धीरे सब सेटल होने लगे प्रताप सिंग और प्रमिला भी शहर की आबोहवा में एडजस्ट होने लगे थे...प्रताप सिंग बेहद ख्शमिजाज इंसान थे उन्होंने कॉलोनी में कुछ दोस्त बन लिया थे जिनके साथ उनका अच्छा timepas हो जाता राजेश पांडे तो प्रताप सिंग का खास दोस्त बन गया था। राजेश प्रताप सिंग के साथ दोस्ती बढ़ाने लगा था।प्रमिला हमेशा किं तरह यहां भी पूजापाठ में लग गयी ...नेहा ने अपनी हेल्प के लिए एक नोकरानी रख ली थी....बबिता...वो भी कुछ ही दिनों में सबसे घुलमिल गयी थी।
सब सही चल रहा था...लेकिन एक घटना ऐसी घटने वाली थी जिससे सब बदलने वाला था।