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उर्मिला - जी मिल लिए आप अपनी बेटियों से?
बानसाल - हाँ उर्मिला मिल लिया, इतने दिनों बाद तुम सब को सामने देख बहुत अच्छा लग रहा है।
उर्मिला - बेटी, तुमने अभी तक लंच नहीं बनाया? बेटी जल्दी कर तेरे पापा थके होंगे। जल्दी से खाना बना कर ऊपर इनके कमरे में लेती जा, और इन्हे आराम करने दे। हमसब लोग बाद में लंच कर लेंगे।
शालु - जी मॉम।।
उर्मिला - आप जाइये जी अपने रूम में आराम करिये।
बंसल - ठीक है।
बंसल किचन से बाहर निकल आता है।
उर्मिला - शालु बेटी, रीना कहाँ है?
शालु - जी वो टूशन के लिए गई।
उर्मिला - उसने नाश्ता भी नहीं किया? बहुत परेशान कर रखा है इस लड़की ने। सुन बेटी, तू जाकर पापा को लंच करा दे। मैं किचन में बाकी का काम कर लूंग़ी।
शालु - जी मॉम।।
उधर बंसल अपने कमरे में बिस्तर पे आकर लेट जाता है। कमरे के छत की ओर देखते हुए उसे बार-बार शालु और रीना का ध्यान आता है।
बंसल मन ही मन - ये शालु कितनी बड़ी हो गई है, कितनी छोटी थी। मैं उसे गोदी में खिलाता था अब वो इतनी बड़ी हो गई है। गोदी में बैठ नहीं पायेगी उसकी कमर और कुल्हे कितने बड़े हो गए है। और रीना, वो भी जवान हो गई है। बंसल को रीना के पीठ की छुअन याद आ रही थी। जब मैंने नीचे देखा तो कैसे उसकी टाइट जीन्स उसकी मांसल जाँघो पे कसी थी, और उसकी वो नाभि की हलकी सी झलक।। ओह मेरे दिमाग में ये सब कैसी बातें है।
बंसल को ये सब सोचना अच्छा लग रहा था, शालु और रीना के बारे में सोचते हुए बंसल ने एक करवट ली और बिस्तर पे रखे तकिये के ऊपर अपनी टाँग चढा ली। अपने कमर से बंसल तकिये में दबाव ड़ालने लगा, उसे तकिये में दबाव डालना अच्छा लग रहा था। कुछ देर तकिये में अपनी कमर का फ्रंट भाग रगडने के बाद बंसल का ध्यान गया की उसके लंड में हलकी-हलकी इरेक्शन आ गई है। बंसल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की ऐसा क्यों हो रहा है। उसने अपने दिमाग पे थोड़ा जोर ड़ाला तो उसे याद आया कि, वो पिछले कई दिनों से ऑफिस के काम में कितना बिजी था। इतना बिजी कि, उसे शायद मुट्ठ मारे हुए आज पूरे ८ दिन हो गए थे।
उसे लगा की शायद बिस्तर पे रगडने से उसमे इरेक्शन हो गया और उसे मुट्ठ मारने का मन होने लगा। उसने सोचा की उसे मुट्ठ मार लेनी चाहिये। बंसल पेंट के ऊपर से अपने लंड को पकड़ रगडने लगा, लेकिन अभी उसका इरेक्शन ख़तम हो गया था, वो कस कर अपने लंड को मसलने लगा। कुछ होता न देख उसने अपने पेंट के अंदर हाथ ड़ाला और लंड को पकड़ कर हिलाने लगा। बंसल बिस्तर पे पड़े सोच रहा था की काश उसे अभी कोई पोर्न मूवी मिल जाती तो वो उसे देख के माल गिरा देता और रिलैक्स हो जाता।
उसने सोचा क्यों न किसी एक्ट्रेस के बारे में सोच के मुट्ठ मारे। उसने रिसेंटली करीना की अजनबी मूवी देखि थी। वो सोचने लगा की करीना के गांड उस पिंक कलर के सलवार में कितनी अच्छी दिख रही थी, आह करीना की गांड कितनी मस्त दिखती है। जिस करीना के बारे में सोचने मात्र से बंसल का लंड खड़ा हो जाता था। आज़ उसके बारे में सोच के हिलाने से भी उसका लंड खड़ा नहीं हो रहा। बंसल सोचने लगा की अब क्या करे?