Premkumar65
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Petrol aur aga ko sath rakhoge to aage to lagegi.
मैं श्रद्धा श्रीवास्तव, एक साधारण हाउस वाइफ हूं। मेरे पति, जो अपने काम के सिलसिले में 6 महीने के लिए USA गए हुए थे, ने मुझे घर पर छोड़ दिया था। मेरे साथ घर में मेरे सास, ससुर और बेटा रहते थे। मेरी उम्र 36 साल थी और मेरा बेटा गुड्डू 18 साल का था। यह वह उम्र थी जब वह जवानी की ओर कदम बढ़ा रहा था।
हमारा घर छोटा था, इसलिए गुड्डू अपने दादी के साथ सोता था। लेकिन जब से मेरे पति विदेश गए, तब से मैं और गुड्डू एक ही कमरे में सोते थे क्योंकि मुझे अकेले कमरे में नींद नहीं आती थी, इसलिए गुड्डू मेरे साथ ही रहता।
रातें कभी-कभी लंबी और खामोश होती थीं। मैं गुड्डू की तरफ देखकर सोचती, कैसे वह छोटे से बच्चा से अब एक जवान हो गया है। मैं अपने पति की कमी को महसूस करती थी, मानसिक और शारीरिक दोनो रूप से।
गुड्डू का सहारा और उसकी मासूमियत ने मुझे इस कठिन समय में हिम्मत दी। हम दोनों ने एक-दूसरे का साथ देते हुए इन 6 महीनों को जीया, और मेरी जिन्दगी की यह कहानी हमारे रिश्ते की गहराई को और बढ़ा गई। हमने वो कदम उठा लिए जो एक मां और बेटा कभी नही उठाते या यू कहो की हम दोनो ही एक दूसरे की तरफ खींचे चले गए।