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बीबी की चुदाई
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नमस्कार दोस्तों ।
मेरा नाम राज है । मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी शादी को 20 साल हो गए हैं । मेरी पत्नी का नाम ऋतु है। शादी के कुछ दिन बाद ही मुझे पता चला कि ऋतु को उसका पड़ोसी सनी प्यार करता था।मुझे ये सुनकर जलन होने के बजाय अंदर से एक अलग सी अनुभूति हुई।मैने सोचा अगर ऋतु को कोई और चोदे तो कैसा होगा। उसे दूसरे से चुदवा कर कितना मज़ा आएगा।
शादी के कुछ समय बाद मैने ऋतु को दूसरे से चुदवाने के लिए तैयार कर ने लगा। पहले तो उसने गुस्से में मना कर दिया पर मैं अपनी कोशिश में लगा रहा और मेरी कोशिश रंग लाई ।एक दिन ऋतु ने बताया कि सनी का फोन आया था । सनी उस समय गुजरात में काम करता था।मैं सनी से मिल चुका था वह देखने में एक हैंडसम लड़का था।मुझे लगा कि शायद अब मेरा सपना सच हो सकता है। मैने ऋतु को मनाया कि वह सनी से बात करे और उसको अपनी बातों से अपनी तरफ आकर्षित करे। बड़ी मुश्किल से वह मानी । वह दोनों अब फोन पर खूब बातें करते । मैं उनकी बातों की रिकार्डिंग को फोन पर सुनता और एक अजीब सी उत्तेजना अपने अंदर महसूस करता ।
सनी अब ऋतु को मेरा बाबू मेरी जान जैसे शब्दों से बुलाया करता था। ऋतु को भी उसके इन शब्दों से कोई एतराज नहीं होता था। बातो के अंत में सनी ऋतु को आई लव यू बोलता था तो उसे कभी कोई एतराज नहीं होता।मैं भी अपनी तरफ से ऋतु को खूब उकसाने लगा । अब सनी उससे चुदाई की बात करने लगा था वह कहता था कि वह अपनी पत्नी को कमसेकम आधे घंटे तक चोदता है ।ये सुनकर ऋतु की चूत पनिया जाती थी। सनी कहता था कि वह एक बार ऋतु की चूत को अपने 8 इंच के लौड़े से चोदना चाहता है । ऋतु भी अब सनी से चुदने के लिए तैयार हो गई थी।
अब मैं आप सबको उन दोनों की चुदाई की कहानी को बताता हूँ जो दोनों ने मुझसे छुपा कर की । पर बाद में ऋतु ने मुझे सुनाई थी। अब आगे की कहानी ऋतु की जुबानी चलेगी।
मेरा नाम ऋतु है। एक बार सनी अपने किसी रिश्तेदार से मिलने दिल्ली आये थे । सनी ने मुझे फोन किया कि वह मुझसे मिलने आना चाहता है।मैने कहा ठीक है आप 10 बजे तक आ जाना। मेरे दोनों बच्चे स्कूल गए थे और राज अपने काम पर गए थे।मेने सोचा अगर आज मौका मिला तो मैं सनी के लन्ड का स्वाद ज़रूर चखूंगी।मैं सुबह ही सबके जाने के बाद अपने चूत के बालों को साफ करके नहा कर तैयार हो गई। सनी आये तो मेने उनको चाय पानी पिलाया । कुछ देर बाद सनी ने नहाने के लिए कहा और बाथरूम में चला गया। नहा कर आने के बाद हम बातें करने लगे और बातो का रुख पहले प्यार फिर चुदाई की तरफ चला गया। सनी मुझे मनाने लगे कि बस एक बार वह मुझे प्यार से चोदना चाहता है । मन तो मेरा भी कर रहा था पर मैने कहा कि मैं अपने पति के अलावा किसी से भी नहीं कर सकती और न ही अपने पति को धोखा दे सकती हूं। तब सनी को पता नहीं क्या सुझा और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे घर के मंदिर के सामने खड़ा कर दिया और मन्दिर से सिन्दूर लेकर मेरी मांग भर दी और जेब से एक मंगलसूत्र निकाल कर मेरे गले में पहना दिया और बोला कि अब तुम मेरी पत्नी हो और मैं तुम्हारा पति। इतना कह कर सनी ने मुझे गले से लगा लिया। मैं भी सनी के सीने से चिपक गई । मेरी चुचियाँ सनी के सीने में दबी हुई थी और उनका लन्ड मेरी चूत में ठुनकी मार रहा था।अब सनी ने मेरे होंठो को चूमना शुरू किया थोड़ी ही देर में हम एक दूसरे की होंठ और जीभ को चूम चाट रहे थे । फिर सनी ने मेरे और अपने सारे कपड़े निकाल दिये और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी मस्त चुचियाँ दबाने और चूसने लगे।मेरे हाथ अब सनी के लौंडे को सहलाने लगे । मेरी चूत भी पानी छोड़ने लगी ।इतने में सनी ने उल्टा हो कर अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया और चूत से निकलते रस को जीभ से चाटने लगे । मज़े से मेरे मुंह से आहे निकलने लगी । उनका लन्ड मेरे मुंह के पास था और मैने गप से लन्ड को मुह में भरकर चूसने लगी । अब हमदोनों एक दूसरे के अंग को चूम चाट रहे थे 5 मिनट बाद ही भलभला कर एक दूसरे के मुंह में ही झड़ गए। और एक दूसरे के अंग को चाट कर साफ़ कर दिया और बिस्तर पर लेट कर बात करने लगे। मुझे सनी की बाहों में बड़ा सुकून मिल रहा था।सनी ने बहुत प्यार से मेरे माथे पर एक चुम्बन लिया और मेरी आँख में देखने लगे । अब मुझे बड़ी शरम आ रही थी।पर अब मन में एक सुकून था कि मैं अपने पति से कोई धोखा नहीं कर रही थी क्योंकि सनी भी अब मेरे पति थे। सनी अब एक हाथ से मेरी चूची को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ दबा रहे थे। अब मेरे अंदर उत्तेजना बढ़ने लगी और मैं जोर से सनी के सीने से चिपक गई। अब मेरा हाथ सनी के मोटे लन्ड पर आ गया और मैं उनके लन्ड को दबाते हुए आगे पीछे करने लगी । थोडी देर बाद सनी ने मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ कर अपने लन्ड के सुपाड़ी को मेरी चूत पर रगड़ने लगे । मज़े से मेरी आँखें बंद हुई जा रही थी। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था । मैं उनका लन्ड अपने अंदर लेने के लिए बेचैन हो गई थी और अपने चूतड़ ऊपर उठा कर लन्ड को अपने बुर में लेने की कोशिश कर रही थी कि तभी सनी ने एक जोर का धक्का मारा और अपने 8 इंच लम्बे लन्ड को मेरी बुर में जड़ तक पेल दिया । मेरा पूरा बदन गनगना गया और मैं जोर से सनी के सीने से चिपक गई। मेरी चुचियाँ उनके सीने में धँसी हुई थी । मैं मज़े में सनी को चूमने लगी । अब सनी ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया ।उनका लन्ड मेरी चूत में पूरा कसा हुआ अंदर बाहर हो रहा था। मैं अपनी दोनों टांगो को ऊपर उठा कर चुदवा रही थी । अब सनी ने अपनी रप्तार बढ़ाई और तेज़ी से मुझे चोदने लगे । अब उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और मैं उनकी जीभ को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी । मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं आनंद के आसमान में उड़ने लगी मेरे मुंह से आह आह की आवाज निकलने लगी । सनी घपा घप मुझे चोद रहे थे । तभी मुझे लगा कि जैसे मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है और मैं भलभला कर झड़ने लगी । उधर सनी भी झड़ने के कगार पर थे और जोर से आठ दस धक्के के साथ अपना पूरा माल मेरी बुर में छोड़ दिया। हम दोनों हांफ रहे थे । ऐसे लग रहा था कि जैसे हम बहुत दूर से दौड़ लगा कर आ रहे थे । हम एक दूसरे से चिपके हुए थे । सनी ने प्यार से देखा और पूछा कैसा लगा । मैं शर्मा गई और उनके सीने में अपने मुंह को छुपा लिया।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी चुदाई। पर ये बात मैने उसी दिन अपने पति से बता दिया । पहले तो उनको विश्वास नहीं हुआ । पर वह बहुत खुश थे और कहने लगे काश मैं यह सब अपनी आंख से देख पाता। मैने उनको अपनी बाहों में भर लिया और बोली अगली बार जब सनी दिल्ली आएंगे तो मैं आपके सामने चुदूँगी और आप छुप कर देखना ।
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नमस्कार दोस्तों ।
मेरा नाम राज है । मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी शादी को 20 साल हो गए हैं । मेरी पत्नी का नाम ऋतु है। शादी के कुछ दिन बाद ही मुझे पता चला कि ऋतु को उसका पड़ोसी सनी प्यार करता था।मुझे ये सुनकर जलन होने के बजाय अंदर से एक अलग सी अनुभूति हुई।मैने सोचा अगर ऋतु को कोई और चोदे तो कैसा होगा। उसे दूसरे से चुदवा कर कितना मज़ा आएगा।
शादी के कुछ समय बाद मैने ऋतु को दूसरे से चुदवाने के लिए तैयार कर ने लगा। पहले तो उसने गुस्से में मना कर दिया पर मैं अपनी कोशिश में लगा रहा और मेरी कोशिश रंग लाई ।एक दिन ऋतु ने बताया कि सनी का फोन आया था । सनी उस समय गुजरात में काम करता था।मैं सनी से मिल चुका था वह देखने में एक हैंडसम लड़का था।मुझे लगा कि शायद अब मेरा सपना सच हो सकता है। मैने ऋतु को मनाया कि वह सनी से बात करे और उसको अपनी बातों से अपनी तरफ आकर्षित करे। बड़ी मुश्किल से वह मानी । वह दोनों अब फोन पर खूब बातें करते । मैं उनकी बातों की रिकार्डिंग को फोन पर सुनता और एक अजीब सी उत्तेजना अपने अंदर महसूस करता ।
सनी अब ऋतु को मेरा बाबू मेरी जान जैसे शब्दों से बुलाया करता था। ऋतु को भी उसके इन शब्दों से कोई एतराज नहीं होता था। बातो के अंत में सनी ऋतु को आई लव यू बोलता था तो उसे कभी कोई एतराज नहीं होता।मैं भी अपनी तरफ से ऋतु को खूब उकसाने लगा । अब सनी उससे चुदाई की बात करने लगा था वह कहता था कि वह अपनी पत्नी को कमसेकम आधे घंटे तक चोदता है ।ये सुनकर ऋतु की चूत पनिया जाती थी। सनी कहता था कि वह एक बार ऋतु की चूत को अपने 8 इंच के लौड़े से चोदना चाहता है । ऋतु भी अब सनी से चुदने के लिए तैयार हो गई थी।
अब मैं आप सबको उन दोनों की चुदाई की कहानी को बताता हूँ जो दोनों ने मुझसे छुपा कर की । पर बाद में ऋतु ने मुझे सुनाई थी। अब आगे की कहानी ऋतु की जुबानी चलेगी।
मेरा नाम ऋतु है। एक बार सनी अपने किसी रिश्तेदार से मिलने दिल्ली आये थे । सनी ने मुझे फोन किया कि वह मुझसे मिलने आना चाहता है।मैने कहा ठीक है आप 10 बजे तक आ जाना। मेरे दोनों बच्चे स्कूल गए थे और राज अपने काम पर गए थे।मेने सोचा अगर आज मौका मिला तो मैं सनी के लन्ड का स्वाद ज़रूर चखूंगी।मैं सुबह ही सबके जाने के बाद अपने चूत के बालों को साफ करके नहा कर तैयार हो गई। सनी आये तो मेने उनको चाय पानी पिलाया । कुछ देर बाद सनी ने नहाने के लिए कहा और बाथरूम में चला गया। नहा कर आने के बाद हम बातें करने लगे और बातो का रुख पहले प्यार फिर चुदाई की तरफ चला गया। सनी मुझे मनाने लगे कि बस एक बार वह मुझे प्यार से चोदना चाहता है । मन तो मेरा भी कर रहा था पर मैने कहा कि मैं अपने पति के अलावा किसी से भी नहीं कर सकती और न ही अपने पति को धोखा दे सकती हूं। तब सनी को पता नहीं क्या सुझा और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे घर के मंदिर के सामने खड़ा कर दिया और मन्दिर से सिन्दूर लेकर मेरी मांग भर दी और जेब से एक मंगलसूत्र निकाल कर मेरे गले में पहना दिया और बोला कि अब तुम मेरी पत्नी हो और मैं तुम्हारा पति। इतना कह कर सनी ने मुझे गले से लगा लिया। मैं भी सनी के सीने से चिपक गई । मेरी चुचियाँ सनी के सीने में दबी हुई थी और उनका लन्ड मेरी चूत में ठुनकी मार रहा था।अब सनी ने मेरे होंठो को चूमना शुरू किया थोड़ी ही देर में हम एक दूसरे की होंठ और जीभ को चूम चाट रहे थे । फिर सनी ने मेरे और अपने सारे कपड़े निकाल दिये और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी मस्त चुचियाँ दबाने और चूसने लगे।मेरे हाथ अब सनी के लौंडे को सहलाने लगे । मेरी चूत भी पानी छोड़ने लगी ।इतने में सनी ने उल्टा हो कर अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया और चूत से निकलते रस को जीभ से चाटने लगे । मज़े से मेरे मुंह से आहे निकलने लगी । उनका लन्ड मेरे मुंह के पास था और मैने गप से लन्ड को मुह में भरकर चूसने लगी । अब हमदोनों एक दूसरे के अंग को चूम चाट रहे थे 5 मिनट बाद ही भलभला कर एक दूसरे के मुंह में ही झड़ गए। और एक दूसरे के अंग को चाट कर साफ़ कर दिया और बिस्तर पर लेट कर बात करने लगे। मुझे सनी की बाहों में बड़ा सुकून मिल रहा था।सनी ने बहुत प्यार से मेरे माथे पर एक चुम्बन लिया और मेरी आँख में देखने लगे । अब मुझे बड़ी शरम आ रही थी।पर अब मन में एक सुकून था कि मैं अपने पति से कोई धोखा नहीं कर रही थी क्योंकि सनी भी अब मेरे पति थे। सनी अब एक हाथ से मेरी चूची को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ दबा रहे थे। अब मेरे अंदर उत्तेजना बढ़ने लगी और मैं जोर से सनी के सीने से चिपक गई। अब मेरा हाथ सनी के मोटे लन्ड पर आ गया और मैं उनके लन्ड को दबाते हुए आगे पीछे करने लगी । थोडी देर बाद सनी ने मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ कर अपने लन्ड के सुपाड़ी को मेरी चूत पर रगड़ने लगे । मज़े से मेरी आँखें बंद हुई जा रही थी। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था । मैं उनका लन्ड अपने अंदर लेने के लिए बेचैन हो गई थी और अपने चूतड़ ऊपर उठा कर लन्ड को अपने बुर में लेने की कोशिश कर रही थी कि तभी सनी ने एक जोर का धक्का मारा और अपने 8 इंच लम्बे लन्ड को मेरी बुर में जड़ तक पेल दिया । मेरा पूरा बदन गनगना गया और मैं जोर से सनी के सीने से चिपक गई। मेरी चुचियाँ उनके सीने में धँसी हुई थी । मैं मज़े में सनी को चूमने लगी । अब सनी ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया ।उनका लन्ड मेरी चूत में पूरा कसा हुआ अंदर बाहर हो रहा था। मैं अपनी दोनों टांगो को ऊपर उठा कर चुदवा रही थी । अब सनी ने अपनी रप्तार बढ़ाई और तेज़ी से मुझे चोदने लगे । अब उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और मैं उनकी जीभ को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी । मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं आनंद के आसमान में उड़ने लगी मेरे मुंह से आह आह की आवाज निकलने लगी । सनी घपा घप मुझे चोद रहे थे । तभी मुझे लगा कि जैसे मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है और मैं भलभला कर झड़ने लगी । उधर सनी भी झड़ने के कगार पर थे और जोर से आठ दस धक्के के साथ अपना पूरा माल मेरी बुर में छोड़ दिया। हम दोनों हांफ रहे थे । ऐसे लग रहा था कि जैसे हम बहुत दूर से दौड़ लगा कर आ रहे थे । हम एक दूसरे से चिपके हुए थे । सनी ने प्यार से देखा और पूछा कैसा लगा । मैं शर्मा गई और उनके सीने में अपने मुंह को छुपा लिया।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी चुदाई। पर ये बात मैने उसी दिन अपने पति से बता दिया । पहले तो उनको विश्वास नहीं हुआ । पर वह बहुत खुश थे और कहने लगे काश मैं यह सब अपनी आंख से देख पाता। मैने उनको अपनी बाहों में भर लिया और बोली अगली बार जब सनी दिल्ली आएंगे तो मैं आपके सामने चुदूँगी और आप छुप कर देखना ।
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