बुढा पति पार्ट २
रात का अंधेरा शोर मचा रहा था। गांव के सभी लोग नींद के आगोश में को गए थे। हवेली के चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा था सिवाय एक कमरे के को भीमा और नीशा का था। कमरे के अंदर थप थप थप...... की आवाज आ रही थी। भीमा और निशा इस रात के सन्नाटे को चीर रहे थे। दोनो प्रेम मिलन में थे।
"Aaahhhh ahhh भीमा और जोर से और जोर से।" निशा भीमा के नीचे लेटी हुई उसका लिंग अपने योनि में लेते हुए धक्का खा रही थी।
"हां मेरी जान हां। शादी के 10 साल बाद तुम्हे तीन बच्चों की मां बनने के बावजूद भी मन नहीं भरता मेरा। ऐसा लगता है कि अभी ही मेरी तुमसे शादी हुई हो। Aaahhhhh" इतना कहकर भीमा निशा के योनि में झड़ गया और उसके ऊपर ही सो गया।
भीमा के काले चेहरे को अपने दोनो गोरे स्तन पर दबाते हुए निशा चेहरे पे मुस्कान लिए से गई। शादी के 10 साल बाद भी भीमा निशा को पूरी संतुष्टि देता है। निशा जो अब 120 करोड़ कंपनी की मालकिन है। आज भी गांव में रहती है अपने आलीशान हवेली में। तीन बच्चों की मां होने के बावजूद आज भी निशा पहले जितनी जवान और रुपसुंदरी लगती है।
सुबह के 8 बजे और निशा के मोबाइल पे उस्मान का फोन आया।
"हेलो उस्मान कैसे हो ? इतने सुबह सुबह क्यों फोन किया ?"
"हेलो निशा वो दरसल तुम्हे एक खुश खबर देने थी। जरीना को लड़का हुआ है।"
निशा के चेहरे पर मुस्कान आई और बोली "क्या ? कितने बजे हुआ ?"
"बस एक घंटे पहले।"
"उस्मान तुम रुको। मैं और भीमा अभी हॉस्पिटल आते है।"
निशा और भीमा तुरंत गांव के हॉस्पिटल पहुंचें l डॉक्टर से दोनो ने मुलाकात की। डॉक्टर ने बताया कि बच्चा और मां दोनो स्वस्थ है और कल तक दोनो को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। निशा ने बच्चे को देखा जो बिलकुल स्वस्थ था। तभी उस्मान बाहर से आया और हाथ में मिठाई लिए अपने हाथो से निशा को मिठाई खिलाया।
"मुबारक हो उस्मान जी। बाप बनने के लिए।"
"आपको भी मुबारक हो आप मौसी बन गई।"
"अच्छा उस्मान जी आप अब कुछ दिनों को छुट्टी ले लीजिए"
"नही नही निशा। अभी बहुत काम पड़े है। साड़ी को शहर भेजना है।"
तभी शंभू काका और सरला आ गए। दोनो को भी मिठाई उस्मान ने खिलाई। सरला हर बार की तरह उस्मान से मीठी लड़ाई लड़ने लगी।
"क्यों बे बुड्ढे बन गया न जरीना के पांचवे बच्चे का बाप ? और तो और सिर्फ मिठाई से ही काम चलाएगा ?"
उस्मान ने जेब से २००० रुपए निकाला और सरला के हाथ में देते हुए कहा "ले बुढ़िया आज तू बूआ फिर से बन गई। ले।"
सरला उस्मान को गले लगते हुए बोली "मेरा भाई। आज मैं बहुत खुश हूं। तू फिर से बाप बन गया। अच्छा ही हुआ। आगे चलकर तेरी बुड्ढी बहन का खयाल रखेंगे।"
"तेरा खयाल मैं रखता हूं इतना काफी नही ?"
"जा रे जा बुड्ढे तू क्या खयाल रखेगा मेरा। अच्छा ये बता कि जरीना कैसी है ?"
"वो अभी आराम कर रही है। निशा और भीमा अभी ही मिले। तू भी मिल आ।"
सरला अंदर गई जरीना और बच्चे से मिलने। थोड़ी देर में जेबा भी आ गई। जेबा निशा और भीमा से मिली और उस्मान से कहा कि अब वो खयाल रखेगा अब वो जाए।
भीमा घर चला गया। निशा उस्मान को उसके घर तक छोड़ने गई। दोनो गाड़ी में थे। निशा गाड़ी चला रही थी। बगल के सीट पर बैठा उस्मान आंखे बंद किया हुआ था।
"उस्मान तुम्हे अगले महीने मेरे साथ दिल्ली चलना होगा। साड़ी के ऑर्डर लेने।"
"हां निशा चलेंगे। लेकिन तुम्हे एक बात बताना भूल गया। कल सुबह मैं 2000 साड़ी की delievery मुंबई में करवा दी। कूल 26 लाख रुपए आ गए।"
"चलो अच्छा है।"
"बस कल तक बनारस और जौनपुर को मिलाकर 2500 साड़ी भी दिया जाएगा। और उसके 32 लाख तीन हफ्ते के क्रेडिट पीरियड में आ जाएगा।"
"सच में उस्मान तुम और भीमा दोनो कंपनी के लिए बेस्ट ऑप्शन हो।"
"अच्छा निशा मैं कल गोडाउन में रहूंगा। तुम जरा फोन पर इंदौर की पार्टी को देख लेना।"
"हां बिलकुल।"
उस्मान को छोड़कर निशा भी ऑफिस चली गई। वहां भीमा काम कर रहा था। निशा मुस्कुराते हुए भीमा के गोद पर बैठ गई और आंखे बंद करके उसके कंधे पर सिर रख दी।
"क्या हुए मेरी रानी। नींद आ रही है ?"
"हम्म्म"
भीमा निशा के होठ को हल्के से चूमता हुआ बोला "सुनो तुमसे एक बात करनी है।"
"बोलो।"
"कल मेरा छोटा भाई और चाचा आ रहे है।"
"अच्छा तो फिर आने दो। वैसे भी तुम्हारा छोटा भाई मन्नू खेती संभाल लेगा और चाचा आराम करे।"
"तुम कुछ दिनों को छुट्टी ले लो और चाचा का खयाल रखो। थोड़ा वक्त दो उनको।"
"ठीक है।"
भीमा के चाचा नटवर जिनकी उम्र 85 साल की है। थोड़े से मोटे और काले रंग के। भीमा का छोटा भाई मन्नू 70 साल का। दिखाने में काला और गंजा। काफी मेहनती और काम में अव्वल। खेती के काम में निपूर्ण। दोनो अगले दिन आए।
निशा नटवर काका के पैर छूते हुए बोली "नमस्ते चाचा। कैसे है आप ?"
"में ठीक हूं बहु। तुम बताओ। और मेरे पोते पोती कहा है ?"
"अंदर आपका इंतजार कर रहे है। आइए मैं आपको अंदर ले चलती हूं।"
"रहने दो बहु। तुम अब मेरे और मेरे बच्चो के बीच मत आओ। हमारी शैतान को टोली है। समझी। चलो मैं चला।"
निशा मुस्कुराते हुए अपने देवर के पास पहुंची।
"और बताइए देवरजी कैसे है आप ?"
"बस बढ़िया भाभी। अच्छा ये बताइए कि खेत के पास वाला घर साफ हुआ ?"
"हां हो गया।"
"तो भाभी खाना खाने के बाद मैं समान लेकर वहां जाऊंगा।"
"ठीक है लेकिन पहले आप नहा धो लीजिए।"
सभी लोग दोपहर इक्कठे खाना खाया और मन्नू दूसरे घर चला गया।
निशा चाचा के आने पर खुश थी और अपने भाभी के बारे में खुश थी। कुछ दिन बाद निशा को भाभी आएगी। निशा को भाभी का नाम श्वेता हैं। श्वेता निशा के दो साल बड़े भाई की पत्नी थी। जैसे मैंने आपको पहले पार्ट में बताया की उसकी एक विधवा भाभी भी थी। श्वेता निशा से एक साल छोटी जरूर थी लेकिन रिश्ते में बड़ी थी। श्वेता जो 37 साल की है बहुत ही खूबसूरत और अच्छी महिला है। 17 साल से विधवा का जीवन जी रही श्वेता ने दूसरी शादी करने की कोशिश जरूर की लेकिन उसमे उसे धोखा ही मिला। अपने मां बाप के साथ रह रही श्वेता निशा के साथ हमेशा संपर्क में रहती। पिछले साल ही उसकी मां स्वर्गवास हुई। पिता पांच साल पहले चल बसे। निशा ने श्वेता को हमेशा के लिए यहां बुला लिया। श्वेता वैसे स्कूल में पढ़ती थी अपना वक्त निकलने के लिए। निशा ने एक बनवाई गांव में और उसे संभालने के लिए प्रिंसिपल को जरूरत थी। श्वेता को स्कूल की प्रिंसिपल बनाने का फैसला किया और बुला लिया। श्वेता काम करेगी और गांव में रहकर अच्छे से जीवन गुजार सकेगी इसीलिए यहां बुला लिया। वैसे भी गांव के गरीब और बेसहारा बच्चो को पढ़ना भी उसके पुण्य का काम हो जायेगा।
तो दोस्तो अब इस पार्ट में मुख्य किरदार तीन लोग रहेंगे। बाकी सभी किरदार सहयोग किरदार रहेंगे। इस पार्ट में love triangle होनेवाला है इन तीन किरदारो के बीच।
श्वेता: उमर 37 साल
नटवर चाचा : उमर 85 साल
मन्नू : उमर 70 साल।