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Adultery बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई (Completed)

Kahani kaisi hai?

  • Achhi hai.

    Votes: 12 100.0%
  • Buri hai.

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  • Total voters
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kumarrajnish

kumaruttem
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159
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--42
गतांक से आगे ...........
शॉवर के बाद हम वापिस बाहर आ गये और मैंने उसके शरीर को पौंछा और उसको बेड पर बैठाकर उसे एक दर्द की गोली दी और खुद भी ली।
मेरी नजर पर गई तो वो ऐसे ही नंगी चेयर पर बैठी हमें घूर रही थी। मेरी कमर को देखकर शायद वो सकुचा रही थी। मैंने उसके पास गया और उसकी तरफ कमर करके फर्श पर बैठ गया और उसे लगाने के लिए मलहम दी। उसने अच्छी तरह से कमर में मलहम लगा दी। मलहम लगवाने के बाद मैं वहीं पर उसके जांघों पर सिर रखकर बैठ गया। वो मेरे बालों को सहलाने लगी। मेरे हाथ साइड से उसकी जांघों को सहला रहे थे।

मेरी नजर पर गई तो वो ऐसे ही नंगी चेयर पर बैठी हमें घूर रही थी। मेरी कमर को देखकर शायद वो सकुचा रही थी। मैंने उसके पास गया और उसकी तरफ कमर करके फर्श पर बैठ गया और उसे लगाने के लिए मलहम दी। उसने अच्छी तरह से कमर में मलहम लगा दी। मलहम लगवाने के बाद मैं वहीं पर उसके जांघों पर सिर रखकर बैठ गया। वो मेरे बालों को सहलाने लगी। मेरे हाथ साइड से उसकी जांघों को सहला रहे थे।
पेन किलर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था और अब दर्द का अहसास लगभग खत्म सा हो गया था। मैंने सिर उठाकर बेड की तरफ देखा, लग रहा था कि रूपाली सो चुकी है।
उंहहहहह नींद आ रही है, चलो सो जाते हैं, मैंने उंघते हुए तान्या से कहा।
क्या, और मैं, मेरा क्या होगा, तान्या ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
अच्छा चलो, आप कुछ मत करना, मैं खुद ही कर लूंगी, तान्या ने फिर कहा।
ठीक है, मैंने थोउ़ा सोचते हुए कहा।
हम उठकर बेड पर आकर बैठ गये।
मैं लेटूंगा कैसे, कमर में दर्द होगा, कमर के घाव याद आते ही मैंने कहा।
तान्या ने पिछे तकिये रखकर इस तरह बना दिया कि कंधों तक तो मैं तकियों पर और कमर उनसे नीचे। फिर उसने मुझे पकड़कर तकियों पर लेटा दिया और दो तकिये मेरे कुल्हों के नीचे लगा दिये। इस तरह से मेरी कमर हवा में थी।
मैं उसकी तरफ देखकर मुस्कराया। तान्या ने आगे बढ़कर मेरा मुरझाया हुआ लिंग अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से सुक करने लगी। मेरा लिंग झटका खाकर एकदम से खड़ा हुआ और इधर उधर देखने लगा कि किसने मेरी नींद खराब की, परन्तु जब तान्या की गर्म और खुरदरी जीभ की लपेटे में आया तो अपने होशो हवास भूल बैठा और जोर जोर से फुंफकारे मारने लगा।
तान्या ने कुछ देर और लिंग को सुक किया और फिर मेरे दोनों तरफ पैर करके नीचे बैठने लगी। लिंग के पास आकर उसने लिंग को योनि पर सैट किया और आराम से नीचे होती गई। कुछ ही पल में उसकी योनि ने पूरे लिंग को निगल लिया और जकड़ लिया।
उसकी योनि की गर्मी पाकर लिंग पूरी तरह अकड़ गया और तान्या धीरे धीरे उपर नीचे होने लगी। बहुत देर से मेरी और रूपाली की कामक्रीड़ा देखकर वो ज्यादा ही उतेजित थी, इसलिए जल्दी ही जोरों से मेरे लिंग के उपर कूदने लगी।
उसके इस तरह कूदने से तकिये इधर उधर हो गये और मेरी कमर बेड से टच होने लगी। दर्द तो हो रहा था पर कुछ सोचकर मैंने धयान नहीं दिया।
पांच मिनट में ही तान्या का शरीर अकड़ कर पिछे की तरफ झुक गया और वो मेरे पैरों पर अपने हाथ रखकर वैसे ही बैठी रही। उसकी योनि से पानी निकलकर मेरे पेट पर बहने लगा।
थोड़ी देर बाद वो वैसे ही बैठे रहने के बाद वो अपनी योनि को मेरे लिंग पर आगे पिछे करने लगी। और दो मिनट में ही फिर से गरम हो गई और उसी तरह बैठे हुए जोर जोर से उछलने लगी। अबकी बार उसकी योनि का कसाव कुछ ज्यादा ही हो गया था। अचानक उसने अपने हाथ उठाये और आगे की तरफ झुककर मेरी छाती में रख दिये और जोर जोर से कूदने लगी।
 

kumarrajnish

kumaruttem
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159
उसकी गर्मी के कारण मैं अब किसी भी समय निकलने वाला था। और वही हुआ। लिंग ने अपने रस से उसकी योनि को भरना शुरू कर दिया और मेरे रस को महसूस करते ही वो दूसरी बार फिर से खाली होने लगी।
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद वो मेरे उपर लेट गई। उसके लेटने से मेरी कमर बेड पर जाकर टिक गई और दर्द के मारे मेरे मुंह से आहहहहह निकली।
तान्या तुरंत उठकर साइड में बैठ गई। मैं उठा और बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और आकर लेट गया। तान्या ने तकियों को सिरहाने रख दिया था और लेटी हुई थी।
मैं आकर औंधा लेट गया और अपना एक हाथ और एक पैर रूपाली के उपर रख दिया और जल्दी ही नींद के आगोश में समा गया।
सुबह जब मेरी आंख खुली तो मेरी कमर पर हलके हलके हाथ महसूस हुआ। मैंने आंख खोलकर सिर उठाकर देखा तो सोनल बैठी हुई थी।
गुड मॉर्निंग,,,,, मुझे उठा हुआ देखकर सोनल ने कहा।
गुड मॉर्निग------- मैंने बैठते हुए कहा।
मैंने बेड पर देखा तो तान्या और रूपाली वहां पर नहीं थी।
वो दोनों कहां गई---- मैंने सोनल से पूछा।
घर----- सोनल ने कहा।
मैंने टाइम देखा----- साढ़े आठ बजने वाले थे।
मैं जल्दी से उठा, पर जैसे ही उठने लगा तो कमर में खिंचाव महसूस हुआ। मैं वापिस बैठ गया और फिर धीरे धीरे उठ कर बाथरूम में गया। फ्रेश होकर नहाया और तैयार हुआ। सोनल नीचे चली गई थी। तैयार होकर ऑफिस के लिये निकल पड़ा।

ऑफिस जाकर बाइक खडी की और सीधा ऑफिस में आ गया। ऑफिस में कोई नहीं था।
आज अपूर्वा नहीं आई क्या, मैंने मन ही मन सोचा। तभी धयान आया कि अपूर्वा की स्कूटी भी नहीं खड़ी थी।
मैंने सिस्टम ऑन किया और चेयर पर बैठकर अपूर्वा का नम्बर मिलाया।
हैल्लो----- फोन आंटी ने उठाया था।
हैल्लो आंटी, मैं समीर बोल रहा हूं अपूर्वा के ऑफिस से, आज वो आई नहीं, मैंने कहा।
समीर बेटा----- उसकी आज तबीयत खराब है, तो इसलिए मैंने नहीं आने दिया, आंटी ने कहा।
क्या हुआ, डॉक्टर को दिखाया, क्या कहा डॉक्टर ने---- मैंने एक के बाद एक सवाल पूछने शुरू कर दिए।
कुछ नहीं हुआ, बस हल्का सा बुखार है, डॉक्टर को दिखा दिया, आंटी ने कहा।
बड़ी फिकर हो रही है, आंटी ने फिर से कहा।
बात करनी है---- लो बात करो---- मेरा उतर जाने बगैर ही आंटी ने अपूर्वा को फोन दे दिया।
हैल्लो--- अपूर्वा की धीमी सी आवाज आई।
हैल्ललााो--- मैंने भी उसकी नकल उतारते हुए कहा।
क्या हो गया तुम्हें------- मैंने कहा।
हल्का सा बुखार है------ अपूर्वा ने कहा।
तभी मुझे बाहर से बॉस की आवाज आई।
ओके, जल्दी से ठीक हो जाओ, बॉस आ रहे हैं,, मैं बाद में बात करता हूं,,,, मैंने कहा।
ओके बाय------ अपूर्वा कहा और फोन रख दिया।
आज अपूर्वा नहीं आई, बॉस ने अंदर आते हुए कहा।
वो उसको बुखार है, अभी फोन किया था मैंने, मैंन कहा।
चलो कोई नहीं, मुझे अभी मीटिंग में जाना है, मैडम की तबीयत भी कुछ खराब है, कोमल यहीं पर है, थोड़ा धयान रखना, बॉस ने कहा।
ओके बॉस, मैंने कहा और काम करने लगा।
बॉस चले गये। मैं अपने काम में बिजी हो गया। कुछ देर बाद कोमल चाय लेकर आई। मैं उसकी तरफ देखकर मुस्कराया।
गुड मॉर्निंग, उसके अंदर आते ही मैंने कहा।
कोमल ने एक फीकी सी मुस्कान दी और चाय रखकर वापिस चली गई।
बड़ी नखरैल है, मैंने मन ही मन सोचा और चाय पीने लगा।
अभी चाय पी ही रहा था कि कोमल फिर से आई और आकर मेरे साइड में खड़ी हो गई।
मैंने सिर उठाकर उसकी तरफ प्रश्नवाचक निगाह से देखा।
दीदी बुला रही है, चाय पीकर चलो, कोमल ने कहा।
उसकी छोटी सी टी-शर्ट में से झांकता उसका सपाट मुलायम मखमली पेट देखकर मन तो कर रहा था कि छू लूं, पर फिर खुद को रोक ही लिया।
मैंने चाय खत्म की और कोमल के कंधे पर हाथ रखकर खड़ा होने लगा। खड़े होते हुए जानबूझ कर अपना सिर उसके उन्नत उरोजों पर टकरा दिया। एक बार तो उसके मुंह से हल्की सी आह निकली पर फिर वह संभली और तुरंत पिछे हो गई और बाहर निकल गई।
मैं उसके पिछे पिछे चल दिया। उसने एकबार पिछे मुडकर देखा और जब पाया कि मैं पिछे ही आ रहा हूं तो जल्दी जल्दी कुल्हे मटकाते हुए अंदर आ गई।
वो सीधे मैम के बेडरूम में गई। मैं भी उसके पिछे पिछे अंदर आ गया। मैम बेड पर चद्दर ओढकर लेटी हुई थी।
कोमल मैम जाकर बेड पर बैठ गई। वो बेड के साथ कमर लगाकर पैरों को आधे मोडकर बैठी थी। पैरों को थोड़ा सा खोला हुआ था। मैं बेड के सामने आकर खडा हो गया और जैसे ही मेरी नजरें कोमल की तरफ गई तो मेरी आंखें वहीं पर जम गई। उसकी पजामी योनि वाली जगह से गीली थी और उसकी योनि की शेप एकदम से उजागर हो रही थी। गोरी गोरी फांके भीगी हुई पजामी को अपने से चिपकाये हुई थी और ऐसा लग रहा था जैसे आमंत्रण दे रही हों। लग रहा था कि उसने पेंटी नहीं पहनी है। मैं तो बस देखता ही रह गया।
कोमल मैम की तरफ मुंह करके उनसे कुछ कह रही थी। जब उसकी मेरी मुझ पर पड़ी और मेरी आंखों का पीछा करते हुए जब उसे एहसास हुआ कि मेरी नजरें कहां पर हैं, तो उसने एकदम से अपने पैरों को बेड पर सीधा करके एक दूसरे से चिपका लिया और तकिया उठाकर अपनी जांघों पर रख लिया। शायद मैम ने मुझे उसे यों घूरते देख लिया था, वो मंद मंद मुस्करा रही थी।
तभी मुझे ऐसा लगा कि मैम ने अपनी पजामी का उतारा है चद्दर के अंदर ही, या फिर पहना है। मैं आंखें फाड़कर मैम की तरफ देख रहा था। मैम ने मुझे आंख मारी।
वो तुम्हारे सर को तो आज अचानक मीटिंग में जाना पड़ गया तो तुम कोमल के साथ चले जाओ। जगतपुरा में इसकी कोई दोस्त रहती है, दोनों साथ में कॉलेज में पढ़ती थी।
ठीक है, पर फिर यहां आपका धयान कौन रखेगा, वैसे ही आपकी तबीयत ठीक नहीं है, मैंने मैम से कहा।
मेरी चिंता मत करो, शुकन्तला है, तुम जाओ, मैम ने कहा।
और धयान से जाना, मैम ने फिर कहा।
ओके मैम, मैंने कहा।
कब चलना है कोमल जी, मैंने कोमल की तरफ देखकर कहा।
उसने अपनी आंखें झुका रखी थी और मेरे पूछने पर बस इतना ही बोली, 10 मिनट में चलते हैं।
मैंने ऑफिस में आकर सिस्टम शटडाउन किया और आकर मैम के पास बैठ गया। कोमल वहां पर नहीं थी, शायद तैयार होने गई थी। मैम ने चदद्र को थोडा सा साइड में किया और मेरा हाथ पकड़ कर सीधा अपनी योनि पर रख दिया। मेरा हाथ सीधा उनकी नंगी योनि पर जाकर टकराया। मैंने एकदम से उनकी तरफ देखा। उन्होंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था। बिल्कुल नंगी लेटी थी। मैम की योनि एकदम गीली थी।
तब मेरी समझ में आया कि कोमल की योनि क्यों गीली थी, शायद मैम के साथ मस्ती चल रही थी। मेरा धयान दरवाजे की तरफ ही था और हाथ मैम की योनि को सहला रहा था।
तभी बाहर से आवाज आई और मैंने अपना हाथ हटा लिया, मैम ने चद्दर ओढ ली। कोमल ही थी।
जैसे ही वो कमरे में एंटर हुई मैं तो आंखें फाडे उसे ही देखता रह गया। आसमानी चमकदार कुर्ती जिसका गला बहुत ही डिप था, और बटन सभी बटन खुले हुये थे। उसके आधे से ज्यादा उरोज बीच में से नंगे दिख रहे थे। मैंने थोड़ा धयान से देखा तो उसने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। मेरी सांसे तो उपर नीचे होनी शुरू हो गई। स्कीन टाइट जींस में उसकी मादक जांघें उभर कर आ रही थी।
चले---- उसने मुझे खुदको यूं घूरते हुए देखकर कहा।
ओ-के- चलो, कहकर मैं बाहर आ गया।
मैंने बाइक स्टार्ट की और कोमल ने जाकर गेट खोल दिया।
कोमल आकर बाइक पर बैठ गई। उसने टोपी वाला हेलमेट पहना था। वो थोड़ा पिछे हटकर बैठी थी, उसका मेरे कंधे को पकड़ा हुआ था। वो इतना पिछे बैठी थी कि मेरे थोडा पिछे होने पर भी वो टच नहीं हुई। मैंने बाइक में एकदम से रेस दी और एकदम से ब्रेक लगा दिये। कोमल सीधा मेरी छाती से आकर टकराई और उसके उन्नत उरोज मेरी कमर में गड़ गये। क्या फिलिंग थी, बता नहीं सकता। कोमल के मुंह से एक आह निकल गई।
क्या है, आराम से नहीं चला सकते, मैं नहीं जा रही तुम्हारे साथ,,, कोमल ने कहा।
ठीक से चलानी है तो चलाओ, नहीं तो रहने दो, मैं ऑटो में चली जाउंगी, उसने फिर से कहा।
सॉरी, आराम से चलाउंगा, आप नाराज न हो,,, मैंने कहा और बाइक को आगे बढ़ा दिया।
मैं धीरे धीरे 50 की स्पीड पर बाइक चला रहा था। कोमल अभी भी मुझसे चिपक के ही बैठी हुई थी और उसके उरोज मेरी कमर में दबे हुए थे।
थोडी दूर चलने पर उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर से हटाकर अपनी जांघों पर रख लिया, जो मेरी जांघों को साइड में से छूने लगा। तभी एक बाइक वाले ने तेजी से हमारी साइड से बाइक निकाल कर हमारे आगे कर दी, जिससे मुझे ब्रेक लगाने पड़े। अचानक ब्रेक लगाने से थोड़ा सा बैलेंस बिगड़ा, पर स्पीड कंट्रोल में थी तो संभल में आ गई, पर इससे एक फायदा ये हुआ कि गिरने से बचने के लिए कोमल का हाथ मेरे पेट पर पहुंच गया और उसने दोनों हाथों से मेरे पेट को पकड़ लिया।
क्रमशः.....................
 

kumarrajnish

kumaruttem
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Ek Account aur Open ho gaya... Wah...
ha ho gaya

Nice Hot Update....
Thanks bro
bahut hi mast katar hai pahile Sonal bad me Tanya ahr Rupali abhi baki hai seal tudwane
ab kya kar sakte hai

Rupali ne apana seal Sameer se tudawa hi liya
ha bhai tudva li

Nice update
thanks

kumarrajnish

congratulation on the new account opening ....of Rupali ......:wink:
thanks brother

bichari Tanya.......:sad:
Bichari kaha se bhai maza to vo bhi bharpur hi li
NICE UPDATE
thanks bro
 
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