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अश्क, पार्थ से… देखो दोस्त या तो प्यार में देवदास बन जाओ या फिर प्यार को प्यार से अपने ओर आकर्षित करने की कोशिश करो, मर्जी तुम्हारी है।..
पार्थ:- नाह मै अभी प्यार के बारे में नहीं सोच रहा, ये वक़्त तो हमारे परिवार का है.. और मैं पार्थ आप सबका होस्ट, आप सबका दोस्त, यहां आप सबको आज की इस महफिल में स्वागत करता हूं। पीकर होश खोने की रात नहीं है, क्योंकि ये होश में पूरे एन्जॉय करके बेहोश होने की रात है। और इस शाम को यादगार बनाने के लिए मै अपनी खूबसूरत और हॉट दोस्त ऐमी को एक डांस के लिए इन्वाइट करना चाहूंगा।..
जैसे ही पार्थ का जोश भड़ा अनाउंसमेंट हुआ, सभी लोग हूटिंग करना शुरू कर दिए।…. "रुको, रुको, रुको… शो शुरू होने में केवल 10 मिनट रह गए हैं, तो मुझे भी एक डांस पार्टनर की जरूरत है।".... अश्क भी उनके पागलपन में शरीक होती कहने लगी।
आरव अपने घुटने पर बैठते… "भाभी, ऐसे चिल्लाकर कहोगी तो एक पार्टनर नहीं, अनेक पार्टनर की लाइन लग जाएगी।"…
अपस्यु ने म्यूज़िक प्ले कर दिया और एक ओर पार्थ नाचने लगा और दूसरी ओर आरव। ऐमी की नजर डांस करते हुए भी लगातार अपस्यु पर बनी हुई थी। जब से वो कमरे में घुसी थी, उसे ऐसा लग रहा था मानो अपस्यु का आकर्षण उसे खींच रहा है। अपस्यु भी मुसकुराते हुए बस ऐमी को देख रहा था और हवा में जाम लहराते हुए टेस्ट कर रहा था।
इसी बीच दृश्य भी पहुंच गया और वहां का नजारा देखकर थोड़ा हैरान सा हो गया। कुछ बोलने से अच्छा सीधा बार काउंटर पर चला गया… "8 बजने वाले है, प्लान पर एक्शन लेने का समय है, और ऐसे समय में तुम"..
कुंजल, दृश्य से:- सुनो भईया, क्या आपने प्लान पहले से बना लिया लिया था?
दृश्य:- हां, वो भी बिल्कुल परफेक्ट..
कुंजल:- सबको प्लान के हिसाब से उसका काम अच्छे से समझा दिया?
दृश्य:- हां बिल्कुल..
कुंजल:- यहां पर मौजूद लोगों में से उसके हिस्से का काम शुरू हो चुका है क्या?
दृश्य:- ना अभी उसमे समय है…
कुंजल:- फिर इतना टेंशन में क्यों हो, आराम से ड्रिंक लीजिए और एन्जॉय कीजिए, जब हमारा वक़्त आएगा तब हम अपना काम शुरू करेंगे।
दृश्य:- इसे लापरवाही कहते है। अपस्यु तुम सुन भी रहे हो?
कुंजल:- वो अपनी बीवी को देखने में व्यस्त है। वैसे अश्क भाभी भी कम मस्त नहीं लग रही, चाहे तो आप भी उन्हें बड़े प्यार से देख सकते है। वैसे भी आपसे नाराज होकर गई थी।
दृश्य:- है तो सबसे छोटी लेकिन बातें बड़ी-बड़ी..
कुंजल:- भईया एक बात पूछूं..
दृश्य:- हां पूछो ना..
कुंजल:- दिखने में तो आप करेला लगते हो फिर इतनी मस्त आइटम पटाई कैसे।
कुंजल अपनी बात कहकर हंसने लगी और उधर से अपस्यु का एक हाथ सीधा कुंजल के सर पर लगा, जबकि उसकी नजरें ऐमी पर ही थी…. "देखा दृश्य भईया, इनका ध्यान हमारी बातों पर ही था, लेकिन नजरे और दिल वहीं टिकी है।"..
तभी वहां का म्यूज़िक बंद हो गया.. अचानक से एक बार लाइट गई और फिर आयी…. "अब आप सब यहां आकर आराम से बिना कोई आवाज़ के शो का मज़ा ले।"… अपस्यु अपनी बात कहते हुए बड़े से स्क्रीन को चालू कर दिया और सभी लोग अपस्यु के द्वारा व्यवस्थित बार काउंटर के पास अपनी-अपनी जगह ले लिए।
अारूब एक लाइन पर दृश्य से संपर्क बनाए हुए था, साथ में सबको कमांड भी दे रहा था और इधर अपस्यु अपने लैपटॉप के स्क्रीन पर पार्टी में आए मेहमानों पर नजर दिए हुए था। पार्टी में शिरकत करते मेहमान को देख अपस्यु कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था इंतकाम और न्याय सब एक साथ मिल जाएगा।
कुछ लोग जैसे शिपिंग किंग जवेरी, साची के पिता मनीष मिश्रा, प्रकाश जिंदल और एक छिपा हुआ एक स्लीपिंग पार्टनर अमोघ अग्रवाल, एक प्राइवेट बैंक का मालिक, ये सब विक्रम राठौड़ के साथ शुरू से बने हुए थे। इसके अलावा आने वालों मेहमानों को देखकर बहुत सारी तस्वीरें खुद व खुद साफ हो गई।
पक्ष और विपक्ष के नेता जो होम मिनिस्टर के लिए गड्ढे खोद रहा था, कई नाम चिह्न बिजनेसमैन, जिन्हे काले और उजले पैसों में काफी रुचि रहती है। सरकारी पदों पर अच्छे पोस्ट को होल्ड किए कई सरकारी डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारी और निदेशक। इन सब का साथ होना केवल इसी ओर इशारा कर रहा था कि लोकेश ने वीरदोयी की मदद से इनके कई सपने साकार किए होंगे।
इधर उस कमरे का माहौल शांत होते ही, ऐमी मुस्कुराती हुई बार काउंटर के पीछे आयी। अपस्यु की देखकर तो ऐमी कबसे खींची जा रही थी। सबकी व्यस्त देखकर ऐमी अपनी दबी अरमान को हवा देती, अपस्यु के होंठ को प्यार से चुमकर अलग हटी। अपस्यु आश्चर्य से अपनी आखें बड़ी करके वो चारो ओर देखने लगा। हर कोई अपनी नजर बड़ी सी टीवी स्क्रीन पर डाले हुए था।
अपस्यु, पहले खुद काउंटर के नीचे बैठा और ऐमी का हाथ खींचने के लिए जैसे ही अपना हाथ उपर लेकर गया, ऐमी फिर खड़ी हंसती हुई अपस्यु को अंगूठा दिखा रही थी। अपस्यु गुस्से से ऐमी को घूरा और चुपचाप उठकर खड़ा हो गया।
ऐमी अंदर ही अंदर हंसती हुई सबका ध्यान अपनी ओर खींच और सबके लिए एक ड्रिंक बनाने लगी। पहला ड्रिंक कुंजल को सर्व हुआ जो मोकटेल की जगह मार्टिनी था। कुछ नज़रों के संवाद कुंजल और ऐमी के बीच हुआ और कुंजल ऐमी की चतुराई पर हंसे बिना नहीं रह पाई।
दूसरी ओर अारूब का एक्शन पैक धमाल भी शुरू हो चुका था। अपस्यु अपने स्क्रीन से पार्टी हॉल पर नजर जमाए हुए था और सभी लोग रूम के स्क्रीन पर नजरें जमाए… अपस्यु ने दृश्य को होल्ड का सिग्नल भेजा और लगातार अपने स्क्रीन देख रहा था।
8 बजे से शुरू होने वाला मिशन 8.15 तक होल्ड पर रखा हुआ था। अपस्यु जब सुनिश्चित हो गया कि इतने मेहमानों के बीच में लोकेश अब फंस गया है, तब अपस्यु ने कंप्लीट फॉरवर्ड का इशारा किया और ऐमी के कान में कुछ समझाकर बड़े आराम से लोकेश की पार्टी के लिए निकल गया।
अपस्यु, काया को साथ लेकर पार्टी में पहुंचा। बहुत से व्हाइट कॉलर लोगों के अलावा बहुत से ब्लैक कॉलर लोग भी पहुंचे थे। माहौल किसी रंगीन पार्टी जैसा था, जिसमें बदन कि नुमाइश करती कई सारी लड़कियां ड्रिंक और स्नैक्स सर्व करती हुई, लोगों के आखों और हाथों का भी मनोरंजन कर रही थी।
अपस्यु जैसे ही अंदर घुसा, काया के कान में कुछ बोलते हुए, लोकेश के ओर बढ़ने लगा, जो इस वक़्त आपने पापा विक्रम राठौड़ और प्रकाश जिंदल के साथ खड़ा, अपने एक बिजनेस पार्टनर के. डी. जवेरी से बात कर रहा था। लोकेश की नजर जैसे ही अपस्यु पर गई, अपने दोनो हाथ खोलकर उसे वेलकम करते हुए माईक पर बोलने लगा….. "आज की शाम जिस खास होस्ट के नाम है वो हमारे बीच चला आया। क्या आप में से कोई बता सकता है कि ये कौन है?"..
कुछ को छोड़कर बाकियों को कुछ भी पता नहीं था। लोकेश 15 सेकंड का एक पॉज लेकर, फिरसे बोलना शुरू किया….
"सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वाकील अनुरुद्ध सिन्हा का होने वाला दामाद, सेंट्रल होम मिनिस्टर का मुंह बोला बेटा, दिल्ली के लोकल गैंग से लेकर मुंबई अंडरवर्ल्ड तक जिसके नाम की सुपाड़ी नहीं के सकते, प्रतप ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक का खास दोस्त, और मायलो ग्रुप का मालिक मिस्टर अपस्यु रघुवंशी।"…
"मेरा परिचय तो काफी धांसू था, लव यू ब्रो। यहां आए सभी व्हाइट और ब्लैक कॉलर लोगों को मेरा नमस्कार। यहां मौजूद ज्यादातर लोग को मै जानता हूं, चाहे वो मशहूर बिजनेस मैन माणिकचंद जी हो या फिर शिपिंग किंग जवेरी। मै किसी से परिचय करने में रुचि नहीं रखता, मै काम करने में विश्वास करता हूं, शायद इसलिए कम वक़्त मेरा अपना मुकाम है। इसलिए प्लीज मेरे पास भिड़ लगाकर अपना परिचय देने से अच्छा है कोई काम की बात हो तो ही मेरे पास आइए, वरना ये पार्टी एन्जॉय करने के लिए है। आप भी एन्जॉय कीजिए और मुझे भी पार्टी एन्जॉय करने दीजिए।"
"एक बात और, मै शुरू से फैमिली बिजनेस करता हूं, इसलिए अपने भाई लोकेश के साथ आज खड़ा हूं। यहां आयी लड़कियों के कपड़े में थोड़ी तब्दीली मैंने कर दी है, आप सब भी अपने आचरण के तब्दीली कर लीजिए। और यदि औरत की जरूरत इतनी ही मेहसूस होती हो तो घर से अपनी बीवी या गर्लफ्रेंड को लेकर चला कीजिए, क्योंकि यहां आप की जरुरत बढ़ रही होगी और पता चला कि उसकी जरूरत कोई और पूरी कर रहा हो। मुझे सुनने के लिए धायवाद, एन्जॉय दी पार्टी।"
अपस्यु अपने तेवर से वाकिफ करवाते बार काउंटर पर आकर अपना ड्रिंक एन्जॉय करने लगा और इधर लोकेश के लिए परिस्थिति से निपटना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। अपस्यु ने अपने शब्द के तीर ऐसे चला चुका था की हर कोई घायल होकर बिलबिला रहा था। लोकेश ने मेघा को इशारा से अपस्यु के पास भेजा और खुद एक वीरदोयी के कान में कुछ ऐसा कहा जिससे वो हसने लगा।
वो वीरदोयी लोकेश की बात को संदेश के तौर पर सभी वीरदोयी के पास तुरंत भेज दिया। वो लोग भी संदेश खोलकर देखते हुए हंसे और चुपके से वहां मौजूद सभी लोगों के बीच फैला दिया। इधर मेघा, अपस्यु के साथ बैठकर अपना ड्रिंक टोस्ट करने लगी।…. "हम्मम ! आते ही अपने तेवर से सबको वाकिफ करवा गए।"..
अपस्यु, मुसकुराते हुए…. "लुकिंग कूल मेघा। लगता है पार्टी के ख्याल से पिछले 5 घंटे से तैयार हो रही हो।"
मेघा:- औरतों के तैयार होने में लगे वक़्त का तुम्हे बड़ा अनुभव है, क्यों ऐमी को बिठाकर तुम खुद ही तैयार करते हो क्या?
"क्या बच्चे, ये क्या सॉफ्ट ड्रिंक पी रहा है "… अपस्यु के पास एक वीरदोयी लड़ाका खड़ा होते हुए कहने लगा… "तुम्हारी यहां जरूरत है क्या?"… मेघा ने जवाब दिया..
लड़ाका…. "मैं तो बस देखने आया था कि जिस अंदाज़ में इसने बात किया, उस अंदाज़ के लायक भी है क्या?
अपस्यु, हंसते हुए…. "तू यहां का स्टाफ है ना जाकर काम देख। काम से छुट्टी मिली है तो पार्टी एन्जॉय कर, बाकी मेरे लायक या नालायक होने का प्रूफ आराम से देते रहेंगे, अभी तू तो यहीं रहेगा ना।"
वीरदोयी लड़ाका…. बात मुझ अकेले की नहीं है, बल्कि यहां मौजूद सभी लोगों की है। बॉस जैसे ऐटिट्यूड के लिए बॉस जैसे गुण भी तो होने चाहिए ना सर।
अपस्यु चिल्लाते हुए कहने लगा…. "तो यहां सबको ये बात खटक रही की, बॉस जैसे ऐटिट्यूड के लिए बॉस जैसे गुण होने चाहिए… और बेसिकली वो गुण कौन से होने चाहिए…
वीरदोयी लड़ाका….. "हमे हराकर दिखाओ और हमारी वफादारी पाओ।"..
अपस्यु:- क्यों लोकेश ने भी यही किया था क्या?
वीरदोयी लड़का:- नहीं उसने ऐसा नहीं किया, इसलिए तो वो हमारा बॉस नहीं, हम पार्टनर्स है और सभी पार्टनर्स ने लोकेश की लीडरशिप को एक्सेप्ट किया है, और तुम हमारी जगह पर खड़े होकर, हमारे लीडरशिप को चैलेंज कर रहे… कहां से काम चलेगा मुन्ना…
अपस्यु:- "मुझे पता था कि तू मुझे लड़ने कि ही चुनौती देगा। वो क्या है ना हर ताकतवर के साथ यही समस्या होती है, उसे अक्ल से ज्यादा बड़ी भैंस लगती है, इसलिए शारीरिक बल होने के बाद भी किसी नेते के पास रहकर उसके जूते चाटना, किसी बिजनेस मैन के हाथों की कठपुतली होना, यही उनकी किस्मत है। मूल रूप से ताकत और बुद्धि का कोई मेल नहीं, और बहुत कम लोगों के पास ये दोनो साथ होते है।"
"मै फाइट करूंगा, लेकिन एक शर्त पर, कम से कम 5000 करोड़ की बेटिंग होनी चाहिए। मैं बिना किसी फायदे या नुकसान के कोई काम नहीं करता। बॉस का एटिट्यूड है इसलिए पैसा बनाऊंगा और शेर का जिगरा है इसलिए किसी भी जगह पर खड़े होने की हिम्मत है।"..
मेघा अपस्यु की बात सुनकर सिटी बजाती हुई कहने लगी…. "500 करोड़ मै लगाऊंगी अपस्यु तुम्हारे ओर से।"..
अपस्यु:- लव यू मेघा, मुझे यकीन था कि तुम्हे मेरे एटिट्यूड से कोई पंगा नहीं होगा। और बाकी के लोग आपस में सलाह मशवरा करके जल्दी से पैसों का इंतजाम करके मुझे सूचना दो, जबतक मै अपना ड्रिंक एन्जॉय करता हूं।
अपस्यु अपनी बात कहकर वापस बार काउंटर पर आकर ड्रिंक लेने लगा। प्रकाश जिंदल जो इस वक़्त अपने कुछ खास दोस्तों के बीच था, वो मेघा को अपने साथ कोने में ले जाकर, उसके फैसले पर उसे बहुत सुनाने लगा। लेकिन मेघा भी अपने फैसले को लेकर बहुत ही सुनिश्चित थी, इसलिए वो अपने पापा के खिलाफ चली गई।
एक ओर अारूब का मिशन शुरू हो चुका था, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर अपस्यु ने पुरे माहौल को ऐसा फसाया था कि हर किसी को 5000 करोड़ अपनी खोली में नजर आ रहा था। एक 21-22 का अय्याश और आवारा लड़का, वीरदोयी लड़ाका से लड़ेगा, और साथ 5000 करोड़ की शर्त।
चूंकि मामला 5000 करोड़ का था और इतने पैसे लगाना किसी एक के बूते की बात थी नही, इसलिए सब अपना ज्यादा-ज्यादा पैसा लगाने के लिए पैसों के इंतजाम में जुटे हुए थे। सबसे ज्यादा चमक तो लोकेश के ही आखों में नजर आ रहा था। लोकेश को भी कमाने की चाहत काफी बढ़ चुकी थी। 1000 करोड़ कैश तो उसके इस बेस पर था, लेकिन वो इस डील में कम से कम 2500 करोड़ लगाना चाहता था, इसलिए वो भी बंदोबस्त में जुट गया।
चिड़िया दाना चुग चुकी थी, और अब लोकेश इस पार्टी हॉल से कहीं चला जाय, सवाल ही नही पैदा होता। उल्टा मामला पैसों का था इसलिए लोकेश ने वहां आसपास के सभी 40 वीरदोयी को यहीं पार्टी हॉल में पहुंचने के लिए बोल दिया।