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Incest मजबूरी या जरूरत

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Great story.
 

harshit1890

" End Is Near "
Prime
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Story ka index hona chahie tha. 440 pages scroll kahan se karu. Dnt remember which page i left :sigh:
 

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
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Hello everyone!
We are thrilled to present the annual story contest of XForum!
"The Ultimate Story Contest" (USC).

"Win cash prizes up to Rs 8500!"


Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 8000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 25th March ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th April 2025 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.

Important Links:
- Chit Chat Thread (For discussions)
- Review Thread (For reviews)
- Rules & Queries Thread (For contest details)
- Entry Thread (To submit your story)

Prizes
Position Rewards
Winner 3500 ₹ + image Award + 7000 Likes + 30-day Sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 2000 ₹ + image1 Award + 5000 Likes + 15-day Sticky Thread (Stories)
2nd Runner-Up 1000 ₹ + 3000 Likes + 7-day Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-Up 500 ₹ + 3000 Likes
Best Supporting Reader (Top 3) 500 ₹ (Each) + image2 Award + 1000 Likes
Reporting Plagiarized Stories imag3 200 Likes per valid report


Regards, XForum Staff
 

Sanju@

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आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका इंतजार पूरे परिवार को था ,,,, आराधना का दिल कुछ ज्यादा ही उत्तेजना से धड़क रहा था क्योंकि उसके जीवन में दूसरी बार सुहागरात वाली रात आने वाली थी पहली सुहागरात तो अपने पति के साथ मनाई थी लेकिन दूसरी सुहागरात उसे अपने बेटे के साथ मनानी थी,,, वैसे तो वह रोज ही अपने बेटे के साथ सुहागरात मानती थी और सुहागदीन भी,,, लेकिन आज की रात उसके जीवन की बहुत ही खास रात होने वाली थी और जिसका इंतजाम पहले से ही मोहिनी ने कर रखी थी और यह मोहिनी का ही सुझाव था सुहागरात मनाने का अपने पति से अलग होने का दुख नहीं बल्कि खुशी मनाना चाहती थी,,,,।



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वैसे भी कोई भी औरत अपने पति से अलग होना नहीं चाहती लेकिन संजोग इस तरह के बन जाते हैं कि उसे अपने पति से अलग होना ही पड़ता है क्योंकि हालात उसकी सोच के बिल्कुल विपरीत चलने लगते हैं जैसा की आराधना के साथ हो रहा था पति की पीड़ा से वह पूरी तरह से जूझ रही थी कुछ वर्षों से उसे पति का प्यार पति की तरफ से मान सम्मान बिल्कुल भी नहीं मिल रहा था और आए दिन गलत गलत इल्जाम लगाने से आराधना अंदर ही अंदर टूट गई थी और ऐसे हालात में उसे अपने बेटे का सहारा मिला और अपने बेटे का सहारा पाकर वह भावनाओं में बहकर अपने बेटे के साथ ही शारीरिक संबंध बन बैठी जिसका उसे अब कोई मलाल नहीं था और वह यही सोच रही थी कि अच्छा ही हुआ कि उसके पति से उसे छुटकारा मिल गया अब वह अपनी जिंदगी आराम से गुजार सकती थी अपने बच्चों के साथ,,,,।

आज मोहिनी काफी खुश नजर आ रही थी क्योंकि सब कुछ उसके सोच के मुताबिक हो रहा था,,,‌। उसकी मां और उसका बड़ा भाई यह बात अच्छी तरह से जानते थे आज की रात दोनों की सुहागरात थी लेकिन कैसे होगी यह वह दोनों नहीं जानते थे जिसका इंतजाम मोहिनी को खुद करना था,,,,। सुबह-सुबह ही रसोई घर में खाना बनाते हुए आने वाली रात के बारे में सोच कर आराधना मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर रसोई घर में पानी पीने आई मोहिनी अपनी मां का मुस्कुराता हुआ चेहरा देखकर चुटकी लेते हुए बोली,,,।

क्यों मम्मी आज रात की सुहागरात के बारे में सोच कर मुस्कुरा रही हो ना,,,।
(मोहिनी के मुंह से इतना सुनते ही आराधना शर्म से पानी पानी हो गई,,, क्योंकि एक मां से एक बेटी इसकी सुहागरात के बारे में बात करें भला ऐसा कौन सी मैन चाहेगी लेकिन यहां पर हालात बिलकुल विपरीत थे,,,, और शायद ऐसा पहली बार हो रहा था कि अपनी मां की सुहागरात की तैयारी एक बेटी कर रही थी और वह भी अपने भाई के साथ होने वाली सुहागरात के लिए,,,,, बहने अक्सर अपनी भाभी के लिए सुहागरात की सेज सजाती है फूलों से महकाती है लेकिन यहां पर उसके बिल्कुल विपरीत हो रहा था यहां पर मोहिनी को अपनी मां की सुहागरात की तैयारी करनी थी और इसीलिए मोहिनी की बात सुनकर आराधना शर्म से पानी पानी होने लगे लेकिन वहां अपने चेहरे पर अपनी उत्सुकता को छुपाने में नाकामयाब साबित हो रही थी उसके चेहरे पर उत्तेजना और उत्सुकता के भाव बराबर दिखाई दे रहे थे और इसीलिए मोहिनी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुम आज की रात के लिए बेहद उत्सुक हो ,, और अंदर ही अंदर अपने आप को तैयार कर रही हो लेकिन तुम्हें रात के मुकाबले के लिए किसी भी प्रकार की तैयारी की जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह के खेल में तो तुम अच्छी तरह से माहिर हो,,,,।

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मोहिनी तु बहुत शैतान हो गई है,,, भला कोई अपनी मां से इस तरह की बातें करता है,,,।

मैं अच्छी तरह से जानती हूं मम्मी की बेटी के लिए अपनी मां के बारे में इस तरह की बातें करना ठीक नहीं है लेकिन एक औरत की होने वाली सुहागरात के बारे में उसकी सहेलियां उसके साथ बात करके चुटकी लेती है और यहां पर समझ लो कि मैं ही तुम्हारी सहेली हूं जो आज की सुहागरात के बारे में तुमसे हंसी मजाक कर रही है,,,।

तू भी ना मोहिनी एकदम पागल है क्या जरूरत है यह सब की,,,


क्यों नहीं जरूरत है आज से तुम्हारे जीवन की नई शुरुआत होने वाली है और इसीलिए आज का दिन बहुत खास होना चाहिए और एक औरत के लिए इसकी सुहागरात ही सबसे खास होती है इसीलिए तुम्हारे लिए मैं सारा इंतजाम करने जा रही हूं,,,।

मैंने तो ऐसा कुछ मत कर मुझे बहुत शर्म आ रही है,,,

वो हो,,, यह तो और भी अच्छी बात है वैसे भी दुल्हन को अपनी सुहागरात को लेकर शर्माना ही चाहिए जितना तुम ज्यादा शर्माओगी भाई उतना ज्यादा मजा देगा तुमको,,,,

अरे हां तेरा भाई कहां है आज दिखाई नहीं दे रहा है,,,।

रात की तैयारी में लगा होगा लंड पर तेल लगा रहा होगा,,, ताकि आज तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना सके,,,,।
(इतना सुनते ही आराधना झूठ-मूठ का गुस्सा दिखाते हुए हाथ में बेलन लेकर मोहिनी को मारने के लिए आगे बढ़ी तो मोहिनी खिलखिला कर हंसकर वहां से चली गई,,,, और आराधना अपनी चूत को अकेली होती हुई महसूस करने लगी उसे अपनी बेटी की बातें बेहद मादकता भरी लग रही थी,,, और अपने मन में सोच कर परेशान भी हो रही थी की ये केसे हालात उसके परिवार में बन गए हैं की परिवार में किसी से भी किसी के लिए पर्दा नहीं है मां बेटे बेटी सब लोग एक दूसरे से खुलकर बातें करते हैं जो कि इस तरह की बातें किसी और के परिवार में नहीं होती होगी लेकिन जहां एक तरफ इस तरह की बातें सोचकर आराधना हैरान हो रही थी परेशान हो रही थी वहीं दूसरी तरफ वह इस बात से खुश भी थी कि तीनों के पीछे इस तरह के संबंध हैं तीनों को एक दूसरे की जरूरत पूरी करने का साधन एक दूसरे से मिल जा रहा है वरना आजकल जवान लड़के क्या औरतें भी राह भटकने में समय नहीं लेती,,, आराधना की खुद के बारे में भी यही धारणा थी कि,,,, अगर सही समय पर उसे अपनी बेटी का साथ ना मिलता तो शायद किसी और के साथ शारीरिक संबंध बना लेती,,,,।

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देखते-देखते दिन गुजरने लगा शाम को,,, सारी तैयारी कर लेने के बाद मोहिनी अपनी मां के कमरे का दरवाजा बंद करके उसमें ताला लगा दी थी और अपनी मां को साफ-साफ बोलती थी कि यह कमरा रात को 11:00 बजे ही खुलेगा जिसे वह खुद अपने हाथों से खोलेगी,,,, मोहिनी की बात सुनकर मां बेटे दोनों की सांस ऊपर नीचे हो रही थी उन दोनों को समझ में नहीं आ रहा था कि मोहिनी अंदर कैसा इंतजाम करके रखी होगी इसीलिए दोनों आश्चर्य से एक दूसरे की तरफ देख रहे थे लेकिन दोनों के चेहरे पर उत्तेजना वह आश्चर्य के भाव साथ झलक रहे थे दोनों 11:00 का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे,,,।
वास्तव में ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके घर पर शादी वाला माहौल है ,,, मोहिनी के कहने पर उसकी मन खाने में छोले की सब्जी पूरी और खीर बना कर रखी थी जिसे तीनों एक साथ बैठकर खाकर तृप्त हो गए थे लेकिन असली तृप्ति तो अभी बाकी थी,,, क्योंकि अभी तो पेट की आग ठंडी हुई थी बदन की आग बुझाना तो अभी बाकी था,,,,।

खाना खाने के बाद मोहिनी और आराधना दोनों मिलकर बर्तन साफ कर दिए थे और आदत के अनुसार संजू कुछ देर के लिए बाहर टहलने के लिए गया था और यही मौका देखकर मोहिनी,,, जल्दी से अपनी कुर्ती में से चाबी निकाली जिसे वहां अपनी कुर्सी के अंदर ब्रा में डाल कर रखी थी मोहिनी का अपनी ब्रा में से चाभी निकालने का अंदाज आराधना को बेहद मोहक लगा था,,,,। वह चाबी अपने हाथ में लेकर अपनी मां से बोली,,,।

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इधर आओ मम्मी मैं सब समझाती हूं,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह धीरे से दरवाजा खोली दरवाजे के दोनों पट को अपने हाथों से धक्का देकर जैसे ही उसने कमरे के अंदर प्रवेश की तो अंदर का नजारा देखकर पीछे खड़ी आराधना एकदम से हैरान रह गई कैमरा वाकई में पूरी तरह से सुहागरात के लिए ही सजा हुआ था मानो कि जैसे मोहिनी अपने भाई की शादी के बाद सुहागरात के लिए कमर सजाई हो आराधना तो हैरान हो गई थी क्योंकि इस तरह से तो इसकी सुहागरात में भी कमरा नहीं सजाया हुआ था जैसा कि आज उसकी लड़की ने उसके लिए कमरा सजा कर रखी थी,,,, आराधना की आंखें आश्चर्य से चोरी हो गई थी बिस्तर फूलों से सजा हुआ था बिस्तर के ऊपर फूलों की लड़कियां लगी हुई थी बीच में दो तकिया रखा हुआ था जिस पर दिल का निशान बना हुआ था और लाल चादर पर भी फूल बिछाए हुए थे अधिकतर गुलाब के फूलों का उपयोग किया गया था जिससे पूरा कमरा मंद मंद खुशबू से भरा हुआ था यह सब देखकर आराधना एकदम हैरान होते हुए बोली,,,।


यह सब क्या है मोहिनी,,,,!

तुम्हारी सुहागरात का इंतजाम है मम्मी आज की रात जिंदगी की सबसे यादगार रात बनने वाली है इसलिए तुम बिल्कुल दुल्हन की तरह सज जाओ,,,।

मतलब,,,,(फिर से आराधना आश्चर्य जताते हुए बोली)

रुको अभी बताती हूं,,,।
(इतना कहने के साथ ही मोहिनी अलमारी के पास गई और अलमारी को खोलकर अपनी मां के लिए लाल रंग की साड़ी लाल रंग का ब्लाउज लाल रंग की पेटिकोट और दो दिन पहले ही खरीदी गई लाल रंग की जालीदार ब्रा और पेटी दोनों निकालकर अपने हाथों में लिए हुए अपनी मां के सामने आ गई और कपड़ों को अपनी मां की तरफ करते हुए बोली,,,,)

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अब जल्दी से अपने पुराने कपड़ों को उतार कर सज धज कर इस कपड़े को पहन लो आज तुम्हे बिल्कुल दुल्हन की तरह लगना है,,,।

(मोहिनी के हाथों में लाल रंग के जोड़े को देखकर आराधना शर्म से मरी जा रही थी... उसे समझ में नहीं आ रही थी कि वह अपनी बेटी को क्या कहें हालात पूरी तरह से बदल गए थे मोहिनी में उसे अपनी बेटी नहीं बल्कि एक सहेली नजर आ रही थी जो उसकी मदद कर रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह अपने बेटी के हाथों से लाल रंग की जोड़े को ले ले,,, क्योंकि भले ही मोहिनी के लिए यह सब सहज था लेकिन आराधना के लिए बिल्कुल भी सहज नहीं था वह शर्म से मरी जा रही थी,,, इसलिए कुछ देर तक वहां मोहिनी की तरफ देखती रह गई तो मोहिनी खुद उसे कपड़े को अपनी मां के हाथों में पकडाते हुए बोली,,,,)

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जल्दी करो मम्मी भाई के आने से पहले तुम दुल्हन की तरह तैयार हो जाना,,,,(और इतना कहकर वह जाने लगी तो उसे रोकने के लिए वह बोली)

अरे सुन तो मुझे बहुत शर्म आ रही है,,,।

मैं कुछ भी सुना नहीं चाहती 15 मिनट में जल्दी से तैयार हो जाओ मैं बाहर से दरवाजा बंद कर देता हूं ताकि इस दरवाजे को भाई अपने हाथों से खोलें,,,,(और इतना कहने के साथ ही मोहिनी कमरे से बाहर निकल गई कमरे के अंदर आराधना शर्म से मरी जा रही थी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उत्तेजना और उत्सुकता के मारे उसके बदन में हल्का कंपन हो रहा था उसकी टांगें थरथरा रही थी,,, अपने बेटे के साथ हमबिस्तर होना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि यह उसके रोज का काम था लेकिन आज की रात कुछ खास थी आज की रात उसे मन बनाकर उसका बिस्तर गर्म नहीं करना था बल्कि उसकी बीवी बनाकर उसका बिस्तर गर्म करना था और एक औरत के लिए तब यह ज्यादा मुश्किल हो जाता है जब वह मां का अदाकारी करते-करते बीवी बन जाए और वैसे भी जिस तरह के संबंध आराधना और संजू के बीच था उसे देखते हुए दोनों के बीच मां बेटे का काम बीवी और पति का रिश्ता कुछ ज्यादा ही था,,,,।

कमरे का दरवाजा बंद हो चुका था मोहिनी कमरे को बाहर से बंद करके अपने कमरे में चली गई थी आराधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि 15 20 मिनट में ही उसका बेटा घर पर वापस आ जाएगा और इसी बीच उसे दुल्हन की तरह तैयार होना था उसे अपने पुराने दिन याद आ गए थे जब पहली बार इसी तरह से वह सज-धजकर कमरे में अपने पति अशोक का इंतजार कर रही थी,,, लेकिन आराधना के लिए वह जितना खास दिन था उससे भी ज्यादा खास दिन आज लग रहा था क्योंकि अशोक तो उसका पति था एक बीवी का फर्ज था अपने पति को खुश करने का लेकिन आज वह एक मां थी और अपने बेटे के लिए उसे दुल्हन की तरह सजना था इसीलिए वह परेशान भी थी उत्सुक भी थी और उत्तेजित भी थी,,, उसे समय तो वह अपने पति के लिए सहज रूप से जैसा कि हर औरत अपने जीवन की सुहागरात वाली रात को सजती धजती है, उसी तरह से आराधना भी सजी हुई थी,,,, लेकिन आज इस तरह से एक दुल्हन के रूप में सजने में उसके पसीने छूट रहे थे उत्तेजना के मारे उसकी टांगें कांप रही थी,,, और मदहोशी के आलम में उसकी चूत में घुल रहा मदन रस उसके मुख्य द्वार तक आकर फिर वापस चला जा रहा था,,,। उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत कचोरी की तरह फुल चुकी थी,,,।

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आराधना के पास वक्त ज्यादा नहीं था उसे 15 मिनट के अंदर ही तैयार होना था और वह जानती थी कि इसी तरह से खड़ी होकर सोचती रह गई तो समय निकल जाएगा और वह अपने बेटे को सरप्राइज नहीं दे पाएगी जैसा कि उसकी बेटी चाहती है,,, अच्छी तरह से जानती थी कि वह भले ही सुहागरात के लिए इंकार करते लेकिन अपने बेटे के साथ हम बिस्तर तो उसे हर हाल में होना है अपने बेटे के साथ चुदवाना उसके लिए भी बेहद जरूरी है इसलिए वह भी अपने आप को अपने बेटे के साथ होने वाली सुहागरात के लिए तैयार करने लगी,,,, और इसीलिए वह बड़े से आईने के सामने जाकर खड़ी हो गई,,यह आदमकद आईना कुछ महीना पहले ही उसने खरीदी थी क्योंकि वह अपने नंगे बदन को आईने में देखना चाहती थी,,,,। वह आईने में देखते हुए अपने वस्त्र को उतारना चाहती थी और वस्त्र को पहनना चाहती थी और इसी ख्वाहिश के चलते वह आदमकद आईने को खरीदी थी,,, और रोज ही इसके सामने खड़ी होकर वहां अपने कपड़े उतार कर नंगी होती थी और फिर अपने अंगों को देखकर कपड़े पहनकर मन ही मन प्रसन्न होती थी क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती अच्छी दो-दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी आज भी उसके बदन की जवानी देखकर अच्छे-अच्छे का पानी निकल जाता था और,,,, अभी तक उसने अपने बदन को बरकरार बना कर रखी हुई थी।,,



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बड़े से आईने के सामने खड़ी होकर वह कुछ सेकेंड तक अपने आप को देखते रह गई आज भी वह बला की खूबसूरत लगती थी अपने आप को देखते देखते वह अपने कंधे पर से अपनी साड़ी के पल्लू को अपने हाथों से नीचे गिरा दी और ऐसा करने पर उसकी भारी भरकम छातियां ब्लाउज में कैद नजर आने लगी जिसे देखकर उसके होठों की मुस्कान और ज्यादा बढ़ गई,,, क्योंकि अच्छी तरह से जानती थी कि मर्दों को आकर्षित करने में औरतों की गोलाकार चुचीया अहम भूमिका निभाती है पर वह जानती थी कि उसकी चूचियां आज भी पूरी तरह से आकर्षक थी इसके आकर्षण में उसके खुद का जवान बेटा पागल हो चुका था उसका दीवाना हो चुका था,,,, धीरे-धीरे वह अपनी कमर पर बंधी हुई साड़ी को खोलना शुरू कर दी और अगले ही पल वह अपनी साड़ी को उतार कर,,,, एक कोने में रख दी और आईने के सामने वह केवल ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी,,,, और इस हालात में वह बला की खूबसूरत लग रही थी।,,,.



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उसके बदन से साड़ी उतारकर कमरे के कोने में पड़ी हुई थी ब्लाउज में इसकी भारी भरकम खरबूजे जैसी गोल-गोल चूचियां जमाने में असमर्थ साबित होती थी लेकिन वह किसी तरह से अपने ब्लाउज के बटन को बंद करके अपनी बेलगाम चूचियों को काबू में करने की कोशिश करती थी इस हालत में अगर कोई भी आराधना के रूप को देख ले तो बिना कुछ बोल ही उसका लंड अपने आप खड़ा होकर अपनी औकात में आ जाए क्योंकि इस रूप में आराधना एकदम काम की देवी लगती थी,,,, ब्लाउज में उसकी भरी हुई ऐसा प्रतीत हो रहा था की बगावत पर उतर आई है ब्लाउज फाड़ कर बाहर आने को आतुर हो गई है लेकिन इसी आतुरता को आराधना खुद अपने हाथों से दूर करते हुए अपने ब्लाउज के बटन को खोलने लगी एक तरफ हुआ अपनी नाजुक उंगलियों को हरकत देकर अपने ब्लाउज के बटन खोल रही थी और दूसरी तरफ वह आईने में अपने आप को निहार रही थी ब्लाउज खोलने में भी उसका एक अलग अंदाज था जिसे देख पाना हर एक मर्द की ख्वाहिश होती है और आराधना की तरफ से एक ख्वाहिश केवल संजू के लिए पर्याप्त थी संजू अपने आप को इस तरह के नजारे को देखकर धन्य समझता था लेकिन अधिकतर वह खुद ब्लाउज को अपने हाथों से खोलना था ऐसा कमी होता था की आराधना अपने हाथों से ब्लाउज का बटन अपने बेटे के लिए खोल रही हो,,,,।



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धीरे-धीरे आराधना एक-एक करके अपने ब्लाउज के सारे बटन को खोल दी और ब्लाउज के दोनों पट अलग हो गए ब्लाउज के दोनों पट अलग होते ही ब्रा में किए थे उसकी दोनों चूचियां एकदम साफ नजर आने लगी आराधना की आदत थी कि वह अपने नाप के हिसाब से एक डोरा कम ही नाप का ब्रा पहनती थी ताकि उसकी चुचियों का कसाव बरकरार रहे,,,,, देखते ही देखते अपने होठों पर मुस्कुराहट भी खेलते हुए आराधना अपने ब्लाउस को उतार कर इस कोने में फेंक दी जहां पर साड़ी पड़ी हुई थी और फिर वह नजर भरकर ब्रा में कैद अपनी चूचियों को आईने में देखने के बाद अपने एक हाथ की उंगलियों को हरकत देते हुए उसे अपनी पेटिकोट की डोरी पर रख दी,,,, और अपने मन में सोचने लगी कि कुछ देर बाद उसके पेटिकोट की डोरी उसका बेटा अपने हाथों से खींच कर खुलेगा और यह खैर मन में आते ही उसके तन-बाद में उत्तेजना के लहर उठने लगी उसके बदन का हर एक तार झनकने लगा,,,, और फिर वह अपनी पेटीकोट की डोरी को अपनी उंगलियों में पकडते हुए खींच दी और उसके हिसाब करने पर कमर से कई हुई पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन पेटिकोट की डोरी वाली जगह आराधना की कमर के गोलाई में अपने लिए जगह बनाई हुई थी इसलिए उस‌जगह पर उसकी पेटीकोट ढीली होने के बावजूद भी टिकी रह गई थी क्योंकि वह अभी पूरी तरह से ढीली नहीं हुई थी,,,, और आराधना अपने दोनों हाथों की बीच वाली उंगली को पेटिकोट के अंदर डालकर उसे दोनों तरफ घूमर उसे अपनी कमर से ढीली कर ली और उसे उसी अवस्था में अपने हाथों से छोड़ने से पहले आगे से अपनी मुट्ठी में पकड़ ली और एक बार फिर से अपनी रूप लावण्य को देखने लगी,,,, आराधना अपनी जवानी अपना हुस्न देखकर अंदर ही अंदर गर्व महसूस कर रही थी,,, क्योंकि इस उम्र में भी वह पूरी तरह से जवानी से भरी हुई थी इस उम्र में भी उसकी ख्वाहिशें जवां थी,।


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greek typer
वह आईने में अपने आप को साफ देख पा रही थी उत्तेजना के मारे उसकी सांसे गहरी चल रही थी और गहरी सांसों के चलने की वजह से उसकी चूचियां जो कि अभी भी ब्रा में खेती थी वह ऊपर नीचे हो रही थी और उसकी ऊपर नीचे हो रही चूचियां खुद उसकी हालत को खराब कर रही थी तो मर्दों की बीसात ही क्या थी,,, आराधना समय की मर्यादा को अच्छी तरह से जानती थी खुद तो वहां अपनी मर्यादा को लग चुकी थी लेकिन इस पल की मर्यादा को लांघना नहीं चाहती थी क्योंकि वह समय में रहकर अपने बेटे को आश्चर्यचकित कर देना चाहती थी जिसके लिए उसकी बेटी ने पूरी तैयारी करके रखी थी,,,। और इसीलिए वहां अपनी पेटीकोट को जो कि वह मुट्ठी में पकड़ रखी थी अपनी मुट्ठी को खोल दी और उसकी पेटिकोट मुट्ठी में सरकती हुई रेत की तरह भरभरा कर उसके कदमों में जा गिरी और आराधना आईने के सामने ब्रा और पेटी में आ गई,,,, इस रूप में भी आराधना का रूप यौवन पूरी तरह से मिला हुआ नजर आ रहा था वैसे तो वह कपड़ों में जिस तरह की सुंदरता की मूरत दिखाई देती थी उससे भी कई ज्यादा मदहोश कर देने वाली सुंदरता उसकी नग्नता में नजर आती थी,,,, और आराधना अपने बदन की नग्नता की ओर अग्रसर थी,,,, उसे संपूर्ण रूप से वस्त्र विहीन होने में अभी भी केवल दो वस्त्र ही रह गए थे जो औरतों की जवानी और मर्दों की उत्तेजना के केंद्र बिंदु बने रहते हैं उसकी ब्रा और उसकी पेंटिं जिसमें वह दुनिया का सबसे बेस्ट कीमती खजाना छुपाए बैठी थी,,, चुची और चूत,,,, यह दो शब्द ऐसे थे जिसके लिए मरद किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है औरतों के इस दो अंग को पाने के लिए वह पूरी ताकत झोंक देता है और इसे प्राप्त कर लेने के बावजूद भी अपनी मर्दाना ताकत दिखाने के लिए उसे अपनी जवानी का रस नहीं छोड़ देना पड़ता है जिसमें बहुत कम लोग ही कामयाब हो पाते हैं और जो कामयाब हो जाते हैं औरतें उनकी मर्दानगी की दीवानी हो जाती है जैसा की आराधना अपने बेटे की मर्दानगी की पूरी तरह से दीवानी हो चुकी थी,,,,।

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अब समय आ गया था आराधना को नंगी होने के लिए और इसीलिए वह अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोलने लगी और अगले ही पल वह अपनी ब्रा कहो को खोलकर धीरे से नजाकत दिखाते हुए अपने दोनों हथेलियां को अपनी चूची पर रखकर ब्रा के कप को अपनी हथेली में लेकर उसे धीरे से अपनी बाहों में से ब्रा की डोरी को निकलने लगी और अगले ही पल उसकी छाती से उसकी ब्रा अलग हो चुकी थी और ब्रा के अलग होते ही उसकी सुंदरता में चार चांद लग गए थे जिसमें से दो चांद उसकी छाती पर नजर आ रहे थे,,,,, वैसे तो औरतें आसमान में चांद को देखकर अपना व्रत तोड़ती है लेकिन मर्द हर एक रात को अपनी बीवी के दोनों चांद को देखकर ही उसकी रोशनी में नहाते हैं,,,,।



आराधना आईने में अपनी दोनों चूचियों को देख रही थी जो की खरबूजे के आकार में एकदम गोल नजर आ रही थी और सबसे आश्चर्यचकित कर देने वाली बात यह थी कि अभी भी उसकी छातिया की शोभा बढ़ा रही है उसकी दोनों चुचियों में बिल्कुल भी ढलाव नहीं आया था उसमें जरा भी लचकपन नहीं था आज भी जवानी के दौर की तरह ही एकदम मजे हुए सैनिक की तरह जवानी के मुख्य द्वार पर सीना ताने खड़े थे,,,, आराधना की यह वही चूचियां थी जिसे देखकर अच्छे अक्षरों के मुंह में पानी आ जाता था हालांकि संजू से ज्यादा और कोई भी खुशकिस्मत नहीं था क्योंकि संजू तो अपनी मां की नंगी चूचियों के दर्शन रोज ही करता था और उनसे खेलते भी था लेकिन बाकी के मर्द तो केवल उन्हें वस्त्र में देख कर ही केवल अंदाजा लगाकर ही अपनी उत्तेजना को शांत करने के लिए अपने हाथों का प्रयोग करते थे जबकि संजू अपनी मां की दोनों जवानी से खेल कर उसके छोटे से गुलाबी छेद में अपना औजार डालकर अपनी जवानी का रस निकलता था,,,, अपनी कई हुई चूचियां देखकर आराधना के होठों पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि उसे इस बात का करवा था कि इस उम्र में भी उसकी चुचियों का कसाव बरकरार था और यह सब उसकी देखरेख और संजू के प्यार का नतीजा था,,,, एक बार ना चाहते हुए भी वह अपने दोनों हाथों को अपने दोनों चूचियों पर रखकर उसे हल्के-हल्के सहलाते हुए उत्तेजना के आसार में हल्के से दबा दी और उसे दबाते ही उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए और वह अपनी ही नजर में शर्मा गई,,,,। वह इस बात से और ज्यादा उत्तेजित और उत्सुक थी कि थोड़ी देर बाद उसका बेटा उसकी दोनों जवानियों को अपने हाथों में लेकर जी भर कर खेलेगा उन्हें टमाटर की तरह लाल कर देगा,,,, और यही सोचते हुए आराधना अपनी पैंटी की तरफ नजर डालकर देखने लगी उसे अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी पेंटी के निचले हिस्से पर गीलापन महसूस हो रहा था जो की आईने मे उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी पैंटी आगे से पूरी तरह से गिली हो चुकी थी। और अपनी स्थिति को देखकर वहां खुद आईने के सामने शर्म से पानी पानी होने लगी क्योंकि अभी तो शुरुआत थी अभी तो पूरी रात बाकी थी अभी तो वह कमरे में केवल अकेली थी अभी तो उसका साजन आना बाकी था जो उसे बिस्तर पर ले जाकर उसके बदन को अपनी बाहों में लेकर उसे तार-तार कर देने वाला था,,,, उसके छोटे से गुलाबी छेद को अपने औजार से फैलाकर भोसड़ा बना देने वाला था और इन सब के लिए वह अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर रही थी वह जानती थी कि आज की रात उसके जीवन की यादगार रात होने वाली थी इसीलिए तो उसकी चूत बार-बार पानी छोड़ रही थी ,,,,।

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अपनी गीली पेंटी को नजर अंदाज करके वह अपने दोनों हाथों की नाजुक उंगलियों को हल्के से दोनों तरफ से अपनी पैंटी के अंदर प्रवेश कर कर उसे उंगलियों के सहारे से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे नीचे की तरफ सरकाने लगी यह नजारा भी क्या खूब था,,, आराधना अपनी उंगलियों को हरकत दे रही थी और इस अंदाज को इस नजारे को वह आईने में देख रही थी जैसे-जैसे उसके बदन की चड्डी नीचे की तरफ जा रही थी वैसे-वैसे उसकी जवानी का केंद्र बिंदु आईने में साफ नजर आ रहा था,,,, चूत पर मखमली बाल का रेशा तक नहीं था क्योंकि आराधना की इबादत पड़ चुकी थी वहां दो-तीन दिन के बाद खुद क्रीम लगाकर अपनी चूत के बाल को एकदम साफ कर देती थी एकदम चिकनाहट भारी रखती थी ताकि उसके बेटे का इमान बार-बार उसे देखकर फिसलता रहे,,,,, और देखते ही देखते आराधना को आईने में उसकी खुद की कचोरी जैसी खुली हुई चूत एकदम साफ नजर आने लगी अभी वह चड्डी को केवल अपनी चूत के आकार के नीचे तक ले गई थी यह नजारा देखकर उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी वह जानती थी कि जब उसकी हालत हो रही है तो जब उसका बेटा अपने हाथों से उसकी चड्डी उतारेगा उसकी गुलाबी चूत को देखेगा तो उसकी क्या हालत होगी,,, लेकिन इतना तो वह जानते ही थी कि संजय के लिए तो यह उसका रोज का काम था,,, लेकिन वह इस बात को भी अच्छी तरह से जानती थी कि आज की रात इस तरह से उसके लिए खास थी उसके बेटे के लिए भी बेहद खास होने वाली थी इसलिए आज जो कुछ भी होगा उसके और उसके बेटे के जीवन में पहली बार होगा और आज की रात दोनों के जीवन को पूरी तरह से बदलकर रखने का इसीलिए वह उत्सुक थी कि जब उसका बेटा अपने हाथों से उसकी चड्डी उतरेगी और उसकी गुलाबी चूत देखेगा तो उसके चेहरे के भाव कैसे नजर आते हैं,,,। यही सब सोते हुए आराधना अपनी चड्डी को देखते-देखते अपने घुटनों के नीचे तक ले आई और उसके बाद खुद एकदम से खड़ी हो गई अपने पैरों के सहारे से अपने पैर में से अपनी चड्डी को उतार दी और अपनी ही चड्डी को अपनी पर के अंगूठे और उंगली का सहारा लेकर पड़कर उसे हल्के से ऊपर की तरफ उठाई और अपनी चड्डी को हाथ में लेकर वह अपनी चूत से निकल रहे काम रस को साफ करके पेंटिं को भी कमरे के कोने में फेंक दी,,,।

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पूरी तरह से नंगी हो जाने के बाद आराधना अपने आप को अपने रूप को आईने के अंदर देखने लगी और अपनी नितंबों को आईने की तरफ घूमर अपनी नजर को तिरछी करके आईने में अपनी गोलाकार गांड को देखने लगी जो कि एकदम जानलेवा नजर आ रही थी कमर से नीचे का भाग पूरी तरह से उन्नत पहाड़ की तरह उभर कर नजर आ रहा था जिसे देखकर उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,, और वह अपने मन में ही कहने लगी कि इस गाने को देखकर तो उसका बेटा चारों खाने उचित हो जाएगा,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसका गोरा बदन एकदम दूध की तरह चमक रहा था वह बार-बार आईने में अपनी नितंबों को देख रही थी और अपने दोनों हथेलियां को उसे पर रखकर हल्के हल्के सहला रही थी,,,,, उसे अपनी नितंबों की त्वचा एकदम मक्खन मलाई की तरह फिसलते हुई महसूस हो रही थी और वह इस बात से खुश थी कि जब उसका बेटा अपने होठों से उसके नितंबों का स्पर्श करेगा तो वह मदहोश हो जाएगा और जी भर कर उसके नितंबों से खेलेगा उसके छोटे से छेद पर जीभ लगाकर चाटेगा,,,, अपने मन में यही सोचते हुए आराधना को एक शरारत सूझी और वह थोड़ा सा आगे की तरफ झुककर अपने नितंबों की तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथों से अपनी गांड के दोनों आंखों को हल्के से फैला कर अपनी गुलाबी छेद और अपनी गांड के बुरे छेद की तरफ देखने लगी और दोनों ही छेद पूरी तरह से मर्दाना अंग को अपने अंदर लेने के लिए आतुर नजर आ रहे थे अपने छोटे से छेद को देखकर आराधना के तन-बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,, और वह अपने मन में सोचने लगी की औरत के यही दो छेद मर्दों को पूरी तरह से जीवन भर औरत का गुलाम बनाकर रख देती है,,,,,।

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थोड़ी देर में वह अपनी पूर्व वत स्थिति में आ चुकी थी,,, और टेबल पर पड़े अपने लाल रंग के जोड़े की तरफ देख रही थी कपड़ों को पहनने से पहले वह अलमारी की तरफ गई और उसमें से जो कि अभी भी अलमारी खुली हुई थी वह एक हल्के खुशबू वाला परफ्यूम निकाली और उसे हल्के से अपने हाथ को ऊपर करके अपनी कांख में उसे परफ्यूम को स्प्रे करने लगी ताकि उसमें खुशबू बरकरार रहे और फिर वह उसे परफ्यूम को हल्के से अपनी चूत पर भी मार कर उसे खुशबूदार बना दी ताकि जब उसका बेटा उस पर जीभ लगाकर चाटे तो वह उसकी खुशबू से और ज्यादा मदहोश हो जाए,,,,,, आराधना किसी भी तरह से इस यादगार रात को पूरी तरह से अपनी मधुर एहसास से भर देना चाहती थी ताकि उसका बेटा जिंदगी भर उसकी जवानी की प्यास बुझाता रहे,,,,।

अपने बेटे के द्वारा खरीदी गई चड्डी को अपने हाथ में लेकर उसे उत्तेजना के मारे अपनी चूत फूलती और पिचकती हुई महसूस होने लगी उसे जालीदार चड्डी को देखकर वह समझ गई थी किस पहनने के बावजूद भी अपनी चूत छुपाने का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि सब कुछ नजर आ रहा होगा और यही सोचकर वह चड्डी को वापस टेबल पर रखती और फिर लाल रंग की बरा अपने हाथों में ले ले जो कि वह भी जालीदार था जिसमें से उसकी चूचियां उसकी निप्पल सब कुछ नजर आने वाली थी वह मुस्कुराते हुए ब्रा को पहनने लगी,,,, और देखते ही देखते अपने गर नंगे बदन पर ब्रा को पहनकर वहां दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर अपनी ब्रा का हुक बंद कर दी और आईने में अपने आप को देखने लगी,,, गोरे बदन पर लाल रंग की ब्रा बहुत ही खूबसूरत लग रही थी और जालीदार ब्रा में से उसकी नंगी गोरी गोरी चूचियां झलक रही थी और साथ ही उसकी चॉकलेटी रंग की छोटी सी कैडबरी जैसी चॉकलेट भी उत्तेजना के मारे तनकर अपना अस्तित्व दिख रही थी,,,, आराधना अपने दोनों हथेलियां को अपनी चूचियों पर रखकर उसे हल्का सा ऊपर की तरफ उठाकर उसे ब्रा में अपनी चूचियों को फिट करने लगी और फिर मुस्कुराते हुए वहां फिर से अपनी लाल रंग की चड्डी को अपने हाथों में ले ली और फिर नीचे की तरफ झुक कर उसमें एक-एक करके दोनों पैरों को डालकर अपनी चड्डी को ऊपर की तरफ उठने लगी और अगले ही पर वह अपनी छोटी सी गुलाबी छेद को उसमें छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए अपनी चड्डी को पहन ली लेकिन आईने में देखकर उसे साफ पता चल रहा था की चड्डी में उसका अंग बिल्कुल भी छुपा नहीं था ,,, जालीदार चड्डी में उसकी खुली हुई चूत का हर एक हिस्सा नजर आ रहा था और उसे जालीदार चड्डी से उसकी चूत पूरी तरह से चिपकी हुई थी इसलिए उसका आकार भी एकदम साफ नजर आ रहा था खुद अपनी चूत को देखकर आराधना के दिल की धड़कन बढ़ चुकी थी,,,,,

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वह मुस्कुराते हुए अपने लाल रंग के ब्लाउज को अपने हाथों में ले ली और उसे पहनने लगी और एक-एक करके अपने सारे बटन को बंद करके वह ब्लाउज को व्यवस्थित करके पेटिकोट की तरफ हाथ बढ़ा दे पेटिकोट को पहनने के बाद उसे इस बात का एहसास होगा कि लाल रंग की पेटिकोट उसके नितंबों से एकदम चिपकी हुई थी पेटिकोट का कसम उसके नितंबों पर एकदम जबरदस्त कसा हुआ था जिसकी वजह से उसके नितंबों का आकार भी एकदम खुलकर सामने नजर आ रहा था,, वहां पेटीकोट को पहन कर उसकी डोरी को गीठान मारते हुए आईने की तरफ घूम कर अपने नितंबों को देख रही थी जो की काफी ऊभरी हुई नजर आ रही थी,,, और फिर देखते ही देखते वहां लाल रंग की साड़ी को पहनकर एकदम दुल्हन की तरह तैयार हो चुकी थी,,,,, लेकिन अभी भी उसका सिंगार बाकी था,,,।

वह धीरे से अलमारी की तरफ गई और ड्रोवर खोलकर,,, उसमें से अपने गहने और चूड़ियां निकलने लगी और उसे एक-एक करके अपनी कलाइयों में सजने लगी देखते-देखते वह अपनी दोनों कलाइयों में ढेर सारी चूड़ियां लाल रंग की हरी रंग की पीले रंग की पहन ली थी और उसकी चूड़ियों की खनक से पूरा कमरा मधुर संगीत से गुंज रहा था,,,, वह धीरे-धीरे अपनी शादी के गहने भी पहने लगी और फिर माथे पर बिंदी लगाकर वह लाल रंग की लिपस्टिक अपने होठों पर लगाकर अपने रूप यौवन को और भी मादकता प्रदान करने लगी लाल रंग की लिपस्टिक लगाकर तो वह वाकई में एकदम दुल्हन की तरह नजर आ रही थी जिसे देखने के बाद किसी भी दूल्हे का लंड खड़े-खड़े पानी छोड़ दे,,,, वह दुल्हन की तरह सज कर तैयार हो चुकी थी,,,,। और यह सब वह मोहिनी के द्वारा दिए गए समय मर्यादा में पूरा कर ली थी वह अपने आप को अपने रूप यौवन को आईने में देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी कि तभी बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज आई और वह झट से बिस्तर पर फूलों की लाडो को अपने दोनों हाथों से हटाते हुए बिस्तर के बीचो-बीच दुल्हन की तरह सिमट कर जाकर बैठ गई,,,,, वह जान गई थी कि संजू वापस आ चुका था,,,।


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संजू अच्छी तरह से जानता था कि आज की रात उसके और उसकी मां की सुहागरात की रात थी लेकिन वह अपनी मां के कमरे में जाने से पहले अपने कमरे में गया जहां पर मोहिनी पहले से उसका इंतजार कर रही थी और उसे देखकर मुस्कुराते हुए बोली,,,।

आओ मेरे मम्मी के दुल्हेराजा,,,,

तेरा भी तो हूं,,,,,

वह तो है ही,,,, लेकिन आज की रात के लिए तो तुम मेरी मम्मी के दूल्हे राजा होना इसीलिए कह रही हूं कि एक दूल्हे की तरह तैयार हो जाओ,,,(इतना कहते हुए वह अपनी जगह से उठकर खड़ी हुई और पास में ही टेबल पर पड़े शेरवानी को उठाकर संजू की तरफ आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) लो ईसे पहन लो,,, और एक दुल्हन के लिए दूल्हा बन जाओ,,,,।

(मोहिनी की बात और शेरवानी की तरफ देख कर संजू थोड़ा आश्चर्य में पड़ गया और बोला ,,,)

यह सब क्या है,,,?

दूल्हे की पोशाक,,,,


क्या मोहिनी,, तू भी ना,,,,


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अब मैं कुछ नहीं सुनना चाहती बस जल्दी से इसे पहन कर तैयार हो जाओ,,,,,,

तू अपनी जीद पूरी करके ही रहती है,,,।

जीद पूरी करने में ही तो मजा है,,,, लो जल्दी से समय मत बर्बाद करो,,,, कमरे में मम्मी तुम्हारा इंतजार कर रही है,,,,।
(थोड़ी ही देर में संजू की शेरवानी पहनकर एकदम दूल्हे की तरह तैयार हो गया,,,, शेरवानी में संजू और भी ज्यादा खूबसूरत और गठीले बदन का लग रहा था,,,, उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए मोहिनी बोली,,,)

वह भाई तु तो एकदम सच का दूल्हा लग रहा है,,,, तुझे देखते ही मम्मी का पानी निकल जाएगा,,,,,।

बस अब बकवास बंद कर,,,,(संजू थोड़ा सा शरमाते हुए बोला,,,, वैसे तो वह कभी भी समाधान नहीं था लेकिन आज दूल्हा बनने के बाद उसे भी शर्म महसूस हो रही थी और अच्छा भी लग रहा था,,,,)

चलो मैं तुम्हें मम्मी के कमरे तक छोड़ देती हूं,,,,(और इतना कहने के साथ है मोहिनी अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे अपनी मां के कमरे के पास लेकर गई और दरवाजे के बाहर से ही आवाज लगाते हुए बोली,, )

आ गया तुम्हारा दूल्हा,,,,,(और हंसते हुए अपने कमरे में चली गई,,,,,, अंदर आराधना फूलों से सजाई हुई सेज पर बैठी हुई थी,,, मोहिनी की आवाज सुनते की उसका दिल जोरो से धड़कने लगा वाकई में आज उसे दुल्हन बनने का एहसास हो रहा था,,,,,, इसलिए अपने दूल्हे को दरवाजे पर खड़ा हुआ महसूस करके उसके अंदर की दुल्हन पूरी तरह से जागरूक हो चुकी थी और यह दुल्हन का एहसास उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में बड़े अच्छे से हो रहा था,,,, जिस तरह की उत्सुकता आराधना के मन में हो रही थी उसी तरह की उत्सुकता संजू के मन में भी हो रही थी वह भी अपनी दुल्हन से मिलने के लिए बेकरार था वैसे तो वह रोज ही मिलता था लेकिन आज के बाद कुछ और थी आज वह अपनी मां से नहीं बल्कि अपनी दुल्हन से मिलने जा रहा था इसीलिए वह धीरे से दरवाजे की सीटकनी को खोला और सीटकनी के खुलने की आवाज से ही आराधना का दिल बड़ी जोरों से धड़कने लगा,,,,

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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है संजू और आराधना की सुहागरात होने वाली है जो बहुत ही मजेदार होगी
 

Sanju@

Well-Known Member
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,,,कमरे का दरवाजा संजू ने अपने हाथों से खोल दिया था और सिटकनी की आवाज होते ही आराधना के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी शर्म और उत्तेजना के मारे उसका बदन फूलों के सेज पर संकुचाने लगा था,,,, उसका दिल बड़े जोरों से धड़कता था,,, ऐसा गजब का एहसास तो उसे अपनी सुहागरात वाली रात को भी नहीं हुआ था जैसा कि आज सिर्फ बनावटी सुहागरात वाली रात को हो रहा था,,,,,,, दोनों तरफ हाथ बराबर लगी हुई थी दोनों मां-बाप के जानते थे कि आज की रात को क्या करना है वैसे तो इस खेल को वह रोज रात को खेलते ही थे लेकिन आज की रात कुछ अलग ही थी आज की रात का जायका ही कुछ और था,, इसीलिए तो दोनों मिलन के लिए उत्सुक थे,,,, ना तो संजू ने और ना ही आराधना ने,,, कभी सपने में सोची थी कि उनके जीवन में ऐसा पल भी आएगा जब मां बेटे होने के बावजूद भी एक पवित्र रिश्ते को उतारकर करने के बाद एक अनोखे बंधन में बदलने के लिए उन दोनों को सुहागरात वाली रस्मो रिवाज से गुजरना होगा,,, लेकिन इसमें उन दोनों को किसी भी प्रकार का संकोच नहीं था बल्कि दोनों इस रस्मो रीवाज से गुजरने के लिए बेताब नजर आ रहे थे,,, ।



वैसे भी सुहागरात वाली रस्म बहुत ही गजब और अजीब भी है क्योंकि इसमें जो कुछ भी होता है सबको मालूम होता है जब लड़की का विवाह होता है तो उसके बाद पहली रात उसके जीवन की सुहागरात होती है जिसमें वर पक्ष को और वधू पक्ष को दोनों को पता होता है की सुहागरात वाली रात को क्या होने वाला है,,, लड़के के परिवार वाले,,, इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि सुहागरात वाली रात को उनका बेटा अपनी बीवी की चुदाई करेगा पहली चुदाई और लड़की के परिवार वाले भी अच्छी तरह से जानते हैं कि सुहागरात वाली रात को उनकी बेटी जमकर चुदवाती है अगर यही क्रिया को वह शादी से पहले करें तो समाज बातें होने लगती है थु थु होने लगता है लेकिन शादी के बाद उन्हें समाज की तरफ से कानून की तरफ से परिवार की तरफ से पूरा हक प्राप्त होता है कि वह जो चाहे वह कर सकते हैं,,,,।


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लेकिन अनुराधा और संजू के मामले में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि उन दोनों के बीच प्रेमी प्रेमिका या पति-पत्नी का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं था दोनों के बीच मां बेटे का पवित्र रिश्ता था जो कि इस रिश्ते को वह दोनों पहले से ही तार कर चुके थे और बाकी कसर आज की रात को उतार लेना चाहते थे उन दोनों के रिश्ते को ना कानूनी तौर पर मान्यता थी और ना ही सामाजिक तौर पर,,,, लेकिन दोनों के बीच शारीरिक संबंध प्रस्तापित था,,,, क्योंकि दोनों के बीच शारीरिक संबंध एक दूसरे की जरूरत थी या आप इसे मजबूरी कह लो या जरूरत दोनों एक दूसरे के पूरक हो चुके थे,,,,।



और इसी संबंध को और भी ज्यादा परिपकव बनाने के लिए संजू अपनी मां के कमरे में दाखिल हो चुका था कमरे में दाखिल होते ही उसकी नजर अपनी मां पर पड़ी तो वह दिखता ही रह गया उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,, फूलों से सजे बिस्तर पर लाल रंग के जोड़े में अपनी मां को देखकर संजू की आंखों में वासना का तूफान को मरने लगा वह मदहोश होने लगा इस रूप में वह पहली बार अपनी मां को देख रहा था हालांकि वह अपनी मां को संपूर्ण रूप से हर एक रूप में दे चुका था चाहे वह कपड़ों में हो या नंगी हर एक रूप का मजा संजू ले चुका था लेकिन दुल्हन के रूप में वह पहली बार देख रहा था इसलिए तो उसकी हालत खराब होती जा रही थी उसे सच में ऐसा लग रहा था कि आज उसकी शादी हुई है और आज की रात उसकी सुहागरात है और उसकी दुल्हन बिस्तर पर उसका इंतजार कर रही है,,,,, कमरे में दाखिल होते ही संजू की उपस्थिति का अहसास होते ही आराधना के तन-बाद में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी उसके बदन में कम से हाथ जोड़ने लगी जिसके चलते उसके हाथों में सजी रंग बिरंगी चूड़ियां शोर मचाने लगी और उसे रंग बिरंगी चूड़ियों की खनकने की आवाज से संजू केतन बदन में मदहोशी छाने लगी उसकी आंखों में चार बोतलों का नशा छाने लगा,,, बिना शराब पिए ही उसका मन बहक रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने शराब से भी ज्यादा मादक वस्तु जो पड़ी थी और वास्तव में औरत से ज्यादा मादक चीज दुनिया में और कोई नहीं है जिसे देखते ही चार बोतलों का नशा हो जाता है,,,,।



संजू इस समय दूल्हा बना हुआ था और बिस्तर पर उसकी मां दुल्हन बनी हुई थी दूल्हा का चोला पहनकर उसे इतना तो मालूम था की उसे क्या करना है,,, इसलिए वह धीरे से दरवाजा बंद किया और उसकी कड़ी लगाकर बंद कर दिया दरवाजे की कड़ी की आवाज सुनते ही न जाने आराधना के तन-बदन में कैसी हलचल होने लगती थी और वह मचल उठती थी ,,, शायद उसे इस बात का एहसास होने लगता था कि दरवाजा बंद होने के बाद संजू उसके साथ क्या करने वाला है उसकी चीज भर कर चुदाई करने वाला है,,,। और इसी एहसास मे वह पूरी तरह से डूबने लगती थी,,,, शेरवानी में संजू वाकई में दूल्हा लगता था और इस बात को आराधना अच्छी तरह से जान गई थी क्योंकि वह घूंघट होने के बावजूद भी उसमें से संजू को देख रही थी और अपने बेटे को दूल्हे के रूप में देखकर खुद उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी वह मदहोश हो रही थी,,,,। धीरे-धीरे संजू अपनी मां के बिस्तर के करीब आगे बढ़ने लगा और जैसे-जैसे उसके कदम बिस्तर की तरफ आगे बढ़ रहे थे वैसे-वैसे आराधना का दिल जोरो से धड़क रहा था और देखते ही देखते संजू बिस्तर के करीब पहुंच गया उसने चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखा तो दंग रह गया वाकई में मोहिनी ने इस कमरे को एक दुल्हन के कमरे की तरह ही सजा दी थी,,,,। मोहिनी के सोच और उसके दिमाग की दाद देते हुए संजू मन ही मन प्रसन्न होने लगा और उसकी नजर टेबल पर पड़े दूध के गिलास पर गई जो की पूरी तरह से काजू बादाम और केसर से भरा हुआ था और वह अपने मन में सोचने लगा कि इसे पीने के बाद तो है सुबह तक अपनी मां को सोने नहीं देगा,,,,, और फिर टेबल की तरफ आगे बढ़कर दूध के गिलास को वहां अपने हाथ में उठा लिया संजू की हरकत को आराधना घुंघट के अंदर से देख रही थी और उसका दिल जोरो से धड़क रहा था,,,,। उसके मन में भी वही चल रहा था जो संजू सोच रहा था वह भी यही सोच रही थी कि इतना प्रोटीन वाला दूध पीकर तो उसका बेटा रात भर ना खुद सोएगा ना उसे सोने देगा,,,, भले इस बात से उसके चेहरे पर चिंता की लकीर ऊपर आई थी लेकिन अंदर से वह भी यही चाहती थी कि उसका बेटा जी भर कर उससे प्यार करें,,,,।


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संजू दूध को एक ही सांस में गटक गया,,, और पी लेने के बाद डकार लेते हुए बोला,,,।



आज तो तुम्हारी खैर नहीं है,,,,।

(संजू की बात सुनते ही आराधना का दिल जोरों से धड़कने लगा,,, क्योंकि संजू का यह कहना बहुत कुछ जाहिर करता था आराधना समझ गई थी कि आज की रात संजु उसकी चूत का भोसड़ा बना देगा,,, क्योंकि अभी से उसकी शेरवानी में तंबू नजर आ रहा था,,,, आराधना उत्तेजना से कसमसा रही थीं,,, मोहिनी ने आज पलंग पर एकदम नरम नरम गद्दा बिछाई थी जिसकी वजह से आराधना जिस तरह से बैठी थी उसके नितंबों का भार वह नरम गद्दा झेल नहीं पा रहा था और वहां गड्ढा जैसा पड़ गया था,,,,। संजू दूध का ग्लास टेबल पर रखकर धीरे से बिस्तर पर बैठ गया उसे भी बिस्तर की नरमी महसूस हो रही थी इसलिए वह दोनों हाथों से गद्दो को दबाते हुए बोला,,,)



वाह मोहीनी ने बहुत अच्छा इंतजाम करके रखी है इस पर तुम्हें पटक कर चोदने में बहुत मजा आएगा,,,(अपने बेटे की बात को सुनकर आराधना कितने बदले में उत्तेजना के लहर उठ रही थी उसके चेहरे पर शर्मो हया की लाली साफ नजर आ रही थी,,,, लेकिन वह कुछ भी कह नहीं पा रही थी ना जाने क्यों आज उसे बहुत घबराहट हो रही थी शायद आज उसका रूप बदल चुका था,,,। पहले वह एक औरत और एक मां के रूप में अपने बेटे के साथ संभोग सुख का मजा लूटते थे लेकिन आज वही दुल्हन का रूप ले चुकी थी जिसकी आज पहली सुहागरात थी और शायद यही वजह थी कि आज की रात सुहागरात होने की वजह से वह शर्मा रही थी सहम रही थी,,,, संजू कुछ देर तक इस तरह से बिस्तर पर बैठकर अपनी मां को दुल्हन के रूप में सजी हुई देखकर उसे देखता ही रह गया,,,,। आराधना घूंघट में थी लेकिन फिर भी घुंघट के पट से उसका खूबसूरत चेहरा नजर आ रहा था अभी भी कमरे में ट्यूबलाइट जल रही थी जिसकी धुधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, संजू कुछ देर शांत रहने के बाद बोला,,,।)



वैसे तो तुम्हें घूंघट में पहली बार देख रहा हूं और तुम एकदम चांद की तरह खूबसूरत लग रही हो लेकिन,,,, मुझे असली चांद का दीदार करना है मैं आज तुम्हें दुल्हन की तरह सजी हुई देखना चाहता हूं मैं तुम्हारे खूबसूरत चेहरे को देखना चाहता हूं मैं देखना चाहता हूं की दुल्हन बनने के बाद तुम्हारा चेहरा कैसा निखर गया है,,,,।



(जवाब में आराधना कुछ भी नहीं बोल रही थी उसकी गहरी चलती सांस उसके मन की स्थिति को बयां कर रही थी संजू से रहा नहीं जा रहा था बहुत जल्दी से जल्दी इस खेल को शुरू करना चाहता था इसलिए अपना दोनों हाथ आगे बढ़ते हुए अपनी मां के घूंघट को दोनों हाथों से पकड़ लिया और बोला,,,,)



अपना खूबसूरत चेहरा तो दिखाओ मेरी जान,,,(और ऐसा कहते हुए वह अपनी मां के घूंघट को खोल दिया और घूंघट के ऊपर उठते ही आराधना का खूबसूरत चेहरा ट्यूबलाइट की रोशनी में चमकने लगा,,,, संजू तो देखता ही रह गया ऐसा लग रहा था कि जैसे पहली बार बार आराधना के खूबसूरत चेहरे को देख रहा हो,,, संजू से रहा नहीं गया और वह अपनी मां की खूबसूरती की तारीफ करते हुए बोला,,।)



मुझे तो अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा है दुल्हन बनने के बाद तो तुम और भी ज्यादा खूबसूरत हो गई हो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं पहली बार देख रहा हूं,,,,(इतना कहते हुए संजू अपना हाथ अपनी मां के चेहरे की तरफ आगे बढ़ाया और अपनी हथेली के ऊपरी भाग को तीन-चार उंगलियों से सर से लेकर उसके गोरे-गोरे गालों तक सहलाना शुरू कर दिया,,, और संजू की इस हरकत से वह उत्तेजना से सहन जा रही थी उसके होठ उत्तेजना से थरथरा रहे थे उसके चेहरे का रंग बदलता जा रहा था और आंखों में वासना का सागर उमड़ रहा था जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाई और अपनी आंखों को बंद कर ली संजू को अपनी मां का यह रूप बहुत खूबसूरत लग रहा था संजू के बदन में भी उत्तेजना की लड़ाई उठ रही थी संजू अपनी उंगलियों को धीरे से अपनी मां के लाल लाल होठों पर लाकर उसे हल्के हल्के रगड़ना शुरू कर दिया उसकी ईस‌ हरकत पर आराधना की चूत से बदन रस का फवारा फूट पड़ा,,,, और उसके इस स्खलन से आराधना पूरी तरह से हैरान हो गई थी क्योंकि इतनी जल्दी वह झड़ती नहीं थी लेकिन न जाने क्यों आज उसका पानी निकल गया था,,, वह बहुत गहरी गहरी सांस लें रही थी,,,,, आराधना को साफ महसूस हो रहा था कि उसकी लाल रंग की चड्डी उसके मदनरस से तरबतर हो गई थी,,,, और इस बारे में संजू को भनक तक नहीं लगी थी उसे ऐसा ही लग रहा था कि उसकी मां उत्तेजित हो रही है और वह उसके लाल लाल होठों को अपनी ऊंगलियों से ही जोर-जोर से मसल रहा था,,,,,।



गुलाब और चमेली के फूलों की महक से वातावरण और भी ज्यादा मादक होता जा रहा था,,,, ऊपर से उसकी मां की गर्म जवानी पूरी तरह से उसे बेकाबू बना रही थी,,, संजू से रहा नहीं गया और वह अपनी मां के लाल-लाल होठों का मर्दन करते हुए अपने प्यासे होठों को अपनी मां के देहकते हुए होंठ पर रख दिया और एकदम से मचल गया वह पल भर में अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होठों के बीच रखकर जबरदस्ती उसके होठों का रस पीना शुरू कर दिया और साथ ही अपना एक हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर रखकर उसकी खरबुजे जैसी चूचियो को दबाना शुरू कर दिया,,,, संजू की हरकत से उसकी मां पूरी तरह से उत्तेजना से चुर हो गई और कसमसाने लगी,,,, थोड़ी देर में वह भी उसका साथ देने लगी वह भी अपने होंठों को खोल कर उसकी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,। संजू पागलों की तरह अपनी मां की होठो का रसपान करते हुए उसके चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से जोर-जोर से दबा रहा था,,, संजू यह सब अपनी मां के साथ रोज ही करता था लेकिन हर एक बार ऐसा लगता था की पहली बार कर रहा हो,,,, इस तरह के गहरे चुंबन की वजह से दोनों का लार एक दूसरे के मुंह में आदान-प्रदान हो रहा था लेकिन फिर भी दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था दोनों पागल हुए जा रहे थे मदहोश हुए जा रहे थे दोनों मां बेटे का आज पहली बार सुहागरात होने वाली थी जिसे वह दोनों खूब मजा लेना चाहते थे और जिसकी शुरुआत संजू ने कर दिया था,,,,।



अपनी मां के लाल लाल होठों का रस पीते हुए संजू अपनी मां की साड़ी को उसके सर से उसके कंधे से हटाकर नीचे गिरा दिया था और फिर उसके ब्लाउज का बटन खोलते हुए उसके लाल लाल होठों का रसपान भी कर रहा था ,,,, उसकी मदहोश करते नहीं वाली चुचीया,, कबूतर की तरह ब्लाउज में फड़फड़ा रही थी जो कि आजाद होने के लिए मचल रही थी और संजू अपनी मां के दोनों कबूतरों को आजाद करना चाहता था इसलिए वह जल्दी-जल्दी अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोल रहा था,,,, संजू पर वासना पूरी तरह से सवार हो चुकी थी वह अपनी मां की जवानी में पूरी तरह से खो चुका था और उसके ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला,,,)



तेरी चुचियों में बहुत दूध भरा है मेरी जान आज दबा दबा कर पियूंगा बहुत सीना तानकर चलती है आज असली मर्द से पाला पड़ा है आज तेरी जवानी का रस कैसे बाहर निकालता हूं देखना,,,,



निकाल कर दिखा ऐसा कोई मर्द बन ही नहीं जो मेरी जवानी की प्यास बुझा सके तेरे लंड में भी इतना दम नहीं है कि जो मेरी चूत की प्यास को बुझा सके,,, लंड पटक कर रह जाएगा लेकिन तुझसे कुछ हो नहीं पाएगा,,,,।(आराधना भी मदहोशी में अपने बेटे को पानी पर चढ़ाते हुए बोल रही थी,,,,)



यह बात है मेरी जान तो आज देखना मेरा लंड कैसे तेरी चूत का भोसड़ा बनता है बहुत चिकनी चिकनी चूत है ना तेरी मक्खन जैसी आज पूरी दही निकालता हूं,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया,,,, और दोनों तरफ से पकड़ कर उसे पीछे की तरफ करके अपनी मां की गोरी गोरी बाहों से उसे निकालने की कोशिश करने लगा जिसमें उसकी मां भी मदद करते हुए अपनी बाहों को पीछे की तरफ करती थी जिससे उसका ब्लाउज बड़े आराम से निकल गया था और ब्लाउज के निकल जाने के बाद लाल रंग की जालीदार ब्रा में उसकी चूचियां बहुत ही जानलेवा नजर आ रही थी,,,, संजू तो अपनी मां को उसकी चूचियों को जालीदार ब्रा में देखकर पागल हो गया और बड़ा निकले बिना ही वह दोनों हाथों से उसकी चूचियों को दबाते हुए एक बार फिर से उसके लाल लाल होठों पर अपने होंठ रख दिया और उसके लाल-लाल होठों का रस पीना शुरू कर दिया वैसे भी संजू को अपनी मां की खूबसूरत बदन से हरकत करते हुए उसके लाल-लाल होठों को पीने में बहुत मजा आता था,,, । संजू अपनी मां की चूची ऊपर से दोनों हाथों को हटाकर वह उसे बाहों में ले लिया और उसे करके अपनी तरफ खींच कर दबा दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेलियों को घुमाना शुरू कर दिया,,,,।



आराधना पूरी तरह से मदहोशी के सागर में डुबकी लगा रही थी उसे मजा आ रहा था लेकिन कुछ अधूरा सा लग रहा था और संजू अपनी मां के मन की बात को जैसे समझ लिया था वह तुरंत अपनी बाहों के खेत से अपनी मां को आजाद किया और फिर अपने कुर्ते को उतार कर कमर के ऊपर से एकदम से नंगा हो गया उसकी चौड़ी छाती देखकर उसकी मां की चूत कल बुलाने लगी और फिर संजू एक बार फिर से उसे अपनी बाहों में कस कर दबाते हुए उसके लाल-लाल होठों को पीना शुरू कर दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेली को घुमाना शुरू कर दिया इसकी चौड़ी चिकनी पीठ पर हाथ घुमाने में अपनी हथेली फिराने में संजू को बहुत मजा आ रहा था एकदम मक्खन सा एहसास हो रहा था,,,,।



दूसरी तरफ मोहिनी से रहा नहीं जा रहा था वैसे तो वह अपनी मां के साथ मिलकर ही अपने भाई से चुदाई का मजा लुटती थी,,,, लेकिन आज वह अपनी आंखों से देखना चाहती थी अपनी मां की चुदाई और वह भी दुल्हन के रूप में अपनी मां की सुहागरात है वह अपनी मां को चुदवाते हुए देखना चाहती थी अपनी मां के चेहरे के हाफ-भाव को देखना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि उसकी मां दुल्हन बनने के बाद किस तरह से चुदवाती है और इसीलिए वह अपने मां पर काबू नहीं कर पाई और धीरे से अपने कमरे से बाहर निकल गई और फिर दबे पांव अपनी मां के कमरे के करीब पहुंच गई,,,। वह बिल्कुल भी आहट नहीं करना चाहती थी वह अपनी मां और अपनी बहन की सुहागरात में किसी भी प्रकार की खलल नहीं डालना चाहती थी वह चुपके से सब कुछ देखना चाहती थी इसलिए धीरे से दरवाजे की तरह से अपनी आंख सटकर अंदर की तरफ देखने लगी थोड़ी देर में अंदर का दृश्य सब कुछ साफ नजर आने लगा,,, उसकी किस्मत अच्छी थी कि अंदर ट्यूबलाइट चल रही थी और ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसे सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,,,। वह बिस्तर पर अपनी मां और अपने भाई को आलिंगन बद्ध देख रही थी,,, उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी मां के बदन से ब्लाउज उतर चुका था वह लाल रंग की ब्रा में थी,,, इस नजारे को देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी लेकिन एक बात की निराशा उसके मन में थी कि वह अपनी मां का ब्लाउज अपने भाई के हाथों से उतरता हुआ नहीं देख पाई,,,,। लेकिन ईस बात की खुशी भी थी कि अभी बहुत कुछ देखना बाकी था अभी तो शुरुआत हुई थी मंजिल अभी बहुत दूर थी और इस बात को अभी अच्छी तरह से जानती थी कि मंजिल से ज्यादा मजा सफर में आता है और अभी पूरा सफर बाकी था,,,,।



मोहिनी का दिल जोरो से धड़क रहा था उसका भाई अंदर कमरे में उसकी मां को अपनी बाहों में लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेली फिरा रहा था,,,, मोहिनी थोड़ा सा देर में पहुंची थी लेकिन फिर भी सही समय पर पहुंच गई थी सब कुछ देखने के लिए,,,, मोहिनी की सांस अटक गई थी अंदर के दृश्य को देखने के लिए और किसी भी प्रकार की हलचल नहीं करना चाहती थी वह नहीं चाहती थी कि दरवाजे पर उसके होने के एहसास से दोनों के बीच हो रही काम लीला में विध्न आए,, इसलिए वह अपनी सांसों पर भी काबू रखे हुए थे,,,,।



कमरे के अंदर का दृश्य धीरे-धीरे और भी ज्यादा गर्म होता जा रहा था,,,, अपनी मां की चुची को अपनी छाती पर महसूस करके संजू और भी ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था लेकिन अभी भी उसकी मां की चूची ब्रा की कैद में थी और संजू चाहता था कि उसकी मां की नंगी चूची उसकी नंगी छाती से रगड़ खाए,,,, और कोई पल होता तो शायद संजू एक झटके में अपनी मां की ब्रा को उतार सकता लेकिन आज की रात के लिए ही संजू ने इस ब्रा को खरीदा था इसलिए वह इतनी जल्दी अपनी मां के बदन से उसकी जालीदार ब्रा को अलग नहीं करना चाहता था,,,, वह इस खेल में धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहता था इससे सुहागरात को याद कर रात बना देना चाहता था इसलिए इस तरह से अपनी मां को अपनी बाहों में लिए हुए वह उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए बोला,,,।



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सच कहूं तो तुम्हें दुल्हन बनाने में और भी ज्यादा मजा आ रहा है मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम अपने ही बिस्तर पर दुल्हन बनी हुई मुझे परोसी जाओगी,,, तुम मुझे दुनिया की सबसे खूबसूरत हसीन औरत लगती हो और आज तो तुम्हारी खूबसूरती में चार चांद लग गया है,,,,(अपनी मां के खूबसूरत चेहरे पर उसके मखमली बालों की लातों को अपनी उंगली से पकड़ कर उसे उसकी कान के पीछे की तरफ ले जाते हुए बोला संजू की इस हरकत से आराधना पूरी तरह से गदगद हो गई,,,, वाकई में उसे संजू में इस समय अपना पति नजर आ रहा था,,, बालों की लटो को दुरुस्त करते हुए वह अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखने लगा और अपने बेटे के इस नजरिए से वह एकदम से शर्मा गई और अपनी नजरों को नीचे झुका दी,,, और उसका इस तरह से शर्माकर नजरों को झुकाना संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी बड़का गया और वह एक झटके से बिना सोचे और बिना अपनी मां को मौका दिए हुए अपने हाथ को उसके सर के पीछे ले गया और अपने चेहरे को नहीं बल्कि उसके चेहरे को ही अपनी तरफ खींचकर उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ को भिड़ा दिया,,,, अपने बेटे की ईस हरकत पर आराधना पानी पानी हो गई,,,,। और कमरे के बाहर खड़ी मोहिनी सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी अपने भाई की हरकत को देख रही थी अपनी मां के चेहरे पर शर्म की लकीरें देख रही थी सर में से उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था यह सब मोहिनी को अच्छी तरह से नजर आ रहा था संजू का अपनी मां से इस तरह से प्यार करना मोहिनी को उत्तेजित कर रहा था उसके तन-बदन में भी उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी लेकिन वह किसी तरह से अपने आप को संभाले हुए थी,,,,।



कुछ देर तक अपनी मां के लाल लाल हो तो का रसपान करते हुए जालीदार ब्रा के ऊपर से उसकी दशहरी आम को जोर-जोर से दबाते हुए संजू आनंद लेता रहा,,,, और फिर अपनी मां के होठों से अपने होठों को अलग करते हुए और गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की चूचियों की तरफ देखने लगा जो कि कसी हुई ब्रा में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और दोनों चूचियों के आपस में सट जाने की वजह से बीच की लकीर और भी ज्यादा गहरी हो गई थी,,, जिसमें संजू का मन डूब जाने को कर रहा था,,, संजू अपनी एक उंगली को अपनी मां की चूचियों के बीच की गहरी लकीर में डालकर उसे ऊपर नीचे करते हुए बोला,,,,।


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तुम्हारी चूचियों के बीच के गहरी दरार तुम्हारी चूत से काम नहीं है मम्मी कसम से इसके अंदर अगर लंड डाला जाए तो भी चुत का मजा देगी,,,,।



यह खेल तो अनाड़ी करते हैं असली मर्द अपने लंड को चूत में ही डालता है ना कि इधर-उधर,,,,,(आराधना उत्तेजित स्वर में बोली उसकी बात सही पता चलना था कि वह इस समय कितनी ज्यादा चुदवासी हो गई थी,,, बाहर खड़ी मोहिनी भी अपनी मां का जवाब सुनकर उत्तेजना से पानी पानी हो रही थी और उसे अपनी मां की बात में सच्चाई नजर आ रही थी क्योंकि वह भी जानती थी की असली मर्द औरत को असली सुख देने के लिए अपने अंगों को असली जगह पर ही डालता है ना कि इधर-उधर डालकर केवल समय व्यस्त करता है,,,,।)



बात तो तुम सही कह रही हो मम्मी लेकिन तुम्हारी कहीं बात,,, तुम्हारे पर लागू नहीं होती वह तो आम औरतों के लिए होती है तुम बहुत खास हो तुम्हारा अंग अंग,,,,(जालीदार ब्रा में से झांकती हुई दोनों निप्पल को दोनों हाथ की उंगलियों से पकडते हुए) जवानी से भरा हुआ है तुम्हारा खूबसूरत बदन खरा सोना है तुम्हारे हर एक अंग में मदहोशी छुपी हुई है,,, तुम्हारे बदन में कहीं पर भी लंड रगडो तो भी मजा चुदाई जितना ही आएगा,,,,,,,।

(अपने बेटे की इस बात से और उसकी हरकत से आराधना और भी ज्यादा मद होश हो रही थी,,, संजू लगातार ब्रा में से झांक रही दोनों निप्पल को पकड़कर उसे अपनी उंगलियों से रगड़ रहा था दबा रहा था। और उसके ऐसा करने पर आराधना की सांस ऊपर नीचे हो रही थी उसके बाद में उत्तेजना के लहर उठ रही थी,,, और यह सब देखकर मोहिनी की सलवार में भी हलचल होना शुरू हो गया था,,,,,।)



सहहहहह,,,,ऊमममममममम,,,,आहहहहहहह,,,,, तू तो मुझे पागल कर देगा रे,,,,,।(आराधना एकदम मदहोश होते हुए और सिसकारी लेते हुए बोली,,,, अपनी मां की बात और उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर संजू बोला,,,)



क्या मम्मी अभी से तुम्हारी हालत खराब हो रही है अभी तो शुरुआत हो रही है और तुम पानी पानी हो रही हो,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ब्रा के ऊपर से अपनी मां की चूचियों को अपनी हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,,,)



आहहहह ,,,, धीरे-धीरे से रे तू तो बड़ा जालिम है,,,,,



औरतों से प्यार करने के लिए जालिम बनना पड़ता है तभी औरत को भी मजा आता है,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू एकदम उत्तेजित होता हुआ अपनी मां की ब्रा की निचले हिस्से को दोनों हाथों से पकड़ कर एक झटके से ऊपर की तरफ उठा दिया जिससे उसके दोनों कबूतर एकदम से आजाद हो गए और खुली हवा में सांस लेने लगे अपने बेटे के ही हरकत पर प्यार भरा गुस्सा दिखाते हुए आराधना बोली,,,,)



अरे अरे यह क्या कर रहा है रे पागल हो गया क्या तू इतनी महंगी ब्रा है पहली बार में ही फाड़ देगा,,,,
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर सुहागरात है संजू और आराधना की मजा आ गया
 

Sanju@

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ओहहहह मम्मी मेरी रानी तुम्हें कपड़े की ब्रा की इतनी फिक्र है और जो थोड़ी देर में तुम्हारी चूत फटने वाली है उसका क्या,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां का जवाब सुन भी नहीं उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,,,, और आराधना एकदम से मस्त हो गई अपने बेटे के इस बात का उत्तर उसके पास बिल्कुल भी नहीं था लेकिन उसकी बात को सुनकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी और वह एकदम से मस्त हो गई थी,,,, और इस नजारे को दरवाजे के पीछे खड़ी होकर देख रही मोहिनी अपने मन में इस नजारे को देखकर बोली भाई की स्थिति देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि जो कुछ भी वह कह रहा है सच होने वाला है आज तो मम्मी की चूत की खैर नहीं है,,,,,,, और संजू पागलों की तरह अपनी मां की दोनों चूचियों को दोनों हथेली में लेकर बारी-बारी से मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया आराधना गहरी गहरी सांस ले रही थी वह उत्तेजना से छटपटा रही थी,,,,। और अपनी मां की हालत देखकर संजू को मजा आ रहा था थोड़ी देर तक वह इसी तरह से अपनी मां की चुचियों का रसपान करता रहा लेकिन अब समय आ गया था अपनी मां की खूबसूरत महंगी पर आपको उसके बदन से अलग करने का इसलिए वह अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीते हुए ही अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले गया और ब्रा का हक एक झटके से खोल दिया और उसकी मां की ब्रा उसके बदन से एकदम से ढीली हो गई,,,, जिसे संजू अपने हाथों से उतार कर उसे बिस्तर के नीचे फेंक दिया और उसकी मां कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी हो गई,,,, अपनी मां की नंगी छाती उसकी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियों को देखकर एक बार फिर से संजू उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी नंगी चूची को अपनी छाती से रगड़ने लगा ऐसा करने से मां बेटे दोनों को अत्यधिक आनंद और उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, संजू के साथ-साथ आराधना भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी उसकी चूत बार-बार पानी छोड़ रही थी एक बार तो वह झड़ भी चुकी थी उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी चूत में कितना मदन रस भरा हुआ है जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है,,,,।



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बाहर छुप कर देख रही है मोहिनी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी थी उसे साफ दिखाई दे रहा था ट्यूबलाइट की दूरी और रोशनी में उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां चमक रही थी जिसे देखकर उसके मुंह में भी पानी आ रहा था क्योंकि वह भी अपनी मां की चूचियों को मुंह में लेकर मजा ले चुकी थी,,,,।



कमरे में तूफान के आने की शुरुआत हो चुकी थी संजू प्यासी नजरों से अपनी मां के खूबसूरत बदन को देख रहा था अभी वह केवल कमर के ऊपर से नंगी हुई थी अभी भी उसके बदन पर वस्त्र थे और इस वस्त्र को उसके बदन से अलग करने के लिए संजू अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसकी साड़ी को खोलने लगा और बोला,,,,।



मम्मी तुम्हें धीरे-धीरे नंगी करने का मजा भी कुछ हो रहा है,,,,।



तुझे तो मजा आ रहा है लेकिन मेरी हालत खराब हो रही है तू तो मुझे सच में पागल कर देगा तेरी हर एक हरकत मेरी चूत में आग लग रही है,,,,।



चिंता मत करो मेरी जान तुम्हारी चूत की आग बुझाने के लिए मेरा हथियार भी तैयार हो गया है लेकिन थोड़ा समय लगेगा मैं चाहता हूं कितुम्हारी चूत की आग और भी ज्यादा भड़क जाए तभी तो उसे बुझाने में और ज्यादा मजा आएगा,,,,(संजू अपनी मदहोश कर देने वाली गंदी गंदी बातों से अपनी मां को बदहवास बना रहा था और उसकी कमर में भरी हुई साड़ी को धीरे-धीरे उसके बदन से अलग कर रहा था लेकिन वह जिस तरह से बैठी थी ऐसे हालात में साड़ी उसके बदन से उतर पाना बहुत मुश्किल नजर आ रहा था इसलिए वह खुद अपने बेटे की मदद करने के लिए अपने हाथों से ही अपनी कमर पर भारी साड़ी को खोलने लगी और देखते ही देखते अपने हाथों से वह अपनी साड़ी उतार कर बिस्तर से नीचे फेंक दी और वह बिस्तर पर केवल पेटीकोट में ही बैठ गई संजू अपनी मां को किसी भी हालत में देखा था वह और ज्यादा उत्तेजित हो जाता था और इस समय तो वह फूलों की सेज पर थी सुहागरात की रात को रंगीन करने की तैयारी में थी इसलिए संजू भी घुटनों के बल बिस्तर पर बैठकर और गहरी सांस लेते हुए इशारे से ही उसे अपनी शेरवानी खोलने के लिए बोला,,,, ।



दरवाजे के बाहर खडी होकर देख रही मोहीनी,,,,,, अपने भाई की ही हरकत को देखकर मदहोश होने लगी क्योंकि वह अपने भाई के इशारे को समझ गई थी और वह अच्छी तरह से जानती थी कि अब उसकी मां क्या करेगी इसलिए उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी वह अपनी मां को इस रूप में कई बार देख चुकी थी लेकिन आज की रात की बात कुछ और ही थी वह अपनी मां को बेशर्म बनते हुए देखना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि उसकी मां अब क्या करती है,,,।



संजू का इशारा पाते ही आराधना मदहोश होने लगी,,, वैसे भी वह अपने बेटे के शेरवानी में उसका तना हुआ तंबू देख ली थी इसलिए उसका मन और ज्यादा मचल रहा था,,,,। इसलिए बहुत तुरंत घुटनों के बल उठकर बैठ गई और अपने हाथों से अपने बेटे की शेरवानी की डोरी को पकड़कर एकदम से खींच दी और संजू की कमर से उसकी शेरवानी एकदम ढीली हो गई,,,, संजू काफी उत्तेजित हो चुका था वह अपने हाथों से ही अपने कपड़े उतार कर नंगा होना चाहता था लेकिन ऐसा तो वह हमेशा करता था आज कुछ अलग करना था इसलिए सब कुछ अपनी मां पर छोड़ दिया था और उसकी मां भी इस खेल में पूरी तरह से मजकर खिलाड़ी हो चुकी थी,,, इसलिए वह अपनी बेटी की शेरवानी को पकड़ कर नीचे खींच दी और उसकी शेरवानी उतर गई लेकिन अभी भी उसकी घुटनों में फंसी हुई थी,,, और इसलिए आराधना अपनी मादकता बिखेरते हुए उसकी छाती पर अपनी हथेली रखकर से हल्का सा धक्का दी और संजू बिस्तर पर चारों खाने चित हो गया,,,, संजू को अपनी मां की है अदा बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,,।)



हाय मेरी रानी आज तो कयामत बरसा रही हो जल्दी से मेरी चड्डी उतार कर मुझे नंगा कर दो,,,,।

(संजू का इतना कहना था की आराधना उसकी शेरवानी को पड़कर खींचकर उसके बदन से अलग कर दिया और फिर घुटनों के बल ही आगे बढ़ते हुए उसकी जांघों तक पहुंच गई, संजू उत्तेजित होता हुआ चड्डी के ऊपर से अपने तंबू को अपनी मुट्ठी में जोर-जोर से दबा रहा था यह देखकर आराधना उसका हाथ पकड़ कर उसके तंबू से अलग की और फिर खुद अपनी हथेली उसके तंबू पर रखकर उसे सहलाने लगी,,,,, संजू को अपनी मां की हरकत पूरी रंडी की तरह लग रही थी लेकिन इसमें उसे बहुत मजा आ रहा था अपनी मां की हरकत का मजा लेते हुए संजू अपनी आंखों को बंद करके कसमसाने लगा,,,,।


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ओहहहह मेरी रानी तेरे हाथों में तो जादू है बहुत मजा आ रहा है,,,,,आहहहहहह,,,,,,(संजू को अपनी मां का इस तरह से चड्डी के ऊपर से ही सहलाना बहुत अच्छा लग रहा था,,,,, लेकिन संजू और ज्यादा मजा लेना चाहता था,,,,। इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर उठा दे रहा था और उसकी मां उसकी हालत और ज्यादा खराब करते हुए अपने लाल-लाल होठों को खोलकर,,, चड्डी सहित उसके तंबू को अपने मुंह में भर ली और चड्डी के साथ ही उसके लंड को चाटना शुरू कर दी मुंह के अंदर की गर्माहट संजू अपने लंड पर महसूस करते ही मदहोश होने लगा,,,, उसकी सांसे खींचने लगी वह अपनी कमर को हौले हौले से ऊपर नीचे करने लगा जिससे कि उसकी मां के मुंह में चड्डी सहित उसका लंड अंदर बाहर हो रहा था दरवाजे के बाहर खड़ी होकर देख रही मोहिनी तो पागल हो जा रही थी अपनी मां की रंडी पान को देखकर उसके अंदर की भी रंडी पूरी तरह से जाग गई थी लेकिन वह अच्छी तरह से जानती थी कि इस समय कमरे के अंदर दाखिल होना अच्छी बात नहीं थी क्योंकि सुहागरात उन दोनों की थी उसकी नहीं इसलिए वह इस खेल का बाहर खड़े हुए देखकर ही मजा लेना मुनासिब समझी,,,,,।





ओहहहह मम्मी बहुत मजा आ रहा है,,,,आहहहह ऐसा तो तुमने आज तक नहीं किया आहहह,,,,,ऊममममममम्््््।।



(जवाब में आराधना और ज्यादा गर्म जोशी से संजू के लंड की सेवा करने लगी वह रह कर अपना दांत चड्डी के ऊपर से ही उसके लंड पर गडा दे रही थी जिससे संजू और ज्यादा मस्त हो जा रहा था,,,, लेकिन ज्यादा देर तक संजू अपने आप को रोक नहीं पाया और वह तुरंत अपनी कमर को जल्दी से ऊपर की तरफ उठाया और अपनी चड्डी को अपने हाथों से ही नीचे की तरफ खींच दिया और बाकी का काम आराधना अपने हाथों से कर दी और उसे पूरी तरह से नंगा कर दी,,,,। नंगे होने की शुरुआत आराधना से ही शुरू हुई थी लेकिन उससे भी पहले संजू खुद नंगा हो गया था और अभी भी उसकी मां के बदन पर पेटिकोट था,,,। चड्डी के उतरते हैं संजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड छत की तरफ मुंह उठाए लहराने लगा आराधना आश्चर्य से संजू के लैंड को देख रही थी और बोली,,,,।)



बाप रे संजू तेरा लंड तो आज कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा नजर आ रहा है यह तो मेरी चूत की हालत खराब कर देगा,,,,।





हालत क्या आज तो तुम्हारी चूत को मार मार के सुजा दूंगा,,,।(संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए बोला,,, तो उसकी बात को सुनकर आराधना बोली,,,)



ना मेरे लाल ऐसा बिल्कुल भी मत करना मेरी चूत बहुत मखमली है प्यार से करना,,,,।





तेरी छूट मखमली है लेकिन उसके अरमान बुलंदियों पर हैं धीरे-धीरे से तो उसे भी मजा नहीं आएगा और वैसे भी आज में मन में ठान लिया हुं की आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा,,,,।





हाय दइया तेरे मन की बात सुनकर तो मेरी हालत खराब हो रही है कहीं ऐसा ना हो कि सुबह तक तु मेरी ठुकाई करता रहे और मैं चलने लायक ना रहुं,,,,।





तो बिल्कुल भी चिंता मत कर मेरी रानी आज रात भर तेरी रंडी की तरह चुदाई करूंगा भले ही तु कल लंगड़ा कर चले लेकिन आज में सुहागरात पर सारे अरमान पूरे करूंगा,,,,





तू तो बड़ा जालिम है रे,,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना अपने बेटे के लंड पर से उसका हाथ हटाते हुए खुद अपना हाथ रख दी और उसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर नीचे करके मुट्ठी आने लगी,,, क्योंकि संजू की बात हो का उसे पर भी असर छा रहा था उसे भी मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की बात को पूरा होते हुए देखना चाहती थी महसूस करना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि उसका बेटा अगर मन में ठान लिया है तो जरूर उसकी चूत का भोसड़ा बना देगा और उसे भी मजा आएगा,,,,)



बस अब बिल्कुल भी देर मत कर,,, मुंह में ले ले,,, अपने लॉलीपॉप को,,,,,

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(फिर क्या था इतना सुनते ही आराधना तुरंत अपने खूबसूरत लाल-लाल होठों को अपने बेटे के लंड के करीब लाई और उसे धीरे से खोलकर आलू बुखारे जैसे सुपाड़े को अपने होठों में भर ली और उस पर चुंबन करते हुए उसे अपने मुंह में प्रवेश कराने लगी,,,, आराधना की यह हरकत बेहद कामनीय थी,,, अपनी मां की इस अदाकारी से उसके इस कामुक क्रियाकलाप से संजू चारों खाने चित हो गया था,,,, वैसे भी आराधना इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी इसलिए मुंह में लंड लेने की प्रक्रिया वह अच्छी तरह से जानती थी और तरह-तरह के क्रियाकलाप से वह अपने बेटे को खुश करना जानती थी यह उन्हीं में से एक थी,,,। देखते ही देखते धीरे-धीरे आराधना एक मां होने के बावजूद भी अपने बेटे के साथ पूरी तरह से एक औरत बनी हुई थी जिसकी आज सुहागरात थी और सुहागरात को एक पत्नी का धर्म था अपने पति की काम इच्छाओं की पूर्ति करना,,, और इस समय आराधना वही कर रही थी धीरे-धीरे करके आराधना अपने बेटे के मुसल जैसे लंड को अपने गले तक प्रवेश कर ली,,,, और उसे अंदर बाहर करना शुरू कर दी,,,, सुहागरात की मदहोशी में उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान संजू मदहोश होता हुआ हल्के हल्के अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह एक तरह से अपनी मां के लाल-लाल होठों के बीच अपना लंड डालकर उसके मुंह को चोद रहा था,,,,, और आराधना मुंह के अंदर घुसे हुए अपने बेटे के लंड के सुपाडे पर उसके सुपाड़े के निचले स्तर पर अपनी जीभ का करामत दिखाकर उसके लंड की कठोरता को और ज्यादा बढ़ा रही थी,,,, संजू की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी,,,, अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसते हुए आराधना घोड़ी बन गई थी और संजू हौले हौले से अपनी कमर हिलाता हुआ,,, अपनी मां की गोलाकार नितंबों की तरफ देख रहा था क्योंकि चिकनी पीठ के बीचों बीच उपस रही पतली दरार सीधा उसके नितंबों के बीचो-बीच की गहरी बिंदु रेखा तक जा रही थी जिसे देखकर संजू केतन बदन में उत्तेजना की लहर और ज्यादा उछाल मारने लगी,,, संजय से रहने कि आगे की तरफ झुक कर अपनी मां की चिकनी पीठ पर अपने हथेली को दबा कर आगे की तरफ बढ़ती है उसकी कमर को थाम लिया और फिर हौले हौले से अपनी कमर को आगे पीछे करता हुआ जोर से इसके नितंबों पर चपत मारते हुए उसकी गदराई गांड को अपनी दोनों हथेलियां में दबोच लिया,,,, उत्तेजना के चलते संजू ने बड़े जोरों का चपत उसकी गांड पर लगाया था,, जिसके चलते आराधना एकदम से चौंक गई थी लेकिन मुंह में लंड घुसा होने की वजह से उसके मुंह से केवल,,,,,ऊमहहहहह,,,, इतना ही निकल पाया था क्योंकि वह भी अपने बेटे के लैंड को अपने मुंह में से बाहर निकाल कर अपने मजा को किरकिरा नहीं करना चाहती थी,,,, वह इस तरह से नितंबो में दर्द का एहसास होने के बावजूद भी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती रही,,,,।





इस नजारे को छुप कर देख रही मोहिनी भी मदहोश होने लगी मां बेटे की गरमा गरम कामलीला को देखकर उसके तन बदन में भी आग लग रहा था उसका भी मन बार-बार मचल रहा था दोनों के बीच शामिल होने का लेकिन वह किसी तरह से अपने आप को रोके हुए थे लेकिन अपने भाई की हरकत को देखकर उसका हाथ खुद ब खुद सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर आ गया था जिसे वह सलवार के ऊपर से ही मसल रही थी,,,। और अपने मन में ही बोल रही थी वाह रे मेरे भाई तेरे जैसा मर्द किसी को भी मिल जाए वह तो मत हो जाएगा देखते सही मां को कितना मजा आ रहा है साली एकदम कुत्तिया बन गई है,,,,आहहहहह ,,,,, अपने मन में ही अपनी मां के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना मोहिनी के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि वह अपनी मां की काम लीला की खुद सहभागी भी थी,,,, वह अच्छी तरह से जानती थी कि चार दिवारी में वह दोनों मां बेटी किसी रंडी से कम नहीं थी,,,,।



ओहहहह मम्मी मेरी रानी बहुत मजा आ रहा है कितना मस्त चुस्ती है तू,,,,आआआहहहह तेरे आगे तो रंडी फेल है,,,,आहहहहह मेरी छिनार मेरी बुरचोदी,,,,आहहहहहह पूरा अंदर लेकर चुस,,, आज हम दोनों की सुहागरात है आज की रात में तुझे सोने नहीं दूंगा आहहहहहह मेरी रानी मेरी जान मेरी छिनार जोर-जोर से चाट,,,,(उत्तेजना के चलते संजू पूरी तरह से बदहवास हो चुका था वह अपनी मां से गंदे शब्दों में बातें कर रहा था और मजे ले रहा था लेकिन अपने बेटे के मुंह से इस तरह की गंदी बातें अपने लिए गली यह सब कुछ आराधना को बहुत अच्छी लग रही थी खास करके इस तरह के कार्य में तो गाली और भी ज्यादा अहम भूमिका निभाती है,,,, और बाहर खड़ी मोहिनी भी अपने भाई के मुंह से गंदी-गंदी गालियां सुनकर और ज्यादा मत हो रही थी वह अपनी चूत को सलवार के ऊपर से बड़े जोरों से रगड़ रही थी मसाला रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वह अपनी चूत को अपने हाथों से छिल डालेगी,,,,।



और आराधना अपने बेटे के मुंह से इस तरह की गंदी गालियां सुनकर और भी जोरों से अपने बेटे को मुंह में लेकर चूस रही थी गले तक पूरा उतार दे रही थी हालांकि उसे सांस लेने में थोड़ी तकलीफ हो जाती थी लेकिन जिस तरह का आनंद उसे मिल रहा था वह अपने आनंद में किसी भी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं कर रही थी संजू इस तरह से अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर जोर-जोर से चपत लगता हुआ उसकी गोरी गोरी गांड को लाल करने में लगा हुआ था,,,,,। कुछ देर तक यह खेल इसी तरह से चलता रहा,,, संजू अपनी मां के मुंह में झड़ना नहीं चाहता था इसलिए वह अपनी मां की खूबसूरत चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को पीछे की तरफ लेटा हुआ अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी मां के लाल लाल होठों के पीछे से बाहर निकलने लगा उसकी मां भी अपने बेटे की हरकत समझ गई थी इसलिए उसके साथ जबरदस्ती करना मुनासिब नहीं समझी क्योंकि वह जानती थी कि उसका बेटा जो भी करेगा उसके भले के लिए ही करेगा,,, और देखते ही देखते आराधना के मुंह से उसके बेटे का लंबा लंड बाहर निकल गया उसे पर आराधना का थुक लार पूरी तरह से लगा हुआ था वह अपने मुंह में अपने थुक और लार से अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से सान दी थी,,,,। अगर इस समय संजू अपने लंड को अपनी मां की गांड के छेद में डालना चाहता तो बड़े आराम से उसके भूरे रंग के छेद में उसका मोटा तगड़ा लंड प्रवेश कर जाता क्योंकि उसकी मां ने अपने मुंह में लेकर अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से चिकना बना दी थी,,,।



गहरी सांस लेते हुए संजू अपनी मां के कंधों को पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर की तरफ उठाया अभी भी आराधना गहरी गहरी सांस ले रही थी क्योंकि उसके मुंह से अभी-अभी उसका मोटा तगड़ा लंड जो बाहर निकला था,,, संजू अपनी मां की खूबसूरत चेहरे पर उसके लाल-लाल होठों को देखा ही रह गया और एक बार फिर से अपने होठों को उसके होठों पर रखकर चुंबन करने लगा और उसकी दोनों खरबूजा को दोनों हाथों से पकड़ कर दबाते हुए उसे घुटनों के बाल बैठा दिया और फिर लगातार चुंबन का लुफ्त लेते हुए अपनी मां के लाल-लाल होठों का रस पीते हुए वह एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को पकड़कर एक झटके से खींच दिया,,,, संजू की हरकत पर आराधना की कमर पर कसके बंधी हुई पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन कमर पर अभी भी उसकी पेटीकोट टिकी हुई थी,,,, और संजू बिना देरी किए पेटिकोट को एक हाथ से कमर से पकड़ कर नीचे गिरा दिया जो कि उसके घुटनों में जाकर अटक गया क्योंकि वह घुटना मोड कर बिस्तर पर बैठी हुई थी,,,। और संजू की उसके वस्त्र हरण की प्रक्रिया को यहीं रोक दिया और उसे बाहों में भरकर उसके होठों का रसपान करते हुए अपने हाथ को नीचे की तरफ ले लिया और सीधे अपने हाथ को अपनी मां की चड्डी में डाल दिया और उसकी कचोरी जैसी फुली हुई चूत को मसलना शुरू कर दिया,,,, अपनी मां की चूत पर अपनी हथेली को रखते हैं संजू हैरान हो गया था क्योंकि उत्तेजना के मारे उसकी मां की चूत कुछ ज्यादा ही भूल चुकी थी और एकदम पानी से तरबतर हो चुकी थी उसकी हथेली पूरी तरह से भीग गई और वह अपनी मां को इस तरह से उसकी चूत रगड़ते हुए उसे मजा देता रहा ,,, अपने बेटे की ईस हरकत पर आराधना मदहोश होने लगी उत्तेजित होने लगी वह अपना आपा खोने लगे और गहरी गहरी सांस लेते हुए शिसकारी की आवाज निकालने लगी,,,, बाहर दरवाजे के पीछे खड़ी होकर छुपके अंदर देख रही मोहिनी की खुद की हालत खराब होती जा रही थी क्योंकि नजारा ही बेहद गरमा गर्म था जिस तरह की हरकत उसका भाई अपनी मां के साथ कर रहा था उसी तरह की हरकत खुद मोहिनी अपनी चूत के साथ कर रही थी वह जोर-जोर से अपनी चूत को सलवार के ऊपर से रगड़ रही थी,,,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसे सब कुछ साफ नजर आ रहा था अपने बेटे की हरकत पर उसकी मां अपने उत्तेजना को अपने काबू में नहीं कर पाई और वहां अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने बेटे के खड़े लंड को जोर से पकड़ कर दबाना शुरू कर दी,,,, आराधना से अपनी उत्तेजना बिल्कुल भी काबू में नहीं हो रही थी और वह जानती थी कि उसका बेटा पूरी तरह से तड़पाने के बाद ही उसकी चूत में अपना लंड डालेगा लेकिन फिर भी अपने बेटे से मिन्नत करते हुए बोली,,,,।





ससहहह। आहहहहह मेरे राजा तूने तो मेरी हालत खराब कर दिया है मेरी चूत में आग लगी हुई है जल्दी से जल्दी इसकी आग को बुझा ,,,, मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,, आहहहहह,,,,,ऊमममममममम,,, ,(अपनी आंखों को बंद किए हुए वह बदहवासी में बोले जा रही थी,,, संजू अपनी मां की हालत को अच्छी तरह से समझ रहा था लेकिन वह अभी अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालना नहीं चाहता था वह और ज्यादा अपनी मां को तड़पाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को अपनी मां की चूत में सरकाते हुए बोला,,,,,)



हाय मेरी छम्मक छल्लो,,, तू तो अभी से तड़प उठी अभी तो पूरी रात बाकी है अभी तो देखना मैं क्या-क्या करता हूं तेरे साथ,,,,,,(अपनी बेटी की बात सुनकर आराधना समझ गई थी कि इतनी जल्दी उसका बेटा उस पर मेहरबान होने वाला नहीं था इसलिए वहां अपनी पेटीकोट को जो कि उसके घुटनों में फंसी हुई थी उसे अपने हाथों से निकाल कर बाहर फेंक दी,,,, दरवाजे के पीछे खड़ी मोहिनी अपनी मां की हरकत को देखकर अपने मन में बोलने लगी की दूल्हे से ज्यादा तो बेकरारी दुल्हन नजर आ रही है और ऐसा कहते हुए वह धीरे से अपने हाथ को सलवार के अंदर डाल दी और अपनी चूत को सहलाने लगी,,,,।



कमरे के अंदर आग लगी हुई थी संजू अपनी मां की चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करते हुए उसके कंधे को पड़कर हल्के से थका दिया और उसकी मां पीठ केवल नरम गद्दे पर धम्म करके गिर गई,, और संजू घुटनों के बाल उसकी दोनों टांगों के बीच धीरे-धीरे पहुंचता हुआ उसकी मोटी मोटी जांघों पर अपने हॉट रखकर चुंबन करने लगा,,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघें मक्खन की तरह थी,,,, जिस पर चुंबन करने में और अपने होठ रगडने में संजू को बहुत मजा आ रहा था देखते ही देखते संजू उसकी मोती मोती दोनों जांघों के त्रिकोण वाले स्थान पर पहुंच गया,,, जहां से उसकी चूत का सफर केवल दो-तीन अंगुल जितना ही था और संजू जिस तरह से उसकी चूत के इर्द-गिर से चुंबन की बारिश कर रहा था,,, उसकी इस हरकत पर आराधना तिल तिल तड़प रही थी उसकी चूत से मदन रस की बारिश हो रही थी वह मदहोश हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के होठो को अपनी गुलाबी छेद पर महसूस करना चाहती थी,,,, उसका पूरा बदन कसमसा रहा था,,, और जहां-जहां उसके होठ घूम रहे थे आराधना अपनी चूत को उसके होठों की तरफ ले जाने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन संजू अपनी मां को चकमा देता हुआ अपने होठों की दिशा बदल दे रहा था लाल रंग की जालीदार पैंटी में उसकी मां की कचोरी जैसी फुली हुई चूत बेहद खूबसूरत लग रही थी,,, जिसे देखकर ही संजू के लंड की अकड़ बढ़ रही थी,,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 
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Sanju@

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,,अपनी मां की कचोरी जैसी फुली हुई चूत देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था उससे भी रहा नहीं जा रहा था,,, वह अपनी जीभ से अपनी मां की चूत से निकली हुई मलाई को चाटना चाहता था इसलिए केले के तने की तरह मोटी मोटी चिकनी जांघों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे खोलते हुए,,, संजू अपनी मां की लाल रंग की जालीदार चड्डी को नीचे से पकड़ कर उसके पतले डोरे जैसे छोर को अपनी मां की खुली हुई चूत के दूसरे और खींच कर रख दिया और उसकी चड्डी का वह पतला भाग भी खुली हुई चूत के सहारे एक तरफ टिक गई और संजू की आंखों के सामने उसकी मां की चिकनी चूत गुलाबी मुंह लिए हुए साफ नजर आने लगी,,,,, जिसमें से मदन रस लगातार बह रहा था और अपनी मां की चूत की इस तरह की हालत को देखकर संजू अपने आप को रोक नहीं पाया और अपने प्यासे होठों को अपनी मां की गुलाबी चुत पर रख दिया,,, जैसे आराधना अपने बेटे के होठो को, अपनी चुत के गुलाबी छेंद पर महसूस की,,,वह एकदम से मचल उठी,,, वह अपनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पाई,, और अपने आप ही उसकी भारी भरकम गांड लिए हुए उसकी कमर ऊपर की तरफ उठ गई,,,, और संजू भी अपनी मां की तड़प देखकर एकदम से तड़प उठा तुरंत अपनी मां की कमर दोनों हाथों से कम कर अपने प्यार से होठों को जोर से उसकी चूत की कटोरी डुबाने की कोशिश करने लगा,,,, आराधना एकदम से मदहोश हो गई और संजु अपनी हरकत को जारी रखते हुए अपनी मां की चूत चाटने लगा,,,,।

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संजू की हरकत पूरी तरह से मदहोश कर देने वाली थी जिस तरह से उसने ब्रा में कैद अपनी मां की चूचियों के साथ हरकत किया था वही हरकत वह अपनी मां की चूत के साथ कर रहा था पेंटि में होने के बावजूद भी बिना पैंटी उतारे संजू बड़े आराम से अपनी मां की चूत की मलाई को चाट रहा था,,, संजू अपनी जीभ को अपनी मां की पूरी चुत के ईर्द गिर्द गोल-गोल घूमा रहा था,,,। आराधना अपने बेटे की हरकत से कसमसा रही थी उसकी कमर के नीचे वाला भाग अपने आप कंपन का रहा था,,,, वह चाहती थी कि जल्द से जल्द संजू अपनी जीत को उसकी बुर की गहराई में डालकर उसकी मलाई को कुरेद कुरेद कर चाटे,,,, लेकिन यह बात भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसे तड़पाने के बाद हीं उसे मस्त करता था,,,। बिस्तर पर घमासान मचा हुआ था,,,, हालांकि अभी चुदाई का युद्ध होना बाकी था लेकिन चुदाई के युद्ध के पहले का अभ्यास जारी था जिसमें दोनों तरफ से बराबर दांव पेंच लडाए जा रहे थे,,,। संजू अपनी मां पर हावि होना चाहता था लेकिन आराधना भी कुछ कम नहीं थी आखिरकार वह थी तो उसकी मां ही इसलिए उसके हर एक दांव पेंच को पलट देती थी,,,। संजू अभी अपनी जीभ को अपनी मां की गुलाबी छेद में डालना नहीं चाहता था लेकिन,, मदहोशी के सागर में डुबकी लगाती हुई आराधना अपनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी इसलिए अपने हाथ आगे बढ़ाकर अपने बेटे के सर पर रखकर उसके बालों को कस के पकड़ ली और फिर अपनी कमर उठाकर जबरदस्ती अपनी गुलाबी बुर को उसके होठों पर रखने लगी और संजू अपनी जीभ को अपनी मां की चूत में डालने के लिए मजबूर हो गया वह भी अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली कचोरी जैसी खुली हुई चूत के आगे बेबस हो गया और उसकी कमर में दोनों हाथों को डालकर उसे कस के पकडते हुए लपालप चाटना शुरू कर दिया,,,, कमरे के अंदर पूरी तरह से आग लग गई जवानी से जवानी टकरा रही थी और बाहर खड़ी मोहिनी जवानी की आग में झुलूस रही थी,,,। वह अपनी मां की तड़प और अपने भाई की हवस देखकर उत्तेजना से पानी पानी हो रही थी,,, और वह अपना अपनी खुद अपनी उंगली डालकर निकालने की कोशिश कर रही थी,,,।।





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सहहहहह आहहहहहह,,,, मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,, पूरी जीभ डालकर चाट, आहहहहहह मेरे राजा तू तो मस्त चाटता है,,,।ऊमममममम तूने तो मेरी चूत में आग लगा दिया है,,, ऊफफ,, (ऐसा कहते हुए आराधना अपने बेटे के बालों को दोनों हाथों से कस के पकड़ कर अपनी कमर ऊपर की तरफ उठा देती थी जिसकी वजह से संजू पूरी तरह से मस्त हो जाता था,,,, वह भी अपनी मां के साथ पूरा मजा ले रहा था लेकिन अब समय आ गया था अपनी मां को नंगी करने का इसलिए वह तुरंत पल भर के लिए अपने होठों को अपनी मां की चूत से अलग करके और दोनों हाथों से अपनी मां की चड्डी को पकड़ लिया और एक झटके से खींचता हुआ उसे उतारना शुरू कर दिया,,,भारी भरकम गांड के नीचे पेटी तभी होने की वजह से निकलने में थोड़ा दिक्कत हो रहा था लेकिन अपने बेटे की उत्सुकता और उत्तेजना को देखते हुए आराधना तुरंत अपनी भारी भरकम गांड को एक बार फिर से हवा में उठा दी और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू भी बिल्कुल भी देखने की और अपनी मां की चड्डी को खींचकर बाहर निकाल दिया,,,,।



आराधना सब कुछ देख रही थी महसूस कर रही थी कि जितने प्यार से संजू ने उसके लिए चड्डी खरीदा था उतनी प्रेमी से जल्दबाजी दिखाते हुए चड्डी को खींचकर उसके बदन से अलग भी किया था और उसे पूरी तरह से नंगी भी कर दिया था,,, अब दोनों तरफ से हिसाब बराबर हो चुका था फूलों से सजी सेज पर सुहागरात के दिन मां बेटे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में थे,,,, ट्यूबलाइट की दुधीया रोशनी में संजू गहरी सांस लेते हुए अपनी मां के खूबसूरत नंगे बदन को देख रहा था और मुस्कुराते हुए बोला,,,।


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मेरी रानी तू तो पूरी नंगी होने के बाद स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा जैसी दिखती है,,,,,(अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर आराधना शर्मा गई और फिर संजू एक बार फिर से उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपने प्यास होठों को इसकी गीली चुत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,, दरवाजे के बाहर खड़ी मोहिनी है सब देखकर मदहोश हो जा रही थी उसकी चूत की आग ठंडी होने का नाम ही नहीं ले रही थी वह अपनी सलवार में अपनी हथेली को डालकर अपनी उंगली से अपनी गुलाबी छेद को कुरेद रही थी लेकिन इतने से उसे कहां शांति मिलने वाली थी कमरे के अंदर वह देख रही थी कि उसका बड़ा भाई और उसकी मां पूरी तरह से नंगी होकर मजा लूट रहे थे और वह दरवाजे के बाहर खड़ी होकर तड़प रही थी,,, इसलिए उससे भी रहा नहीं गया और वह अपने हाथों से अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,,। वैसे तो अक्सर उन दोनों को खुलकर सुहागरात का मजा लेने देना चाहती थी इसीलिए वह इसमें शामिल होना नहीं चाहती थी,,, हालांकि उसका मन तो बहुत कर रहा था लेकिन फिर भी वह अपने मां पर किसी तरह से काबू किए हुए थे लेकिन अपनी जज्बात पर वह बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी इसलिए अपने हाथों से अपनी सलवार की डोरी खोलकर तुरंत चड्डी सहित वह अपने घुटनों तक अपनी सलवार को खींच दी,,, अपनी हरकत से वह कमर के नीचे नंगी हो गई और फिर अंदर का नजारा देखते हुए मदहोश होकर वह अपनी हथेली को पूरी तरह से अपनी चूत पर रखकर अपनी हथेली में वह उस बेस कीमती खजाने को छुपाली,,, और उत्तेजना रत होकर वह कसके अपनी चूत को अपनी हथेली में दबा ली,,,, अपनी हरकत पर उसे भी बहुत मजा आ रहा था लेकिन सबसे ज्यादा मजा उसे कमरे के अंदर के दृश्य को देखने में आ रहा था जो की पूरी तरह से गर्मा चुका था,,,।



अंदर कमरे में बिस्तर पर धमाल मचा हुआ था आराधना संपूर्ण रूप से नंगी होकर बिस्तर पर चारों खाने चित होकर लेटी हुई थी,,,। उसकी दोनों टांगें फैली हुई थी और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका बेटा घुटनों पर बैठकर अपनी मां की दोनों जनों को अपनी हथेली में दबोचे हुए उसकी अपनी ए गुलाबी बुर को चाट रहा था,,,। यह नजारा बेहद काम उत्तेजना से भरा हुआ था,,,, आराधना जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी,,,।





सससहहहह आहहहहहहह,,,, मेरे राजा मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,।ऊफफ,,,,,ऊममममममम्््््,,, कुछ कर अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,,(संजू के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर वह जोर-जोर से उसे अपनी गुलाबी चूत पर रगड़ रही थी और अपने नितंबों को गोल-गोल घूमा रही थी वाकई में आराधना चुदवाने के लिए तड़प रही थी उसकी चूत मोटा तगड़ा लंड मांग रही थी,,,, उसकी हालत पल-पल खराब होती जा रही थी,,,, वह रह रहकर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाकर अपनी गुलाबी चूत को अपने बेटे के चेहरे पर रगड़ डालती थी वैसे भी आज संजू ने अपनी मां को कुछ ज्यादा ही तड़पा दिया था,,,,, अब तो उसकी भी हालत खराब हो गई थी अब वह भी अपनी मां की चूत में अपना लंड डालना चाहता था,,,, इसलिए वह भी अपने प्यासे होठों को अपनी मां के निचले होठों से अलग किया,,,, और गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की गुलाबी चूत को देखने लगा जो कि उसके मदन रस से और उसके खुद के लार से सना हुआ था इस हालत में अगर कोई भी आराधना की चूत को देख ले तो वह धन्य हो जाए वाकई में इस उम्र में भी उसकी चूत एकदम जवान लड़की की तरह थी एकदम कसी हुई दोनों टांगों के बीच केवल पतली दरार की शक्ल में इस उम्र के दौर में भी मौजूद थी,,,,,, और अपनी मां की चूत को देखते हुए वह अपनी मां से बोला,,,।


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आज देखना मेरी रानी जो है तेरी पतली दरार है ना आज उसे चौड़ा कुआं बना दूंगा,,,, देखना तू आज मैं तुझे दिखाता हूं असली चुदाई,,,,



तो दिखाना रे तुझे रोका किसने है तेरे में दम नहीं है तभी तो सिर्फ बातें कर रहा है असली मर्द होता तो करके दिखाता यों बातों से दिल नहीं बहलाता,,,,,



यह बात है मेरी रंडी अब देखना यह तेरी चूत का क्या हाल करता है,,,,(घुटनों के बल बैठते हुए अपने लंड को हिलता हुआ बोला,,,, दरवाजे के पीछे छुप कर देख रही मोहिनी इस नजारे को देखकर और अपनी मां और अपने भाई की बातों को सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि वह समझ गई थी की असली खेल शुरू होने वाला है,,,,, वह इस बात को भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां संजू को सिर्फ और ज्यादा मदहोश होने के लिए इस तरह की बातें कर रही थी क्योंकि इस बात को तो उसकी मां भी अच्छी तरह से जानती थी कि संजू वाकई में पूरा मर्द था जो एक साथ दो दो औरतों की प्यास बुझाने में सक्षम था और बुझाता भी था,,,, अपनी हरकत से खुद मोहिनी की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी उंगलियां भी उसके मदन रस से भीग चुकी थी लेकिन फिर भी वह धीरे-धीरे अपनी चूत में उंगली को अंदर बाहर कर रही थी उसे इतना तो जरूर मालूम था कि जो मजा लड उसे देता है उस मजा की पूर्ति उसकी उंगली नहीं कर सकती थी,,,, लेकिन फिर भी कुछ हद तक उसका प्रयास जारी था अपनी उत्तेजना से लड़ने के लिए,,,,,।



दूसरी तरफ संजू तैयार हो चुका था वह घुटनों के बल बैठ गया था और अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था जिसके चलते उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर चढ़ गई थी अब उसकी मां का गुलाबी छेंद संजू की आंखों के सामने था और उसके लंड के बेहद करीब संजू के लंड का सुपाडा एकदम आलू बुखारा की तरह बड़ा हो चुका था और वह अपनी मां की चूत में प्रवेश करने के लिए तड़प रहा था,,,,, संजू अपनी मां को और ज्यादा तड़पाना चाहता था गहरी सांस लेते हुए आराधना अपने बेटे की तरफ तो कभी उसके लंड की तरफ देख ले रही थी क्योंकि वह जानती थी कि कुछ ही देर में उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी गुलाबी क्षेंद में प्रवेश कर जाने वाला है,,,,। लेकिन संजू के मन में कुछ और चल रहा था संजू अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलता हुआ अपनी मां की चूत पर पटकने लगा उसका सुपड़ा इतना मोटा था कि जब-जब उसका सुपाड़ा आराधना की चूत से टकराता था उसकी गुलाबी चूत एकदम से उसके सुपाड़े के नीचे दब जाती थी छुप जाती थी,,,, और आराधना अपने बेटे की ईस हरकत से एकदम सिहर उठती थी क्योंकि समझो जिस तरह से अपना लंड उसकी चूत पर पटक रहा था उससे उसके गुलाबी पत्तियों पर उसकी चोट बराबर लग रही थी जिसकी वजह से आराधना को थोड़ा दर्द महसूस होता था लेकिन वह मदहोश हो जा रही थी,,,,, संजू को भी अपना लंड अपनी मां की चूत पर पटकने में बहुत मजा आ रहा था,,,,।



सहहहह आहहहहहह मम्मी मेरी रंडी,,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,,ऊममममम कितनी गर्म छूट है तेरी,,,,,आहहहहहह,,,(संजू अपनी मां की चूत पर अपना लंड पटाते हुए अपने मोटे सुपर को उसको गुलाबी छेद में रगड़ते हुए ऊपर की तरफ निकाल दे रहा था जिससे आराधना एकदम से मत हो जा रही थी और वह उत्तेजना के मारे बिस्तर पर बिजी चादर को अपनी हथेलियां में कस के दबोच ले रही थी,,,,, संजू की उत्तेजना पल पल बढ़ती जा रही थी वह अपने लंड को जड़ से पकड़ कर अपनी मां की चूत पर रखकर वह नाप रहा था कि उसका लंड उसकी मां की चूत की कितनी गहराई तक घुसता है,,,,, और उसके आश्चार्य के बीच उसके लंड का सुपाड़ा उसकी मां की गहरी नाभि तक पहुंच रहा था और वह एकदम हैरान हो गया,,,, वह कभी अपने लंड की तरफ तो कभी अपनी मां के चेहरे की तरफ देख रहा था उसकी मां भी अपने बेटे की हरकत और उसके मन में क्या चल रहा है जान गई थी इसलिए वह भी अपने हाथ की कहानी का सहारा लेकर अपने चेहरे को उठाकर अपनी टांगों के बीच देखने लगी और वह भी हैरान रह गई वैसे तो दोनों रोज ही चुदाई करते थे रोज ही संजू अपनी मां की चूत में लंड डालता था,,, लेकिन पहली बार मां बेटे दोनों को यह एहसास हो रहा था कि वाकई में संजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था इसलिए आराधना आश्चर्य व्यक्त करते हुए बोली,,,।



बाप रे संजू तेरा तो लंड वाकई में बहुत लंबा है तो तो रोज मेरी चूत फाड़ देता है,,,,।



आज भी तेरी चुत की खैर नहीं है,,,,(और इतना कहते हुए संजू अपने लंड की सुपाड़े को अपनी मां की गुलाबी चूत के छेद पर रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया,,,, और संजू का मोटा सुपाड़ा आराधना की चूत की गीली सड़क को अच्छी तरह से पहचानता था,,, क्योंकि वह आराधना के गुलाबी छेद के अंदरूनी हिस्से के कोने-कोने से वाकिफ था इसलिए बड़े आराम से सड़क की चिकनाहट पाकर वह अंदर की तरफ गुफा में प्रवेश करने लगा,,,, जैसे-जैसे संजू के लंड का सुपड़ा आराधना की चूत के अंदर प्रवेश कर रहा था वैसे-वैसे आराधना के चेहरे का हाव-भाव बदलते जा रहा था,,, ऐसा लग रहा था कि वाकई में आ जा रहा था ना की सुहागरात है और पहली बार वह किसी लंड को अपनी चूत में ले रही है क्योंकि उसका भाव,,, उसके मुंह से निकलने वाली शिसकारी सिहरन सब कुछ नया अंदाज लिए हुए था एक दुल्हन का अंदाज वाकई में जिस तरह का अनुभव अपनी पहली सुहागरात को दुल्हन को बताएं इस तरह का अनुभव एहसास आराधना को भी अपनी आगोश में ले रहा था,,,,।



संजू का मोटा तगड़ा लंड धीरे-धीरे उसकी मां की चूत के अंदर प्रवेश करता चला जा रहा था,,, यह सुहागरात की रात का असर ही था जो रोज अपनी बेटी का लंड लेने वाली आराधना को अपने बेटे का लंड आज कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा लग रहा था ,, संजू कोभी आज एक अलग अनुभव हो रहा था उसे भी अपनी मां की चूत को ज्यादा ही कई हुई महसूस हो रही थी इसलिए तो उसे अपना लंड डालने में मजा आ रहा था संजू बड़े धीरे-धीरे से अपनी मां की चूत के अंदर अपने लंड को घुस रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आज पहली बार वह किसी चूत में लंड डाल रहा हो,,,, संजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थामे हुआ था और अपनी कमर को आगे की तरफ खेल रहा था यह बेहद काम उत्तेजना भरा दृश्य था जिसे देखकर मोहिनी की हालत खराब हो रही थी और उसकी चूत पानी छोड़ रही थी,,,, वह भी आज हैरान थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो रहा था कि आज संजू का लंड बहुत धीरे-धीरे उसकी मां की चूत में प्रवेश कर रहा था,,,,।



क्या बात है मेरी रानी आज तेरी चुत कुछ ज्यादा ही कसी हुई है,,,,



मेरे राजा मुझे तो लग रहा है कि तेरा लंड को ज्यादा मोटा हो गया,,,,,



तेरी गुलाबी चूत देखकर खुशी के मारा फूल गया है,,,, आज कुछ ज्यादा ही मजा देगी तेरी चुत,,,,(संजू अपनी मां की चिकनी कमर थामे,,, धीरे-धीरे करके अपने आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में प्रवेश करा चुका था,,, लेकिन अभी भी एक तिहाई हिस्सा बाकी था,,, लंबा लंड होने का यही फायदा होता है की चूत में डालने का मजा ही कुछ और होता है,,,,,, और यह मजा संजू के साथ-साथ आराधना भी ले रही थी,,, आराधना के चेहरे के भाव पल-पल बदल रहे थे आज जितना मजा उसे पहले कभी नहीं आया, था,,,।



अंगुल अंगुल करके संजू का लंड उसकी मां की चूत में प्रवेश कर रहा था वाकई में आज सुहागरात वाला ही एहसास दोनों मां बेटे को हो रहा था दोनों कैसा लग रहा था कि जैसे पहली बार दोनों का संगम हो रहा है,,,, संजू को आज काफी मशक्कत उठानी पड़ रही थी,,,‌ वह अपनी जांघों पर अपनी मां की गांड चढ़ाया हुआ था और उसकी गुलाबी क्षेंद में अपना आधे से भी ज्यादा लंड डाल चुका था,,,, लेकिन इतने से ही वह पसीने से तरबतर हो चुका था,,, लेकिन यह उसकी मर्दानी की का ही नतीजा था कि अभी तक उसके लंड ने पानी नहीं फेंका था अगर उसकी जगह कोई नव सीखिए होता तो अब तक न जाने कब का पानी फेंक दिया होता,,,। लेकिन संजू अभी तक बरकरार था अभी तक जो सबसे भरा हुआ था क्योंकि अभी तो शुरुआत थी शुरुआत में ही ढेर हो जाए ऐसा मर्द संजू नहीं था,,,। जब तक औरतों को पूरी तरह से संतुष्टि का एहसास नहीं कर देता तब तक संजू बरकरार ही रहता था इसीलिए तो उसकी मां उसकी दीवानी हो चुकी थी उसकी कायल हो चुकी थी उसकी गुलाम हो चुकी थी,,,।



बाहर से खड़ी होकर मोहिनी यह नजारा अपनी आंखों से देख रही थी अपने भाई को पसीने से तरबतर देखकर वह अपने मन में ही कहने लगी कि आज उसकी मां की खैर नहीं है,,,, वह भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी वह पेड़ से ही अपनी सलवार को उतरकर कमर के नीचे एकदम नंगी हो चुकी थी और अपनी चूत में दो उंगली डालकर उसे अंदर बाहर कर रही थी,,,।


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आराधना गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों की कहानी के सहारे से अपना चेहरा उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच अच्छी तो दंग रह गई क्योंकि अभी भी संजू का लंड बचा हुआ था पूरा का पूरा घुसा नहीं था इसलिए वह हैरान होते हुए बोली,,,।



हाय दैया तेरा अभी पूरा घुसा नहीं है मेरी तो हालत खराब हो रही है,,,, मेरी चूत में आग लगी हुई है तेरा लंड कुछ ज्यादा है गरम है,,,।



मेरे लंड से ज्यादा तो तेरी छूट गम है मेरी जगह कोई और होता तो तेरी चूत में उसकी मलाई कब की पिघल गई होती,,,,।



तेरे सिवा है कौन मेरी चूत में डालने वाला,,,



यह तो तेरे इशारे की देर है एक बार टांग पैला देगी तो लाइन लग जाएगी तेरी चूत में डालने के लिए,,, तेरी जैसी रसमलाई को पाने के लिए तो दंगे हो जाएंगे,,,



क्या तू चाहता है कि मैं दूसरों के सामने अपनी टांगे खोलु,,,,



खोल कर देख ले,, मेरे जैसा मर्द तुझे मिलेगा नहीं जो तेरी प्यास बुझा सके,,,



तुझे क्या लगता है कि एक तू ही असली मर्द है बहुत मर्द हैं औरतों की प्यास बुझाने के लिए,,,, अभी तक तो तू सिर्फ डाल ही रहा है चोदना शुरू किया ही नहीं और असली मर्द बनता है।


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बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है
 
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Sanju@

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यह बात है रंडी,,, रुक अभी तुझे बताता हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा और उसका बचा हुआ लंड एक झटके से उसकी चूत की गहराई में समा गया,,,, संजू के इस बार से आराधना के मुंह से हल्की चीख निकल गई,,, क्योंकि उसे भी अपनी चूत की गहराई में महसूस हुआ था कि संजू का वार कुछ ज्यादा ही तगड़ा था,,,,, लेकिन बहुत ही जल्द वह अपने आप को संभाल ली लेकिन संजू अब कहां रुकने वाला था,,, संजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था वह अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया था अभी तक तो वह काफी समय सिर्फ अपनी मां की चूत की गहराई तक पहुंचने में ही लगा दिया था लेकिन आप असली खेल की शुरुआत उसने कर दिया था अपने हर एक धक्के से अपनी मां को जन्नत का मजा दे रहा था,,,। और आराधना के मुंह से कराहने के साथ-साथ गरमा गरम शिसकारी की आवाज भी निकलना शुरू हो गई थी,,,।



सहहहहह आहहहहहह ऊमममममम ,,ओहहहहहहह ,,, मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,,आहहहहहह बस ऐसे ही धक्के लगाता रे,,,,,,ऊमममममम,,,,



बहुत मजा आ रहा है मेरी रानी तुझे मजा देने के लिए ही तो मैं तेरी चुदाई कर रहा हूं अब देखना मैं तेरे साथ कैसे सुहागरात मनाता हूं आज मैं तेरी चूत फाड़ दूंगा तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा,,,,,आहहहहहह ओहहहहहहहह,,,,,,,,।


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(मां बेटे दोनों आनंद के सागर में गोते लगना शुरू कर दिए थे संजू फूलों से सजी सेज पर अपनी मां को नंगी करके और खुद नंगा होकर उसकी दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाकर अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया था सुहागरात की शुरुआत हो चुकी थी संजू का मोटा तगड़ा लंड धीरे-धीरे बड़े आराम से अपनी मां की चूत के अंदर बाहर होने लगा,,,, बाहर खड़ी चुप कर देख रही मोहिनी की भी हालत खराब होती जा रही थी वह अपनी दो उंगली को अपनी गुलाबी चूत में डालकर जल्दी-जल्दी अंदर बाहर कर रही थी और अंदर के नजारे का लुफ्त उठा रही थी,,,, कमरे का मौसम पूरी तरह से बदल चुका था,,,, आराधना की कामुक शिकारी और उसके कराहने की आवाज से पूरा कमरा गज रहा था,,, अपने बेटे के मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी चूत में लेकर जिस तरह का आनंद आराधना लूट रही थी उसे उसे मजा भी आ रहा था और दर्द का एहसास भी हो रहा था उम्र के इस तौर पर पहुंच चुकी आराधना इतना तो जानती ही थी की औरतों को कैसे लैंड में ज्यादा मजा आता है और औरतों का पहला पसंदीदा ल,ड मोटा लंबा और तगड़ा ही होता है जैसा कि उसके खुद के बेटे के पास था जिसे अपनी मां की चूत में डालकर चोद रहा था,,,। आराधना एकदम मस्त हो चुकी थी संजू अपनी हर एक धक्के साथ अपनी मां को एकदम से उछाल दे रहा था,,,, और आराधना भी अपने बेटे के जबरदस्त ठोकर से आनंदित हो जा रही थी,,,।



वैसे तो मां बेटे रोज ही चुदाई का सुख भोग रहे थे लेकिन आज की रात कुछ खास थी आज की रातों में कुछ अद्भुत सुख की कामना थी और वह सुख दोनों को प्राप्त भी हो रहा था संजू के हर एक ढक के साथ आराधना की खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छाती पर लोटने लगती थी,,, और अपनी मां की चूचियों को लहराता हुआ देखकर मोहिनी की हालत खराब हो रही थी और वह एक हाथ से कुर्ती के ऊपर से अपनी चूची को मसल रही थी वह इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी चूची उसकी मां की चूची से बहुत छोटी थी एक तरह से कह लो की खरबूजे के आगे नींबू को रख देना,,,, मोहिनी भी चाहती थी कि उसकी भी चुचीया उसकी मां की तरह बड़ी-बड़ी हो जाए लेकिन अभी उसकी चूची यो के बड़े होने में समय हालांकि पहले की अपेक्षा उसकी चूची भी आकर्षक हो चुकी थी,,,, मोहिनी अपने हाथ से चूची दबाते हुए हल्की-हल्की सिसकारी ले रही थी लेकिन इस बात को भी अच्छी तरह से जानती थी कि अपने हाथ से ज्यादा मजा किसी दूसरे के हाथ से दबवाने में ही आता है,,,। लेकिन इस समय वह मजबूर थी वह केवल अपनी मां को और अपने भाई को देख रही थी दोनों संभोग क्रिया में ओत-प्रोत हो गए थे,,,,, कुछ देर तक संजू इसी तरह से अपनी मां की चुदाई करता रहा और उसकी मां की कराहने की आवाज लगातार बढ़ती जा रही थी,,,,, लेकिन अब आसन बदलने का समय आ गया था,,,,,।



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क्या मस्त चूत है रे तेरी एकदम छिनार की तरह,,,,, मेरा लंड तेरी चूत में मक्खन की तरह फिसल रहा है,,,ऊहबहहह,,, कसम से तु इस समय टांग फैलाए एकदम रंडी लग रही है,,,।



तू भी तो मुझे चोदते हुए मादरचोद लग रहा है मादरचोद,,,,,,



तू नहीं तो बने मुझे मादरचोद मेरे सामने गांड मटका मटका कर चलती थी तुझे ही लंड लेने का शौक ज्यादा था,,,।



हरामजादे रंडी की औलाद तू ही लार टपकाए मुझे देखता रहता था मेरी गांड को मेरी चूची को देखते रहता था,,,, तू पहले से ही मुझे चोदना चाहता था,,,,



तेरी जैसी मक्खन मलाई औरत को को नहीं छोड़ना चाहेगा मेरी जगह कोई और होता तो वह भी वही करता जैसा मैं किया हूं तेरी मक्खन जैसी चुत देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,,,, मेरी रानी अब देख पीछे से मैं तेरी लेता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला और खुद ही उसे पलट कर पेट के बल लेटा दिया,,,, इस अवस्था में लेटने से आराधना की उभरी हुई गांड और भी ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक लगने लगी जिसे देखकर संजू की आंखों में वासना का तूफान नजर आने लगा और वह तुरंत अपनी मां की गांड की दोनों आंखों को अपनी दोनों हथेली में भरकर उसकी पतली गहरी दरार पर अपनी नाक रगड़ने लगा,,, यह संजू के लिए मदहोशी से भरा आलम था क्योंकि ऐसी हालत में कोई भी मर्द अगर औरत की उभरी हुई नंगी गांड के दर्शन करने तो वह पूरी तरह से मत हो जाता है मदहोश हो जाता है उसके बदन में चार बोतलों का नशा होने लगता है और वही इस समय संजू के साथ हो रहा था संजू पागलों की तरह अपनी मां की नंगी गांड की दरार में अपनी नाक रगड़ कर उसके नितंबों की खुशबू अपनी अंदर भर रहा था जिसकी वजह से उसकी उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी और ऐसा करने में आराधना को भी बहुत मजा आ रहा था आराधना भी अपनी गांड को इधर-उधर हिला कर अपनी उत्तेजना दर्शा रही थी और यह सब देखकर मोहिनी की हालत और ज्यादा बद्तर होती जा रही थी,,, ।



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ओहहहहह ,,, मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है मुझे औरतों को खुश करने का हर एक तरीका तू जानता है मैं तो पागल हो जाऊंगी इसीलिए तो मैं तेरी गुलाम हो गई हूं,,,,,ऊमममममम,,,ओहहहहहह मेरे राजा मेरे मादरचोद बेटे,,,,,।



सहहहह आहहहहहह,,,,,,,ओहहहहहह मेरी छिनार मम्मी तेरी गांड देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा है मुझे नशा हो रहा है तेरी गांड में दुनिया भर का मजा छुपा हुआ है आज तो मैं जी भर कर मजा लूटुंगा,,,,(संजू पागलों की तरह अपनी मां की गांड की दरार में नाक रगड़ हुआ मदहोश हो गया और तुरंत उठकर बैठ गया और फिर उसी अवस्था में ही अपने खड़े लैंड को उसकी बीच की दरार से होते हुए अपने लंड के सुपारी को अपनी मां की चूत के मुहाने पर ले जाने लगा,,, सामान्य लैंड की स्थिति में ऐसा कर पाना नामुमकिन होता है क्योंकि औरतों की गांड कुछ ज्यादा ही उभरी हुई होती और पीछे से इस तरह से उसकी चूत तक ले जाना छोटे लंड वाले के लिए नामुमकिन सा हो जाता है लेकिन संजू के लिए यह बिल्कुल भी नामुमकिन नहीं था,,,, संजू के पास बड़ा लंड था मोटा लंड था,, जिसके सहारे वह दुनिया की किसी भी औरत को संतुष्ट करने की क्षमता रखता था और वह बड़े आराम से अपने लंड की सुपाड़े को अपनी मां की गुलाबी छेद तक ले गया,,,, गांड की दरार में से संजू का मोटा लंड रगड़ते हुए उसकी चूत तक पहुंच रहा था,,, और अपने बेटे के लंड की रगड़ अपनी गांड की दरार में महसूस करके आराधना भी मदहोश हुए जा रही थी,,,।,, आराधना भी इस बात से और ज्यादा मदहोश में जा रही थी क्योंकि इस अवस्था में पहली बार संजू उसकी चूत में लंड डालने जा रहा था जिसमें उसे बहुत मजा भी आ रहा था,,,,। संजू की उत्तेजना बरकरार की बहुत बार हो अपनी मां की चुदाई कर चुका था लेकिन हर बार लगता था की पहली बार कर रहा है इसलिए उसकी उत्तेजना खत्म होने की नाम ही नहीं लेती थी और नहीं आकर्षण इसीलिए तो उसका लंड ज्यों का त्यो लोहे के रोड की तरह कड़क बना हुआ था,,,।



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देखते ही देखते ईस अवस्था में संजू के लंड का सुपाड़ा उसकी मां की चूत के होठों पर स्पर्श करने लगा और जैसे ही आराधना अपने बेटे के लंड के सुपाड़े को अपने गुलाबी चूत के होठों पर महसूस की मैं एकदम से गदगद हो गई,,,, और वह गहरी सांस खींचने लगी,,, संजू को भी गुफा का द्वार मिल चुका था इसलिए बंदर प्रवेश करने में बिल्कुल भी कठिनाई आने वाली नहीं थी,,, और संजू अपनी मर्दाना ताकत दिखाते हुए अपनी कमर को दबाते हुए अपने लंड को अपनी मां की गुलाबी चूत में डालना शुरू कर दिया और देखते ही देखते ही इस अवस्था में भी उसका पूरा का पूरा लंड उसकी मां की चूत में समा गया था,,,,।



आहहहह आखिरकार घुस ही गया,,,,।



कैसे नहीं घुसता मेरे लाल,,,, तेरा लंड जो ईतना लंबा है,,,आहहहहह बस अब शुरू पड़ जा,,,।



तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मेरी रानी अभी घोड़ा दौड़ाता हुं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने लंड को बाहर की तरफ थोड़ा सा खींचकर फिर उसे अंदर की तरफ डाला और उसे चोदना शुरू कर दिया संजू इस अवस्था में अपनी मां के नंगे बदन पर पूरी तरह से लेट गया था और उसे छोड़ रहा था अपनी मां के नंगे मखमली बदन पर लेटने में उसे और भी ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, संजू बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहा था और एक बार रास्ता मिल जाने की वजह से संजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से उसकी मां की चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिसमें से उच्च पच्च की आवाज भी आ रही थी,,,, यह सब देखकर मोहिनी की हालत और ज्यादा खराब हो रही थी वह बड़े जोरों से अपनी उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और इस अवस्था में वह एक बार झड़ भी चुकी थी लेकिन उसकी उत्तेजना भी कम होने का नाम नहीं ले रही थी,,,।



फूलों की सेज पर घमासान बचा हुआ था संजू जितनी तेजी से और ताकत लगाकर अपनी मां की चूत में धक्का लगा रहा था उसकी गांड उतनी तेजी से नरम नरम गद्दे पर उछल रही थी,, संजू पीछे से उसे अपनी बाहों में भरकर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था आराधना का बदन एकदम भरा हुआ था इसलिए ऐसी हालत में संजू को चोदने में और ज्यादा मजा आ रहा था,,,, आराधना का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था हालांकि पंखा चालू था लेकिन जवानी की गर्मी के आगे पंखे की हवा असफल हो जा रही थी,,,,।



आहहहह मादरचोद बहन चोद,,, और जोर से धक्के लगा मुझे चुदवाने में मजा आ रहा है जोर-जोर से चोद मुझे,,,,



छिनार अगर उड़ जाता ताकत लगा दिया तो तेरी चूत फट जाएगी बुरचोदी,,,, फिर फटी चूत लेकर घूमना,,,



हरामजादी किसी के लंड में इतना दम ही नहीं है कि मेरी चूत फाड़ सके,,, तेरे लंड में भी दम नहीं है,,,, मेरी चूत के लिए घोड़े का लंड चाहिए,,,। जो एक ही बार में फाड़ दे,,,



अरे बुरर्चोदी भोसड़ा चोदी तेरे लिए तो मैं ही काफी हूं देखना तेरी चुत का क्या हाल करता हूं,,,,।



सिर्फ बातों से काम नहीं चलने वाला मेरे राजा करके दिखा तब मानूंगी,,,।



यह बात है हरामजादी चल जल्दी से घोड़ी बन जा आज एक घोड़ा तेरे ऊपर कैसे चढ़कर तेरी सवारी करता है देखना,,,(ईतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया,,, और उसकी गांड पर चपत लगता हुआ उसे घोड़ी बनने का इशारा करने लगा,,,, आराधना भी और ज्यादा चुदवासी हो गई थी वह जानबूझकर अपने बेटे को इस तरह से बोलकर उकसा रही थी ताकि उसका बेटा पूरी ताकत लगाकर उसकी चुदाई करें उसकी चूत का कच्चुमर बना दे,,,, । आराधना भी तुरंत उठकर घोड़ी बन गई और अपनी गांड को हवा में उठा दी अपने बेटे के आगे पड़ोसी उसका बेटा भी अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को हवा में लहराता हुआ देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया और तुरंत बिस्तर से नीचे उतर गया और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने लिए उसकी गांड की स्थिति को ठीक करने लगा,,,,। और जैसे ही उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड उसके लंड के सिधान पर आई संजू अपने लंड पर ढेर सारा ठीक लगा कर पीछे से अपनी मां की चूत में डाल दिया और उसकी गांड पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया,,,, इस बार अपनी मां की बात मानते हुए वह इतनी जोर-जोर से धक्के लगा रहा था कि मानो वह अपने लंड को उसकी चूत से डालकर उसके मुंह से बाहर निकाल देगा,, गनीमत थी कि वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर रखा था वरना उसके धक्के इतने तेज थे कि वह आगे की तरफ लुढक जाती थी लेकिन संजू उसकी गांड को बड़ी तेजी से पकड़ कर संभाले हुए था,,, संजू के दोनों गोटिया उसकी मां की चूत के नीचे उसकी जांघों से टकरा रही थी जिसकी वजह से एक अलग ही धुन बज रही थी,,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई तबला बजा रहा हूं मां बेटे दोनों को उत्तेजित कर रही थी,,,।



बाहर खड़ी मोहिनी की चूत पानी पानी हो गई थी मोहिनी की हालत बहुत खराब हो गई थी उसे भी बहुत ही जल्द अपने भाई के लंड की जरूरत पड़ रही थी लेकिन वह किसी तरह से अपने आप को संभाले हुए थी,,,,।



कैसा लग रहा है मेरी जान, (पीछे से जोर-जोर से धक्के मारते हुए ,,,)



आहहहह आहहहहह मत पूछ मादरचोद बहुत मजा आ रहा है मैं तो हवा में उड़ रही हूं ईतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया,,,,,आहहहहह आहहहहह।



सच में तेरे भोसड़ी में बहुत दम है,,, दूसरी कोई होती तो अब तक चिल्ला उठती,,, लेकिन त हर एक धक्के का मजा ले रही है,,,।





चुदाई में मजा ही लिया जाता है चिल्लाया नहीं जाता,,,, वैसे भी तेरे लंड में बहुत दम है,,, दूसरा कोई होता तो अब तक पानी फेंक दिया होता,,,,।



तेरा जो मखमली खूबसूरत गदर आया पता नहीं ना उसे देखकर ही पानी छोड़ दिया होता चोदने की तो बात ही दूर है,,,(लगातार जोर-जोर से अपनी कमर हिलता हुआ संजू बोला,,,, लेकिन अब झड़ने का समय आ गया था आराधना के हाव-भाव बदल रहे थे इसलिए वह बोली,,,,)



अब मेरा निकलने वाला है मेरे राजा,,,जोर-जोर से धक्के लगाते रहना,,,,



मैं भी एकदम करीब पहुंच गया हूं चिंता मत कर,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू के धक्के और तेज हो गए क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच चुका था और फिर देखते ही देखते दोनों एक साथ चिल्लाकर झड़ गए और दूसरी तरफ दरवाजे के पीछे खड़ी मोहिनी भी अपनी उंगली से ही दूसरी बार झड़ चुकी थी,,, झड़ते हुए संजू अपनी मां की नंगी पीठ पर पसर गया था,,,,। और जोर-जोर से हांफ रहा था,, उसकी मां भी पूरी तरह से मदहोश होकर अपना पानी बाहर निकल रही थी अभी भी संजू का लैंड पीछे से उसकी मां की चूत में घुसा हुआ था जिसे संजू धीरे से बाहर निकाला लेकिन फिर भी उसके लंड की अकड़ बनी हुई थी,,,, संजू बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया,,, और आराधना इस तरह से पेट केबल थोड़ा तिरछी होकर संजू के सीने पर सर रखकर गहरी गहरी सांस लेने लगी उसके चेहरे पर हाथ में संतुष्टि के भाव साफ नजर आ रहे थे उसके चेहरे की तेज को देखकर साफ महसूस हो रहा था कि उसे बहुत मजा आया था,,, मोहिनी धीरे से अपनी सलवार को ऊपर करके अपने कमरे की तरफ चली गई क्योंकि वह जानती थी कि किसी भी वक्त दोनों कमरे से बाहर आएंगे,,,,,।



आराधना मुस्कुराकर संजू की तरफ देख रही थी संजू अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखते हुए बोला,,,,।



तुम्हारी मुस्कुराहट कह रही है कि तुम्हें बहुत मजा आया,,,



इसमें छुपाने वाली कोई बात नहीं है सच कहूं तो आज मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरी सुहागरात थी सब कुछ नया-नया सा लग रहा था तेरे लंड में,, ,(संजू के लंड की तरफ देखकर अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसके ढीले लंड को अपने हाथ में पकड़ कर) आज न जाने कहां से ज्यादा ताकत आ गई ,,।



ताकत तो आनी थी सुहागरात जो थी ,,,।



सही कहा तूने लेकिन मार मार कर तूने मेरी चूत सुजा दिया है देख,,,(इतना कहने के साथ नहीं आराधना धीरे से उठकर बैठ गई और अपनी टांगें खोलकर एक टांग को अपने बेटे के सीने से होते हुए दूसरी तरफ डालते हुए अपनी चूत को हाथ से पकड़ कर दिखाने लगी) देख कैसी लाल-लाल और सुजा दिया है तूने,,,।

संजू भी अपनी मां की चूत देखने लगा और अपने हाथ को आगे बढ़कर अपनी उंगलियों को अपनी मां की चुत पर फिराते हुए वह बोला,,,,।



सच में मम्मी तुम्हारी चूत तो सुज गई है,,,, लाओ ईसे थोड़ा आराम दे देता हूं मेरे लंड की ठोकर से एकदम लाल हो गई,,,,(इतना कहने के साथ संजू अपनी मां की कमर में दोनों हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचने लगा आराधना भी अपने बेटे का इशारा समझ गई थी इसलिए अपनी भारी भरकम शरीर को उसकी छाती पर दबाव बनाते हुए अपने घुटनों को उसकी गर्दन के हृदय के लिए रख दी ऐसे में उसकी चूत एकदम उसके होठों से लग गई थी जिसमें शादी की उसका खुद का काम रास बह रहा था लेकिन संजू अपनी मां की गुलाबी चूत देखकर पागल हो गया था और एक बार फिर से अपने होठों को अपनी मां की चूत पर रखकर चाटना शुरू कर दिया,,,,। आराधना मदहोश होने लगी वह गहरी सांस और गरम आहे भरते हुए अपना हाथ पीछे की तरफ लाइ और अपने बेटे के लंड को पकड़ ली जो की धीरे-धीरे फिर से अपनी औकात में आ रहा था,,, और फिर अपनी कमर को बल कहते हुए वह पीछे की तरफ झुक गई और एक तरफ अपनी हाथ की कोहनी रखकर इस अवस्था में अपने बेटे के लंज को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी जिसमें उसका खुद का और उसके बेटे का काम रस अभी भी लगा हुआ था,,,,,, मां बेटे दोनों एक दूसरे को फिर से मजा दे रहे थे देखते ही देखते संजू का लंड चोदने के लिए तैयार हो गया और आराधना छुड़वाने के लिए तैयार हो गई थोड़ी देर में, आराधना अपने बेटे पर चढ़े हुए ही नीचे की तरफ आई और अपने भारी भरकम,,,गांड को अपने बेटे के लंड पर रखने लगी,,, लेकिन ठीक से वह अपनी गांड,, अपने बेटे के लंड पर रख नहीं पा रही थी ,,,इसलिए अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर वह अपने बेटे के लंड को पकड़ ली और फिर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए धीरे-धीरे अपनी गांड का दबाव लंड पर बढ़ाने लगी,,,। और देखते ही देखते वह अपने बेटे के लंड को अपनी चूत की गहराई में अपनी चूत की गुफा में लेना शुरू कर दी,,, और फिर थोड़ा-थोड़ा करके संजू का पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में समा गया संजू अपनी मां की क्रियाकलाप को देखकर मंत्र मुग्ध हो गया,,,। और अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जाकर अपनी मां की चूची को पकड़कर जोर से दबाते हुए बोला,,,।



बहुत जल्दी चुदवाने के लिए तैयार हो गई मेरी रानी,,,



तू भी तो मेरी चूत में डालने के लिए तैयार हो गया,,,,(और इतना कहने के साथ ही आराधना अपनी पपैया जैसी चुची को हाथ में पकड़ कर अपनी बेटी के मुंह में डालते और फिर जोर-जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,, ,,, मोहिनी को अपने कमरे में गए काफी देर हो गई थी लेकिन अभी तक बगल वाले कमरे के खुलने की आवाज उसके कानों में नहीं पहुंची थी इसलिए उसे थोड़ी हैरानी हुई उससे समझ में आ गया कि अभी तक कमरे में काम करेगा चल रही है इसलिए वह अपने सारे कपड़े उतार कर निर्वस्त्र हो गई और अपने कमरे से बाहर आ गई और दरवाजे के पास जाकर उसे छोटे से सुराख से अंदर की तरफ देखी तो हैरान रह गई उसे ट्यूबलाइट की रोशनी और फिर से सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी मां अपनी भारी भरकम गांड लिए उसके भाई के लंड पर चढ़ी हुई थी और जोर-जोर से अपनी गांड पटक रही थी यह देखकर तो एक बार फिर से उसकी चूत में आग लग गई और इस बार पूरी तरह से निर्वस्त्र अवस्था में वह अपनी चूत को जोर-जोर से अपनी हथेली में दबोचने लगी,,,। उससे रहा नहीं जा रहा था,, वह चुदवाने के लिए तड़प रही थी और उसकी मां जमकर चुदवा रही थी,,, ।



और फिर देखते ही देखते एक बार फिर से दोनों अपने चरम सुख को प्राप्त कर लिए और फिर आराधना अपने बेटे के लंड पर से उठकर बिस्तर के नीचे खड़ी हो गई,,, संजु भी झड़कर अपनी मां की तरफ देख रहा था आराधना गहरी सांस लेते हुए बोली,,,।



बाप रे आज तो बहुत मजा आया लेकिन मैं एकदम थक गई हूं मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,,।



पेशाब तो मुझे भी लगी है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू की बिस्तर से उठकर खड़ा हो गया और फिर दीवार की तरफ देखा तो घड़ी में 2:45 बज रहे थे,,,, रात का तीसरा पहर खत्म होने को था,, लेकिन ना तो मां बेटे की आंखों में नींद थी और ना ही मोहिनी को नींद आ रही थी,,,, मोहिनी को मालूम था कि दोनों कमरे के बाहर आ रहे हैं लेकिन इस बार वह अपने कमरे में जाना मुनासिफ नहीं समझी इसलिए वह दरवाजे पर ही खड़ी रही,,,, आराधना में दरवाजा खुदी और दरवाजे पर मोहिनी को एकदम नंगी खड़ी हुई देखकर हैरान हो गई और बोली,,,,)



तू यहां क्या कर रही है,,,,(तब तक संजू भी कमरे से बाहर आ गया था और वह भी मोहिनी को नंगी देखकर हैरान था)



क्या करूं आज की रात तुम दोनों की सुहागरात थी इसलिए मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तुम दोनों को देखकर मेरी हालत खराब हो गई मुझे भी चुदवाने का मन कर रहा था इसलिए आ गई,,,।



अरे तेरा भाई कौन सा भगा जा रहा था सुबह में चुदवा ली होती,,,।

(इतना कहने के साथ ही आराधना बाथरूम के पास गई और बाहर ही बैठकर पेशाब करने लगी अब उसे अपने बेटे से और ना हीं अपनी बेटी से बिल्कुल भी शर्म नहीं महसूस होती थी ,वह बेशर्म बन चुकी थी और बेशर्म बनने का भी अपना एक अलग मजा था जिसका वह पूरा आनंद ले रही थी,,,। संजीव मोहिनी दोनों अपनी मां की तरफ देख रहे थे और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देखकर दोनों भाई बहन मस्त हो रहे थे,संजु की तो हालत खराब हो गई दो बार अपनी मां की जमकर चुदाई करने के बाद भी अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड देखकर एक बार फिर से उसका लंड खड़ा हो चुका था और वह अपने लंड को पकड़ कर वह भी अपनी मां की तरफ जाते हुए बोला,,,,।

Aradhna pesaab karti huyi

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मुझे भी बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,,(और वह भी ठीक अपनी मां के बगल में जाकर खड़ा हो गया और पेशाब करने लगा रात में नजर उठा कर देखी तो संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर मुत रहा था यह नजारा आराधना के लिए भी काफी मदहोश कर देने वाला था,,,, तो भला मोहिनी कैसे पीछे रह सकती थी वह भी इस नजारे को देखकर मत हो चुकी थी उसकी कामअग्नि भड़क चुकी थी वह धीरे से अपने भाई के पास आई और अपने भाई के लंड को पकड़ ली जिसमें से अभी भी पेशाब की धार बड़ी जोरों से निकल रही थी,,,,, अपने भाई का गरम लंड मोहिनी की चूत की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ा रहा था,,,, मोहिनी उसे ऊपर नीचे करके पेशाब कर रही थी संजु को भी अपनी बहन की हरकत बहुत अच्छी लग रही थी,,, इसलिए संजू उसे अपनी तरफ खींचा और उसके लाल लाल होंठों अपने होठों में भरकर उसकी चूची को दबाते हुए उसके होठों का रसपान करने लगा,,,,।

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दोनों भाई बहन को इस तरह से प्यार करता हुआ देखकर आराधना पेशाब करते हुए बोली,,,।



जब तुझे रहा नहीं जा रहा था तो तू भी आ गई होती हम तीनों मिलकर मजा लूटते,,,।



सुहागरात तुम दोनों की थी मेरी नहीं,,,,(इतना कहते हुए मोहिनी तुरंत अपने घुटनों के बाल नीचे बैठ गई और अपने भाई के लंड को मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दी जिसमें से अभी भी रह रहकर पेशाब की बूंद टपक रही थी,,,, मोहिनी का यह कामोत्तेजना से भरा हुआ हरकत,,, संजू को मदहोश कर गया उसका लंड मोहिनी के मुंह में और ज्यादा कड़क होने लगा संजू से रहा नहीं जा रहा था मोहिनी की जवानी उसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह धीरे से मोहिनी का हाथ पकड़ कर उसके ऊपर की तरफ उठाया और उसे बाहों में लेते हुए उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया,,,, आराधना की पेशाब करके खड़ी हो चुकी थी वह दोनों की रामलीला को देख रही थी वह एकदम से थक चुकी थी इसलिए कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं संजू देखते ही देखे उसे एकदम से गोद में उठा दिया और बाथरूम की दीवार से सटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहा था तो,,, वह अपनी मां से बोला,,,)



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जरा डालने में मदद करो मेरी जान,,,,।

(आराधना सब कुछ देख रही थी इसलिए अपनी बेटी की बात सुनते ही वह दोनों के पास आई और अपने बेटे के लंड को पकड़ कर अपनी बेटी की चूत के मुख्य द्वार पर लगा दी और बोली,,,)



अब जाने दे अंदर,,,,।

(अपनी मां की तरफ से हरी झंडी का इशारा पाते ही संजू एक झटके में अपना पूरा लंड अपनी बहन की चूत में डाल दिया उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, मोहिनी अपनी मां और अपने भाई की चुदाई को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी इसलिए अपने भाई के लंड को अपनी चूत में पाकर वह एकदम से मस्त हो गई और पागलों की तरह अपने भाई के होठों को चूसते हुए वह खुद भी अपनी गांड को आगे पीछे करने की कोशिश करने लगी,,,,।।

गोद में उठाए हुए संजू अपनी बहन को जबरदस्त तरीके से चोद रहा था उसकी बहन पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,। दो दो बार झड़ने के बावजूद भी संजू पूरी तरह से अपनी बहन को मत करने में लगा था और उसकी बहन भी अपने भाई से पूरी तरह से संतुष्ट हुए जा रही थी,,,, संजू के हर एक धक्के को वह मदहोश होकर झेल रही थी कमरे में घर के तीनों सदस्य निर्वस्त्र अवस्था में थे,,, आराधना तो पूरी तरह से थक चुकी थी लेकिन अभी तो रात बाकी थी और बात बाकी थी,,,,।



मोहिनी बढ़ चुकी थी और संजू उसे अपनी गोद से नीचे उतार चुका था ,,, आराधना एकदम था के स्वर में बोली,,,।



बाप रे संजू तू तो बहुत हारामी है रे तीन-तीन बार झड़ने के बावजूद भी अभी भी थका नहीं है,,,।



क्यों तुम थक गई क्या रानी,,,।



हां मैं तो थक गई हूं अब मुझसे बिल्कुल भी कुछ भी होने वाला नहीं है ,,,,।



तुम चिंता मत करो मैं हूं ना तुम्हारी सारी थकान दूर कर दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू आगे बढ़ाओ और अपनी मां को गोद में उठा लिया,,,)



अरे अरे अरे यह क्या कर रहा है गिर जाऊंगी,,,



मेरे होते हुए भला तुम कैसे गिर सकती हो,,,,

(इतना कहते हुए संजू उसे गोद में उठाए हुए ही अपनी मां के कमरे की तरफ ले जाने लगा पीछे-पीछे मोहिनी भी जा रही थी क्योंकि अभी भी सुबह होने में 2 घंटे का समय शेष रह गया था इन 2 घंटे में संजु आज की रात को यादगार बना देना चाहता था वह अपनी मां को फूलों से सजे हुए बिस्तर के पास ले गया और उसे नरम गद्दे पर पटक दिया,,,,, और एक बार फिर से कमरे का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था पहले तो एक ही थी लेकिन अब दो-दो औरतें उसके बिस्तर पर थी बिल्कुल नंगी संजू का लंड एक बार फिर से तैयार हो चुका था,,,)



The end ,,,,,,,
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है सूरज ने आराधना की धमाकेदार तरीके से चुदाई की है आराधना को ऐसा सुख पहली बार मिला है मोहिनी भी उन दोनों की चुदाई देखकर उत्तेजित हो गई उसने उंगली से दो बार खुद को शांत कर लिया लेकिन संजू और आराधना के पेशाब करने के कारण उन्होंने मोहिनी को देखा और मोहिनी भी संजू से चुदने के लिए कहा उस रात संजू ने मां बेटी के साथ सुहागरात मनाई
 
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