उसकी चूत का कोई खास Taste तो नहीं मिल रहा था उसे... थोड़ा थोड़ा नमकीन सा... पर उसकी चूत एकदम साफ सुथरी थी और किसी तरह कि गंदी महक नहीं आ रही थी... बल्कि एक अजीब सी गंध थी उसकी चूत कि, जिसे सूंघ कर किसी बूढ़े आदमी का भी वीर्य निकल आये !!!
इस दौरान अदिती धीमी धीमी आवाज़ में गरम सिसकारीयां भरती रही. सूरज का लण्ड अब तक तन कर पूरा खड़ा हो चुका था. चूत चाटना छोड़ जब वो अपने घुटनो के बल उठा तो सिर उठा कर अदिती ने उसका लण्ड देखा. लण्ड का चमड़ा अब पीछे खिसक गया था और लाल मोटा सुपाड़ा पूरा बाहर निकल आया था ! वो समझ गई की ये हरामी अब उसे चोदेगा. उसने अपनी दोनों टांगे खोल कर फैला ली... सूरज उसकी टांगों के बीच अपने घुटनो पर बैठ गया और अपने हाथ में अपना लौड़ा पकड़ कर उसकी चूत की छेद में ठेलने लगा. अदिती का सील तो पहले से ही फटा हुआ था और उसपे उसका पानी भी गिर रहा था... सो एक बार में ही लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में धस गया.
वो लड़की ना ही सूरज की कोई गर्लफ्रेंड थी और ना ही बीवी... उसे तो बस एक रात के लिये उसकी चूत मारनी थी... सो इससे पहले की बेचारी अदिती उसके बड़े लण्ड को अपनी चूत में Adjust कर पाती, सूरज ने बिना किसी प्यार मुहब्बत और Formality के उसे पेलना शुरु कर दिया. चार पाँच धक्के मारने के बाद सूरज को लगा कि अदिती कि गांड़ बहुत नीचे होने कि वजह से वो उसे ठीक से पेल नहीं पा रहा. उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया चाहिये था और घर में तो बस एक ही तकिया था जिसपे अदिती लेटी हुई थी. सूरज ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और झट से बिस्तर से नीचे उतरा... सामने डोरी पर टंगे उसके कुछ कपड़े और एक दो चादर थी. वो कुछ कपड़े और दो चादर लेकर वापस बिस्तर पर आया... उन कपड़ों को ऊँचा करके अदिती कि गांड़ के नीचे रखा और फिर उसपे उसके चुतड़ों को टिकाया और फिर से उसकी जांघों के बीच बैठ कर उसे पेलने लगा.
सूरज को काफी खुशी थी कि वो एक बार झड़ चुका था... इस वजह से अब वो अदिती कि टाईट बूर में कुछ ज़्यादा देर तक टिक पायेगा.
" Fuck Me... Fuck Me... Ohhh Yeah... चोद मुझे कमीने... आआह्ह्ह्हह मम्मी !!! ". मस्ती में बावली होने लगी अदिती जब सूरज के लण्ड ने उसकी बूर को रोंदना शुरु किया. उसने अपनी टांगे सूरज कि कमर में लपेट दी और चुदने लगी.
सूरज ने आज तक जितनी भी रंडीयों को पेला था वो सब तो बस बिस्तर पे लेट जाती थी और वो उनके ऊपर चढ़ कर चोद लेता था... पर ऐसी लड़की को वो पहली बार लगा रहा था जो चुदाई का मज़ा खुद भी ले रही थी और उसे भी प्रोत्साहित कर रही थी.
सूरज उसकी गदराई कमर पकड़ कर धक्के लगा रहा था... हर धक्के में उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े के आगे पीछे हो रहा था जिसमें उसे Extra आनंद आ रहा था. अदिती कि चूत का पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था... उसकी चूत के अंदर का हिस्सा इतना गिला हो चुका था कि चोदने के दौरान कई बार सूरज का लण्ड फिसल कर बाहर छिटक पड़ता... सूरज बिना रुके उसी तरह धक्के मारता रहता जब तक कि उसका लण्ड अदिती कि जांघों पे इधर उधर टकरा कर वापस बूर कि छेद खोज कर भीतर नहीं घुस जाता.
छत पर घूमते फैन कि आवाज, चौकी कि चरमराहट, चूत में लण्ड के अंदर बाहर होने कि फचाफच गचागच कि ध्वनी, अदिती के चूतड़ों पे सूरज के अंडकोषों कि थपेड़, अदिती कि कराह, सूरज कि गहरी सांसे और पूरे कमरे में लण्ड चूत और कामरस कि मिली जुली फैली अजीब सी गंध... एक ऐसा कामुक माहौल बना रही थी कि दोनों अमीरी गरीबी, जात पात, ऊंच नीच सब भूल कर एक दूसरे में समाने के लिये बेक़रार हो रहें थें...
जैसा कि सूरज ने सोचा था कि एक बार माल गिरने के कारण वो ज़्यादा देर चोद पायेगा पर ऐसा हुआ नहीं ! जल्दी ही उसके लण्ड में फिर से वीर्य भर आया. लड़की के अंदर झड़ना कैसा लगता है ये उसे पता नहीं था क्यूंकि अभी तक तो वो रंडीयों को Condom लगा कर ही चोदा था. आज उसे एक नया Experience होने वाला था. उसने देखा कि अदिती मस्ती में विभोर होकर चुदाने में ब्यस्त है तो वो समझ गया कि अभी उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर वो उसके अंदर झड़ जाये.
वीर्य लण्ड के मुँह तक आ गया था... सूरज अब स्खलित होने के लिये रेडी था ! उसने अंतिम के तीन चार धक्के कस के लगाए और लास्ट धक्के पे अपने लण्ड को अदिती कि बूर कि तह तक घुसा कर छोड़ दिया . 20 सेकंड रुके रहने के बाद उसके पूरे शरीर में एक कंपन सी हुई और उसका लण्ड अदिती के बच्चेदानी को गाढ़े माल कि पिचकारी से भरने लगा !!!
अदिती कि चूत को अपने रस से भरने के बाद सूरज अपना लण्ड बाहर निकाल के उसकी बगल में ही निढ़ाल होकर लेट गया. अदिती ने भी उसी वक़्त अपना पानी छोड़ दिया और उसकी चूत से उसका पानी और सूरज का वीर्य एक साथ घुल मिल कर उसकी गांड़ के नीचे रखे कपड़ों पर गिरने लगा. अदिती के लिये शायद अभी ये तो शुरुआत थी.