Season ५ (last season)
◆ माँ का मायका◆
(incest,group, suspens)
(Episode-1)
जिसके सर पर मौत का साया हो वो भला खुश कैसे रहेगा।
अगला एक महीना सिर्फ मै उसी साये को डरे रह रहा था।चारो दिशाओं से मुझे दुश्मन की आहट आ रही थी।कुछ बाते अभी भी पहेली बनी हुई थी।
पहली बात पिताजी इतने पढ़े लिखे नही थे फिर उन्हें इतना सब कुछ किसने बताया।दूसरी चाचा को जहाँतक मै जानता हु,इतना डेरिंग काम करने की उनमे हिम्मत नही है।कोई तो है जो उसे ट्रिगर कर रहा था,उनको प्यादे की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
शिवकरण से मैने पूछताछ की तो उसने बोला की उसदिन वो छोटे मामा के साथ बार में था।मामा के कहने पर उसने फोन कट किया था।जहा तक मुझे मालूम था।छोटा मामा जब कोई टेंशन हो तभी शराब या शबाब का सहारा लेता है।पर एक झटके में जायदाद गवाना या उनके ऊपर हमले का इल्जाम आना इस डर से ओ शराब पी रहे हो।मुझे कहि न कहि लग रहा था की छोटे मामि और मामा दोनो वजीर है जो राजा को बचाने के लिए सतरंज पे आढा टेढ़ा घूम रहे है।कहि मेरा ध्यान भटकाने के लिए तो नही।
बहोत दिनों से मैं अकेले अकेले ही घूम रहा था।बहोत दिनों से कम्पनी पर भी पूरा ध्यान नही दिया था।नाना के स्वास्थ ठीक होने के बाद बड़े मामा भी टूर पे गए थे।मा चाची के पास गयी थी।बड़ी मामी नाना जी का सब दवादारू देख रही थी।रवि भैया हर बार की तरह अपने टूर पे निकल गए।छोटी मामी अपने मायके गयी थी।वजह मालूम नही पर छोटे मामा मुझसे दूरी बनाकर थे।
एक दिन करीब 10 बजे खाने के बाद मेरे व्हाट्सएप पर एक मेसेज आया।सिद्धि भाभी का था।उन्होंने एक पता भेजा था।और शाम का समय था।मेरा मन नही था पर भाभी का भी मन नही दुखा सकता था।
दूसरे दिन मैं उस पते पे पहुंच गया।वहां जाके दरवाजे की बेल बजाई।दरवाजा खुला तो सामने सिद्धि भाभी निधि भाभी और विकी भैया थे।घर को निहारा तो अइसे लग रहा था जैसे ये सिद्धि भाभी का मायका हो।ओ विकी का ही एक फ्लेट था जो पार्टी जैसे चीजो के लिए इस्तेमाल होता था।काफी बड़ा था।एक बड़ा हॉल वॉशरूम और एक किचन।जैसे कोई लॉज हो वैसा।
दोनो भाभियां अंदर किचन में गयी।
विकी:आओ वीरू दो पेग लगाता हु।
मै:नही मै नही पिता।
विकी:कम ऑन,चलो ठीक है कोल्ड्रिंक ही सही।
विकी ने एक लुंगी और टी शर्ट दी पहनने को क्योकि आफिस सूट खराब हो जाता।मेरे हाथ कोल्डड्रिंक और उसके हाथ में दारू का पेग,दोनो खिड़की के मेज पर बैठे गप्पे लड़ा रहे थे।
मैं:भैया आज कैसे ये प्लान बनाया अचानक से।
विकी:अरे सिद्धि बोली महीने भर से तुम कुछ सहमेसे परेशान से हो तो सोचा तुम्हारा भी मन बहल जाएगा तो रख दी पार्टी।
गप्पे लड़ाते वक्त दोनो भाभियां खाना लेके आई।मेज पे बैठ खाना खाने लगे।दोनो भाभियां भी पियक्कड़ थी।पर बियर ही।पर आज सबने कम ही पी थी।होश में जरूर थे।
सिद्धि भाभी:क्यो वीरू मेरी जान थोड़ा हस दे,तेरे वजह से ही पार्टी रखी है,तू उकड़ा उकड़ा अच्छा नही लगता।(सिद्धि भाभी ने चुम्मा दिया गाल पे।)
निधि भाभी:सही में यार वीरू तू हँसता हुआ मजाकिया वीरू ही सही लगता है।(निधि ने भी दूसरे गाल पे चुम्मा दिया।)
दोनो किसी भी बात पे तारीफ कर देते और चुम्मी लेते।मै विकी की रिएक्शन देख रहा था।वो नॉर्मल था।मुझेअजरज नही हुआ पर मुझे थोड़ा अजीब फील हुआ।खाना कैसे वैसे खत्म किया और हाथ धोने अंदर किचन की तरफ निकल गया।और हाथ धो दिए।
मेरे पीछे निधि भाभी आयी।हाथ में पेग था।जैसे ही मै पीछे घुमा ,मेरे अचानक घूमने से निधि भाभी का बैलेंस बिघड गया।वो गिरने ही वाली थी की उनको मैंने पकड़ लिया।
उनको सीधा कर के बाहर जाने लगा तो उन्होंने हाथ पकड़ लिया और खुद की ओर खींच लिया।
निधि:मेरी जान अइसे न छोड़ के जाओ,अभी और न तड़पाओ।
निधि मेरे गले लग गयी।वैसे ही गले लगे ही मेरी नजर बाहर गयी।इधर दोनो भाई बहने ओंठो का रसपान कर रही थी।उनको देख मैं और निधि एकदूसरे को देख हंसे।निधि के गाल शर्मा के लाल थे।ओंठ कांप रहे थे।उसने आंखे बन्द की।ये था निमंत्रण ओंठो का रस पिने का।
मैंने मेरे ओंठो को उनके पास लेके गया।दोनो की सांसे शरीर में रोमांच भर रही थी।मेरे ओंठ अभी निधि के ओंठो पर थे।उनको चूस रहे थे।जीभ घुमाकर चांट रहे थे।किचन के ओटे पे बिठा कर उसके कोमल होंठो का मदिरा पान कर रहा था।उसको पूरा नंगा किया खुद भी हो गया।
उसको ओटे पे पैर ऊपर कर पिट के बल सुलाया।उसके पैर फैलाये और चुतमनी को सहलाया।निधि की सिसकारी निकल गयी।मैंने उंगली के चुत के अंदर रगड़ना चालू किया। निधि तिलमिल रहि थी।उसके चुत पर जीभ घुमाई।मुझे उसकी चुत बहोत पसंद थी ।एकदम कोमल,क्योकि विकी सॉफ्ट सेक्स करता था कम देर के लिए और कभी कभी।काफी देर उसकी चुत में कभी उंगली घुसाता रहा तो कभी जीभ डाल के घुमाया उसकी चुत की पंखुड़ियों को चुसा।आवेश में वो झड भी गयी।अभी नशा 3 नो का उतर गया था।
निधि को मैं बेड पे लेके आया।विकी भी सिद्धि को लेके आया।मै और विकी दोनो बेड पे लेट गए।दोनो ने लन्ड चुसना चालू किया।
विकी:अरे वीरू तूने क्या किया जादू मुझे भी बता।ये रंडी लण्ड कबसे चुसने लगी।और तो और चुत भी चटवाती है।
मैं:कुछ खास नही,एकबार थोड़ा कन्विंस करो बाद में खुद राजी हो जाती है।
दोनो भी हमारे ऊपर आ गयी।हमारे ओंठो को चूस रही थी।
निधि काफी सिख गयी थी,चुदाई के बारे में,देखके बहोत सुकून मिला।
मै निधि के चुत पर लण्ड घिस रहा था।उसने अपने चुचे मेरे मुह में दिए ,उसके नोकीले निप्पल्स चुसना मुझे बेहद पसंद था।विकी भी सिद्धि के चुचे चूस रहा था।
निधि ने 69 की पोसिशन पकड़ ली।उसकी चुत मेरे मुह में और मेरा लण्ड उसके।उसकी चुत में जीभ डालके गांड को ऊपर नीचे करने लगा।निधि भी उससे ज्यादा उत्तेजित हो रही थी।
वहां सिद्धि ने अपने चुत में अपने भाई विकी का लण्ड घिसड दिया।मैंने भी ज्यादा देर न करते हुए निधि को भी अपने लण्ड पे बिठाया।दोनो अपनी गांड उठा के चुत में लण्ड पेल रही थी।निधि को मैंने अपनी तरफ नीचे झुकाया और उसकी ओंठो को पीने लगा।उसकी गांड को कस के पकड़े रखा।
वहा विकी सिद्धि के चुचे मसल रहा था।सिद्धि बहोत माहिर थी चुदाई के खेल में ओ गांड जोर जोर से उठा के पटक रही थी।उसके "फटक फटक' की आवाजे आने से वातावरण में चुदासी का माहौल था।
सिद्धि:आआह आआह फक ओ आआह आउच्च आआह चोदो मुझे भैया और जोर से आआह आआह इफ आआह
निधि उतनी माहिर नही थी,इसलिए उसकी गांड को कस के पकड़े रख मैने ही अपने गांड उठा के जोर जोर से उसको पेलना चालू किया।
निधि:आआह फक आआह उम्मम अहह और जोर से चोद वीरू तेरी रंडी को आआह पूरा अंदर डाल बहोत खुजली है अंदर आआह उफ
हर वक्त की तरह विकी और निधि झड गए।सिद्धि और मै बाकी थे।सिद्धि ने निधि को मेरे लण्ड के ऊपर से हटा के लण्ड को जोर जोर से हिलाया।मुह में लेके चुसाई की।जैसे ही ओ थोड़ा सख्त हुआ।उसको अपनी चुत में लगाया और उछलने लगी।मै उसके चुचे नोच मसलने लगा।
सिद्धि:वीरू चोद मुझे साले न उस भड़वे रवि में दम है न ये भाई में आआह तुहि मेरी खुजली मिटा आआह आआह अंदर तकंपेल आआह फक मी हार्ड आआह हायआआह।
सिद्धि बहोत ज्यादा गरमा गयी थी।मैंने उसको अपने सीने से कस के दबाया और नीचे से चुत में लण्ड को पेलने लगा।काफी देर बाद दोनो एकसाथ झड गये।सारा गाढ़ा रस सिद्धि के चुत में।विकी के बाजू में निधि और मेरे बाजू सिद्धि थक के सोई थी।मैं सिद्धि के चुचे सहला रहा था।और सिद्धि मेरा लन्ड।वैसे ही विकी भी निधि के चुचे सहला रहा था और निधि उसका लण्ड।
जब सहलाने से लण्ड सख्त होकर गर्म हो गया मैंने सिद्धि की टांगे ऊपर कर पीछे से उंगली डाल चुत को खुला कराया।फिर अपने लन्ड को अंदर घुसा के पीछे से पेलने लगा।विकी ने भी मेरा ही अनुकरण करते हुए निधि की चुत पेलने लगा।
विकी:याररर वीरू तू तो माहिर है यार,मुझे भी सीखा दिया कर
निधि:वीरू का लण्ड भी बड़ा माहिर है चुदने में बहोत मजे देता है।
सिद्धि:और भैया का...!
निधि:इसका तो उठा नही की गल जाता है,साला
विकी:हां हा तेरे को उसका ही लण्ड पसन्द है न।चुदास मिटा ले जितनी चाही उससे।
सिद्धि:ओए अभी नही अभी तो मै अपनी चुत को उसके लण्ड का स्वाद दूंगी।वीरू चोद तेरी रंडी को आआह।
मैंने उसके चुत में जोर से पेलना चालू किया।
सिद्धि:आआह फक फक फक आआह और फ़ास्ट आआह उफ आआह वीयू पूरा अंदर डाल आआह और जोर से हहोद सालाभड़वा रवि साले रंडी के देख इसे बोलते है चोदना आआह।
मैंने उसके चुचे कस के पकड़ लिए।और चोदने का जोर और बढ़ा दिया।
सिद्धि:आआह और जोर से चुत का भोसड़ा बना दे तेरे आआह रंडी आआह के आआह फक मी आआह और जोर से पेल आआह आआह।
विकी का लण्ड उतना सख्त नही हुआ था की पीछे से निधि को पेल सके।इधर दूसरा राउंड खत्म हुआ था सिद्धि का।
निधि:विकी उधर उनका खत्म भी हुआ पर अभी तक तेरा खड़ा भी नही हुआ।वीरू मेरी चुत की खुजली मिटा दे आआह
मैं:विकी भैया थोड़ा ऊपर हो जाओ।भाभी उनका लण्ड लो मुह में।
विकी थोड़ा ऊपर हो जाता है।वो घोड़ी बन उसके लण्ड को मुह में लेके चुसने लगती है।मैंने लण्ड को थोड़ा सहलाया और चुत में लगा कर चोदने लगा।
निधि:आआह और जोर से वीरू पूरा अंदर डाल।आआह आआह
मै लण्ड अंदर तक घुसा के उनको जोर जोर से चोद रहा था।
निधि:आआह आआह देख भड़वे विकी आआह इसे कहते है चोदना आआह उम्म तेरा लण्ड किसी काम का नही आआह आआह फक अहह आआह उफ आआह
मैंने उसके चुचो को मसलना चालू किया।वो विकी का लण्ड पूरे अंदर तक लेके चूस रही थी।अभी विकी का लण्ड खड़ा हो गया था।अभी विकी खड़ा हो गया और मै विकी की जगह चला गया।विकी ने उसके चुत में लन्ड डाला और उसको चोदना चालू किया।निधि अभी मेरा लन्ड मुह में लिए चूस रही थी।
हमारे खेल और आवाजो से सिद्धि भी फिरसे गर्म हुई।मै थोड़ा नीचे खसक के सोया और सिद्धि ने अपने चुत को मेरे मुह में दे दिया।उसकी चुत एकदम पानिया गयी थी।मैंने सिद्धि के चुत को चाटना चालू किया।वो मेरा सर कस के पकड़े चुत को अंदर तक दबा रही थी।मेरी जीभ मैंने उसके चुत में डाली।अभी उसकि चुत मेरे जीभ से चुद रही थी
विकी ने अपना लण्ड निधि के चुत में झडा दिया।और निधि बेड पे पीठ के बल लेट गयी।सिद्धी ने उसके चुत को चाटना चालू किया।अंदर जो विकी का लन्ड रस था उसे चिसके चाटके खाने लगी।विकी ने लन्ड हिला कर सिद्धि के पीछे से उसके चुत में ठूंसा और चोदने लगा।मैं उठा और निधि के दोनो बाजू पैर रख लण्ड उसके मुह में ठूस दिया ।और मुह चोदने लगा।नीचे सिद्धि उसकी चुत चाटके साफ कर रही थी।जैसे ही मै झडा सारा गाढ़ा रस निधि के मुह में।विकी ने अपनी स्पीड बढ़ा ली।सिद्धि झड गयी थी और विकी भी झड़ने वाला था।उसने जोर लगा के चोदना चालू किया।और आखिर कर झड गया।
हम काफी तक चुके थे।हमने थोड़ा रेस्ट करने का सोचा ।हम नंगे ही लण्ड को सहलाते हुए सोफे पे बैठ गए।दोनो रंडिया कॉफी लेके आयी।निधि ने मुझे कॉफी दी और मेरे लण्ड को चुत में घुसड़ के गोद में बैठ गयी।और सिद्धि भी विकी को कॉफी देके उसका लण्ड चुत में घुसा के उसकी गोद में बैठ गयी।दोनो उनके चुचो को सहलाने लगे।
विकी:यार मेरी बीवी तो तेरी रंडी बन गयी।जबसे तूने उनको चोदा है तबसे मुझे हर चुदाई के वक्त ताना मारती है।
मै:अच्छा अइसा करती हो निधि भाभी।(मैने उसके चुचे को मसल दिया।)
निधि:आआह आ नही तो क्या(दो बार गांड उठा के ऊपर नीचे हुई।)तेरा लन्ड बहोत मस्त है।मुझे लगता है रात भर सिर्फ चुदाई करती राहू।
सिद्धि:ठीक है करती रह,मै विकी भैया के लण्ड से चुदूँगी।
विकी:मैंने सुना है की तू वीरु से बच्चा पैदा करेगी।
सिद्धि:हा तो,उस भड़वे के लण्ड से कुछ निकलता ही नही,और जो निकलता है ओ कुछ काम का है नही।
निधि:विकु तेरे से कुछ नही हो रहा तो मै भी वीरु से बच्चा पैदा करवा लू।
मै:निधि भाभी ये क्या कह रही हो।नही भैया।आप सोचना भी मत।
विकी:अरे वीरू उसमे क्या बड़ी बात तेरे से बच्चा हुआ तो कोई हर्ज नही मुझे।अइसी बात नही की मै बच्चा पैदा नही कर सकता पर एक एक्सपीरिमेंट करते है।डॉक्टर गलत बोल रहा होगा तो निधि को बच्चा हो जाएगा।
निधि ने अभी जोर से उछलना चालू किया।सिद्धि भी उधर विकी भैया से उछल के चुदवा रही थी।
निधि:आआह चोद दे तेरी रंडी को तेरे रस से खुश कर दे आआह आठ उफ आआह आआह आआह और आआह।
मेरा लन्ड उसकी चुत को मेरे गाढ़े रस से भरने तक वो चुदती रही।विकी भी जब झड गया तो सिद्धि ने उठ के मुह में ले लिया।
विकी:अरे झड़ने देती न आआह क्यो भाई का नही सिर्फ वीरु का लेगी।
सारे लोग हसने लगे।रात भर हम चुदाई के खेल में रंग गए।मैं देर रात घर गया।भाभी बता के आयी थी तो वो अगले दिन आने वाली थी।मेरा मुद ठीक करने के लिए मैंने तीनो को शुक्रिया किया।
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