Update 4
इधर जब रागिनी रजत की नजरों को बर्दाश्त नहीं कर पाती तो वह वहां से हट कर फिर से लड़कियों की ओर बढ़ जाती है और उनकी नोटबुक चेक करने चली जाती है लेकिन फिर अचनाक ही वह एक बार मुडकर देखती है तो पाती है की रजत अपनी नोटबुक में झुकापड़ा है जिसे देख रागिनी अपने सर पर हल्के से हांथ मारती है और हस पड़ती है और उसके मुंह से बस इतना ही निकलता है (बुद्धू)
और फिर ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है स्कूल की लीव के बाद कोमल और रजत फिर से एक ही स्कूटी में बैठकर अपने घर की ओर निकल पड़ते है।
अब आगे–
दूर किसी गांव में एक बड़ी आलीशान कोठी में एक बड़े आलीशान बेड पर एक बहुत ही खूबसूरत औरत आके लेती हुई थी वह अभी अभी अपने सभी काम निपटा कर आई थी उसके ही बगल में उसका 18 वर्षीय बेटा लेटा हुआ था।
औरत –विवेक सो गए क्या?
विवेक आगे खिसकते हुए और अपने छोटे लण्ड को अपनी मां की गांड़ से सटाते हुए बोला –अभी नही मेरी जान अपनी जान के बिना कैसे सो सकता हूं नींद ही ना आएगी।
और फिर अपना एक हाथ अपनी मां की कमर रख देता है और फिर धीरे धीरे मां की जांघ को सहलाने लगता है।
वही वो औरत अपनी गांड़ को थोड़ा सा और पीछे को धक्का देती है जिससे उसके बेटे का लण्ड उसकी गांड़ की गहराई में और जा सके।
औरत– मैं तेरी मां हूं और अपनी मां की गांड़ में लण्ड पेल रहा है तुझे शर्म नही आती भला कोई बेटा अपनी ही मां को जान कहकर पुकारता है क्या?
विवेक– जब मां इतनी गदरायी हो और उसकी चूत हमेशा टपकती हो तो हर बेटे का फर्ज है की अपनी मां की चूत वो सुख वो शांति दे जिसे उसकी तलाश है।
अब वह औरत अपने बेटे का हाथ पकड़कर अपनी चूत के ऊपर रख देती है अभी उसने एक गुलाबी रंग का गाउन पहन रखा था और अपने बेटे के हांथ को पकड़ कर खुद से ही अपनी चूत मसलवाने लगती है।
औरत– आआह्ह.......देख तेरा जन्म स्थान तुझे कैसे पुकार रहा है मेरे बेटे और थोड़ी देर ऐसे ही अपनी चूत मसलवाने के बाद वह पलट जाती है और एक बार अपने को हवस भरी निगाह से देखती है और अगले ही पल वह अपने बेटे के होंठो को अपने होंठो के गिरफ्त में कर लेती है और उसे जोर जोर से चूसने लगती है।
विवेक थोड़ी देर अपनी मां को उसके होठ चूसने देता है और फिर वह अपनी किस तोड़ कर उठ बैठता है और जल्दी से अपनी अंडरवियर निकाल फेंकता है।
अब उसका 5 इंच का लण्ड अपनी पूरी औकात में खड़ा हो चुका था जिसे उसकी मां बड़े ही गौर से देख रही थी।
विवेक – ऐसे क्या देख रही हो जानेमन क्या अपने बेटे का लण्ड तुझे पसंद नही आया?
औरत– क्यूं पसंद क्यूं नही आयेगा मुझे तेरा लण्ड, अगर पसंद ना आता तो क्या मैं तुझसे चुदती कभी नही।
विवेक –अच्छा तो ये बता मेरा लण्ड मेरे किस बाप से कितना बड़ा है मेरे असली बाप के लण्ड से बड़ा है या फिर मेरे नामर्द बाप के लण्ड से और कितना बड़ा है और तुझे किससे ज्यादा चुदवाने में मजा आता है मुझसे या फिर मेरे दोनो बाप से या फिर उस ड्राइवर रमन से और उसका कितना बड़ा लण्ड है उसका?
औरत –मेरे बेटे का लण्ड सबसे बड़ा है और मुझे तो अपने बेटे से ही चूदने में मजा आता है (दरसल ये बात उस औरत अपने बेटे का दिल रखने के लिए ही कहा था क्यूंकि वो अच्छे से जानती थी की कोई भी मर्द अपनी बेज्जती कभी नही बर्दास्त कर सकता।)
विवेक–क्या सच में नही नही ये झूठ है तुम झूठ बोल रही हो सच सच बताओ ना मुझे बुरा नही लगेगा प्लीज मां तुझे मेरी कसम है।
औरत बड़े गौर से अपने बेटे को देखती है और फिर बोलती है "तुझे बुरा लगेगा मेरे बच्चे"
विवेक –नही मां मुझे बुरा नही लगेगा जब मुझे ये तक बुरा ना लगा की मेरे घर का ड्राइवर मेरी मां की चूत चोदता है तो फिर किसी का लण्ड मुझसे बड़ा या छोटा होने से क्या फर्क पड़ता है।
वह औरत थोड़ी देर ऐसे ही अपने बेटे को देखती रही और फिर एक लंबी सांस खींचते हुए बोली तेरा लण्ड तेरे दोनो बाप के ही जितना है तो तू मायूस मत होना क्यूंकि तेरे ही जितने लण्ड से चूदकर मैने तुझे और तेरी बहनों को जन्म दिया है और ये भी सच है की तू मुझे पूरी तरह संतुष्ट कर देता है रही बात मजे की तो जब चूत में लण्ड जाता है तो उस पल में पूरा मजा लेना ही मजा होता है फिर तू चोदे या फिर कोई और अब रही बात उस ड्राइवर की तो हां उसका लण्ड तेरे लण्ड से एक इंच बड़ा है और इसमें भी कोई शक नहीं की वो मुझे पागलों की तरह चोदता है लेकिन मैं फिर से यही कहूंगी की जब चूत में मेरे लण्ड होता है मैं बस उस पल को मजे से जीती हूं।
और इतना बोलकर वह औरत चुप हो जाती है।
उसका बेटा उसे बड़े गौर से देख और सुन रहा था।
औरत अब बहुत देर हो गई जो भी करना है जल्दी करो मुझे सोना भी है और इतना कह कर अपने बेटे के लण्ड को अपने हाथ में भर लेती है और फिर उसे ऊपर नीचे कर हिलाने लगती है।
विवेक–मां तू एक नंबर की रण्डी है।
औरत– वो तो मैं हूं, और फिर झुककर अपने बेटे के छोटे लण्ड को अपने मुंह में भर लेती हैं और अपने होठों और गालों को भींचकर चोपे देते हुए अपने बेटे के लण्ड को चूसने लगती है।
विवेक –सीसिसिसिसी मां तू तो बिल्कुल किसी प्रोफेशनल रण्डी की तरह लण्ड चूसती है आह ऐसा लगता है मैं अभी झड़ जाऊंगा।
और उसके हाथ अपने आप ही अपने मां के सर पर आ जाते है और फिर विवेक अपनी मां के सर को उसके बालों से पकड़कर अपने लण्ड को अपनी मां के मुंह में पेलने लगता है जिससे उसकी मां के मुंह से एक जानी पहचानी आवाज निकलने लगती है।
गौ गौ गौ गौ गौ गौ गौ गौ गौ
और बस ऐसे ही ये आवाज पूरे कमरे में फैल जाती है विवेक अपनी आंखे बंद कर लेता है और अपनी मां के द्वारा लण्ड चुसाई का मजा लेने लगता है।
आह साली रण्डी बस ऐसे ही हां ऐसे ही चूस अपने बेटे का लौड़ा आह क्या लण्ड चूसती है तू आह साली ना जाने कितनों का चूसी होंगी छीनाल
और फिर करीब 15 मिनट की चुसाई के बाद ही विवेक अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है जिसे उसकी मां बिना एक बूंद वेस्ट किए पूरा निगल जाती है।
औरत – क्यूं बच्चू मजा आया हूं ना मैं एक प्रोफेशनल रण्डी ऐसे तो रण्डी भी नही चूसती होंगी जैसा मैंने तुझे अभी निचोड़ा है।
विवेक– हां तू सच में एक होनहार रण्डी है आह क्या लण्ड चूसती है साली मादरचोद
मजा आ गया।
औरत – अब देर ना कर मेरी चूत में भी आग लगी हुई है आजा जल्दी से इसे चाटकर ठंडा कर दे और इतना कह कर वो औरत फुर्ती से अपना गाउन निकाल फेंकती है और फिर देखते ही देखते उसने अपनी पैन्टी भी निकाल फेंकी अब वह औरत भी विवेक की तरह ही पूरी नंगी हो जाती है और अपनी मोटी गदराई जांघो को फैलाकर अपने बेटे को अपनी चूत के दर्शन करवाती है।
उसकी चूत पूरी तरह क्लीन सेव्ड थी और उसकी चूत के ही पास एक टैटू बना हुआ था जो की बहुत प्यारा लग रहा था उस औरत की चूत की क्लिट हल्की सी काली थी
अब विवेक से भी नही रहा जाता और वो भी लपकर अपनी मां की जांघो के बीच आ बैठता है और अपने एक हाथ के अंगूठे से अपनी मां की चूत को सहलाने लगता है उसकी मां की चूत किसी झरने की तरह बहे जा रही थी जिसे देख विवेक तुरत झुक जाता है और अपना पूरा मुंह खोलकर अपनी मां की पूरी चूत को एक ही वार में पूरा भर लेता है और उसके बहते हुए रस को चूस चूस कर पीने लगता है।
इधर बस इतने से ही उस औरत की हालत खराब होने लगती है और उसके मुंह मदहोशी वाली सिसकियां निकलना शुरु हो जाती हैं।
सिसिसी आह बस ऐसे ही हां.....
तू तो कितना मस्त चाटता है....
अब विवेक अपनी मां की चूत को फैला कर अपनी जीभ उसमे डाल देता है और अपनी जीभ को नीचे से ऊपर कर चाटने लगता है बीच बीच में वह अपनी मां की चूत का लहसुन जैसा दाना अपने मुंह में भरकर चूस लेता है जिससे उस औरत की कमर हवा में ऊपर उठ जाती अब उसकी सांसे धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी वह जल्द ही अपने चरम की ओर बढ़ने लगती है।
जिसे देख विवेक खुश हो जाता है और वह भी पूरी लगन से अपनी मां की चूत को चाटने लगता है उसके साथ ही साथ वह अपने दोनो हाथो को ऊपर की ओर बढ़ाकर अपनी मां की मुलायम चूचियां दोनो हाथो में भर लेता है और उन्हें जोर जोर से मीसने लगता है जिससे उसकी मां को और भी मजा आने लगता है।
और फिर कुछ देर की चुसाई के बाद ही उसकी उसके मुंह पर ही झड़ जाती है जिसे वह चाट चाट कर पूरा साफ़ कर देता है और उसके बाद एक बार फिर से वह अपनी मां के होंठो पर टूट पड़ता है और उसे ताबड़ तोड़ किस करने लगता है।
उस औरत को किस करते हुए अपनी ही चूत के पानी का स्वाद अपने मुंह में महसूस करने लगती है थोड़ी देर किस करने के बाद अब विवेक अपना लण्ड अपनी मां की चूत पर सेट करते हुए आगे पीछे कर सहलाने लगता है।
औरत–अब और कितना तड़पाएगा डाल ना अंदर....
इतना सुनते ही विवेक के चेहरे पर मुस्कान फैल जाती है और फिर वह अपने लण्ड को पकड़कर एक शॉट मारता है जिससे उसका लण्ड उसकी मां की चूत की गहराई में समाता चला जाता है और फिर वह अपने कमर से धक्का देते हुए अपनी मां को चोदने लगता है।
औरत – आह सीसीसी आह मेरे राजा बस ऐसे और तेज और तेज चोदो अपनी रण्डी मां को आह बहुत मजा आ रहा है.....
पॉक्क पॉक्क पॉक्क पॉक्क.......
और फिर विवेक अपनी मां को कुछ देर ऐसे ही चोदता रहता है वह बीच बीच में कभी अपनी की चुचियों को चूसता तो कभी उसके होंठो का रसपान भी करता रहता हैं अब जब वह थकने लगता है तो उसकी मां उसे नीचे कर खुद उसके लण्ड पर बैठ जाती है और जैसे वह घोड़े की सवारी करते है ऐसे ही वह अपने बेटे के लण्ड को अपनी चूत में फसाए अपने बेटे की सवारी करने लगती है।
वही विवेक अपनी मां की भारी भरकम गांड़ को पकड़कर नीचे से धक्का लगाने लगता है अब दोनो के धक्कों से उस औरत को चुदायी में और भी मजा आने लगता है जिससे वह खुद से ही अपनी चुचियों को मसलने लगती है।
आह विवेक चोद और जोर से चोद मादरचोद अपनी मां को ऐसे ही चोद बिना रहम के चोद मेरी इस चूत को इसने मुझे बहुत तंग कर रक्खा है।
और फिर ऐसे ही करीब 15 मिनट की भीसड़ चुदाई के बाद दोनो ही एक साथ झड़ जाते है वह औरत थककर अपने बेटे के सीने पर ही लोट जाती है और अपनी सांसों को काबू में करने लगती है।
कुछ देर बाद दोनो की नजरे एक होती है दोनो ही एक दूसरे को देखते है और फिर मुस्कुरा पड़ते है और फिर वह औरत अपने बेटे के होंठो को चूमने लगती है और चूमते चूमते वैसे ही नंगे दोनो मां बेटे एक दूसरे से चिपक कर सो जाते है।पॉक्क