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Incest मां को अपना बनाया

vision244

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दोस्तों मैं एक नई कहानी शुरू कर रहा हू....
 

vision244

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Please आप लोग इस कहानी को सपोर्ट करिए ...
 
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Reactions: Boris The Animal

vision244

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दोस्तों ये एक इंसेट कहानी है... इस कहानी के सब किरदार काल्पनिक है .. ये एक फैंटेसी है तो बस इसे पढ़िए और एंजॉय कीजिए ...ऐसा कभी हकीकत में नही हो सकता ..ये बस एक कहानी है पढ़िए और मजा लीजिए
ये कहानी में हिंदी में लिखूंगा पर अगर कोई शब्द हिंदी में न लिख पाऊं तो उसको इंग्लिश में लिख दूंगा
और आखिर में ये कहूंगा कि जिसको किंकी सेक्स और गंदी बातें नहीं पसन्द तो आप प्लीज़ इसे ना पढ़ें अगर आप को रोमांस चाहिए तो प्लीज़ आप रोमांस वाले सेक्शन में जाए ये एक सेक्स कहानी है और अश्लीलता से भरपूर है

और आखिर में जो लोग इस कहानी को पढेंगे आप लोग से एक रिक्वेस्ट है कि इसे बस एक काल्पनिक कहानी की तरह पढ़ें और ऐसा न कभी हकीकत में होता है और न होगा..... धन्यवाद
 

Vishalji1

I love women's @ll body part👅lick(peelover)
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Congrats 👏 🎉 yar
Jaldi start kro kinky aur gandi bate wali story bahut hi pasand hai
 

vision244

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कहानी के किरदार
१) अजय- अजय २२ लाल का एक लड़का है पांच फुट सात इंच इसकी लम्बाई है सावला रंग न जायदा कला और न जायदा गोरा हर दिन कसरत करता है इसलिए बॉडी भी अच्छी है
अजय के पिता की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी अजय पर आ गई इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ दिया और अपनी एक दुकान गांव के मैंने रोड पर खोल लिया और घर का सारा खर्चा उठाने लगा
वैसे तो अजय ने सेक्स किया था तीन से चार के साथ पर वो अपनी मां और बहन का दीवाना था खास कर के वो अपनी मां सुनीता का दीवाना था
२) सुनीता- सुनीता एक ४२ साल की बहुत ही सुंदर औरत है पांच फुट चार इंच की सुनीता बहुत सुंदर और सुशील औरत है पति के गुज़र जाने के बाद अपने घर को समाल रही है ऐसा नहीं कि उसको मर्द पसंद नहीं या फिर उसको चुदाई पसंद नहीं वो भी एक औरत की तरह चाहती है कि कोई उसके इस खूबसूरत बदन को मसले कोई उसको हुकुम दे पर समाज के डर से उसने अपनी सारी इच्छा दबा ली है
सुनीता का जिस्म एकदम कातिलाना है वो मोटी नहीं है पर उसके शरीर पर चर्बी एकदम समान रूप से बटी हुईं हैं उसके दूध और गांड़ की तो बात ही अलग थी
सुनीता हमेशा साड़ी पहनती थीं और रात को सोते वक्त मैक्सी
३)सुधा- सुधा अजय की बड़ी बहन हैं एक २७ साल की खूबसूरत लड़की है शादी हो चुकी है पर ससुराल में नहीं रहती उसके ससुराल वाले दहेज के लिए बोलते रहते हैं ऐसा नहीं कि सुधा की शादी अच्छे से नहीं हुई पर उसके ससुराल वाले लालची है इसलिए उसने अपना ससुराल हमेशा के लिए छोड़ दिया और अपने भाई और मां के साथ रहतीं हैं उसके पति ने दूसरी शादी भी कर ली
सुधा भी अपनी मां की तरह बहुत सुंदर है उसके दूध और गांड़ तो उसको अपने मां से विरासत में मिली उसका पति एकदम चुटिया था जो इतनी कामुक और खूबसूरत लड़की को पैसे के लिए छोड़ दिया
४)शालिनी:- ये गांव में एक टीचर है और कुछ दिन में ही इसका ट्रांसफर हो जाएगा और फिर ये कभी नहीं आएगी इस गांव में शालिनी ४५ साल की औरत है और सुनीता और शालिनी में बहुत बनती है और सुनीता उसकी बहुत इज्ज़त करती है और उसकी हर बात मानती है क्योंकि वो पढ़ी लिखी है और दूसरा वो सुनीता से उमर में बड़ी है
 

vision244

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ये कहानी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की है जिसका नाम रानीगंज है यह गांव शहर से बहुत दूर है शहर से ७५ किलोमीटर बसा हुआ ये गांव बहुत सुंदर है और यह के सारी आबादी खेती करती है गांव से शहर के लिए बस जाती है पर वो भी समय समय से जाती गांव के मैंने रोड पे सात से दस दुकान है उसमें से एक दुकान अजय की है


रानीगंज बहुत सुंदर गांव है यह चारों तरफ हरियाली है आम के बाकीचे है गांव वाले अपने में मस्त है उनको शहर से कुछ लेना देना नहीं है बस कुछ सामान चाहिए तो शहर जाते है वरना बस अपने गांव में ही रहते है सब एक दूसरे से मिलकर रहते है गांव में एक सरकारी स्कूल है जिसमें शालिनी पढ़ती है सारे अध्यापक आस पास के गांव से है बस एक या दो अध्यापक बाहर से आते है और पढ़ते है और ट्रांसफर होने पर गांव से चले जाते है शालिनी भी बाहर से आई है और एक महीने में वो गांव छोड़कर चली जाएगी जो भी अध्यापक बाहर से आते है सरकार ने उसके लिए रहने के व्यवस्था की है और इसी तरह शालिनी को भी एक मकान सरकार की तरफ से मिला हुआ है शालिनी अकेले ही रहती है उसका एक बेटा है राजेश नाम से वो शहर में तैयारी करता है और खाली छुट्टी के समय आता है शालिनी के पति ने उसको छोड़ दिया है और किसी दूसरे औरत के साथ दिल्ली में रहता है। उसका शालिनी से कोई नाता नहीं है दस साल हो गए इस बात को।


शालिनी वैसे तो गांव में हर औरत से बात करती थी और सभी औरते शालिनी की बहुत इज्ज़त करती थी पर शालिनी की सबसे जायदा बनती थी सुनीता से वो सुनीता को बहुत मानती थी और उस से बहुत बातें किया करती थी सुनीता भी शालिनी की बहुत इज्ज़त करती थी वो उसको दीदी कहकर बुलाती थी क्योंकि शालिनी उम्र में बड़ी थी सुनीता उसकी हर बात मानती थी

सुनीता अपने दोनों बच्चों के साथ खुशी खुशी रहती थी उसकी एक बहन और उसके बच्चे उसके घर से पांच किलोमीटर दूर रहते थे वो अपनी बहन से मिलने अक्सर जया करती थी और फोन पे तो वैसे ही बात हो जाती थी दोनो बहनों की। उसकी बहन और बच्चों के बारे में आप को अपडेट के आखिर में बता दूंगा।

सुनीता जायदा पढ़ी लिखी औरत नहीं थीं बस दस तक पढ़ाई की थी उसको हिंदी पढ़ना आता था वो नाचती भी बहुत अच्छा थी उसने और उसकी बेटी दोनो ने ब्यूटी पार्लर का कोर्स किया था। सुनीता बहुत ही सुशील और संस्कारी औरत थीं वो अगर चाहती तो किसी भी मर्द को बिस्तर पे लाकर अपनी शारीरिक जरूरत को पूरा कर सकती थी क्योंकि वो इतनी कामुक और सुंदर औरत थी परंतु उसने ऐसा कुछ नहीं किया बस अपने बच्चों के साथ रहती थीं हसी खुशी और अपनी शारीरिक जरूरत को दबा दिया।

सुनीता की सुंदरता की तो बात की अलग थी उसकी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने को तरसती थी अभी भी उसकी चूचियां एकदम सुडौल और कड़क थी।क्योंकि शायद अभी तक किसी ने उसपर मेहनत नहीं की थी पर सुनीता के शरीर का सबसे सुंदर अंग उसकी गांड़ थी जो कि हर मर्द ऐसी ख्वाइश रखता था कि काश ऐसी गांड़ वाली औरत मिल जाए।सुनीता की गांड़ एकदम कड़क और उसका आकर एकदम गोल था साड़ी में तो सुनीता कहर बरसती थी। मैक्सी में उसकी गांड़ बस बाहर आने तरसती थी।कोई मर्द अगर होता तो मैक्सी उठाकर हाचक के उसको कुतिया की तरह पेलता।और हर औरत जो इतनी कामुक और सुंदर हो वो भी यही चाहती होगी और शायद सुनीता भी यही चाहती होगी पर वो समाज के नजर से डरती थी। सुनीता के बाल भी उसकी गांड़ तक आते थे जो उसकी सुन्दरता को चार चन्द लगा देते थे। जैसे सुंदर वो थीं वैसे ही सुंदर उसकी बेटी सुधा थी वो भी अपने मां पर गई थी वहीं चूचियां वही गांड़ वही नैन नक्शे सब वही थे पर सुनीता अपनी बेटी से थोड़ी से जायद सुंदर थी।

अजय भी बहुत अच्छा लड़का था।गांव वालों की नजर में वो बहुत अच्छा था जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाता था। अजय की एक दुकान थी गांव के मैंने रोड पे और उन लोगों के पास कुछ खेत थे जिस से वो लोग अपने घर का खर्चा चलते थे। अजय के दुकान के पास हीं सविता का घर था।जो कि गरीब थी और अजय के दुकान पे काम करती थीं।असल में सविता अजय को बहुत पसंद करती थी।सविता भी ४४ साल की थी जिसका पति मुंबई में रिक्शा चलता था।और साल में बस एक बार घर आता था।सविता की एक बेटी थी २० साल की नाम दिव्या था।वो भी अजय को बहुत चाहती थीं पर कभी अपनी दिल की बात नहीं बता पाई।सविता और अजय में शरीक संबंध थे।और सविता अजय का बहुत खयाल रखती थी।अजय भी उसके घर का खर्चा उठा लेता था कभी कभी।और सविता ईमानदार भी थी इसलिए बहुत बार अजय अपनी दुकान सविता और दिव्या के भरोसे छोड़कर किसी काम से बाहर भी चला जाता था।

अजय ने तो वैसे चुदाई की थी और सविता तो उसको शारीरिक सुख देती थीं।पर अजय अपनी मां सुनीता और बहन सुधा का दीवाना था।दिन रात बस अपनी मां के सपने देखा करता था।पर कभी हिम्मत नहीं हुई अपने मन की बात सुनीता से कहने की।वो अपनी मां की कच्ची चुराकर उसमें अपना माल गिरता था ।अपने मां की कच्ची को खूब सुगंता था।उसको अपने जीभ से कब चाटता था।और फिर अपने अलमीरा में छुपा देता था।

अजय के गांव में कुछ मकान कच्चे थे और कुछ पक्के। अजय का घर दो मंजिल का था।नीचे एक बड़ा हॉल था लैट्रिन और बाथरूम किचेन था।और नीचे दो रूम थे एक में सुनीता सोती थी और दूसरे में सुधा ।ऊपर के मंजिल में भी रूम थे।एक में अजय रहता था और दूसरा खाली पड़ा था।उसके ऊपर छत थी और छत पे भी एक मचान बना हुआ था जिसमें खाली ऊपर से ढाका हुआ था और चारों तरफ से खुला हुआ था। अजय का घर बहुत ऊंचा था छत पर कोई क्या कर रहा है कोई नहीं बता सकता था क्योंकि और सबके मकान छोटे थे और बड़े मकान अजय के घर से बहुत दूर थे। घर के आगे के बड़ा गलियार था और उसके आगे भैंस के लिए घर था।चारों तरफ से बॉउंड्री थी।

अजय सुबह उठ कर कसरत करके अपने दुकान चला जाता था।और दोपहर को खाना खाने घर आ जाया करता था।उसके पास स्कूटी भी थी जिसका वो घर आने जाने के लिए इस्तेमाल किया करता था।कभी कभी सुनीता ही दुकान चली जाया करतीं थी खाना लेकर । और फिर शाम को ७ बजे तक अजय दुकान बंद करके घर आ जाया करता था।वैसे भी गांव में सब आठ या नो बजे तक सो जाया करते हैं। सुनीता भी सुबह उठकर नाश्ता बनती फिर नहाती और दोपहर में सो जाया करती और चार बजे घांस काटने निकल जाती सुधा के साथ और गांव की और भी औरते रहती साथ में घांस काटने के लिए। सुधा भी घर के कम में सुनीता की मदद करती।और तीनों लोगों हसी खुशी रहते थे।
 
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