मासी के घर
अध्याय 1 - मासी मिलन
चरित्र परिचय
मैं (विशाल): एक 18 वर्षीय नौजवान, 7 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा लिंग, फिट एंड फाइन शरीर, सेक्स के लिए उत्तेजित।
उर्मिला: मेरी 36 वर्षीय मासी, जिनका गोरा चिकना सुडौल बदन है, किसी को भी मोहित करने के लिए काफी है। 38-30-38 का औसत फिगर। वह एक housewife है। मैं इन्हें बचपन से काफी पसंद करता था।
विशाखा (विशु) : मेरी मासी की बेटी, उम्र में मेरे बराबर, इसका शरीर मेरी मासी पर ही गया है। मैने मेरे मां से सुना है कि जब मेरी मासी जवान थी तब बिल्कुन विशु की तरह दिखती थी। इसका फिगर 36-24-26 है।
तरुण: मेरे मौसा जी, एक सुपर शॉप चलते है उनका बिजनेस काफी अच्छा चलता है। वह काम में काफी व्यस्त आदमी है।
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यह कहानी तब की है जब मैं 18 साल का हुआ ही था। इन दिनों जवानी अपने चरम पर होती है, यह वही उम्र थी जब मैं सेक्स के लिए बेताब था।
उन दिनों मैं पॉर्न भी काफी देखा करता था। पॉर्न की गंदी आदत से मैं अपने ही घर वाले के प्रति गंदी भावनाएं रखता था, उन्हें गंदी नजरों से देखता था। मुझे अनाचार (incest) पॉर्न काफी पसंद था।
मेरा न कोई मामा था, न नानी नाना जिंदा थे, इस वजह से मैं अक्सर गर्मियों की छुट्टियों में मेरी मासी के घर जाया करता, वहां मेरी मौसेरी बहन विशु थी और हम साथ मिलकर काफी मजा करते थे। मगर अब चार साल होगए थे, मैं मेरी मासी के घर नहीं गया।
इस बार मैंने सोच लिया था कि अब मैं अपनी मासी के घर जाके रहूंगा।
श्याम का समय था, दिन ढल रहा था और मैंने मेरी मासी के घर की डोरबेल बजाई। मासी ने दरवाजा होला, उन्होंने लाल ब्लाउज और एक सफेद साड़ी पहनी थी। जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, मुझे कस कर गले लगाया, उनकी बाहें काफी गरम महसूस हो रही थी और उनसे एक स्वीट सेंट की खुशबू आ रही थी।
फिर उन्होंने मेरे कंधों को पकड़ा और मुस्कराते हुए मुझसे कहा-
मासी: "काफी बड़े होगे हो।"
मैं भी मुस्कराया और कहा-
मैं: "हां, बिल्कुल।"
बाद मैं अंदर गया, अंदर जाते ही मुझे विशु के दर्शन हुए। मैंने अपनी बैग सोफे पर रख दी और आराम से बैठ गया। विशु और मेरी बातें शुरू हो गई।
फिर बातों ही बातों में विशु ने मुझसे नहाने के लिए कहा, सफर के बाद मैं भी थक चुका था और नहाना चाहता था। मैं झट से नहाने चला गया।
कुछ देर बाद मैं नहाकर निकला, और कपड़े बदल कर डायनिंग रूम में चला गया। वह मेरी मासी किचेन में काम कर रही थी, उन्होंने एक स्लीवलेस गाऊन पहना हुआ था। और अब मौसा जी भी लौट आए थे। डायनिंग टेबल पर बैठ कर, मैने और मेरे मौसा ने बाते शुरू कर दी।
थड़ी ही देर में मासी खाना लगाने लगी, मैंने भी उनकी मदत के लिए कुछ सामान लाए। इसी बीच उनकी नंगी बाजुओं ने मेरी बाजुओं पर घर्षण किया, यह काफी था मुझे उत्तेजित करने के लिए।
डायनिंग टेबल पर खाना लगाने के बाद, मैं बैठ गया और मौसी ने विशु को आवाज लगाई। विशु के आने बाद मासी ने परोसना चालू किया। मुझे परोसते वक्त, उनके डीप नेक कट की वजह से उनके गोरे स्तन और स्तनों के बीच की काली दरार मुझे दिखाई थी। मेरा लंड खड़ा होगया था।
खाना खाने के बाद मैं कमरे में चला गया और बिस्तर पर लेट कर उस दृश्य को ही याद करते रहा। पूरी रात मैंने उस दृश्य को याद करके मूठ मारी। मैने मन ही मन सोच लिया कि अब यह से तभी जाऊंगा जब मुझे मासी की चुत मिलेगी।
आगे की कहानी अगले update में बताऊंगा, तब तक मेरे साथ जुड़े रहे।