जिस माँ ने दूध पिलाया, उसका कर्ज चुकाएंगे,
लण्ड पर सवारी करवाकर, माँ की चीखे निकलवाएंगे।
हर बेटे की ख्वाहिश है, जिस माँ ने गोद में खिलाया है,
आज उसी माँ को आह रंडी, आह रंडी कहकर बुलाना है।
अपनी प्यारी मम्मी को, हर सुख का अहसास कराएँगे, दिन में माँ की पूजा कर, रात में अपनी रखैल बनाएंगे
सह लेगी हर झटके को, कोई रहम नहीं खाना है
जब तक आंसू न निकले, माँ को धक्के लगाना है।।
नौकर का साथ, मेरे मा को भाया, नौकर ने खोला मा साया,
जब मैं ये सब देखने आया, मां ने बड़े प्यार से बुलाया,
मां ने फिर नौकर से चटवाया, नौकर में मुझे अपना लौड़ा चुसवाया।
तीनों का रिश्ता, अब बन गया है बहुत अनमोल ,
नौकर आते मा बोलता, रण्डी अब अपनी चूत खोल ।।
मा , बेटे, और नौकर का शुरू हुआ नया लहर, नौकर का लन्ड मा को चोद चोद मचा देते कहर।।
तीनों की दुनिया, रंगीन और प्यारी,
क्योंकि मा करती लन्ड सवारी।।
अब मैं भी नहीं आता बीच में,
जब कोई मेरी मां चोदता खींच खींच के।।
मा करती अब नए नए लन्डू की सवारी,
पापा ने बनाया मा को छिनारी।।
जब जब आता मेरे पापा की बारी,
तब कहते मुझसे नहीं होगा चूत की सवारी।।
मां कहती मैं हूं एक संस्कारी नारी,
लेकिन क्या करूं मुझे लग चुकी है नए नए लण्ड लेने की बीमारी।।।
हाथ में लोडा, मन में माँ का ध्यान
लगा लो मुठ्ठी, लेकर मम्मी का नाम
Writen by - Raja-Beta