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aage ke updates bhi doUpdate 2
उसके बाद नीरा नीचे चली गई। मैं थोड़ी देर बाद नहाने चला गया बाथरूम बहुत छोटा था अंदर टॉयलेट सीट लगी हुई थी। बल्ब ओन करना चाहा तो वो भी ओन नहीं हुआ अंदर बहुत अँधेरा था किसी तरह मैंने नहाने का मन बनाया बनियान उतार कर टांगने जा रहा था तो वहां मुझे एक लाल रंग की पैंटी दिखी शायद चारु की थी। सुबह जब चारू नहाई होगी तब छोड़ गई होगी। पैंटी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। तभी दरवाजे पर हलका सा धक्का पड़ा, मैंने दरवाज़े से झाँका तो चारु खड़ी थी।
चारू शरमाते हुए बोली- मेरी वो होगी अंदर, दे दीजिए न !
मैंने पीछे हटते हुए मुस्करा कर कहा- यह लीजिए।
मैंने पैंटी चारु को दे दी।
चारु जाते जाते बोली- पहनना भूल गई थी !
उसकी इस बात ने मेरे लंड में आग लगा दी और मुझे मुठ मारनी पड़ी। मैं जब नहा कर आया तो चारु मेरे लिए नाश्ता ले आई। मैं बोला- भाभी, इस की क्या जरूरत थी?
चारु बोली- आप ले लीजिए, आज पहला दिन है। आप मेरे पेइंग गेस्ट बन जाइये न, रमेश जी 2000 रुपए देते थे आप भी 2000 रुपए दे देना।
मैंने हामी भर दी।
उसके बाद मेरा सामान आ गया, नीरा भाभी की मदद से मैंने अपना सामान कमरे में लगा लिया। नीरा से बातों बातों में मुझे पता चला कि बाथरूम की लाइट ख़राब है और 500 रुपए सही करने में लगेंगे।
नीरा मुझसे बोली- बाथरूम तो बहुत छोटा है, आप खुले में बाहर नहा लिया करिए। आकाश तो खुले मैं नहा कर जाते ही हैं। चारु भी सुबह जल्दी उठती है और 6 बजे से पहले ही खुले में नहा लेती है, ऊपर से बंद है कौन देख रहा है। आज तो कपड़े धो रही थी और आप भी उठ गए थे इसलिए बाथरूम में नहाने चली गई।
मैंने ठीक है बोल दिया।
रात को चारु के पति आकाश से मेरी मुलाकात हो गई, उसके मुँह से देसी दारु की बदबू आ रही थी। वो सामान्य से पतला दुबला एक साधारण सा आदमी था।
मैं रात को 10 बजे सोने चला गया, सोने से पहले मैंने सुबह 5 बजे का अलार्म भर दिया, सुबह चारु को नहाते हुए जो देखना था। सुबह 4 बजे ही मेरी नींद खुल गई बार बार दरवाजे की झिर्री से मैं चारु के घर की तरफ देख रहा था। सामने कमरे मैं आकाश जाने की तैयारी कर रहे थे, 4:30 बजे वो निकल गए। चारु मैक्सी पहन कर नीचे उन्हें छोड़ने गई और वापस अपने कमरे में चली गई।
बार-बार मैं चारु के दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 5:00 बजे के करीब चारु बाहर निकल कर छुटपुट काम करने लगी, मेरी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि कब वो नहाए और मैं उसकी चूचियों के दर्शन करूँ।
आखिर वो घड़ी आ गई 5:30 बजे वो नहाने आ गई, उसने बाहर का नल खोल लिया और बाल्टी नीचे रख दी। उसके बाद वो मेरे कमरे की तरफ बढ़ी। मेरी समझ में नहीं आया पर मैं वापस आकर पलंग पर बैठ गया।
क्रमश:...