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Incest मेरा अतीत और वर्तमान, चूत की अनंत प्यास

mastmast123

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मेरा नाम रेखा है अभी मेरी उम्र ३८ साल है, में एक शादीशुदा ओरत हूं मेरे दो बच्चे हैं जो अभी छोटे हैं। मेरे पति दिनेश एक सरकारी नोकरी करते हैं। हम ज्यादातर साथ ही रहते हैं मगर कभी उनका तबातला बाहर हो जाए तो मुझे बच्चों की पढ़ाई की वजह यहीं रहना पड़ता है ।
मैं अपनी कहानी मेरी शादी होने के पहले से शुरू करना चाहती हूं। मेरे घर में मेरे माता पिता एक बड़ा भाई कमलेश और मेरी भाभी सीमा रहते हैं। भाई 27 वर्षीय और भाभी 25 वर्षीय है। भाभी बहुत धार्मिक और मन मर्यादा को मानने वाली हैं। मेरी उम्र उस समय 23 वर्ष थी, मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। शादी के लिए रिश्ते खोजे जा रहे थे। मेरी भाभी सीमा के बारे में बता दूं बला की खूबसूरत बोबे 36 के और गांड 38 की है बहुत मादक है, लेकिन बहुत सीधी है पता नहीं क्यों,?
एक बार की बात है भाभी का मामा का लड़का अमित जो उनके बराबर ही है पर कुंवारा है कुछ काम से हमारे शहर आया हुआ था। वो हमारे घर ही ठहरा था। भैय्या कुछ ऑफिस के काम से आठ दिन के लिए बाहर गए हुए थे भाभी अकेली सोती थी उनके कमरे में। मैं ऊपर अपने कमरे में अकेली ही रहती हूं शुरू से । अमित को नीचे गेस्ट रूम में ही रुकवाया था। मां पिताजी का कमरा भी ऊपर मेरे साथ ही है।
रात को हम सबने साथ में खाना खाया और भाभी पूजा करने जाते हुए बोली आप सब लोग सो जाइए मैं पूजा कर के सोती हूं, भाभी रोज रात को एक घंटे कुछ पाठ कर के सोती हैं। हम लोग ऊपर और अमित नीचे गेस्ट रूम में सोने चला गया। मैं भाभी के पास गई ऊपर जाने से पहले और बोली आप कितना धार्मिक हो ओर कितना भाई का ध्यान रखती हो काश ऐसी बीबी सभी को मिले, ऐसा बोलकर मैं भाभी के गले लग गई, भाभी के कठोर स्तन मेरे स्तन से टकराए मेरे शरीर में सनसनी दौड़ गई भाभी ने तुरंत दूर किया और मेरे माथे पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला का रेखा सो जा, तेरा समय भी आने वाला है, मुझ बैरागन से क्या उम्मीद लगाती है, मेरे तो बस तेरे भैया ही है। मैने प्यार से भाभी के गाल पर एक गहरा kiss किया और जाने लगी, भाभी ने हाथ पकड़ कर रोका और बोली बड़ी गर्म होती जा रही है, तेरी शादी तक रूक पाएगी या कुछ करना पड़ेगा मेरी चुलबुली ननंद के लिए में हाथ छुड़ाकर ऊपर भाग आई। ऊपर आकर रूम बंद कर के बिस्तर पर लेटी, मुझे पिछले कई दिनों से मेरे स्तनों में हलचल हो रही थी,जवानी फूट फूट कर बाहर आने को मचल रही थी, भाभी साथ नही देती थी कोई सहेली भी नही थी अंतरंग। मैं करवटें बदलते बदलते कब सो गई पता नहीं। रात को गला बहुत सुख गया था और पसीने पसीने हो कर नींद खुल गई। वैसे मैं एक बार सो कर सिर्फ सुबह ही उठती हूं। पर आज न जाने क्यों नींद खुल गई थी, क्या मेरी जवानी में भूचाल आने वाला था? पता नहीं।
पानी पीने के लिए बोतल उठाई तो वो खाली निकली , भाभी के साथ मस्ती में मैं पानी भरना भूल गई थी। पानी लेने नीचे उतरी भाभी रूम की छोटी लाइट जल रही थी। शायद बंद करना भूलकर सो गई थी। किचन से पानी लेकर ऊपर जाने लगी तो किसी के हंसने की बहुत धीमी आवाज कानों में पड़ी। मैं बोतल को जीने पर छोड़कर धीरे धीरे भाभी के कमरे की तरफ बढ़ी, अंदर एक मर्द और एक औरत के बात करने की आवाज आ रही थी, बहुत धीमी धीमी। मैं सोचने लगी कौन होगा, गेस्ट रूम की तरफ जा के देखा अमित अंदर नही था उसका दरवाजा खुला था। मैं शॉक्ड थी तो क्या भाभी अपने भाई के साथ इतनी रात को अपने बंद कमरे में है । मैं उनके दरवाजे पर पहुंची, key whole से अंदर झांका और मैं सन्न रह गई।
 

mastmast123

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अब आगे,,
 
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mastmast123

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अंदर सीमा भाभी की पीठ दिख रही थी और अमित सामने से उनको गुदगुदी सी कर रहा था दोनों पूर्ण नंगे थे, मुझे पूरा व्यू नहीं दिख रहा था रूम के पीछे गलियारा था जहां दो विंडो थी वेंटिलेशन और कूलर लगाने के लिए , कूलर पूरे साल वहीं रखा रहता था, मैं गलियारे में गई देखा दूसरी विंडो अटकी हुई थी शायद भाभी ने उस पर ध्यान भी नहीं दिया था, की ये ठीक से बंद नहीं है, मैं विंडो पर पहुंचीं थोड़ा धक्का लगाया, वो थोड़ी और खुली , में जहां खड़ी थी अंधेरा था बहुत धीमी रोशनी थी सिर्फ, जबकि अंदर साफ दिखाई और सुनाई दे रहा था, दोनों निश्चिंत थे क्योंकि एक बार ऊपर जाने के बाद कोई नीचे नहीं आता था।
अमित सीमा कितनी सीधी रहती है तू यहां कोई कह ही नहीं सकता तू वही सीमा है मेरी वाली, कहकर उसने भाभी के दोनों चुचियों की अंगूठे और उंगली के बीच पकड़ कर थोड़ा जोर से मसलने लगा था, उसके हाथों में ढेर सा तेल और क्रीम लगा था क्योंकि मुझे दोनों चीजें सामने रखी दिखाई दे रही थी। भाभी आंखे बंद हो गई चहरे पे खुमार था और सिसकती हुई बोली, अमित कैसा कर रहा है नदी की धार बहने लगेगी , दो घाटियों के बीच से, aaaaahhhhhh में ढेर हो जाऊंगी,
अमित जब दो उन्नत पर्वत की चोटियों को कुरेदा और छेड़ा जाता है तो तलहटी की घाटियों से झरने का स्त्राव होना लाजमी है, मगर इस प्रक्रिया में पहाड़ों की मालकिन को जो असीम सुख और सरसराहट महसूस होती है वो कैसी होती है क्या तुम कहोगी।
भाभी बोली क्या मैं उस कंदरा में खोज के लिए घुसने वाले यंत्र को पकड़ कर इस का जवाब दूं
अमित अवश्य देवी इससे शायद तुम्हें कोई अहसास हो और सटीक व्याख्या कर सको उस असीम सुख की जो स्त्राव से होता है और पर्वतों को सहलाने से होता होगा।
भाभी फिर कसमा साई और अमित का हालाव्वि land अपनी मुठ्ठी में पकड़कर सिसकारी लेती हुई बोलने लगी, अमित बराबर चुचियों को उंगली और अंगूठे से दबाए जा रहा था, भाभी बार बार थोड़ा उछल रही थी बैठे बैठे, अब उनका मुख मेरी ओर था और अमित की पीठ।
भाभी uuss ऐसा होता है किसी ने पर्वत की चोटी की हालत इस कदर मस्त कर दी है कि मालकिन का दिमाग काम करना बंद कर चुका है, उस मालकिन का भी एक मालिक है मगर उसको पहाड़ों के ऐसे मर्दन का हुनर आता ही नही है इसलिए मालकिन को अपने भाई से मदद की गुहार करनी पड़ती है, वो बिचारी मर मर जा रही है अभी स्तनों की इस बेदर्द दबाई से, वो रोक भी नहीं सकती और उत्तेजना को सह भी नही सकती है अमित, सेक्स में डूबकर भाभी उसका नाम ले लेती है।
कौन है वो अमित को बताओ वो उस मालकिन की मदद करेगा, अब अमित ने भाभी के दोनों पहाड़ों को पूरी हथेलियों में भर कर बहुत जोरों से मालिश शुरू कर दी थी, भाभी अधमरी हो गई थी उसकी चूत बुरी तरह फड़क रही थी , वो सिसिया रही थी , मत कर अमित मैं मर जाऊंगी, हाय मेरी चूत मैं क्या हो रहा है कोई लावा उबाल मार रहा है , हाय हाय,,,
अमित तो चूचे दबाने में बहुत मजा आ रहा था, वो बोला सीमा इतनी दूर क्यों आगई पास होती तो जल्दी जल्दी हम खुशी लेते हाय मेरी सीमा और ये कहते हुए उसने मसलना जारी रखते हुए उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, भाभी छटपटा रही थी स्तनों की भयंकर मालिश ने उनको लगभग बेहोश कर दिया था और वो चीखते हुए स्खलित होने लगी एक तेज धारा चूत रस की चूत से बह निकली क्योंकि भाभी एकदम से मेरी ओर पैर कर के लेट गई थी और अमित आगे होकर चुचियों को मसलता जा रहा था भाभी काम से दो मिनिट तक बहती रही और बोली अमित मेरे भाई तेरी बहन को तूने उसकी शादी के बाद पहला ऐसा ओर्गास्म दिया है और मस्ती में देरतक सिसकती रही।
मैं खिड़की से भाभी को मजा लेते देख रही थी मेरी उंगली मेरी चूत में थी और आंखे बंद हो गई थी में भी खाली हो रही थी जांघ से मेरा रस बहता हुआ घुटनों के नीचे तक पहुंच गया था, मैने जब आंख खोली तो देखा भाभी मुझे देख रही थी हल्की रोशनी में उन्होंने मुझे पहचान लिया था, वो अवाक थी मुझे देखकर, मुझे कुछ सूझा नहीं में खुद को समेट कर ऊपर भाग आई।
मुझे डर तो नही था लेकिन axiety थी अब क्या होगा, में बिस्तर पर पड़ गई दरवाजा लॉक कर के।
 

Iron Man

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kirantariq

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mastmast123

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मैं सोचने लगी इतनी सीधी और धार्मिक भाभी कैसे अपने भाई के साथ खेल रही थी उसका लन्ड पकड़ कर , कभी आज तक लगा ही नहीं इतनी हॉट और सेक्सी होगी भाभी, मेरी चूत अभी तक टपक रही थी मैं अधूरी ही झड़ी थी कि भाभी ने देख लिया और मैं डर कर ऊपर भाग आई, भाभी के बॉब्स हाय क्या कमाल है तने हुए कड़क, अमित कैसे घुंडी दबा दबा के खींच रहा था और भाभी मरी जा रही थी कमर बिस्तर पर घिसते हुए उनकी चूत कितनी तड़प रही होगी बिचारी, काश कोई मेरी भी सहेली होती, लड़कों से तो डर लगता है मुझे कहीं चोद चाद लिया तो पति को कैसे चू दी चूत दिखाऊंगी सुहागरात पर। ऐसे ही सोचती रही भाभी पर आश्चर्य हो रहा था गुस्सा भी था ऐसे कैसे कर सकती हैं वो भाई के साथ और मेरे भाई को धोखा दे रही हैं। नींद आंखों से कोसो दूर थी, रात के तीन बज रहे थे बहुत देर तक भाभी का शो देखती रही थी शायद। तभी मेरे door पर knock हुई बहुत धीरे धीरे , कोई है इतनी रात को, रेखा रेखा भाभी की धीमी आवाज सुनाई दी मैं थोड़ा डर सी गई लेकिन मैंने कोई जुर्म नहीं किया था मैं क्यों डरूं, ये सोचकर दरवाजा खोला, सामने भाभी खड़ी थी सहमी सी आंखों में शायद कुछ आंसू भी थे, मैने रास्ता छोड़ा वो अंदर आ गई और बोली दरवाजा बंद कर लो plz, विनती करती हुई सी। मैने लॉक किया और बेड पर बैठ गई भाभी अभी भी खड़ी रही, और मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी उनके विशाल उरोज अभी भी तने हुए थे नाइटी में, नाइटी मोटे कपड़े की थी सिर्फ उभार ही महसूस हो रहा था, भाभी की सांस abnormal थी वो मेरे सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई और बोली रेखा मुझे माफ करदो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई अब ऐसा कभी नहीं करूंगी, में बोली सुबह तो आप मेरा इंतजाम करने की बात कर रही थी और रात में अपने इंतजाम के साथ रंगरेलियां मना रही हो, मेरे शब्दों में तनिक कठोरता थी में अपना डर छुपा रही थी। भाभी रोने लगी , नही नहीं मुझे माफ कर दीजिए आप दीदी अब ऐसा नहीं होगा। वैसे वो मुझे रेखा और तू करके ही बुलाती हैं पर अभी इतना respect, मैं समझ गई उनकी हालत। मैंने पूछा कब से चल रहा है आपका ये बोबा घुंडी दबावई और मसलाई कार्यक्रम अपने प्रिय भाई के साथ, वो शर्म से गढ़ गई और नीचे देखने लगी और जोर जोर से रोने लगी, क्योंकि दरवाजा बंद था आवाज बाहर नहीं जानी थी, मुझे थोड़ी दया आई और उनके बॉब्स देखकर मैं भी गर्म हो रही थी, मैने उनका हाथ पकड़ा और ठीक से bed पर बिठाया, भाभी आप रोइए नहीं और मुझे रेखा ही पुकारें मैं आपसे छोटी हूं, भाभी थोड़ी आश्वस्त हुई और thanks बोली, मगर अभी भी मुझे नहीं देख रही थी नीची नजर किए धीरे से सुबकती रही। मैने पूछा अमित कहां है , मैने उसे कमरे में भेज दिया है और वो सुबह जल्दी यहां से चला जायेगा। भाभी का नग्न रूप मेरी आंखों में बसा था वो असीम सुंदरता की देवी थी, मुझसे रहा नहीं गया मैंने उनके दोनों हाथ पकड़े और उनको चूम लिया और एक हाथ से उनकी ठोड़ी ऊपर उठाकर पूछा मैने कुछ पूछा है आपसे सीमा देवी जी, वो तुरंत बोली आप मुझ पर नाराज़ नहीं हो क्या, मैने कहा मैं ये तब तय करूंगी जब आप सब खुलकर बताओगी, भाभी अब शांत हो गई और बोली, आप जानती ही होगी दीदी, मैने तुरंत रोका और कहा दीदी और आप नहीं सिर्फ तू और रेखा, उनके चहरे पर अब चिंता और दुख के बादल नहीं थे, मैने दोनों हाथ पकड़े हुए थे भाभी ने उनको उठा कर चूम लिया, फिर बोली तुम शादी के पहले की किसी लड़की की हालत जानती होगी कि शरीर की क्या हालत होती है क्योंकि तुम अभी उसी दौर में हो, मैने हां में सर हिलाया और बोली भाभी आप सब अपने शब्दों में कहो मुझसे परदे न करो, और उनके हाथों को जोर से दबाकर हाथ पर एक चिकोटी काट ली, भाभी चिंहुक गई और मेरे से लिपट गई मेरे कान में धीरे से बोली मैं तो अपनी ननंद रानी से नाहक ही डरी हुई हूं, तू कितनी अच्छी है रेखा , उनके बोबे मेरे बोबों से दब रहे थे, वो पीछे हटी और बोली अब मैं तुझे मेरी कहानी साफ साफ कह सकती हूं बिना डरे बिना छुपाए, में बोली क्या ऐसा नहीं हो सकता , वो बोली क्या, मैने उनके स्तन की ओर इशारा किया और कहा इनका दर्शन करते करते नहीं सुन सकती क्या मैं, भाभी बहुत खुश हो गई उनके चहरे पर चमक आ गई, और तुरंत खड़ी हो गई बोली मुझे भी दर्शन चाहिए मेरी रेखा का साथ साथ तभी कहानी में मजा आएगा, sure मैने कहा, भाभी ने एकदम से नाइटी उतार दी वो पूरी नंगी थी, में दंग रह गई उनकी उठान इतने पास से देखकर बॉबों पर अभी भी तेल चमक रहा था, चूत शायद डर चुकी थी मगर एकदम साफ कांच की माफिक और चमक मार रही थी, में मंत्रमुग्ध सी ताड़े जा रही थी तभी भाभी आगे आई और मेरे कुंवारे untouch बॉब्स को दोनों हाथों में धीरे से पकड़ कर बोली क्या किसी की नदी हिलोरे तो नहीं मार रही है सच में मेरी चूत से कुछ टपकने लगा था मैं थोड़ा लजाई पर भाभी का हाथ नहीं हटाया, भाभी ने मेरी कुर्ती ऊपर करते हुए खोली मैने पूरा साथ दिया, रात में मैं कभी ब्रा नहीं पहनती थी मेरे मस्त बोबे उछल कर बाहर आ गए भाभी से रहा नहीं गया उन्होंने दोनों चूचे पूरी हथेली में भर थोड़ा जोर से दबा दिए और मेरी सलवार भी खोल दी, मेरी झांटों वाली चूत उनके सामने आ गई भाभी हाय क्या ताजी करारी अनझूई चूत है तेरी रेखा, में लजाते हुए बोली अभी मेरी नही आपकी कहानी सुननी है मुझे, वो बोली ठीक है और उठकर मेरी ड्रेसिंग टेबल से तेल की बॉटल उठा लाई और हाथ में लेने लगी मैं समझ गई ये क्या करने वाली हैं मैने कहा अभी नहीं न plz भाभी थोड़ा सुरूर तो चढ़ने दो ना। भाभी मुस्करा कर मेरे दोनों स्तनों को पकड़ कर मुझे बिस्तर पर बिठाने लगी मेरे हाथ भी अचानक भवावेश में ऊपर उठाकर भाभी के विशाल चिकने गोरे बोबों को पकड़ बैठे, भाभी चिंहुक गई और हम दोनों आमने सामने एक दूसरे की आंखों में देखते हुए बैठ गए।
 

malikarman

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मैं सोचने लगी इतनी सीधी और धार्मिक भाभी कैसे अपने भाई के साथ खेल रही थी उसका लन्ड पकड़ कर , कभी आज तक लगा ही नहीं इतनी हॉट और सेक्सी होगी भाभी, मेरी चूत अभी तक टपक रही थी मैं अधूरी ही झड़ी थी कि भाभी ने देख लिया और मैं डर कर ऊपर भाग आई, भाभी के बॉब्स हाय क्या कमाल है तने हुए कड़क, अमित कैसे घुंडी दबा दबा के खींच रहा था और भाभी मरी जा रही थी कमर बिस्तर पर घिसते हुए उनकी चूत कितनी तड़प रही होगी बिचारी, काश कोई मेरी भी सहेली होती, लड़कों से तो डर लगता है मुझे कहीं चोद चाद लिया तो पति को कैसे चू दी चूत दिखाऊंगी सुहागरात पर। ऐसे ही सोचती रही भाभी पर आश्चर्य हो रहा था गुस्सा भी था ऐसे कैसे कर सकती हैं वो भाई के साथ और मेरे भाई को धोखा दे रही हैं। नींद आंखों से कोसो दूर थी, रात के तीन बज रहे थे बहुत देर तक भाभी का शो देखती रही थी शायद। तभी मेरे door पर knock हुई बहुत धीरे धीरे , कोई है इतनी रात को, रेखा रेखा भाभी की धीमी आवाज सुनाई दी मैं थोड़ा डर सी गई लेकिन मैंने कोई जुर्म नहीं किया था मैं क्यों डरूं, ये सोचकर दरवाजा खोला, सामने भाभी खड़ी थी सहमी सी आंखों में शायद कुछ आंसू भी थे, मैने रास्ता छोड़ा वो अंदर आ गई और बोली दरवाजा बंद कर लो plz, विनती करती हुई सी। मैने लॉक किया और बेड पर बैठ गई भाभी अभी भी खड़ी रही, और मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी उनके विशाल उरोज अभी भी तने हुए थे नाइटी में, नाइटी मोटे कपड़े की थी सिर्फ उभार ही महसूस हो रहा था, भाभी की सांस abnormal थी वो मेरे सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई और बोली रेखा मुझे माफ करदो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई अब ऐसा कभी नहीं करूंगी, में बोली सुबह तो आप मेरा इंतजाम करने की बात कर रही थी और रात में अपने इंतजाम के साथ रंगरेलियां मना रही हो, मेरे शब्दों में तनिक कठोरता थी में अपना डर छुपा रही थी। भाभी रोने लगी , नही नहीं मुझे माफ कर दीजिए आप दीदी अब ऐसा नहीं होगा। वैसे वो मुझे रेखा और तू करके ही बुलाती हैं पर अभी इतना respect, मैं समझ गई उनकी हालत। मैंने पूछा कब से चल रहा है आपका ये बोबा घुंडी दबावई और मसलाई कार्यक्रम अपने प्रिय भाई के साथ, वो शर्म से गढ़ गई और नीचे देखने लगी और जोर जोर से रोने लगी, क्योंकि दरवाजा बंद था आवाज बाहर नहीं जानी थी, मुझे थोड़ी दया आई और उनके बॉब्स देखकर मैं भी गर्म हो रही थी, मैने उनका हाथ पकड़ा और ठीक से bed पर बिठाया, भाभी आप रोइए नहीं और मुझे रेखा ही पुकारें मैं आपसे छोटी हूं, भाभी थोड़ी आश्वस्त हुई और thanks बोली, मगर अभी भी मुझे नहीं देख रही थी नीची नजर किए धीरे से सुबकती रही। मैने पूछा अमित कहां है , मैने उसे कमरे में भेज दिया है और वो सुबह जल्दी यहां से चला जायेगा। भाभी का नग्न रूप मेरी आंखों में बसा था वो असीम सुंदरता की देवी थी, मुझसे रहा नहीं गया मैंने उनके दोनों हाथ पकड़े और उनको चूम लिया और एक हाथ से उनकी ठोड़ी ऊपर उठाकर पूछा मैने कुछ पूछा है आपसे सीमा देवी जी, वो तुरंत बोली आप मुझ पर नाराज़ नहीं हो क्या, मैने कहा मैं ये तब तय करूंगी जब आप सब खुलकर बताओगी, भाभी अब शांत हो गई और बोली, आप जानती ही होगी दीदी, मैने तुरंत रोका और कहा दीदी और आप नहीं सिर्फ तू और रेखा, उनके चहरे पर अब चिंता और दुख के बादल नहीं थे, मैने दोनों हाथ पकड़े हुए थे भाभी ने उनको उठा कर चूम लिया, फिर बोली तुम शादी के पहले की किसी लड़की की हालत जानती होगी कि शरीर की क्या हालत होती है क्योंकि तुम अभी उसी दौर में हो, मैने हां में सर हिलाया और बोली भाभी आप सब अपने शब्दों में कहो मुझसे परदे न करो, और उनके हाथों को जोर से दबाकर हाथ पर एक चिकोटी काट ली, भाभी चिंहुक गई और मेरे से लिपट गई मेरे कान में धीरे से बोली मैं तो अपनी ननंद रानी से नाहक ही डरी हुई हूं, तू कितनी अच्छी है रेखा , उनके बोबे मेरे बोबों से दब रहे थे, वो पीछे हटी और बोली अब मैं तुझे मेरी कहानी साफ साफ कह सकती हूं बिना डरे बिना छुपाए, में बोली क्या ऐसा नहीं हो सकता , वो बोली क्या, मैने उनके स्तन की ओर इशारा किया और कहा इनका दर्शन करते करते नहीं सुन सकती क्या मैं, भाभी बहुत खुश हो गई उनके चहरे पर चमक आ गई, और तुरंत खड़ी हो गई बोली मुझे भी दर्शन चाहिए मेरी रेखा का साथ साथ तभी कहानी में मजा आएगा, sure मैने कहा, भाभी ने एकदम से नाइटी उतार दी वो पूरी नंगी थी, में दंग रह गई उनकी उठान इतने पास से देखकर बॉबों पर अभी भी तेल चमक रहा था, चूत शायद डर चुकी थी मगर एकदम साफ कांच की माफिक और चमक मार रही थी, में मंत्रमुग्ध सी ताड़े जा रही थी तभी भाभी आगे आई और मेरे कुंवारे untouch बॉब्स को दोनों हाथों में धीरे से पकड़ कर बोली क्या किसी की नदी हिलोरे तो नहीं मार रही है सच में मेरी चूत से कुछ टपकने लगा था मैं थोड़ा लजाई पर भाभी का हाथ नहीं हटाया, भाभी ने मेरी कुर्ती ऊपर करते हुए खोली मैने पूरा साथ दिया, रात में मैं कभी ब्रा नहीं पहनती थी मेरे मस्त बोबे उछल कर बाहर आ गए भाभी से रहा नहीं गया उन्होंने दोनों चूचे पूरी हथेली में भर थोड़ा जोर से दबा दिए और मेरी सलवार भी खोल दी, मेरी झांटों वाली चूत उनके सामने आ गई भाभी हाय क्या ताजी करारी अनझूई चूत है तेरी रेखा, में लजाते हुए बोली अभी मेरी नही आपकी कहानी सुननी है मुझे, वो बोली ठीक है और उठकर मेरी ड्रेसिंग टेबल से तेल की बॉटल उठा लाई और हाथ में लेने लगी मैं समझ गई ये क्या करने वाली हैं मैने कहा अभी नहीं न plz भाभी थोड़ा सुरूर तो चढ़ने दो ना। भाभी मुस्करा कर मेरे दोनों स्तनों को पकड़ कर मुझे बिस्तर पर बिठाने लगी मेरे हाथ भी अचानक भवावेश में ऊपर उठाकर भाभी के विशाल चिकने गोरे बोबों को पकड़ बैठे, भाभी चिंहुक गई और हम दोनों आमने सामने एक दूसरे की आंखों में देखते हुए बैठ गए।
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मेरा नाम रेखा है अभी मेरी उम्र ३८ साल है, में एक शादीशुदा ओरत हूं मेरे दो बच्चे हैं जो अभी छोटे हैं। मेरे पति दिनेश एक सरकारी नोकरी करते हैं। हम ज्यादातर साथ ही रहते हैं मगर कभी उनका तबातला बाहर हो जाए तो मुझे बच्चों की पढ़ाई की वजह यहीं रहना पड़ता है ।
मैं अपनी कहानी मेरी शादी होने के पहले से शुरू करना चाहती हूं। मेरे घर में मेरे माता पिता एक बड़ा भाई कमलेश और मेरी भाभी सीमा रहते हैं। भाई 27 वर्षीय और भाभी 25 वर्षीय है। भाभी बहुत धार्मिक और मन मर्यादा को मानने वाली हैं। मेरी उम्र उस समय 23 वर्ष थी, मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। शादी के लिए रिश्ते खोजे जा रहे थे। मेरी भाभी सीमा के बारे में बता दूं बला की खूबसूरत बोबे 36 के और गांड 38 की है बहुत मादक है, लेकिन बहुत सीधी है पता नहीं क्यों,?
एक बार की बात है भाभी का मामा का लड़का अमित जो उनके बराबर ही है पर कुंवारा है कुछ काम से हमारे शहर आया हुआ था। वो हमारे घर ही ठहरा था। भैय्या कुछ ऑफिस के काम से आठ दिन के लिए बाहर गए हुए थे भाभी अकेली सोती थी उनके कमरे में। मैं ऊपर अपने कमरे में अकेली ही रहती हूं शुरू से । अमित को नीचे गेस्ट रूम में ही रुकवाया था। मां पिताजी का कमरा भी ऊपर मेरे साथ ही है।
रात को हम सबने साथ में खाना खाया और भाभी पूजा करने जाते हुए बोली आप सब लोग सो जाइए मैं पूजा कर के सोती हूं, भाभी रोज रात को एक घंटे कुछ पाठ कर के सोती हैं। हम लोग ऊपर और अमित नीचे गेस्ट रूम में सोने चला गया। मैं भाभी के पास गई ऊपर जाने से पहले और बोली आप कितना धार्मिक हो ओर कितना भाई का ध्यान रखती हो काश ऐसी बीबी सभी को मिले, ऐसा बोलकर मैं भाभी के गले लग गई, भाभी के कठोर स्तन मेरे स्तन से टकराए मेरे शरीर में सनसनी दौड़ गई भाभी ने तुरंत दूर किया और मेरे माथे पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला का रेखा सो जा, तेरा समय भी आने वाला है, मुझ बैरागन से क्या उम्मीद लगाती है, मेरे तो बस तेरे भैया ही है। मैने प्यार से भाभी के गाल पर एक गहरा kiss किया और जाने लगी, भाभी ने हाथ पकड़ कर रोका और बोली बड़ी गर्म होती जा रही है, तेरी शादी तक रूक पाएगी या कुछ करना पड़ेगा मेरी चुलबुली ननंद के लिए में हाथ छुड़ाकर ऊपर भाग आई। ऊपर आकर रूम बंद कर के बिस्तर पर लेटी, मुझे पिछले कई दिनों से मेरे स्तनों में हलचल हो रही थी,जवानी फूट फूट कर बाहर आने को मचल रही थी, भाभी साथ नही देती थी कोई सहेली भी नही थी अंतरंग। मैं करवटें बदलते बदलते कब सो गई पता नहीं। रात को गला बहुत सुख गया था और पसीने पसीने हो कर नींद खुल गई। वैसे मैं एक बार सो कर सिर्फ सुबह ही उठती हूं। पर आज न जाने क्यों नींद खुल गई थी, क्या मेरी जवानी में भूचाल आने वाला था? पता नहीं।
पानी पीने के लिए बोतल उठाई तो वो खाली निकली , भाभी के साथ मस्ती में मैं पानी भरना भूल गई थी। पानी लेने नीचे उतरी भाभी रूम की छोटी लाइट जल रही थी। शायद बंद करना भूलकर सो गई थी। किचन से पानी लेकर ऊपर जाने लगी तो किसी के हंसने की बहुत धीमी आवाज कानों में पड़ी। मैं बोतल को जीने पर छोड़कर धीरे धीरे भाभी के कमरे की तरफ बढ़ी, अंदर एक मर्द और एक औरत के बात करने की आवाज आ रही थी, बहुत धीमी धीमी। मैं सोचने लगी कौन होगा, गेस्ट रूम की तरफ जा के देखा अमित अंदर नही था उसका दरवाजा खुला था। मैं शॉक्ड थी तो क्या भाभी अपने भाई के साथ इतनी रात को अपने बंद कमरे में है । मैं उनके दरवाजे पर पहुंची, key whole से अंदर झांका और मैं सन्न रह गई।
बहुत ही मस्त और लाजवाब प्रारंभ हैं भाई मजा आ गया
 
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