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मेरा नाम रेखा है अभी मेरी उम्र ३८ साल है, में एक शादीशुदा ओरत हूं मेरे दो बच्चे हैं जो अभी छोटे हैं। मेरे पति दिनेश एक सरकारी नोकरी करते हैं। हम ज्यादातर साथ ही रहते हैं मगर कभी उनका तबातला बाहर हो जाए तो मुझे बच्चों की पढ़ाई की वजह यहीं रहना पड़ता है ।
मैं अपनी कहानी मेरी शादी होने के पहले से शुरू करना चाहती हूं। मेरे घर में मेरे माता पिता एक बड़ा भाई कमलेश और मेरी भाभी सीमा रहते हैं। भाई 27 वर्षीय और भाभी 25 वर्षीय है। भाभी बहुत धार्मिक और मन मर्यादा को मानने वाली हैं। मेरी उम्र उस समय 23 वर्ष थी, मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। शादी के लिए रिश्ते खोजे जा रहे थे। मेरी भाभी सीमा के बारे में बता दूं बला की खूबसूरत बोबे 36 के और गांड 38 की है बहुत मादक है, लेकिन बहुत सीधी है पता नहीं क्यों,?
एक बार की बात है भाभी का मामा का लड़का अमित जो उनके बराबर ही है पर कुंवारा है कुछ काम से हमारे शहर आया हुआ था। वो हमारे घर ही ठहरा था। भैय्या कुछ ऑफिस के काम से आठ दिन के लिए बाहर गए हुए थे भाभी अकेली सोती थी उनके कमरे में। मैं ऊपर अपने कमरे में अकेली ही रहती हूं शुरू से । अमित को नीचे गेस्ट रूम में ही रुकवाया था। मां पिताजी का कमरा भी ऊपर मेरे साथ ही है।
रात को हम सबने साथ में खाना खाया और भाभी पूजा करने जाते हुए बोली आप सब लोग सो जाइए मैं पूजा कर के सोती हूं, भाभी रोज रात को एक घंटे कुछ पाठ कर के सोती हैं। हम लोग ऊपर और अमित नीचे गेस्ट रूम में सोने चला गया। मैं भाभी के पास गई ऊपर जाने से पहले और बोली आप कितना धार्मिक हो ओर कितना भाई का ध्यान रखती हो काश ऐसी बीबी सभी को मिले, ऐसा बोलकर मैं भाभी के गले लग गई, भाभी के कठोर स्तन मेरे स्तन से टकराए मेरे शरीर में सनसनी दौड़ गई भाभी ने तुरंत दूर किया और मेरे माथे पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला का रेखा सो जा, तेरा समय भी आने वाला है, मुझ बैरागन से क्या उम्मीद लगाती है, मेरे तो बस तेरे भैया ही है। मैने प्यार से भाभी के गाल पर एक गहरा kiss किया और जाने लगी, भाभी ने हाथ पकड़ कर रोका और बोली बड़ी गर्म होती जा रही है, तेरी शादी तक रूक पाएगी या कुछ करना पड़ेगा मेरी चुलबुली ननंद के लिए में हाथ छुड़ाकर ऊपर भाग आई। ऊपर आकर रूम बंद कर के बिस्तर पर लेटी, मुझे पिछले कई दिनों से मेरे स्तनों में हलचल हो रही थी,जवानी फूट फूट कर बाहर आने को मचल रही थी, भाभी साथ नही देती थी कोई सहेली भी नही थी अंतरंग। मैं करवटें बदलते बदलते कब सो गई पता नहीं। रात को गला बहुत सुख गया था और पसीने पसीने हो कर नींद खुल गई। वैसे मैं एक बार सो कर सिर्फ सुबह ही उठती हूं। पर आज न जाने क्यों नींद खुल गई थी, क्या मेरी जवानी में भूचाल आने वाला था? पता नहीं।
पानी पीने के लिए बोतल उठाई तो वो खाली निकली , भाभी के साथ मस्ती में मैं पानी भरना भूल गई थी। पानी लेने नीचे उतरी भाभी रूम की छोटी लाइट जल रही थी। शायद बंद करना भूलकर सो गई थी। किचन से पानी लेकर ऊपर जाने लगी तो किसी के हंसने की बहुत धीमी आवाज कानों में पड़ी। मैं बोतल को जीने पर छोड़कर धीरे धीरे भाभी के कमरे की तरफ बढ़ी, अंदर एक मर्द और एक औरत के बात करने की आवाज आ रही थी, बहुत धीमी धीमी। मैं सोचने लगी कौन होगा, गेस्ट रूम की तरफ जा के देखा अमित अंदर नही था उसका दरवाजा खुला था। मैं शॉक्ड थी तो क्या भाभी अपने भाई के साथ इतनी रात को अपने बंद कमरे में है । मैं उनके दरवाजे पर पहुंची, key whole से अंदर झांका और मैं सन्न रह गई।
मैं अपनी कहानी मेरी शादी होने के पहले से शुरू करना चाहती हूं। मेरे घर में मेरे माता पिता एक बड़ा भाई कमलेश और मेरी भाभी सीमा रहते हैं। भाई 27 वर्षीय और भाभी 25 वर्षीय है। भाभी बहुत धार्मिक और मन मर्यादा को मानने वाली हैं। मेरी उम्र उस समय 23 वर्ष थी, मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। शादी के लिए रिश्ते खोजे जा रहे थे। मेरी भाभी सीमा के बारे में बता दूं बला की खूबसूरत बोबे 36 के और गांड 38 की है बहुत मादक है, लेकिन बहुत सीधी है पता नहीं क्यों,?
एक बार की बात है भाभी का मामा का लड़का अमित जो उनके बराबर ही है पर कुंवारा है कुछ काम से हमारे शहर आया हुआ था। वो हमारे घर ही ठहरा था। भैय्या कुछ ऑफिस के काम से आठ दिन के लिए बाहर गए हुए थे भाभी अकेली सोती थी उनके कमरे में। मैं ऊपर अपने कमरे में अकेली ही रहती हूं शुरू से । अमित को नीचे गेस्ट रूम में ही रुकवाया था। मां पिताजी का कमरा भी ऊपर मेरे साथ ही है।
रात को हम सबने साथ में खाना खाया और भाभी पूजा करने जाते हुए बोली आप सब लोग सो जाइए मैं पूजा कर के सोती हूं, भाभी रोज रात को एक घंटे कुछ पाठ कर के सोती हैं। हम लोग ऊपर और अमित नीचे गेस्ट रूम में सोने चला गया। मैं भाभी के पास गई ऊपर जाने से पहले और बोली आप कितना धार्मिक हो ओर कितना भाई का ध्यान रखती हो काश ऐसी बीबी सभी को मिले, ऐसा बोलकर मैं भाभी के गले लग गई, भाभी के कठोर स्तन मेरे स्तन से टकराए मेरे शरीर में सनसनी दौड़ गई भाभी ने तुरंत दूर किया और मेरे माथे पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला का रेखा सो जा, तेरा समय भी आने वाला है, मुझ बैरागन से क्या उम्मीद लगाती है, मेरे तो बस तेरे भैया ही है। मैने प्यार से भाभी के गाल पर एक गहरा kiss किया और जाने लगी, भाभी ने हाथ पकड़ कर रोका और बोली बड़ी गर्म होती जा रही है, तेरी शादी तक रूक पाएगी या कुछ करना पड़ेगा मेरी चुलबुली ननंद के लिए में हाथ छुड़ाकर ऊपर भाग आई। ऊपर आकर रूम बंद कर के बिस्तर पर लेटी, मुझे पिछले कई दिनों से मेरे स्तनों में हलचल हो रही थी,जवानी फूट फूट कर बाहर आने को मचल रही थी, भाभी साथ नही देती थी कोई सहेली भी नही थी अंतरंग। मैं करवटें बदलते बदलते कब सो गई पता नहीं। रात को गला बहुत सुख गया था और पसीने पसीने हो कर नींद खुल गई। वैसे मैं एक बार सो कर सिर्फ सुबह ही उठती हूं। पर आज न जाने क्यों नींद खुल गई थी, क्या मेरी जवानी में भूचाल आने वाला था? पता नहीं।
पानी पीने के लिए बोतल उठाई तो वो खाली निकली , भाभी के साथ मस्ती में मैं पानी भरना भूल गई थी। पानी लेने नीचे उतरी भाभी रूम की छोटी लाइट जल रही थी। शायद बंद करना भूलकर सो गई थी। किचन से पानी लेकर ऊपर जाने लगी तो किसी के हंसने की बहुत धीमी आवाज कानों में पड़ी। मैं बोतल को जीने पर छोड़कर धीरे धीरे भाभी के कमरे की तरफ बढ़ी, अंदर एक मर्द और एक औरत के बात करने की आवाज आ रही थी, बहुत धीमी धीमी। मैं सोचने लगी कौन होगा, गेस्ट रूम की तरफ जा के देखा अमित अंदर नही था उसका दरवाजा खुला था। मैं शॉक्ड थी तो क्या भाभी अपने भाई के साथ इतनी रात को अपने बंद कमरे में है । मैं उनके दरवाजे पर पहुंची, key whole से अंदर झांका और मैं सन्न रह गई।