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Incest मेरी कहानी मेरी जुबानी

Wrongone

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यह पूर्णतया एक काल्पनिक कहानी है जिसका किसी भी व्यक्ति, धर्म, स्थान और संप्रदाय से कोई संबंध नहीं है।

यह कहानी एक औरत की जुुबानी है।

मेरा नाम अरुणिमा है। मेरे आयु 42 साल है। मैं एक महाविद्यालय में गृहविज्ञान पढ़ाती हूँ। मेेरे दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी अरुणा हैै जो अभी 22 साल की है। एक बेटा अक्षय हैै जो 20 साल का है। मेरे पति की मौत छह साल पहले हो चुकी है। मेरेे ही महाविद्यालय में मेरी बेटी की सहेली पारुल भी दैैैनिक वेतन पर अस्थायी तौर पढ़ाती है। उसे यह कार्य करते हुए अभी दो साल ही हुए हैं।
पारुल और अरुणा दोनो बचपन की सहेेली है। अरुणा और अक्षय दोनों सरकारी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में लगे हैं। पारुल, अरुणा सेे पढ़ाई में एक साल आगे हैै और अपने तथा अपने परिवार की मदद के लिए महाविद्यालय में पढ़ाती है।
पारुल मुुुझे पहले आंटी कहती थी, पर जबसे उसने मेरे साथ पढ़ाना शुरु किया था तब से मैंने ही उसे महाविद्यालय परिसर में दीदी कहने को कहा था। शुरू मेें उसे मुझे दीदी कहने में परेशानी हुई पर अब मुझे हर हमेेेशा दीदी कहनेे लगी। वह यह भी कहती थी मेरी उम्र भले ही ज्यादा हो पर मैं उसकी दीदी ही लगती हूँ। यह वास्तविकता है मैं अपने उम्र से कम की लगती हूँ क्योंकि मेरा शरीर अन्य महिलाओं की तरह ज्यादा फैला हुआ नहीं था।
पारुल के पढ़ाना शुरु करने के कुछ दिनों बाद ही मुझे महाविद्यालय की तरफ से एक सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पंद्रह दिनों हेतु बाहर जाना था। चूँकि पारुल भी गृहविज्ञान विषय से ही थी तो उसने भी मेरे साथ जाने का आग्रह किया। मैंने अपने प्रधानाचार्य से अनुमति लेकर उसे भी अपने साथ ले गयी। मेरा पारुल को साथ ले जाने का निर्णय मेरे भविष्य को बदलने वाला था।
 

Rinkp219

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Nice.....waiting for next update
 
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Rahul

Kingkong
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:congrats:for new story :flowers:
waiting next update
 

Wrongone

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अगले दिन मैं और पारुल सेमिनार वाले शहर ट्रेन से निकले। हमें पहुचने में आठ बज गए थे। स्टेशन से सीधे होटल जाकर जल्दी से तैयार होकर हल्का नाश्ता किया और सेमिनार में चले गए। हम दोनों को सेमिनार समाप्त करते करते शाम के छह बज गए। फिर होटल आकर थोड़ा आराम किया। तब पारुल फ्रेश होने चली गई। तब तक मैनें अपने घर अरुणा और अक्षय से मोबाइल पर बात की। फिर पारुल के बाथरुम से निकलते ही मैं भी नहाने गई। नहाकर जब मैं बाहर आयी तो मैं केवल ब्रा पैंटी में थी और अपने पेटीकोट को अपने चूची तक चढ़ाए हुए थी। मैनें नाइटी पहनने के लिए अपने पेटीकोट को कमर पर बाँधा और अपने बैग से नाइटी निकालने लगी। तभी पारुल मेरे पीछे आयी और बोली ' दीदी आपके शरीर को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि आप मेरे उम्र के दो बच्चों की माँ हैं। आपने अपने शरीर को बहुत ही अच्छा बना रखा है। अगर आप बुरा न माने तो कमरे में केवल हम और आप हैं तो युँ ही रहें जब कोई बाहरी आए तो नाइटी पहन लिजिएगा'। मैंने उसे कहा 'झुठ बोल रही है तू अब मैं बुढ़ी हो चुकी हूँ'। फिर मैंने सोचा गर्मी भी अधिक है तो ब्रा पैंटी में रहने मे कोई दिक्कत थोड़ी ही है और फिर पेटीकोट तो पहने ही हूँ तो मैं ऐसे ही रहूँ । मैंने नाइटी निकालकर खुँटी पर टाँगकर बेड पर पारुल के बगल मे बैठ गयी। मैं बिस्तर पर किनारे थी और पारुल बीच में थी। तब पारुल मेरे नजदीक आकर मेरे ब्रा के बारे में बात करने लगी। बात करते करते वह मेरे करीब आ गयी और मेरे गर्दन को चूम ली। मेरे शरीर में एक झुरझुरी सी उठी क्योंकि छह साल पहले मेरे पति के मौत के बाद किसी ने मुझे ऐसे छुआ नहीं था।
मैंने कहा ' यह क्या कर रही है। मुझे गुदगुदी हो रही है'।
तब पारुल बोली 'दीदी आपकी त्वचा इतनी मुलायम है कि अपने आपको रोक नहीं पा रहीं हूँ'। यह कहकर वह मेरे बाँह को सहलाने लगी और मेरे गर्दन के आसपास मुझे चूमते जा रही थी। काफी देरतक सहलाने और चूमने के बाद वह कुछ समय के लिये रुकी, तो मैं बोली 'अब तेरा मन भर गया हो तो खाना मंगा लें। दिनभर के काम से मैं बुरी तरह थकी हुई हूँ'। पारुल बोली 'मंगा लेंगे खाना इतनी भी क्या जल्दी है'। यह कहकर वह मेरे आगे आई और फिर मेरे गर्दन को चूमने लगी और पीठ सहलाने लगी। मुझे काफी अजीब लग रहा था। शुरुआत में मैने उसे रोकने की कोशिश की पर पता नहीं क्यों मुझे भी शायद अच्छा लग रहा था, इसीलिए उसे पूर्णतया नहीं रोक पायी। अचानक ही उसने मेरे होंठों को चूमना शुरु कर दिया। मैं तो थोड़ी देर स्तब्ध रह गयी। मैं उसे रोकना चाहती थी परंतु इतने दिनों बाद हुए शारिरीक स्पर्श को पाकर इतनी विह्वल हो चूकी थी कि मैं उसे रोक ना पायी। धीरे धीरे मैं भी उसका साथ देने लगी। अब उसके हाथों ने मेरे पीठ को सहलाते हुए मेरे ब्रा के हुक को खोल दिया। वह अभी भी मेरे ओंठों को चूम रही थी।
 

Raja jani

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Yar char line likh ke tarif mangne lage ye kya baat hui pehle kahani devlop to hone do fir apne aap viewers badhenge aur comments bhi karenge positive negative dono abhi theme to thik h ab kaise story badhti hai wo dekhna hai.
 
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