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मेरी बीवी का नाम नूतन है वह एक मस्त शरीर की औरत है लेकिन पतिव्रता है बात उन दिनों की है उसका चयन एक अध्यापिका के रूप में हो गया और वह स्कूल में पढ़ाने लगी उसकी एक सहेली मुस्लिम महिला थी जिसका नाम शबाना था एक दिन शबाना ने नूतन को अपने घर में बुलाया बोली एग्जाम की कॉपी घर में ही चेक कर लेते हैं नूतन आने को तैयार हो गई नूतन हरी कलर की साड़ी और sleeveless ब्लाउज पहनकर शबाना के घर चली गई उसे सोचा आज कॉपियां सारी चेक करके काम खत्म कर लेंगे जैसे ही उसने सवाना का दरवाजा खटखटाया शबाना का आदमी जिसका नाम अकबर था उसने दरवाजा खोला अकबर एक ही बहुत ही लंबा चौड़ा तगड़ा आदमी था और शक्ल से ही जानवर सा लग रहा था उसे देखते ही नूतन चौक गई और बोली शबाना दीदी नहीं है क्या वह बोला अंदर ही आपका इंतजार कर रही हैं नूतन के अंदर आते ही अकबर ने दरवाजा बंद कर लिया और नूतन को पकड़ कर उठा लिया नूतन एकदम से घबरा गई और बोलने लगी यह क्या कर रहे हैं लेकिन अकबर ने नूतन की साड़ी खोल दी और नाभि चूसने लगा अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उस आदमी के सामने वह बिल्कुल बेबस हो गई थी अकबर ने उसको बेड पर पटक दिया।
शेष कहानी अगले भाग में
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