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Incest मेरी माँ ने बहन को बीवी बनाया

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माँ ने बहन को बीवी बनाया
17/06/2017Incest
हैल्लो दोस्तों, आज में आपको जो स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे और मेरी बहन के बारे में है. मेरी बहन का नाम पूजा है, वो अभी 21 साल की है और वो मुझसे 3 साल छोटी है. उसका रंग गोरा है और फिगर 32-26-34 होगा.
ये बात आज से 3 साल पहले की है जब वो 18 साल की थी और में 21 साल का था. उस वक्त हम भाई बहन एक कमरे में सोते थे, हालाँकि तब मेरी बहन के बारे में कोई गलत ख्याल मेरे दिल में नहीं आया था, लेकिन एक दिन में रात में टी.वी देख रहा था, तो तब अचानक से मेरा ध्यान मेरी बहन की तरफ गया तो वो उस वक्त सफ़ेद फ्रोक पहनी हुई थी. अब उस सीरियल में हिरोइन पेंटी में थी और इधर मेरी बहन के कूल्हे मेरे सामने थे.
मैंने धीरे से उसकी फ्रॉक को ऊपर कर दिया, तो मुझे उसकी चड्डी दिखने लगी. उसने काले कलर की चड्डी पहन रखी थी. अब में बेड पर उसके बगल में लेट गया था. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. अब मेरा लंड उसकी गांड से टच कर रहा था और मेरी जांघे उसकी जाँघो से टकरा रही थी.
फिर मैंने धीरे से उसकी चड्डी भी सरका दी तो मुझे उसकी चूत दिखने लगी. अब में डर गया था कि कहीं ये जाग ना जाए. फिर तभी उसने करवट बदली तो में उठकर साईड में सो गया और अपनी आँखें बंद कर ली. फिर वो पेशाब करने के लिए उठी और अपनी चड्डी को सरका हुआ देखकर चौंक गयी.
अब मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो किसी से कुछ कह ना दे, लेकिन सुबह उसने किसी से कुछ नहीं कहा. अब तो रोज रात को में उसकी जवानी को छूने लगा था और अपना वीर्य उसकी चड्डी पर ही छोड़ देता था, लेकिन में कभी इसके आगे नहीं बढ़ा था, लेकिन फिर एक दिन यह क्रम टूट गया और बात बिगड़ गयी.
फिर एक रात में ज़्यादा उत्तेजित हो गया तो मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसकी खुली चूचीयों को चूसने लगा, तो तभी उसकी नींद खुल गयी और वो चौंककर उठ गयी. तो उसने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा और कहा कि भैया आप, आपको शर्म नहीं आती अपनी छोटी बहन के साथ ऐसे करते हुए, चलो हटो, में माँ को सब बताती हूँ. अब में बुरी तरह से डर गया था.
अब वो उठकर माँ के कमरे में चली गयी थी. अब मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि ऐसा लगा सुसाइड कर लूँ, अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, अब में कैसे माँ को अपना चेहरा दिखाऊंगा? तो में उसी समय घर छोड़कर बाहर आ गया और सोचा कि सुसाइड करने से अच्छा है कहीं भाग जाऊं, अब मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था. फिर में घूमता हुआ स्टेशन पर पहुँचा तो मैंने देखा कि वहाँ मेरठ की ट्रेन खड़ी थी, तो में उसमें बैठ गया. मेरी जेब में केवल 500 रूपये थे और टिकट भी नहीं था.
फिर सुबह ट्रेन मुंबई पहुँच गयी. मैंने होटेल मेनेजमेंट का कोर्स किया हुआ था, इसलिए मैंने पहले दिन से कोशिश की और मुझे एक थ्री-स्टार होटल में जॉब मिल गयी. अब में पूरी तरह से अपने काम में जुट गया था, बस एक अफ़सोस था और बहन पूजा की बहुत याद आती थी, उसका गोरा चेहरा हमेशा मेरे सामने रहता था, शायद में उससे बहुत प्यार करने लगा था.
अब मेरे केरियर का ग्राफ एकदम से बढ़ने लगा था, लेकिन में कभी घर जाने की और फोन करने की हिम्मत नहीं कर पाया. अब मुझे बहन पूजा के सामने हर लड़की फीकी लगती थी, ये भी कैसी विधि की विडंबना थी? कि उस लड़की से प्यार हुआ जो सग़ी बहन थी.
फिर एक रात में बियर पी रहा था और अपने रूम में अकेला था. अब मुझे बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था, मुझे घर छोड़े हुए 3 साल हो गये थे तो मैंने घर का नंबर डायल किया, तो फोन पूजा ने ही उठाया. अब उसकी आवाज़ सुनते ही मेरा गला भर आया था, तो मेरे मुँह से केवल बहन निकला.
तो वो मेरी आवाज़ सुनकर एकदम से रो पड़ी और बोली कि भैया आप, भैया आप हमें छोड़कर कहाँ चले गये? यहाँ माँ का कितना बुरा हाल है? वो हर समय आप के लिए पूजा पाठ करती रहती है और मुझे कोसती रहती है, भैया पापा तो बचपन में ही हमें छोड़कर चले गये थे और आप भी, भैया प्लीज आप आ जाओ, आप जैसा चाहोंगे वैसा ही होगा, भैया आई रियली लव यू, प्लीज आप घर आ जाओ, में आपके सिवाए किसी दूसरे के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ अगर आप नहीं आए तो इस जीवन का क्या फ़ायदा? में सुसाइड कर लूँगी. फिर मैंने कहा कि हट पागल, चल रो मत, में घर आ रहा हूँ, तुझको कुछ मंगवाना तो नहीं है, में मेरठ से लेता आऊंगा.
वो बोली कि मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप वापस आ जाओ. तो मैंने कहा कि आता हूँ. तो वो बोली कि कब? तो मैंने कहा कि कल, अब तो मेरा भी मन नहीं लग रहा था तो मैंने अपने बॉस से कहा कि में जा रहा हूँ और फिर मैंने छुट्टी ले ली और पूजा बहन के लिए बहुत सारी शॉपिंग की क्रीम पोडर ,सूट ,टीशर्ट जीन्स ,लोअर ,लेगीज ,स्कर्ट, साड़ी ,नाइट सूट,,ओर भी बहुत कुछ और यहाँ तक कि एक से एक कलर ओर स्टाइल 6जोड़ी सेट ब्रा पेंटी भी ले ली.
फिर में सुबह जल्दी ही प्लेन से अपने शहर पहुँच गया और वहाँ से टैक्सी लेकर अपने गाँव की तरफ चल दिया. अब मेरे घर में त्यौहार जैसा माहौल था, अब मेरे वहाँ पहुँचते ही माँ मेरे गले से लग गयी थी और मुझे बहुत प्यार करने लगी थी.
अब उसकी आँखों से आसूं आ रहे थे. अब वो ना जाने क्या-क्या बोल रही थी? तो तभी पर्दे के पीछे से पूजा आई, हाए क्या लग रही थी? एकदम सेक्स की देवी. अब में उसे 3 साल के बाद देख रहा था और इन 3 सालों में उसका शरीर पूरा भर गया था, उसकी चोली में से उसके बूब्स बाहर भाग रहे थे, चिकना पेट उसमें उसका नाभि एरिया, उसकी गांड भी पूरी हरी भरी हो गयी थी.
उसकी बॉडी का शेप बिल्कुल मस्त था. मैंने इतनी सुंदर लड़की कभी नहीं देखी थी, फिर मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने अपनी बाहें फैला दी, तो वो दौड़कर आई और मेरी बाँहों में समा गयी.
फिर मैंने नोट किया कि माँ उठकर किचन में चली गयी थी, तो मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके गोरे-गोरे गालों को बेहताशा चूमने लगा. अब वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी थी. फिर में उसे पर्दे के पीछे लेकर आ गया.
अब वो बहुत रो रही थी और अब मेरी आँखों में आसूं थे, अब में उसे चुप करने लगा था और बोला कि चुप पागल, अब में आ गया हूँ ना, सब ठीक हो जाएगा. तो वो बोली कि भैया आप ऐसे हमें छोड़कर क्यों चले गये थे? पता है हमने आपके बिना कैसे-कैसे दिन काटे है? माँ तो सारा दोष मुझ पर ही लगाती थी, वो कहती थी कि सब मेरी वजह से ही हुआ है.
अब भैया हमें कभी छोड़कर मत जाना, कभी नहीं. अब उसकी कठोर चूचीयाँ मेरे सीने से रगड़ रही थी. अब मेरा मन उसे छोड़ने का नहीं कर रहा था. अब मेरे चूमने से उसके गाल गुलाबी हो गये थे, तो तभी माँ किचन से आई और बोली कि बेटा सफर से थका हुआ आया होगा, चल फ्रेश हो जा और चाय का कप मुझको दिया और मेरे हालचाल पूछने लगी, तो मैंने अपने बारे में सब कुछ विस्तार से बताया.
अब में एक मुकाम पर पहुँच गया था, अब में 5 स्टार होटल का जी.एम हो गया था, तो ये सुनकर माँ बहुत खुश हुई. फिर जब मैंने अपना पैकेज बताया कि 18लाख हर साल है. तो माँ और पूजा दोनों चौंक गयी और बोली कि आपने तो 3 साल में इतनी तरक्की कर ली और हम.
फिर मैंने कहा कि चलो अब हम सब साथ रहेंगे, मुझको मेरठ में 3 बेडरूम फ्लेट मिला हुआ है, अब हम सब साथ रहेंगे. फिर तभी माँ बोली कि हाँ बेटा मुझको भी तेरे से कुछ जरूरी बातें करनी है, तू नहा धोकर तैयार हो जा और पूजा तू भी नहा ले, में समोसे लेने जा रही हूँ दरवाज़ा बंद कर लेना. अब माँ के जाते ही मैंने बहन पूजा को फिर से पकड़ लिया और बोला कि आई लव यू पूजा बहन, यू आर ओन्ली माई ड्रीम गर्ल. तो वो बोली कि आई लव यू टू भैया.
फिर में बोला कि पूजा में तेरे लिए शॉपिंग करके लाया हूँ, चल देख क्या-क्या लाया हूँ और फिर मैंने ढेर सारी ड्रेस उसके सामने डाल दी. तो वो बोली कि भैया इतने सारे, अब वो तो खुशी से पागल हो गयी थी.
फिर उसने मुझको किस किया और थैंक्स बोली. फिर मैंने एक पैकेट उठाया, उसमें केवल अंडर गारमेंट्स थे तो मैंने पिंक कलर वाली पेंटी ब्रा निकाली और कहा कि बहन जरा चैक करना नंबर ठीक है या नहीं. तो वो शर्मा गयी और लाल हो गयी.
फिर में बोला कि प्लीज चैक करके एक बार देख ले, कही चेंज नहीं करनी पड़े वेसे ये 34नम्बर है . तो वो शरमाती हुई बाथरूम में चली गयी और फिर थोड़ी देर के बाद बोली कि भैया बिल्कुल फिट है. तो मैंने कहा कि एक बार मुझको भी तो दिखा दे. तो वो बोली कि नहीं भैया मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा कि बहन हम दोस्त भी है और तूने फोन पर वादा किया था, बहन में सचमुच कभी ना आने के लिए चला जाऊंगा. अब मेरे इतना कहते ही उसने दरवाज़ा खोल दिया और मेरे मुहँ पर अपना एक हाथ रख लिया और बोली कि अब कभी जाने की बात नहीं करना भैया.
अब पिंक पेंटी और ब्रा में पूजा बहन क्या लग रही थी? उसका गोरा संगमरमर का बदन ऐसा लग रहा था जैसे किसी फिल्म की हिरोइन बीच में से निकलकर आ रही हो. फिर तभी मैंने उसका हाथ चूम लिया, तो वो मुस्करा दी, तो मैंने उसे उसकी पीठ से अपने से सटा लिया.
अब उसकी चूचीयाँ जो ब्रा से फट रही थी धीरे से उन पर अपना एक हाथ फैरा आह, आह, हाईईईई भैया, अब उसकी आह निकल गयी थी. अब वो सिहर गयी थी, वो नयी थी और कुँवारी भी थी. अब में उसे बेहताशा चूमने लगा था, अब मेरा लंड उसकी गांड में ठोकर दे रहा था. अब में उसे चूमता रहा और उसके गले को, कान के आस पास, उसके गुलाबी गालों को.
तभी मैंने कहा कि मेरा अंदाजा सही निकला इसलिए ब्रा-पेंटी सही साईज की लाया था, लेकिन मुझे लग रहा है कि तुम्हें तो ये भी छोटी पड़ जाएगी. अब मेरे हाथ लगाने से इन चूचीयों का साईज और बढ़ जाएगा. फिर तभी वो बोली कि चलो हटो भैया, बहुत शरारती हो गये हो. अब में उसे बिल्कुल भी छोड़ना नहीं चाहता था.
तभी वो बोली कि भैया प्लीज छोड़ दो ना, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है, में बेहोश हो जाउंगी, इतनी खुशी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी. फिर तभी डोरबेल बज़ी तो वो बोली कि माँ आ गयी, आप जल्दी से दरवाज़ा खोलो और फिर वो बाथरूम में चली गयी और फिर मैंने जाकर दरवाज़ा खोला.
अब मेरी जीन्स में मेरा लंड खड़ा हुआ था, तो माँ उसे देखकर हल्की सी मुस्कुराई और किचन में चली गयी. फिर तभी पूजा भी नहाकर आ गयी तो माँ बोली कि तू भी नहाकर आ जा और फिर हम साथ में ब्रेकफास्ट करेंगे.
फिर में जल्दी से नहाकर टेबल पर आ गया, तो तभी माँ बोली कि आज कुछ बात करनी है. तो मैंने कहा कि क्या बोलो? तो माँ बोली कि नहीं बस तुम दोनों की शादी के बारे में. अब हम दोनों चौंक गये थे और फिर हम दोनों बोले कि नहीं माँ अभी हम शादी नहीं करेंगे. तो माँ ने पूछा कि क्यों? तो तभी बहन पूजा बोली कि नहीं माँ, अभी में छोटी हूँ और अभी मुझे पढ़ना है? तो तभी माँ बोली कि कैसे छोटी है, तेरी दूधियाँ तो बड़ी-बड़ी है.
अब हम दोनों चौंक गये थे. फिर तभी माँ बोली कि बच्चों में तुम्हारी माँ हूँ और मुझे सब पता है, तुम अब कभी भी घर छोड़कर नहीं जाओ इसका ही इंतज़ाम कर रही हूँ, बेटा तुम दोनों की आखों का प्यार मैंने पढ़ लिया है, बस उसको एक रिश्ते का नाम दे रही हूँ, ना तो तुमसे अच्छा लड़का पूजा को मिल सकता है और ना ही पूजा जैसी जवान, खूबसूरत, सुशील लड़की तुम्हें, तो क्यों ना बेटा आपस में ही? और फिर तुम दोनों भी तो यही चाहते हो.
तभी हम दोनों माँ के पैरों पर गिर पड़े, तो माँ हमें आशीर्वाद देने लगी. अब हमारी आखों में आसूं आ गये थे. अब मैंने पूजा के कंधे पर अपना हाथ रख दिया था, तो तभी माँ बोली कि कितनी शानदार जोड़ी है? और तभी माँ बोली कि चलो मंदिर चलना है. फिर माँ ने पूजा को नई साड़ी दी और कहा कि ये पहन ले. फिर मैंने गाड़ी निकाली, हमारे गाँव से कोई 60 किलोमीटर दूर एक मंदिर है, हम वहाँ गये.
फिर वही हमने रिंग बदली और माला पहनी और फिर मंदिर के पुजारी ने सभी रस्मों से हमारी शादी करवा दी. तब मंदिर में एक और शादी हो रही थी और उस पर धुन बज रही थी, मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया.
ये सुनकर मैंने धीरे से बहन का हाथ दबा दिया, तो वो भी मुस्करा गयी. फिर रात होते-होते हम घर आ गये. अब माँ ने जल्दी से हमारा रूम ऊपर सेट कर दिया था. अब खुशी से मेरे कदम डगमगा रहे थे. फिर थोड़ी देर में पूजा रूम में आई, वो लाल साड़ी में गजब की लग रही थी. तो तभी पीछे से माँ भी आई, उसके हाथ में दूध के 2 गिलास थे. फिर माँ बोली कि बेटा तुम दोनों दूध जरूर पी लेना, केवल इसके दूध ही नहीं पीते रहना, तो हम दोनों मुस्करा गये, तो माँ बोली कि आराम से ये पूजा का फर्स्ट टाईम है और फिर माँ रूम से चली गयी.
तभी मैंने डोर लॉक किया और पूजा को अपनी बाँहों में भर लिया. फिर तभी पूजा बोली कि अरे भैया इतनी भी जल्दी क्या है? अब तो में आपकी लुगाई हूँ जैसे चाहो वैसे करना, जरा कपड़े तो चेंज कर लूँ. फिर मैंने धीरे से उसकी चूचीयों पर अपना हाथ फैरा और उसे छोड़ दिया, तो वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी और पेटीकोट उतारने लगी.
अब वो सुबह वाली पिंक ब्रा पेंटी में थी और अलमारी से अपनी नाइटी निकालने लगी थी. फिर मैंने कहा कि क्या फ़ायदा? उसे अभी फिर से उतारना पड़ेगा. फिर पूजा बोली कि मेरे भैया, मेरे सैयाँ आपको बहुत जल्दी है और इतना कहकर वो बेड पर आ गयी.
मेरी पूजा ब्रा-पेंटी में गजब की लग रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचीयों को सहलाया और उसके लिप्स पर एक लम्बा स्मूच किया. फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब उसके दोनों कबूतर आज़ाद थे.
अब में उसकी चूचीयों को चूसने लगा था. अब पूजा सिसकारियाँ भरने लगी थी, अब हम अभी शुरूआत कर ही रहे थे. फिर तभी पूजा बोली कि माँ की बात याद है केवल इन्हें ही नहीं पीते रहना, दूध भी पीना है. फिर हम दोनों ने साथ-साथ दूध पीया और फिर मैदान में आ गये. फिर पूजा बोली कि क्या भैया मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए? और खुद? चलो इन्हें उतारो जल्दी से, तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.
अब चड्डी में मेरा लंड तना हुआ था, तो उसे देखकर पूजा डर गयी और बोली कि हाए भैया, ये तो सचमुच काफ़ी बड़ा है. अब उसने मेरी चड्डी उतार दी थी. अब पूजा का हाथ लगते ही मेरा लंड 2 इंच और लम्बा हो गया था, मेरा लंड यही कोई 9 इंच का है.
फिर तभी पूजा बोली कि भैया कितना प्यारा है? और उसे चूमा और बोली कि लेकिन भैया ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा. तो मैंने कहा कि जान इसे फाड़ने के लिए ही तो इतना बड़ा किया है, ये एक ना एक दिन सभी की फटनी है और इतना कहकर मैंने पूजा की पेंटी उतार दी और फिर उसका अंग-अंग बेहताशा चूमा. अब पूजा भी अपने पूरे शबाब में आ गयी थी और अब वो भी मुझे चूमने लगी थी.
फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिकाया और हल्का सा झटका दिया, तो दर्द से पूजा ने अपनी आखें बंद कर ली. फिर मैंने से एक धक्का दिया तो इस बार मेरा आधा लंड अंदर चला गया. तो तभी पूजा चीखी आह, आह, हाईईईईई भैया, अब उसकी चूत खून से लथपथ हो गयी थी, तो मैंने फिर से एक ज़ोर का धक्का दिया.
अब मेरा लंड उसकी चूत की जड़ में जाकर बैठ गया था. अब पूजा की आखों में आसूं थे, तो तभी वो बोली कि भैया प्लीज अभी नहीं, अब वो बच्चों की तरह रोने लगी थी और में उसे दिलासा देता रहा और धक़्के भी मारता रहा. अब धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा था, ओर फिर एक जोर का झटका मारा और मेरा लन्ड गरम लावा उगलने लगा बहन की चूत में , सचमुच 24 कैरेट सोने की चूत थी पूजा की.
फिर उस रात हमने यही कोई 3 बार सेक्स किया और सुबह के 5 बज़े सोए. फिर सुबह के 10 बज़े पूजा ने चाय के साथ मुझे उठाया. अब वो नहा ली थी, तो मैंने फिर से उसके गालों को चूमा और उसके गीले बालों में अपना मुँह रख दिया. तो वो बोली कि चलो छोड़ो भैया और चाय पीकर नीचे आ जाओ, माँ बुला रही है.
फिर जब में तैयार होकर नीचे गया, तो माँ बोली कि बेटा मेरा प्लान तो सफल हो गया, अब तुम दोनों को सेट करना है, अब में यहाँ का घर और जमीन बेच देती हूँ और हम सभी मेरठ में सेट हो जाते है और फिर हम सभी मेरठ में सेट हो गये. ओर कुछ समय अब जल्दी ही मेरी बहन पूजा गर्भवती हो गयी थी, अब हम बहुत खुश है और खूब चुदाई करते है.
 

Abhishek Kumar98

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Fabulous sex story bhai maa bhi add kar dete toh aur acha lagta
 
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माँ ने बहन को बीवी बनाया
17/06/2017Incest
हैल्लो दोस्तों, आज में आपको जो स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे और मेरी बहन के बारे में है. मेरी बहन का नाम पूजा है, वो अभी 21 साल की है और वो मुझसे 3 साल छोटी है. उसका रंग गोरा है और फिगर 32-26-34 होगा.
ये बात आज से 3 साल पहले की है जब वो 18 साल की थी और में 21 साल का था. उस वक्त हम भाई बहन एक कमरे में सोते थे, हालाँकि तब मेरी बहन के बारे में कोई गलत ख्याल मेरे दिल में नहीं आया था, लेकिन एक दिन में रात में टी.वी देख रहा था, तो तब अचानक से मेरा ध्यान मेरी बहन की तरफ गया तो वो उस वक्त सफ़ेद फ्रोक पहनी हुई थी. अब उस सीरियल में हिरोइन पेंटी में थी और इधर मेरी बहन के कूल्हे मेरे सामने थे.
मैंने धीरे से उसकी फ्रॉक को ऊपर कर दिया, तो मुझे उसकी चड्डी दिखने लगी. उसने काले कलर की चड्डी पहन रखी थी. अब में बेड पर उसके बगल में लेट गया था. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. अब मेरा लंड उसकी गांड से टच कर रहा था और मेरी जांघे उसकी जाँघो से टकरा रही थी.
फिर मैंने धीरे से उसकी चड्डी भी सरका दी तो मुझे उसकी चूत दिखने लगी. अब में डर गया था कि कहीं ये जाग ना जाए. फिर तभी उसने करवट बदली तो में उठकर साईड में सो गया और अपनी आँखें बंद कर ली. फिर वो पेशाब करने के लिए उठी और अपनी चड्डी को सरका हुआ देखकर चौंक गयी.
अब मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो किसी से कुछ कह ना दे, लेकिन सुबह उसने किसी से कुछ नहीं कहा. अब तो रोज रात को में उसकी जवानी को छूने लगा था और अपना वीर्य उसकी चड्डी पर ही छोड़ देता था, लेकिन में कभी इसके आगे नहीं बढ़ा था, लेकिन फिर एक दिन यह क्रम टूट गया और बात बिगड़ गयी.
फिर एक रात में ज़्यादा उत्तेजित हो गया तो मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसकी खुली चूचीयों को चूसने लगा, तो तभी उसकी नींद खुल गयी और वो चौंककर उठ गयी. तो उसने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा और कहा कि भैया आप, आपको शर्म नहीं आती अपनी छोटी बहन के साथ ऐसे करते हुए, चलो हटो, में माँ को सब बताती हूँ. अब में बुरी तरह से डर गया था.
अब वो उठकर माँ के कमरे में चली गयी थी. अब मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि ऐसा लगा सुसाइड कर लूँ, अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, अब में कैसे माँ को अपना चेहरा दिखाऊंगा? तो में उसी समय घर छोड़कर बाहर आ गया और सोचा कि सुसाइड करने से अच्छा है कहीं भाग जाऊं, अब मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था. फिर में घूमता हुआ स्टेशन पर पहुँचा तो मैंने देखा कि वहाँ मेरठ की ट्रेन खड़ी थी, तो में उसमें बैठ गया. मेरी जेब में केवल 500 रूपये थे और टिकट भी नहीं था.
फिर सुबह ट्रेन मुंबई पहुँच गयी. मैंने होटेल मेनेजमेंट का कोर्स किया हुआ था, इसलिए मैंने पहले दिन से कोशिश की और मुझे एक थ्री-स्टार होटल में जॉब मिल गयी. अब में पूरी तरह से अपने काम में जुट गया था, बस एक अफ़सोस था और बहन पूजा की बहुत याद आती थी, उसका गोरा चेहरा हमेशा मेरे सामने रहता था, शायद में उससे बहुत प्यार करने लगा था.
अब मेरे केरियर का ग्राफ एकदम से बढ़ने लगा था, लेकिन में कभी घर जाने की और फोन करने की हिम्मत नहीं कर पाया. अब मुझे बहन पूजा के सामने हर लड़की फीकी लगती थी, ये भी कैसी विधि की विडंबना थी? कि उस लड़की से प्यार हुआ जो सग़ी बहन थी.
फिर एक रात में बियर पी रहा था और अपने रूम में अकेला था. अब मुझे बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था, मुझे घर छोड़े हुए 3 साल हो गये थे तो मैंने घर का नंबर डायल किया, तो फोन पूजा ने ही उठाया. अब उसकी आवाज़ सुनते ही मेरा गला भर आया था, तो मेरे मुँह से केवल बहन निकला.
तो वो मेरी आवाज़ सुनकर एकदम से रो पड़ी और बोली कि भैया आप, भैया आप हमें छोड़कर कहाँ चले गये? यहाँ माँ का कितना बुरा हाल है? वो हर समय आप के लिए पूजा पाठ करती रहती है और मुझे कोसती रहती है, भैया पापा तो बचपन में ही हमें छोड़कर चले गये थे और आप भी, भैया प्लीज आप आ जाओ, आप जैसा चाहोंगे वैसा ही होगा, भैया आई रियली लव यू, प्लीज आप घर आ जाओ, में आपके सिवाए किसी दूसरे के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ अगर आप नहीं आए तो इस जीवन का क्या फ़ायदा? में सुसाइड कर लूँगी. फिर मैंने कहा कि हट पागल, चल रो मत, में घर आ रहा हूँ, तुझको कुछ मंगवाना तो नहीं है, में मेरठ से लेता आऊंगा.
वो बोली कि मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप वापस आ जाओ. तो मैंने कहा कि आता हूँ. तो वो बोली कि कब? तो मैंने कहा कि कल, अब तो मेरा भी मन नहीं लग रहा था तो मैंने अपने बॉस से कहा कि में जा रहा हूँ और फिर मैंने छुट्टी ले ली और पूजा बहन के लिए बहुत सारी शॉपिंग की क्रीम पोडर ,सूट ,टीशर्ट जीन्स ,लोअर ,लेगीज ,स्कर्ट, साड़ी ,नाइट सूट,,ओर भी बहुत कुछ और यहाँ तक कि एक से एक कलर ओर स्टाइल 6जोड़ी सेट ब्रा पेंटी भी ले ली.
फिर में सुबह जल्दी ही प्लेन से अपने शहर पहुँच गया और वहाँ से टैक्सी लेकर अपने गाँव की तरफ चल दिया. अब मेरे घर में त्यौहार जैसा माहौल था, अब मेरे वहाँ पहुँचते ही माँ मेरे गले से लग गयी थी और मुझे बहुत प्यार करने लगी थी.
अब उसकी आँखों से आसूं आ रहे थे. अब वो ना जाने क्या-क्या बोल रही थी? तो तभी पर्दे के पीछे से पूजा आई, हाए क्या लग रही थी? एकदम सेक्स की देवी. अब में उसे 3 साल के बाद देख रहा था और इन 3 सालों में उसका शरीर पूरा भर गया था, उसकी चोली में से उसके बूब्स बाहर भाग रहे थे, चिकना पेट उसमें उसका नाभि एरिया, उसकी गांड भी पूरी हरी भरी हो गयी थी.
उसकी बॉडी का शेप बिल्कुल मस्त था. मैंने इतनी सुंदर लड़की कभी नहीं देखी थी, फिर मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने अपनी बाहें फैला दी, तो वो दौड़कर आई और मेरी बाँहों में समा गयी.
फिर मैंने नोट किया कि माँ उठकर किचन में चली गयी थी, तो मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके गोरे-गोरे गालों को बेहताशा चूमने लगा. अब वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी थी. फिर में उसे पर्दे के पीछे लेकर आ गया.
अब वो बहुत रो रही थी और अब मेरी आँखों में आसूं थे, अब में उसे चुप करने लगा था और बोला कि चुप पागल, अब में आ गया हूँ ना, सब ठीक हो जाएगा. तो वो बोली कि भैया आप ऐसे हमें छोड़कर क्यों चले गये थे? पता है हमने आपके बिना कैसे-कैसे दिन काटे है? माँ तो सारा दोष मुझ पर ही लगाती थी, वो कहती थी कि सब मेरी वजह से ही हुआ है.
अब भैया हमें कभी छोड़कर मत जाना, कभी नहीं. अब उसकी कठोर चूचीयाँ मेरे सीने से रगड़ रही थी. अब मेरा मन उसे छोड़ने का नहीं कर रहा था. अब मेरे चूमने से उसके गाल गुलाबी हो गये थे, तो तभी माँ किचन से आई और बोली कि बेटा सफर से थका हुआ आया होगा, चल फ्रेश हो जा और चाय का कप मुझको दिया और मेरे हालचाल पूछने लगी, तो मैंने अपने बारे में सब कुछ विस्तार से बताया.
अब में एक मुकाम पर पहुँच गया था, अब में 5 स्टार होटल का जी.एम हो गया था, तो ये सुनकर माँ बहुत खुश हुई. फिर जब मैंने अपना पैकेज बताया कि 18लाख हर साल है. तो माँ और पूजा दोनों चौंक गयी और बोली कि आपने तो 3 साल में इतनी तरक्की कर ली और हम.
फिर मैंने कहा कि चलो अब हम सब साथ रहेंगे, मुझको मेरठ में 3 बेडरूम फ्लेट मिला हुआ है, अब हम सब साथ रहेंगे. फिर तभी माँ बोली कि हाँ बेटा मुझको भी तेरे से कुछ जरूरी बातें करनी है, तू नहा धोकर तैयार हो जा और पूजा तू भी नहा ले, में समोसे लेने जा रही हूँ दरवाज़ा बंद कर लेना. अब माँ के जाते ही मैंने बहन पूजा को फिर से पकड़ लिया और बोला कि आई लव यू पूजा बहन, यू आर ओन्ली माई ड्रीम गर्ल. तो वो बोली कि आई लव यू टू भैया.
फिर में बोला कि पूजा में तेरे लिए शॉपिंग करके लाया हूँ, चल देख क्या-क्या लाया हूँ और फिर मैंने ढेर सारी ड्रेस उसके सामने डाल दी. तो वो बोली कि भैया इतने सारे, अब वो तो खुशी से पागल हो गयी थी.
फिर उसने मुझको किस किया और थैंक्स बोली. फिर मैंने एक पैकेट उठाया, उसमें केवल अंडर गारमेंट्स थे तो मैंने पिंक कलर वाली पेंटी ब्रा निकाली और कहा कि बहन जरा चैक करना नंबर ठीक है या नहीं. तो वो शर्मा गयी और लाल हो गयी.
फिर में बोला कि प्लीज चैक करके एक बार देख ले, कही चेंज नहीं करनी पड़े वेसे ये 34नम्बर है . तो वो शरमाती हुई बाथरूम में चली गयी और फिर थोड़ी देर के बाद बोली कि भैया बिल्कुल फिट है. तो मैंने कहा कि एक बार मुझको भी तो दिखा दे. तो वो बोली कि नहीं भैया मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा कि बहन हम दोस्त भी है और तूने फोन पर वादा किया था, बहन में सचमुच कभी ना आने के लिए चला जाऊंगा. अब मेरे इतना कहते ही उसने दरवाज़ा खोल दिया और मेरे मुहँ पर अपना एक हाथ रख लिया और बोली कि अब कभी जाने की बात नहीं करना भैया.
अब पिंक पेंटी और ब्रा में पूजा बहन क्या लग रही थी? उसका गोरा संगमरमर का बदन ऐसा लग रहा था जैसे किसी फिल्म की हिरोइन बीच में से निकलकर आ रही हो. फिर तभी मैंने उसका हाथ चूम लिया, तो वो मुस्करा दी, तो मैंने उसे उसकी पीठ से अपने से सटा लिया.
अब उसकी चूचीयाँ जो ब्रा से फट रही थी धीरे से उन पर अपना एक हाथ फैरा आह, आह, हाईईईई भैया, अब उसकी आह निकल गयी थी. अब वो सिहर गयी थी, वो नयी थी और कुँवारी भी थी. अब में उसे बेहताशा चूमने लगा था, अब मेरा लंड उसकी गांड में ठोकर दे रहा था. अब में उसे चूमता रहा और उसके गले को, कान के आस पास, उसके गुलाबी गालों को.
तभी मैंने कहा कि मेरा अंदाजा सही निकला इसलिए ब्रा-पेंटी सही साईज की लाया था, लेकिन मुझे लग रहा है कि तुम्हें तो ये भी छोटी पड़ जाएगी. अब मेरे हाथ लगाने से इन चूचीयों का साईज और बढ़ जाएगा. फिर तभी वो बोली कि चलो हटो भैया, बहुत शरारती हो गये हो. अब में उसे बिल्कुल भी छोड़ना नहीं चाहता था.
तभी वो बोली कि भैया प्लीज छोड़ दो ना, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है, में बेहोश हो जाउंगी, इतनी खुशी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी. फिर तभी डोरबेल बज़ी तो वो बोली कि माँ आ गयी, आप जल्दी से दरवाज़ा खोलो और फिर वो बाथरूम में चली गयी और फिर मैंने जाकर दरवाज़ा खोला.
अब मेरी जीन्स में मेरा लंड खड़ा हुआ था, तो माँ उसे देखकर हल्की सी मुस्कुराई और किचन में चली गयी. फिर तभी पूजा भी नहाकर आ गयी तो माँ बोली कि तू भी नहाकर आ जा और फिर हम साथ में ब्रेकफास्ट करेंगे.
फिर में जल्दी से नहाकर टेबल पर आ गया, तो तभी माँ बोली कि आज कुछ बात करनी है. तो मैंने कहा कि क्या बोलो? तो माँ बोली कि नहीं बस तुम दोनों की शादी के बारे में. अब हम दोनों चौंक गये थे और फिर हम दोनों बोले कि नहीं माँ अभी हम शादी नहीं करेंगे. तो माँ ने पूछा कि क्यों? तो तभी बहन पूजा बोली कि नहीं माँ, अभी में छोटी हूँ और अभी मुझे पढ़ना है? तो तभी माँ बोली कि कैसे छोटी है, तेरी दूधियाँ तो बड़ी-बड़ी है.
अब हम दोनों चौंक गये थे. फिर तभी माँ बोली कि बच्चों में तुम्हारी माँ हूँ और मुझे सब पता है, तुम अब कभी भी घर छोड़कर नहीं जाओ इसका ही इंतज़ाम कर रही हूँ, बेटा तुम दोनों की आखों का प्यार मैंने पढ़ लिया है, बस उसको एक रिश्ते का नाम दे रही हूँ, ना तो तुमसे अच्छा लड़का पूजा को मिल सकता है और ना ही पूजा जैसी जवान, खूबसूरत, सुशील लड़की तुम्हें, तो क्यों ना बेटा आपस में ही? और फिर तुम दोनों भी तो यही चाहते हो.
तभी हम दोनों माँ के पैरों पर गिर पड़े, तो माँ हमें आशीर्वाद देने लगी. अब हमारी आखों में आसूं आ गये थे. अब मैंने पूजा के कंधे पर अपना हाथ रख दिया था, तो तभी माँ बोली कि कितनी शानदार जोड़ी है? और तभी माँ बोली कि चलो मंदिर चलना है. फिर माँ ने पूजा को नई साड़ी दी और कहा कि ये पहन ले. फिर मैंने गाड़ी निकाली, हमारे गाँव से कोई 60 किलोमीटर दूर एक मंदिर है, हम वहाँ गये.
फिर वही हमने रिंग बदली और माला पहनी और फिर मंदिर के पुजारी ने सभी रस्मों से हमारी शादी करवा दी. तब मंदिर में एक और शादी हो रही थी और उस पर धुन बज रही थी, मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया.
ये सुनकर मैंने धीरे से बहन का हाथ दबा दिया, तो वो भी मुस्करा गयी. फिर रात होते-होते हम घर आ गये. अब माँ ने जल्दी से हमारा रूम ऊपर सेट कर दिया था. अब खुशी से मेरे कदम डगमगा रहे थे. फिर थोड़ी देर में पूजा रूम में आई, वो लाल साड़ी में गजब की लग रही थी. तो तभी पीछे से माँ भी आई, उसके हाथ में दूध के 2 गिलास थे. फिर माँ बोली कि बेटा तुम दोनों दूध जरूर पी लेना, केवल इसके दूध ही नहीं पीते रहना, तो हम दोनों मुस्करा गये, तो माँ बोली कि आराम से ये पूजा का फर्स्ट टाईम है और फिर माँ रूम से चली गयी.
तभी मैंने डोर लॉक किया और पूजा को अपनी बाँहों में भर लिया. फिर तभी पूजा बोली कि अरे भैया इतनी भी जल्दी क्या है? अब तो में आपकी लुगाई हूँ जैसे चाहो वैसे करना, जरा कपड़े तो चेंज कर लूँ. फिर मैंने धीरे से उसकी चूचीयों पर अपना हाथ फैरा और उसे छोड़ दिया, तो वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी और पेटीकोट उतारने लगी.
अब वो सुबह वाली पिंक ब्रा पेंटी में थी और अलमारी से अपनी नाइटी निकालने लगी थी. फिर मैंने कहा कि क्या फ़ायदा? उसे अभी फिर से उतारना पड़ेगा. फिर पूजा बोली कि मेरे भैया, मेरे सैयाँ आपको बहुत जल्दी है और इतना कहकर वो बेड पर आ गयी.
मेरी पूजा ब्रा-पेंटी में गजब की लग रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचीयों को सहलाया और उसके लिप्स पर एक लम्बा स्मूच किया. फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब उसके दोनों कबूतर आज़ाद थे.
अब में उसकी चूचीयों को चूसने लगा था. अब पूजा सिसकारियाँ भरने लगी थी, अब हम अभी शुरूआत कर ही रहे थे. फिर तभी पूजा बोली कि माँ की बात याद है केवल इन्हें ही नहीं पीते रहना, दूध भी पीना है. फिर हम दोनों ने साथ-साथ दूध पीया और फिर मैदान में आ गये. फिर पूजा बोली कि क्या भैया मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए? और खुद? चलो इन्हें उतारो जल्दी से, तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.
अब चड्डी में मेरा लंड तना हुआ था, तो उसे देखकर पूजा डर गयी और बोली कि हाए भैया, ये तो सचमुच काफ़ी बड़ा है. अब उसने मेरी चड्डी उतार दी थी. अब पूजा का हाथ लगते ही मेरा लंड 2 इंच और लम्बा हो गया था, मेरा लंड यही कोई 9 इंच का है.
फिर तभी पूजा बोली कि भैया कितना प्यारा है? और उसे चूमा और बोली कि लेकिन भैया ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा. तो मैंने कहा कि जान इसे फाड़ने के लिए ही तो इतना बड़ा किया है, ये एक ना एक दिन सभी की फटनी है और इतना कहकर मैंने पूजा की पेंटी उतार दी और फिर उसका अंग-अंग बेहताशा चूमा. अब पूजा भी अपने पूरे शबाब में आ गयी थी और अब वो भी मुझे चूमने लगी थी.
फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिकाया और हल्का सा झटका दिया, तो दर्द से पूजा ने अपनी आखें बंद कर ली. फिर मैंने से एक धक्का दिया तो इस बार मेरा आधा लंड अंदर चला गया. तो तभी पूजा चीखी आह, आह, हाईईईईई भैया, अब उसकी चूत खून से लथपथ हो गयी थी, तो मैंने फिर से एक ज़ोर का धक्का दिया.
अब मेरा लंड उसकी चूत की जड़ में जाकर बैठ गया था. अब पूजा की आखों में आसूं थे, तो तभी वो बोली कि भैया प्लीज अभी नहीं, अब वो बच्चों की तरह रोने लगी थी और में उसे दिलासा देता रहा और धक़्के भी मारता रहा. अब धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा था, ओर फिर एक जोर का झटका मारा और मेरा लन्ड गरम लावा उगलने लगा बहन की चूत में , सचमुच 24 कैरेट सोने की चूत थी पूजा की.
फिर उस रात हमने यही कोई 3 बार सेक्स किया और सुबह के 5 बज़े सोए. फिर सुबह के 10 बज़े पूजा ने चाय के साथ मुझे उठाया. अब वो नहा ली थी, तो मैंने फिर से उसके गालों को चूमा और उसके गीले बालों में अपना मुँह रख दिया. तो वो बोली कि चलो छोड़ो भैया और चाय पीकर नीचे आ जाओ, माँ बुला रही है.
फिर जब में तैयार होकर नीचे गया, तो माँ बोली कि बेटा मेरा प्लान तो सफल हो गया, अब तुम दोनों को सेट करना है, अब में यहाँ का घर और जमीन बेच देती हूँ और हम सभी मेरठ में सेट हो जाते है और फिर हम सभी मेरठ में सेट हो गये. ओर कुछ समय अब जल्दी ही मेरी बहन पूजा गर्भवती हो गयी थी, अब हम बहुत खुश है और खूब चुदाई करते है.
Ye kahani meri likhi hui hai bahut saal pehale ...INDIANSEXSTORIES PAR .... nice to see in Hindi font
 

kasturimgm

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kingkhankar

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माँ ने बहन को बीवी बनाया
17/06/2017Incest
हैल्लो दोस्तों, आज में आपको जो स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे और मेरी बहन के बारे में है. मेरी बहन का नाम पूजा है, वो अभी 21 साल की है और वो मुझसे 3 साल छोटी है. उसका रंग गोरा है और फिगर 32-26-34 होगा.
ये बात आज से 3 साल पहले की है जब वो 18 साल की थी और में 21 साल का था. उस वक्त हम भाई बहन एक कमरे में सोते थे, हालाँकि तब मेरी बहन के बारे में कोई गलत ख्याल मेरे दिल में नहीं आया था, लेकिन एक दिन में रात में टी.वी देख रहा था, तो तब अचानक से मेरा ध्यान मेरी बहन की तरफ गया तो वो उस वक्त सफ़ेद फ्रोक पहनी हुई थी. अब उस सीरियल में हिरोइन पेंटी में थी और इधर मेरी बहन के कूल्हे मेरे सामने थे.
मैंने धीरे से उसकी फ्रॉक को ऊपर कर दिया, तो मुझे उसकी चड्डी दिखने लगी. उसने काले कलर की चड्डी पहन रखी थी. अब में बेड पर उसके बगल में लेट गया था. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. अब मेरा लंड उसकी गांड से टच कर रहा था और मेरी जांघे उसकी जाँघो से टकरा रही थी.
फिर मैंने धीरे से उसकी चड्डी भी सरका दी तो मुझे उसकी चूत दिखने लगी. अब में डर गया था कि कहीं ये जाग ना जाए. फिर तभी उसने करवट बदली तो में उठकर साईड में सो गया और अपनी आँखें बंद कर ली. फिर वो पेशाब करने के लिए उठी और अपनी चड्डी को सरका हुआ देखकर चौंक गयी.
अब मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो किसी से कुछ कह ना दे, लेकिन सुबह उसने किसी से कुछ नहीं कहा. अब तो रोज रात को में उसकी जवानी को छूने लगा था और अपना वीर्य उसकी चड्डी पर ही छोड़ देता था, लेकिन में कभी इसके आगे नहीं बढ़ा था, लेकिन फिर एक दिन यह क्रम टूट गया और बात बिगड़ गयी.
फिर एक रात में ज़्यादा उत्तेजित हो गया तो मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसकी खुली चूचीयों को चूसने लगा, तो तभी उसकी नींद खुल गयी और वो चौंककर उठ गयी. तो उसने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा और कहा कि भैया आप, आपको शर्म नहीं आती अपनी छोटी बहन के साथ ऐसे करते हुए, चलो हटो, में माँ को सब बताती हूँ. अब में बुरी तरह से डर गया था.
अब वो उठकर माँ के कमरे में चली गयी थी. अब मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि ऐसा लगा सुसाइड कर लूँ, अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, अब में कैसे माँ को अपना चेहरा दिखाऊंगा? तो में उसी समय घर छोड़कर बाहर आ गया और सोचा कि सुसाइड करने से अच्छा है कहीं भाग जाऊं, अब मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था. फिर में घूमता हुआ स्टेशन पर पहुँचा तो मैंने देखा कि वहाँ मेरठ की ट्रेन खड़ी थी, तो में उसमें बैठ गया. मेरी जेब में केवल 500 रूपये थे और टिकट भी नहीं था.
फिर सुबह ट्रेन मुंबई पहुँच गयी. मैंने होटेल मेनेजमेंट का कोर्स किया हुआ था, इसलिए मैंने पहले दिन से कोशिश की और मुझे एक थ्री-स्टार होटल में जॉब मिल गयी. अब में पूरी तरह से अपने काम में जुट गया था, बस एक अफ़सोस था और बहन पूजा की बहुत याद आती थी, उसका गोरा चेहरा हमेशा मेरे सामने रहता था, शायद में उससे बहुत प्यार करने लगा था.
अब मेरे केरियर का ग्राफ एकदम से बढ़ने लगा था, लेकिन में कभी घर जाने की और फोन करने की हिम्मत नहीं कर पाया. अब मुझे बहन पूजा के सामने हर लड़की फीकी लगती थी, ये भी कैसी विधि की विडंबना थी? कि उस लड़की से प्यार हुआ जो सग़ी बहन थी.
फिर एक रात में बियर पी रहा था और अपने रूम में अकेला था. अब मुझे बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था, मुझे घर छोड़े हुए 3 साल हो गये थे तो मैंने घर का नंबर डायल किया, तो फोन पूजा ने ही उठाया. अब उसकी आवाज़ सुनते ही मेरा गला भर आया था, तो मेरे मुँह से केवल बहन निकला.
तो वो मेरी आवाज़ सुनकर एकदम से रो पड़ी और बोली कि भैया आप, भैया आप हमें छोड़कर कहाँ चले गये? यहाँ माँ का कितना बुरा हाल है? वो हर समय आप के लिए पूजा पाठ करती रहती है और मुझे कोसती रहती है, भैया पापा तो बचपन में ही हमें छोड़कर चले गये थे और आप भी, भैया प्लीज आप आ जाओ, आप जैसा चाहोंगे वैसा ही होगा, भैया आई रियली लव यू, प्लीज आप घर आ जाओ, में आपके सिवाए किसी दूसरे के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ अगर आप नहीं आए तो इस जीवन का क्या फ़ायदा? में सुसाइड कर लूँगी. फिर मैंने कहा कि हट पागल, चल रो मत, में घर आ रहा हूँ, तुझको कुछ मंगवाना तो नहीं है, में मेरठ से लेता आऊंगा.
वो बोली कि मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप वापस आ जाओ. तो मैंने कहा कि आता हूँ. तो वो बोली कि कब? तो मैंने कहा कि कल, अब तो मेरा भी मन नहीं लग रहा था तो मैंने अपने बॉस से कहा कि में जा रहा हूँ और फिर मैंने छुट्टी ले ली और पूजा बहन के लिए बहुत सारी शॉपिंग की क्रीम पोडर ,सूट ,टीशर्ट जीन्स ,लोअर ,लेगीज ,स्कर्ट, साड़ी ,नाइट सूट,,ओर भी बहुत कुछ और यहाँ तक कि एक से एक कलर ओर स्टाइल 6जोड़ी सेट ब्रा पेंटी भी ले ली.
फिर में सुबह जल्दी ही प्लेन से अपने शहर पहुँच गया और वहाँ से टैक्सी लेकर अपने गाँव की तरफ चल दिया. अब मेरे घर में त्यौहार जैसा माहौल था, अब मेरे वहाँ पहुँचते ही माँ मेरे गले से लग गयी थी और मुझे बहुत प्यार करने लगी थी.
अब उसकी आँखों से आसूं आ रहे थे. अब वो ना जाने क्या-क्या बोल रही थी? तो तभी पर्दे के पीछे से पूजा आई, हाए क्या लग रही थी? एकदम सेक्स की देवी. अब में उसे 3 साल के बाद देख रहा था और इन 3 सालों में उसका शरीर पूरा भर गया था, उसकी चोली में से उसके बूब्स बाहर भाग रहे थे, चिकना पेट उसमें उसका नाभि एरिया, उसकी गांड भी पूरी हरी भरी हो गयी थी.
उसकी बॉडी का शेप बिल्कुल मस्त था. मैंने इतनी सुंदर लड़की कभी नहीं देखी थी, फिर मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने अपनी बाहें फैला दी, तो वो दौड़कर आई और मेरी बाँहों में समा गयी.
फिर मैंने नोट किया कि माँ उठकर किचन में चली गयी थी, तो मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके गोरे-गोरे गालों को बेहताशा चूमने लगा. अब वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी थी. फिर में उसे पर्दे के पीछे लेकर आ गया.
अब वो बहुत रो रही थी और अब मेरी आँखों में आसूं थे, अब में उसे चुप करने लगा था और बोला कि चुप पागल, अब में आ गया हूँ ना, सब ठीक हो जाएगा. तो वो बोली कि भैया आप ऐसे हमें छोड़कर क्यों चले गये थे? पता है हमने आपके बिना कैसे-कैसे दिन काटे है? माँ तो सारा दोष मुझ पर ही लगाती थी, वो कहती थी कि सब मेरी वजह से ही हुआ है.
अब भैया हमें कभी छोड़कर मत जाना, कभी नहीं. अब उसकी कठोर चूचीयाँ मेरे सीने से रगड़ रही थी. अब मेरा मन उसे छोड़ने का नहीं कर रहा था. अब मेरे चूमने से उसके गाल गुलाबी हो गये थे, तो तभी माँ किचन से आई और बोली कि बेटा सफर से थका हुआ आया होगा, चल फ्रेश हो जा और चाय का कप मुझको दिया और मेरे हालचाल पूछने लगी, तो मैंने अपने बारे में सब कुछ विस्तार से बताया.
अब में एक मुकाम पर पहुँच गया था, अब में 5 स्टार होटल का जी.एम हो गया था, तो ये सुनकर माँ बहुत खुश हुई. फिर जब मैंने अपना पैकेज बताया कि 18लाख हर साल है. तो माँ और पूजा दोनों चौंक गयी और बोली कि आपने तो 3 साल में इतनी तरक्की कर ली और हम.
फिर मैंने कहा कि चलो अब हम सब साथ रहेंगे, मुझको मेरठ में 3 बेडरूम फ्लेट मिला हुआ है, अब हम सब साथ रहेंगे. फिर तभी माँ बोली कि हाँ बेटा मुझको भी तेरे से कुछ जरूरी बातें करनी है, तू नहा धोकर तैयार हो जा और पूजा तू भी नहा ले, में समोसे लेने जा रही हूँ दरवाज़ा बंद कर लेना. अब माँ के जाते ही मैंने बहन पूजा को फिर से पकड़ लिया और बोला कि आई लव यू पूजा बहन, यू आर ओन्ली माई ड्रीम गर्ल. तो वो बोली कि आई लव यू टू भैया.
फिर में बोला कि पूजा में तेरे लिए शॉपिंग करके लाया हूँ, चल देख क्या-क्या लाया हूँ और फिर मैंने ढेर सारी ड्रेस उसके सामने डाल दी. तो वो बोली कि भैया इतने सारे, अब वो तो खुशी से पागल हो गयी थी.
फिर उसने मुझको किस किया और थैंक्स बोली. फिर मैंने एक पैकेट उठाया, उसमें केवल अंडर गारमेंट्स थे तो मैंने पिंक कलर वाली पेंटी ब्रा निकाली और कहा कि बहन जरा चैक करना नंबर ठीक है या नहीं. तो वो शर्मा गयी और लाल हो गयी.
फिर में बोला कि प्लीज चैक करके एक बार देख ले, कही चेंज नहीं करनी पड़े वेसे ये 34नम्बर है . तो वो शरमाती हुई बाथरूम में चली गयी और फिर थोड़ी देर के बाद बोली कि भैया बिल्कुल फिट है. तो मैंने कहा कि एक बार मुझको भी तो दिखा दे. तो वो बोली कि नहीं भैया मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा कि बहन हम दोस्त भी है और तूने फोन पर वादा किया था, बहन में सचमुच कभी ना आने के लिए चला जाऊंगा. अब मेरे इतना कहते ही उसने दरवाज़ा खोल दिया और मेरे मुहँ पर अपना एक हाथ रख लिया और बोली कि अब कभी जाने की बात नहीं करना भैया.
अब पिंक पेंटी और ब्रा में पूजा बहन क्या लग रही थी? उसका गोरा संगमरमर का बदन ऐसा लग रहा था जैसे किसी फिल्म की हिरोइन बीच में से निकलकर आ रही हो. फिर तभी मैंने उसका हाथ चूम लिया, तो वो मुस्करा दी, तो मैंने उसे उसकी पीठ से अपने से सटा लिया.
अब उसकी चूचीयाँ जो ब्रा से फट रही थी धीरे से उन पर अपना एक हाथ फैरा आह, आह, हाईईईई भैया, अब उसकी आह निकल गयी थी. अब वो सिहर गयी थी, वो नयी थी और कुँवारी भी थी. अब में उसे बेहताशा चूमने लगा था, अब मेरा लंड उसकी गांड में ठोकर दे रहा था. अब में उसे चूमता रहा और उसके गले को, कान के आस पास, उसके गुलाबी गालों को.
तभी मैंने कहा कि मेरा अंदाजा सही निकला इसलिए ब्रा-पेंटी सही साईज की लाया था, लेकिन मुझे लग रहा है कि तुम्हें तो ये भी छोटी पड़ जाएगी. अब मेरे हाथ लगाने से इन चूचीयों का साईज और बढ़ जाएगा. फिर तभी वो बोली कि चलो हटो भैया, बहुत शरारती हो गये हो. अब में उसे बिल्कुल भी छोड़ना नहीं चाहता था.
तभी वो बोली कि भैया प्लीज छोड़ दो ना, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है, में बेहोश हो जाउंगी, इतनी खुशी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी. फिर तभी डोरबेल बज़ी तो वो बोली कि माँ आ गयी, आप जल्दी से दरवाज़ा खोलो और फिर वो बाथरूम में चली गयी और फिर मैंने जाकर दरवाज़ा खोला.
अब मेरी जीन्स में मेरा लंड खड़ा हुआ था, तो माँ उसे देखकर हल्की सी मुस्कुराई और किचन में चली गयी. फिर तभी पूजा भी नहाकर आ गयी तो माँ बोली कि तू भी नहाकर आ जा और फिर हम साथ में ब्रेकफास्ट करेंगे.
फिर में जल्दी से नहाकर टेबल पर आ गया, तो तभी माँ बोली कि आज कुछ बात करनी है. तो मैंने कहा कि क्या बोलो? तो माँ बोली कि नहीं बस तुम दोनों की शादी के बारे में. अब हम दोनों चौंक गये थे और फिर हम दोनों बोले कि नहीं माँ अभी हम शादी नहीं करेंगे. तो माँ ने पूछा कि क्यों? तो तभी बहन पूजा बोली कि नहीं माँ, अभी में छोटी हूँ और अभी मुझे पढ़ना है? तो तभी माँ बोली कि कैसे छोटी है, तेरी दूधियाँ तो बड़ी-बड़ी है.
अब हम दोनों चौंक गये थे. फिर तभी माँ बोली कि बच्चों में तुम्हारी माँ हूँ और मुझे सब पता है, तुम अब कभी भी घर छोड़कर नहीं जाओ इसका ही इंतज़ाम कर रही हूँ, बेटा तुम दोनों की आखों का प्यार मैंने पढ़ लिया है, बस उसको एक रिश्ते का नाम दे रही हूँ, ना तो तुमसे अच्छा लड़का पूजा को मिल सकता है और ना ही पूजा जैसी जवान, खूबसूरत, सुशील लड़की तुम्हें, तो क्यों ना बेटा आपस में ही? और फिर तुम दोनों भी तो यही चाहते हो.
तभी हम दोनों माँ के पैरों पर गिर पड़े, तो माँ हमें आशीर्वाद देने लगी. अब हमारी आखों में आसूं आ गये थे. अब मैंने पूजा के कंधे पर अपना हाथ रख दिया था, तो तभी माँ बोली कि कितनी शानदार जोड़ी है? और तभी माँ बोली कि चलो मंदिर चलना है. फिर माँ ने पूजा को नई साड़ी दी और कहा कि ये पहन ले. फिर मैंने गाड़ी निकाली, हमारे गाँव से कोई 60 किलोमीटर दूर एक मंदिर है, हम वहाँ गये.
फिर वही हमने रिंग बदली और माला पहनी और फिर मंदिर के पुजारी ने सभी रस्मों से हमारी शादी करवा दी. तब मंदिर में एक और शादी हो रही थी और उस पर धुन बज रही थी, मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया.
ये सुनकर मैंने धीरे से बहन का हाथ दबा दिया, तो वो भी मुस्करा गयी. फिर रात होते-होते हम घर आ गये. अब माँ ने जल्दी से हमारा रूम ऊपर सेट कर दिया था. अब खुशी से मेरे कदम डगमगा रहे थे. फिर थोड़ी देर में पूजा रूम में आई, वो लाल साड़ी में गजब की लग रही थी. तो तभी पीछे से माँ भी आई, उसके हाथ में दूध के 2 गिलास थे. फिर माँ बोली कि बेटा तुम दोनों दूध जरूर पी लेना, केवल इसके दूध ही नहीं पीते रहना, तो हम दोनों मुस्करा गये, तो माँ बोली कि आराम से ये पूजा का फर्स्ट टाईम है और फिर माँ रूम से चली गयी.
तभी मैंने डोर लॉक किया और पूजा को अपनी बाँहों में भर लिया. फिर तभी पूजा बोली कि अरे भैया इतनी भी जल्दी क्या है? अब तो में आपकी लुगाई हूँ जैसे चाहो वैसे करना, जरा कपड़े तो चेंज कर लूँ. फिर मैंने धीरे से उसकी चूचीयों पर अपना हाथ फैरा और उसे छोड़ दिया, तो वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी और पेटीकोट उतारने लगी.
अब वो सुबह वाली पिंक ब्रा पेंटी में थी और अलमारी से अपनी नाइटी निकालने लगी थी. फिर मैंने कहा कि क्या फ़ायदा? उसे अभी फिर से उतारना पड़ेगा. फिर पूजा बोली कि मेरे भैया, मेरे सैयाँ आपको बहुत जल्दी है और इतना कहकर वो बेड पर आ गयी.
मेरी पूजा ब्रा-पेंटी में गजब की लग रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचीयों को सहलाया और उसके लिप्स पर एक लम्बा स्मूच किया. फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब उसके दोनों कबूतर आज़ाद थे.
अब में उसकी चूचीयों को चूसने लगा था. अब पूजा सिसकारियाँ भरने लगी थी, अब हम अभी शुरूआत कर ही रहे थे. फिर तभी पूजा बोली कि माँ की बात याद है केवल इन्हें ही नहीं पीते रहना, दूध भी पीना है. फिर हम दोनों ने साथ-साथ दूध पीया और फिर मैदान में आ गये. फिर पूजा बोली कि क्या भैया मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए? और खुद? चलो इन्हें उतारो जल्दी से, तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.
अब चड्डी में मेरा लंड तना हुआ था, तो उसे देखकर पूजा डर गयी और बोली कि हाए भैया, ये तो सचमुच काफ़ी बड़ा है. अब उसने मेरी चड्डी उतार दी थी. अब पूजा का हाथ लगते ही मेरा लंड 2 इंच और लम्बा हो गया था, मेरा लंड यही कोई 9 इंच का है.
फिर तभी पूजा बोली कि भैया कितना प्यारा है? और उसे चूमा और बोली कि लेकिन भैया ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा. तो मैंने कहा कि जान इसे फाड़ने के लिए ही तो इतना बड़ा किया है, ये एक ना एक दिन सभी की फटनी है और इतना कहकर मैंने पूजा की पेंटी उतार दी और फिर उसका अंग-अंग बेहताशा चूमा. अब पूजा भी अपने पूरे शबाब में आ गयी थी और अब वो भी मुझे चूमने लगी थी.
फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिकाया और हल्का सा झटका दिया, तो दर्द से पूजा ने अपनी आखें बंद कर ली. फिर मैंने से एक धक्का दिया तो इस बार मेरा आधा लंड अंदर चला गया. तो तभी पूजा चीखी आह, आह, हाईईईईई भैया, अब उसकी चूत खून से लथपथ हो गयी थी, तो मैंने फिर से एक ज़ोर का धक्का दिया.
अब मेरा लंड उसकी चूत की जड़ में जाकर बैठ गया था. अब पूजा की आखों में आसूं थे, तो तभी वो बोली कि भैया प्लीज अभी नहीं, अब वो बच्चों की तरह रोने लगी थी और में उसे दिलासा देता रहा और धक़्के भी मारता रहा. अब धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा था, ओर फिर एक जोर का झटका मारा और मेरा लन्ड गरम लावा उगलने लगा बहन की चूत में , सचमुच 24 कैरेट सोने की चूत थी पूजा की.
फिर उस रात हमने यही कोई 3 बार सेक्स किया और सुबह के 5 बज़े सोए. फिर सुबह के 10 बज़े पूजा ने चाय के साथ मुझे उठाया. अब वो नहा ली थी, तो मैंने फिर से उसके गालों को चूमा और उसके गीले बालों में अपना मुँह रख दिया. तो वो बोली कि चलो छोड़ो भैया और चाय पीकर नीचे आ जाओ, माँ बुला रही है.
फिर जब में तैयार होकर नीचे गया, तो माँ बोली कि बेटा मेरा प्लान तो सफल हो गया, अब तुम दोनों को सेट करना है, अब में यहाँ का घर और जमीन बेच देती हूँ और हम सभी मेरठ में सेट हो जाते है और फिर हम सभी मेरठ में सेट हो गये. ओर कुछ समय अब जल्दी ही मेरी बहन पूजा गर्भवती हो गयी थी, अब हम बहुत खुश है और खूब चुदाई करते है.
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अभी तो पूजा बहन की डंग से रगड़ाई होनी बाकी है ।
अब जब पूजा बहन प्रेग्नेंट हो गई है तो आगे की कहानी है । कि कैसे पूरे नो महीने पूजा की चूत की सफाई और रगड़ाई की।
बहुत जल्द अगला भाग आने वाला है।
 
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karthik90

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