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मै तीन गोरो से चुद गयी
२००३ में मेरे जीवन मे एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरा परिचय स्विंगिंग लाइफ स्टाइल से हो गया। मैं इस घटना को अंग्रेज़ी में बहुत पहले लिख चुका हूँ और आगे कभी उसको हिंदी में अनुवादित कर, यहां पाठकों के लिए पोस्ट करूंगा। मैं करीब १० वर्ष इस स्विंगिंग लाइफ स्टाइल में सक्रिय रहा हूँ और इस कामुक व अपूर्व अनुभव प्रदान करने वाली रत्यात्मक यात्रा में, मेरे कुछ बहुत अच्छे दोस्त भी बने है। यह कहानी मेरी एक ऐसे ही महिला मित्र की है, जो अपने पति के साथ सविंगर्स जीवनशैली को अपनाए हुये थी(अभी भी है)। उसने मुझे उसके साथ हुये एक संस्मरण को बताया था और उसी को मैं यहां एक कहानी के रूप में डाल रहा हूँ। मेरी यह महिला मित्र(उसके पति से भी सम्बंध है लेकिन मित्रता इसी से है) एक लंबी भरे बदन की पंजाबन महिला है, जिसका कहानी में नाम लेने की कोई आवश्यकता नही है। पति का नाम यकीनन तौर पर काल्पनिक है और उसके आलावा सब कुछ यथार्थ सत्य है। मैंने एक कहानीकार के रूप में कथावस्तु से कुछ भी छेड़ छाड़ नहीं की है। अब आगे वह संस्मरण उसी के शब्दों में,
मै ३२ साल कि थी जब मेरे साथ यह घटना हुयी थी। प्रशांत तुम्हे तो मालूम है मै एक भरे बदन कि पंजाबी औरत हूँ , जिसे इस बात का पूरा एहसास है की लोग उसे देख कर अंदर ही अंदर मस्त होते है। मुझे न जाने क्यों लोगो का आसक्त दृष्टि से देखना कभी भी बुरा नही लगा और शायद यही कारण था कि जब मेरे पति ने पहली बार वाइफ स्वैप, थ्रीसम और गैंग बैंग के बारे में बताया तो, फौरन ही सविंगिंग जीवन शैली की ओर खिंची चली गई। आदमियों की फितरत तो तुम जानते ही हो, मेरे ३८डी साइज के बूब्स, ३६ की कमर और ४१ की चौड़ी पंजाबन गांड मुझे भीड़ में अलग कर देती है। मेरा दूधिया रंग, खूबसूरत नाक नक्श और गुलाबी ओठं, तुम्हारी तरह, उनके अंदर वासना भड़का देते है। जैसा की तुम्हे मालूम है हम पति पत्नी ने कुछ सालो से स्विंगिंग लाइफ स्टाइल को अपना लिया है, मेरे पति अमित को तो अंग्रेज, गोरी चमड़ी वाली औरत को चोदना अच्छा लगता है। यह उसकी कमजोरी है और मुझे तो काले, गोरे, लंबे छोटे से कोई मतलब नही है, बस चोदने वाले लंड से मतलब है। अमित के ही कारण हम लोग दिल्ली आए इन विदेशी लोगो के साथ पहले भी स्वैपिंग करते रहे है।
अब जो बात बताने जारही हूँ वह ऐसे ही एक विदेशी जोड़े के साथ स्वैप की है, जहां बात आगे कुछ बढ़ गई और मैं ३ गोरो से चुद गयी। उसे तुम गैंग बैंग या ग्रुप सेक्स, जो चाहो समझो लेकिन उन्होंने जी भरकर मुझे अपनी हवस का शिकार बनाया और मुझे इन लोगो से कोई भी शिकायत नही है। वो लोग हम लोगो से देहली के एक पांच सितारा होटल के बेसमेंट में बने पब में मिले थे। कनाडा से आया हुआ एक वैवाहिक जोड़ा स्टेनली और उसकी पत्नी टेरी थे और साथ में उनका एक दोस्त डैरेन था। वो लोग भी स्विंगर थे। वहाँ हमारी थोड़ी देर बात हुई और मन मिल गया था। हम दोनों उनके साथ बड़े सहज हो गये थे और स्वैप के लिए सब लोग तैयार हो गये। उनको मेरा भरा बदन बहुत कामोत्तेजक लग रहा था जबकि उसकी पत्नी बिल्कुल फिट, स्लिम और बहुत सुन्दर थी। उसको देख कर तो मेरे पति तो बिलकुल मस्त हो गये और देख रही थी कि अमित अपने हांथ उसकी जांघों से दूर नही रख पाराहे है। अमित जहां उस कैनेडियन पत्नी के साथ छेड़छाड़ कर रहा था वहीं पर मेरे चूतड़ों और मोटी जांघों को महसूस करने में उसका पति भी कोई कसर नही छोड़ रहा था। हम लोग उस दिन कल मिलने का वादा कर वापस घर लौट आये और अमित ने पूरी शाम का उबाल मेरे ऊपर निकाल दिया। यह उस दिन की बात है जिस दिन अमित को तुम्हारे बारे में बताया था और उसने मुझे चोदते हुये तुमसे फोन पर सेक्स कॉल की थी।
खैर, अगले दिन शाम को अमित मुझे उनके होटल ले गये। वहां जाते हुए मुझे थोडा डर भी लग रहा था कि कही २ गोरे मुझ पर भारी न पड जाये क्योंकि इससे पहले मेरा किसी भी विदेशी पुरुष के साथ स्वैप में ही सेक्स हुआ था। लेकिन अमित ने कहाँ, मै फिकर न करूं, एक ही कमरे में समहुिक चुदाई होगी और वह संभाल लेगा। उसकी बात सुनकर मै थोडा आश्वस्त हुई। होटल जाने के लिए मैंने एक कैसुअल सी जीन्स और टी शर्ट पहन ली थी, जिसमे मेरी बड़ी बड़ी चूचिया अपना डील डौल खुल के महसूस करा रही थी।
हम लोग होटल पहुँचे तो वहाँ लॉबी में वो दो गोरे स्टेनली और डैरेन, जिनसे पब में मुलाकात हुयी थी हमारा इंतज़ार कर रहे थे। मुझे देख कर उनकी आंखू में चमक आगयी थी। उन्हें पता था कि मै आगयी हूँ और थोड़ी देर में उन्हें मेरा नंगा बदन देखने और उन्हें चोदने को मिलेगा। थोड़ी देर बात करने के बाद हम लोग उनके कमरे कि तरफ बढे और मुझे इस बार ऐसा लग रहा था की जैसे मैं कोई हाई क्लास प्रोफेशनल रंडी हूँ जो चुदने जा रही है। हम लोग उनके कमरे में जैसे घूसे वहाँ खूबसूरत स्टेनली की पत्नी टेरी एक और गोरे आदमी के साथ बेठी थी। तीसरे गोरे को देख कर मुझे झटका लगा और ठिठक गई। मेरा रिएक्शन देख कर स्टेनली बोला कि वह एक मेहमान, बिल है जो थोड़ी देर में चला जायेगा। हम सब सोफे पर बैठ गए। मेरे साथ वो दोनों गोरे स्टेनली और डैरेन थे और अमित उस गोरी टेरी के साथ बैठ गया। उन लोगो ने ड्रिंक्स और स्नैक्स आर्डर किये और उनसे भारत और यहाँ घूमने जाने वाली जगहों पर चर्चा होने लगी। वो गोरी महिला टेरी, यहाँ के क्लाइमेट और ताजमहल के बातो में लगी थी और वो गोरे, बातो से ज्यादा मुझे ही घूर रहे थे। मैंने भी स्नैक्स के साथ इवान की वोदका ली और दो पैग के बाद मुझे वोडका चढ़ने लगी और मन करने लगा कि कुछ माहौल के अनुसार मस्ती किये जाये। अमित भी मूड में आ चुका था, वो टेरी की चूचियों को उसकी टी शर्ट के ऊपर से ही पकड़ के दबाने और उसकी गर्दन पर चुम्बन देने लगा था। अमित को शुरू देख कर दोनों गोरो स्टेनली और डैरेन ने मेरी एक एक चूंची को पकड़ लिया और उसको मसलने लगे। एक ने तो साथ साथ मेरी चूंची को चूमना भी शुरू कर दिया था। मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, वे मेरे बड़े बड़े निपल्स को भी पकड़ के रगड़ने लगे थे। तभी किसी ने मेरे टी शर्ट ऊपर खीच दी और वह मेरे बदन से अलग हो गई। इसी के साथ, धम से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ जो अभी तक ब्रा में बंद ही थी, सामने आगयी, जिन्हे देख कर दोनों गोरे पागल हो गये और मुझे बिच,सल्ट और न जाने किन किन शब्दो से पुकारने लगे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी खोल दी और मेरी चुंचिया नंगी उनके सामने लटकने लगी। मै पूरी तरह से टॉप लेस होगयी थी। उन दोनों ने भी अपनी टी शर्ट और बरमूडा उतार दिया और मुझे कस के पकड़ लिया और मेरी चूंचियां चूसने लगे। मुझे अपनी चूचियाँ चुसवाने और मसलवाने में बड़ा मज़ा आरहा था।
मेरे बदन से खेलते हुए उन्होंने मेरी जीन्स भी उतर दी, अब मै सिर्फ एक रेड पैंटी में उनके सामने थी। एक गोरा मेरे पीछे आया और मेरी गांड चूमने लगा, दुसरे ने अपना अंडरवियर उतर दिया और उसका तना लंड हवा में झूल गया। डैरेन का वो लंड करीब ८ इंच का था और बहुत मोटा था। मेरे पति का इतना मोटा नहीं है, यहाँ तक की मैंने किसी का भी इतना मोटा लंड आज तक मैंने कभी नहीं देखा था। वो दोनों सोफे पर बैठ गए और मुझे इशारो में लंड चूसने का कहा। मै अपने घुटने के बल झुक कर बैठ गयी और उसके मोटे लंड को चूसना शुरू किया। मै उसके लंड को आधा ही अपने मुँह में ले पारही थी। वो मेरे सर पर हाथ रख कर कुतिया कि तरह मुझे पुचकार रहा था। दूसरे गोरे स्टेनली के लंड को मैंने अपने हाथ में लिया और उसके लंड को मुट्ठ देने लगी। पहले गोरे डैरेन अपना लंड पूरा की पूरा मेरे मुँह में डालने कि कोशिश करने लगा लेकिन उसकी इसकी इस कोशिश में उसका लंड मेरे हलक को चोक करने लगा। जिस बेरहमी से वो अपने मोटे लंड से मेरे मुंह को चोद रहा था उससे मेरा थूक बराबर मेरे मुँह से बाहर निकलने लगा। मैंने सांस लेने कि गरज से अपना मुँह उसके लंड से हटाया और दुसरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, इस तरह मै बारी बारी दोनों लंडो को चूसने लगी और दोनों गोरे आँख बंद किये जन्नत का मजा लेने लगे।
थोड़ी देर बाद मुझे सोफे के किनारे पर मुझे लिटा दिया गया और मेरी पैंटी उतार दी गई। किसी एक ने मेरी भारी जांघो को फैला दिया और अब मेरी मोटी फुली चूत उन दोनों गोरो के सामने खुली पड़ी थी। मैंने इधर उधर नज़र दौड़ाई लेकिन अमित नज़र नहीं आया, वो मुझे यहां रगड़ता देख, उस गोरी टेरी को लेकर बगल के कमरे में चला गया था। मुझे नशा चढ़ रहा था और मुझे चोदन चुदान के सिवाय कुछ समझ में नही आरहा था। स्टेनली ने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और उसे चूसने लगा और साथ में वो मेरी चूत में ऊँगली भी डाल कर अंदर तक हिला रहा था। डैरेन मेरे बगल में खड़ा हो गया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में फिर से डाल कर उसको चोदने लगा। उसका लंड इतना कड़ा था कि मेरे दांत उसके लंड को रगड़ रहे थे। वो बराबर मुझे अपना मुँह और खोलने के लिए कहता और मै उसी हालत में अपना मुँह उस बडे लंड से चुदवाती रही। नीचे मेरी चूत जीभ से चूद रही थी और ऊपर मेरा मुँह। स्टेनली ने इतनी बढ़िया तरीके से मेरी चुत को चूसा और जीभ से चोदा की मैं गर्मा गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। स्टेनली ने मेरे पानी फेंकने के बाद भी मेरी चूत से अपना मुंह नही हटाया, वह उसे चाटता जारहा था। एक तरफ मेरा निकल गया था लेकिन दूसरी तरफ डैरेन मेरे मुंह को चोदे जारहा था। उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था, वह झड़ ही नहीं रहा था। मैंने ऐसा स्टैमिना वाला मर्द पहली बार मैंने देखा था। मेरी चूत को अच्छी तरह चाट के साफ करने के बाद, स्टेनली मेरी चूत को छोड़ मेरे पास आगया और अपना लंड मेरे मुंह के सामने रख दिया। मैंने डैरेन के लंड, जिसको चूसते चूसते जबड़े हिल गये थे, से मुंह हटा लिया और स्टेनली का लंड मुंह मे लेकर चूसने लगी। डैरेन ने बिना समय गवाए, मेरे पैरों की तरफ बैठ गया और वो मेरी चूत को चाटने लगा।
थोड़ी देर तक दोनो मेरे साथ यह करते रहे फिर उन्होंने मुझको उल्टा लेटा कर कुतिया बना दिया। मेरी चूत तब तक गरम भट्टी बन चुकी थी। वो इतनी गीली हो गई थी कि लग रहा था कि ऐसे ही गीली होती रही तो पानी बाहर बह जाएगा। मैं अब चुदना चाहती थी, उन लन्डो को चूत में समेटना चाहती थी। डैरेन ने अपने मोटे लंड पर कंडोम चढ़ाया और पीछे से आकर मेरी चूत में उसे घुसेड़ दिया। उसने भले ही बड़े आहिस्ते से अपना मोटा लंड मीठी चूत में उतारा था लेकिन उस मोटे लंड ने मेरी चूत को अंदर से फैल दिया। उफ्फ! मेरी चूत के अंदर की मांसपेशियों ने डैरेन के मोटे लंड को मोजे की तरह जकड़ लिया था। वो धीरे धक्के लगा रहा था, उसको अपने बड़े और मोटे लंड का एहसास था। वह ५/६ धक्के धीमे से मारता और फिर इतनी जोर से धक्का मारता की उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस जाता। हर २/३ मिनट बाद वह लगातार बड़े बड़े धक्के मारता और मुझे ऐसा लगता था कि उसका सुपाड़ा मेरे बच्चेदानी को ही हिला देगा। सच कहूं तो उसक हर धक्का जहां मेरी चूत को दर्द दे रहा था वहां मुझे मस्ती भी दे रहा था। दूसरा गोरा स्टेनली मेरे सामने पहले तो नंगा बैठा अपने लंड को हिलाता रहा फिर थोड़ी देर बाद वह मेरे मुंह के सामने आया और अपने लंड से मेरे ओंठो और गालों पर रगड़ने लगा। मुझसे भी नही रहा गया और मै उसके लंड और पोते को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे कमर तक के लम्बे बाल, अब खुल चुके थे और उनको पीछे वाला गोरा डैरेन, घोड़ी की लगाम की तरह पकडे हुए था। मुझे बहुत ही सब कुछ मस्त लग रहा था और मै जम कर अपनी चुदाई का मजा ले रही थी।
मुंह से एक लंड को प्यार और दूसरे लंड से अपनी चूत को प्यार कराते हुए मैं इतनी मस्ती में सराबोर थी की मुझे शुरू में इसका एहसास ही नही हुआ कोई अंजाने हाथ मेरी चूंचियों को जोर से मसल रहे है। मैंने स्टेनली के लंड से ध्यान हटा बगल में देखा तो वह तीसरा वाला गोरा बिल, जो अब तक मेरी नज़र से ओझल था और जिसको मै कमरे से जाया हुआ मान चुकी थी, वह नंगा अपना लंड खड़ा किये मुस्करा रहा था। उसे नँगा अपना लंड सहलाते हुये देखने के बाद भी मै बिलकुल भी कुछ नही समझ पारही थी। एक तो वोदका का तेज़ नशा था, दूसरा मस्त चुदाई का नशा और तीसरा, तीसरे लंड के लिए मै मानसिक रूप से तैयार ही नहीं थी। मैं इसी उधेड़बुन में थी डैरेन वहशी की तरह मुझे चोदने लगा और जोर से धक्का मार कर झड़ने लगा। उसने इतनी कस के धक्का मारा था कि मेरा संतुलन ही बिगड़ गया था। डैरेन ने झड़ते हुये कम से कम १०/१५ धक्के और मारे और उसके बाद उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाल, वो बिस्तर के किनारे पर आकर बैठ गया। डैरेन की चुदाई में मेरी चूत ने २ बार पानी फेंका था। डैरेन के हटते ही स्टेनली ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाल, मेरे गांड़ की तरफ, स्टेनली की जगह ले ली। उसे भी डॉगी वाला आसन पसंद था, उसने भी मुझे कुतिया ही बनाये रक्खा और मुझे चोदने लगा। स्टेनली का लंड अच्छा था लेकिन डैरेन से कम मोटा था। उसके लंड से चुदने में मुझे कुछ राहत मिल रही थी। स्टेनली की चुदाई में वहशीपन नही था, वह बड़े प्यार से मुझे चोद रहा था। मुझे उससे से चुदवाने मै भी उतना ही मजा आ रहा था। डैरेन से स्टेनली इतना अलग ढंग से चोद रहा था कि ३ ओर्गासम होने के बाद भी मेरे अंदर फिर से लावा धधकने लगा। मैं आंख बंद करके स्टेनली से चुदने का मजा ले रही थी कि तभी तीसरा गोरा, बिल, मेरे सामने आगया और मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया।
मैंने बड़े अनमने मन से उसका लंड हाथ में लिया क्यों कि एक तो मै धक्के खा रही थी और दूसरे मै तीसरे को मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रही थी। जब उसका लंड मेरी हथेली में आया तो मुझे एहसास हुआ कि इसका लंड तो उन दोनों गोरो से भी बड़ा और मोटा था! वह बिलकुल ब्लू फ़िल्म में दिखने वाले पोर्न स्टार के लंड की तरह था। वह आदमी गंजा था और उसकी निगाहे और मुझे देखने का ढंग बड़ा ज़ालिम था। मुझे अब चुदाई ज्यादा भारी पड रही थी। मै थक रही थी। दूसरे गोरा स्टेनली जब कस के चोदने लगा, तब मै समझ गयी कि वह झड़ने वाला है और मैं इस बार उसके साथ ही झड़ने की तैयारी करने लगी। जब वो मेरे अंदर झड़ा तब मै मानसिक रूप से तो थक चुकी थी लेकिन इससे पहले की वह अपना लंड मेरी चूत से निकाले, मेरी चूत ने एक बार फिर पानी फेंक दिया। उसके हटते ही मैंने उठना चाहा लेकिन तभी तीसरे वाले ने मेरी कमर पकड़ ली और बिना कंडोम के मेरी बिलबिलाई चूत में अपना मोटा मुसंड लंड डाल दिया।
अब मै अपने पति, अमित को कोसने लगी और मैंने उसको रोकने की कोशिश की। मै स्टॉप स्टॉप कहती रही लेकिन उसको भी शराब चढ़ी हुयी थी या कोई ड्रग्स ली हुई थी, उसने अनसुनी कर दी और वो मुझे बेदर्दी से जबर्दस्ती चोदने लगा। बिल मेरे इंकार और चुदाई में सहयोग न देने को देख कर, उसने मुझे ज्यादा नही चोदा, वह जल्दी जल्दी धक्के मार कर १० मिनट में ही झड़ गया। लेकिन झड़ने से पहले उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया था। जैसे ही उसने अपना घोड़े ऐसा लंड मेरी बुरी तरह पनियाई चूत से निकाला, फच्च से आवाज़ हुई और उसने मेरी गांड़ के ऊपर ही अपना गर्म गाढ़ा वीर्य गिरा दिया। मेरा मन, मेरी इस जबर्दस्त चुदाई के बाद वहाँ से जाने का कर रहा था लेकिन उन्होंने एक और ड्रिंक लेने को कहा, जो ना ना करते हुये भी मैंने एक ग्लास वोदका का और ले लिया। मैं वही बिस्तर पर ही लेट गई और अमित टेरी का इंतज़ार करते हुए आराम करने लगी। मुझे लेटा देख वे तीनो मुझे मनाने लगे और कहने लगे यू अर ए अमेजिंग फ़क! ए ग्रेट सलट! प्लीज लेट्स फ़क मोर!
मैने अमित को न आते देख, बगल के कमरे में गई, जहां टेरी के साथ गया था। वहां देखा टेरी और अमित के अलावा एक और औरत नँगी पड़ी है। वो लोकल दिल्ली की ही थी और बाद में पता चला कि वह बिल के साथ आई है। मैंने अमित से चलने के लिए कहा तो वो बोला अभी टेरी और तारा (दूसरी औरत) लेस्बियन एक्ट में व्यस्त थे, एक राउंड वो तारा को भी चोद ले, फिर चलते है। मैं समझ गई कि आज तो अमित की मौज ही मौज है। लेस्बियन और FMF की फैंटेसी उसकी पूरी हो रही थी।
यह देख मेरे अंदर एक बार फिर मस्ती चढ़ने लगी और मैं वापस आ, नँगी ही बिस्तर पर गिर पड़ी। मुझे थोड़ा रिलैक्स देख कर डैरेन ने मुझे अपने ऊपर खीच लिया और अपने तब तक खड़े हो चुके लंड पर बैठा दिया। मै उसके ऊपर झूलने लगी. वो अपना मोटा लंड ऊपर उठाता और मैं उसके लंड पर उछल कूद करती। वो हर धक्के पर, राइड मी माई काऊ गर्ल, कहता। मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ इधर उधर झूल रहे थी , मेरे लम्बे बाल पूरी तरह बहके हुए थे और उस वक्त वहाँ का दृश्य बिलकुल मादक था। बाकि दोनों स्टेनली और बिल अगल बगल ही बैठे थे और अपने लंड को हिला रहे थे। मेरी भरी हुई चुंचियो को डैरेन छेड़ रहा था तो स्टेनली और बिल मेरी गांड़ मसल रहे थे। थोड़ी देर बाद उन दोनों ने मेरे हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया। मैं जहां डैरेन के लंड को अपनी चूत से चोद रही थी वही स्टेनली और बिल के लन्डो को सहला भी रही थी। तभी तीसरे गोरे, बिल ने मेरी गांड में ऊँगली डाल दी तो मैं चिहुंक पड़ी। मैंने नाराजगी से बिल की तरफ देखा और यह करने को मना कर दिया। इसपर बिल मेरी बात मान गया। मै तब तक डैरेन के लंड पर कूदते हुए थक गयी थी , मेरी हालत देख कर डैरेन मेरे नीचे से हट गया और उसकी जगह स्टेनली लेट गया और मुझे चूमता हुआ अपने लंड पर चढ़ा दिया। इधर मैं स्टेनली के लंड से चुद रही थी उधर डैरेन कमरा छोड़ टेरी अमित और तारा के कमरे चला गया। मैं समझ गई थी की डैरेन इस बार मेरी चूत में नही झड़ा है, वह टेरी और तारा को चोदने गया है।
अब यह चुदाई मेरी सीमा से बाहर का हो चुकी थी, मेरी चूत ५ बार पानी फेंक कराह रही थी और मेरे निपल्स सूज गए थे। थोड़ी देर बाद स्टेनली नीचे से चोदते हुये झड़ गया। वह हांफ रहा था और में उसके ऊपर ही लेट गई। मैं उसके सीने पर सर रख आराम कर, बस आज रात की चुदाई की कहानी को ख़तम करना चाहती थी। मैं यह सोंच ही रही थी कि बिल ने प्री कम से लसलसाये अपनी हथेली को मेरे चेहरे पर मसल दी और मेरे मुँह को दबा कर खोल, अपना मुस्टंडा लंड डाल दिया। वो मेरे मुँह को ही चोदने लगा। उसका इतना मोटा और लंबा लंड था कि उसका लंड, मुँह में समाना किसी औरत के बस की बात ही नही थी। वो हवस में अपना पूरा लंड मेरे गले तक देना चाहता था। मेरा गला बिलकुल चोक कर रहा था और थूक मेरे मुँह से पानी कि तरह बाहर आरहा था। वो कसके मेरा सर पकड़ के मेरा मुँह चोद रहा था और मै केवल चुद रही थी। उसके जब झड़ने का समय आया तो उसने मेरे मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया और मै कुछ भी नहीं कर सकी। वह दोबारा झड़ा था और तब भी उसके वीर्य से मेरा मुंह भर गया। उसने जब मेरे थूक और उसके ही वीर्य से लिपटा हुआ लंड मेरे मुंह से निकाला तो उसने उस, अभी भी झटका मारते हुए लंड को मेरे चेहरे पर सान दिया। मुझे लगा जैसे मै इन तीनो गोरो की पर्सनल रांड बन चुकी हूँ।
इसके बाद मिशनरी पोजीशन में मेरी चूत को इन तीनो ने बारी बारी चोदा। कौन झड़ा कौन नही मुझे अब याद नही। यह तो मुझे बाद में पता चला कि बीच बीच मे अमित मेरी चुदाई देखने चले आते थे और वे तीन गोरे भी बीच मे टेरी और तारा के कमरे चले जाते थे। मै अब बिलकुल शिथल और कुछ सोचने की स्थिति में नहीं थी। जब तीनो ने अपनी गांड और उसके छेद को मुझसे चाटने को कहा, तो मैं चौंकी क्योंकि इसमें मुझे बड़ा मजा आता था और यह मेरे पति अमित ने सिखाया था। थकी होने के बाद भी मैंने इन तीनो गोरों की गांड़ चाटने और चबाने से परहेज़ नही किया। यह सब करते हुए सुबह के ४ बजने को आरहे थे। तब तक तीनो आखरी बार झड़ चुके थे, कुछ ने तो मेरे चेहरे पर अपना वीर्य निकाला था। इस सब के बाद मेरा बदन, मेरा मन थक चूका था उनका झड़ा हुआ पानी मेरे ऊपर लगा था और मेरे बाल उस से सने हुए थे। मुझ मे चलने की भी हिम्मत नही थी और यहां तक कि मैं अपने कपडे पहनने की कोशिश भी नहीं कर पा रही थी। वो तीनो गोरे अपना झड़ा मुरझाया लंड लिए मुझे थैंक्स कह रहे थे, हंस रहे थे। मैंने उन सबको अनसुना किया और चादर को अपने ऊपर डाल कर सो गई।
उन तीनो गोरो के साथ जो चुदी, वह मै आज तक भूल पाई हूँ। मैंने सोंचा था कि अब मैं कभी भी तीन तीन मुस्टंडे लन्डो के साथ सामूहिक चुदाई नहीं करूंगी लेकिन एक साल बाद भी मेरा फिर मन करने लगा है। अमित अभी भी श्योर नही है कि मैं वह रात फिर दोहराना चाहूंगी लेकिन प्रशांत क्या बताऊँ यार, हसरत है की वे तीनो फिर दिल्ली आये और मेरी चूत का भूकन्दर बना कर, एक बार फिर अपनी रंडी बना ले।
२००३ में मेरे जीवन मे एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरा परिचय स्विंगिंग लाइफ स्टाइल से हो गया। मैं इस घटना को अंग्रेज़ी में बहुत पहले लिख चुका हूँ और आगे कभी उसको हिंदी में अनुवादित कर, यहां पाठकों के लिए पोस्ट करूंगा। मैं करीब १० वर्ष इस स्विंगिंग लाइफ स्टाइल में सक्रिय रहा हूँ और इस कामुक व अपूर्व अनुभव प्रदान करने वाली रत्यात्मक यात्रा में, मेरे कुछ बहुत अच्छे दोस्त भी बने है। यह कहानी मेरी एक ऐसे ही महिला मित्र की है, जो अपने पति के साथ सविंगर्स जीवनशैली को अपनाए हुये थी(अभी भी है)। उसने मुझे उसके साथ हुये एक संस्मरण को बताया था और उसी को मैं यहां एक कहानी के रूप में डाल रहा हूँ। मेरी यह महिला मित्र(उसके पति से भी सम्बंध है लेकिन मित्रता इसी से है) एक लंबी भरे बदन की पंजाबन महिला है, जिसका कहानी में नाम लेने की कोई आवश्यकता नही है। पति का नाम यकीनन तौर पर काल्पनिक है और उसके आलावा सब कुछ यथार्थ सत्य है। मैंने एक कहानीकार के रूप में कथावस्तु से कुछ भी छेड़ छाड़ नहीं की है। अब आगे वह संस्मरण उसी के शब्दों में,
मै ३२ साल कि थी जब मेरे साथ यह घटना हुयी थी। प्रशांत तुम्हे तो मालूम है मै एक भरे बदन कि पंजाबी औरत हूँ , जिसे इस बात का पूरा एहसास है की लोग उसे देख कर अंदर ही अंदर मस्त होते है। मुझे न जाने क्यों लोगो का आसक्त दृष्टि से देखना कभी भी बुरा नही लगा और शायद यही कारण था कि जब मेरे पति ने पहली बार वाइफ स्वैप, थ्रीसम और गैंग बैंग के बारे में बताया तो, फौरन ही सविंगिंग जीवन शैली की ओर खिंची चली गई। आदमियों की फितरत तो तुम जानते ही हो, मेरे ३८डी साइज के बूब्स, ३६ की कमर और ४१ की चौड़ी पंजाबन गांड मुझे भीड़ में अलग कर देती है। मेरा दूधिया रंग, खूबसूरत नाक नक्श और गुलाबी ओठं, तुम्हारी तरह, उनके अंदर वासना भड़का देते है। जैसा की तुम्हे मालूम है हम पति पत्नी ने कुछ सालो से स्विंगिंग लाइफ स्टाइल को अपना लिया है, मेरे पति अमित को तो अंग्रेज, गोरी चमड़ी वाली औरत को चोदना अच्छा लगता है। यह उसकी कमजोरी है और मुझे तो काले, गोरे, लंबे छोटे से कोई मतलब नही है, बस चोदने वाले लंड से मतलब है। अमित के ही कारण हम लोग दिल्ली आए इन विदेशी लोगो के साथ पहले भी स्वैपिंग करते रहे है।
अब जो बात बताने जारही हूँ वह ऐसे ही एक विदेशी जोड़े के साथ स्वैप की है, जहां बात आगे कुछ बढ़ गई और मैं ३ गोरो से चुद गयी। उसे तुम गैंग बैंग या ग्रुप सेक्स, जो चाहो समझो लेकिन उन्होंने जी भरकर मुझे अपनी हवस का शिकार बनाया और मुझे इन लोगो से कोई भी शिकायत नही है। वो लोग हम लोगो से देहली के एक पांच सितारा होटल के बेसमेंट में बने पब में मिले थे। कनाडा से आया हुआ एक वैवाहिक जोड़ा स्टेनली और उसकी पत्नी टेरी थे और साथ में उनका एक दोस्त डैरेन था। वो लोग भी स्विंगर थे। वहाँ हमारी थोड़ी देर बात हुई और मन मिल गया था। हम दोनों उनके साथ बड़े सहज हो गये थे और स्वैप के लिए सब लोग तैयार हो गये। उनको मेरा भरा बदन बहुत कामोत्तेजक लग रहा था जबकि उसकी पत्नी बिल्कुल फिट, स्लिम और बहुत सुन्दर थी। उसको देख कर तो मेरे पति तो बिलकुल मस्त हो गये और देख रही थी कि अमित अपने हांथ उसकी जांघों से दूर नही रख पाराहे है। अमित जहां उस कैनेडियन पत्नी के साथ छेड़छाड़ कर रहा था वहीं पर मेरे चूतड़ों और मोटी जांघों को महसूस करने में उसका पति भी कोई कसर नही छोड़ रहा था। हम लोग उस दिन कल मिलने का वादा कर वापस घर लौट आये और अमित ने पूरी शाम का उबाल मेरे ऊपर निकाल दिया। यह उस दिन की बात है जिस दिन अमित को तुम्हारे बारे में बताया था और उसने मुझे चोदते हुये तुमसे फोन पर सेक्स कॉल की थी।
खैर, अगले दिन शाम को अमित मुझे उनके होटल ले गये। वहां जाते हुए मुझे थोडा डर भी लग रहा था कि कही २ गोरे मुझ पर भारी न पड जाये क्योंकि इससे पहले मेरा किसी भी विदेशी पुरुष के साथ स्वैप में ही सेक्स हुआ था। लेकिन अमित ने कहाँ, मै फिकर न करूं, एक ही कमरे में समहुिक चुदाई होगी और वह संभाल लेगा। उसकी बात सुनकर मै थोडा आश्वस्त हुई। होटल जाने के लिए मैंने एक कैसुअल सी जीन्स और टी शर्ट पहन ली थी, जिसमे मेरी बड़ी बड़ी चूचिया अपना डील डौल खुल के महसूस करा रही थी।
हम लोग होटल पहुँचे तो वहाँ लॉबी में वो दो गोरे स्टेनली और डैरेन, जिनसे पब में मुलाकात हुयी थी हमारा इंतज़ार कर रहे थे। मुझे देख कर उनकी आंखू में चमक आगयी थी। उन्हें पता था कि मै आगयी हूँ और थोड़ी देर में उन्हें मेरा नंगा बदन देखने और उन्हें चोदने को मिलेगा। थोड़ी देर बात करने के बाद हम लोग उनके कमरे कि तरफ बढे और मुझे इस बार ऐसा लग रहा था की जैसे मैं कोई हाई क्लास प्रोफेशनल रंडी हूँ जो चुदने जा रही है। हम लोग उनके कमरे में जैसे घूसे वहाँ खूबसूरत स्टेनली की पत्नी टेरी एक और गोरे आदमी के साथ बेठी थी। तीसरे गोरे को देख कर मुझे झटका लगा और ठिठक गई। मेरा रिएक्शन देख कर स्टेनली बोला कि वह एक मेहमान, बिल है जो थोड़ी देर में चला जायेगा। हम सब सोफे पर बैठ गए। मेरे साथ वो दोनों गोरे स्टेनली और डैरेन थे और अमित उस गोरी टेरी के साथ बैठ गया। उन लोगो ने ड्रिंक्स और स्नैक्स आर्डर किये और उनसे भारत और यहाँ घूमने जाने वाली जगहों पर चर्चा होने लगी। वो गोरी महिला टेरी, यहाँ के क्लाइमेट और ताजमहल के बातो में लगी थी और वो गोरे, बातो से ज्यादा मुझे ही घूर रहे थे। मैंने भी स्नैक्स के साथ इवान की वोदका ली और दो पैग के बाद मुझे वोडका चढ़ने लगी और मन करने लगा कि कुछ माहौल के अनुसार मस्ती किये जाये। अमित भी मूड में आ चुका था, वो टेरी की चूचियों को उसकी टी शर्ट के ऊपर से ही पकड़ के दबाने और उसकी गर्दन पर चुम्बन देने लगा था। अमित को शुरू देख कर दोनों गोरो स्टेनली और डैरेन ने मेरी एक एक चूंची को पकड़ लिया और उसको मसलने लगे। एक ने तो साथ साथ मेरी चूंची को चूमना भी शुरू कर दिया था। मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, वे मेरे बड़े बड़े निपल्स को भी पकड़ के रगड़ने लगे थे। तभी किसी ने मेरे टी शर्ट ऊपर खीच दी और वह मेरे बदन से अलग हो गई। इसी के साथ, धम से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ जो अभी तक ब्रा में बंद ही थी, सामने आगयी, जिन्हे देख कर दोनों गोरे पागल हो गये और मुझे बिच,सल्ट और न जाने किन किन शब्दो से पुकारने लगे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी खोल दी और मेरी चुंचिया नंगी उनके सामने लटकने लगी। मै पूरी तरह से टॉप लेस होगयी थी। उन दोनों ने भी अपनी टी शर्ट और बरमूडा उतार दिया और मुझे कस के पकड़ लिया और मेरी चूंचियां चूसने लगे। मुझे अपनी चूचियाँ चुसवाने और मसलवाने में बड़ा मज़ा आरहा था।
मेरे बदन से खेलते हुए उन्होंने मेरी जीन्स भी उतर दी, अब मै सिर्फ एक रेड पैंटी में उनके सामने थी। एक गोरा मेरे पीछे आया और मेरी गांड चूमने लगा, दुसरे ने अपना अंडरवियर उतर दिया और उसका तना लंड हवा में झूल गया। डैरेन का वो लंड करीब ८ इंच का था और बहुत मोटा था। मेरे पति का इतना मोटा नहीं है, यहाँ तक की मैंने किसी का भी इतना मोटा लंड आज तक मैंने कभी नहीं देखा था। वो दोनों सोफे पर बैठ गए और मुझे इशारो में लंड चूसने का कहा। मै अपने घुटने के बल झुक कर बैठ गयी और उसके मोटे लंड को चूसना शुरू किया। मै उसके लंड को आधा ही अपने मुँह में ले पारही थी। वो मेरे सर पर हाथ रख कर कुतिया कि तरह मुझे पुचकार रहा था। दूसरे गोरे स्टेनली के लंड को मैंने अपने हाथ में लिया और उसके लंड को मुट्ठ देने लगी। पहले गोरे डैरेन अपना लंड पूरा की पूरा मेरे मुँह में डालने कि कोशिश करने लगा लेकिन उसकी इसकी इस कोशिश में उसका लंड मेरे हलक को चोक करने लगा। जिस बेरहमी से वो अपने मोटे लंड से मेरे मुंह को चोद रहा था उससे मेरा थूक बराबर मेरे मुँह से बाहर निकलने लगा। मैंने सांस लेने कि गरज से अपना मुँह उसके लंड से हटाया और दुसरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, इस तरह मै बारी बारी दोनों लंडो को चूसने लगी और दोनों गोरे आँख बंद किये जन्नत का मजा लेने लगे।
थोड़ी देर बाद मुझे सोफे के किनारे पर मुझे लिटा दिया गया और मेरी पैंटी उतार दी गई। किसी एक ने मेरी भारी जांघो को फैला दिया और अब मेरी मोटी फुली चूत उन दोनों गोरो के सामने खुली पड़ी थी। मैंने इधर उधर नज़र दौड़ाई लेकिन अमित नज़र नहीं आया, वो मुझे यहां रगड़ता देख, उस गोरी टेरी को लेकर बगल के कमरे में चला गया था। मुझे नशा चढ़ रहा था और मुझे चोदन चुदान के सिवाय कुछ समझ में नही आरहा था। स्टेनली ने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और उसे चूसने लगा और साथ में वो मेरी चूत में ऊँगली भी डाल कर अंदर तक हिला रहा था। डैरेन मेरे बगल में खड़ा हो गया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में फिर से डाल कर उसको चोदने लगा। उसका लंड इतना कड़ा था कि मेरे दांत उसके लंड को रगड़ रहे थे। वो बराबर मुझे अपना मुँह और खोलने के लिए कहता और मै उसी हालत में अपना मुँह उस बडे लंड से चुदवाती रही। नीचे मेरी चूत जीभ से चूद रही थी और ऊपर मेरा मुँह। स्टेनली ने इतनी बढ़िया तरीके से मेरी चुत को चूसा और जीभ से चोदा की मैं गर्मा गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। स्टेनली ने मेरे पानी फेंकने के बाद भी मेरी चूत से अपना मुंह नही हटाया, वह उसे चाटता जारहा था। एक तरफ मेरा निकल गया था लेकिन दूसरी तरफ डैरेन मेरे मुंह को चोदे जारहा था। उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था, वह झड़ ही नहीं रहा था। मैंने ऐसा स्टैमिना वाला मर्द पहली बार मैंने देखा था। मेरी चूत को अच्छी तरह चाट के साफ करने के बाद, स्टेनली मेरी चूत को छोड़ मेरे पास आगया और अपना लंड मेरे मुंह के सामने रख दिया। मैंने डैरेन के लंड, जिसको चूसते चूसते जबड़े हिल गये थे, से मुंह हटा लिया और स्टेनली का लंड मुंह मे लेकर चूसने लगी। डैरेन ने बिना समय गवाए, मेरे पैरों की तरफ बैठ गया और वो मेरी चूत को चाटने लगा।
थोड़ी देर तक दोनो मेरे साथ यह करते रहे फिर उन्होंने मुझको उल्टा लेटा कर कुतिया बना दिया। मेरी चूत तब तक गरम भट्टी बन चुकी थी। वो इतनी गीली हो गई थी कि लग रहा था कि ऐसे ही गीली होती रही तो पानी बाहर बह जाएगा। मैं अब चुदना चाहती थी, उन लन्डो को चूत में समेटना चाहती थी। डैरेन ने अपने मोटे लंड पर कंडोम चढ़ाया और पीछे से आकर मेरी चूत में उसे घुसेड़ दिया। उसने भले ही बड़े आहिस्ते से अपना मोटा लंड मीठी चूत में उतारा था लेकिन उस मोटे लंड ने मेरी चूत को अंदर से फैल दिया। उफ्फ! मेरी चूत के अंदर की मांसपेशियों ने डैरेन के मोटे लंड को मोजे की तरह जकड़ लिया था। वो धीरे धक्के लगा रहा था, उसको अपने बड़े और मोटे लंड का एहसास था। वह ५/६ धक्के धीमे से मारता और फिर इतनी जोर से धक्का मारता की उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस जाता। हर २/३ मिनट बाद वह लगातार बड़े बड़े धक्के मारता और मुझे ऐसा लगता था कि उसका सुपाड़ा मेरे बच्चेदानी को ही हिला देगा। सच कहूं तो उसक हर धक्का जहां मेरी चूत को दर्द दे रहा था वहां मुझे मस्ती भी दे रहा था। दूसरा गोरा स्टेनली मेरे सामने पहले तो नंगा बैठा अपने लंड को हिलाता रहा फिर थोड़ी देर बाद वह मेरे मुंह के सामने आया और अपने लंड से मेरे ओंठो और गालों पर रगड़ने लगा। मुझसे भी नही रहा गया और मै उसके लंड और पोते को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे कमर तक के लम्बे बाल, अब खुल चुके थे और उनको पीछे वाला गोरा डैरेन, घोड़ी की लगाम की तरह पकडे हुए था। मुझे बहुत ही सब कुछ मस्त लग रहा था और मै जम कर अपनी चुदाई का मजा ले रही थी।
मुंह से एक लंड को प्यार और दूसरे लंड से अपनी चूत को प्यार कराते हुए मैं इतनी मस्ती में सराबोर थी की मुझे शुरू में इसका एहसास ही नही हुआ कोई अंजाने हाथ मेरी चूंचियों को जोर से मसल रहे है। मैंने स्टेनली के लंड से ध्यान हटा बगल में देखा तो वह तीसरा वाला गोरा बिल, जो अब तक मेरी नज़र से ओझल था और जिसको मै कमरे से जाया हुआ मान चुकी थी, वह नंगा अपना लंड खड़ा किये मुस्करा रहा था। उसे नँगा अपना लंड सहलाते हुये देखने के बाद भी मै बिलकुल भी कुछ नही समझ पारही थी। एक तो वोदका का तेज़ नशा था, दूसरा मस्त चुदाई का नशा और तीसरा, तीसरे लंड के लिए मै मानसिक रूप से तैयार ही नहीं थी। मैं इसी उधेड़बुन में थी डैरेन वहशी की तरह मुझे चोदने लगा और जोर से धक्का मार कर झड़ने लगा। उसने इतनी कस के धक्का मारा था कि मेरा संतुलन ही बिगड़ गया था। डैरेन ने झड़ते हुये कम से कम १०/१५ धक्के और मारे और उसके बाद उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाल, वो बिस्तर के किनारे पर आकर बैठ गया। डैरेन की चुदाई में मेरी चूत ने २ बार पानी फेंका था। डैरेन के हटते ही स्टेनली ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाल, मेरे गांड़ की तरफ, स्टेनली की जगह ले ली। उसे भी डॉगी वाला आसन पसंद था, उसने भी मुझे कुतिया ही बनाये रक्खा और मुझे चोदने लगा। स्टेनली का लंड अच्छा था लेकिन डैरेन से कम मोटा था। उसके लंड से चुदने में मुझे कुछ राहत मिल रही थी। स्टेनली की चुदाई में वहशीपन नही था, वह बड़े प्यार से मुझे चोद रहा था। मुझे उससे से चुदवाने मै भी उतना ही मजा आ रहा था। डैरेन से स्टेनली इतना अलग ढंग से चोद रहा था कि ३ ओर्गासम होने के बाद भी मेरे अंदर फिर से लावा धधकने लगा। मैं आंख बंद करके स्टेनली से चुदने का मजा ले रही थी कि तभी तीसरा गोरा, बिल, मेरे सामने आगया और मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया।
मैंने बड़े अनमने मन से उसका लंड हाथ में लिया क्यों कि एक तो मै धक्के खा रही थी और दूसरे मै तीसरे को मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रही थी। जब उसका लंड मेरी हथेली में आया तो मुझे एहसास हुआ कि इसका लंड तो उन दोनों गोरो से भी बड़ा और मोटा था! वह बिलकुल ब्लू फ़िल्म में दिखने वाले पोर्न स्टार के लंड की तरह था। वह आदमी गंजा था और उसकी निगाहे और मुझे देखने का ढंग बड़ा ज़ालिम था। मुझे अब चुदाई ज्यादा भारी पड रही थी। मै थक रही थी। दूसरे गोरा स्टेनली जब कस के चोदने लगा, तब मै समझ गयी कि वह झड़ने वाला है और मैं इस बार उसके साथ ही झड़ने की तैयारी करने लगी। जब वो मेरे अंदर झड़ा तब मै मानसिक रूप से तो थक चुकी थी लेकिन इससे पहले की वह अपना लंड मेरी चूत से निकाले, मेरी चूत ने एक बार फिर पानी फेंक दिया। उसके हटते ही मैंने उठना चाहा लेकिन तभी तीसरे वाले ने मेरी कमर पकड़ ली और बिना कंडोम के मेरी बिलबिलाई चूत में अपना मोटा मुसंड लंड डाल दिया।
अब मै अपने पति, अमित को कोसने लगी और मैंने उसको रोकने की कोशिश की। मै स्टॉप स्टॉप कहती रही लेकिन उसको भी शराब चढ़ी हुयी थी या कोई ड्रग्स ली हुई थी, उसने अनसुनी कर दी और वो मुझे बेदर्दी से जबर्दस्ती चोदने लगा। बिल मेरे इंकार और चुदाई में सहयोग न देने को देख कर, उसने मुझे ज्यादा नही चोदा, वह जल्दी जल्दी धक्के मार कर १० मिनट में ही झड़ गया। लेकिन झड़ने से पहले उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया था। जैसे ही उसने अपना घोड़े ऐसा लंड मेरी बुरी तरह पनियाई चूत से निकाला, फच्च से आवाज़ हुई और उसने मेरी गांड़ के ऊपर ही अपना गर्म गाढ़ा वीर्य गिरा दिया। मेरा मन, मेरी इस जबर्दस्त चुदाई के बाद वहाँ से जाने का कर रहा था लेकिन उन्होंने एक और ड्रिंक लेने को कहा, जो ना ना करते हुये भी मैंने एक ग्लास वोदका का और ले लिया। मैं वही बिस्तर पर ही लेट गई और अमित टेरी का इंतज़ार करते हुए आराम करने लगी। मुझे लेटा देख वे तीनो मुझे मनाने लगे और कहने लगे यू अर ए अमेजिंग फ़क! ए ग्रेट सलट! प्लीज लेट्स फ़क मोर!
मैने अमित को न आते देख, बगल के कमरे में गई, जहां टेरी के साथ गया था। वहां देखा टेरी और अमित के अलावा एक और औरत नँगी पड़ी है। वो लोकल दिल्ली की ही थी और बाद में पता चला कि वह बिल के साथ आई है। मैंने अमित से चलने के लिए कहा तो वो बोला अभी टेरी और तारा (दूसरी औरत) लेस्बियन एक्ट में व्यस्त थे, एक राउंड वो तारा को भी चोद ले, फिर चलते है। मैं समझ गई कि आज तो अमित की मौज ही मौज है। लेस्बियन और FMF की फैंटेसी उसकी पूरी हो रही थी।
यह देख मेरे अंदर एक बार फिर मस्ती चढ़ने लगी और मैं वापस आ, नँगी ही बिस्तर पर गिर पड़ी। मुझे थोड़ा रिलैक्स देख कर डैरेन ने मुझे अपने ऊपर खीच लिया और अपने तब तक खड़े हो चुके लंड पर बैठा दिया। मै उसके ऊपर झूलने लगी. वो अपना मोटा लंड ऊपर उठाता और मैं उसके लंड पर उछल कूद करती। वो हर धक्के पर, राइड मी माई काऊ गर्ल, कहता। मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ इधर उधर झूल रहे थी , मेरे लम्बे बाल पूरी तरह बहके हुए थे और उस वक्त वहाँ का दृश्य बिलकुल मादक था। बाकि दोनों स्टेनली और बिल अगल बगल ही बैठे थे और अपने लंड को हिला रहे थे। मेरी भरी हुई चुंचियो को डैरेन छेड़ रहा था तो स्टेनली और बिल मेरी गांड़ मसल रहे थे। थोड़ी देर बाद उन दोनों ने मेरे हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया। मैं जहां डैरेन के लंड को अपनी चूत से चोद रही थी वही स्टेनली और बिल के लन्डो को सहला भी रही थी। तभी तीसरे गोरे, बिल ने मेरी गांड में ऊँगली डाल दी तो मैं चिहुंक पड़ी। मैंने नाराजगी से बिल की तरफ देखा और यह करने को मना कर दिया। इसपर बिल मेरी बात मान गया। मै तब तक डैरेन के लंड पर कूदते हुए थक गयी थी , मेरी हालत देख कर डैरेन मेरे नीचे से हट गया और उसकी जगह स्टेनली लेट गया और मुझे चूमता हुआ अपने लंड पर चढ़ा दिया। इधर मैं स्टेनली के लंड से चुद रही थी उधर डैरेन कमरा छोड़ टेरी अमित और तारा के कमरे चला गया। मैं समझ गई थी की डैरेन इस बार मेरी चूत में नही झड़ा है, वह टेरी और तारा को चोदने गया है।
अब यह चुदाई मेरी सीमा से बाहर का हो चुकी थी, मेरी चूत ५ बार पानी फेंक कराह रही थी और मेरे निपल्स सूज गए थे। थोड़ी देर बाद स्टेनली नीचे से चोदते हुये झड़ गया। वह हांफ रहा था और में उसके ऊपर ही लेट गई। मैं उसके सीने पर सर रख आराम कर, बस आज रात की चुदाई की कहानी को ख़तम करना चाहती थी। मैं यह सोंच ही रही थी कि बिल ने प्री कम से लसलसाये अपनी हथेली को मेरे चेहरे पर मसल दी और मेरे मुँह को दबा कर खोल, अपना मुस्टंडा लंड डाल दिया। वो मेरे मुँह को ही चोदने लगा। उसका इतना मोटा और लंबा लंड था कि उसका लंड, मुँह में समाना किसी औरत के बस की बात ही नही थी। वो हवस में अपना पूरा लंड मेरे गले तक देना चाहता था। मेरा गला बिलकुल चोक कर रहा था और थूक मेरे मुँह से पानी कि तरह बाहर आरहा था। वो कसके मेरा सर पकड़ के मेरा मुँह चोद रहा था और मै केवल चुद रही थी। उसके जब झड़ने का समय आया तो उसने मेरे मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया और मै कुछ भी नहीं कर सकी। वह दोबारा झड़ा था और तब भी उसके वीर्य से मेरा मुंह भर गया। उसने जब मेरे थूक और उसके ही वीर्य से लिपटा हुआ लंड मेरे मुंह से निकाला तो उसने उस, अभी भी झटका मारते हुए लंड को मेरे चेहरे पर सान दिया। मुझे लगा जैसे मै इन तीनो गोरो की पर्सनल रांड बन चुकी हूँ।
इसके बाद मिशनरी पोजीशन में मेरी चूत को इन तीनो ने बारी बारी चोदा। कौन झड़ा कौन नही मुझे अब याद नही। यह तो मुझे बाद में पता चला कि बीच बीच मे अमित मेरी चुदाई देखने चले आते थे और वे तीन गोरे भी बीच मे टेरी और तारा के कमरे चले जाते थे। मै अब बिलकुल शिथल और कुछ सोचने की स्थिति में नहीं थी। जब तीनो ने अपनी गांड और उसके छेद को मुझसे चाटने को कहा, तो मैं चौंकी क्योंकि इसमें मुझे बड़ा मजा आता था और यह मेरे पति अमित ने सिखाया था। थकी होने के बाद भी मैंने इन तीनो गोरों की गांड़ चाटने और चबाने से परहेज़ नही किया। यह सब करते हुए सुबह के ४ बजने को आरहे थे। तब तक तीनो आखरी बार झड़ चुके थे, कुछ ने तो मेरे चेहरे पर अपना वीर्य निकाला था। इस सब के बाद मेरा बदन, मेरा मन थक चूका था उनका झड़ा हुआ पानी मेरे ऊपर लगा था और मेरे बाल उस से सने हुए थे। मुझ मे चलने की भी हिम्मत नही थी और यहां तक कि मैं अपने कपडे पहनने की कोशिश भी नहीं कर पा रही थी। वो तीनो गोरे अपना झड़ा मुरझाया लंड लिए मुझे थैंक्स कह रहे थे, हंस रहे थे। मैंने उन सबको अनसुना किया और चादर को अपने ऊपर डाल कर सो गई।
उन तीनो गोरो के साथ जो चुदी, वह मै आज तक भूल पाई हूँ। मैंने सोंचा था कि अब मैं कभी भी तीन तीन मुस्टंडे लन्डो के साथ सामूहिक चुदाई नहीं करूंगी लेकिन एक साल बाद भी मेरा फिर मन करने लगा है। अमित अभी भी श्योर नही है कि मैं वह रात फिर दोहराना चाहूंगी लेकिन प्रशांत क्या बताऊँ यार, हसरत है की वे तीनो फिर दिल्ली आये और मेरी चूत का भूकन्दर बना कर, एक बार फिर अपनी रंडी बना ले।