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Horror यक्षिणी

vicky4289

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नमस्कार दोस्तों,

मैं इस मंच पर नया हूं. यह मेरी पहली कहानी है। जो यक्षिणी पर आधारित है. हो सकता है कि आपने यह कहानी एफएम एप्लिकेशन पर पहले भी सुनी हो। लेकिन इस कहानी पर यह मेरा विचार है। मैंने अपनी दृष्टि के अनुसार इसमें परिवर्तन किया है। मैं अपना पहला एपिसोड लिख रहा हूं. कृपया इसकी समीक्षा करें और प्रतिक्रिया दें

Dream-Shaper-v7-Create-a-striking-book-cover-for-a-horror-story-0
 
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vicky4289

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आधी रात के अंधेरे में, एक व्यक्ति अपने घर की ओर बढ़ रहा था। उसके घर की ओर जाने का रास्ता गहरे जंगलों और ऊँची वृक्षों से घिरा हुआ था, जो रात के अंधकार में भयानक और मिस्टीक दिखते थे। आकाश में तारों की झिलमिल विनम्रता के बावजूद, जंगल की गहरी छायाचित्रित कोनों में छिपे अंधेरे ने आसमान को एक अजीब सी गहराई दी थी।

रास्ते पर एक अजनबी चुप्प छाई हुई थी, सिर्फ उसके कदमों की धडकन और रात की हलकी हवाओं की आहट ही सुनाई देती थी। अचानक, कुछ कुत्तों की रोंकती हुई आवाज़ सुनाई दी, जो जंगल के गहराई से आ रही थी। वन्यजीवों की उस गरजती आवाज़ ने उसके अंदर का डर जगाया, और उसकी आंखों की ओर नजर गई। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा, और उसकी सांसें तेज़ होने लगीं। बिना किसी संयम के, उसने अपनी कदमों की गति कम की, जैसे उसका मन उसकी कदमों को विराम देने के लिए कह रहा हो।

लेकिन तभी वह कुत्तों की आवाज़ एकदम से ठीक वहीं से आकर बंद हो गई। सारी चुप्प। उस स्थिति में शोकग्रस्त, वह अब बिना बताए ही समझ गया कि जैसे कोई अजनबी शक्ति उसके पास आ रही हो।

उस व्यक्ति की आँखों के सामने एक सुंदर और आकर्षक लड़की की छवि आई। वह लड़की धीरे-धीरे उसकी ओर आ रही थी, उसके कदम गुहाओं के भयानक शब्दों के बीच भी। उसकी सरसराती हुई साड़ी का पल्लू आश्रयदाता की तरह वायु में खिल रहा था, जैसे अद्भुत सुंदरता का आभूषण।

उसकी आँखें उसके आगे के पथ को तलाश रही थीं, और उसकी होंठों पर अद्वितीय स्मिति खिल रही थी। उसके बाल भटकते हुए उसके चेहरे को झाँक रहे थे, और उसकी आवाज़ की गूंज उसके कानों में समाहित हो रही थी। वह लड़की एक अद्भुत सांसुखन सी थी, जो उसके आसपास की रोशनी में खिल रही थी।

वह लड़की के आँखों की ओर व्यक्ति की ध्यान चला गया। उसकी आँखें सजीवता से चमक रही थीं, जैसे कि वो सभी गहराइयों को देख सकती हो। उनकी ब्लू आँखों में रहस्यमयता और आकर्षण की एक अनोखी मिश्रण था। अपनी आँखों से वह व्यक्ति को आकर्षित करने की क्षमता लगती थी।

उसकी नाक संगीतमय त्वचा पर नकल कर रही थी, जैसे कि सांसों का वो अनूठा गायन हो। नाक की खासियत से उसकी आकर्षण भरी खूबसूरती में और भी एक दिमाग को ब्रिज कर रही थी।

उसके होंठ अपने आप में एक कहानी कह रहे थे, उनमें शिखर पर पहुँचने की एक मजबूत इच्छा थी। उनकी मुस्कान में छुपे रहस्यमय खेल उसे और भी आकर्षित कर रहे थे।

उसकी आँखें व्यक्ति की दिलचस्पी को बढ़ा रही थीं, लेकिन फिर उसकी नजर उसकी छाती पर गई। उसके वास्त्रों की धाराएँ धीरे-धीरे बढ़ रही थीं, उसके पूरे रूप को सुसंगतता से ढंकने की योजना बना रही थीं। उसकी छाती अत्यंत मधुर और समय के साथ सांस्कृतिक छायाचित्रण से लिपटी थी, जैसे कि सुन्दरता का रहस्य उसके आगे खोल रही हो।

व्यक्ति ने उसकी कमर पर अपनी नजरें डाली, जहाँ उसकी साड़ी का पल्लू ढेर समेटने की कोशिश कर रहा था। उसकी अद्वितीय आकर्षण भरी कमर उसकी संकोच-सी खोज को पूरी तरह से उजागर कर रही थी, जैसे कि सुंदरता के अद्वितीय रहस्य को उसके आगे उधेड़ने का आलंब हो।

उसकी लाइट येल्लो साड़ी उसके आवश्यकताओं को छुपाने में साक्षम थी, लेकिन उसने उसे आत्मा की ताजगी के साथ पहना था। साड़ी की खासियत उसके पूरे शरीर को आलंबित कर रही थी, उसके आकर्षण और सौंदर्य को बेहतरीन तरीके से प्रकट करती हुई।

साड़ी के पल्लू उसके बाजु में ढले हुए थे, जैसे कि वे एक सुंदर चादर हों जो उसकी कल्पना को परिपूर्ण कर रही हो। उसके आवरण में चिपके हुए पल्लू से बाजु तक की धाराएँ उसकी साड़ी की कल्पना को और भी महत्वपूर्ण बना रही थी।

साड़ी के रंग उसकी आकर्षण भरी खूबसूरती को और भी चमक दे रहे थे, जैसे कि सूरज की पहली किरने उसके वस्त्रों को सजीव कर रही हों। उसकी आवाज़ की ध्वनि में छुपे उस लाइट येल्लो साड़ी की महत्वपूर्णता का एक अनुभव हो रहा था, जैसे कि उसे खुद अपने रूप की प्रशंसा करने का आनंद हो।

"लड़की उसके पास आते ही, एक हलकी लेकिन मोहक खुशबू उसके इंद्रियों को घेर ली, जैसे कि वो उसके चारों ओर हलचल कर रही हो। वह खुशबू एक कुंदन रसिकता की गायन हो, जो फूलों की खुशबू को मिलाते हुए उसकी त्वचा की गरमी और साड़ी के मुलायम कपड़े के साथ मिश्रित हो गई थी। जैसे-जैसे वह कदम बढ़ाती गई, खुशबू उसके इंद्रियों को स्पर्श करती गई, उसके चारों ओर आकर्षण और रहस्य की बूंदों की तरह फैलती गई।

उसकी मौजूदगी उसके अंदर एक सुने रहे बचे अनुभव को जागृत करने लगी, और उसे वो मधुर मिश्रण स्वीकार करने के लिए आकर्षित कर गई। यह ऐसा लग रहा था कि उसकी खुद की महक को किसी रूप में बदल दिया गया हो, एक मगिकल बोतल में बंद खुशबू की तरह।

वह अपने आंखें कुछ समय के लिए बंद कर लिए, गहरी साँस लेते हुए, खुशबू को अपने अंदर आने देने में। यह थी वो खुशबू जो उसके आसपास के रहस्यों और इच्छाओं की आवाज़ थी, एक खुशबू जो एक अनदरूनी जगह से उठकर उसकी खिंचने वाली ताक में चली गई।

उसके उपस्थिति ने उसे सुनीत कौनेक्शन की भावना को जागरूक किया, और एक अप्रकट संबंध की स्थापना की जो शब्दों के पार थी। यह थी वो खुशबू जो अनकही कहानियों और अनछुए पासियों की ओर इशारा कर रही थी, उसे आवश्यकता थी खोजने की। जैसे ही वह उसके सामने खड़ी हुई, यह मोहक खुशबू उसके संग बढ़ते हुए वातावरण में अपनी मित्रता का संकेत छोड़ गई।
 

vicky4289

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Episode 1 in hinglish

Adhi rat ke andhere mein, ek vyakti apne ghar ki or badh raha tha. Uske ghar ki or jaane ka raasta gehre janglon aur oonchi vrikshon se ghira hua tha, jo raat ke andhkaar mein aur bhayankar lag bana rahi thi. Aakash mein taaron ki jhilmil vinamrata ke bawajood, jangal ki gehri chhaaya-chitrit kono mein chhupe andhere ne aasman ko ek ajeeb si gehraai dee thi.

Raaste par ek ajnabi chuppi chaayi hui thi, sirf uske kadmon ki, dhadkan aur raat ki halki hawaon ki aahat hi sunai deti thi. Achanak, kuchh kutton ki rone ki aawaaz sunai di, jo jangal ke gehraai se aa rahi thi. Vanyajivon ki us garjati aawaaz ne uske andar ka dar jag gaya, aur uski aankhon mein dar jhalak raha tha. Uska dil teji se dhadakne laga, aur uski saanse tez hone lagi. Bina kisi sanyam ke, usne apni kadamon ki gati kam ki, jaise uska man uski kadamon ko viraam dene ke liye keh raha ho.

Lekin tabhi vah kutton ki aawaaz ek-dum se theek vahi se aakar band ho gayi. Saari awaaz ek-dam se chupp. Us sthiti mein shokgrast, vah ab bina bataye hi samajh gaya ki jaise koi ajnabi shakti uske paas aa rahi ho.

Tabhi us vyakti ki aankhon ke samne ek sundar aur aakarshak ladki ki chhavi aayi. Vah ladki dheere-dheere uski or aa rahi thi, uske kadamon guhaaon ke bhayankak shabdon ke beech bhi. Uski sarsarati hui shadi ka pallu aashraya-data ki tarah vaayu mein khil raha tha, jaise adbhut sundarta ka aabhooshan.

Uski aankhein uske age ke patth ko talash rahi theen, aur uski hotho par adwitiya muskaan khil rahi thi. Uske baal bhatakte hue uske chehre ko jhaank rahe the, aur uski awaz ki goonj uske kaanon mein samaahit ho rahi thi. Vah ladki ek adbhut saansukhan si thi, jo uske aaspas ki roshni mein khil rahi thi.

Vah ladki ke aankhon ki or vyakti ki dhyan chala gaya. Uski aankhen sajeevata se chamak rahi theen, jaise woh sabhi gehraiyon ko dekh sakti ho. Unki blue aankhon mein rahasyamayita aur akarshan ka ek anokha mishran tha. Apni aankhon se vah vyakti ko aakarshit karne ki kshamata rakhti thi.

Uski naak sangitmay twacha par nakal kar rahi thi, jaise saanson ka voh anootha gaayan ho. Naak ki khaasiyat se uski aakarshan bhari khoobsurti mein aur bhi ek dimaag ko briz kar rahi thi.

Uske hoth apne aap mein ek kahani keh rahe the, unmein shikhar par pahuchne ki ek majboot ichha thi. Unki muskaan mein chhupi rahasyamay khel usse aur bhi aakarshit kar rahe the.

Uski aankhen vyakti ki dil-chaspta ko badha rahi theen, lekin phir uski nazar uski chaati par gayi. Uske vastron ki dhaaraayein dheere-dheere badh rahi theen, uske poore roop ko susangatata se dhankne ki yojna bana rahi theen. Uski chhaati atyant madhur aur samay ke saath saanskritik chhaaya-chitran se lipati thi, jaise ki sundarta ka rahasy uske age khol rahi ho.

Vyakti ne uski kamar par apni nazarain daali, jahaan uski saadi ka pallu dher sametne ki koshish kar raha tha. Uski adwitiya aakarshan bhari kamar uski sankoch-si khoj ko poore tarah se ujaagar kar rahi thi, jaise ki sundarta ke adwitiya rahasy ko uske age udhedne ko aalam ho.
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Yes this is same one but it will have some changes as per my view. Ok from next I will use hinglish.

Thanks
Mitr ek umda khaani ki shuruaat ke bahut bahut shubhkamnaen… ek guzarish hai isko Hindi mein hee likhe… hinglish main sandon ka jaadu khatam saa ho jaata hai… yeh ek sujhav matr hai… 👏🏻👏🏻👏🏻
 

vicky4289

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Episode 2

अंधेरे की गहराइयों में, उनके रास्ते एक दूसरे की तरफ खींचे गए, एक अनजानी ताक़त द्वारा जो दोनों में से कोई भी नहीं थम सकता था। अमावस्या की रात की अंधकार में, जंगल की शांति मानों अपनी सांस रोक ली हो, जैसे प्रकृति खुद इस मुलाकात की महत्व को पहचान रही हो।

लड़की की दिव्य उपस्थिति, चाँदनी की रौशनी में चमक रही थी, उसकी आँखें राज़ और इच्छा का मिश्रण प्रकट करती थी। जब उनका नजरिया टकराया, समय ऐसा लगने लगा जैसे धीरे-धीरे बह रहा हो, और उनके आस-पास की दुनिया दूरी में ढल गई हो। हवा में एक अनजान जुदाव का मिठास महसूस हो रहा था, एक अनिवार्य आकर्षण का जो शब्दों से पार था।

पत्ते की हलकी हलकी हलचल और दूर के प्राणियों की दूर की आवाजें, उनके चारों तरफ महसूस होने वाले तरंगों को बढ़ा रही थीं, यह अभिप्राय दिया था कि वायुमंडल खुद इस मुलाकात के महत्व को पहचान रहा हो।

व्यक्ति को लग रहा था कि वक़्त थम गया हो, जैसे वहीं पर दुनिया का अंत हो गया हो। जैसे रात का तनाव उनकी दिल की धड़कन से मिलता-जुलता हो, जैसे दुनिया अपने रास्ते पर धरती से जुड़ गई हो।

इस विशेष संयोग में, वे एक दूसरे के पास आए, उनका प्रत्येक कदम एक अनजान समझ से प्रेरित था। उनकी उंगलियाँ एक दूसरे से स्पर्श हुई, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में एक कंपन उठा। लड़की की सांस उनकी त्वचा से गुज़रती, एक उत्सुकता के हवाले से आती, जैसे एक आने वाली उम्मीद की लपट।

जब वह पास आई, व्यक्ति उसकी मौजूदगी का गर्माहट महसूस कर सकता था, एक नाजुक आग जो उनके अंदर भड़क रही थी। उनकी नजरें मिली, हर एक में एक अनजानी इच्छाओं की दुनिया थी। रात सीमित होने लगी, जैसे समय ने खुद एक किला बनाया हो, सिर्फ उनके लिए।

उनके पास आना उनमें एक मधुर तंतनाहट का उत्पन्न करता था, जानी-अनजानी चीजों और अनजाने की सीमा के बीच एक सहज संतुलन। यह आत्माओं का एक नृत्य था, भौतिक स्थिति से पार एक मिलन। हर जिल्द की छू कर, हर छुपी हुई नजर से, हर एक बार छुराया गया, शब्द कभी नहीं कैप्चर कर सकते थे।

और फिर, उनके होंठ मिले, एक लम्हा था जो समझा नहीं जा सकता। यह थी बेचैनी और जिज्ञासा का प्रक्षेपण, आत्माओं का मिलन जो रात के जाल में भटक कर एक दूसरे की उपस्थिति में सुकून ढूंढ़ने आए थे।

जंगल बिना शब्दों के देखते रहे, जैसे वे इस जुदाव की गहराई को समझ गए हो। और इस पल में, जैसे उनकी दुनियां मिली, वे एक-एक धड़कन में अटके हुए थे, एक अमर स्थल में जहाँ हक़ीक़त और ख्वाहिश के भावनाओं की सीमाएँ मधुर अंधकार में मिल गई।
 
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