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Adultery यहां से वहां तक

Thegunmastar

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मैं अपनी सोचों खोया हुआ, कुछ डरा हुआ अपने अंगौछे से मुंह छिपाये तेजी से सड़क किनारे बने फुटपाथ पर भागा चला जा रहा हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं। राहुल और राना का पीछा करते हुए मैं गांधी चौक तक चला आया हूं। मैंने इधर उधर देखा वो मुझे कहीं नहीं दिखाई दिए । मैं झुंझला उठा और बोझिल कदमों से अपने घर की ओर बढ़ चला।
शाम तेेेजी से रात में बदल रही थी । मैं थक कर चूर हो गया था जल्दी से अपने घर पहुंच कर आराम करना चाह रहा था। करीब दस बजे मैं अपने घर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया काफ़ी देर तक दरवाजा न खुलने के कारण मेंरा गुस्सा बढ़ रहा था। मेरे चीखने पर रंजना आंटी ने दरवाजा खोला , मैं गुुुस्से में उनकी ओर बढ़ा ,मुझे देख कर वो डर गई और तुरन्त ही झुक कर अपनी मैक्सी पेट तक उठा कर अपनी गोल, गोरी और गदराई गांड दिखानें लगी , मैं मुस्कुरा उठा और उनकी नर्म मुलायम गांड़ पर धीरे धीरे हांथ फिराने लगा।
 

sunoanuj

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बहुत ही अजीबो गरीब पहला अपडेट ।
 
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sunoanuj

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Congratulations for new story ...
 
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Mak

Recuérdame!
Divine
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Like the way you have started. Looks interesting. But very small update.

Post after typing more lines. That will look more composed for a story.
 
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sunoanuj

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Update do bro ...
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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मैं अपनी सोचों खोया हुआ, कुछ डरा हुआ अपने अंगौछे से मुंह छिपाये तेजी से सड़क किनारे बने फुटपाथ पर भागा चला जा रहा हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं। राहुल और राना का पीछा करते हुए मैं गांधी चौक तक चला आया हूं। मैंने इधर उधर देखा वो मुझे कहीं नहीं दिखाई दिए । मैं झुंझला उठा और बोझिल कदमों से अपने घर की ओर बढ़ चला।
शाम तेेेजी से रात में बदल रही थी । मैं थक कर चूर हो गया था जल्दी से अपने घर पहुंच कर आराम करना चाह रहा था। करीब दस बजे मैं अपने घर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया काफ़ी देर तक दरवाजा न खुलने के कारण मेंरा गुस्सा बढ़ रहा था। मेरे चीखने पर रंजना आंटी ने दरवाजा खोला , मैं गुुुस्से में उनकी ओर बढ़ा ,मुझे देख कर वो डर गई और तुरन्त ही झुक कर अपनी मैक्सी पेट तक उठा कर अपनी गोल, गोरी और गदराई गांड दिखानें लगी , मैं मुस्कुरा उठा और उनकी नर्म मुलायम गांड़ पर धीरे धीरे हांथ फिराने लगा।
आगे भी तो लिखो
 

Chutiyadr

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मैं अपनी सोचों खोया हुआ, कुछ डरा हुआ अपने अंगौछे से मुंह छिपाये तेजी से सड़क किनारे बने फुटपाथ पर भागा चला जा रहा हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं। राहुल और राना का पीछा करते हुए मैं गांधी चौक तक चला आया हूं। मैंने इधर उधर देखा वो मुझे कहीं नहीं दिखाई दिए । मैं झुंझला उठा और बोझिल कदमों से अपने घर की ओर बढ़ चला।
शाम तेेेजी से रात में बदल रही थी । मैं थक कर चूर हो गया था जल्दी से अपने घर पहुंच कर आराम करना चाह रहा था। करीब दस बजे मैं अपने घर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया काफ़ी देर तक दरवाजा न खुलने के कारण मेंरा गुस्सा बढ़ रहा था। मेरे चीखने पर रंजना आंटी ने दरवाजा खोला , मैं गुुुस्से में उनकी ओर बढ़ा ,मुझे देख कर वो डर गई और तुरन्त ही झुक कर अपनी मैक्सी पेट तक उठा कर अपनी गोल, गोरी और गदराई गांड दिखानें लगी , मैं मुस्कुरा उठा और उनकी नर्म मुलायम गांड़ पर धीरे धीरे हांथ फिराने लगा।
ye kya tha bhai :?:
 
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