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ये एक काल्पनिक कहानी है...में हू राखी लूत्रा एक सुखी संपन्न परिवार की बड़ी बहू... में सारे घर को संभालती हू...मेरे दो बेटे है एक 26 साल का और एक 30 साल का मेरी आयु करीबन 48 साल की हो चुकी है...
मेरे पति महेश अकसर काम के सिलसिले में बाहर रहते है इस लिए करण के होने के बाद हमारा यौन संबंध बनाना काम होता गया...और कुछ सालो से तो में उनके सामने नंगी तक नहीं हुए...मेरी खूबसूरती बस कपड़ो के अंदर ही मेरी उम्र के साथ ढल रही थी... ऐसा नहीं था की मेरी जवानी पे किसी की नजर नहीं थी लेकिन में अपनी मर्यादा समझती थी...अगर लूत्रा खानदान की बड़ी बहू बाहर किसी के साथ यौन संबंध बनाई और किसी को गलती से भी पता छल जाता तो में और मेरे पति दोनो किसी को मुंह देखने लायक नही रहते.....
पर क्या करती हु तो में भी एक औरत ही और मेरी कद काठी भी किसी से कम नहीं...34D के बड़े बड़े स्तनों से मेरी छाती पे वजन काफी बड़ गया था...हर वक्त दोनो बदमाश बाहर आने को बेताब रहते.... मेरी गहरी योनि जैसे आग की बट्टी बन गई थी...किसी को भी जला देने को तत्पर रहती थी मेरी योनि....
अपने बड़े से कमरे में देर रात तक अपनी योनि में उंगली करती मै काम आग में जलती रहती...
मेरी एक छोटी बहन है... मधु उसकी शादी एक साधारण परिवार में हुए थी...सच कहूं तो हम से काफी गरीब परिवार था उसका... उसका पति के खेत में काम करता था और वो उसका साथ देती.... हालाकि उसका पति गरीब था लेकिन उसे बड़ा खुस रखता और इसी बात को लेके में मधु से बेहत जलती थी.... में महेश से कितना भी बोलूं की थोड़ा मुझे भी समय दो...मेरी भी जरूरत ही लेकिन वो कभी मेरी एक ना सुनते... दूसरी ओर था मोहन जो अपनी पत्नी यानी मेरी छोटी बहन को एक रात बिना प्यार किए सोने नहीं देता था.... मुझे याद है जब में रात में उसे फोन करती हु मधु की दर्द भरी सिसकारियां भरने की आवाजे निकलने लगती...जैसे उसका पति मुझे उत्तेजित करने को ही उसे ऐसे छेड़ता था....
फोन रिंग......
मधु – दीदी कैसी हो....
रेखा – ठीक हु छोटी... तू कैसी है...सब ठीक...
मधु – बहोत बाडिया दीदी... सुनिए ना वो आप को याद कर रहे थे...
रेखा – क्या बोल रही ही पागल...
मधु – दीदी अब आप को तो पता ही है आप का तो हर कोई दीवाना हे...आप के आगे में क्या दीदी...वो तो आप की बड़ी तारीफ करते है की आप ने खुद को कितना अच्छे से सवार हुआ है... आप को तो पता ही होगा मर्द के मन का...
रेखा – हा तो क्या हुआ... तू भी तो कम नहीं दिखा ना अपना खजाना... तू तो सुना ही सारे गांव को पागल बना रखी है....
मधु – दीदी वो तो रोज ही मेरे मज़े लेते है....
रेखा – क्या सच में रोज ही....
मधु – और नही तो क्या सिर्फ जीजू ही आप को रोज लेते है... हा हा....
रेखा – फिर क्या हुआ...मुझे क्यों बुला रही हो....
मधु – दीदी वो चाहते है की आप हमारी छूदाई देखे और सुने ताकि उनको और उत्तेजना हो....पता नही क्या क्या नया नया सोचते रहते है...दीदी आ जाओ ना वैसे भी आप आती हो तब पता नही आप को सोच सोच मुझे निचोड़ देते है...आह...क्या हो जाता है आप को देख इनको तो..... गलती से आप इनको मिल गई होती तो आप को तो दो दिन तक खड़ा ही न होने दे बिस्तर से.....
रेखा – क्या बोल रही है बदमाश तहीकी कुछ भी बोल रही है....में नहीं आ रही....
मधु – दीदी आप भी ना डर गई ना...में तो मजाक कर रही थी आप के साथ... गोलू आया हुआ है...कुछ दिन आप के साथ रहेगा तो खुश हो जायेगा....
रेखा – अच्छा गोलू आया है...कितने साल हो गई मिला ही नहीं ठीक है में आ रही हू....
मेने कॉल कट दिया....
मेरे पति महेश अकसर काम के सिलसिले में बाहर रहते है इस लिए करण के होने के बाद हमारा यौन संबंध बनाना काम होता गया...और कुछ सालो से तो में उनके सामने नंगी तक नहीं हुए...मेरी खूबसूरती बस कपड़ो के अंदर ही मेरी उम्र के साथ ढल रही थी... ऐसा नहीं था की मेरी जवानी पे किसी की नजर नहीं थी लेकिन में अपनी मर्यादा समझती थी...अगर लूत्रा खानदान की बड़ी बहू बाहर किसी के साथ यौन संबंध बनाई और किसी को गलती से भी पता छल जाता तो में और मेरे पति दोनो किसी को मुंह देखने लायक नही रहते.....
पर क्या करती हु तो में भी एक औरत ही और मेरी कद काठी भी किसी से कम नहीं...34D के बड़े बड़े स्तनों से मेरी छाती पे वजन काफी बड़ गया था...हर वक्त दोनो बदमाश बाहर आने को बेताब रहते.... मेरी गहरी योनि जैसे आग की बट्टी बन गई थी...किसी को भी जला देने को तत्पर रहती थी मेरी योनि....
अपने बड़े से कमरे में देर रात तक अपनी योनि में उंगली करती मै काम आग में जलती रहती...
मेरी एक छोटी बहन है... मधु उसकी शादी एक साधारण परिवार में हुए थी...सच कहूं तो हम से काफी गरीब परिवार था उसका... उसका पति के खेत में काम करता था और वो उसका साथ देती.... हालाकि उसका पति गरीब था लेकिन उसे बड़ा खुस रखता और इसी बात को लेके में मधु से बेहत जलती थी.... में महेश से कितना भी बोलूं की थोड़ा मुझे भी समय दो...मेरी भी जरूरत ही लेकिन वो कभी मेरी एक ना सुनते... दूसरी ओर था मोहन जो अपनी पत्नी यानी मेरी छोटी बहन को एक रात बिना प्यार किए सोने नहीं देता था.... मुझे याद है जब में रात में उसे फोन करती हु मधु की दर्द भरी सिसकारियां भरने की आवाजे निकलने लगती...जैसे उसका पति मुझे उत्तेजित करने को ही उसे ऐसे छेड़ता था....
फोन रिंग......
मधु – दीदी कैसी हो....
रेखा – ठीक हु छोटी... तू कैसी है...सब ठीक...
मधु – बहोत बाडिया दीदी... सुनिए ना वो आप को याद कर रहे थे...
रेखा – क्या बोल रही ही पागल...
मधु – दीदी अब आप को तो पता ही है आप का तो हर कोई दीवाना हे...आप के आगे में क्या दीदी...वो तो आप की बड़ी तारीफ करते है की आप ने खुद को कितना अच्छे से सवार हुआ है... आप को तो पता ही होगा मर्द के मन का...
रेखा – हा तो क्या हुआ... तू भी तो कम नहीं दिखा ना अपना खजाना... तू तो सुना ही सारे गांव को पागल बना रखी है....
मधु – दीदी वो तो रोज ही मेरे मज़े लेते है....
रेखा – क्या सच में रोज ही....
मधु – और नही तो क्या सिर्फ जीजू ही आप को रोज लेते है... हा हा....
रेखा – फिर क्या हुआ...मुझे क्यों बुला रही हो....
मधु – दीदी वो चाहते है की आप हमारी छूदाई देखे और सुने ताकि उनको और उत्तेजना हो....पता नही क्या क्या नया नया सोचते रहते है...दीदी आ जाओ ना वैसे भी आप आती हो तब पता नही आप को सोच सोच मुझे निचोड़ देते है...आह...क्या हो जाता है आप को देख इनको तो..... गलती से आप इनको मिल गई होती तो आप को तो दो दिन तक खड़ा ही न होने दे बिस्तर से.....
रेखा – क्या बोल रही है बदमाश तहीकी कुछ भी बोल रही है....में नहीं आ रही....
मधु – दीदी आप भी ना डर गई ना...में तो मजाक कर रही थी आप के साथ... गोलू आया हुआ है...कुछ दिन आप के साथ रहेगा तो खुश हो जायेगा....
रेखा – अच्छा गोलू आया है...कितने साल हो गई मिला ही नहीं ठीक है में आ रही हू....
मेने कॉल कट दिया....
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