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Incest लंगड़ी घोड़ी

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बैंड बाजे की आवाज पर सभी लोग नाच रहे थे और नाचे भी क्यों नही क्योंकि आज गांव के सरपंच मोहन लाल के लाडले बेटे राजू की शादी थी। बेटा छोटा सा ही गांव से बाहर चला गया और फिर अपनी पढ़ाई पूरी करके 26 साल की उम्र में वापिस लौट आया। राजू ने पास के गांव के पढ़ी लिखी लेकिन छोटी बिरादरी की लड़की पसंद करी और सबके विरोध के बाद आज उसकी शादी हो रही थी।


बारात धूम धाम से दुल्हन को लेकर वापिस आ गई। जैसे ही दुल्हन को राजू घर में ले जाने लगा तो उसकी बड़ी बहन रजनी हल्का सा लंगड़ाते हुए गेट में खड़ी हो गई और बोली:"

" बस भईया बस, पहले मेरे दर रुकाई 51000रुपए दो उसके बाद ही घर में जाने की अनुमति मिलेगी।

राजू के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन बस थोड़ा सा कंजूस था इसलिए बोला:"

" चल दीदी तुम्हे 21000दे दूंगा। अभी जाने दो मुझे। देखो राधा भी थक गई हैं खड़ी खड़ी

राजू ने अपनी पत्नी की तरफ इशारा किया तो रजनी गुस्से से ताव खाकर बोली:"

" अगर इतनी ही फिक्र हैं अपनी बीवी की तो पहले मुझे 51000 हजार दे। इससे पहले तुम्हे भगवान भी घर के अंदर नहीं ले जा सकते।

राजू जानता था कि उसकी बहन जिद्दी हैं इसलिए उसने मन मारकर जेब से पैसे निकाले और रजनी को दिए तो रजनी खुशी खुशी रास्ते से हट गई। राजू अपनी बीवी के साथ अंदर घर में आ गया और पीछे पीछे गांव परिवार की औरते गीत गाती हुई चल रही थी। एक औरत को रजनी का ऐसे जिद करना बुरा लगा और दूसरे से बोली:"

" देख ना रजनी को, कैसे अपनी मन मर्जी कर रही है, बड़े बाप की बेटी।

दूसरी:" और क्या करे बेचारी कहीं तो अपनी मर्जी चला सकती हैं रजनी। मुझे तो लगता हैं कि वो तो एक तरह से राजू से बदला ले रही है ।

पहली:" हान ये बात भी ठीक है। कुछ भी कहो शादी तो पहले रजनी की ही होनी चाहिए थी 34 साल की हो गई है। राजू को पता नही क्या जल्दी थी घोड़ी चढ़ने की जो बड़ी बहन से पहले शादी कर ली उसने।

दूसरी:" देखो तो वैसे ठीक ही किया राजू ने, रजनी की अब तक शादी नही हुई तो अब आगे क्या होगी? इसके चक्कर में तो वो भी कुंवारा भी बैठा रहता।

पहली:" हान ये बात भी हैं। क्या कर सकते हैं सबकी अपनी किस्मत हैं। बेचारी रजनी देखो ना कितनी सुंदर है, अंग अंग बिलकुल कसा हुआ, बिलकुल किसी घोड़ी की तरह, जिस्म पूरी तरह से गदराया हुआ किसी पके आम की तरह लेकिन किस्मत देखो एक पैर में दिक्कत और लंगड़ा कर चलती हैं बस थोड़ा सा। इसी वजह से उसकी शादी नही हो पाई हैं आज तक।

दूसरी:" हान ये रजनी हैं तो पूरी घोड़ी की घोड़ी ही लेकिन लंगड़ी घोड़ी हैं।

पहली:" बस जुबान को लगाम दे अपनी किसी ने सुना तो गजब हो जायेगा।

इतना कहकर दोनो चुप हो गई। उन्हे क्या ख़बर थी कि उनके ठीक पीछे खड़ी हुई रजनी सब सुन रही थी। रजनी का दिल पूरी तरह से टूट गया और वो अपनी आंखो में आंसू लिए चुपके से स्टोर में घुस गई और अपनी किस्मत को कोसने लगी।


शादी के दिन तैयार हुई रजनी की एक झलक।


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Naik

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बैंड बाजे की आवाज पर सभी लोग नाच रहे थे और नाचे भी क्यों नही क्योंकि आज गांव के सरपंच मोहन लाल के लाडले बेटे राजू की शादी थी। बेटा छोटा सा ही गांव से बाहर चला गया और फिर अपनी पढ़ाई पूरी करके 26 साल की उम्र में वापिस लौट आया। राजू ने पास के गांव के पढ़ी लिखी लेकिन छोटी बिरादरी की लड़की पसंद करी और सबके विरोध के बाद आज उसकी शादी हो रही थी।


बारात धूम धाम से दुल्हन को लेकर वापिस आ गई। जैसे ही दुल्हन को राजू घर में ले जाने लगा तो उसकी बड़ी बहन रजनी हल्का सा लंगड़ाते हुए गेट में खड़ी हो गई और बोली:"

" बस भईया बस, पहले मेरे दर रुकाई 51000रुपए दो उसके बाद ही घर में जाने की अनुमति मिलेगी।

राजू के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन बस थोड़ा सा कंजूस था इसलिए बोला:"

" चल दीदी तुम्हे 21000दे दूंगा। अभी जाने दो मुझे। देखो राधा भी थक गई हैं खड़ी खड़ी

राजू ने अपनी पत्नी की तरफ इशारा किया तो रजनी गुस्से से ताव खाकर बोली:"

" अगर इतनी ही फिक्र हैं अपनी बीवी की तो पहले मुझे 51000 हजार दे। इससे पहले तुम्हे भगवान भी घर के अंदर नहीं ले जा सकते।

राजू जानता था कि उसकी बहन जिद्दी हैं इसलिए उसने मन मारकर जेब से पैसे निकाले और रजनी को दिए तो रेंज खुशी खुशी रास्ते से हट गई। राजू अपनी बीवी के साथ अंदर घर में आ गया और पीछे पीछे गांव परिवार की औरते गीत गाती हुई चल रही थी। एक औरत को रजनी का ऐसे जिद करना बुरा लगा और दूसरे से बोली:"

" देख ना रजनी को, कैसे अपनी मन मर्जी कर रही है, बड़े बाप की बेटी।

दूसरी:" और क्या करे बेचारी कहीं तो अपनी मर्जी चला सकती हैं रजनी। मुझे तो लगता हैं कि वो तो एक तरह से राजू से बदला ले रही है ।

पहली:" हान ये बात भी ठीक है। कुछ भी कहो शादी तो पहले रजनी की ही होनी चाहिए थी 34 साल की हो गई है। राजू को पता नही क्या जल्दी थी घोड़ी चढ़ने की जो बड़ी बहन से पहले शादी कर ली उसने।

दूसरी:" देखो तो वैसे ठीक ही किया राजू ने, रजनी की अब तक शादी नही हुई तो अब आगे क्या होगी? इसके चक्कर में तो वो भी कुंवारा भी बैठा रहता।

पहली:" हान ये बात भी हैं। क्या कर सकते हैं सबकी अपनी किस्मत हैं। बेचारी रजनी देखो ना कितनी सुंदर है, अंग अंग बिलकुल कसा हुआ, बिलकुल किसी घोड़ी की तरह, जिस्म पूरी तरह से गदराया हुआ किसी पके आम की तरह लेकिन किस्मत देखो एक पैर में दिक्कत और लंगड़ा कर चलती हैं बस थोड़ा सा। इसी वजह से उसकी शादी नही हो पाई हैं आज तक।

दूसरी:" हान ये रजनी हैं तो पूरी घोड़ी की घोड़ी ही लेकिन लंगड़ी घोड़ी हैं।

पहली:" बस जुबान को लगाम दे अपनी किसी ने सुन तो गजब हो जायेगा।

इतना कहकर दोनो चुप हो गई। उन्हे क्या ख़बर थी कि उनके ठीक खड़ी हुई रजनी सब सुन रही थी। रजनी का दिल पूरी तरह से टूट गया और वो अपनी आंखो में आंसू लिए चुपके से स्टोर में घुस गई और अपनी किस्मत को कोसने लगी।
Mubarak baad bhai nayi kahani k liye
Badhiya shuruwat
 

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बैंड बाजे की आवाज पर सभी लोग नाच रहे थे और नाचे भी क्यों नही क्योंकि आज गांव के सरपंच मोहन लाल के लाडले बेटे राजू की शादी थी। बेटा छोटा सा ही गांव से बाहर चला गया और फिर अपनी पढ़ाई पूरी करके 26 साल की उम्र में वापिस लौट आया। राजू ने पास के गांव के पढ़ी लिखी लेकिन छोटी बिरादरी की लड़की पसंद करी और सबके विरोध के बाद आज उसकी शादी हो रही थी।


बारात धूम धाम से दुल्हन को लेकर वापिस आ गई। जैसे ही दुल्हन को राजू घर में ले जाने लगा तो उसकी बड़ी बहन रजनी हल्का सा लंगड़ाते हुए गेट में खड़ी हो गई और बोली:"

" बस भईया बस, पहले मेरे दर रुकाई 51000रुपए दो उसके बाद ही घर में जाने की अनुमति मिलेगी।

राजू के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन बस थोड़ा सा कंजूस था इसलिए बोला:"

" चल दीदी तुम्हे 21000दे दूंगा। अभी जाने दो मुझे। देखो राधा भी थक गई हैं खड़ी खड़ी

राजू ने अपनी पत्नी की तरफ इशारा किया तो रजनी गुस्से से ताव खाकर बोली:"

" अगर इतनी ही फिक्र हैं अपनी बीवी की तो पहले मुझे 51000 हजार दे। इससे पहले तुम्हे भगवान भी घर के अंदर नहीं ले जा सकते।

राजू जानता था कि उसकी बहन जिद्दी हैं इसलिए उसने मन मारकर जेब से पैसे निकाले और रजनी को दिए तो रेंज खुशी खुशी रास्ते से हट गई। राजू अपनी बीवी के साथ अंदर घर में आ गया और पीछे पीछे गांव परिवार की औरते गीत गाती हुई चल रही थी। एक औरत को रजनी का ऐसे जिद करना बुरा लगा और दूसरे से बोली:"

" देख ना रजनी को, कैसे अपनी मन मर्जी कर रही है, बड़े बाप की बेटी।

दूसरी:" और क्या करे बेचारी कहीं तो अपनी मर्जी चला सकती हैं रजनी। मुझे तो लगता हैं कि वो तो एक तरह से राजू से बदला ले रही है ।

पहली:" हान ये बात भी ठीक है। कुछ भी कहो शादी तो पहले रजनी की ही होनी चाहिए थी 34 साल की हो गई है। राजू को पता नही क्या जल्दी थी घोड़ी चढ़ने की जो बड़ी बहन से पहले शादी कर ली उसने।

दूसरी:" देखो तो वैसे ठीक ही किया राजू ने, रजनी की अब तक शादी नही हुई तो अब आगे क्या होगी? इसके चक्कर में तो वो भी कुंवारा भी बैठा रहता।

पहली:" हान ये बात भी हैं। क्या कर सकते हैं सबकी अपनी किस्मत हैं। बेचारी रजनी देखो ना कितनी सुंदर है, अंग अंग बिलकुल कसा हुआ, बिलकुल किसी घोड़ी की तरह, जिस्म पूरी तरह से गदराया हुआ किसी पके आम की तरह लेकिन किस्मत देखो एक पैर में दिक्कत और लंगड़ा कर चलती हैं बस थोड़ा सा। इसी वजह से उसकी शादी नही हो पाई हैं आज तक।

दूसरी:" हान ये रजनी हैं तो पूरी घोड़ी की घोड़ी ही लेकिन लंगड़ी घोड़ी हैं।

पहली:" बस जुबान को लगाम दे अपनी किसी ने सुन तो गजब हो जायेगा।

इतना कहकर दोनो चुप हो गई। उन्हे क्या ख़बर थी कि उनके ठीक खड़ी हुई रजनी सब सुन रही थी। रजनी का दिल पूरी तरह से टूट गया और वो अपनी आंखो में आंसू लिए चुपके से स्टोर में घुस गई और अपनी किस्मत को कोसने लगी।


शादी के दिन तैयार हुई रजनी की एक झलक।


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Congratulations for new story
 

Rajs09612

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बारात धूम धाम से दुल्हन को लेकर वापिस आ गई। जैसे ही दुल्हन को राजू घर में ले जाने लगा तो उसकी बड़ी बहन रजनी हल्का सा लंगड़ाते हुए गेट में खड़ी हो गई और बोली:"

" बस भईया बस, पहले मेरे दर रुकाई 51000रुपए दो उसके बाद ही घर में जाने की अनुमति मिलेगी।

राजू के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन बस थोड़ा सा कंजूस था इसलिए बोला:"

" चल दीदी तुम्हे 21000दे दूंगा। अभी जाने दो मुझे। देखो राधा भी थक गई हैं खड़ी खड़ी

राजू ने अपनी पत्नी की तरफ इशारा किया तो रजनी गुस्से से ताव खाकर बोली:"

" अगर इतनी ही फिक्र हैं अपनी बीवी की तो पहले मुझे 51000 हजार दे। इससे पहले तुम्हे भगवान भी घर के अंदर नहीं ले जा सकते।

राजू जानता था कि उसकी बहन जिद्दी हैं इसलिए उसने मन मारकर जेब से पैसे निकाले और रजनी को दिए तो रेंज खुशी खुशी रास्ते से हट गई। राजू अपनी बीवी के साथ अंदर घर में आ गया और पीछे पीछे गांव परिवार की औरते गीत गाती हुई चल रही थी। एक औरत को रजनी का ऐसे जिद करना बुरा लगा और दूसरे से बोली:"

" देख ना रजनी को, कैसे अपनी मन मर्जी कर रही है, बड़े बाप की बेटी।

दूसरी:" और क्या करे बेचारी कहीं तो अपनी मर्जी चला सकती हैं रजनी। मुझे तो लगता हैं कि वो तो एक तरह से राजू से बदला ले रही है ।

पहली:" हान ये बात भी ठीक है। कुछ भी कहो शादी तो पहले रजनी की ही होनी चाहिए थी 34 साल की हो गई है। राजू को पता नही क्या जल्दी थी घोड़ी चढ़ने की जो बड़ी बहन से पहले शादी कर ली उसने।

दूसरी:" देखो तो वैसे ठीक ही किया राजू ने, रजनी की अब तक शादी नही हुई तो अब आगे क्या होगी? इसके चक्कर में तो वो भी कुंवारा भी बैठा रहता।

पहली:" हान ये बात भी हैं। क्या कर सकते हैं सबकी अपनी किस्मत हैं। बेचारी रजनी देखो ना कितनी सुंदर है, अंग अंग बिलकुल कसा हुआ, बिलकुल किसी घोड़ी की तरह, जिस्म पूरी तरह से गदराया हुआ किसी पके आम की तरह लेकिन किस्मत देखो एक पैर में दिक्कत और लंगड़ा कर चलती हैं बस थोड़ा सा। इसी वजह से उसकी शादी नही हो पाई हैं आज तक।

दूसरी:" हान ये रजनी हैं तो पूरी घोड़ी की घोड़ी ही लेकिन लंगड़ी घोड़ी हैं।

पहली:" बस जुबान को लगाम दे अपनी किसी ने सुन तो गजब हो जायेगा।

इतना कहकर दोनो चुप हो गई। उन्हे क्या ख़बर थी कि उनके ठीक खड़ी हुई रजनी सब सुन रही थी। रजनी का दिल पूरी तरह से टूट गया और वो अपनी आंखो में आंसू लिए चुपके से स्टोर में घुस गई और अपनी किस्मत को कोसने लगी।


शादी के दिन तैयार हुई रजनी की एक झलक।


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