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Incest लालटेन

लालटेन कैसी स्टोरी होनी चाहिए


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Fuker

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हैलो दोस्तो, मैं एक बार फिर से आप सभी के समक्ष एक नई कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूं। उम्मीद करता हूं कि इस बार देवनागरी में लिखी हुई ये कहानी आप सभी को पसंद आएगी। आप सभी का साथ एवं सहयोग मेरे लिए बेहद अनिवार्य है क्योंकि बिना आप सबके सहयोग और प्रोत्साहन के कहानी को अपने अंजाम तक पहुंचाना मेरे लिए मुश्किल ही होगा। इस लिए अपना साथ और सहयोग बनाए रखियेगा और साथ ही कहानी के प्रति अपनी प्रतिक्रिया भी देते रहिएगा।

आवश्यक सूचना
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यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। कहानी में मौजूद किसी भी पात्र या किसी भी घटना से किसी के भी वास्तविक जीवन का कोई संबंध नहीं है। कहानी में दिखाया गया समस्त कथानक सिर्फ और सिर्फ लेखक की अपनी कल्पना है जिसका उद्देश्य फक़त अपने पाठकों का मनोरंजन करना है।


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Fuker

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अपडेट 1


अरी ओ राधा देख तो तेरे दोनो लड़के नदी किनारे आपस मे झगड़ रहे हैं जल्दी जाकर उनको रोंक ले।


राधा जो गाय के गोबर से उपले बना रही थी और जैसे उसने अपने बेटे के बारे में ननखी ताई से सुना उसने जल्दी जल्दी अपने हाथ धुले और नदी की ओर दौड़ पड़ी।


इधर नदी पर राजू और सोनू दोनो ही चचेरे भाई एक दूसरे की जान लेने पर तुले थे।


सोनू जो की राजू से उम्र में बड़ा है लेकिन अकल उसमे बिलकुल भी नहीं है और वह राजू के नीचे दवा पड़ा था।


राजू एक मेहनती लड़का है उसने बचपन से ही अपने पिता की खेती बाड़ी संभाल ली थी और जिस कारण उसका शरीर एक दम कसा हुआ मजबूत बड़ी चौड़ी छाती और मोटे कल्ले सब दूर से नजर आते थे।

उसने सोनू को अपने नीचे उसकी गर्दन को पकड़ कर दवा रखा था जिससे सोनू छूटने का पूरा प्रयास कर रहा था लेकिन वह कुछ भी नहीं कर पा रहा था।


इधर राधा भी दौड़ते हुए नदी किनारे पहुंच गई और चारों ओर अपने राजू को खोजने लगी और आवाज देकर उसे पुकारने लगी।


राजू ओ राजू बेटा तुम कहां हो राजू ओ राजू बेटा.........


जैसे राजू ने अपनी मां राधा की आवाज सुनी उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी और सोनू को छोड़ दिया और अपनी मां को आवाज दिया।


माई ओ माई मैं इधर हूं.....


सोनू जो अभी नीचे दबा हुआ था जैसे ही उसे राहत मिली उसने झट से राजू को पकड़ कर गिरा दिया और उस पर चढ़ कर बैठ गया और उसे मुक्को से मारने लगा और एक बार फिर से वह राजू को बुरी बुरी गालियां देने लगा।


राजू पर सोनू की मार का कोई असर तो नहीं हो रहा था लेकिन अब उसकी मां पास में ही थी इसलिए वह सोनू की मार को बर्दास्त कर रहा था, लेकिन सोनू जो पागल था जिसने खुद से लड़ाई शुरू की थी वह अब भी वही बुरी बुरी गालियां दे रहा था।


साले हरामखोर बहन के लौड़े तूने मुझे मारा मैं तेरा खून पी जाऊंगा.....


राधा भी दौड़ते हुए वही पर आ गई और उसने देखा की सोनू उसके बेटे को मार रहा है और राजू सिर्फ अपना बचाव ही कर पा रहा है उसने झट से सोनू को पकड़ कर उसे हटने को कहा।


पहले तो सोनू नहीं माना लेकिन जब उसने राधा का गुस्सा देखा तब वह राजू के ऊपर से हट गया।


सोनू...चाची इसने मुझे मारा है और मेरा गला भी दबाया है।


राधा ने अपने बेटे को उठाया और उसे पूछा कि वह ठीक है राजू ने भी हां में अपनी गर्दन हिला दिया।


राधा... तुम दोनो आपस में क्यूं लड़ाई किया करते हो और अब तुम दोनो मेरी बात को कान खोलकर सुन लो अगर आज के बाद फिर से तुम दोनो ने लड़ाई की मैं तुम दोनो को घर से बाहर कर दूंगी।


राजू तू सोनू से छोटा है चल अपने भाई से माफी मांग....


राजू अपनी मां की ओर देखने लगता है....तो राधा ने फिर से अपनी बात दोहराई जल्दी करो राजू सोनू से माफी मांगो....


अब राजू ना चाहते हुए भी सोनू से माफी मांगता है जबकि सोनू उसे दुत्कारते हुए वहा से निकल जाता है।


और फिर राधा अपने बेटे को अपने गले से लगा लेती है उसकी आंख में आंसू आ जाते है, जो राजू के कंधे पर गिरकर उसकी शर्ट को गीला करने लगते है।


अब जैसे राजू को अहसास होता है की उसकी मां रो रही है तो वह अपनी मां को अपने गले से दूर करता है और अपनी मां के आंसू को पूछते हुए उससे कहता है।
 
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