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नमस्कार। मेरा नाम है समीर दुबे। मेरी उम्र अब 65 साल है। में एक गाव में रहता हूं। मुझे एक 30 साल का बेटा है। अफसोस से मेरे पत्नी की मृत्यु 30 साल पहिले ही हो चुकी है। तबसे मैंने है मेरे बेटे का पालन पोषण किया। 30 साल का होते ही उसका ब्याह कर दिया। नहीं तो आज कल के लड़के बुरी आदतों से बर्बाद हो जाते है। मेरा यह भाग्य है कि वो ऐसे चंगुल नहीं फसा। उसकी शादी 25 साल के युवती से कर दी। एक ही साल में उसे संतान भी हो गया ।
मैंने शादी तो नहीं कि । इसका मतलब यह नहीं कि मेरी कोई सेक्स करने की इच्छा नहीं ही होती थी। मै तो सिर्फ हमारे गाव की औरतों को देखकर ही अपना समाधान कर लेता था। मुझे अफैर करने का बहुत डर लगता था। मेरे बेटे का नाम संजय है और बहू का नाम है सुजाता। सुजाता एक बहुत ही अच्छी बहू है। सबसे प्यार से बरताव करती है। पर वो सबसे खुले से बात करती है। मुझसे भी वो बहुत अलग अलग विषयो पर बाते करती रहती है। शादी के बाद वो और भी आकर्षक दिखने लगी थी। मेरे बेटे को अब शहर में अच्छी नौकरी लग गई थी। पर वो बहू को साथ नहीं लेकर जा सकता था। जाते टाइम वो बहू को बोला," अपने ससुर जी का खयाल रखना। " बहू ने कहा था ,"कोई चिंता मत करो । मै उनका बहुत अच्छा खयाल रखूंगी। "
मैंने शादी तो नहीं कि । इसका मतलब यह नहीं कि मेरी कोई सेक्स करने की इच्छा नहीं ही होती थी। मै तो सिर्फ हमारे गाव की औरतों को देखकर ही अपना समाधान कर लेता था। मुझे अफैर करने का बहुत डर लगता था। मेरे बेटे का नाम संजय है और बहू का नाम है सुजाता। सुजाता एक बहुत ही अच्छी बहू है। सबसे प्यार से बरताव करती है। पर वो सबसे खुले से बात करती है। मुझसे भी वो बहुत अलग अलग विषयो पर बाते करती रहती है। शादी के बाद वो और भी आकर्षक दिखने लगी थी। मेरे बेटे को अब शहर में अच्छी नौकरी लग गई थी। पर वो बहू को साथ नहीं लेकर जा सकता था। जाते टाइम वो बहू को बोला," अपने ससुर जी का खयाल रखना। " बहू ने कहा था ,"कोई चिंता मत करो । मै उनका बहुत अच्छा खयाल रखूंगी। "