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Adultery वाइफ स्वैपिंग से गैंगबैंग: मै तीन गोरो से चुद गयी

Gentlemanleo

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मेरे जीवन मे, 2003 में एक ऐसी घटना हुई, जिसने मेरे जीवन की यौनयात्रा में एक अमूल परिवर्तन किया है। मैं उस वक्त 40 के ऊपर का था और इस अधेड़ अवस्था मे, मेरा परिचय स्विंगिंग लाइफ स्टाइल से हो गया। मैं अपने इस प्रथम स्विनगिंग के अनुभव के संस्मरण, बहुत पहले अंग्रेजी में किसी विदेशी फ़ोरम पर लिख चुका हूँ और आगे कभी, उसका हिंदी मेंअनुवाद यहां पाठकों के लिए डालूंगा। मैंने करीब 10 वर्ष तक इस स्विंगिंग लाइफ स्टाइल में सक्रिय जीवन बिताया है और अपनी इस कामुकता पूर्ण व अप्रतिम अनुभव प्रदान करने वाली इस रत्यात्मक यात्रा में, मुझे कई लोग मिले। कुछ मिले, मन नही मिला तो फिर कभी नही मिले, कुछ मिले तो कुछ दिन रात का साथ रहा फिर सब अपने अपने रस्ते लेकिन कुछ जीवन मे स्थाई हो गए।

आज जिस संस्मरण को कहानी का रूप दे रहा हूँ वो ऐसे ही स्थाई महिला मित्र के साथ हुई घटना है। मेरी यह महिला मित्र अपने पति के साथ इस सविंगर्स जीवनशैली में है और उसी ने मुझ से अपने कई अनुभवों में से एक इस घटना का उल्लेख किया था। मेरी इस महिला मित्र(उसके पति से भी सम्बंध है लेकिन मित्रता इसी से है) के साथ यह घटना 2014 में हुई थी। मेरी यह 32 वर्षीय महिला मित्र एक लंबी भारी बदन की पंजाबन महिला है, जिसका इस कहानी में नाम लेने की मुझे कोई आवश्यकता नही लगती है। उसके पति का जो नाम कहानी में है वह काल्पनिक है और इसके अतिरिक्त जो कुछ भी कहानी में है, वह उसका बताया हुआ यथार्थ सत्य है। अब आगे मुझे बताया गया वह संस्मरण उसी के शब्दों में,

मै 32 की हो चुकी थी जब मेरे साथ यह घटना हुयी थी। प्रशांत, तुम्हे तो मालूम है मै एक भरे बदन कि पंजाबन हूँ और मुझे अच्छी तरह से यह मालूम है कि जब मैं किसी पार्टी, फंक्शन या बाजार जाती हूँ तो मेरे सब बड़े बड़े देख कर लोग अंदर ही अंदर मस्त होते है। मैं जानती हूँ कि ज्यादातर औरते बढ़िया दिखना और लगना चाहती है लेकिन उन्हें यह बर्दाश्त नही होता कि उन्हें देख कर कोई मर्द फिदा हो जाये या सटना चाहे। मैं शायद कुछ अलग थी, शादी से पहले भी मुझे इसका एहसास था कि मेरे शरीर की बनावट और सुंदरता को देख कर लड़के तो क्या, शादीशुदा मर्द भी मुझ पर लट्टू होते है। शादी के बाद तो मुझे न जाने क्यों लोगो का मुझको आसक्त भारी नजरो से देखना कभी भी बुरा नही लगा, उल्टा मुझे उनकी बेचारगी पर लुत्फ होता था। एक अजीब से सुख मिलता था। मेरे इसी मानसिकता के कारण शायद जब मनीष, मेरे पति ने पहली बार वाइफ स्वैप, थ्रीसम और गैंग बैंग के बारे में बताया तो शुरू में, मैं भौचक्की जरूर होगई थी और ताज्जुब भी हुआ था लेकिन जल्दी ही सविंगिंग जीवन शैली की ओर खिंची चली गई।

इतना ही होता तो तब भी मैं अपने को रोक लेती और मनीष का दिमाग ठिकाने लगा देती लेकिन जब यही सब सोच कर या बाते करते हुए मनीष मुझे चोदते तो वो इतने वहशी और जोशीले तरीके से चोदते की लगता था कि कोई नया मनीष मेरे साथ कर रहा है। मुझे यह नया मनीष बहुत पसंद आया। मैं खुद भी उसकी बात सुन कर या वह सब कल्पना कर इतना गरमा जाती थी कि मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आता था। मुझे अंदर ही अंदर यह सब अच्छा लगने लगा था लेकिन जब मनीष मुझसे स्वैप की बात करते तो मैं मना कर देती थी। फिर एक दिन मनीष ने मुझे एडल्ट फ्रेंड फाइंडर की साइट् दिखाई और जब वहां के मेंबर्स की प्रोफाइल, उनके कंफेशन्स, उनकी खुद की चुदाई की फ़ोटो और वीडियो देखे तो उन्हें देख कर जहां मेरे दिल धक धक करने लगा वहां मुझे नीचे भी कुछ होने लगा। उस रात जब मनीष मेरे साथ बिस्तर पर आए तो मैं तो भूखी शेरनी की तरह उन पर चढ़ गई और उस रात कई बार झड़ी। मनीष तो मेरी गर्मी झेल कर हैरान और परेशान हो गए। मुझे चोद तो मनीष रहे थे लेकिन जहन में उस साइट की वो नंगी औरते छाई हुई थी जो अपने पति के साथ गैर मर्द के साथ चुद रही थी। उस रात जब मनीष ने मुझसे स्वैप की बात फिर छेड़ी तो मैंने हां कह दिया।

उसके बाद मैं जो इस सविंगर्स की सेक्स की दुनिया मे घुसी तो उसे पूरी तरह अपना लिया। मनीष के साथ वाइफ स्वैपिंग से साथ शुरू हुए इस सफर में आगे थ्रीसम, लेसबीएनिस्म, ग्रुप सेक्स और गैंगबैंग सभी का आंनद लिया है। मुझे यह कहने में कोई शर्म नही की स्विंगर सर्किल में, बहुत जल्दी मैं फेमस हो गई है। प्रशांत, आखिर क्यों नही फेमस होती मैं? आदमियों की फितरत तो तुम जानते ही हो, मेरी 5' 5" की हाइट, मेरे 38D साइज के बूब्स, 36 की कमर और 41 की चौड़ी पंजाबन पिछवाड़ा, मुझे भीड़ में अलग कर देती है। प्रशांत, तुम भी तो जब किसी के रिफरेन्स से मेरे तक पहुंचे और हम कॉफ़ी डे में पहली बार मिले थे तब मेरा बिंदासपना के साथ मेरा दूधिया रंग, खूबसूरत नाक नक्श और गुलाबी होंठ देख कर वही पर तुम्हारे अंदर वासना भड़क गई थी और जब तक अगली रात पूरी तरह मुझे तुमने मसल नही दिया तब तक बावले बने घूम रहे थे! बस, यही हाल सब आदमियों का भी होता रहा है।

एक बात बताऊं, मनीष को जल्दी ही इसका अंदाज़ा हो गया था कि मैं वैसे तो लोगो से मिलने पर बड़ी इंट्रोवर्ट और पैसिव बनी रहती हूँ लेकिन जबसे एक ही रूम में वाइफ स्वैप किया और एक साथ मनीष के साथ दूसरे मर्द के लन्ड को अनुभव किया है, मैं अग्रेसिव और डिमांडिंग हो गई हूँ। यही देख कर मनीष ने शादीशुदा कपल के साथ स्वपिंग के अलावा किसी दूसरे मर्द के साथ थ्रीसम की बात की तो मैंने फौरन हां कर दी। तुम्हारी इंटरी प्रशांत, इसी लिए हुई क्योंकि तुमसे पहले किसी बड़ी उम्र के आदमी के साथ, मैंने और मनीष ने थ्रीसम नही किया था। थ्रीसम के बाद मेरे लिए ग्रुप सेक्स कोई बड़ी बात नही रह गई थी और गैंगबैंग तो एक एक्सपीरियंस के लिए किया लेकिन 2 बार के बाद मैने उससे तौबा कर ली है।

घटना बताने से पहले यह बता दूं कि मनीष की भी एक कमजोरी है जो मुझे बाद में पता चली, उसे ये गोरी चमड़ी वालियों को चोदना बड़ा पसंद है। हम लोगो ने कुछ साइट्स पर अपना प्रोफाइल, फोटो के साथ डाला था और वही पर कुछ विदेशी सविंगर्स से हमारा परिचय होगया। मेरे पतिदेव को तो अंग्रेज, गोरी चमड़ी वाली औरत को चोदना अच्छा लगता है, चाहे किसी उम्र की हो लेकिन मुझे तो काले, गोरे, लंबे, छोटे से कोई मतलब नही, बस सभ्य आदमी का लंड होना चाहिए जिसे चोदना आता हो। मनीष के ही कारण हम लोग दिल्ली आए इन विदेशी सविंगर्स के साथ भी स्वैपिंग करते है।

अब मैं जो बात बताने जारही हूँ वह ऐसे ही एक विदेशी जोड़े के साथ स्वैप की घटना है, जहां बात आगे कुछ बढ़ गई और मैं पहली और अभी तक आखरी बार 3 गोरो से चुद गयी। तुम उसे गैंग बैंग या ग्रुप सेक्स, जो चाहो समझ लो लेकिन उन्होंने मुझे जी भरकर अपनी हवस का शिकार बनाया और मैं कुछ कर भी नही पाई।

कनाडा से एक विवाहित जोड़ा स्टेनली और उसकी पत्नी टेरी दिल्ली आए हुए थे और आने से पहले उनके साथ हमारी चैट हो चुकी थी। स्टेनली और टेरी दोनों ही 28 वर्ष के थे और वे एक पांच सितारा होटल में रुके थे। उसी होटल के बेसमेंट में बने पब में हमारी पहली मुलाकात हुई थी। हम लोग जब स्टेनली और टेरी से मिलने पहुंचे तो वहां उनके साथ में उनका एक दोस्त डैरेन भी था, जो उनसे उम्र में थोड़ा बड़ा था, शायद 32/33 का होगा। स्टेनली टेरी से हमारा परिचय हुआ और स्टेनली ने डैरेन का परिचय हमसे एक पारिवारिक मित्र के रूप में कराया जो उन्ही की तरह स्विंगर था। हम लोगो की वहाँ थोड़ी देर बात हुई और जल्दी ही हम लोगो के वाइब्स मिल गए। हम दोनों उनके साथ बड़े सहज हो गये थे और स्वैप के लिए सब लोग मानसिक रूप से तैयार हो गये। उनको मेरा भरा बदन बहुत कामोत्तेजक लग रहा था जबकि उसकी पत्नी बिल्कुल फिट, स्लिम और बहुत सुन्दर थी। उसको देख कर तो मेरे पति बिलकुल मस्त हो गये और मैं देख रही थी कि मनीष अपने हाथ को टेरी की जांघों से दूर नही रख पाराहे है। मनीष जहां उस कैनेडियन पत्नी के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे वहीं पर उसका पति स्टेनली, मेरे बड़े बड़े चूतड़ों और मोटी जांघों को सहलाने और दबाने करने में कोई कसर नही छोड़ रहा था। हम लोगो ने वहां दो दो ड्रिंक्स ली और अगले दिन मिलने का वादा कर के वापस घर लौट आये। घर पहुंच कर, बच्चों को सुलाने के बाद जब बैडरूम सोने पहुंची तो मनीष पहले से ही कपड़े उतारे, चद्दर ओढ़े लेटे थे और मेरे पहुंचते ही मनीष ने पूरी शाम के अपने उबाल को मेरे ऊपर निकाल दिया। यह उस दिन की बात है जिस दिन मैंने मनीष को तुम्हारे बारे में बताया था और उसने मुझे चोदते हुये तुमसे फोन पर सेक्स कॉल की थी।

जब मनीष झड़ गए तो मैं सफाई करने बाथरूम गई और जब लौटी तो देखा मनीष फोन पर बात कर रहे है। अंग्रेजी में बात हो रही तो मैं समझ गई कि ये होटल से ही फोन आया होगा। मनीष ने फोन काटने के बाद बताया कि स्टेनली का फोन था, वो टेरी और डेरील अभी बात कर रहे थे और उनका मित्र डैरेन भी कल साथ मे होना चाहता है। उसे मैं बहुत पसंद आई थी इसलिए वो जानना चहता है कि यदि डैरेन भी उन लोगो के साथ शामिल हो जाये तो हमे कोई दिक्कत तो नही है। मैंने पूछा क्या जवाब दिया तो हंसते हुए मनीष ने बोला कि वैसे तो मैंने हां कह दी है लेकिन तुम क्या कहती हो यह तुमसे पूछ कर उन्हें बताऊंगा। मैंने मनीष से कहा, देखो यह स्वैपिंग तो बात अलग है लेकिन डैरेन भी साथ हो, यह अटपटा लग रहा है।

खैर, अगले दिन शाम को मनीष के साथ मैं स्टेनली के होटल गई। मैंने जाते वक्त मनीष से तो कुछ नही कहा लेकिन वहां जाते हुए मुझे थोडा घबराहट हो रही थी। मुझे डर लग रहा था कि कही 2 गोरे मुझ पर भारी न पड जाये क्योंकि इससे पहले मेरा किसी भी विदेशी मर्द के साथ सिर्फ वाइफ स्वैप में ही सेक्स हुआ था। घर से निकलते समय मनीष मेरी घबराहट शायद समझ गए थे उन्होंने मुझसे कहा, मै फिकर न करूं, एक ही कमरे में समहुिक चुदाई होगी और बाकी वह संभाल लेंगे। उसकी बात सुनकर मै थोडा आश्वस्त हुई। मैने होटल जाने के लिए एक कैसुअल सी जीन्स और टी शर्ट पहन ली थी, जिसमे मेरी बड़ी बड़ी चूचिया अपना डील डौल, खुल के महसूस करा रही थी।

हम लोग होटल पहुँचे तो वहाँ लॉबी में वो दो गोरे स्टेनली और डैरेन, जिनसे पब में मुलाकात हुयी थी हमारा इंतज़ार कर रहे थे। मुझे देख कर उनकी आंखू में चमक आगयी थी। उन्हें पता था कि मै आगयी हूँ और थोड़ी देर में उनको मेरा नंगा बदन देखने और चोदने को मिलेगा। हम लोगो न वहां थोड़ी देर बात की फिर उनके कमरे कि तरफ बढ गए। यार प्रशांत सच कह रही हूँ, पता नही क्यों मुझे इस बार ऐसा लग रहा था की जैसे मैं कोई हाई क्लास प्रोफेशनल एस्कॉर्ट हूँ जो अपने क्लाइंट से चुदने जा रही है। मुझे लगता है की डैरेन के होने के कारण मुझे यह गन्दा ख्याल आया था।

हम लोग उनके कमरे में जैसे ही घूसे वहाँ स्टेनली की खूबसूरत पत्नी टेरी एक और गोरे आदमी के साथ बैठी हुई थी। मुझे उस तीसरे गोरे को देख कर झटका लग गया और मैं दरवाजे पर ही ठिठक गई। मेरा ऐसा रिएक्शन देख कर, स्टेनली मेरी परेशानी समझ गया और बोला की वह एक मेहमान, केरी है जो थोड़ी देर में चला जायेगा। उसकी बात से मुझे कुछ इत्मीनान हुआ और हम सब सोफे पर बैठ गए। मेरे साथ वो दोनों गोरे स्टेनली और डैरेन थे और मनीष उस गोरी टेरी के साथ बैठ गए। उन लोगो ने ड्रिंक्स और स्नैक्स आर्डर किये और हम लोग ड्रिंक्स के साथ उनके भारत भृमण और यहाँ घूमने जाने वाली जगहों पर चर्चा होने लगी। वो महिला टेरी, यहाँ के क्लाइमेट, शोर और ताजमहल के बातो में लगी थी और वो गोरे, बातो से ज्यादा मुझे ही घूरने में लगे हुए थे। मैंने स्नैक्स के साथ वोदका ली और दो पैग लेने के बाद मुझे वोडका का सरूर होने लगा था। बात करते करते स्टेनली ने अपने हाथ मेरे कंधे पर रक्ख दिए और अपने और टेरी के स्विनगिंग के अनुभवों के बारे में बताने लगा जिससे मन में वासना के शोले भड़कने लगे और जी करने लगा कि इस माहौल के मुताबिक मस्ती की जाये।

जब डैरेन ने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख कर सहलाया तो मेरी निगाह बगल वाले सोफे पर बैठे मनीष पर गई। वो तो मूड में अब तक आ चुके थे, मैंने देखा मनीष और टेरी दोनों होंठ पर होंठ भिड़ाये चुम रहे है और साथ मे मनीष टेरी की चूचियों को उसकी टी शर्ट के ऊपर से ही पकड़ के दबा रहे है। टेरी भी अपने हाथ से मनीष की जीन्स के ऊपर उसके लौंडे को तौल रही थी। मनीष को शुरू होता देख कर दोनों गोरो स्टेनली और डैरेन भी चालू हो गए, दोनों ने मेरी एक एक चूंची को पकड़ लिया और उसको मसाज देने लगे। एक ने तो साथ साथ मेरी चूंची को चूमना भी शुरू कर दिया था। मुझे दो अलग अलग हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चुंचियों को मिसवा कर मस्ती चढ़ रही थी। दोनों मेरी चुंचियों को दबाने के साथ वे मेरे बड़े बड़े निपल्स को भी पकड़ के रगड़ने लगे थे। तभी किसी ने मेरे टी शर्ट ऊपर खीच दी और उसे मेरे बदन से अलग कर वही फेंक दिया। जैसे ही मेरी टीशर्ट उतरी, उसी के साथ, धम से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ, जो अभी तक ब्रा में ही बंद थी, सामने आगयी। उन्हें देख कर दोनों गोरे पागल ही हो गये और मुझे बिच,सल्ट और न जाने किन किन शब्दो से पुकारने लगे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी खोल दी और मेरी चुंचिया नंगी उनके सामने लटकने लगी। मै पूरी तरह से टॉप लेस होगयी थी। उन दोनों ने भी अपनी टी शर्ट और बरमूडा उतार दिया और मुझे कस के पकड़ लिया और मेरी चूंचियां चूसने लगे। मुझे अपनी चूचियाँ चुसवाने और मसलवाने में बड़ा मज़ा आरहा था। दोनों ही उतावले जरूर हो रहे थे लेकिन मेरे निप्पल्स से छेड़ छाड़ करने में उस्ताद थे।



दोनों मेरी चुंचियों पर जरूर लगे हुए थे लेकिन उसी के साथ, स्टेनली डैरेन ने मेरी पीठ और पेट को कोई ऐसा हिस्सा नही छोड़ा जो उन्होंने चबाया और चूमा न हो। उन्होने फिर, मेरे बदन से खेलते हुए मेरी जीन्स भी उतार दी और अब मै सिर्फ एक रेड पैंटी में उनके सामने थी। स्टेनली मेरे पीछे आ गया और वो मेरे भारी चूतड़ों को चूमने लगा। वही डैरेन ने अपना अंडरवियर उतार दिया और उसका तना हुआ लंड मेरी आँखों के सामने हवा में झूल गया। डैरेन का लन्ड करीब 71/2 इंच का था और बहुत मोटा था। मेरे पति का लन्ड इतना मोटा नहीं है, यहाँ तक की अभी तक मैंने किसी का भी इतना मोटा लंड आज तक मै कभी नहीं देखा था। वो दोनों सोफे पर बैठ गए और मुझे इशारो में उनका लन्ड चूसने का कहा। मै उनके सामने अपने घुटने के बल झुक कर बैठ गयी और डैरेन के मोटे लंड को चूसना शुरू किया। मै उसके लंड को आधा ही अपने मुँह में ले पारही थी। वो मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे कुतिया कि तरह पुचकार रहा था। दूसरे गोरे स्टेनली के लन्ड को मैंने अपने हाथ में ले लिया और उसके लंड को मुट्ठ देने लगी। पहले गोरा डैरेन अपना लन्ड, पूरा की पूरा ही मेरे मुँह में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन उसकी इसकी इस कोशिश से, उसका लंड मेरे हलक को ही चोक करने लगा। वो जिस बेरहमी से अपने मोटे लंड से मेरे मुंह को चोद रहा था उससे मेरा थूक बराबर मेरे मुँह से बाहर निकलने लगा था। मैंने सांस लेने कि गरज से अपना मुँह डैरेन के लंड से हटाया और स्टेनली के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। इस तरह मै बारी बारी से दोनों लंडो को चूसने लगी और दोनों गोरे आँख बंद किये हुए जन्नत का मजा लेने लगे।

थोड़ी देर बाद मुझे, सोफे के किनारे पर लिटा दिया गया और मेरी पैंटी उतार दी गई। फिर डैरेन ने मेरी भारी जांघो को फैला दिया जिससे अब मेरी मोटी फुली चिकनी बिना बालों वाली चूत, उन दोनों गोरो के सामने खुली पड़ी थी। दोनो गोरे मेरी चूत को जब घूर रहे थे तो मैंने इधर उधर नज़र दौड़ाई लेकिन मुझे मनीष कही नज़र नहीं आये। वो मुझे यहां रगड़ता देख कर, उस गोरी टेरी को लेकर बगल के कमरे में चले गए थे। मुझे अब वोडका के नशे के साथ, वासना का नशा भी चढ़ रहा था और मुझे चोदन चुदान के सिवाय कुछ समझ में नही आरहा था। तभी स्टेनली ने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और वो उसे चूसने लगा। वो साथ में वो मेरी चूत में ऊँगली भी डाल कर अंदर तक हिला रहा था। डैरेन मेरे बगल में आकर खड़ा हो गया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में फिर से डाल कर उसको चोदने लगा। उसका लंड इतना कड़ा था कि मेरे दांत उसके लंड को रगड़ रहे थे। वो मुझ से बराबर और अपना मुँह खोलने के लिए कहता और मै उसी हालत में अपना मुँह उस बडे लंड से चुदवाती रही। नीचे मेरी चूत जीभ से चुद रही थी और ऊपर मेरा मुँह। स्टेनली ने इतनी बढ़िया तरीके से मेरी चुत को चूसा और अपनी जीभ से चोदा की मैं गर्मा गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। स्टेनली ने मेरे पानी फेंकने के बाद भी मेरी चूत से अपना मुंह नही हटाया, वह उसे चाटे जारहा था। एक तरफ तो मेरा पानी निकल चुका था लेकिन दूसरी तरफ डैरेन मेरे मुंह को चोदे ही जारहा था। उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था, वह झड़ ही नहीं रहा था। मेरा ऐसा स्टैमिना वाले मर्द से पाला पहली बार पड़ा था। मेरी चूत को अच्छी तरह चाट के साफ करने के बाद, स्टेनली मेरी चूत को छोड़ कर मेरे पास आगया और अपना लंड मेरे मुंह के सामने रख दिया। मैंने डैरेन के लंड से, जिसको चूसते चूसते जबड़े हिल गये थे, अपना मुंह हटा लिया और स्टेनली के लंड मुंह मे लेकर चूसने लगी। अब डैरेन बिना समय गवाए, मेरे पैरों की तरफ बैठ गया और वो मेरी चूत को चाटने लगा।

करीब 10 मिनिट तक दोनो मेरे साथ यह करते रहे और फिर उन्होंने मुझको उल्टा लेटा कर कुतिया बना दिया। मेरी चूत तब तक गरम भट्टी बन चुकी थी। वो इतनी गीली हो गई थी कि लग रहा था कि ऐसे ही गीली होती रही तो मेरी चूत का पानी बाहर बह जाएगा। मैं अब चुदना चाहती थी और उन लन्डो को अपनी चूत में समेटना चाहती थी। डैरेन ने अपने मोटे लंड पर कंडोम चढ़ाया और पीछे से आकर मेरी चूत में, बिना किसी वार्निंग के उसे घुसेड़ दिया। उसने भले ही बड़े आहिस्ते से अपना मोटा लंड मेरी गीली चूत में उतारा था लेकिन उस मोटे लंड ने मेरी चूत को अंदर से फैल दिया था। उफ्फ! मेरी चूत के अंदर की मांसपेशियों ने डैरेन के मोटे लंड को मोजे की तरह जकड़ लिया था। एक बार अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतारने के बाद डैरेन धीरे धीरे धक्के लगाने लगा था, उसको अपने बड़े और मोटे लंड का पूरा एहसास था। वह 5/6 धक्के धीमे से मारता और फिर इतनी जोर से धक्का मारता की उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस जाता और मैं आगे खिसक जाती थी। हर 2/3 मिनट बाद वह लगातार बड़े बड़े धक्के मारता और मुझे ऐसा लगता था कि उसका सुपाड़ा मेरे बच्चेदानी को ही हिला देगा। सच कहूं तो उसका हर धक्का जहां मेरी चूत को दर्द दे रहा था वही वो मुझे छिनारो वाली मस्ती भी दे रहा था।

दूसरा गोरा स्टेनली, मेरे सामने पहले तो नंगा बैठा कर अपना लंड हिलाता रहा फिर थोड़ी देर बाद वह मेरे मुंह के सामने आया और अपने लंड से मेरे ओंठो और गालों पर रगड़ने लगा। मुझसे भी नही रहा गया और मै उसके लंड और पोते को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे कमर तक के लम्बे बाल, अब खुल चुके थे और उनको पीछे वाला गोरा डैरेन, घोड़ी की लगाम की तरह पकडे हुए था। मुझे बहुत ही सब कुछ मस्त लग रहा था और मै जम कर अपनी चुदाई का मजा ले रही थी।

मुंह से एक लंड को प्यार और दूसरे लंड से अपनी चूत को प्यार कराते हुए मैं इतनी मस्ती में सराबोर हो गई थी की मुझे इसका एहसास ही नही हुआ कोई अंजाने हाथ, मेरी चूंचियों को जोर से मसल रहे है। मैंने स्टेनली के लंड से ध्यान हटा कर बगल में देखा तो वह तीसरा वाला गोरा केरी, जो अब तक मेरी नज़र से ओझल था और जिसको मै कमरे से जाया हुआ मान चुकी थी, वह नंगा अपना लंड खड़ा किये मुस्करा रहा था। उसे नँगा अपना लंड सहलाते हुये देखने के बाद भी मै बिलकुल भी कुछ नही समझ पारही थी। मुझे एक तो वोदका का नशा था, दूसरा मस्त चुदाई का नशा और तीसरा, मैं किसी तीसरे लंड के लिए, मानसिक रूप से तैयार ही नहीं थी। मैं इसी उधेड़बुन में थी की डैरेन मुझे वहशी की तरह चोदने लगा और जोर जोर से धक्का मार कर वह मेरी चूत में झड़ने लगा। उसने इतनी कस के धक्के मारे थे कि मेरा संतुलन ही बिगड़ गया था। डैरेन ने झड़ते हुये भी कम से कम 10/15 धक्के और मारे और उसके बाद मेरी चूत से अपना लंड निकाल, वो बिस्तर के किनारे पर आकर बैठ गया। डैरेन की चुदाई तक मेरी चूत ने 2 बार पानी फेंका था। डैरेन के हटते ही स्टेनली ने मेरे मुंह से अपना लंड निकाल लिया और वो स्टेनली की जगह लेने मेरे पिछवाड़े की तरफ आगया। उसे भी डॉगी वाला ही आसन पसंद था। उसने भी मुझे कुतिया ही बनाये रक्खा और मुझे चोदने लगा। स्टेनली का लंड अच्छा था लेकिन डैरेन से कम मोटा था। उसके लंड से चुदने में मुझे कुछ राहत मिल रही थी। स्टेनली की चुदाई में वहशीपन नही था, वह बड़े प्यार से मुझे चोद रहा था। मुझे उससे से चुदवाने मै भी उतना ही मजा आ रहा था। डैरेन से स्टेनली इतना अलग ढंग से चोद रहा था कि 2 ओर्गासम होने के बाद भी मेरे अंदर फिर से लावा धधकने लगा। मैं आंख बंद करके स्टेनली से चुदने का मजा ले रही थी कि तभी तीसरा गोरा, केरी, मेरे सामने आगया और मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया।


मैंने बड़े अनमने मन से उसका लंड हाथ में लिया क्यों कि एक तो मै धक्के खा रही थी और दूसरे मै तीसरे को मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रही थी। जब उसका लंड मेरी हथेली में आया तो मुझे एहसास हुआ कि इसका लंड तो उन दोनों गोरो से भी बड़ा और मोटा था! वह बिलकुल ब्लू फ़िल्म में दिखने वाले पोर्न स्टार के लंड की तरह था। वह आदमी गंजा था और उसकी निगाहे और मुझे देखने का ढंग बड़ा ज़ालिम था। मुझे उस वक्त यह एहसास हुआ कि अब चुदाई ज्यादा भारी पड रही है। मै थक रही थी। जब दूसरे गोरे स्टेनली ने मुझे कस कस के चोदना शुरू किया तब मै समझ गयी कि वह झड़ने वाला है और मैं इस बार उसके साथ ही झड़ने की तैयारी करने लगी। स्टेनली जब मेरे अंदर झड़ा तब तक मै मानसिक रूप से तो थक चुकी थी लेकिन इससे पहले की वह अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालता, मेरी चूत ने एक बार फिर पानी फेंक दिया। उसके हटते ही मैंने उठना चाहा लेकिन तभी तीसरे गोरे केरी ने मेरी कमर को पकड़ लिया और बिना कंडोम के मेरी बिलबिलाई चूत में अपना मोटा मुसंड लंड डाल दिया।

अब मै अपने पति, मनीष को कोसने लगी और उस गंजे सांड को रोकने की कोशिश करने लगी। मै उससे स्टॉप स्टॉप कहती रही लेकिन उसको भी शराब चढ़ी हुयी थी या उसने कोई ड्रग्स ली हुई थी, उसने मेरी बात अनसुनी कर दी और वो मुझे बेदर्दी से जबर्दस्ती चोदने लगा। केरी ने मेरे इंकार और चुदाई में सहयोग न देने को देख कर, मुझे ज्यादा नही चोदा, वह जल्दी जल्दी धक्के मार कर १० मिनट में ही झड़ गया। लेकिन झड़ने से पहले उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया था। जैसे ही उसने अपना घोड़े ऐसा लंड मेरी बुरी तरह पनियाई चूत से निकाला, फच्च से आवाज़ हुई और उसने मेरे चूतड़ों के ऊपर ही अपना गर्म गाढ़ा वीर्य गिरा दिया। मेरा मन अब, मेरी इस जबर्दस्त चुदाई के बाद वहाँ से जाने का कर रहा था लेकिन उन्होंने एक और ड्रिंक लेने को कहा, जो ना ना करते हुये भी मैंने एक ग्लास वोदका का और ले लिया। मैं वही बिस्तर पर ही लेट गई और मनीष और टेरी का इंतज़ार करते हुए आराम करने लगी। मुझे लेटा देख वे तीनो मुझे मनाने लगे और कहने लगे यू अर ए अमेजिंग फ़क! ए ग्रेट सलट! प्लीज लेट्स फ़क मोर! वो तीनो ही बड़े कामातुर हो कर मुझे मना रहे थे।

मै तीनो का गिड़गिड़ाना देख रही थी और समझ नही आरहा था क्या करूँ या क्या कहूँ। मैं सोच रही थी कि मनीष आजाये तो ब्रेक मिल जाएगा लेकिन वह अब भी नदारद था। मैं फिर खुद ही, मनीष को अभी तक न आते देख, बगल के कमरे में गई, जहां वो टेरी के साथ गया था। वहां जब कमरे में गई तो दंग रह गई। वहां देखा टेरी और अमित के अलावा एक और औरत बिस्तर पर नँगी पड़ी है। टेरी उस औरत के ऊपर से लिपटी उसे चुम रही थी जो मुझे देखने मे इंडियन लग रही थी। बाद में पता चला कि वो गुडगांव में काम करने वाली बंगालन है को केरी की मित्र है। टेरी ने इस पर कोउ ध्यान नही दिया कि मैं भी कमरे में हूँ, वो अपनी चूत उस औरत की चूत पर रगड़ने लगी थी। यह देख कर मैं थोड़ा ठिठकी और फिर मैंने मनीष से चलने के लिए कहा तो वो बोला अभी टेरी और तारा (दूसरी औरत) लेस्बियन एक्ट में व्यस्त थे, एक राउंड वो तारा को भी चोद ले, फिर चलते है। मैं समझ गई कि आज तो मनीष की मौज ही मौज है, उसकी लेस्बियन और FMF की फैंटेसी पूरी हो रही थी।

मैंने टेरी, तारा की रगड़ती चूतों के बीच जब मनीष को अपनी जीभ घुसेड़ते देखा तो मेरे अंदर एक बार फिर मस्ती चढ़ने लगी और मैं वापस कैमरे में आकर वैसे ही नँगी बिस्तर पर गिर पड़ी। मुझे थोड़ा रिलैक्स देख कर डैरेन ने मुझे अपनी बाहों में लिया और मुझे चूमने लगा। उसकी इस हरकत से मैं भी रिस्पांड देने लगी और उसके लंड को सहलाने लगी थी। फिर डैरेन ने मुझे अपने ऊपर खीच लिया और अपने तब तक खड़े हो चुके लंड पर बैठा दिया। मै उसके ऊपर झूलने लगी। वो अपना मोटा लंड ऊपर उठाता और मैं उसके लंड पर उछल कूद करती। वो हर धक्के पर, राइड मी माई काऊ गर्ल, कहता। मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ इधर उधर झूल रहे थी , मेरे लम्बे बाल पूरी तरह बहके हुए थे और उस वक्त वहाँ का दृश्य बिलकुल मादक था। बाकि दोनों स्टेनली और केरी अगल बगल ही बैठे, अपने अपने लंड को हिला रहे थे। मेरी भरी हुई चुंचियो को डैरेन छेड़ रहा था तो स्टेनली और केरी मेरे मोटे मांसल चूतड़ों को मसल रहे थे। थोड़ी देर बाद उन दोनों ने मेरे हाथों में अपना अपना लंड पकड़ा दिया। मैं जहां डैरेन के लंड को अपनी चूत से चोद रही थी वही स्टेनली और केरी के लँडों को सहला भी रही थी। तभी तीसरे गोरे, केरी ने मेरी गांड में ऊँगली डाल दी तो मैं चिहुंक पड़ी। मैंने नाराजगी से केरी की तरफ देखा और यह करने को मना कर दिया। इस पर बिल मेरी बात मान गया। मै तब तक डैरेन के लंड पर कूदते हुए थक गयी थी , मेरी हालत देख कर डैरेन मेरे नीचे से हट गया और उसकी जगह स्टेनली लेट गया। उसने मुझे चूमते हुए, अपने लंड पर चढ़ा दिया। इधर मैं स्टेनली के लंड से चुद रही थी उधर डैरेन कमरा छोड़ कर टेरी, अमित और तारा के कमरे चला गया था मैं समझ गई थी की डैरेन इस बार मेरी चूत में नही झड़ा है, वह टेरी और तारा को चोदने गया है।

अब यह चुदाई मेरी सीमा से बाहर की हो चुकी थी, मेरी चूत 7 बार पानी फेंक कर कराह रही थी और मेरे निपल्स सूज गए थे। मैं अपने शरीर पर पड़े दागों का हिसाब ले रही थी कि थोड़ी देर बाद स्टेनली नीचे से मुझे चोदते हुये झड़ गया। वह हांफ रहा था और में उसके ऊपर ही लेट गई। मैं उसके सीने पर सर रख, आराम कर, बस आज रात की चुदाई की कहानी को ख़तम करना चाहती थी। मैं यह सोंचते हुए स्टेनली के सीने पर ही ऊंघने लगी थी। तभी होश आया जब केरी ने अपने प्री कम से लसलसाये हथेली को मेरे चेहरे पर मसल दी और मेरे मुँह को दबा कर खोल, उसमे अपना मुस्टंडा लंड डाल दिया। वो मेरे मुँह को ही चोदने लगा। उसका इतना मोटा और लंबा लंड था कि उसका लंड, मुँह में समाना किसी औरत के बस की बात ही नही थी। वो हवस में अपना पूरा लंड मेरे गले तक देना चाहता था। मेरा गला बिलकुल चोक कर रहा था और थूक मेरे मुँह से पानी कि तरह बाहर आरहा था। वो कसके मेरा सर पकड़ के मेरा मुँह चोद रहा था और मै केवल चुद रही थी। उसके जब झड़ने का समय आया तो उसने मेरे मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया और मै कुछ भी नहीं कर सकी। वह दोबारा झड़ा था और तब भी उसके वीर्य से मेरा मुंह भर गया। उसने जब मेरे थूक और उसके ही वीर्य से लिपटा हुआ लंड मेरे मुंह से निकाला तो उसने उस, अभी भी झटका मारते हुए लंड को मेरे चेहरे पर सान डित। मुझे लगा जैसे मै इन तीनो गोरो की पर्सनल रांड बन चुकी हूँ।





इसके बाद मिशनरी पोजीशन में मेरी चूत को इन तीनो ने बारी बारी चोदा। कौन झड़ा कौन नही मुझे अब याद नही। यह तो मुझे बाद में पता चला कि बीच बीच मे मनीष मेरी चुदाई देखने चले आते थे और वे तीन गोरे भी बीच मे टेरी और तारा के कमरे चले जाते थे। मै अब बिलकुल शिथल और कुछ सोचने की स्थिति में नहीं थी। जब तीनो ने अपनी गांड और उसके छेद को मुझसे चाटने को कहा, तो मैं चौंक पड़ी क्योंकि इसमें मुझे बड़ा मजा आता था और यह मेरे पति मनीष ने मुझे सिखाया था। मैंने थकी होने के बाद भी मैंने इन तीनो गोरों की गांड़ चाटने और चबाने से परहेज़ नही किया। मैं जब यह कर रही थी तब टेरी और तारा भी इसी कमरे में आगये और मेरी चूत और चूतड़ों को चुसने और चाटने लगी थी। मैं तब तक दूसरी दुनिया में जा चुकी थी। इस भरपूर चुदाई और अब टेरी और तारा की जीभ मेंरी चूत में कहर ढा रहा था। तभी जब मनीष अपना खड़ा लंड लेकर आये तो मैंने चुदाई से मना कर दिया। मैं सोफे पर ही फैल गई। यह सब करते हुए सुबह के 4 बजने को आरहे थे। तब तक तीनो आखरी बार झड़ चुके थे, कुछ ने तो मेरे चेहरे पर अपना वीर्य निकाला था। इस सब के बाद मेरा बदन, मेरा मन थक चूका था उनका झड़ा हुआ पानी मेरे ऊपर लगा था और मेरे बाल उस से सने हुए थे। मुझ मे चलने की भी हिम्मत नही थी और यहां तक कि मैं अपने कपडे पहनने की कोशिश भी नहीं कर पा रही थी। वो तीनो गोरे अपना झड़ा मुरझाया लंड लिए मुझे थैंक्स कह रहे थे, हंस रहे थे। मैंने उन सबको अनसुना किया और चादर को अपने ऊपर डाल कर सो गई।

उन तीनो गोरो के साथ जो चुदी, वह मै आज तक भूल पाई हूँ। मैंने सोंचा था कि अब मैं कभी भी तीन तीन मुस्टंडे लन्डो के साथ सामूहिक चुदाई नहीं करूंगी लेकिन एक साल बाद भी मेरा फिर मन करने लगा है। अमित अभी भी श्योर नही है कि मैं वह रात फिर दोहराना चाहूंगी लेकिन प्रशांत क्या बताऊँ यार, हसरत है की वे तीनो फिर दिल्ली आये और मेरी चूत का भूकन्दर बना कर, एक बार फिर मुझे अपनी रंडी बना ले।
 
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