मनुष्य का आत्म सम्मान ही उसके लिए दुनिया मे सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल होता है।
अगर कोई व्यक्ति आपके आत्म सम्मान के उपर चोट करता है तो सबसे बेहतर और आसान उपाय यही है कि आप उस इंसान के साथ अपना रिश्ता तोड़ ले। लेकिन यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि सामने वाला व्यक्ति कौन है ! वो घर-परिवार का है , कोई रिश्तेदार है , या आप जहां काम करते है , या कोई अजनबी व्यक्ति है ।
विक्रम के आत्म सम्मान पर विश्वा ने गहरी चोट पहुंचाई थी । उसका क्रोधित होना , जिल्लत महसूस करना कहीं से भी गलत नही था । कुदरत ने एक ऐसा मौका उसे उपलब्ध कराया कि सांप भी मर गया और लाठी भी न टूटी। उसका मंशा भी पुरा हुआ और विश्व के साथ किसी तरह की दुश्मनी भी न पनप पाई।
लेकिन इस क्षेत्रपाल फैमिली मे क्या ही अजब - गजब की सिचुएशन जब - तब बन रही है । चाचा जी , तापस और उनकी पत्नी को किडनैप करवा रहे है और भतीजा उन्हे किडनैपर के चंगुल से छुड़ा ले जा रहे है।
पिनाक साहब जरूर भैरव सिंह के कलयुगी कुम्भकर्ण भ्राता है।
वीर और अनु का प्रसंग रोमांटिक और इमोशनल था। वीर को अब समझ आ गया होगा कि ये इश्क नही आसां , इक आग का दरिया है और डूबकर जाना है।
बहुत खुबसूरत अपडेट
Kala naag भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट।