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Incest शक का अंजाम

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aamirhydkhan

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शक का अंजाम - by pratima kavi

यह कहानी हैं एक लड़के प्रशांत की। आप उसी के नज़रिये से यह कहानी पढिये।
दोस्तो ये कहानी मैंने अन्यत्र पढ़ी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ असली लेखक के बारे में पता नहीं चला .. किसी को पता हो तो जरूर कमेंट कीजियेगा ..

परिचय
प्रशांत २३ साल का नौजवांन माँ बाप का इक्लौता लड़का और गर्ल फ्रेंड बनाने के चक्कर में कभी नहीं पड़ा क्योंकि बहुत शर्मीला है । कॉलेज ख़त्म होते ही पास के बड़े शहर में जॉब लग गयी और माँ बाप का घर छोड़ कर नए शहर में रहने लगा।

नीरू- प्रशांत की पत्नी खूबसूरत फिगर एकदम पेरफ़ेक्ट। चुलबुली, बब्बली सी लड़की अपनी शरारत और नटखटपन नहीं भूली थी

ऋतु नीरू की बड़ी दीदी है। ऋतु दीदी निरु से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी।

नीरज ऋतु दीदी के पति है।


INDEX




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PART III
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aamirhydkhan

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संसार में केवल 2 ही प्रकृतिक अवश्यकताएँ समस्त चेतन जीव-जंतुओं को पूरी करनी होती हैं
1- भोग : अपने साकार रूप की रक्षा के लिए, उसको ऊर्जा देने के लिए भोग अर्थात भोजन आवश्यक है.... अन्यथा उसका स्वरूप ही समाप्त हो जाएगा.... जिसे हम मृत्यु कहते हैं
2- संभोग : अपने गुण-कर्म की विशेषताओं-विशिष्टताओं (genetics) को आपके संसार छोड़ देने के बाद भी जीवित रखने के लिए ...... संभोग की प्रक्रिया द्वारा प्रजनन किया जाता है।

जबकि वर्तमान युग उपभोग का युग बनता जा रहा है ...........यहाँ पदार्थ से सेवा तक, भावनाओं से सम्बन्धों तक सबका उपभोग किया जा रहा है...........
उपभोग (consumption) एक नकारात्मक और अप्राकृतिक प्रवृत्ति है.... जो साधनों, संसाधनों ही नहीं सम्पूर्ण प्रकृति का ही भक्षण किए जा रही है

आज हर व्यक्ति उपभोग के मद (नशे) में इतना डूब गया है की उसके पास भोग और संभोग का भी "आनंद" लेने का समय नहीं..........बल्कि
वो अपने समय और सुविधा के अनुसार उनका "प्रयोग" कर लेता है............

By kamdev99008 saheb
waise kammo dahling is story ke kirdaaro leke kya mat hai aapka :D

आज हर व्यक्ति उपभोग के मद (नशे) में इतना डूब गया है की उसके पास भोग और संभोग का भी "आनंद" लेने का समय नहीं..........बल्कि
वो अपने समय और सुविधा के अनुसार उनका "प्रयोग" कर लेता है............

आपने ठीक कहा है .. शायद आपने सुना हो आजकल .. DINK- ( डबल इनकम नो किड्स) कपल बहुत सारे हैं जिन्हे आपस में मिलने का भी समय नहीं है और कई पति पत्नी - पति पत्नी तो साथ रहते हुए भी सिर्फ छुट्टी वाले दिन ही मिल पाते है .. क्योंकि एक दिन की शिफ्ट में काम करता है और एक रात की शिफ्ट में -- बचता है शनिवार इतवार -

हाँ लॉक डाउन में परिस्तिथिया बदली है .. औरनतिजा देखलो बहुत बड़ी मशहूर हस्तियों की लॉक डाउन -१ में की गयी मेहनत के नतीजे सामने आ रहे हैं ..

कहानी का आनंद लीजिये
 

aalu

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mera bas ek sawal hain... sabhi se aur lekhak se... prashant ko shuruati recording mein hi pata chal gaya hoga kee neeru aur neeraj sex kar rahe hain.... toh wo kiss baat ka wait kar raha hain kee neeraj jab tak jharega nahin tab tak recording sunna chhorega nahin... matlab kaun itna detail mein sunna chahta hain uss cheej ko jisse usse takleef ho rahi ho.... yehan pe toh neeraj usse majboor thori na kar raha hain prashant tu sunega agar nahin suna toh teri bewi ko chod doonga... are wo toh pehle se hi chod raha hain..... yeh sun toh apne free will se raha hain... toh wo jab chahe band kar shaktah hain sunna...ya phir call disconnect kar shakta hai.... phir wo itna mental torture kyun sah raha hain... usse toh ab maan lena chahiye aur aage badh jana chahiye kee neeru se uska rishta ab khatm ho gaya hamesha ke liye....

kya sirf mujhe hi lag raha hain kee yeh phone call jaroorat se jyada hi lamba kheencha jaa raha hain.... aur abhi tak har baar wo neeraj se hi kyun baat kar raha hain yaar ek logical jawab toh de do... wo ritu ya koi tarike se neeru se contact kyun nahin kar raha hain.... once and for all dono ke beech ka sex recording bhi suna shakta hain usse... ab toh khud neeraj ke dwara bheja hua recording uske pass hain...
 
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Raj_Singh

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शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 44

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 44. ( New-8) -

प्रशांत नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : "वाह निरु (काजल) , आज तो बड़ी कमाल की लग रही हो"

नीरज ने नीरू की तारीफ करनी शुरू की

नीरु: "आपके लिए ही तैयार हुयी हूँ जीजा जी ..."

नीरज : मैंने उसको लिटाया, और मैंने भी उसके साथ लेट गया गया, लगा सहलाने . और उसका पल्लू खींचने लगा

नीरू: जीजा जी आराम से इतनी जल्दी क्या है,

नीरज: क्यों नहीं जल्दी है मैं तो इस दिन का इंतज़ार तो मैं तब से कर रहा हूँ जब से तुम जवान हुई हो
और तुम कहती हो की क्या जल्दी है. निरु आज भी और तुम बचपन में भी जब मुझसे गले लगती हो तो सच में मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं भी चाहता हूँ की तुम मुझसे बार बार चिपको । वो तो मुझे तुम्हारे साथ कभी कुछ करने का मौका नहीं मिला वार्ना अब तक तो मैं तुम्हे कितनी बार चोद चुका होता""

उस दिन पहली बार निरु तुम्हे अन्दर के कपड़ो में देखकर मैं पागल हो गया था। उसी दिन सोच लिया था की एक बार तुम्हे जरूर चोदना है। मैं तो तैयार था, पर बेडरूम के खुले दरवाजे के बाहर दूर से मुझे ऋतू किचन के दरवाजे पर खड़ी दिख गयी थी। वो हमें ही देख रही थी। अगर उस दिन घर में ऋतू नहीं होती तो मेरे दिल के अरमान उसी दिन पुरे हो जाते.

उस दिन गुस्से गुस्से में निरु तुमने मेरे कपडे खोल कर मेरा लंड पकड़ा था। तुम्हे बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था। और फिर तुम्हारी चुदाई मे मेरी मदद खुद प्रशांत ने ही कर दी .. और अब आगे से जीजा जी नहीं नीरज बोला करो

ये बात सुन कर प्रशांत को कुछ भी अजीब नहीं लगा क्योंकि ये बात तो वो नीरज के मुँह से खुद ही सुन चूका था और अब नीरज ने ये बात खुद हो बाते करते हुए बता रहा था ..

नीरू : जीजाजी मैं आपको नाम से नहीं बुला पाऊँगी किसी के भी सामने ..अब इतने साल की आदत जो है मुझे और दीदी के सामने तो बिलकुल भी नहीं

नीरज : अच्छा ऋतू के सामने मत बोलना पर अकेले में तो नाम लो

नीरू : अच्छा नीरज जी .. और .. ये ...............

कुछ देर रिकॉर्डिंग में शान्ति हो गयी .. .. वो इतना दुखी था की इस और उसका ज्यादा ध्यान नहीं गया ...

नीरू : अच्छा जीजा जी जो मर्जी कर लो, मैं तो तुम्हारी हु,

नीरज : फिर जीजा जी

नीरू : अब भी अच्छा नीरज जी

नीरज : नहीं सिर्फ नीरज बोलो

नीरू : नीरज

फिर ऑडियो में किसिंग की आवाज आती है

और रिकॉर्डिंग खत्म हो जाती है

तभी प्रशांत सोचने लगता है बीच में रिकॉर्डिंग में घर्रर की आवाज क्यों आयी .. तभी उसका फ़ोन बज उठा और फिर से नीरू के नम्बर से फ़ोन था ..

उधर नीरज था


नीरज .. प्रशांत रिकॉर्डिंग सुनी


प्रशांत : नीरज जी ये भी तो अधूरी थी


नीरज ;; हाँ मैं तुम्हे छोटे छोटे हिस्सों में भेज रहा हूँ . मैं कोई प्रोफेशनल तो हूँ नहीं .. छुपे हुए रिकॉर्डर से रिकॉर्ड की है ..

कुछ खराबी आ गयी है रिकॉर्डिंग में इस लिए अब सुन ले आगे क्या हुआ

नीरज : मैंने नीरू से कहाः मेरी जान अब मुझे कौन रोकेगा, मैंने उसे अपने बाहों में भर गले लगा लिया थोड़ी देर तक मैं उसे अपनी बांहों में भरकर उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाता रहा. वो भी मेरी पीठ की सहलाती रही. फिर मैंने उसके चेहरे को अपने हाथ से ऊपर उठाया.

नीरज: यार प्रशांत कसम से … उसके लाल लाल होंठों को देखकर मैं अपने होश खोने लगा और इच्छा तो ऐसी हुई कि अभी ही उसके सुर्ख और जबरदस्त सेक्सी होंठों को खा ही जाऊ बस किसी तरह से ,मैंने अपने ऊपर काबू किया और मैं धीरे से अपने होंठों को उसके तपते होंठों के पास लाया और उसके होंठों से हल्का सा छुआ और मैं आराम से उसके नरम गुलाब से सुर्ख होंठों को आराम से चूस रहा था. नीरू ने भी अब अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था. धीरे धीरे अब नीरू के होंठ भी खुलने लगे और हम दोनों एक दूसरे से और ज्यादा चिपक गए .

दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. मैंने अपनी जीभ नीरू के मुँह में डाल दी, उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे जोर से अपनी बांहों में भींचा

अब तो कभी मैं उसकी जीभ को अपने होंठों से चूसता … तो कभी वो मेरी जुबान का स्वाद लेती.

हम दोनों ही आंखें बंद करके एक दूसरे के होंठों को खा सा रहे थे और जोर जोर से चूस रहे थे. पसीने से शरीर गीले होने लगे थे. फिर हम डीप किसिंग करने लगे और लगभग १५ मिनट किश करते रहे ..इस तरह हमारे होंठ मिलते ही नीरू के बदन में चुदाई की प्यास जाग उठी

नीरू के होंठो को अपने होंठो में काबू करते हुए और किस तोड़ कर उसके माथे . आँखों गालो की किश करता और चाटता हुआ उसकी गर्दन और कंधो पर किश करने लगा

मैंने नीरू की चोली की ऊपरी डोरी खोल दी उसके कंधे और उसकी पीठ मेरी छुअन से कम्पन करने लगी और पीछे से पीठ का हिस्सा, जो खुला हुआ था, उसकी थिरकन को मैं आराम से महसूस करने लगा . मैंने उसे थोड़ा सा घुमाया और अपने होंठों को उसकी नंगी पीठ पर चिपका दिया और उसके कंधों को पकड़ लिया नीरू का शरीर बल खाकर मचलने लगा और मैं उसकी चिकनी और गोरी पीठ पर जोर जोर से अपने होंठ रगड़ने लगा. उसके तपते और गर्म होंठों से मादक सिसकारियां निकलने लगी.

फिर मैंने उसकी चोली की नीचे की डोरी भी खींच दी उसके बाद मैंने धीरे से उसको अपनी तरफ खींच कर अपने सीने से चिपका लिया. नीरू मेरी बांहों में सिमट गई. उसकी मांसल छातियां मेरे सीने से चिपक गयी थीं. इससे मुझे कामुक और नर्म स्तनों का अहसास हो रहा था. मैंने जोर से उसको अपनी बांहों में भींच लिया था, जिससे उसके बोबे पिचक कर मेरे सीने से पिसने लगे थे.

इधर मेरा लंड पायजामे में अंगड़ाईयाँ ले कर तन गया था .

जिस तरह शादी के कुछ टाइम बाद तुम्हे भी नीरू के बदन के संवेदनशील हिस्सों का पता लग जाता है बिलकुल उसी तरह नीरू ( काजल) के साथ कई बार सेक्स करने के बाद मुझे भी इसका पूरा अंदाज़ा हो चुका था. कि नीरू के शरीर के वो कौन से हिस्से हैं जिन को छेड़ने पर उस का बदन गरम होने लगता है. उसके ओंठो को अपने ओंठो में कैद करते हुए मैं अपना हाथ नीरू के स्तनों पर फेरता हुआ उसके लहंगे के ऊपर से उस की फूली हुई गरम चूत पर ले गया .

मेरा हाथ को अपनी चुत के ऊपर महसूस करते ही नीरू सिसकी “ अहह”

जब मेरे हाथ नीरू की चूत को छेड़ने लगे तो नीरू ने भी मेरे पायजामे में मचलते लंड को अपने हाथ में लिया और उस को प्यार से सहलाने लगी.

मेरा दूसरा हाथ उसके स्तनों पर चला गया और मैंने उन्हें पहले प्यार से सहलाया और फिर थोड़ा दबाया तो वो कराहने लगी .. उसकी चोली पर उसका दूध लगा था मैंने उसकी चोली को उस के जिस्म से अलग कर दिया. मैं निरु की छाती को घूरने लगा जो दूध से गीली थी। मांसल और कामुक चूचियां उसकी चलती हुई तेज सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थीं. उसका दिल बहुत ही तेज गति के साथ धड़क रहा था. वो सच में काफी भर गए थे और ज्यादा गोल मटोल हो चुके थे। पतली कमर के ऊपर इतने भारी मम्मे बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।

नीरू की बड़ी बड़ी दूध से भरी गोल गोल चूचियां देखते ही मैं पगला गया और मैं झपट पड़ा, ओह्ह्ह क्या बताऊँ प्रशांत मजा आ गया था, निरु के निप्पल जो एक किसमिस की तरह थे अब फूल कर अंगूर बन गए थे. मैं निप्पल को ऊँगली से दबाना शुरू कर दिया, वो अंगड़ाई ले रही थी, नीरू के बूब्स अब और भारी हो गए हैं, मैं उनको देख उन्हें दबाने और चुसने के लिए तड़प उठा. मैं टूट पड़ा था उसके बूब्स पे. मैं तुरन्त उसके पास गया और बिना देर किये झुक कर उसके निप्पल को चुसने लगा। पहली बार में ही उसके निप्पल से गुनगुना दूध निकल कर मेरे मुँह में आ गया। मैंने गटक लिया। फिर मैं उसके मुम्मो को चुसता ही रहा और दोनों हाथों से दबाते रहा। इस बीच निरु सिसकिया मार रही थी, शायद उसको दर्द हो रहा था। मैं अब पीछे हटा तो उसके बूब्स थोड़े गीले हो चुके थे। निरु के निप्पल गीले थे।

मेरा मुँह उसके दूध से भर गया और जो मैंने मुँह में भर कर उसके ओंठो पर मुँह लगा कर उसे उसका दूध पिलाया जो बहुत मीठा था ..

नीरू आगे को झुक गयी निरु के मम्मे झुकने पर भी अपनी गोल शेप कायम रखते हैं और प्रशानत तुम्हे तो ये अच्छे से ध्यान होगा की नीरू के स्तन कितने शानंदार है जबकि ऋतू के मम्मे लटकने के बाद गोल की बजाय तोतापुरी आम जैसे लंबे हो गए

और फिर एक एक कर के अपने और नीरू के कपड़े उतारने लगा. और मैंने धीरे धीरे उसके सारे गहने भी उतार दिए और जो भी गहन उतारता वहां किस कर देता .. मा बनने के बाद उसका शरीर भी अब और गुदगुदेदार हो गया था.. उसके मम्मे बढ़ गए थे। हालाँकि उसको देखने पर कोई फ़र्क़ महसूस नहीं होता, अभी भी वो वैसे ही पतली कमर वाली फिट लड़की थी। नीरु की चिकनी गोरी गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड पर हाथ फेर सहलाने लगा। मैंने अपनी ऊँगली निरु की गांड की दरार में फिरा दी और मै अपनी ऊँगली और नीचे ले गया और मेरी ऊँगली निरु की चूत के छेद के ऊपर के बालो को लगी और थोड़ा गीला हो गयी।

अच्छा प्रशांत अब आगे रिकॉर्डिंग भेज रहा हूँ..


प्रशांत एक बार फिर नीरज द्वारा भेजी गयी रिकॉर्डिंग को फिर सुनता है जिसमे असल में काजल नीरू का रोल प्ले कर रही है -

नीरज : नीरू आज मैं तुम्हे बिना प्रोटेक्शन के पूरा चोदूंगा और तुम्हे पूरा मजा दूंगा और तुम भी मुझे पूरा मजा दो और ताकि तुम जल्दी से प्रेग्नेंट हो कर मेरे बच्चे की माँ बन जाओ और "हां यार, बिना प्रोटेक्शन के बिना डरे हुए पूरा चोदने में कितना मजा आता हैं, क्या बताऊ!"

अब ऋतू को तो मैं हमेशा बिना प्रोटेक्शन के ही चोदता हूँ .. मुझे ये प्रोटेक्शन लगाना या फिर ऍन मौके पर लंड चूत से बाहर निकालना बिलकुल अच्छा नहीं लगता , आज तो तुम्हे अपनी चूत में ही मेरा सारा जूस मिलेंगा। "

नीरु: "जीजा जी चलो न, आज की चुदाई को स्पेशल बनाओ । आपने कहा था की जिस दिन हमारा पहला मिलान होगा उस दिन २४ घन्टे में मेरी स्पेशल चुदाई होगी अब पाना वादा निभाऔ और मेरी स्पेशल चुदाई करो ताकि ये चुदाई मुझे हमेशा याद रहे . "

जारी रहेगी

ये फोन रिकॉर्डिंग शायद निरु का बच्चा हो जाने के बाद फिर से नीरज और काजल की चुदाई की है,

जिसमे नीरज प्रशांत को ये यकीन दिलाना चाह रहा है कि अब निरु और नीरज के बीच चुदाई भी होने शुरू हो गयी है

तो अब निरु की जिंदगी मे प्रशांत की कोई खास अहमियत नही है।

आगे देखते है कि अब प्रशांत क्या करता है, क्योंकि अब उसे पूरा यकीन हो गया है कि निरु अपनी मर्जी से नीरज से चुद रही है,

तो अब तो निरु से मिलने या रिश्ता दुबारा बनाने के बारे मे नही सोचेगा।
 
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sandhyaa

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संध्या जी आपने लिखा है कि हर करेक्टर एक दूसरी की चुदाई में लगा है। कहानी का स्तर पहले से नीचे गिरा है। मेरा सवाल ये ही पहले दो भाग में अपने पढ़ा होगा नीरू जब नीरज से रूठती है तो वो प्रशांत से साफ कहती है कि जब तक जीजाजी तुम्हें माफ नहीं करेंगे और मुझसे पहले की तरह बात नहीं करेंगे मैं तुम्हारे पास वापस नहीं आउंगी। प्रशांत से नीरज खुलेआम कहता है कि उसे नीरू को चोदना है और प्रशांत को इस काम में उसकी मदद करनी होगी। प्रशांत इसे लगभग स्वीकार भी कर लेता है। प्रशांत की परीक्षा के नाम पर बंद कमरे में चुदाई हो रही है इस तरह का ड्रामा नीरज और नीरू करते हैं। ऋतु प्रशांत को उसे चोदने पर मजबूर कर देती है। अब आप तीसरे भाग में देखें। प्रशांत ने नीरज से सिर्फ ये कहा है कि नीरू को छोड दे। ये नहीं कहा कि वो नीरू को अपनाना चाहता है। वो सिर्फ अपने बच्चे का फोटा मांग रहा है। दूसरा नीरज का चऱित्र जैसा पहले था वैसा ही है। वो प्रशांत को सिर्फ झूठी कहानियां सुना रहा है। नीरू के आंखें खुल गई है। दो बच्चों की मां बनने और अपने पति से दूर होने के बाद उसका लडकपन भी दूर हो गया है। ऐसा कोई सीन अभी तक नहीं बना जिसमें प्रशांत की आंखों के सामने नीरू और नीरज चुदाई का कोई सीन क्रिएट कर रहे हो। अभी जो हो रहा है वो प्रशांत सिर्फ कल्पना कर रहा है। जबकि पहले दो भाग में प्रशांत उसको अपनी आंखों से देख रहा था। ऐसे में ये कहना कि कहानी का स्तर गिरा है। आप खुद ही विश्लेषण करके देख लीजिए। पहले जहां मजाक हद के पार चला गया था या अब जहां नीरज की नीरू से मजाक क्या बोलने तक की हिम्मत नहीं पढ रही है।

ना तो आपने मेरे पोस्ट को समग्रता से पढ़ कर समझने की कोशिश की है और ना ही इस विषय पर मेरे और एक अन्य पाठक (Mr. Singh) के बीच हुए सवाल- जवाब को पढ़ने की तकलीफ़ ली है।

Mr. Singh को दिए उत्तर में सभी पात्र एक दूसरे से चुदाई करते रहतें हैं यह इस कहानी के लिए लिखा ही नहीं गया था इसका खुलासा कर दिया गया था। उस संबंधित paragraph में वेबसाइट की अन्य कहानियों में केवल यही होता है यह बता कर इस कहानी को वैसा नहीं बनाने की सलाह दी गई थी।

मैं अपने मंतव्य पर दृढ़ हूँ कि इस कहानी को जहाँ मूल लेखक ने खत्म की थी उसके आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है और जिस तरह से बढ़ाई जा रही है वह बिल्कुल गलत है। मूल लेखक ने भी कहानी को वास्तिविक जीवन में जो कुछ भी संभव हो सकता है उससे कहीं ज्यादा बताया था जो इस कहानी का कमजोर पक्ष था। अब उसी कमजोर पक्ष को पहले से भी ज्यादा हद से आगे ले जाया जा रहा है। किसी अन्य पाठक ने अपनी प्रतिक्रिया में बिल्कुल सही लिखा था कि यह प्रयाश बिल्कुल TV serials जैसा है जिनमे बेतुके मोड़ ला कर कहानी को येन-केन प्रकारेण आगे अंतहीन खींचा जाता है।

Anyways, I am disgusted with the direction and the manner in which this story is being taken forward. I no longer read this story as it is divorced from the reality and objectivity even more than before. I came back to reply to you only because I noticed the bell icon notification, otherwise I no longer have any interest in this.
 
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vickyrock

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ये फोन रिकॉर्डिंग शायद निरु का बच्चा हो जाने के बाद फिर से नीरज और काजल की चुदाई की है,

जिसमे नीरज प्रशांत को ये यकीन दिलाना चाह रहा है कि अब निरु और नीरज के बीच चुदाई भी होने शुरू हो गयी है

तो अब निरु की जिंदगी मे प्रशांत की कोई खास अहमियत नही है।

आगे देखते है कि अब प्रशांत क्या करता है, क्योंकि अब उसे पूरा यकीन हो गया है कि निरु अपनी मर्जी से नीरज से चुद रही है,

तो अब तो निरु से मिलने या रिश्ता दुबारा बनाने के बारे मे नही सोचेगा।
प्रशांत चुतिया ये रिकार्डिंग भी सबूत के तौर पे इस्तेमाल नहीं कर पायेगा
 

Ali is back

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Apan aalu bhai
mera bas ek sawal hain... sabhi se aur lekhak se... prashant ko shuruati recording mein hi pata chal gaya hoga kee neeru aur neeraj sex kar rahe hain.... toh wo kiss baat ka wait kar raha hain kee neeraj jab tak jharega nahin tab tak recording sunna chhorega nahin... matlab kaun itna detail mein sunna chahta hain uss cheej ko jisse usse takleef ho rahi ho.... yehan pe toh neeraj usse majboor thori na kar raha hain prashant tu sunega agar nahin suna toh teri bewi ko chod doonga... are wo toh pehle se hi chod raha hain..... yeh sun toh apne free will se raha hain... toh wo jab chahe band kar shaktah hain sunna...ya phir call disconnect kar shakta hai.... phir wo itna mental torture kyun sah raha hain... usse toh ab maan lena chahiye aur aage badh jana chahiye kee neeru se uska rishta ab khatm ho gaya hamesha ke liye....

kya sirf mujhe hi lag raha hain kee yeh phone call jaroorat se jyada hi lamba kheencha jaa raha hain.... aur abhi tak har baar wo neeraj se hi kyun baat kar raha hain yaar ek logical jawab toh de do... wo ritu ya koi tarike se neeru se contact kyun nahin kar raha hain.... once and for all dono ke beech ka sex recording bhi suna shakta hain usse... ab toh khud neeraj ke dwara bheja hua recording uske pass hain...
Apan aalu bhai se sahmat hai

Aalu bhai neeru ko v aade haath lena
Yaar ki qki wo khud hi prashant ke saath nhi rahna chahti hai

Aur batadu mera fav writer vj4u bhai ne galath pe update start kar diye hain wo v solid waale to sayad main idhar na dikhu ab
 

Ssking

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शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 42

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 42. ) ( New-6)

नीरज मन ही मन खुश हो रहा था और सोचता है कि प्रशांत अब तू शायद अब नीरू को फोन भी न करें। और करेगा भी तो तेरा फोन लगेगा भी नहीं। क्योंकि अब नीरू का ये नम्बर हमेशा मेरा पास ही रहेगा। दूसरी ओर प्रशांत जो आफिस जाने की तैयारी कर रहा था उसका मूढ खराब हो चुका था। वो समझ गया था कि अब नीरू का उसकी जिंदगी में आना बहुत मुश्किल है। और यदि नीरज की बात मानकर वो नीरू को अपना भी ले तो भी नीरू उसकी नहीं नीरज की होकर रहेगी। दूसरी ओर सुबह नीरज अपने घर पहुंचता है और ऋतु को फोन दे देता है। लेकिन फोन में एक खराब सिम कार्ड उसमें लगा नीरू का सिम कार्ड बदल देता है ।

ऋतु : अरे ये फोन आप मुझे क्यो दे रहे हैं नीरू को ही पहुंचा दें।

नीरज: ठीक है उसके ऑफिस ही पहुंचा दूंगा और फिर नीरज कुछ देर आराम करता है और फिर करीब 11 बजे वो घर से निकल जाता है और सीधा नीरू के आफिस पहुंचता है।

नीरज : ये लो नीरू तुम्हारा फोन ठीक हो गया।

नीरू : थैक्स जीजाजी

नीरज : अच्छा अब मैं चलता है लेकिन एक बार तुम फोन चैक कर लो।

नीरू : फोन देखती है उसे सभी फंक्शन सही करती से काम करते हुए दिखाई देते हैं। वो कहती है जीजाजी फोन ठीक तरह से काम कर रहा है। इसके बाद नीरज वहां से चला जाता है। करीब तीन घंटे बाद नीरू का फोन नीरज के पास आता है नया नम्बर था इसलिए पहले नीरज समझ नहीं पाया किसका फोन है। लेकिन आठ दस घंटी बजने के बाद वो फोन उठता है।

नीरज : हैलो कौन

नीरू : जीजाजी वो फोन सिम काम नहीं कर रही है।

नीरज : क्या सिम निकाल कर दुबारा इसर्ट करके देखा।

नीरू : जीजाजी लगता है सिम में दिक्कत है क्योंकि मैंने अपनी दोस्त की सिम इस्तेमाल की तो वो फोन में काम कर रही है लेकिन मेरी सिम काम नहीं कर रही।

नीरज : लगता है सिम में ही कोई दिक्कत होगी एक काम कीजिए आपके घर के पास में ही कोई शॉप होगी आप वहां से सिम चेंज करवा लें।

नीरू : ठीक है देखती हूं और नीरू सिम चेंज करवाने के लिए पास में ही बने कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाती है.

सेल्समैंन : मैडम ये सिम तो खराब है।

नीरू : जी ये फोन मेंं काम नहीं कर रहा है।

सेल्समैन : मैडम आपको अपना आईडी देना होगा। वैसे इस सिम पर लिखा कोड भी नहीं दिख रहा है आप इसका नम्बर बताएंगी

नीरू : जी इसका नम्बर है 9XXXXX....

सेल्समैन अपने सिस्टम में चैक करता है और कहता है कि मैडम ये नम्बर तो कोई प्रशांत के नाम से है। उनका ही आईडी कार्ड देना होगा।

नीरू : जी वो तो अभी मेरे पास में नहीं है।

सेल्समैन : सॉरी मैम आपको ऐसे ये सिम नहीं मिल पाएगी।

नीरू वहां से वापस आती है और नीरज को अपनी प्रोब्लम बताती है।

नीरज : एक काम करो अभी कोई दूसरा नम्बर शुरू करवा लो में इस नम्बर की कोई जुगाड लगाता हूं।

नीरू तो नीरज से बात ही नहीं करना चाहती थी लेकिन मजबूरी में कभी कभी उसे बात करना पड़ रही थी। और नीरज इसका फायदा उठाने की सोच रहा था। लेकिन उसे मालूम था कि नीरू अब इतनी आसानी से उसके हाथ नहीं आएगी। नीरू नया नम्बर एक्टीवेट करवा लेती है।

नीरज अपनी साजिश में कामयाब हो चूका है, अब प्रशांत के लिए नीरू से बात करना भी बेहद मुश्किल हो गया था। पहला तो वो उस दिन फ़ोन ार हुई बात से ये मान चुका था कि नीरू और नीरज के सेक्स सम्बंध बन चुके हैं। दूसरा नीरू का नम्बर अब बदल गया था जो प्रशांत के पास नहीं था। इसका फायदा नीरज उठता भी है उसने नीरू का पुराना नम्बर बंद नहीं किया था बल्कि एक नया फोन लेकर उसमें उस सिम को चालू रखा था। और अब ज्यादातर नीरज उसी नम्बर से प्रशांत से बात करता था और बात करने के बाद फोन स्विच आफ कर देता था। जिससे प्रशांत के मन में नीरज और नीरू को लेकर शक और मजबूत होता चला जाता है।

वक्त बीतता जा रहा था। कनाडा में प्रशांत परेशान था जिस कारण अब वो शाम को रोज शराब पीने लगा था। दूसरी ओर नीरज की तमाम कोशिशों के बावजूद नीरू उससे ज्यादा बात करने को तैयार नहीं होती थी। सिर्फ काम की ही बात करती थी। बाकी का नीरज के सवालों का जवाब हां और ना में ही देती थी। नीरू की डिलेवरी का समय धीरे धीरे नजदीक आता जा रहा था। दूसरी ओर ऋतु परेशान थी कि इस बात को लेकर कि प्रशांत को पता है कि नीरू की डिलेवरी का समय आ चुका है वो न तो मिलने के लिए आ रहा है और ना ही फोन कर रहा है। फोन करता भी है तो नीरू के चरित्र पर शक ही करता है। जबकि नीरू उस घटना के बाद से खुद को भी कसूरवार मानने लगी थी। तय वक्त पर नीरू को अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और वो एक लडके को जन्म देती है।

ऋतु : मुबारक हो नीरू लडका हुआ है और इसकी शक्ल बिल्कुल प्रशांत से मिलती है।

नीरू : फीकी मुस्कान से थैक्स दीदी

ऋतु : वैसे प्रशांत को पता है कि तुम कभी भी मां बन सकती है।

नीरू : पता नहीं दीदी ढाई महीने से तो उसका फोन भी नहीं आया है और न ही वो कभी मिलने के लिए आया। आफिस के पास जो घटना घटी थी उसके बाद मैंने प्रशांत को फिर कभी अपने आफिस के इर्दगिर्द नहीं देखा।

ऋत : हां वैसे उस दिन प्रशांत के साथ गलत हुआ था किसी को उस पर हाथ उठाने का क्या अधिकार था।

नीरू : दीदी मैं भी नहीं चाहती थी कि बात इतनी आगे बढ़े मैं तो खुद सन्न रह गई थी। मैं समझ ही नहीं पाई थी कि हुआ क्या है।

ऋतु : चलो अब पुरानी बातें भूलों और अपने बच्चे को अपनी गोद में लो।

नीरू बच्चों को देखती है और उसकी में खो जाती हैं। नीरू आफिस के बाद अब अपने बच्चे में ही डूबी रहती थी।

दूसरी ओर प्रशांत को कनाडा गए अब एक साल हो चुका था। प्रशांत के चेहरे में इन एक साल में बहुत बदलाव आ गया था। हमेशा क्लीन सेव रहने वाले प्रशांत के चेहरे पर घनी और बडी दाढ़ी और मूछे उग आई थी। आंखों में चश्मा भी लग गया था। लगातार जिम जाने से उसकी बॉडी भी अच्छी बन गई थी। वो किसी बॉडी बिल्डर जैसा दिखाई देने लगा था। कोई यदि उसे देखे तो पहली नजर में पहचान भी न सके।

प्रशांत ने कई बार नीरू को फोन लगाया था। लेकिन हमेशा नीरू का फोन स्विच ऑफ ही मिलता था। उसका मन बैचेन हो रहा था। उसे पता था कि नीरू अब उसके बच्चे की मां बन चुकी होगी। लेकिन क्या नीरज और नीरू के बीच में अब संबंध पूरी तरह से बन चुके होंगे। ये वो सवाल था जो प्रशांत को बेचैन किए हुए था।

प्रशांत ने एक बार नीरू को फोन लगाया तो नीरज ने ही उठाया क्योंकि नंबर उसे के पास ही था और उसे बताया नीरू को बेटा हुआ है और नीरज ने प्रशांत को बेटा होने पर बधाई दी.

नीरज : प्रशांत बधाई हो तुम्हे बेटा हुआ है

प्रशांत : थैंक यू जीजा जी ओह ! सॉरी नीरज जी

नीरज: कोई बात नहीं और बोलो कैसे फ़ोन किया आज बहुत दिनों बाद

प्रशांत : नहीं मैंने तो बहुत बार फ़ोन लगाया था पर लगता ही नहीं है

नीरज : हाँ पीछे फ़ोन ख़राब हो गया था नीरू का .. और फिर उसे फ़ोन की कोई ख़ास जरूरत भी नहीं थी सो उसने ठीक भी नहीं करवाया क्योंकि अब वो हमारे ही पास रहती है और ऑफिस से भी प्रेगनेंसी की छुट्टी ले रखी है ,,

प्रशांत : अरे नीरज जी वो बेटा कब हुआ मुझे अंदाजा है अब वो महीने से ऊपर का हो गया होगा

नीरज : बिलकुल ठीक अंदाजा है तुम्हारा एक महीने से ऊपर लगभग 40 दिन का हो गया है .

और फिर नीरज प्रशांत को बच्चे के जन्म की सही डेट बता देता है, प्रशांत सोचता है आज अच्छा मौका है वो नीरू से बात कर माफ़ी भी मांग लेगा और शायद नीरू ख़ुशी के इस मौके पर उसे माफ़ भी कर दे.

प्रशांत : नीरज जी नीरू से बात हो सकती है

नीरज : एक तो नीरू तुम से बात नहीं करना चाहती दूसरा आज वो इस समय घर पर नहीं है और ऋतू के साथ डॉक्टर के पास गयी है बच्चे को टीके लगवाने है

प्रशांत : अच्छा ये तो बता दीजिये बेटे का क्या नाम रखा है नीरू ने

नीरज : उसका नाम तो निशंक रखा है वैसे उसे सब छोटू कह कर बुलाते है .

प्रशांत : प्लीज जीजा जी उसकी फोटो ही भेज दीजिये

नीरज : नहीं भेज सकता .. नीरू ने साफ़ मना किया है. नीरज प्रशांत को और तड़पाना चाहता है

प्रशांत : अच्छा ये ही बता दीजिये कैसा दीखता है ..

नीरज : झूठ बोलते हुए बिलकुल नीरू जैसा गोरा और सुन्दर है .. और नीरू बोलती है .. अच्छा है इसकी शक्ल प्रशांत पर नहीं गयी नहीं तो मुझे उसकी याद दिलाता .. अब मुझे प्रशांत से नफरत हो गयी है .. भगवान करे इसकी आदते भी प्रशांत जैसी न हो और शक करने की आदत तो बिलकुल न ही हो .. इसीलिए उसका नाम निशंक रखा है .. जानते हो इसका मतलब होता है जिसे किसी प्रकार की शंका या डर न हो.. उसे अब तुमसे इतनी नफरत है

प्रशांत : अच्छा जीजा जी एक काम कर दीजियेगा .. कुछ सामान भेज दूंगा निशंक के लिए प्लीज आप उसे दे देना ..

नीरज : नहीं दे सकता ..अगर उसे पता चाहेगा तुमने भेजा है तो वो मुझे भी सामान के साथ बाहर निकाल देगी और हमे भी छोड़ कर चली जायेगी ..

प्रशांत : अच्छा फिर आप कुछ और कह कर दे देना .. आपके किसी दोस्त ने भेजा है .. और जीजा जी अगर कभी उसका मूड ठीक हो तो उससे प्लीज मेरी बात करवा देना और मेरी तरफ से बधाई दे देना

नीरज : ठीक है कोशिश करूँगा अच्छा बंद करो लगता है नीरू और ऋतू वापिस आ रहे है अगर उन्हें पता लगा की मैं तुमसे बात कर रहा था तो मुझ पर नीरू गुस्सा हो जायेगी ..

उसके बाद नीरज फ़ोन काट देता है ..




कहानी जारी रहेगी
Chutiya lauda hai jisme biwi ki gand mari uska hi land chis rha hai ye
 
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Sweet_Sinner

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Me es forum ke prabudh pathko se gugarish karna chahunga ki ye ek kahani hai aur esko criticise karna chode aur kahani ka anand le.Eriter mahodaya abhi achhe se ese age badha rahe hai to unka honsla badhana chahiye.
Bahut hi achhe tarike se kahani badh rahi hai.
Superb.........
Waiting for next update

सही कहा आपने भाई।

मैं तो हैरान! रह गया। इतने बड़े-बड़े रिव्यू देखकर और वो भी सिर्फ लेखक को गलत बताने के लिए।

पाठकों से निवेदन है कि

कहानी को केवल मनोरंजन की दृष्टि से ही पढ़े और महसूस करें।
 
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