• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest शक का अंजाम

आप कैसा अंत चाहते हैं इस कहानी का ?

  • सुखद

    Votes: 12 100.0%
  • दुखद

    Votes: 0 0.0%
  • अन्य और क्या और कारण

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    12
  • Poll closed .

aamirhydkhan

Active Member
822
1,640
124
शक का अंजाम - by pratima kavi

यह कहानी हैं एक लड़के प्रशांत की। आप उसी के नज़रिये से यह कहानी पढिये।
दोस्तो ये कहानी मैंने अन्यत्र पढ़ी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ असली लेखक के बारे में पता नहीं चला .. किसी को पता हो तो जरूर कमेंट कीजियेगा ..

परिचय
प्रशांत २३ साल का नौजवांन माँ बाप का इक्लौता लड़का और गर्ल फ्रेंड बनाने के चक्कर में कभी नहीं पड़ा क्योंकि बहुत शर्मीला है । कॉलेज ख़त्म होते ही पास के बड़े शहर में जॉब लग गयी और माँ बाप का घर छोड़ कर नए शहर में रहने लगा।

नीरू- प्रशांत की पत्नी खूबसूरत फिगर एकदम पेरफ़ेक्ट। चुलबुली, बब्बली सी लड़की अपनी शरारत और नटखटपन नहीं भूली थी

ऋतु नीरू की बड़ी दीदी है। ऋतु दीदी निरु से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी।

नीरज ऋतु दीदी के पति है।


INDEX




Update 1update 2update 3update 4update 5
update 6update 7update 8update 9update 10
Update 11update 12update 13update 14update 15
update 16update 17update 18update 19update 20

Update 21update 2 2update 23update 24update 25
update 26update 27update 28update 29update 30
Update 31update 32update 33update 34update 35
update 36
PART III
update 37
update 38
page 17
update 39
page 19
update 40



Update 41update 42update 43update 44update 45
update 46update 47update 48update 49update 50
Update 51update 52update 53update 54update 55
 
Last edited:

Rsingh

New Member
24
33
13
Jis bevkuf ne bhi is kahani Ko likha hai is kahani mein emotional lust donon mix kar diya barbad kar Diya kyunki is kahani Ko jab depth me ghus k padhoge to maja kam aur pain jyada feel hoga agar yah kahani ek acche happy ending mein nahin jayegi achcha Happy ending nahin milta hai to kahani barbad hai
 

Rsingh

New Member
24
33
13
Ummid Karta Hun ki iske original writer ne Jo galti kari hai vah galti naya writer nahin Karega vahan suspense Rahane do emotion mat lekar aao aur na hi kisi Ko Viktim sabit karo Varna kahani Kitna bhi achcha kyon nahin ho jaega adhurapan sa lagega kahani me
 

Rsingh

New Member
24
33
13
Lost interest kahani me kahani mein bhale hi jija Kitna achcha bana Ho but he is a really villain usko expose karo yah kahani mein lust ka nahin emotions ka palra Bhari ho chuka hai aur jab baat emotions ki ho to vahan per justice karo sach samne lao meri baat mano writer warna kahani kitni bhi acchi karlo adhurapan rahega
 

Rsingh

New Member
24
33
13
Jija k character ko strong mat karo agar kahni me sirf lust hota to jija k strong me maja aata magar yaha p family tut gyi emotions aagye h ish desh justice or sacchai jaruri h
 

Rsingh

New Member
24
33
13
Puri kahani ka balatkar hi kar liya bhai tumne barbad kar Diya tumhari likhi hui koi kahani ab nahin padhunga sex nhi karwana tha

Bina logic wala baat bolate ho jab kapde utaar liya tha uske samne karne ke liye tabhi vah expose ho gaya tha


Pura time barbad kar diya logon ka tumne writer har koi nahin ban jata hai bhai writer banne ke liye uske ek ek Shabd ko feel karna padta hai

Maine pahle hi bola tha agar lust rakhoge tab jija ko aage karo
Magar yahan per kisi ka family barbad ho gai kisi k sath galat hua hai kisi ke sath sajish hua hai to usko expose karna chahie tha sacchai aane thi

Yah kahani ek aisi kahani banaa Diya hai tumne Jaise Jinda Lash aadami hota hai na waise


Barbad kar diya yaar mood kharab
 

Rsingh

New Member
24
33
13
Pura khani iska agar original right abhi kahani Ko is end per lekar aata to vah bhi bevkuf hai usko bhi ilaaj karvana chahie tha Ranchi mein jakar
 

Rsingh

New Member
24
33
13
आपकी बात सही है, पर कुछ खास बिन्दु पर भी ध्यान दें -

अगर निरु और प्रशांत दुबारा से साथ मे आ जाते है तो क्या वो दोनो कभी ऋतु या जीजाजी से नही मिलेंगे - ऐसा संभव तो नही लगता,
क्योंकि परिवार के किसी भी प्रोग्राम मे सबको एक - दूसरे से मिलना ही होगा, और फिर गिला शिकवा दूर करके मिलते जुलते रहना ही होगा।

1- निरु अपने ऋतु दीदी के घर हमेशा प्रशांत को लेकर तो जा नही पायेगी, कभी अकेले भी जा सकती है तो ऐसे मे कभी ऋतु घर मे सो जाती है या बाजार चली जाती है और घर मे सिर्फ निरु और जीजू रहे या जब ऋतु बाजार जाए तब तो जीजाजी घर पर ना हो पर ऋतु के बाजार जाने के बाद घर आ जाए और तब घर मे सिर्फ निरु और जीजाजी रहे तब क्या होगा - वो आपस मे क्या करेंगे वो अलग बात है, लेकिन जब प्रशांत और ऋतु दीदी दोनो ही जानते है कि जीजा निरु को चोदने का कोई मौका नही छोड़ेगा तो क्या ऋतु और प्रशांत के मन मे शक नही होगा,

क्योंकि जीजाजी निरु को जब मौका मिले तब चोद भी देगा तो निरु ना तो जीजाजी को जबरदस्ती करने से रोक पायेगी और ना ही ये बात कभी ऋतु या प्रशांत को बताएगी क्योंकि निरु नही चाहेगी कि ऋतु दीदी और जीजाजी का उसके कारण रिश्ता टूटे, इसलिए चाहे खुशी से हो या मजबूरी मे हो वो जीजाजी से चुदने से खुद को नही बचा पायेगी। ये कभी नही रुकेगा, और निरु चुदती ही रहेगी।

तो भविष्य मे भी प्रशांत के मन मे शक क्यों नही आयेगा ?

2- जीजाजी ने निरु की बहुत दमदार चुदाई की थी तो ये भी तो संभव है कि निरु भी वैसी ही दमदार चुदाई बाद मे भी चुदवाना चाहे,
क्योंकि अब उनके बीच का शर्म खत्म हो चुका है, 1 बार चुद ही ली है, आगे भी चुदे , तो दोनो को ही कोई ग्लानि नही होगा।
तो मौका मिलने पर ऋतु के वहाँ जा कर या बाहर या घर मे ही प्रशांत के ऑफिस जाने के बाद चुदवाए तो प्रशांत को पता नही चलेगा,
लेकिन निरु और जीजाजी को एक साथ अकेले रहने पर प्रशांत को शक क्यों नही होगा।

इसलिए प्रशांत के लिए ज्यादा बेहतर होगा कि ( चाहे निरु कितनी भी सुंदर क्यों ना हो,) वह निरु को तलाक दे कर दूसरी किसी अच्छी लड़की के साथ शादी कर ले और इस घटिया परिवार निरु, उसकी बहन और उसके जीजा से छुटकारा पा ले। क्योंकि इनके संपर्क मे रहने से आगे भी ये चोदा - चुदाई चलता ही रहेगा, कोई इंसान अपना नौकरी काम धाम पर ध्यान देगा या जिंदगीभर इनकी जासूसी ही करता रहेगा।

क्योंकि प्रशांत निरु या जीजा पर कोई फालतू मे तो शक नही कर रहा था, बल्कि वैसी परिस्थितियाँ ही बना दी गयी थी कि मजबूर होकर प्रशांत शक करने लगा, और निरु का भी जीजा से कुछ ज्यादा ही लगाव दिखाना और प्रशांत को बार बात पर विशेष कर सेक्स मे ज्यादा ही नियम बनाकर असंतुष्ट रखना भी शक का कारण बना।
Bilkul sahi kaha aapane yaha prashant ek victim h or Prashant last tak ritu ko kuch nhi kar rha tha real me bhi agar koi lady aise kare to koi rok nhi payega

Kahani me jab emotions par jada jor pare to usko happy ending ending deni chahiye

Kahani k hero prashant hai or villian jija kahani ko khichri bana diya h
 

Rsingh

New Member
24
33
13
शक का अंजाम

PART 2

UPDATE 36


नीरू ने कुच्छ नही कहा और जीजाजी भी बिस्तर से उठ खड़े हुए और नीरू को पकड़ लिया.

जीजाजी: “तू तक गयी हैं तो मैं तुझे चोद देता हूँ. चल आ..”

जीजाजी ने नीरू को बिस्तर पर लेटाने की कोशिश की पर नीरू ने उनका हाथ हटा दिया और अपने कपड़े लेकर वॉशरूम मे चली गयी. जीजाजी वॉशरूम के दरवाजे पर हाथ मारते हुए पुकारते रह गये.

ऋतु दीदी अपने कमरे मे चले गये. मैं अपना सिर पकड़े खड़ा रहा. थोड़ी देर मे नीरू अपना चेहरा लटकाए वॉशरूम से कपड़े पहने बाहर आई.

जीजाजी अभी भी नंगे खड़े थे. उनका लंड थोड़ा लटक चुका था. जीजाजी ने नीरू को फिर से पकड़ा और उसको चुदाई की सिफारिश की.

जीजाजी: “कपड़े क्यू पहन लिए नीरू, चल मेरा काम अभी पूरा नही हुआ हैं. चल कपड़े खोल .. मेरा लंड चूस ले .. बहुत मज़ा आएगा”

नीरू ने जीजाजी की हाथ झटक दिया. जीजाजी ने गुस्से मे ताक़त लगा कर नीरू के बड़े से मम्मों को अपनी हथेली से दबा दिया और नीरू की एक ज़ोर की चीख निकली और अगले ही पल एक ज़ोर का छाँटा नीरू ने जीजाजी के चहरे पर मार दिया.

जीजाजी दो कदम दूर हट गये. अपने गाल पर हाथ रखे नीरू को आश्चर्य से देखने लगे.

जीजाजी: “नीरू! तूने अपने जीजाजी को छाँटा मारा!”

नीरू: “गेट आउट!”

जीजाजी 2-3 सेकेंड खड़े रहे और फिर अपने कपड़े उतहाए कमरे से बाहर चले गये. नीरू वही बिस्तर मे मूह छिपाए थोड़ी देर सूबकती रही.

जीजाजी और ऋतु दीदी हमारे घर से चले गये. मुझे समझ नही आ रहा था की कैसे रिक्ट करू. हमेशा नीरू पर शक किया की उसने जीजाजी से चुडवाया होगा और आज पहली बार उसने चदूवाया वो भी मेरी आँखों के सामने.

नीरू बाद मे उतही और नहा धो कर तायेयर हो गयी और अपना बाग पॅक करने लगी. मैं कमरे मे गया तो उसने एक नज़र मुझे देखा और फिर कपड़े जमाने लगी.

नीरू: “मैं जा रही हूँ, तुम्हे जो मेरे और जीजाजी के रिश्ते पर शक था वो अब जाकर सच हो चुका हैं. अब शायद तुम्हे मेरे जाने से कोई फ़र्क नही पड़ेगा”

मैं कुच्छ बोल ही नही पाया और नीरू के चेहरे को देखता ही रह गया.

नीरू मेरे घर से बाग लेकर जाने लगी और जाते जाते कहती गयी.

नीरू: “मेरे पेट मे जो बच्चा हैं वो तुम्हारा ही हैं, मैं उसको पैदा करूँगी. चिंता मत करो तुमपे इसका कोई बोझ नही आएगा. और अगर तुम्हे शक हैं की यह बच्चा भी तुम्हारा नही हैं तो कोई बात नही. अब कोई फ़र्क नही पड़ता मुझे”

मैं नीरू को रोकना चाहता था पर आवाज़ ही नही निकली और नीरू मुझे छोड़ कर चली गयी.

ऋतु दीदी और जीजाजी ने समझौता कर लिया क्यू की दोनो ने एक एक ग़लती की थी. वो अभी साथ में ही हैं.

मैने भी एक ग़लती की थी और ऋतु दीदी से चुदवा कर नीरू से बेवफ़ाई की थी. नीरू ने भी निराशा और गुस्से मे एक ग़लती की थी. मुझे लगा की मुझे नीरू को अपनाना चाहिए.

ऋतु दीदी का फोन आता हैं और पुचहते हैं की मैने नीरू को मनाया हैं या नही. उस घटना के बाद से नीरू ने जीजाजी और ऋतु दीदी से भी बात करना बंद कर दिया था.

मैं रोज नीरू के ऑफीस के बाहर शाम को फूओल लेकर पहुच जाता हूँ और उसको मनाने की कॉसिश करता हूँ की वो वापिस मेरे पास आ जाए. उम्मीद हैं की एक ना एक दिन तो वो ज़रूर पिघलेगी और मेरे पास वापिस आएगी.

एंड नोट मूल लेखक द्वारा : “विश्वास की डोर्र एक बार टूट जाए तो फिर जुड़ना मुश्किल होता हैं. प्रशांत ने शक करना नही छोड़ा और नीरू उसकी शिकार बन गयी. प्रशांत ने नीरू को एक बार फिर खो दिया. आशा हैं की अपनी ग़लतियो को पीछे छोड़कर वो दोनो फिर से मिल जाए”

XXXXXXXXXX END OF PART-2 BY ORIGINAL WRITER XXXXXXXXX


Note : एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा इस कहानी को और आगे ले कर जानेका .. देखते हैं कितना हो पाता है ..


कहानी जारी रहेगी..

थोड़ा सा इन्तजार कीजिये
Kahani ka ka kabara kar diya neeru ko jija se sex nhi karana tha kahani shru me lusty tha magar baad me emotions aagaya yaha proper justice chahie koi kuch bhi bole Neeru ka sex karwa k kahani k enjoy ka level tor diya duniya ka best writer bhi yeh kaeta to bhi kahani barbad thi
Story likhna badi baat nahin hai Magar story ko acche end Dena yah bahut badi baat h
 
Top