अब आगे ...
मुझे आज भी याद है जब मैं उस दिन स्कूल से पढ़ कर आयी तो माँ ने कहा कि खाना खा कर जानवरों के लिए खेत से घास ले कर आ!! मैं खाना खा के खेत में चली गई और अपने गेंहू के खेत से घास निकालने लगी ( जो गाँव से वो समझ जाएंगे कि गेंहू के खेत में कौन सा घास होता है) तभी मुझे किसी ने आवाज दिया तो मैं उठ के देखने लगी कि कौन मुझे आवाज दे रहा है तो देखी की एक लड़का खड़ा है और मुझे घूर रहा है!! क्यूंकि बैठने के कारण मैंने अपना सूट उठा लिया था ताकि मिटी ना लगे, जिसके कारण मेरी बड़ी बड़ी गांद्द उसको दिख रही थी! वो लड़का दिखने में गोरा चिठ्ठा और 6 फिट के आसपास लंबा था! शरीर से भी ठीक था!
उस लड़के ने कहा कि किसके खेत में घास निकाल रही है, तुझे पता है तो मैंने कहा कि ये मेरा खेत है तो उसने कहा कि देख तू किसके खेत में खड़ी है तो मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि मैं घास निकालते-निकालते दूसरे खेत में चली गई हूं क्यूंकि हमारे चवर में खेतों के बीच मेढ़ नहीं होते हैं! बस बीच मे, आगे पीछे झाड़ होते हैं जिस से खेत का पता चल जाता है तो मैंने कहा कि गलती से चली गयी! तो लड़के ने कहा कि ये मेरा खेत है और तुमने मेरा गेंहू नुकसान कर दिया है! मैं तेरे घर शिकायत करूंगा और मेरे पिताजी का नाम पूछने लगा तो मैंने कहा कि क्यूँ बात बढ़ा रहे हो उतना नुकसान नहीं हुआ है आप ऐसे ही परेशान हो रहे हो!
तो वो लड़का और चिढ़ गया और बोला कि मैं तेरे साथ ही तेरे घर चलूंगा और तेरे बाप से शिकायत करूंगा और उल्टा सीधा गाली देने लगा तो मैंने भी उसको गाली दी और रोने लगी!
मेरा रोना देख के वो थोड़ा सांत हुआ और बोला कि ठीक है रो मत मैं तेरे घर पर शिकायत नहीं करूंगा, लेकिन तू अपना नाम और पिता का नाम बता तो मैंने उसको झूठ बता दिया और चली आयी! ऐसे ही ये बात आयी गई हो गई क्यूंकि मेरा गाँव बड़ा है और कई टोलों में बट्टा है सो मैं उस लड़के को पहचान भी नहीं पायी हाँ इतना पता था कि वो खेत दूसरे टोले के किसी दबंग आदमी का था! ऐसे ही कुछ दिन बाद मैं अपने एक सहेली के घर गयी थी और वहां से आते समय वो लड़का मुझे चाय की दुकान पर दिखा तो मैं डर गई और दुपट्टा में अपना चेहरा ढंक के निकल गई लेकिन उसने मुझे देख लिया था और चुपके से मेरे पीछे आया और मेरा घर देख लिया! दो चार दिन बाद मैंने देखा कि वो मेरे घर के बाहर मेरे भैया से बात कर रहा था और जोर जोर से दोनों हंस रहे थे किसी बात पर! ऐसे ही उसका रोज मेरे घर आना जाना हो गया, क्यूंकि मेरे भैया थोड़ा दारू पीने के शौकीन थे और वो भी फ्री का!!
आज के लिए इतना ही!!!