बचपना तुमसे लड़को कभी छूटता नहीं
जवान होना तो बस लड़कियों को आता हे
कल इस शेर को मेने पढ़ा था आपकी कहानी की शुरुआत को देखकर मुझे लगा था की ये स्टोरी एक काम उम्र के लड़के की एक बड़ी उम्र की लड़की के साथ सेक्स की कहानी होगी जिसमे लड़का फाड़ देगा उसकी """" के चीथड़े चीथड़े कर देगा उसके पीछे घुसा देगा गालिओ की भरमार होगी ,थोड़ी देर उत्तेजना होगी और फिर में इस स्टोरी को और स्टोरी की तरह भूल जाउंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ
कभी कभी ज़िंदगी में हम पॉजिटिव भी होना चाहते हे ,आपकी कहानी ऐसी ही थी सीदी सादी ,जैसे हम लड़किया चाहती हे हमारा पति ऐसा हो जो हमारी फीलिंग्स को समझे ,हमारे साथ ऐसे सेक्स करे की खुद भी आनंद ले और हमें भी दे ,रोमांटिक बाते करे ,हमारे परिवार का भी उतना ही सम्मान करे जितना हम उसके परिवार का करते हे . मेने पहली कहानी आपकी ऐसी पढ़ी जिसमे हम लड़कियों की सब इच्छा का समावेश हे .
मेने कई दिनों में ऐसी कहानी पढ़ी जिसे पढ़कर मेरे मन में सेक्स करने की खुद इच्छा हुई मेरे पति कहने लगे आज ऐसा क्या हो गया जो तुम सेक्स के लिए इतनी आतुर हो में क्या कहती की मेरे दिल में आज मीनाक्षी समां गयी हे ,वैसे तो मेरे पति एक आईटीआई इंजीनयर हे और काफी खुले विचारो के हे ,हम सप्ताहांत में साथ साथ ड्रिंक करते हे और ब्लू फिल्मे भी देखते हे और सभी तरह का सेक्स भी करते हे ,फिर भी सप्ताह के बीच में अगर मेरी सेक्स की इच्छा होती हे तो उनसे कह नहीं पति की ये क्या सोचेंगे जबकि मेरी इच्छा ना हो और इनकी इच्छा हो तो सेक्स किया बिना मानेगे नहीं ,मेने आपकी पूरी कहानी इनको पढ़ाई ,कहानी पढ़कर ये खुद कहने लगे की वाकई कहानी बहुत अच्छी हे और इन्होने समीर की तरह मुझको तोड़कर रख दिया।
मेने आपकी पहली कहानी जीवन का सुख से लेकर इस कहानी तक सब पड़ी हे ,इस फोरम पर कोई साहित्य या पचतंत्र की कहानी भी लिखने नहीं आता लेकिन इतनी लम्बी कहानी और सुन्दर शब्दों के चयन ने मेरी दृष्टि में आप वास्तविक लेखक हे।
में आपसे कहूँगी आप नियमित रूप से लिखते रहिएगा ,आप लोगो की वजह से ही ऐसे फोरम को भी एक गरिमा मिलती हे।