• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest संस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी ।

किस तरह की कहानी चाहते हैं आप , Tell me your taste .


  • Total voters
    769

Rachit Chaudhary

B a Game Changer ,world is already full of players
1,038
2,361
159

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,010
173
update 7

सुबह के समय नाश्ता कर चुके थे सब । आरती के दिलोदिमाग पर रात वाली घटना छाई हुई थी ।

शालिनी नहाकर निकली उसने एक जीन्स और स्लीवलैस टीशर्ट पहनी हुई है । जैसा कि आप जानते ही है जब तक इन महारानी की गांड जीन्स में फास ना जाये तब तक इन्हें वो जीन्स अच्छी ही नही लगती । पिछवाडा अपना पूरा आकर लिए जीन्स में कैद हो गया था ।

शालिनी ने शीशे के सामने खड़ी होकर हल्का सा मेकअप किया , होंठो पर लिक्विड मैट वाली लिपस्टिक लगाकर होंठो को juicy बनाया ।



शालिनी ये कर ही रही थी कि तभी कमरे में उपासना दाखिल हुई ।
शालिनी को शीशे में से उपासना आती हुई दिख गयी ।

शालिनी - आइये भाभी , आज तो साड़ी में आप गजब ढा रही हो ।
उपासना - अच्छा नन्द रानी जी , अपने ये सोचकर मेंरी तारीफ की है कि अब बदले में मैं भी तुम्हारी तारीफ करूँगी , लेकिन मैं तुम्हारी तारीफ बिल्कुल नही करूँगी । मैं तो यही बोलूंगी की तुम एक नंबर की रंडी लग रही हो सजधजकर ।

शालिनी ये सुनकर लजा गयी शर्मोहया से ।

शालिनी - भाभी टाइम का तो लिहाज किया करो सुबह सुबह ही स्टार्ट हो गयी आप तो ।

उपासना - अच्छा मैं तो टाइम का लिहाज करु और मेरी नंद रानी को समय का कोई खयाल नही है , जो सुबह सुबह ही चूत की सजावट करने लगी , पता नही किससे फड़वाने जा रही है ।

शालिनी ऐसी बाते सुनकर समझ गयी की जितनी सीधी भाभी ऊपर से दिखती है उतनी ही अंदर से लंडखोर औरत बन गयी है ।

शालिनी - भाभी आपकी नंद रानी की चूत इतनी सस्ती नही है कि हर कोई फाड़ दे । आपकी नंद रानी सिर्फ एक इंसान की ही टांगो के नीचे आती है बस ।

उपासना - अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मैं हर किसी के सामने चूत खोले पड़ी रहती हूं ।

शालिनी - नही भाभी मेरा ये मतलब नही था। मैं तो बस अपने बारे में बता रही थी । और मेरी भाभी इतनी गई गुजरी भी नहीं है कि वह हर किसी के सामने अपनी चूत फैलाकर लेट जाएगी ।

उपासना - अच्छा तो कैसी लगती है तुम्हें अपनी भाभी ।

शालिनी - मुझे मेरी भाभी ऐसी लगती है जो अपनी चूत के खजाने को हमेशा दूसरों से छुपा कर रखती है और उस खजाने के दरवाजे सिर्फ अपने पति के लिए ही खोलती है। ऐसी भाभी जो अपनी इज्जत का ख्याल रखती है वह
बात अलग है कि उसकी अंदर की लंडखोर औरत जब जागती है तो उसकी चूत में से पानी उसकी जांघों पर रिसने लग जाता है ।



उपासना - लगता है मेरी प्यारी सी नंदरानी को बड़ी पहचान है औरतों की । भगवान ऐसी नंदरानी सबको दे , चलो नंदरानी जी अब तो बता दो कि आज का क्या प्रोग्राम है।


शालिनी - कोई खास प्रोग्राम नहीं है भाभी आज का बस आज उनसे मिलने जा रही हूं क्योंकि कल नहीं जा पाई थी । और उन्हें चैन नहीं आता है जब तक उनका लंड मेरी चूत में जड़ तक ना पहुंच जाए ।

उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी को कोई परेशानी नहीं होती लंड लेने में ।

शालिनी - इसमें परेशान होने वाली क्या बात है भाभी । यह तो औरतों के मुकद्दर में लिखा होता है कि वह जहां भी जाएंगी किसी ना किसी की टांगों के नीचे ही जाएंगी तो मैं इसे स्वीकार क्यों ना करूं । आखिर मुझे भी तो किसी की टांगों के नीचे ही जाना होगा ।

उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी अब समझदार भी हो गई है । नंदरानी मतलब तुम अब पूरी लंड खाने के काबिल हो गई हो ।

शालिनी - काबिल हो गई हूं का क्या मतलब है ? मैं तो लैंड खा ही रही हूं पिछले 2 साल से ।

उपासना - हां यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है तुम्हारी चौड़ी गांड, बाहर को निकली चूचियां यह बखान कर रही है ।

शालिनी - भाभी एक बात है जिससे मुझे डर लगता है ।

उपासना - अब किस बात से डर लगने लगा मेरी नंद रानी को ।

शालिनी - भाभी जब वह अंदर डालते हैं लंड, तो कंडोम यूज नहीं करते हैं । जिससे कि मुझे डर रहता है कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए ।

उपासना - हंसते हुए अच्छा तो मेरी नंदरानी को डर है कि कोई इस गाय पर चढ़कर उसके अंदर बच्चा ना डाल दे ।

शालीनी - तुम्हारे कहने का मतलब नही संन्ही मैं भाभी ।

उपासना - मतलब कि अब तुम बच्चे देने लायक हो गई हो शालिनी।

शालिनी - भाभी आप तो मजाक के मूड में ही रहती हो हमेशा ।

उपासना - मेरी जान मजाक कहां कर रही हूं तुम तो देखने से ही लगती हो कि अगर कोई चढ़ जाए सही से तो बच्चा जरूर पैदा होगा ।

शालिनी - क्यों ऐसा क्या है मुझमे ।

उपासना - औरतों का शरीर ही बच्चे पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अगर औरत का शरीर ही दुबला पतला रहेगा तो बच्चा होने के चांस कम हो जाते हैं , लेकिन तुम तो मेरी जवान घोड़ी हो तुम तो एक चुदक्कड़ रंडी हो तुम तो अपनी चूत में लंड को निगल कर उसे पूरा निचोड़ सकती हो, तो बच्चा भला क्यों नहीं होगा बिल्कुल होगा ।




शालिनी - भाभी बिना कंडोम के चूत में लंड लेने में बड़ा मजा आता है कंडोम लगाकर यदि चूत में कोई लंड डालता है तो लंड की गर्मी महसूस नहीं होती है ।

उपासना - तो मतलब मेरी नंद रानी लंड को पूरा इंजॉय करती है चुदते टाइम

शालिनी - भाभी अगर चुदाई को इंजॉय ना किया जाए तो चुदने का फायदा ही क्या । अपनी चूत भी फड़वा लो और इंजॉय भी ना करो यह कैसी बात हुई ।

उपासना - हां मेरी जान यह तो तुमने ठीक कहा जब तक कोई मर्द औरत के ऊपर चढ़कर उसे हुमच हुमच कर ना चोदे तब तक औरत की प्यास ही नहीं बुझती । खैर यह बताओ कि जिन से तुम चुदने जाती हो उनका लौड़ा कितना बड़ा है ।

शालिनी - ऐसा मैंने कभी मेजर तो नहीं किया है लेकिन लगभग होगा कोई 4 या 5 इंच का ।

यह सुनकर उपासना की हंसी छूट गई और जोर जोर से हंसने लगी ।

शालिनी - क्या हुआ भाभी आपको ।

उपासना - मैं यह सोचकर हंस रही हूं कि तुम चुदने जाती हो या कोई खेल खेलने जाती हो ।

शालिनी हैरानी से देखते हुए - क्यों भाभी ऐसा क्या बोल दिया मैंने ।

उपासना - तुम्हारा जैसा शरीर है उसमें चार या 5 इंच का लंड क्या करता होगा वह तो तुम्हारे छेद के बस थोड़ा अंदर ही जा पाता होगा ।

शालिनी - भाभी तो कितना बड़ा होता है लंड ।

उपासना - नंदरानी जो तुम मुझे बता रही हो उसे लंड नहीं लुल्ली कहते हैं लंड किसे कहते हैं यह मैं तुम्हें किसी दिन दिखा दूंगी , अच्छा यह बताओ उससे अलग तुम और किसी से नहीं चुदी हो कभी ।

शालिनी - नहीं भाभी मैंने इस बारे में कभी सोचा नहीं क्योंकि मेरी चूत को जब लंड चाहिए होता है तो उसके नीचे टांगे चौड़ी करके उसे अपनी चूत की तरफ खींच लेती हूं, और मैं संतुष्ट हो जाती हूं ।

उपासना - तभी तो मैं कहूं कि मेरी नंद रानी ने अभी कहीं और मुंह क्यों नहीं मारा है यदि मार लिया तो फिर तो उस बेचारे को तुम छोड़ ही दोगी ।

इतनी बातो से उपासना समझ चुकी तबी की मेरी नंद रानी को चुदने का शौक तो है लेकिन अभी तक सही से किसी लंडधारी के नीचे नही आई है । नंदरानी को किसी चूतिया ने फसा लिया है और और वही दो साल से इसे पेल रहा है ।पेल क्या रहा है अपनी लुल्ली की संतुष्टि कर लेता होगा ।

शालिनी - क्यों भाभी वह भी तो ठीक है अपने लंड से मुझे कम से कम 10:15 मिनट तक चोदता है ।

यह सुनकर उपासना फिर जोर जोर से हंसने लगी और कहने लगी कहने लगी जाओ तुम अपना खेल खेलने के लिए क्योंकि तुम्हें समझाना मेरे बस की बात नहीं है ।

शालिनी - क्यों भाभी ऐसा क्या हो गया ।

उपासना - 10 या 15 मिनट तो तुम जैसी गदराई लौंडिया को गर्म होने के लिए ही चाहिए और 10:15 मिनट में तुम सारी चुदाई कर लेती हो तुम जैसी लड़की को रात भर कम से कम 2 लोग मिलकर चोदे तब तुम्हारे चेहरे पर निखार और गांड पर उभार आएगा ।



शालिनी - हे भगवान मेरे बस की बात नहीं है पूरी रात चुदना और कोई चोद भी कैसे सकता है पूरी रात ।

उपासना - मेरी नंदरानी अभी असली लंड से पाला नहीं पड़ा है तुम्हारा जिस दिन पड़ेगा तो चूत को हाथों से छुपाकर भागी भागी फिरोगी ।

शालिनी - क्यों भाभी वह कैसे चोदते हैं ।

उपासना - अच्छा पहले तुम बताओ कि तुम्हारे वह तुम्हें किस तरह चोदते हैं ।

शालिनी - वह तो मुझे लिटाकर और ऊपर लेट कर अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और 10:15 मिनट तक जमकर चोदते हैं ।

उपासना - और कुछ नहीं करते ?

शालीनी - करते हैं कभी-कभी अपना लंड मेरे मुंह में भी डाल देते हैं और मेरी चूत को चूस भी लेते हैं और उनका पूरा लंड मेरे मुंह में समा जाता है बड़े प्यार से चोदते हैं वह मुझे। मेरे होठों को अपने होठों से किस करते हुए मुझे चोदते हैं वह बहुत ही प्यार जताते हैं , चोदते टाइम कहते हैं तुम मेरी जान हो आपके बिना मैं नहीं रह सकता ।

उपासना - फिर तो इसका मतलब तुम्हें चुदाई का मतलब ही नहीं पता है मेरी जान अभी सिर्फ प्यार से चोदने वालों से चुदी हो जिस दिन असली लंडधारी इंसान से चुदोगी उस दिन पता चलेगा कि लंड जब अपनी औकात पर आता है तो चूत को चूत नहीं भोसड़ा बना देता है ।

शालिनी - और कैसे चोदते हैं भाभी ।

उपासना - खैर छोड़ो वक्त आने पर तुम्हें पता चल ही जाएगा यह दोनों बातें कर ही रही थी कि अचानक उपासना के मोबाइल पर रिंग होती है ।

उपासना कॉल उठाती है - हेलो

दूसरी तरफ से आवाज आती है हेलो मैम ,मैम आज आपके टाइम टेबल में आज सिलेक्ट किया गया है कि आप आज जो नया स्कूल खुलने वाला है वर्मा जी का उसका उद्घाटन आपको करना है तो रिबन काटने के लिए आप चलोगे। 11:00 बजे , मैम क्या यह सही रहेगा या इसमें कोई मॉडिफिकेशन करना है ।

उपासना - कुछ सोचती हुई एक काम करो हां यह ठीक है 11:00 बजे ही चलते हैं ।

शालिनी - भाभी कहां जाना है आपको ?

उपासना - अरे जो हमारी कंपनी के नई हैड मैनेजर है ,उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज खोला है तो उसका उद्घाटन मेरे हाथों से कराना चाहते हैं वही मुझे आज जाना है ,
अच्छा शालिनी तुम निकलने वाली हो क्या ?

शालिनी - हां भाभी बस मैं निकलने वाली हूं ।

उपासना - ओके चलो ठीक है आप भी जाओ और यदि तुम्हें पैसों की जरूरत हो तो यह लो मेरा एटीएम तुम रख लो।

शालिनी - नहीं भाभी मेरे पास अभी पैसे हैं जब खत्म होंगे तो मैं मांग लूंगी ।

उपासना - ओके नंदरानी जी चलिए अपनी चूत लंड का खेल खेल कर आ जाइए वैसे भी अभी तक तुम्हारी चुदाई तो हुई ही नहीं है ।

दोनों में यह बातें चल ही रही थी की आरती की आवाज आती है बाहर से ।

उपासना उपासना उपासना

उपासना बाहर आती हुई - आरती दीदी बोलिए ।

आरती - उपासना मैं किसी हिल स्टेशन की तरफ जा रही हूं घूमने शाम तक आ जाऊंगी , जाने का मन तो नहीं था लेकिन मेरी फ्रेंड बड़ी जिद कर रही है सो मैं निकल रही हूं ।

इतना कहते ही आरती पार्किंग की तरफ चल दी और अपनी गाड़ी स्टार्ट करके सड़क पर दौड़ती हुई चली गई ।



शालिनी ने भी पार्किंग की तरफ कदम बढ़ाए और अपनी रेड कलर की BMW निकाली और चलदी कंपनी की तरफ गाना सुनते हुए
गाने ये वाला था
तेरा बैक रै फ्रंट दोनों मारै सै करंट ,
मनै दिल में लगा ली तेरी फोटो
हाय रे मेरी मोटो हाय रे मेरी मोटो ।
laajwaab update hai bhai
 
  • Like
Reactions: Qaatil

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,010
173
Update 8 .

आरती जाकर अपनी फ्रेंड का वेट करने लगी . आरती को बैठे-बैठे बहुत टाइम हो गया फिर उसने सोचा कि क्यों ना सलमान को मैसेज किया जाए ।
यही सोचते-सोचते आरती ने सलमान को मैसेज किया

आरती - Hi सलमान ।

उधर से धर्मवीर के पास जैसे ही मैसेज रिसीव हुआ धर्मवीर ने सोचा कि आरती तो आज घूमने गई थी लेकिन यह वहां से मैसेज क्यों कर रही है।

वह ऐसा सोच ही रहा था तभी दूसरा मैसेज आया

आरती - hi salman are you free ?

धर्मवीर ने सोचा कि आज तो परमात्मा की मेहर है जो कुआं खुद प्यासे के पास चल कर आ रहा है । ऐसी सोच में डूबे हुए धर्मवीर ने टाइप किया

सलमान - Hi आरती कैसी हो आप । मैं आपकी ही यादों में खोया हुआ था

यह मैसेज पढ़कर आरती ने रिप्लाई दिया

आरती - मेरी यादों में क्यों खोए हुए थे।

धर्मवीर ने रिप्लाई दिया ।

धर्मनवीर - आरती कल रात जब से तुम से बात हुई है मैं सो नहीं पाया हूं यह मैं खुद नहीं जानता हूं कि ऐसा क्यों है लेकिन मैं आपकी इज्जत का ख्याल करता हूं इसलिए मैं आपसे ऐसी कोई भी ऐसी बात आपको नहीं बोलूंगा जिससे आपके दिल को कोई भी ठेस पहुंचे ।

आरती ने जैसे ही यह मैसेज पढ़ा आरती के दिल में सलमान के लिए प्यार और भी बढ़ गया आरती सोचने लगी कितना अच्छा इंसान है अपने से ज्यादा दूसरों की इज्जत का ख्याल करता है यह सोचते सोचते आरती ने रिप्लाई किया।

आरती - सलमान मैं अपनी फ्रेंड के साथ घूमने जा रही हूं तो अभी मैं उन्ही का वेट कर रही हूं जैसे ही वह आती हैं मैं घूमने के लिए उनके साथ निकल जाऊंगी तो हम आज रात को बात करते हैं लेकिन हां बदमाश यह रात वाली बातें अब नहीं चलेंगी जैसे इज्जत से अभी बात कर रहे हो वैसे ही बाद में भी करना ।

धर्मवीर ने यह मैसेज पढ़ते ही सोचा कि यह तो अपने आप ही लाइन पर आती जा रही है खुद ही कह रही है बात करने को मतलब कि इसकी चूत पानी मांग रही है और जैसा कि मैं देख भी चुका हूं कि कल इसने क्या रंडीपना किया था। उसे देखकर तो विश्वामित्र जी की भी तपस्या भंग हो जाए। वह भी अपना ध्यान बंद कर दें वह भी अपने पूजा-पाठ अपने धार्मिक स्थल को छोड़कर उस रंडी के आशियाने में आ जाएं , क्योंकि यह रंडी लंड की भूकी ही इतनी है। यह सोचते सोचते रिप्लाई किया।



सलमान - जैसा आप चाहो आरती जी । आपका हुक्म सर आंखों पर ।

आरती ने पूछा - सलमान तुम अभी क्या कर रहे हो ?

यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने रिप्लाई किया - मैं पूजा में आया हूं भगवान के दरबार में अपनी झोली फैलाए खड़ा हूं ।

यह मैसेज पढ़ कर यह मैसेज पढ़कर आरती ने रिप्लाई किया - ऐसा भगवान से क्या मांग रहे हो कि भगवान जी तुम्हारी झोली नहीं भर पा रहे हैं सलमान ने रिप्लाई किया कि मैं अपने लिए एक वफादार हमसफर, एक साथी एक हमदर्द मांग रहा हूं लेकिन जैसा मैं चाहता हूं वैसा भगवान जी के पास है ही नहीं मुझे तो ऐसा लगता है ।

यह पढ़कर आरती हल्का सा मुस्कुरा दी और पूछने लगी ।

आरती - ऐसा कैसा हमसफर तुम्हें चाहिए ।

यह पढ़कर धर्मवीर ने रिप्लाई किया

सलमान - मुझे ऐसा हमसफर चाहिए जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,

जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,
जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,
मई-जून में ठंडक दें और जनवरी में लाए पसीना ।
इसीलिए मैंने राम जी के दरबार में लगाई है यह एप्लीकेशन ।
दिन-रात राम जी की सेवा करूंगा जो बन जाए कहीं रिलेशन ।

जैसे ही आरती ने यह पढ़ा आरती के दिल पर यह लाइंस असर कर गई सोचने लगी क्या बंदा है डायलॉग भी ऑन द स्पॉट मारता है यह सोच ही रही थी फिर आरती ने रिप्लाई किया कि

आरती - अच्छा बाबा तुम मांग तो रहे हो ये अपनी झोली में , लेकिन बहुत लोग इस दुनिया में ऐसे हैं जो धन दौलत भी बहुत ज्यादा मांग लेते हैं और बाद में उसे संभाल नहीं पाते और बर्बाद हो जाते हैं ।
तो तुम भी ऐसी ही हमसफर की कल्पना कर रहे हो कहीं ऐसा ना हो कि तुम भी संभालना पाओ ।

यह पढ़कर धर्मवीर का लंड नेटवर्क पकड़ने लगा। धर्मवीर सोचने लगा कि यह बिल्कुल सही बोली है । मेरी बहन जैसी कामुक रांड को संभालने के लिए कोई मुझ जैसा सांड ही चाहिए वही संभाल सकता है । बच्चों का खेल नहीं है इसे संभालना , और मैं बच्चा नहीं रहा मैंने तो इससे बड़ी बड़ी रांडो की चूतों का समंदर भरा है । यह सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया



सलमान - मैं तुम्हारा मतलब समझा नहीं ।संभाल नहीं पाए मतलब ?

यह पढ़कर आरती भी रोमांटिक मूड में कहने लगी ।

आरती - जनाब ऐसा ना हो कि आपके अंदर इतना दम ही ना हो ।
आरती को ये पता नही था कि जिसे वो सलमान समझ रही है वो उसका बड़ा भाई ही धर्मवीर जो अपनी औकात पर आगया तो तेरे जैसी गरम कुतिया भी कम से कम एक साल तक सही से नही चल पाएगी ।

यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने अपने मन में कहा कि मेरी जान दम की बात मत करना । कहीं ऐसा ना हो कि कमरे में दौड़ी दौड़ी फिरे कहीं ऐसा ना हो टांगों के नीचे से निकल कर भागे , कहीं ऐसा ना हो की लोड़ा तेरी चूत में उतारते ही सदमा पड़ जाए । कही ऐसा ना हो कि नंगा लंड चूत में जाते ही ICU में भर्ती करनी पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत के हिसाब से लंड का वजन ज्यादा हो । धर्मवीर सोचने लगा कि कहीं ऐसा ना हो कि चूत दो झटकों में ही लाल पड़कर सूज जाए , कहीं ऐसा ना हो कि चूत के छेद पर ठंडा लंड रखते ही सिसक पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत में लंड चढ़ते ही रांड की मौत हो जाये । यह सोचते-सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया ।

सलमान - बड़ी-बड़ी आंधियों का तोड़ा है घमंड।
हमने बड़ी-बड़ी आंधियों का तोड़ा है घमंड ।
शौक जीतने का पाला है ना हारना पसंद।
लोग यूं ही नहीं मानते लोहा सलमान का,
टाइम आने पर दिखाते हैं हम दूध घी का दम ।

यह मैसेज जैसे ही आरती ने पढ़ा आरती सोचने लगी की बातें तो बंदा बड़ी-बड़ी कर रहा है चलो देखते हैं आखिर दिल कितना बड़ा है ।

आरती- ओहहो शायरी ने तो दिल ही जीत लिया साहब लगता है सोचकर बनाई है बिल्कुल । चलिए इसी बात पर एक और शायरी सुना दीजिये । हमे एक शायरी और सुननी है ।

सलमान चलिए और सुन लीजिए हम तो आपकी आवाज सुनकर आपके लफ्जो की direction पर ही शायरी बना देते है । धर्मवीर मैसेज टाइप करने लगा ।

सलमान - मैं सबकी तरह चौड़ा होकर इजहार नही कर सकता ,
मैं सबकी तरह चौड़ा होकर इजहार नही कर सकता ,
इसका मतलब ये तो नही कि मैं प्यार नही कर सकता ।
गाने लगूँ तेरी चाहत में तो ये समाज वाले सवाल उठाते हैं ,
अगर लिखने लगूँ तारीफ तेरी तो मेरे लफ्ज ही कम पड़ जाते हैं ।

यह मैसेज पढ़ा तो आरती की आंखों के जरिये ये शब्द उसके दिल मे उतरते चले गए । क्योंकि आरती की लाइफ के लिए यही तो उसके दिल की आवाज थी । आरती भी विधवा थी उसे भी अपनी इज्जत का खयाल था ।लोग तो सवाल उठाएंगे ही । यह सोचकर आरती मन मे उसकी शायरी की दाद देनी पड़ी ।
जबकि धर्मवीर की यह फीलिंग थी इस शायरी के साथ की आरती उसकी बहन जो थी तो लोग तो सवाल उठाएंगे ही ।
यह डबल मीनिंग वाली बातें चल ही रही थी कि अचानक उसकी सहेलियां आगयी ।

आरती - अच्छा साहब मेरी फ्रेंड्स आगयी है रात को बात करते हैं ।

सलमान - ok my angel.
आरती मुस्कुराते हुए टाइप करती है - oh I'm not your angel .

सलमान - अरे मजाक भी नही कर सकता क्या अगर ऐसे कहने से अगर कोई angel बन जाये तो फिर तो daily 10, 25 को ना बोल दूं ।

आरती - o bhi sahi hai .

सलमान : ओके आप घूमने जाइये अपनी फ्रेंड्स के साथ रात को बात करते है bye ।

आरती - bye ।



फ्रेंड्स के साथ आरती चल दी हिल स्टेशन की तरफ दूसरी तरफ धर्मवीर आगे की योजना बनाने लगा ।
तभी धर्मवीर अपनी घर के मंदिर में गया और जाकर भगवान के सामने कहने लगा कि - हे भगवान मैं प्रण लेता हूं , मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि जिस दिन यह लंड की भूखी अपनी चूत में पानी भरे हुए मुझसे चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार होगी , उस दिन में इसके पिछवाड़े पर लात मार कर इसे भगा दूंगा ।

प्रिय पाठकों अब आप सोच रहे होंगे कि धर्मवीर तो अभी कितने रोमांटिक और अनाड़ी वाले मूड में था , कितना उतावला था फिर उसने ऐसी प्रतिज्ञा क्यों की।
तो दोस्तों इस सस्पेंस को क्रिएट होने दो आगे चलकर देखना कि होता क्या है अभी तो कहानी शुरू ही हुई है
**********

राकेश अपने ऑफिस में बैठा हुआ अपने लैपटॉप में कुछ बड़ी ध्यान से देख रहा था तभी उसका अकाउंटेंट उनके पास आया और आगे कहने लगा कि सर बाहर जापान से कुछ विजिटर्स आए हैं । वह आपके साथ मीटिंग फिक्स करना चाहते हैं ।

राकेश ने कहा ठीक है आप उन्हें ऊपर मेरे केबिन में भेजिए मैं बात करता हूं ।

10 मिनट बाद राकेश उनके इंतजार में अपने केबिन में बैठा हुआ अपने मोबाइल में कुछ कर रहा था तभी वो आ गये ।

उन जैपनीज के साथ एक उनका ट्रांसलेटर भी था साथ में जो हिंदी और जैपनीज दोनों को ट्रांसलेट करता था वैसे तो राकेश भी एक कंपनी का ओनर था वह चाहता तो इंग्लिश में भी बात कर सकता था ।
लेकिन फिर भी सहूलियत के लिए जैपनीज अपने साथ अपना ट्रांसलेटर लेकर आए थे

ट्रांसलेटर ने हाथ मिलाते हुए कहा - राकेश सर हम जापान से आए हैं और जो हमारी कंट्री मार्किट हैं आपके प्रोडक्ट से काफी प्रभावित है । जो डिजाइन और स्टाइल आप अपनी लेडीज अंडर गारमेंट्स में देते हो उनका तो कोई मुकाबला ही नहीं है ।
आपका ब्राण्ड इंडिया में ही नहीं वर्ल्ड वाइड छा गया है। आपकी जो ब्रा होती हैं उनके जो कप का डिजाइन आप करते हैं वह आजकल मार्केट में ट्रेंड में चल रहा है । आपके प्रोडक्ट , प्रोडक्ट ही नहीं बल्कि कोहिनूर है इस मार्केट में, इस प्लेटफार्म में ।

राकेश अपने ब्रांड की तारीफ सुनकर खुश हुआ लेकिन वह समझ गया था कि यह सब तो ठीक है लेकिन इसमें इतना मिर्च मसाला लगाकर यह जैपनीज क्यों बता रहे हैं ।

आगे ट्रांसलेटर ने कहा सर हम आपकी ब्रांड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और यह इन्वेस्ट हम जापान में ही करेंगे तो हम आपसे इस बारे में डिस्कस करना चाहते हैं ।
की आप जापान में अपने ब्रांड के प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर कीजिए और जिससे कि आपका जापान इरान ऑस्ट्रेलिया इन देशों में भी आपके प्रोडक्ट का डिमांड काफी अच्छा हो जाएगा और इसमें हम इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हैं ।

लेकिन उसमें 40% हमारा होगा और 60% आपका इन्वेस्ट आपको कुछ नहीं करना है इन्वेस्ट सारा हम करेंगे बस आपके ब्रांड का नाम होना चाहिए और ब्रांड का नाम ही क्यों सर जो प्रोडक्ट आप की कंपनी बनाती है वही प्रोडक्ट्स होनी चाहिए ताकि यह ब्रांड दुनिया की नंबर वन ब्रांड बने ।

इस बारे में बात ही चल रही थी और मीटिंग में यह फिक्स हुआ कि राकेश मान गया जापान में अपनी ब्रांड की एक ब्रांच स्थापित करने को ।

लेकिन उसके लिए उसे विजिटर्स के साथ जाकर वहां का सर्वे डाक्यूमेंट्स भी चेक करना था और राकेश किसी और पर विश्वास ना करके खुद ही वहां जाकर देखना चाहता था । उसने तुरंत अपने सेकेट्री को बुलाया और कहा - मैं आज जापान के लिए निकल रहा हूं मुझे आने में 4 दिन लगेंगे तब तक के लिए आप यहां पर हो ही तो मुझे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । और बस ऐसा कहकर सबसे उसने सबसे हाथ मिलाया और अपने केबिन से बाहर निकल गया ।
हर मीटिंग को डिसमिस करने का यह अंदाज राकेश ने धर्मवीर जी से सीखा था । इसमें उन्हें प्राउड फील होता था कि अपनी बात रखी और निकल लिए । सामने वाले को यह दिखा दो कि हम तुम्हारे बाप हैं । अपने इसी अंदाज को कायम रखते हुए राकेश ने ऐसा किया था ।

राकेश लिफ्ट से सबसे ऊपर की इमारत पर पहुंचा ठंडी ठंडी हवा चल रही थी ।
उसने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाला और सिगरेट का कश मारते हुए उपासना को कॉल करने लगा ।

राकेश - उपासना - राकेश मुझे निकलना होगा और मैं घर नहीं आ पाऊंगा क्योंकि घर आकर भी मुझे ऐसा कुछ खास नहीं करना है । मैं जापान के लिए निकलना है ।

उपासना - जी मैं पूछ रही हूं कि वहां आपकी गाड़ी में तो कोई एक्स्ट्रा कपड़े भी नहीं थे , तो कपड़े तो आप लेने आएंगे या किसी को भेज रहे हैं कपड़े लेने के लिए घर पे ।

राकेश - कपड़े में अभी यहीं से खरीद लेता हूं ऐसा कह कर उसने कॉल रख दिया ।

उधर उपासना कि मन में अचानक क्या एक्साइटमेंट सी हुई उसने तुरंत शालिनी को कॉल लगाया ।

उधर शालीनी लंड पर कूद कूदकर चुद रही थी अपने बॉयफ्रेंड से ।

उपासना - हैलो शालिनी ।

शालीनी - आह आह आह की आवाज के साथ - जल्दी बोलिये भाभी ।




उपासना उसकी आह आह की आवाज सुनते हुए - ओ माय गॉड लगता है गलत टाइम पर कॉल कर दिया। वैसे यह बताने के लिए कॉल किया था कि आज तुम्हारे भैया जापान के लिए जा रहे हैं हम 4 दिन के लोए ओर हम चार दिन तक साथ सोयेंगे।

सिर्फ इतना सुनते ही शालीनी ने तुरंत एक्साइटमेंट के साथ पूछा -क्या भैया जा रहे हैं जापान ।वह तो मेरा ड्रीम कंट्री है मैं भी जाऊंगी भैया के साथ । अगर भैया कंफर्टेबल हो तो मैं भी घूम आऊंगी ।

उपासना - अच्छा बाबा तो मैं उनसे पूछ लेती हूं या तुम ही अपने भैया को कॉल कर लो, और उनसे बात कर लो ।

शालिनी ने राकेश के पास कॉल किया । राकेश ने देखा शालिनी का कॉल है ।उसने तुरंत फोन रिसीव किया ।

दूसरी तरफ से शालीनी - भैया आप जापान जा रहे हैं।

राकेश - दरअसल ये खुशखबरी तुम्हें आकर बताऊंगा अभी मैं जापान के लिए निकल रहा हूं ।

शालीनी - भैया आप अकेले ही जा रहे हैं या अपने स्टाफ के साथ हैं ।

राकेश - क्यों मैं तो अकेला ही जाऊंगा । विजिटर्स मेरे साथ है बस जो हमारे साथ इधर से चलेंगे उधर से अकेला ही आऊंगा ।

शालीनी - भैया मैं इसलिए कह रही थी कि मुझे भी जापान घूमना था । वह कंट्री घूमने के लिए बहुत दिन से सोच रही थी और आप जा रहे हैं तो मैंने सोचा भैया के साथ ही निकल जाती हूँ दोनों बहन भाई घूम भी आएंगे अगर आप कंफर्टेबल है तो मैं चल सकती हूं अदर वाइज कोई बात ही नहीं है फिर कभी ट्रिप पर चली जाऊंगी ।

राकेश ने सोचा कि अकेला ही तो जा रहा हूं और बहन कह रही है तो मना भी नहीं कर सकता वरना सोचेगी कि भैया ख्याल नहीं रखते हैं ,, और डरते हैं खर्च करने से ऐसा ही सोचते सोचते राकेश ने कहा।

राकेश - नहीं कंफर्टेबल हूं मैं और यदि तुझे चलना है तो जल्दी ऑफिस आ जाओ ।

शालिनी ने इतना सुना और एक साथ चुदते चुदते लंड पर से एकदम उठ गई और उठ कर तुरंत कपड़े पहनने लगी ।
उधर शालीनी का बॉयफ्रेंड झड़ने ही वाला था प्रिय पाठकों आप खुद सोचिये लंड झड़ने में कुछ सेकंड की बात और हो बस और उस टाइम पर तुम्हारी गर्लफ्रैंड अचानक उठकर अपने कपड़े पहन लें तो आपको कैसा लगेगा ।
मैं बताऊ आपको कैसा लगेगा - आपको लगेगा को उसे तो आप कुछ बोल नही सकते हो क्योंकि आप अपनी गिरलफ़्रेंड को बहुत चाहते हो । लेकिन मन मन मे तो जरूर बोलोगे - बहन-की-लौड़ी खड़े लंड पर धोका दे गई ।
भोसड़ी वाली KLPD कर गयी ।

शालीनी अपनी गाड़ी लेकर भैया के ऑफिस की तरफ चल दी और गाड़ी में म्यूजिक सिस्टम में ये वाला गाना सुनते हुए जा रही थी -

चूंदड़ी जयपुर त मंगवाई
र इंडी सोने की घडवाई
गले म कंठी गेर क न
टोकणी चांदी की ठाई

रूप कति निखरा

पाट रया जिकरा
बहु कई मान गी काल्ली



दामण नीचै पेहरि जुत्ती
बण गी देखो चीज कसूती
या गजबण पाणी न चाली
या गजबण पाणी न चाली
या गजबण पाणी न चाली
गजबण पाणी न चाली ।।
excelent update hai bhai
lok sansskriti kavye ka sangam
 
  • Like
Reactions: Qaatil

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,010
173
Update 9.

*********************
प्रिय पाठकों - आज का अपडेट बड़ा ही मस्त होगा । कुछ जिंदगी की सच्चाइयों से भरा हुआ और आज वैसे भी तुम्हारे राइटर का जन्मदिन है तो वैसे भी कलम से जादू दिखाऊंगा आज मैं । अब कहानी जमने लगी है आगे वो होगा जो कोई कल्पना भी नही कर सकता ।

और हां मेरे प्रिय पाठकों मेरे fans को बताना चाहूंगा कि दोस्तो आज एक चुदाई कहानी मैं पढ़ रहा था तो मैंने पोस्ट रिप्लाई में राइटर से कहा कि चुदाई जब कराओ इस बाप बेटी की तो आग लगा देना भाई ,
तो बदले में दोस्तो उस राइटर ने वहाँ सबके सामने बेइज्जती कर दी मेरी उसने कहा मुझे लिखना मत सिखा writing skills में मैं तेरा बाप हूँ ,
तो प्रिय पाठकों क्या ये सही था । इस कहानी को अब मैं इतनी hit लिखूंगा की एक दिन उसकी भी नजर पड़ेगी और वो भी पढ़ेगा और उसके लिए नीचे कुछ लाइन्स लिखी है मैंने कि -

--------------
आज इस कहानी की अपडेट जुड़ी है सच्चाई से ।
यारों की यारी में धोखे की खाई से ।
हिम्मत नही हारनी , कहानी लिखकर बाजी है मारनी ,
और तू भी सुन जो सीख सके तो सीख लेना अपने भाई से।
आज मेरी कलम बिल्कुल अंदर से बोलेगी ,
माता सरस्वती मंदिर में से बोलेगी ।
एक sex स्टोरी के राइटर ने मेरे दिल पर मारा है पत्थर ,
तो आज ये चोट खायी मछली समंदर से बोलेगी ।
अक्ल के अंधो को आंख लगाने आया मैं ,
साधुओं के माथे पर राख लगाने आया मैं ।
इस छोटी सी जिंदगी में कई बार टूट लिया ,
घायल परिंदो को पंख लगाने आया मैं ।
लिख बेटा कहानी मेहनत का फल होगा
धरती को खोद कहीं तो जल होगा ,
एक दिन जब तू मेरी ये कहानी पढ़ेगा जरूर ऐसा पल होगा ।
थोड़ा टाइम तो लगेगा पर आज नही तो कल होगा ।
तू लिखकर लेले एक दिन ये राइटर सफल होगा ।
मुझसे भी कई बार खोट होते गए ,
Cool cool मुद्दे hot होते गए ।
जिस जिस को भी सपोर्ट किया भाई मानकर ,
मेरी गलती की लिस्ट में वे नोट होते गये ।
मैं नही कहता पता है मेरा नाम सबको ।
पर कोई बात ना तरक्की दे राम सबको ।
हिट जाये कहानी मेरे छोटे बड़े राइटर भाइयों की ,
इतना भाये उनका काम सबको ।


**********
उधर राकेश और शालिनी का जापान जाने के लिए फिक्स हो हो चुका था।

शालिनी कुछ समय बाद ऑफिस पहुंची अभी अभी अभी चूत की चुदाई कराई थी जिस वजह से उसकी पेंटी भी गीली पड़ी थी , उसने सोचा कि मैं पहले नहा लेती हूं।वह जल्दी से ऊपर वाली मंजिल पर गई , जो सिर्फ मालिक लोगों के लिए होता है ।
वहां पर जाकर उसने अपने कपड़े उतारे और एक आर्टिफिशियल स्विमिंग पूल में नहाने के लिए उतर गयी ।
उसने स्विमिंग पूल में पानी का टेंपरेचर नॉर्मल किया , जिससे कि पानी ना ही ठंडा महसूस हो रहा था और ना ही गरम । 10 मिनट तक नहाने के बाद शालिनी स्विमिंग पूल पूल से निकली

अब कुछ अच्छा महसूस कर रही थी। जो चुदाई की थकावट थी वह भी निकल गई थी।
अब शालिनी ने सोचा कि क्या पहना जाए , शालिनी ने जींस और ऊपर के लिए एक शॉर्ट गाउन निकाला ।
शालिनी की गाड़ी में हमेशा एक दो जोड़ी कपड़े extra रखे होते हैं ।



उधर आरती अपने फ्रेंड्स के साथ होटल पहुंचकर घूमने की प्लानिंग कर रहे थे ।कि उन्हें कोई गाइड करने वाला हो, जो यहां पर उन्हें घुमा सके।
क्योंकि यहां के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी अचानक आरती की फ्रेंड को मायूस बैठा देखकर आरती ने पूछा कि क्या हुआ तुम ऐसे चुप क्यों बैठी हो ?
उसने कहा कि उसके बॉयफ्रेंड से उसका ब्रेकअप हो गया है । आरती बोली कि जो तुम्हारा बॉयफ्रेंड था उसे तो मैं भी जानती हो ।
वह तो शक्ल से ही बेवफा लगता था लेकिन तुम्हें उसने क्यों छोड़ दिया ?
आरती की फ्रेंड बोली मैं तुम्हारी तरह जवानी में भरी हुई नहीं हूं ना ,तुम्हारी तरह मेरी गांड बाहर नहीं निकल रही है ना, तुम्हारी तरह मेरी छातियों उठी हुई पहाड़ की तरह नहीं रहती हैं । इसलिए मेरे जैसी लड़कियों को पसंद करता ही कौन है।
यह कहते कहते वह मायूस हो गयी ।

आरती ने कहा गलती तुम्हारी नहीं है तुम्हें कोई बहुत प्यार करने वाला मिलेगा । उस लड़के को तो मैं जानती ही हूं और अब तुम उसकी उम्मीद छोड़ दो कि वह तुम्हें अपनी जीएफ के रूप में दोबारा देखना चाहेगा क्योंकि वह तुम्हारे साथ सिर्फ धोखा कर रहा है ।

आरती ने कहा मैं तुम्हे एक बात बोलू आरती की फ्रेंड बोली बोलिए तो आरती ने इस कदर अपने लफ्जों को शायरी में पिरोया ।

आरती बोली -

जिसे जाना था वह चला गया अब रोने से क्या हो जाएगा,
जिसे जाना था वह चला गया अब रोने से क्या हो जाएगा,
खोई हुई चीज को यूं ढूंढने से क्या हो जाएगा।

तू क्या सोच रही है तू अकेली है नहीं मेरी फ्रेंड बहुत रोए हैं इस प्यार में,
तेरे जैसे पता नही कितने बर्बाद हो गए हैं इस प्यार में ।

एक बार जिंदगी की फिर नई शुरुआत कर।
भूल गया वह तुझे अब तू भी भूल जा कोई और बात कर।



यह सब सुनकर आरती की फ्रेंड आरती से बोली क्या बात है। आज तो मेरी जान शायराना अंदाज में है ।

आरती यह सुनकर उसे बोली कि मेरी जान यह शायराना अंदाज मेरा नहीं है ।
वह मुस्कुराते हुए बोली कि एक शायर है जो आजकल मुझे भी शायरी सिखा रहा है ।

आरती की फ्रेंड कहने लगी कौन है वह ?

आरती बोली की है एक पागल सरफिरा जो दिलो दिमाग पर अपना घर बनाता जा रहा है। और उसकी बातों में जादू है। जब वह बोलता है तो लगता है कि हर लाइन उसने मेरे लिए ही बोली है। उसकी हर लाइन में इतना प्यार इतना रहस्य इतनी मिस्ट्री होती है कि मैं तो समझ ही नहीं पाती कि दिमाग से सुनूं या दिल से। आरती यह बोले जा रही थी ।

उधर दूसरी तरफ राकेश और शालिनी जाने के लिए रेडी हो चुके थे ।

शालिनी राकेश की आंखों के आगे आई तो अपने शरारती अंदाज में बोली भैया मैं कैसी लग रही हूं। अकॉर्डिंग टू जापान यह मेरी ड्रेस सही है।

राकेश ने जैसे ही उसे देखा राकेश तुम मानो पागल ही हो गया शालनी की हिरनी जैसी आंखों पर लगा हुआ काला चश्मा उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा था।

राकेश बोला आज तो मेरी बहन लगता है दिलों पर राज करेगी यह बोलते हुए राकेश मुस्कुरा दिया ।

शालिनी बोली बताओ ना भैया कैसी लग रही हूं ।

राकेश बोला आज तो तुम बिल्कुल ही कयामत लग रही हो कयामत से भी ऊपर लग रही हो । तुम्हारा यह ड्रेस लुक बहुत अच्छा है शालिनी तुम्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि तुम कोई हीरोइन नहीं हो । तुम बिल्कुल हीरोइन ही लग रही हो ।

शालीनी यह सुनकर मुस्कुरा दी उधर राकेश ने पहली बार ऑब्जर्व किया कि उसकी बहन पूरी तरह से जवान हो गई है। उसकी बहन की उम्र भी तो जवानी में लंड खाने के लायक ही है राकेश कहने लगा अपने मन में ।

राकेश ने पहली बार ऑब्जर्व किया था कि शालिनी की जांगे भर गई है उपासना से तो मोटी नहीं है , लेकिन हां अब कपड़े फंसने लगे हैं। उसकी जवानी में कोई भी कपड़े पहन लो वही फस जाते हैं । राकेश सोचने लगा कि अब शालिनी की शादी कर देनी चाहिए क्योंकि वह अब जवान हो गई है यह सोचते सोचते उसकी नजर उसकी छाती के ऊपर पड़ी तो मानो रेड कलर में वह फटने को तैयार हो रही हो । और जैसे खरबूजा होता है खरबूजे जैसे चूचे तो उसके छाती पर इस तरह शोभा दे रहे थे जैसे हिमालय पर्वत ।
उनकी गोलाई और उनका उठाव पागल कर गया राकेश को और राकेश के मुंह से निकला-




राकेश शालीनी से बोला -
तेरे नैन नशीले बेबी खतरनाक ,
लगा लिया तूने काला चश्मा अपनी धकलीं आंख ।
तेरी एक अदा पर बंदे मर गए लाख ।
तूने जला दिए दिल बस बची है राख ।
है गजब तेरा लुक सोना moon जैसा मुख ।
जो भी तुझे एक बार देख ले उसे मिल जाए सारी दुनिया के सुख ।
तुझे देखकर मेरी तो सांसे गई रुक ,
I want to read your beauty वाली book ।


अपने भाई राकेश के मुंह से ऐसी लाइंस सुनकर शर्मा गई शालिनी और कहने लगी भैया आप तो कोई पहुंचे हुए शायर लगते हैं ।
यह शायरी आपने कहा सुनी राकेश ने कहा मैंने यह सुनी नहीं है तुम्हें देखकर ऑन द स्पॉट बनाई है ।

शालिनी कहने लगी तुरंत शायरी बनाने में एक्सपर्ट हो भाई आप ।

उसके बाद शालिनी और राकेश तुरंत गाड़ी की तरफ चल दिए । दोनों गाड़ी में जा कर बैठे ।

जैपनीज की गाड़ी पीछे चल रही थी राकेश वाली गाड़ी से ।

राकेश और शालिनी पीछे बैठे हुए थे।
आगे ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और गाड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ भाग रही थी ।
अचानक राकेश ने पीछे वाली गाड़ी के ड्राइवर से कहा ,( जो जैपनीज वाली गाड़ी चला रहा था ) तुम एयरपोर्ट चलो हम जरा कुछ शॉपिंग करके आते हैं । कुछ कपड़े खरीदने हैं वह मैं खरीद कर आ रहा हूं एयरपोर्ट पर ही मिलूंगा ।

लेकिन जब राकेश ने फोन किया तो गाड़ी में हिंदी गाना बज रहा था जिसे सुनकर राकेश ने सोचा कि जैपनीज तो बोर हो रहे होंगे ।उसने अपने ड्राइवर से कहा कि कोई हॉलीवुड का इंग्लिश सॉन्ग प्ले करो या इसे बंद करो।
क्योंकि जैपनीस हिंदी नहीं समझ पा रहे होंगे ऐसा कह कर उसने कॉल रखदी ।
राकेश ने भी अपनी गाड़ी में भी एक इंग्लिश गाना चला दिया । गाना कुछ इस तरह था -

you are my love you are my life,
you are star of my eyes .
give me hug every time,
you are sweet you are nice.
You are fine like a wine ,
Your beauty is God's design .

यह गाना शालिनी को बहुत पसंद आया उसने पहली बार सुना था और वह गाने में खो गई ।


उसके बाद उधर दूसरी तरफ उपासना अपने कमरे में बैठी हुई सोच रही थी कि आखिर क्या किया जाए ।
अचानक उसके मन में पता नहीं क्या आया वह उठी और उठ कर नहा कर आई।

नहाने के बाद उसने एक पार्लर वाली को बुक किया और घर बुलाया कुछ ही देर बाद दोस्तों उपासना बैठी हुई थी नीचे फर्श पर ।
उसने सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी । ड्रेसिंग कमरे में सिर्फ उपासना और पार्लर वाली ही थे , गेट लॉक था ।

पार्लर वाली उपासना के पैरों पर मेहंदी लगा रही थी।
हाथों पर पहले ही लगा चुकी थी ।
दोस्तों उपासना ने आज अपने हाथ की उंगलियों से लेकर अपने कंधे तक मतलब पूरी पूरी बाजुओं पर मेहंदी लगाई थी , फूलों के डिजाइन से ।
और पैरों की शुरुआत हो चुकी थी और उसने पार्लर वाली को बोला कि उसे अपने पैरों की उंगलियों से लेकर अपनी जांघों को मेहंदी से सजाना है ।



पार्लर वाली ने उसकी टांगो पर मेहंदी लगन शुरू किया तो घुटनो तक तो फूलों के डिजाइन बनवाये उपासना ने और उसके बाद गदरायी जांघो पर उसने पत्तियों के डिजाइन बनवाये । और उनके डिजान्स के बीच मे मेहंदी से slut और आपकी रंडी लिखवाया ।

उसके बाद उसने पेट पर भी मेहंदी लगाई मतलब पूरी तरह से सजने धरने का प्रोग्राम आज उपासना बना चुकी थी।

दो-तीन घंटे के बाद मेहंदी सूखने के बाद उपासना नहाने चली गयी तो दोबारा से उपासना नहा कर निकली ।



और जैसे ही उसने अपने आपको आईने में देखा तो उसे शर्म आ गई ।

दोस्तों ऊपर से नीचे तक मेहंदी में रची हुई उपासना शीशे के सामने खड़ी थी । उसकी गांड पीछे को निकली हुई थी और छातियां आगे को निकली हुई थी ।
उपासना ने मेहंदी से अपनी छातियों पर भी निप्पल के चारों ओर एक गोल सर्कल बनवाया था।
जिससे उसकी चूचियां इतनी ज्यादा मस्त लग रही थी कि अगर किसी की आंखों के सामने नंगी आ जाए तो उनको खा ही जाए ।

उसके पेट पर नाभि के चारों तरफ भी मेहंदी से बना हुआ एक सर्कल था । जो और भी ज्यादा अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था ।

अपनी क्लीन चूत के चारों तरफ मेहंदी की एक लाइन खिंचवा रखी थी । और चूत के 3 इंच ऊपर जहां से जाटों की शुरुआत होती है, वहां से उसने तकरीबन कोई इन 4 इंच के घेरे में झांटें छोड़ दी थी, यानी कि वह साफ नहीं की थी।
जो छोटी-छोटी काले रंग की झांट और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।

फिर उसकी नीचे भरी-भरी जांघें जो सिर्फ आगे से मेहंदी से रची हुई थी , लेकिन पीछे से नहीं ताकि कोई भी देखे तो उसे उपासना की जांघ सामने से सजी-धजी ही नजर आए।
लेकिन जब उसे सीधी लिटा कर उसकी टांगों को मोड़ कर उसकी छाती से लगाए तो पीछे की तरफ की जांघ , जब सामने आए तो उन पर मेहंदी रची हुई नहीं दिखेगी ,वह बिल्कुल नंगी मोटी जांघ दिखेगी ।

इस तरह से अपने आपको एक यूनिक तरीके से सजाकर मन ही मन बड़ी मुस्कुरा रही थी उपासना ।

उपासना को अब सेलेक्ट करना था ड्रेस कोड ।
उसे ड्रेस क्या पहनना है वह जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बेड पर एक-एक ड्रेस कोअलग करने लगी।

पहले उसे एक गाउन मिला तो उसने सोचा कि गाउन पहनकर सजी हुई मैं अच्छी नहीं लगूंगी । उसने गाउन एक तरफ फेंक दिया ।
फिर दूसरे नंबर पर उसके हाथ में जींस आई तो जींस को भी उसने एक तरफ फेंक दिया ।
फिर उसने एक सूट सलवार निकाले लेकिन वह सूट सलवार भी उसे पसंद नहीं आए ।
उसने सोचा क्या पहना जाए ऐसा क्या पहना जाए जिससे मेरा सजा हुआ यह रूप और भी खूबसूरत लगे ।
उसने दोस्तों एक साड़ी निकाली लेकिन वह भी उसे पसंद नहीं आई ।
उसने फिर सोचा कि मैं एक काम करती हूं ऐसा सोचकर उसने तुरंत कॉल लगाया अपने मार्केट इंस्पेक्टर को।

और कहा - I'm upasna from DS Industries. मुझे मार्केट में जो सबसे अच्छा टेलर है उनका डाटा चाहिए।

इंस्पेक्टर ने कहा सुनकर अच्छा लगा कि आप जैसे बड़े लोगों ने हमें याद किया ।
बिल्कुल आप एक सेकंड का वेट कीजिए , मैं अभी निकलता हूं और निकाल कर उपासना को ट्रांसफर कर दिया ।

उपासना ने टेलर को कॉल लगाया उधर से आवाज आई कोई लेडीस की ।

उपासना ने कहा - कि मुझे कोई ड्रेस सेलेक्ट करना था पहनने के लिए लेकिन मुझे कोई ड्रेस पसंद नहीं आया।
तुम्हें चाहती हूं आप मेरे घर पर 20, 30 दुपट्टे भेज दे। जो सूट सलवार के ऊपर दुपट्टे पहने जाते हैं वो वाले ।

सुनकर टेलर ने कहा कि दुपट्टा किस तरह का चाहिए मैडम ।

उपासना ने कहा कि जो बिल्कुल देसी सूट सलवार के दुपट्टे होते हैं , जो ज्यादा मोटे कपड़े की नहीं होती हैं ।
ट्रांसपेरेंट वाले टाइप की होती हैं वह वाली भेज दो।
जिन्हें चुन्नी बोलते है ।
और साथ में एक एक्सपीरियंसड फीमेल टेलर भी भेज देना ।

आधे घंटे के बाद आ गयी । उपासना ने उसे 1 सेपरेट रूम में बिठाया और उसे उसकी सिलाई मशीन वहां पर रखवा दी।
टेलर बैठी हुई था और उपासना से पूछने लगी - यस मैम कपड़ों में क्या मॉडिफिकेशन आपको कराना है ।

तो उपासना ने कहा कि मुझे सूट सलवार बनवाना है ।

यह सुनकर टेलर कहने लगी - मैडम मैं सूट सलवार के कपड़े तो लेकर ही नहीं आई हूं । मैं तो केवल चुन्नियां लेकर आई हूं ।

उपासना ने कहा - यही तो ट्विस्ट है की मुझे चुन्नी वाले कपड़े के सूट सलवार पहनने हैं , तो तुम कितना टाइम लोगे इन्हें सीलने में ।

टेलर यह सुनकर चौंक गई और कहने लगी - मैम ऐसे भी कोई सूट सलवार पहनता है क्या ।

उपासना अभी दरअसल साड़ी पहनकर खड़ी हुई थी। इस वजह से टेलर को नहीं समझ आ रहा था कि यह चुडक्कड़ रंडी क्यों बनवा रही है दुप्पटे वाले कपड़े के सूट सलवार ।

तो टेलर ने कहा - ठीक है मैम जैसा आप चाहो मुझे तो बनाना है , आप किसी भी कपड़े का बनवा लो। मैं आधे घंटे में रेडी कर दूंगी । दुपट्टे के कपड़े के सूट सलवार तो वैसे भी जलदी बन जाएंगे ।
बस आप मुझे अपना नापा दीजिए बॉडी का।

यह सुनकर उपासना उसके पास गई और अपनी साड़ी एक तरफ उतार कर रख दी ।

जैसे ही उसने साड़ी उतारी तो टेलर चोंक गयी उसकी सजावट देखकर । नाभि के चारो और सर्कल देखकर मेहंदी से लगा हुआ वह बहुत ही ज्यादा उत्साहित हो गई और पूछने लगी कि भाभी आज कोई फंक्शन में जाना है क्या आपको ?

उपासना कहने लगी - आप अपना काम कीजिए ।

इस वक्त दोस्तों उपासना ने फुल स्लीव का ब्लाउज पहना हुआ था मतलब पूरी ढकी हुई थी फुल कपड़े में जिस वजह से उसकी बाजू की मेहंदी टेलर को दिखाई नहीं दे रही थी।
और नीचे पहना हुआ था उसने पेटीकोट जिस वजह से नीचे की मेहंदी भी उसे दिखाई नहीं दे रही थी ।
उसे केवल उसके हाथों की और उसके पेट पर आगे बने सर्कल ही दिखाई दे रही थी।

उसने नापा लेना स्टार्ट किया तो उपासना ने कहा - आप पीछे से गला डीप रखना सूट का , और उसकी जो कुर्ती होगी वह मेरे हिप्स तक ही रहेगी ।

यह कहकर उसने नापा देना स्टार्ट किया तो टेलर ने उसकी जांघों को फीते से नापा तो वह हैरान रह गई क्योंकि उसकी जांघे नॉर्मल लड़कियों के मुकाबले काफी मोटी थी ।

उसने उसके बाद उसने उसकी कमर में फीता डाला तो उसकी कमर का पतलापन देखकर वह हैरान रह गई।

उसके बाद उसने उसकी छातियों में फीता डाला छाती भी नॉर्मल लड़कियों के हिसाब से और उसकी एज के हिसाब से काफी गदरा गई थी । छातिया नहीं दोस्तों हम उन्हें पके हुए पपीते बोल सकते हैं ।

उसके हिप्स का नापा लिया तो उपासना के हिप्स भी चौड़े चौड़े थे । साड़ी भी नाकाम साबित होती थी उस गांड को ढकने में और आज ये चुदक्कड़ देवी उस गांड को झीनी सी सलवार से ढकने के ख्वाब देख रही थी ।


उधर दूसरी तरफ धर्मवीर अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप में कुछ देख रहा था।
अचानक धर्मवीर ने सोचा कि नीचे जाकर दूध ही पी लेता हूं, लेकिन उसने सोचा की उपासना को मैं कॉल कर देता हूं।

उसने उपासना को कॉल किया - उपासना मेरे कमरे में दूध दे जाओ ।

उपासना यह सुनकर थोड़ा शरमा गई लेकिन उसने जल्दी से एक बड़ा सा शॉल लिया और अपने पेट और कमर को भी छुपा लिया । साड़ी पहन ही रखी थी ।
बस उसके हाथ ही अब बाहर दिखाई दे रहे थे ।

उपासना दूध लेकर राजवीर के कमरे में गई तो दोस्तों धर्मवीर की आंखों ने जब उपासना को देखा तो उपासना के प्रति उसके दिल में उपासना की और इज्जत बढ़ गई वह सोचने लगा - कि मेरी बहन और मेरी बहू में कितना फर्क है।

आरती और उपासना में कितना फर्क है।

बहू मेरे घर की मान और मर्यादा का कितना ख्याल रखती है। वास्तव में भगवान ऐसी बहू सबको दे मेरी बहू करोड़ों में एक है ।अपनी बहू की तारीफ मन ही मन करता हुआ उसने दूध उसके हाथों से जैसे ही लिया ।

तो उपासना के रचे हुए हाथ देखकर वह मन में चौक गया , सोचने लगा धर्मवीर कि रात को जब सब डिनर कर रहे थे तब तो उपासना के हाथों पर कुछ भी नहीं था। और अब उपासना के हाथ बिल्कुल रचे हुए हैं।

आज तो कोई त्यौहार या कोई फंक्शन भी नहीं है मन में धर्मवीर ऐसा सोच ही रहा था कि तभी उसने सोचा हो सकता है उपासना को आज कहीं पर जाना हो। किसी फंक्शन या पार्टी में तो अनायास ही पूछ बैठा की - बहू आज तुम कहीं जाने वाली हो क्या ?

उपासना ने कहा कि- आज वो और उनकी बहन यानि मेरे पति राकेश और शालिनी दोनों जापान गए हैं ।
और आरती दीदी भी अपने फ्रेंड्स के साथ हिल स्टेशन गई हैं लेकिन वह तो शाम तक आ जाएंगी ।नहीं पापा जी मुझे तो ऐसा कहीं कोई खास पार्टी में नहीं जाना है ।
मैं तो आज घर पर ही हूं यह कहते हुए वह चुप हो गई।

धर्मवीर ने कहा - हाँ कॉल आया था राकेश का उसने बताया इस प्लान के बारे में कि वह दोनों बहन भाई जपेन जा रहे हैं । अच्छा है बहू की अपने बिजनेस की पकड़ और भी मजबूत हो और हम दौलत और शोहरत दोनों में अपना नाम और बड़ा करें । राकेश की लगन देखकर मुझे लगता है कि वह अपने बाप के नाम को रोशन कर देगा ।

लेकिन यह बोलने के बाद में धर्मवीर ने मन में सोचा कि बहू को कहीं आज जाना भी नहीं है । और राकेश भी घर पर नहीं है जो पति के लिए सजी हो तो फिर आज बहू ने हाथ क्यों रचाये हुए हैं धर्मवीर ऐसा मन में सोच ही रहा था लेकिन पूछने की हिम्मत नहीं कर सका ।

और दूध लेकर अपने बेड पर बैठ गया उपासना दूध देकर जैसे ही जाने को मुड़ी तो दोस्तों साड़ी और शॉल से ढकी होने के बावजूद भी उपासना की गांड की लचक महावीर की नजरों से बची ना रह सकी । और मजबूर हो गया धर्मवीर अपनी आंखों से स्कैन करने को ।

उसका bubble ass यानी चौड़ी गांड एक बार तीर मार गई महावीर के दिल में। और अपनी नजरो से ही अपनी बहु को नंगा करने लगा ।




लेकिन महावीर ने तुरंत सोचा कि मैं कितना गंदा हूं ।
आजकल की इतनी मॉडर्न घर की इतनी हाई प्रोफाइल फैमिली से बिलोंग करने वाली लड़कियों को मैंने नंगे घूमते हुए देखा है । लेकिन मेरी बहू ढकी हुई है पूरी की पूरी और उसके बावजूद भी मैं अपने मन में उसकी गांड को घूरने के सपने देख रहा हूं । छी मैं कितना गंदा इंसान हूं मुझे ऐसा नहीं होना चाहिए । मैं तो धरती पर कलंक ही हूं । मैं इंसानियत पर कलंक हूं । मुझे अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए और मैं किस रास्ते पर चलने की सोच रहा हूं।


धर्मवीर ऐसा सोचता ही रह गया और उपासना निकल चुकी थी।

उपासना जैसे ही नीचे आई राकेश का कॉल आया हूं कि हम दोनों बहन भाई एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं ।
और दोनों बहन भाइयों ने कपड़े भी खरीद लिए हैं ,
और वह उसे कहने लगा कि हो सकता है मैं कॉल ना कर पाऊं तो मेरी जान मेरी बात को समझना कि अभी दो-तीन दिन बिजी हूं । और यह सब किसके लिए कर रहा हूं अपनी बीवी के लिए ही तो कर रहा हूं अपनी फैमिली के लिए ही तो कर रहा हूं , अपने परिवार के लिए ही तो कर रहा हूं।

यह सुनकर उपासना खुश हुई और अपने पति को प्यारी सी किस देकर फोन रखा ।


तब तक टेलर ने तैयार कर दी थी ड्रेस। उ
उपासना ने जो ड्रेस बनवाई थी दोस्तों उसकी जो नीचे सलवार थी वह पूरी चुस्त टाइट बनवाई थी , और उस सलवार की लंबाई घुटनों से थोड़ा ही नीचे तक थी यानी की पूरी पैरों तक नहीं घुटनों से हल्का नीचे तक की थी जहां तक कैपरी होती है ।
और वह चुस्त सलवार के ऊपर चुन्नी वाले कपड़े की ही कुर्ती थी यानी की सलवार और कुर्ती दोनों ही चुन्नी वाले कपड़े के थे । और दोनों ही चुस्त और टाइट ।


उपासना ने इन कपड़ों को लेकर रख लिया ।
फिर उपासना ने टेलर को दस हजार का एक नोट देते हुए विदा किया।

प्रिय पाठकों आप सोच रहे होगे की उपासना आज किसके लिए सजी है
आखिर आज क्या होने वाला है , क्या आज रात को नंगा नाच होने वाला है। क्या आज उपासना चुदने वाली है । क्या उपासना एक ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार हो रही है । क्या उपासना को चार या पांच मर्द मिलकर चोदने वाले हैं आज की रात । क्या उस उपासना के सारे छेदों में आज वीर्य भरा जाना है रात को । आखिर आज साला होने वाला क्या है यह यही आप सोच रहे होंगे ना ।
तो अब यह नेक्स्ट अपडेट में दोस्तों ।

मां कसम आज एक बार फिर कहता हूं कि मां कसम आग लगा दूंगा इस कहानी के जरिये हर चुत और लंड में । इस कहानी को पढ़कर चूतों में से अनलिमिटेड पानी की नदी बहेगी और लंड वालो को चूतों के सपने खुली आँखों से भी दिखने लगेंगे ।
वादा है मेरा प्रिय पाठकों कि तुम्हें लत लगा दूंगा मेरी कहानियों की।
......
parsanshniye update hai bhai
 
  • Like
Reactions: Qaatil

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,010
173
superb update hai bhai
 
  • Like
Reactions: Qaatil

Rachit Chaudhary

B a Game Changer ,world is already full of players
1,038
2,361
159
rash barsati dhul udati update hai bhai
Dhanyavad
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,010
173
sarhniye update hai bhai
 
Top