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Incest संस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी ।

किस तरह की कहानी चाहते हैं आप , Tell me your taste .


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Rachit Chaudhary

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ज्यादा जल्दी है क्या भाई चलने दो स्टोरी । अगर कुछ मसाला है दिमाग में तो बता दो add कर देंगे
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update 4

सभी hall में नाश्ता करते हुए गपशप कर रहे थे ।
उपासना और आरती दोनों नहा चुकी थीं । उपासना ने नहाकर आज साड़ी पहनी हुई थी जो उसने नाभि से बिल्कुल 3 इंच नीचे बांध रखी थी और जो साफ दिख रहा था कि ये साड़ी उसकी जवानी को छुपाने के हिसाब से छोटी है । आरती भी एक सूट सलवार पहनकर आयी थी , उसकी सलवार चुस्त नहीं थी बिल्कुल पटियाला सलवार की तरह बहुत ही ज्यादा खुली हुई थी जिससे की उसके भारी भारी कूल्हे उसमे पूरे ढके हुए थे क्युकी दिन में ये सीता से कम नहीं थी । राकेश भी office जाने के लिए ready हो चुका था ।




धरमवीर - राकेश हम जो एक और new company स्टार्ट करने वाले है सोच रहा हूं उसका उद्घाटन करने से पहले ये तय होना जरूरी है कि उसका नाम क्या रखे ।
राकेश - पापाजी आपके नाम पर already दो कंपनीज है और एक मैं संभालता हूं but नाम तो तीनों का एक ही है जो मम्मी जी के नाम पर है DISHA Industries ।
धरमवीर - हां मै सोच रहा हूं एक जो नई कंपनी खोल रहे है उसका नाम हम अपनी बहू उपासना के नाम से रखे ।
उपासना - पा_पापा वो आप ऐसा मत कीजिए मम्मी जी के नाम से ही स्टार्ट कीजिए क्युकी मै चाहती हूं हम मम्मी जी के नाम को ही और बड़ा करना चाहिए ।
धर्मवीर बहू की इस बात पर हंसते हुए कहने लगा - बहू तुम जितनी खूबसूरत हो उतनी ही समझदार भी हो ।
शालिनी - डैडी समझदार तो मै भी हूं ।
धरमवीर - मेरी बहू और बेटी दोनों ही समझदार है अब खुश । वैसे आज तुम्हे तो जाना है शालिनी पर उपासना आज तुम भी जल्दी ही नहा ली तुम्हे भी कहीं जाना है ।
उपासना - हकलाते हुए - ज_जी पापा जी वो मै रोज ही जल्दी नहा लेती हूं ।
तभी उसकी बात काटते हुए तपाक से बोल पड़ी ।
शालिनी - हां जी बिल्कुल पापा भाभी को वैसे भी नहाना ही पड़ता ।
शालिनी के इस जवाब से राकेश का मुंह खुला का खुला रह गया राकेश समझ गया कि शालिनी ने उसे किस हालत में देखा है ।
और ये बात शालिनी ने नोट करली जिससे वो शरमा गई उसे अहसास हुआ कि ऐसा नहीं बोलना चाहिए था उस पर वो तो निकाल गया मुंह से ।
उपासना को काटो तो खून नहीं की वो अब क्या बोले उसके गाल सुर्ख लाल हो गए शरम से ।
धर्मवीर - नहाना ही पड़ता बेटा मै समझा नहीं ।
उपासना - ज_जी पापा वो सुबह सुबह मुझे पानी पीना अच्छा लगता है और आज सुबह राकेश ने मुझे पानी दिया और वो गलती से ऊपर गिर गया जिस वजह से नहाना ही पड़ता ।
धर्मवीर - hahaha अच्छा बेटा खयाल रखा करो थोड़ा ।

उधर शालिनी मन ही मन सोच रही थी - की भाभी ने कितनी आसानी से छुपा लिया और बात को घुमा दिया । वैसे ठीक ही किया भाभी ये तो नहीं बता सकती थी कि इसलिए नहाना पड़ता क्युकी रात भर में नंगी नाची हूं अपने पति के लंड पर मेरी ऐसी हालत हो रही थी जैसे कोठे की कोई सस्ती रण्डी रात भर टांगे चौड़ाकर लंड खाकर सोई हो ।
शालिनी अपने दिए हुए जवाब पर शर्मा रही थी इस वजह से उसने उठना ही बेहतर समझा । और सबको gud bye बोलकर चलदी अपने बंगले के पार्किंग की तरफ ।
जाते जाते राकेश की आंखो से इसकी झोल खाती हुई गान्ड बच ना सकी ।




राकेश - ok अपना भी हो गया मै चलता हूं , ये कहकर राकेश भी अपना लैपटॉप बैग उठाकर चल दिया ।
अब hall में सिर्फ आरती , धरमवीर और उपासना थी ।
आरती मन ही मन रात सलवार फटने वाली घटना को याद करके धरमवीर से आंखे नहीं मिला पा रही थी ।
धरमवीर - उपासना मै दोपहर को कुछ शॉपिंग करने जाऊंगा और मेरी गाड़ी शालिनी ले गई है ।
उपासना - जी पापा घर में मेरी और आरती दीदी की गाड़ियां भी है आप जिसे चाहो ले जाना ।

कुछ देर बाद जैसे ही अपने बंगले की पार्किंग में गया उसने उपासना की गाड़ी का गेट खोला ही था कि अचानक उसकी नजर आरती की गाड़ी पर पड़ी जहां आगे नंबर प्लेट पर एक कागज जैसी चीज घुसी हुई थी । धरमवीर ने जैसे ही वो कागज़ निकाल तो वो एक letter था जिसमें लिखा हुआ था
-
hi Aarti .
मै जानता हूं कि तुम भी मुझे चाहने लगी हो जब भी तुम्हे जिम करते हुए देखता हूं दिल को मुश्किल से संभाल पता हूं । अगर आप मेरी दोस्ती कबूल करती है तो प्लीज रिप्लाइ कीजिएगा xxxxxx5689 इस नंबर पर ।
आपका दीवाना - सलमान सिद्दीकी।


ये पढ़कर धरमवीर को समझते देर ना लगी कि जहां आरती जिम जाती है वहां पर उसे कोई पसंद करने लगा है और वो direct नहीं कह पाया है इसलिए उसने ऐसा किया है । धरमवीर ने वो कागज़ अपनी जेब में रख लिया ।

मार्केट में जाकर धरमवीर के मन में अचानक क्या सूझा कि उसने एक shop से एक micro voice recorder खरीदा जो उसके मोबाइल से कनेक्ट होता था। उसने मोबाइल शॉप से जाकर एक iphone 11 खरीदा और दो नई सिम खरीदी ।
और फिर उसने अपनी खरीदारी की जो उसे करनी थी ।
फिर धरमवीर गाड़ी में आकर बैठा और उसने वो कागज़ अपनी जेब से निकाला । और वैसा ही एक letter उसने लिखा और उसमे उस नंबर की जगह अपनी एक नई खरीदी हुई सिम का नंबर लिख दिया ।

घर आकर उपासना की गाड़ी पार्क करके वो letter जो उसने लिखा था चुपके से आरती की गाड़ी के नंबर प्लेट पर वही लगा दिया ।

अपने फ्लोर पर जाने की बजाय second फ्लोर पर किचन में गया और रखा हुआ दूध उसने जमीन पर गिरा दिया।
फिर उसने दूधवाले को फोन लगाया कि उसके घर में दूध गिर गया है तो दूध लेकर दे दीजिए ।
दूधवाला - जी साहब अभी आया 10 मिनट में ।
जैसे ही दूधवाला आया धरमवीर ने आरती को कॉल किया क्युकी घर ज्यादा बड़ा था और कमरे hall के बाद से शुरू होते थे तो वह तक आवाज नहीं पहुंच पाती थी ।
धर्मवीर - आरती , जरा किचन में आइए ।
आरती - जी भईया अभी आयी ।
आरती मन ही मन सोचते हुए आने लगी कि पता नहीं क्या बात ह जो भैया किचन में बुला रहे है । और आरती अपना मोबाइल हाथ में लेकर ही किचन की तरफ आने लगी ।

आरती ने किचन में आकर देखा कि दूध नीचे जमीन पर फैला पड़ा है और दूधवाला भी वही खड़ा है ।
आरती - जी भईया आप कब आए , और ये कैसे गिर गया भईया ।
धरमवीर - आरती वो मै अभी आया था और आकर दूध पीने का मन किया तो किचन में मुझसे दूध ही गिर गया सो तभी मैंने दूधवाले को फोन करके बुला लिया दूध लेने के लिए ।
आरती ये सुनकर बोली - कोई बात नहीं भईया मै इसे साफ कर देती हूं । आरती वहीं पर किचन से बाहर की तरफ अपना मोबाइल रखकर दूध को साफ करने लगी । धरमवीर सिंह ने दूधवाले से दूध का डब्बा ले लिया और दूधवाला चला गया ।
धरमवीर सिंह ने दूधवाले को जाते ही बाहर रखा हुआ आरती का मोबाइल जल्दी से switch off किया और अपनी जेब में डाल लिया ।

फिर धर्मवीर ने जैसे ही आरती की तरफ नजर घुमाई तो आरती ने वैसे तो लूज पटियाला सलवार पहनी हुई थी पर जैसे ही वो नीचे बैठकर पोछा लगाने वाली स्टाइल में बैठकर दूध साफ करने लगी इसकी गान्ड ने अपना पूरा फैलाव ले लिया। आरती का पिछ्वाड़ा इस तरह बैठने से हल्का हल्का नीचे फर्श को टच कर रहा था । धरमवीर मन ही मन - एक दिन मेरी चुदक्कड़ रांड को इसी तरह अपने मुंह पर बिठाकर उसके पिछवाड़े की चौड़ाई में चार चांद लगा दूंगा ।




फिर आरती खड़ी हो गई जैसे ही खड़ी हुई उसकी पिछवाड़े में उसकी कुर्ती फस गई एकबार तो धरमवीर का मन किया कि उस कुर्ती को उसकी गान्ड में से आने मुंह से निकले । पर उसने तुरंत ही नजर घुमा ली ताकि आरती उसे देख ना ले ।
आरती - भईया ये तो साफ हो चुका है , अपने आकर मुझे बोल दिया होता दूध के लिए ।
धर्मवीर - कोई बात नहीं मेरी छोटी बहन को बिना वजह परेशान नहीं करना चाहता था ।
फिर उसने धीरे से बोला रात दिया तो था तुमने दूध अपनी सलवार ही फाड़ ली थी ।
ये बात उसने बोली तो धीरे से थी पर आरती पास खड़ी यह बिल्कुल साफ सुं चुकी थी । और ऐसा सुनते ही आरती ने मुंह फेर लिया उसके गाल बिल्कुल लाल पद गए शर्म से वो बिल्कुल मौन हो गई ।
धरमवीर ने बात ज्यादा सीरियस ना करते हुए बोला - कोई बात नहीं मेरी बहन अब एक काम कर दो मै मार्केट से एक facewash लाना भूल गया अगर तुम फ्री हो तो ले आओ बाहर से ही 10 मिनट लगेंगे ।
आरती - जी भईया मै अभी ले आती हूं और ऐसा कहकर जैसे ही आरती किचन के बाहर आती तो मोबाइल गायब था उसका ।
धरमवीर - क्या हुआ आरती क्या ढूंढ रही हो ।
आरती - भईया मै आपसे बात करते हुए मोबाइल हाथ में लाई थी और अब यहां नहीं है , यही तो रखा था ।
धर्मवीर - ध्यान से देखो बहन कहीं और तो नहीं रख दिया ।
आरती - बिल्कुल नहीं भईया अभी तो इस जगह पर रखा था मैंने , oh my god मेरा मोबाईल अपने गिफ्ट किया था मुझे ।
धर्मवीर - मुझे लगता है आरती की फिर तो तुम्हारा मोबाइल दूधवाला ले गया ।
आरती - मुझे भी ऐसा ही लग रहा है । ( आरती को धरमवीर के खुरापाती दिमाग का बिल्कुल अंदाजा नहीं था )
फिर तो भईया मै उसे बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी उसको तो मै जेल में भिजवा दूंगी ।
धर्मवीर पासा पलटते देख बात संभालता हुआ बोला - कोई बात नहीं आरती वो बेचारा गरीब है शायद उसके पास तो पैसे भी नहीं होंगे की वो इतना महंगा मोबाइल खरीद सके ।चलो कोई बात नहीं मुझे आज शाम को अपने दोस्त के बेटे के जन्मदिन में जाना था जिसके लिए मै gift में मोबाइल ही लाया था , चलो मैं दूसरा खरीद लूंगा तुम उसे रख लो ।
आरती ये सुनकर थोड़ी नॉर्मल हो गई - भईया कितना बड़ा दिल है आपका एक चोर के लिए भी । पर भईया मेरे सारे कॉन्टैक्ट नंबर उस सिम में हो save थे बस।
धर्मवीर - कोई बात नहीं बेटा मै मोबाइल और सिम दोनों लाया था उपासना वाली गाड़ी में रखा है ये लो चाभी जाओ जाकर ले आओ ।
आरती चाभी लेकर पार्किंग की तरफ चली गई ।
उधर धरमवीर उसे गान्ड हिलाती हुई जाती देखकर मन ही मन बोला हो गई मेरी तैयारी मेरी घोड़ी तेरी सवारी करने की क्युकी तुझे तेरी गाड़ी तक भेजना ही मेरा मकसद था ।

आरती जैसे ही उपासना की गाड़ी से मोबाइल निकालकर गाड़ी लॉक करके चली अचानक उसकी नजर अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट पर पड़ी । उसने जाकर वो कागज़ निकाला और वही पर पढ़ने लगी ।
आरती उसे पढ़कर सोचने लगी कि ये सलमान siddiqi वही है शायद जो रोज मुझे देखता रहता था और उस जमीन ने ये contact नंबर भी दे दिया । मै ऐसे किसी को मुंह नहीं लगा सकती । लेकिन अचानक उसके मन में पता नहीं की आया उसने वो कागज़ अपनी ब्रा में छुपा लिया । आरती अंदर गई ।
आरती - wow भईया अपने iphone 11 खरीदा है , I love it .
धरमवीर - हां उसमे एक सिम भी है वो ही लेलो तुम ।
आरती - ok भईया , भगवान ऐसा भईया सबको दे ।
धरमवीर - अच्छा आरती आज जब मै मार्केट से आ रहा था तो तुम्हारे जिम के पास भीड़ इकट्ठा हो रही थी ।
आरती जिम का नाम सुनते ही उसका दिल धड़कने लगा - क्या हुआ था भईया वहां पर ।
धरमवीर - वहां पर GYM owner खड़े थे वो कह रहे थे कि उन्होंने आज से ये GYM बंद कर दिया है । क्युकी वो अपना बिजनेस अब कोलकाता में setup कर रहे है ।
आरती - मन ही मन आज तो किसी ने नम्बर ही दिया है और आज ही GYM wala अपने सामान को लेकर चला गया ये सोचकर आरती को हंसी आगई ।
धरमवीर - क्या हुआ आरती ।
आरती - कुछ नहीं भईया मै अब इस रोड पर जाऊंगी ही नहीं क्युकी उधर वहीं एक जिम था । अब मै कोई दूसरा जिम join कर लूंगी ।
धरमवीर मन ही मन चैन कि सांस लेते हुए चलो जो सोचा था वहीं हुआ अब ये जाएगी ही नहीं उधर तो कोई परेशानी ही नहीं ।
 
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Rachit Chaudhary

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भाईयो next upadate तैयार है कर दूं क्या पोस्ट
 

Rachit Chaudhary

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या कल को पोस्ट करू
 

Rachit Chaudhary

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Kahani ki shuruaat to achchhi hai. Waiting for next
बिल्कुल आपका पूरा ध्यान रखा जाएगा
 

Rachit Chaudhary

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यार ये next पेज कैसे create करते है वो बता दो कोई
 

Rachit Chaudhary

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भाई कहानी कैसी होनी चाहिए अब बता दो क्युकी कहानी अब यही से जमेगी ।
romantik honi chahiye
ya gaaliyon se bhari honi chahiye
ya suspense hona chahiye
ya mystery honi chahiye
 
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