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Incest संस्कारी पारुल का पुनविवाह (मां बेटा और सोत्तेला बाप)

Late Night Dairies

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पारुल का फेसला

आज पारुल के पति को गुजरे पूरा एक साल हो गया..घर घर काम कर में अपने घर का गुजरा चला रही पारुल पर जैसे दुखो का पहाड़ बन गया था.. बेटा कॉलेज में जाने लगा था और यहां पारुल का हौसला डगमगा रहा था.. अब वो थक गई थी...रोज रोज की छेड़ छाड़ से खुद को बचाती और गाली भी सुन उसे ही सुननी पड़ती... मालकिन के ताने "पति तो रहा नहीं फिर भी इतना क्यों सजती है कम दिखाया कर तेरे जिस्म को.. हमारे घर में बाल बच्चे है"

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पारुल की जवानी उपर से दिल पर दिल और खिल रही थी..कितना भी केसे छुपा लेती उसकी गोरी त्वचा छोटे छोटे स्तन और पतली कमर.. मीठी मीठी आवाज से कोई मर्द केसे बच सकता था... कोई कैसे बोल सकता था कि इसी औरत का एक 18 साल का लड़का होगा...

थक हार घर आते ही पारुल घर के काम में लग गई... देखते देखते ही साम हो गई..उसके बेटे के आने का समय होने को था की उसके पीछे कोई आता हे और उसे अपनी बांहों उठा के पारुल के गले से लेकर उसके सूखे होठ को चूस लेता है... पारुल डर के मारे चिल्ला देती है की वो आदमी उसके मुंह पे हाथ रख देता है...वही 18 साल का सूरज उसकी मां की ऐसी हालत देख डर के वही खड़ा खड़ा अपनी मां को किसी पराई मर्द की बाहों में देख गुस्सा हो जाता है...की पारुल भी उसे देख लेती है...और वो अपने बेटे की नजर मैं जैसे गिर गई थी...वो इस आदमी को तीन चार थप्पड़ जड़ देती है लेकिन तब तक सूरज जा चुका था...
 
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sunoanuj

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Bhaut bahut hi behtarin shuruat ki hai aapne …. 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 
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RANSA

त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
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Seems interesting story and characters looks promising lets see how it goes.
Thoda aur likhiye
 
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Late Night Dairies

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Update 02


पारूल ने उस आदमी को जो की उसकी पड़ोस में रहता था उसे बहोत सुनाया लेकिन क्या फायदा अब बेटे को क्या मुंह दिखाती.. उसे खुद पे गुस्सा आ रहा था.. कुछ दिन इस ही गुजर गई मां बेटे ने कही दिनों से बात तक नहीं की... अब धीरे धीरे सूरज देर से घर आने लगा.. और गली के आवारा लड़को से दोस्ती कर ली.. पारुल को अब कुछ समझ नहीं आ रह था.. वो आज तक बस अपने बेटे का सोच के दूसरी शादी नही की थी नही तो 40 की पारुल के लिए तो 28 साल का लड़का भी माना न करे... लेकिन अब उसकी आखों के सामने उसके बेटे को गंदी आदत से वो बचा नही पा रही थी... आखिर किस मुंह से बात करती वो...

आखिर इन सब से परेशान पारुल ने एक फेसला लिया..अपनी दूसरी शादी का ताकि वो इस बस्ती से निकल उसके बेटे को एक अच्छी जिंदगी और उसके सर पे बाप का हाथ दे पाई...

जैसे ही पारुल ने शादी की बाद उसके मां बाप से की वो तो खुशी से फूले नहीं समाए... जवान से लेके बुड्ढे सब पारुल की खूबसूरती देख उसे अपनी बना लेने के लिए बेताब थे...

वही पारुल के लिए ये कोई आसान बात न थी... पारुल ने अपने पति के जाने के बाद भी कभी पराई मर्द को अपने पास नही आने दिया...और वो एक पतिव्रता स्त्री थी जिस के लिए दूसरी शादी जैसे आग में जल जाने से अधिक कठिन था...

बहोत रिश्ते आने लगे... उस मैं से दो रिश्ते इसे थे जिस पर सारा घर राजी था...एक था 30 साल का लड़का जिस की पत्नी मौत हो गई थी और उसके दो बच्चे थे पहले से... एक था 40 साल का आदमी जो अभी तक कुवारा था... दोनो बड़े घर के थे और सूरज को अपनाने ने के लिए तैयार थे... दूसरे रिश्ते भी थे पर वो इतने अमीर नही थे और कुछ सूरज साथ में नहीं रखना चाहते थे..

पारुल गहरी सोच में थी साम की हल्की हल्की धूप निकली हुई थी.. पारुल को अपने बेटे के लिए एक बाप चाइए था लेकिन वो अपने जिस्म को किसे के आगे परोशना हरगिज नही चाहती थी...वो मन ही मन बैचेन थी की क्या करे अब... वो अब फिर से किसी को पत्नी का सुख नही दे पायेगी...

तभी सूरज के मामा के घर के आगे एक महिंद्रा स्कोरोपियो गाड़ी आती है और उस में से दो आदमी निकल के घर की ओर आने लगे... एक तो ड्राइवर था और दूसरा कोई बड़ा नेता जैसा था..सफेद रंग के कपड़ो में... उस आदमी का तेज देख पारुल भी एक पल के लिए खो गई...

पारुल को कुछ समय में ही नीचे बुलाया गया...


पारुल के चाचा – बेटी ये पहाड़पुरा के MLA है.. तुहारे साथ अकेले में कुछ बात करना चाहते है...इन्हे उपर ले जाओ....

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पारुल को देख वो आदमी एक पल के लिए पारुल के रूप सोदार्य में खो गया..तभी पारुल की मीठी आवाज से वो होस में आया और चत की और चल दिए...आगे चल रही पारुल के सुडोल गोल मटोल नितंभ उपर निचे होने से आदमी की हालत खराब हो गई थी.. पतली कमर अर्ध पारदर्शक सारी...किसी मर्द को पागल बना दे वैसी कामुक्त थी पारुल की जवानी....

आदमी – सब से पहले आप मुझे माफ करना लेकिन...आप एक बार मेरी बात सुन लीजिएगा फिर अपना फैसला करना... आप की ना होगी तो में आप बोल देना में तुरत चला जाऊंगा..आप से कोई सवाल नही होगा...

पारुल – (पहली बार पारुल को भी इस रिश्ते के लिए आकर्षित होने लगी थी.. विक्रम जोकि बिकुल पारुल की उम्र था पारुल के दिल को मोह लिया था... हा पर पारुल ये कभी मानेगी नही) हा बोलिए ना आप...

विक्रम – देखिए मुझे ज्यादा घुमा के बात करने के आदत नही में यहां मेरे पिताजी के लिए आया था...में पहले से शादी सुदा हु......

पारुल – (उसके मुंह पे साफ दिख रहा था की पारुल को बहोत बड़ा झटका लगा था आज) ये आप क्या बोल रहे है..फिर आप ने नीचे क्यों जूठ बोला....

विक्रम – मेने कोई जूठ नही बोला पारुल जी... बस सच नही बोला है..अगर आप मना करती हो तो में अभी जा रहा हु...लेकिन आप एक बार सोच लेना.. आप के बेटे और आप के लिए ये सब से अच्छा तरीका है.. आप को वो सब सब सुख सुविथा मिलेगी... न कोई रोक टोक न कुछ...बस पिताजी की देख भाल करनी ही आप को जैसे एक नर्स करती है... मेने आप के बारे में किसी करीबी से सुना था कि आप शादी सिर्फ आप के बेटे के लिए कर रही है... आगे आप समझदार है आप के जवाब का इंतजार रहेगा...

पारुल ने बहोत सोचा की अगर इस बूढ़े से शादी की तो बस उसकी देख भाल करनी होगी... और बाकी किसी से की तो पति की जिस्मानी सुख भी देना होगा... एक 40 साल के बेटे का बाप अब क्या ही करेगा...

ये सब सोच पारुल ने हा कर दी... हर में सब ने बहोत बोला की आगे पूरी जिंदगी है तू कैसे एक बुड्ढे के साथ.. वो तुजे तो पति का सुख भी नही दे पाएगा...लेकिन पारुल अपने फैसले की पक्की थी....

शादी एक मंदिर में कर दी गई बस कुछ रिश्तेदार के साथ...और पारुल के साथ सूरज भी एक बड़ी हवेली में रहने चले गई... ये एक गांव था जहा बस ये बूढ़ा यानी तेजप्रताप लेकिन उन्हें सब गांव मुखी के नाम से बुलाते थे...यानी मुखिया जी...

हवेली में काम करने के लिए नोकर नौकरानी थे.. पारुल पहले से सोच के आई थी पहली रात को ही मुखीजी से बात कर के दूसरे कमरे में सूरज के साथ रहेगी रात के दोरन..

पूरा कमरा सुहागरात के लिए सजा दिया गया था... पारुल को थोड़ा अजीब लग रहा ये सब सजावत देख के लेकिन वो अपने पति का इंतजार करते हुए बैठी रही...
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उसे बस अपने बेटे के पास जाने की जल्दी थी...कही दिनों से मिली तक नहीं थी... सूरज उसकी मां की दूसरी सादी के फेसले से उस से और नाराज हो गया था.. उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी मां उसके पापा को भूल गई है और सूरज के दिमाग में उसके गंदे दोस्तो के कही सुनी बाते चल रही थी उसकी मां और नई पिताजी पहली रात को कया करेंगे... उसका दिमाग इन सब से गरम हो गया था....

दरवाजा खुला और एक 60+ का बूढ़ा आदमी कमरे में आया.. पारुल ने अभी तक अपने पति को ठीक से देखा तक नहीं था... वो नीचे नजर कर बस मुखीजी के पैर देख पा रही थी...वो पास आके धीरे से पारुल के पल्लू को सर से हटा के कुछ पल पारुल की खूबसूरती में खो गया और पारुल की डर के मारे पसीना आने लगा...धीरे से खड़े खड़े ही मुखी बोले "लगता है उपर वाले ने बड़ी खेरियत से आप को बनाया है...आप के आगे तो अप्सरा भी घुटने टेक दे..तुम्हे पत्नी के रूप में देख मुझे अपनी किस्मत पे भरोसा नही हो रहा पारुलजी...सच में आप लाखो ने एक हो... अरे आप भी बोलिए न पत्नी साहिबा."

पारुल के सामने एक पतला सा बूड़ा आदमी था...हाथ पूरे

पारुल – (पारुल ने इन बातो के लिए बिकुल भी तैयार नहीं थी बिचारी) जी...जी....आप....

मुखी – (पास में बैठ के एक हाथ पारुल के कंधे पे रख उसे बाहों में भरते हुए...पारुल डर से और शर्म से काप जाती है) लगता है हमारी धर्म पत्नी थक गई हे...तुम सो जाओ इतना क्यों डर रही हो... आज नही तो कल अब तो हम करते दम तक साथ है....

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पारुल का दिल दिमाग सब थम गया...लेकिन कुछ देर बाद बड़ी हिम्मत से बोली... "जी क्या में अपने बेटे के साथ सोने चली जाओ वो अकेला होगा"

मुखी बड़े प्यार से पारुल के नंगी पीठ को सहलाते हुए बोला... अरे पगली वो दूध पीता बच्चा थोड़ी है... अकेले सोने की आदत डालो उसे...अब तो आप को यही हमारी बाहों में रहना है...

पारुल की छूत पानी छोड़ देती है एक साल बाद किसी मर्द के साथ इतना करीब आके बाते कर रही थी बिचारी... धीरे से बोली "जी उसे आदत नही धीरे धीरे समझ जाएगा... वैसे भी वो नाराज़ है"

मुखी – पारुल पारुल मेरी जान... इतना प्यार से बोलोगी तो जान दे दु आप के लिए...एक रात आप की तन्हाई क्या चीज़ है... सो लूंगा एक और रात आप के इंतजार में...


और पारुल एक पल का वक्त गवाई बिना अपने बेटे के कमरे में चली गई....और मुखी अपनी नई नवली दुलहन का रूप सोदार्य पीछे से देख और उत्तेजित हो गया... पूरा बैकलेस ब्लाउज देख मरत बुड्ढे में जवानी फुट गई.... सूरज की मां का जिस्म का वो एक रात के कायल हो उठा....

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सोने जैसा सुनहरा बदन देख मुखी तो पहली नजर में पारुल का गुलाम बन गया था...एक 60+ बुड्ढे को 40 साल की घरेलू संस्कारी औरत मिल गई थी खुसी तो होनी ही थी...
 

sunoanuj

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Bhaut hee behtarin updates… jabardast hai kahaani ….
 
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Mannu_ji

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पारुल का फेसला

आज पारुल के पति को गुजरे पूरा एक साल हो गया..घर घर काम कर में अपने घर का गुजरा चला रही पारुल पर जैसे दुखो का पहाड़ बन गया था.. बेटा कॉलेज में जाने लगा था और यहां पारुल का हौसला डगमगा रहा था.. अब वो थक गई थी...रोज रोज की छेड़ छाड़ से खुद को बचाती और गाली भी सुन उसे ही सुननी पड़ती... मालकिन के ताने "पति तो रहा नहीं फिर भी इतना क्यों सजती है कम दिखाया कर तेरे जिस्म को.. हमारे घर में बाल बच्चे है"

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पारुल की जवानी उपर से दिल पर दिल और खिल रही थी..कितना भी केसे छुपा लेती उसकी गोरी त्वचा छोटे छोटे स्तन और पतली कमर.. मीठी मीठी आवाज से कोई मर्द केसे बच सकता था... कोई कैसे बोल सकता था कि इसी औरत का एक 18 साल का लड़का होगा...

थक हार घर आते ही पारुल घर के काम में लग गई... देखते देखते ही साम हो गई..उसके बेटे के आने का समय होने को था की उसके पीछे कोई आता हे और उसे अपनी बांहों उठा के पारुल के गले से लेकर उसके सूखे होठ को चूस लेता है... पारुल डर के मारे चिल्ला देती है की वो आदमी उसके मुंह पे हाथ रख देता है...वही 18 साल का सूरज उसकी मां की ऐसी हालत देख डर के वही खड़ा खड़ा अपनी मां को किसी पराई मर्द की बाहों में देख गुस्सा हो जाता है...की पारुल भी उसे देख लेती है...और वो अपने बेटे की नजर मैं जैसे गिर गई थी...वो इस आदमी को तीन चार थप्पड़ जड़ देती है लेकिन तब तक सूरज जा चुका था.

Nice start
 
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