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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Excellent update tha dost..... waiting more.... HUMME TO BAP BETION KA INTEZAR HAI.... WAITING
धन्यवाद भाई ....
 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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बडे ही दुख की बात है कि अपडेट 133 पोस्ट करने के बाद करीब 1500 VIEWS बढ़े और सिर्फ 3 ही पाठको से प्रतिकियाये मिली ।

गिनती की कुछ ही पाठक है जिनकी संख्या 10 से भी कम है जो रेगुलर टिप्पणी करते हैं। गलती कहा पर हो रही है समझ नही आ रहा है । :think:
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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बडे ही दुख की बात है कि अपडेट 133 पोस्ट करने के बाद करीब 1500 VIEWS बढ़े और सिर्फ 3 ही पाठको से प्रतिकियाये मिली ।

गिनती की कुछ ही पाठक है जिनकी संख्या 10 से भी कम है जो रेगुलर टिप्पणी करते हैं। गलती कहा पर हो रही है समझ नही आ रहा है । :think:
TharkiPo Rajesh Sarhadi गुरू लोग जरा टॉर्च मारिये तो
 

Bhatakta Rahi 1234

Well-Known Member
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Badi hi majedaar situation hai yaar, ek bhai chod chuka hai, 2 bhai line mein lage hain aur ab to baap ka lund bhi uske baare mein soch ke uchhal kood machane laga hai.
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bhaut hee behtarin update… mitr khani bahut gajab chal rahi hai…
 

TharkiPo

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UPDATE 133

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि जहा राहुल और निशा के बीच मस्तिया शुरु हो चुकी है और दोनो एक ही कहानी के किरदारो को फॉलो करते हुए आगे बढ रहे है ,,वही दुसरी ओर राज अभी भी अनुज का भेद जानने मे लगा है ।
अब आगे



लेखक की जुबानी

अग्ली सुबह राहुल की नीद खुली । वो और उसका लण्ड अंगड़ाई लेते हुए उठे और राहुल कमरे से बाहर आकर छत पर फ्रेश होने चला गया ।

छत पर निशा ब्रश कर रही थी बाथरूम के बाहर और जैसे ही उसने राहुल को छत पर आते देखा तो उसने ब्रश तेजी से करना शुरु कर दिया
जिस्से टीशर्ट के अन्दर उसकी खुली चुचिया हिलने लगी ।

राहुल का लण्ड उस नजारे को देख कर टनं हो गया और उसके सुपाडे मे खुजली सी होने लगी । तो उसने लोवर के उपर निशा के सामने ही बडी बेशर्मी से अपने लण्ड का मुहाना लोवर के उपर से भिचा और निशा की ओर चल पड़ा ।

निशा ने नजर भर राहुल की हरकतों को निहारा और मुह फेर ली क्योकि उसकी हसी छूटने वाली थी और ब्रश करते हुए मुस्कुरा दी ।

राहुल - दीदी टॉयलेट मे कोई गया है क्या

निशा ब्रश मुह मे घिसते हुए उसकी ओर पल्टी और राहुल की नजर अपनी दीदी की टीशर्ट मे उभरी हुई नुकीली निप्प्ल्स पर गयी और वो थुक गटकने लगा ।

निशा ने ना मे सर हिलाते हुए बेसिन के पास गयी और कुल्ला करने लगी ।
राहुल ने नजर भर निशा के कूल्हो को ताड़ा और वापस से फुकार मारते लण्ड को दबाया


निशा कुल्ला करके - जल्दी फ्रेश हो ले अभी पापा आने वाले है ,,,

ये बोल कर निशा अपना टीशर्ट उठाते हुए बाथरूम मे घुस गयी और दरवाजा बंद कर लिया ।
लेकिन अंदर घुसने से पहले वो राहुल को अपना साइड वियू दे कर गयी । टीशर्ट उठाकर बाथरूम मे घुसते समय राहुल ने निशा की नंगी कमर और गुदाज पेट के साथ साथ उसकी झुल्ती गोरी गोरी चुचियो के निचे की गोलाईयो की हलकी सी झलक भी देखी ली ।

निशा के दरवाजे भिड़काने की आवाज से राहुल होश मे आया और मन ही मन गदगद हो गया । उसके चेहरे पर एक उत्साही मुस्कान थी और लण्ड मे जोर का कड़ा पन

वो भी पाखाने मे घुस गया और फ्रेश होने के बाद भी निशा के नहा कर बाहर आने का वेट करने लगा ।

उसे उम्मीद थी कि उस कहानी के जैसे शायद उसकी दीदी तौलिया और दुप्प्टा लपेटे बाहर आयेगी ।मगर निशा बखूबी जानती थी राहुल उसका बाहर इन्तजार कर रहा था इसिलिए उसने वही टीशर्ट लोवर पहन कर बाहर आई और नहाने के समय जो कल पहनी हुई ब्रा पैंटी और शॉर्ट्स लाई थी उन्हे धुल कर बाहर आई ।

राहुल ने जैसे अपनी दीदी को उन्ही कपड़ो मे देखा उसे थोडी निराशा हुई
मगर जल्द उसका लण्ड टनं हो गया जब निशा ने बाथरूम के बाहर की दिवाल पर लगी अरगन पर अपनी ब्रा पैंटी और शॉर्ट्स फैलानी शुरु कर दी ।

हालाकी पहले ऐसा निशा कभी नही करती थी , वो हमेशा अपने अंडरगार्मेंट्स बाथरूम के अन्दर या अपने किसी कपडे के अंदर रख ही सुखने के लिए डालती थी ।


इधर राहुल अपने मुह मे ब्रश घुमा रहा था और अपनी दीदी को ब्रा फैलाते हुए निहार रहा था । उसके लोवर मे लण्ड तना हुआ था । तभी निशा को एक शरारत सुझी और उसने अपनी पैंटी को निचोड और फिर उसे राहुल के सामने की झाडा जिससे पैंटी के पानी के कुछ छीटे राहुल के चेहरे पर गये । वो बारीक ठंडे छीटे अपने चेहरे पर पाकर राहुल की आन्खे बंद हो गयी । मानो प्यार की बारिश ठंडी फुहार उसके देह पर पड रही हो ।

निशा वही राहुल की हरकतो पर होठ दबा कर हस रही थी और फिर निचे चली गयी ।

इधर राहुल ने आखे खोली तो निशा जा चुकी थी।

वो मुस्कुराया और एक पल को पुरे छत पर निशा को खोजा और फिर उसकी पैंटी के पास जाकर उसकी मियानी को सुँघा । सरफ की खुस्बु मे उसने कुछ पल निशा की चुत की खुशबू को तलाशा और फिर नहाने चला गया ।
इधर निशा निचे आकर कमरे मे अपने कपडे बदले और फिर से बिना ब्रा पैंटी पहने सिर्फ प्लाजो और टीशर्ट मे अपनी चुचिया हिलाती किचन मे नासता बनाने के लिए चली गयी ।

राहुल भी नहाने के बाद दुकान खोलने चला गया क्योकि ये उसका रूटीन था,,रोजाना सुबह दुकान खोलकर साफ सफाई करना ।
राहुल ने भी अंडरवियर का त्याग किया हुआ था और साफ सफाई मे लगा था कि कुछ औरते साडी लेने के लिए आ गयी ।
राहुल जब उन ग्राहको को सम्भाल न्ही पाया फिर उसने अपने पापा को आवाज दे दी ।

किचन मे काम कर रही शालिनी ने जब राहुल की आवाज सुनी तो उसने निशा को उपर छत पर जाकर अपने पापा को बुलाने को बोल दिया । क्योकि सुबह की बोहनी कोई खराब करना नही चाहता ।


इधर उपर जन्गीलाल नहा चुके थे और कमर मे तौलिया लपेटे बाथरूम से बाहर आकर अपना अंडरवियर निचोड कर बाथरूम के दिवाल वाली अरगन की ओर बढ रहे थे ।

जैसे ही उन्होने ने अपना अंडरवियर अरगन पर फैलाया उनकी नजर अपनी दुलारि बिटिया निशा के अन्तरवस्त्रो पर पड गयी और उन्हे आश्चर्य हुआ कि आज निशा ने बाहर क्यू अपने अंडरगार्मेंट्स डाल है ।

पहले तो जंगीलाल ने उससे इंकार किया और फिर ना जाने क्या सुझा कि उन्होंने अपनी बिटिया के ब्रा के लेबल को देखने लगे ।


मगर उन्हे क्या पता था उनकी ये हरकत जीने के दरवाजे पर खड़ी उनकी दुलारि बिटिया निशा देख रही थी ।


निशा शर्म और भय से लाल हो गयी । उसको शर्म से हसी भी आ रही थी और उसका दिल भी जोरो से धडक रहा था । उसके पेट मे तितलिया उड़ रही थी ।

निशा मन मे शर्मा कर - पापा मेरी ब्रा क्यू देख रहे ,,, धत्त मैने उसे बाहर डाला ही क्यू??? इस कमीने राहुल की वजह से हुउह्ह

इधर निशा परेशान थी वही जन्गिलाल ने जब लेबल पढा और निशा ने साइज़ को देखा तो सोचने लगा कि अब उसकी बितिया शयानी हो गयी है । सोनल की शादी के बाद उसके लिए भी कोई रिश्ता देखना पडेगा । लेकिन ये ब्रा बड़ा शोफ्ट है ,,शालिनी क्यू नही पहनति इसमे का ?? आज शालिनी से कहूँगा कि वो भी इसमे का ही ब्रा ले ,,कितना खुबसूरत लगेगा उसके भरे भरे गोल चुचो पर , अह्ह्ह्ह

जंगीलाल उस ब्रा मे अपनी बीवी की कल्पना करके सिस्क उठा और तौलिये के उपर से अपना सर उठाया लण्ड सेट करते हुए बाथरूम मे वापस चला गया ।

इधर जीने के दरवाजे पर खड़ी निशा के जहन मे कुछ गलतफहमीयो मे जगह बना ली थी । कि कही उसके पापा भी तो नही राहुल की तरह उसके बारे मे .....।

निशा ने खुद को झकझोरा - नही नही ऐसा नही हो सकता... अभी तो राहुल ही था मेरे पीछे अब पापा भी ...।

निशा जड होकर जीने के दरवाजे पर अपने सवालो मे खोई हुई थी कि उधर जन्गीलाल बाथरूम से फुल बनियान और तौलिया लपेटे बाहर आता है और उसकी नजर निशा पर जाती है ।


जंगीलाल - क्या हुआ निशा बेटा
निशा ने जैसे ही अपने पापा की आवाज सुनी वो चौकी लेकिन खुद को सम्भाला - हा पापा वो जल्दी चलो ,,दुकान मे ग्राहक आये है

जंगीलाल जो अब तक जीने तक आ चुका था - हा बेटी चलो
निशा तेजी से सरकते हुए सीढियो से निचे भाग गयी और किचन मे चली गयी ।
उसकी तेज सासो से उसकी चुचिया उपर निचे हो रही थी और थोडी देर पहले ही उसके पापा की हरकतो ने उसके निप्प्ल कड़े कर दिये ।

शालिनी की नजर जैसे ही निशा के कड़े जोबनो पर गयी और निप्प्ल की नोख को टीशर्ट फाडते देखा तो उसने निशा को डाट लगाइ- ये क्या है निशा ,,तुने अन्दर कुछ पहना क्यू नही ?? देख सब पता चल रहा है । इस घर मे तेरे पापा और भाई है उनकी नजर गयी तो ।


निशा शर्मायी और मन मे - उसी कमीने भाई के लिए तो खोल रखा है मम्मी हिहिहिही

निशा - मम्मी वो मेरे काटन वाले टेप नही मिल रहे है और गर्मी मे ब्रा से बहुत खुजली होती है ,,,इसिलिए नही पहना


शालिनी भला उसकी बात से इंकार कैसे कर सकती थी । अक्सर वो खुद ही गर्मी मे बिना ब्रा के हल्के रंग के सूती ब्लाऊज पहना करती थी ,,जिसमे पसीना होने पर उसके निप्प्ल का भूरा घेरा साफ दिखता था ।




राज की जुबानी

रोज की तरह मै अगली सुबह उठा और फ्रेश होकर नहाने के बाद जैसे ही कमरे से बाहर आया तो हाल मे आते ही मेरी आंखे चमक उठी ।

हाल मे काजल भाभी ,,रोहन और शकुन्तला ताई आयी थी ।
कारण था आज रोहन की छुट्टी पूरी हो गयी थी । उसे अपनी ड्यूटी पर वापस जाना था ।
मै ये खबर सुन कर गदगद हो गया कि चलो अब काजल भाभी से फिर से नजदीकिया बढाने का मौका मिलेगा और फिर वो पार्सल वाला आईटेम था उसपे बात भी तो करनी थी । बीते एक महिने मे अनुज और राहुल को लेके काफी बिज़ी था और रोहन के कारण काजल भाभी से कोई खास बात चित नही हो पाई थी ।

मगर अब मै खुश था और थोडी देर बाद मै ही रोहन को बस स्टैंड पर ले गया ।
रोहन से बाते करने से मुझे आभास हुआ वो ब्डा ही डिस्पेलिन और शांत स्व्भाव का है । लेकिन उसकी शालीनता मे भी उसका वो ब्रुटल ह्वसी चेहरा मै देख सकता था ।

रोहन को बस पकडवा कर मै वापस अपने घर आया और फिर नाश्ता करके दुकान पर निकल गया ।
आज मेरे जहन बस काजल भाभी को लेके ख्वाब मचल रहे थे ,, नयी नयी कल्पनाओ से मन मचल रहा था ।
ऐसे मे ही निशा का फोन आता है और सहसा मेरा ध्यान वापस से अनुज और राहुल की ओर चला जाता है ।

करीब 10 बजे होगे और निशा के चहकपने से मुझे भी उत्सुकता होने लगी थी । फिर उसने एक एक करके बताया कि कैसे उसने राहुल उस्से उस कहानी के हिसाब से नजदीकिया बढाने मे लगा है और कैसे निशा ने कल रात से आज सुबह नहाने तक राहुल को परेशान किया ।

निशा की सारी बाते और मस्तिया सुन कर मै समझ गया कि ये अब जल्द ही राहुल से चुदने के फिराक मे है ,,मगर मुझे समझ नही आ रहा था कि अनुज इनसब मे कैसे कामयाब होगा ? क्या वो निशा को लपेट पायेगा या मुझे ही उसकी कुछ मदद करनी चाहिये ?

मै मन मे - नही नही ,जल्दीबाजी नही !!! वैसे भी इस खेल मे बहुत मजा आने वाला है हिहिहिही पहले निशा को राहुल के लण्ड का स्वाद लेने दो और फिर अनुज को कैसे उसके उपर लाना ये करूंगा ।


निशा फ़ोन पर - क्या हुआ राज ? क्या सोच रहे हो ?
मै अपनी कलपना से बाहर आकर - हा , याररर मै सोच रहा था कि तुम कितनी शातिर हो अपने छोटे भाई को इतना तडपा रही हो हिहिहिही

निशा इतरा कर - और क्या ,, मै कोई सड़क छाप हू जो ऐसे ही उसके निचे आ जाऊंगी ,,अभी तो बहुत पापड़ बेलने है उसे हिहिहिही

मै - तो अब आगे का क्या सोचा है ?
निशा खिलखिला कर मुझे अपना प्लान बताती है और मै उसकी तारिफ करने से कतरा नही सकता था ।

थोडी बाते हुई और फिर वो दोपहर के खाने मे लग गयी ।
इधर मै भी दुकान मे लग गया ।



लेखक की जुबानी

समय बीता और शाम को अनुज फिर से राहुल से मिलने उसके घर पहुचा तो हाल मे बैठा मोबाईल चला रहा था और नजरे उसकी किचन मे खड़ी निशा के चुतड निहार रही थी ।


अनुज आया और राहुल के पास बैठा और वो समझ गया कि राहुल यहा से क्या कर रहा है और उसने मोबाइल पर नजर मारी तो स्क्रीन पर वही स्टोरी खुली हुई थी , जिसके बारे मे कल राहुल ने उसे बताया था ।

अनुज की नजरे भी उस सिल्क प्लाजो मे उभरी निशा की गाड पर थी और उस हल्के प्लाजो मे कही भी पैंटी की शेप की धारिया नजर नही आ रही थी । अनुज समझ गया कि निशा आज बिना पैंटी के है ।


इधर निशा ने चाय छान कर अनुज और राहुल को दी ।
फिर शालिनी को बोल कर नहाने चली गयी ।


राहुल ने चाय पीते हुए और अपनी मा और दीदी को सुनाते हुए बोला- यार अनुज आज चल छत पर ही टहलते है ।

निशा जो कि अपने कमरे मे कपडे लेने गयी थी वो मुस्कुरा उठी । उसने एक स्कर्ट लिया और एक बडे गले वाला टीशर्ट । फिर अपने चुतड हिलाते उपर चली गयी ।

वही राहुल और अनुज भी अपनी चाय खतम कर उपर चल दिये ।

इधर अनुज को यकीन था कि राहुल से कुछ होने वाला नही है इसिलिए सीढिया चढ़ते हुए वो राहुल का मजा लेने के भाव से - तब भाई कुछ बात बनी या फिर शर्त हार रहा है तू


राहुल मुस्कुरा कर - तू चिंता ना कर एक दिन तेरे सामने दीदी को चोद कर दिखाऊँगा ,वैसे मैने कल उन्हे लोवर के उपर से अपना लण्ड दिखा दिया ।

अनुज की आंखे फैल गयी फिर भी उसने इस बात से इंकार ही किया - चल बे फेक मत ,

फिर राहुल कल रात से लेकर आज सुबह की सारी मस्ती भरे पल को अनुज को बताया और वो भी जब निशा ने खुद अपनी पैंटी निचोड कर राहुल के मुह के सामने झाडा था ।

राहुल की बतायी बाते इतनी दिलचस्प और ऊततेज्क थी कि अनुज चाह कर भी इस्से अब इन्कार नही कर पा रहा था । उस्का लण्ड राहुल की बाते सुन कर तन गया था । उसे यकीन होने लगा था कि राहुल सच मे कामयाब हो सकता है और अगर ऐसी बात है तो इसमे मेरा ही फाय्दा है । मुफ्त की चुत मिल जायेगी ।

राहुल अनुज को खोया देखकर -तुझे यकीन नही होता ना ,,,रुक अभी देखना मै कैसे दीदी को परेशान करता हू ।

इधर निशा बाथरूम मे तो थी लेकिन उसने जानबुझ कर अपने कपडे बाहर ही रखे हुए थे । वो जानती थी कि राहुल और अनुज उपर आने वाले है । वो अपने दोनो दिवानो के साथ मस्ती के मूड मे थी ।


इधर राहुल बाथरूम के पास जाकर अरगन पर टंगी हुई निशा की ब्रा पैंटी उतार कर अपनी जेब मे रख लेता है ।

अनुज बडी हैरानी ने राहुल को देखता है ,,उसका लण्ड ये सोच कर खड़ा हो जाता है कि क्या अब निशा दीदी बिना ब्रा पैंटी के ही कपडे पहनेगी ।

इधर वो दोनो छत पर टहलने लगे ,,वही निशा नहाने के बाद तौलिया लपेटे बाथरूम का दरवाजा खोल कर बाहर झाकी और फिर राहुल को आवाज दी ।

राहुल मुस्कुरा कर - अब देख मेरा कमाल

अनुज वही खड़ा रहा और राहुल चल कर बाथरूम के पास गया ,,जहा निशा दरवजे की ओट मे खड़ी थी- वो मेरे कपडे देना राहुल ,,

राहुल ने मुस्कुरा कर निशा के कपड़े देते हुए - अरे दीदी आपके वो अन्दर वाले कपडे नही है यहा ,

निशा ने मुस्कुरा कर राहुल के लोवर की जेब का फुलाव देखा और समझ गयी कि उसने खुद उसकी ब्रा पैंटी अपने जेब मे रखी हुई है और नाटक कर रहा है ।

निशा मुस्कुरा कर - अरे कोई बन्दर ले गया होगा ,,,जाने दे वैसे भी गर्मी है

ये बोलकर निशा ने दरवाजा बन्द कर लिया

अनुज उन दोनो की खुली बातचित से जड़ हो गया कि कोई भाई बहन सच मे ऐसे बाते कर सकते है ।

इधर थोडी देर मे निशा बाहर निकाली और अनुज की नजरे अब उसके बडे गले वाले टीशर्ट पर थी ।

इधर निशा अपने धुले हुए कपडे निचोड कर उन्हे झाड़ने लगी ,,और झाडते वक़्त उसकी चुचिया हिल्कोरे मारती जिससे अनुज और राहुल दोनो की हालत खराब थी ।

फिर वो कपडे डाल कर मुस्कराते हुए अपनी चुतड मटका कर निचे चली गयी ।
दोनो उसकी स्कर्ट मे नंगी गाड़ की थिरकन देख कर अपना लण्ड मसल कर रह गये ।


थोडे समय बाद अनुज फिर वापस घर चला गया ।
वही राहुल का उसकी दीदी के साथ आंख मिचौली जारी रही । रात को खाना बनाने खाने के बाद निशा अपने कमरे मे चली गयी क्योकि उसे अपनी कहानी की अगली कड़ी पढनी थी जिसमे अमर रेखा को बुरी तरह पेलता है । निशा की चुत पानी पानी हो जाती है और बेताब होकर वो फिर से उथकर राहुल के कमरे की ओर चली जाती है ।


वही एक कमरे मे जंगीलाल और शलिनी के सेक्स कार्यक्रम हो रहे थे और एक राउंड चुदाई के बाद जंगीलाल ने अपने मन की बात शलिनी से कहनी शुरु की ।


जंगीलाल - जानेमन अगर नाराज ना हो तो एक बात कहू ?
अपने पति से सन्तोष जनक चरम सुख पाकर शलिनी खिली हुई थी और वो हुकारि भरते हुए बोली - हम्म्म्म कहो ना मेरे राजा

जन्गीलाल - वो आज सुबह मैने निशा के ब्रा देखे

शलिनी का दिल धड़का - छीई आपको शर्म नही आती जो आप अपनी बेटी के ऐसे कपडे निहार रहे थे ।

जन्गीलाल सफाई देते हुए हस कर - अरे जानेमन मेरी बात तो सुनो ,,,हुआ यू कि मै नहा कर अपना अंडरवियर डालने अरगन के पास गया तो वहा निशा ने ब्रा सुखने के लिए डाली थी ।

शलिनी थोडा चिढ़ कर - हे भगवान क्या हो गया है इस लड़की को !!! आपको पता है आज उसने अपनी ब्रा भी नही पहनी थी और बिना दुपट्टे के घर मे घूम रही थी और उसके वो दिख रहे थे ।

जंगीलाल का दिल धडका और लण्ड मे कसावट होने लगी और वो हिचक कर - क्या ?

शालिनी नजरे फेरते हुए - वो उसके निप्प्ल कड़े थे और वो ऐसे ही घर मे घूम रही थी , कही राहुल की नजर पड जाती तो

जंगीलाल कुछ सोच कर - हम्म्म्म तो तुमने उसे समझाया
शालिनी - हा बोला तो उसने बताया कि उसके पास गर्मियो वाले टेप नही है और ब्रा मे खुजली होती है ।


जंगीलाल कुछ सोच कर - तुम्हे नही लगता शालिनी निशा भी अब बडी हो गयी है उसकी शादी के लिए हमे कोई लड़का देखना चाहिये ।

शालिनी निशा की शादी और उसके दुर होने की बात से भावुक हो गयी - नही नही मुझे नही करनी अभी अपने लाडो की शादी ।

जन्गीलाल शालिनी को अपनी बाहो मे भर कर - अरे शालिनी तु समझ क्यू नही रही । इस उम्र में उसका यू कपड़ो से दुरी बनाना एक इशारा है । अब धीरे धीरे उसके खुले कपडे पहनने के समय आ रहे है । साडी ब्लाउज जैसे कपड़ो मे ही अब उसे आराम मिलेगा ।


शालिनी मुस्कुरा कर नजरे उठा कर- आपको बड़ा पता है औरतो के बारे मे , ऐसे कोई सोचता है अपनी बेटी के बारे मे हम्म्म्म


जंगीलाल - अच्छा ठिक है नही कहता कुछ , लेकिन कम से कम मेरी बिटिया के लिए वो टेप तो लेते आओ जिसे वो आराम से रह सके गर्मी मे और

शलिनी मुस्कुरा कर - और क्या
जन्गीलाल - और वो जिसमे का निशा ब्रा पहनती है उसने का तुम भी लेलो ना अपने लिये

शालिनी शर्म से लाल हो गयी - धत्त आप भी ना

जंगीलाल उसको पकड कर - सच मे जान बहुत खुबसूरत लगेंगे तेरे ये पपिते उसमे और वो जो बिच मे फुल बना हुआ है वो ऐसे लगेगा कि मानो तेरी चुचियो की गिफ्ट पैकिंग की गयी हो ।


शालिनी शर्म से लाल हो गयी और जंगीलाल से चिपक गयी - धत्त आप भी ना ,
जंगीलाल - प्लीज ना जानेमन मेरे लिये

शालिनी - अच्छा ठिक है कल राज के पास से लेते आऊंगी

जंगीलाल - और निशा के लिए वो टेप भी

शालिनी शरारत भरे लहजे मे - हा हा वो भी लेते आऊंगी , नही तो कही आपकी लाडली के चुचे ना लटक जाये हिहिहिही


जंगीलाल का लण्ड निशा के चुचो की चर्चा सुन कर ठुमका और वो शालिनी की मस्ती पर उसके दुध मसलता हुआ - अरे अभी मेरी लाडो के स्तन कोरे है ऐसे कैसे लटक जायेंगे।

ये बोल कर उसने शालिनी के चुची को मूह मे भरते हुए उसके उपर चढ गया

शालिनी हस के मगर सिस्किया लेते हुए - सीई अहहहह आपको कैसे पता कि उसके स्तन कोरे ,,,कभी पकड कर देखा है क्या हिहिहिही


जंगीलाल के लंड मे अपनी बीवी से बेटी के चुचो के बारे मे बाते सुन कर कड़ा होने लगा और वो बडे जोश से शालिनी ने कड़े चुचे मसलने लगा ।

शालिनी - क्या पता किसी ने उसके चुचे चुस कर ढीले कर दिये हो

जंगीलाल चौका और उसका दिल बडी जोरो से धडक रहा था - ये क्या कह रही हो शालिनी तुम

शालिनी जानती थी कि निशा के खिलाफ जंगीलाल एक लफ्ज भी नही सुन सकता था ,,मगर उसे अपनी पति को परेशान करने मे मजा आ रहा था ।

शालिनी मुस्कुरा कर - अरे मेरे कहने का मतलब है कि कही निशा का भी सोनल की तरह कोई बॉयफ्रेंड हुआ तो

जन्गीलाल का दिल अब धक कर गया ,,उसके मन मे शालिनी की बाते घर करने लगी और ढ़ेरो उत्तेजक सवाल उसके जहन मे आने लगे
" क्या सच मे निशा का कोई बॉयफ्रेंड होगा ?
" क्या किसी ने निशा को स्तन को मसला होगा ?
" क्या वो चुदी भी होगी ?
" वो कैसे चुदी होगी , चूदते हुए उसके चेहरे पर क्या भाव आये होंगे ? उसे ज्यादा दर्द तो नही हुआ होगा ना ? क्या सच मे निशा की सील टुट गयी होगी ,,ढेर सारा खुन भी निकला होगा उसकी चुत से , उसकी चुत कैसी दिखती होगी ।

जन्गीलाल ऐसे काफी सारे सवालो से घिर कर जड़ हो गया था ,,वही उसका लण्ड फौलादी हुआ जा रहा था ,,उसकी तपन और कडकपन शालिनी अपनी जांघो पर मह्सूस कर रही थी ।

शालिनी हसी और बोली- क्या जी कहा आप अपनी बेटी के सुहागरात वाले सीन देखने लगे हिहिहिनी ,,,पहले मेरा ख्याल तो कर लो ना

जन्गीलाल चौका कि शालिनी को कैसे पता कि मै ,,,फिर उसने खुद को झिंझोड़ा और शालिनी की खिदमत मे लग गया ।


जारी रहेगी
बेहतरीन अपडेट भाई, हर तरफ आग भड़क रही है अगर इसी तरह चली तो काफी अच्छी आतिशबाजी देखने को मिल सकती है,
जांगीलाल भी खेल में शामिल सा होने लगा है जो कहानी के लिए काफी अच्छा है।
 

TharkiPo

I'M BACK
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TharkiPo Rajesh Sarhadi गुरू लोग जरा टॉर्च मारिये तो
काहे परेशान होते हो गुरु, इतनी मस्त लय पर चल रही है कहानी की एक एक वाक्य में मादकता छिपी हुई है, तो इतनी शानदार अपडेट पढ़ने के लिए लोग खुद ब खुद भागे चले आयेंगे।।
बस आप इसी तरह की मस्त मस्त, लंड कड़क करने वाले अपडेट लिखते रहो।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Badi hi majedaar situation hai yaar, ek bhai chod chuka hai, 2 bhai line mein lage hain aur ab to baap ka lund bhi uske baare mein soch ke uchhal kood machane laga hai.
चीज़ बडी है मस्त मस्त :D
 
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