Update 1
अब मेरा बेटा लगभग 2 साल का हो चुका था। उसको में रोज स्तनपान करती थी। अब उसने दूध पीना काफी कम कर दिया था। मुझे अब ससुर जी और सास के सामने स्तनपान करने की आदत पड़ गई थी। मै बिना परेशानी के उनके सामने स्तनपान करती थी। अब ससुरजी बीच बीच में मुझे स्तनपान करते देखते रहते थे। फिर भी मुझे उसमें कोई गलत नहीं लगता था। मै बच्चे का सर ढक जो लेती थी।
कुछ दिन बाद मेरे ससुरजी हमेशा की तरह बीमार पड़ गए। सास बोली कि ,"अब उनकी उमर हो गई है तो कमजोरी भी आएगी ना । " मै उनकी अच्छी सेवा करती थी । मैंने सास से पूछा ,"ससुरजी की हड्डियां बहुत कमजोर हो चुकी है। उनको रोज दूध पीने को दू क्या ? " सास बोली ," इस गाव में रोज दूध कहा से लाओगी?" मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।
रात को ससुरजी को नींद भी नहीं आती थी। मै सास से पूछा ,"मै उनको सुलाऊ क्या ? " सास बोली," ठीक है। कितना खयाल रखेगी अपने ससुरजी का ?" मैंने कहा,"ये तो मेरा कर्तव्य ही है ना। " इस रात मै ससुरजी के बाजु में सो गई। सास उनके दूसरे बाजु सो गई। मैंने बच्चे को स्तनपान कर दिया और फिर ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनके पीठ पर एक हाथ रख दिया और उनको मेरी बाहों में लेकर मै उनको सुलाने लगी। सास भी जगी हुई थी। वो हस्ते हुए बोली ,"गलती से अपने ससुर को स्तनपान ना कर देना ।" मै भी हस पड़ी।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। मै सास ने को कहा था उसके ऊपर विचार करने लगी । उस रात को तो मैंने उसे मजाक समझ कर छोड़ दिया था । पर अब मुझे ऐसे लगने लगा कि क्यों ना में ससुरजी को अपना दूध पिलादू। मैंने इंटरनेट पर कुछ जानकारी देखी । मुझे पता चला कि बड़े लोग भी स्तनपान करते है और उनके सेहत के लिए ये बहुत अच्छा होता है।
अगले ही दिन जब हम सब दोपहर का खाना खा रहे थे तो मैंने सास को पूछा," क्यू ना में ससुरजी को स्तनपान करू। उससे उनकी तबीयत सुधर जाएगी। " ससुरजी बोले ," ये क्या बोल रही हो बहू ? कोई अपने बहू का दूध पीता है क्या ? " सास बोली ," उनको स्तनपान करने में कोई दिक्कत नहीं। पर तुझे कितनी परेशानी होगी। " मैंने कहा ,"कोई परेशानी नहीं मुझे। उनके सेहत का ध्यान रखना मेरा काम ही है। " सास बोली ,"तेरे जैसी बहू तो लाखो में एक ही होती है। " मै खुश हो गई।
उस रात मैंने बच्चे को दूध पिलाया और ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनको कहा," आओ ससुरजी । आपको दूध पिलाती हू। " ससुरजी बोले,"ये पाप है। ईश्वर मुझे माफ नहीं करेगा। " मैंने कहा ,"आप गाय का दूध पीते हो। तो मेरा पीने में क्या बुराई है। दूध तो दूध होता है। " सास भी जगी हुई थी। मैंने ससुरजी को अपने करीब लिया। फिर पल्लू थोड़ा बाजु करते हुए ब्लाउस के ऊपरी बटन खोल दिए। ससुर अभी भी ना ना कर रहे थे। मैंने मेरा एक स्तन बाहर निकाल दिया और उनके मुंह में घुसा दिया। सुरुवात को तो ससुरजी पीने को तैयार नहीं थे। पर मैंने मेरा स्तन उनके मुंह में दबा कर रखा था। थोड़ी देर बाद वो धीरे धीरे चूसने लगे। मुझे इतना आनंद हो गया कि पूछो ही मत। अपने ससुरजी को स्तनपान करने का आनंद ही कुछ और होता है । ससुरजी अब किसी बच्चे की तरह मेरा दूध पी रहे थे। 20 मिनट बाद मेरा स्तन खाली हो गया तो मैंने झट से उनको दूसरा स्तन पीने को दे दिया। सास हसते हुए बोली ,"वा बहू। तुने तो तेरे ससुर को अपना बच्चा ही बना दिया। " मै भी हसने लगी।