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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Let's review starts
So ye wala 165 update bahut sare Raaz se Parda Gira Chuka hain .

Mujhe Nahi pata Thaa ki Lufasa ke Father makota nahi hai , hamesha se yahi laga ki makota hi lufasa aur venus ka father hain.

ye Jasoosi karne wala gonjala ko To vyom bhaiya ne dhoya thaa ,vyom bhaiya wala chapter kaha chale gaya unke darshan bahut samay se nahi huwe , aakhir Ye Senore walo ne Agar yudh chalu kiya to vyom bhaiya nirnayak hoge , aakhir panch shool hain unke pass .

Mujhe makota ki adhee baat Jhute lagte hain, ye lufasa ko facts todh marood kar parose raha ,kagoshi aur mufasa ko mujhe nahi lagta ki claat ne unki hatya kari , mujhe to makota be hi power greed ke liye unko marne ki shajish rachi.

Main baat ye hain ki Tilism me Ghusne ki Koshish chal rahee , ab agar Tilism me ye ghusne me kamyab huwe to suyash and company inse kese niptege he log to magical power holder hain waha do log hi hain Jinke pass Power hain Suyash aur shaffali waha wese bhi unki powers kaam nahi aana wali .

Jaigan Bhi Jaag gaya yani makota ke log aur power full hogaye , agar me galt nahi hu to yudh tilism me hi hone wala hain, kyuki sabko chahiye kya clito ka black diamond aur Tilism me hain , To bina tilism me aaye makota and company ko wo moti milega kese issilye tilism me makota aayega

dusra reason agar maan lo tilism me sheffali pehle hi wo black diamond hasil karlegi tab wo bahut powerful hogi , to makota ki kya okaat rahegi idhar fight ki, issilye tilism ke end tak shaffali and company pahuche tak makota ye log tilism me aayege waha sheffali ko isne bhi ladna hoga .

Bas ye dekhnaa hoga Tilism me sheffali aur suyash company ki help ke liye kaha se madad aayege kya vega yugaka varuni kautubh dhanusha ye log kese tilism me aayege

Dusra sheffali ko wo kala moti milna kyu Jaruri hain ye bhi samjh aaraha ye Jaigan aur inke logo se bidhna koi bacho ka khel nahi issilye kala moti sheffali ko chahiye rahega

Makota ki sena To Taiyaar hain
Green insects
Wo gonjala
Wolf sena
Azeeb Tarah ke senik Jo lufasa ko piramid ke niche

Samara ke side
Agar pehle dhara ye log inke sath rahe iska MATLAB
Inke sath wale dhanusha , vikarm , varuni , ye sab inke side hain
Vyom bhi inke side hona chahiye kyuki samara me trikali rahe aise isthti me high possibilities ki samara side se wo lade

Bas ye samjh nahi araha kis Tarah hanuka aur ye Rakhsah vidhumna kis Tarah picture me aayege

Forena ghar ke andorse kiss side ka paksha lege .

Sath hi statue of liberty Tilism pura complete hogaya ,
Suyash ke Copperfield ke knowledge me bacha liya .

Invisible mashal thee but bach gaya mil gaya mashal .

Brown se green karna thaa statue ko
Isme bhi kaam complete hogaya .

Overall shandaar update
Waiting for more.
Pahle to ye batao ki ye to update 165 ka review tha, baaki ke saare reviews kidhar hain :hammer:
Ab baat karte hain is review ki, lufasa ke father aur mother mar chuke hain, makota unka maantrik hai, aur ek no. Ka makkaar hai. Mujhe bhi yahi lagta hai ki ho sakta hai ki lufasa ke ma baap ko usi ne ya uske sathiyo ne niptaya ho:dazed:Per abhi apun koi comitment nahi kar sakta. Ha ye sahi hai ki yuddh hone wala hai, aur agar hua to itna bhayankar hoga ki prithvi ke sabhi jeev jantu sankat me pad jayenge.:declare: Vyom to avasya hi hissa lega yuddh me. Uske paas maha sakti hai, aur gurutva shakti bhi. To iss samay us se shakti shaali hai kon?:?: Waise tilisma ke ander ghuste hi in logo ki shaktiya bhi to kaam nahi karni chahiye:hmm:
Waise jayada kuch na bolkar bas itna hi kahunga ki aapka review shaandar tha:bow:
Aise hi review hame aur bhi badhiya likhne ko prerit karta hai. Aur hume ye bhi pata lagta hai ki aap kis tallinta se padhte ho .
Thank you very much for your wonderful review and superb support bhai :hug:
 

Dhakad boy

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#165.

अंधेरे का देवता:
(16.01.02, बुधवार, 13:50, मकोटा महल, सीनोर राज्य, अराका द्वीप)

लुफासा जब मेलाइट, रोजर और सुर्वया का परिचय पूछ रहा था, तभी मकोटा ने लुफासा को सिग्नल भेजकर अपने महल में बुलवा लिया था।

पर आज पूरा 1 दिन बीत जाने के बाद भी मकोटा, लुफासा से मिला नहीं था। लुफासा इंतजार करते-करते पूरी तरह से परेशान हो गया था, पर मकोटा से वह कुछ कह भी नहीं सकता था।

एक तो मकोटा महल में उन काले भेड़ियों के अलावा कोई था भी तो नहीं, तो लुफासा आखिर पूछता भी तो किससे? कि मकोटा को मिलने में और कितना समय लगेगा? बहरहाल लुफासा के पास और इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं था।

आखिरकार एक लंबे इंतजार के बाद, उस कमरे का एक दरवाजा खुला और उसमें से मकोटा चलकर आता दिखाई दिया।

मकोटा को देख लुफासा ने राहत की साँस ली और झुककर मकोटा को अभिवादन किया।

“कल से तुम्हें बुलाने के बाद अचानक से पिरामिड में काम कुछ बढ़ गया था, इसलिये मिलने में कुछ ज्यादा ही समय लग गया। उम्मीद है तुम्हें कोई परेशानी नहीं हुई होगी?” मकोटा ने लुफासा को देखते हुए कहा।

लुफासा का मन किया कि इस मकोटा की गंजी खोपड़ी पर कोई डंडा फेंक कर मार दे, पर उसने अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए ‘ना ’ में अपना सिर हिला दिया।

मकोटा लुफासा के सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए बोला- “देखो लुफासा, तुम अराका का भविष्य हो। मैं चाहता हूं कि तुम अराका ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर राज करो, बस इसी लिये मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं। मेरी मेहनत को देखते हुए तुम्हारा भी हक बनता है कि तुम भी पूरे दिल से मेरा साथ दो।....और अब वैसे भी मेरे सपने को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता....मेरा मतलब है कि तुम्हें राजा बनने से।..... देखो लुफासा, मैंने पिछले कुछ दिनों में तुम्हें कई कार्य सौंपे, पर तुम इतनी शक्तियां होने के बाद भी, किसी भी कार्य में सफल नहीं हो पाये।

“जब मैंने ध्यान से सोचा तो मुझे लगा कि ये तुम्हारी शक्तियों का दोष नहीं है, सिर्फ तुम्हारी मानसिक स्थिति का दोष है। तुम अपने स्वयं के निर्णय लेने में भी बहुत असमंजस में दिखते हो। और ऐसा इसलिये है कि तुम्हें मैं ज्यादा कुछ नहीं बताता। पर आज मैंने तुम्हें सबकुछ बताने का निर्णय लिया है। जिससे आगे भविष्य में तुम अपने अच्छे-बुरे को पहचान सको। ये पहचान सको कि तुम्हारे साथ कौन खड़ा है? और तुम्हारे विरुद्ध कौन है?”

मकोटा के शब्द सुनकर लुफासा और सतर्क हो गया। वह समझ गया कि मकोटा उसके आस-पास कोई और जाल बुनना चाह रहा है।

“तुम मेरे साथ पिरामिड चलो, मैं आज तुम्हें सारा सच बताना चाहता हूं।” यह कहकर मकोटा कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया।

मकोटा को उठकर जाते देख लुफासा भी मकोटा के पीछे-पीछे चल दिया।

लुफासा जान गया था कि कुछ भी हो पर आज मकोटा के कई रहस्यों से पर्दा उठने वाला था।

कुछ ही देर में भेड़ियों के रथ पर बैठकर मकोटा और लुफासा सीनोर राज्य में स्थित, उन 4 पिरामिडों के पास पहुंच गये।

मकोटा ने अपना रथ पिरामिड नंबर 4 के पास रोका, यह देख लुफासा हैरान हो गया क्यों कि आज तक उसने किसी को भी पिरामिड नंबर 4 में जाते हुए नहीं देखा था? मकोटा, लुफासा को लेकर पिरामिड नंबर 4 में प्रवेश कर गया।

पिरामिड नंबर 4 के बीच में 2 ताबूत रखे थे। मकोटा लुफासा को लेकर उन्हीं ताबूतों के पास पहुंच गया।
उन ताबूतों का ऊपरी हिस्सा पारदर्शी शीशे का बना था। लुफासा आश्चर्य से उन ताबूतों को देखने लगा।

“तुम्हें पता है लुफासा कि इन ताबूतों में कौन है?” मकोटा ने लुफासा से पूछा।

लुफासा ने अपना सिर ना के अंदाज में हिला दिया।

“इन ताबूतों में ‘मुफासा और कागोशी’ की लाश हैं।” मकोटा ने कहा।

मकोटा के शब्द सुनते ही लुफासा पर बिजली सी गिर गई।

“आपका मतलब है कि इन ताबूतों में मेरे माता-पिता की लाशें हैं?” लुफासा ने शीशे के पास अपना चेहरा लाकर, अंदर झांकते हुए कहा।

“हां ये तुम्हारे माता-पिता की ही लाश हैं, जिन्हें आज से 22 वर्ष पहले सामरा राज्य के राजा कलाट ने मार दिया था।” मकोटा के शब्द रहस्य से भरे थे।

“कलाट ने?” लुफासा कलाट का नाम सुन आश्चर्य से भर उठा।

“चलो मैं तुम्हें शुरु से सुनाता हूं।” लग रहा था कि आज मकोटा सारे रहस्य खोलने के मूड में था-

“तुम्हें पता है कि सामरा और सीनोर के लोगों की औसत आयु 800 वर्ष होती है, पर दोनों ही राज्यों के नियम के अनुसार जिस व्यक्ति को राजा बनाया जाता है, उसे 600 वर्षों तक अपने राज्य पर शासन करना होता है, इस दौरान वह पुत्र या पुत्री उत्पन्न नहीं कर सकता। तो आज से 625 वर्ष पहले भी, इसी प्रकार से सीनोर का राजा मुफासा को और सामरा का राजा कलाट को बनाया गया। तुम तो जानते ही हो कि सामरा और सीनोर की दुश्मनी हजारों वर्षों से चली आ रही थी। इस दुश्मनी की वजह से दोनों ही अपनी शक्तियों को बढ़ाना चाहते थे।

“पर इस कहानी में नया मोड़ तब आया, जब सन् 1908 में मध्य साइबेरिया के जंगलों में एक बहुत बड़ा उल्का पिंड गिरा। मुफासा उस उल्का पिंड की जांच के लिये साइबेरिया जा पहुंचा। वहां पहुंचकर मुफासा को पता चला कि वह कोई उल्का पिंड नहीं, बल्कि बुद्ध ग्रह की एक यान रुपी प्रयोगशाला थी। जिसमें बुद्ध ग्रह के जीव, हरे कीड़े थे, जो कि पृथ्वी पर एक प्रयोग करने आ रहे थे, परंतु पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते समय, किसी प्रकार उनका यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वह साइबेरिया के जंगलों में जा गिरे।

“उन बुद्ध ग्रह के हरे कीड़ों ने मनुष्यों से तो अपना यान छिपा लिया, परंतु मुफासा से नहीं छिपा पाये। मुफासा को जब हरे कीड़ों के आने का उद्देश्य पता चला, तो वह उनकी मदद को तैयार हो गया, पर बदले में वह उनके देवता जैगन से मिलना चाहता था। हरे कीड़े सहर्ष ही इस बात पर तैयार हो गये। जैगन से मिलने के बाद यह तय हुआ कि मुफासा पृथ्वी पर हरे कीड़ों की शक्तियों के विस्तार के लिये पिरामिड बनवायेगा और बदले में जैगन उन्हें वैज्ञानिक शक्तियां देकर शक्तिशाली बनायेगा। अब शुरु हुआ धरती पर पिरामिडों का निर्माण। बुद्ध गह की मदद से धरती पर कुल 8 पिरामिडों का निर्माण हुआ, जिसमें 4 पिरामिड सीनोर राज्य में, 2 पिरामिड मैक्सिको में और 2 पिरामिड मिस्र में बनवाये गये।

“ सारा कार्य बहुत गुपचुप तरीके से किया गया। दरअसल हरे कीड़े मनुष्यों के शरीर की ऊर्जा खींचकर, अपना आकार बढ़ाना चाहते थे, जिससे वह हर प्रकार के वातावरण में जिंदा रह सकें। इस कार्य की
शुरुआत के लिये जब जैगन पृथ्वी पर आया, तब तुम और वीनस 2-3 साल के थे। मुफासा का राजा होने का कार्यकाल अब खत्म हो चुका था। मुफासा ने जैगन से काला मोती प्राप्त करने के लिये मदद मांगी, तभी पता नहीं कैसे धरा, मयूर और कलाट ने हमारे इस पिरामिड पर हमला कर दिया।

"जहां एक ओर धरा ने अपनी धरा शक्ति से जैगन को पृथ्वी से बांध दिया, वहीं दूसरी ओर अराका द्वीप के नियमों के विपरीत जाने की वजह से कलाट ने तुम्हारे पिता और माता को मार दिया। सभी के यहां से जाने के बाद, मैंने तुम्हारे माता और पिता के शरीर पर एक रसायन का लेप लगाकर इस ताबूत में रख दिया। मुझे पता था कि जब जैगन जागेगा, तो अपने गुरु ‘कुवान’ की मदद से तुम्हारे माता-पिता को फिर से जिंदा कर देगा क्यों कि जैगन की अंधेरी शक्तियां भी कुवान की ही देन थीं। पर जब 15 वर्षों के बाद भी जैगन नहीं जागा, तो हमने जैगन के सेवक गोंजालो के कहने से, स्वयं अदृश्य शक्तियों के स्वामी कुवान की साधना करनी शुरु कर दी।

“ कुवान के आशीर्वाद से हमें भेड़ियों की फौज और मेरा सेवक वुल्फा मिला। अब हम कुवान के आदेशानुसार काला मोती को प्राप्त करने के लिये, दूसरे पिरामिड से तिलिस्मा के अंदर तक एक सुरंग बना रहे हैं, जिससे हम बिना तिलिस्मा में प्रवेश किये ही काला मोती को प्राप्त कर लें और तुम्हारे माता-पिता को जिन्दा करके कलाट से बदला ले सकें।” यह कहकर मकोटा कुछ देर के लिये रुक गया और ध्यान से लुफासा के चेहरे को देखने लगा।

लुफासा मकोटा की बातें सुनकर बहुत तेजी से कुछ सोच रहा था, यह देख मकोटा फिर से बोल उठा-

“अगर तुम्हें सबकुछ समझ आ गया हो और अगर तुम मेरी बात से सहमत हो तो मुझे बताओ, तब मैं इसके आगे की बात बताऊं?”

“पहले मुझे ये बताये कि ये सारी बातें सनूरा को क्यों नहीं पता ? जबकि वह तो पिछले 600 वर्षों से सीनोर राज्य की सेनापति है।” लुफासा ने अपना शक प्रकट करते हुए कहा।

“मुफासा का साइबेरिया जाना और जैगन से मिलकर पिरामिड बनवाना बहुत ही गुप्त रखा गया था, इस बात का पता तो तुम्हारी माँ कागोशी को भी नहीं था, फिर सनूरा को कैसे होता? और अब रही बात कलाट के तुम्हारे माता-पिता को मारने की बात, तो उस समय सनूरा किसी कार्य से अराका द्वीप से बाहर गई थी? उसके आने के बाद हमने कलाट की बात उसे इसलिये नहीं बताई कि यह बात सुनकर कहीं तैश में आकर सामरा राज्य पर हमला ना बोल दे और उस समय तक सामरा राज्य की शक्तियां हमसे ज्यादा थीं, इसलिये मैं बस समय आने का इंतजार कर रहा था, जिससे उचित समय पर मैं ये सारी बातें तुम्हें स्वयं बता सकूं।” मकोटा ने कहा।

“अब मुझे ये बताइये कि कलाट ने मेरी माँ को क्यों मारा, उसने किसी का क्या बिगाड़ा था?” लुफासा ने क्रोध में आते हुए कहा।

“कलाट ने जब तलवार से तुम्हारे पिता पर हमला किया, उस समय तुम्हारी माँ बीच में आ गई, जिससे वह भी मारी गई।” मकोटा ने कहा।

“जैगन के इस प्रयोग से तो पूरी इंसानियत खतरे में पड़ रही थी, आप लोगों ने जैगन की बात मानने ये पहले ये क्यों नहीं सोचा?” लुफासा ने कहा।

“मनुष्य पहले भी अटलांटियन के आगे कुछ नहीं थे, इसलिये अटलांटियन को कभी भी मनुष्यों की चिंता नहीं रही।....ऐसा मैं नहीं ...तुम्हारे पिता का कहना था। मैं तो बस उनकी आज्ञा का पालन कर रहा था।” मकोटा ने उदास होते हुए कहा।

“ठीक है, अब आप मुझसे क्या चाहते हैं?” लुफासा ने कहा।

“चलो मैं पहले तुम्हें बाकी के पिरामिड दिखाता हूं, फिर कहीं बैठकर बात करेंगे।” यह कहकर मकोटा तीसरे पिरामिड की ओर बढ़ गया।

तीसरे पिरामिड में एक विशाल भेड़िया मानव की मूर्ति लगी थी, जिसके पीछे की ओर एक काँच की लिफ्ट लगी थी। मकोटा उसी लिफ्ट में बैठा कर, लुफासा को जमीन के नीचे की ओर ले गया।

यहां चारो ओर लगभग 20 काँच के कैप्सूल दिखाई दे रहे थे, जिसमें बहुत से विचित्र जीव योद्धा खड़े दिखाई दे रहे थे, परंतु वह सभी निष्क्रिय थे।

“ये सभी योद्धा अलग-अलग जीवों से मिलाकर बनाये गये हैं, जिसे बाद में कुवान अपनी शक्तियों से जीवित करेंगे। यह सभी योद्धा हमें सामरा राज्य से युद्ध में जीत दिलायेंगे।” यह कहकर मकोटा लुफासा को वहां से भी लेकर दूसरे पिरामिड की ओर चल दिया।

यह पिरामिड पिछले 2 पिरामिडों से बड़ा था। दूसरे पिरामिड के एक कमरे में कुछ हरे कीड़े जमीन में सुरंग खोद रहे थे।

एक कमरे में गोंजालो जख्मी हालत में लेटा था, और हरे कीड़े उसका इलाज कर रहे थे।

“यह गोंजालो कैसे जख्मी हो गया, इसके पास तो बहुत सी शक्तियां थीं।” लुफासा ने मकोटा से पूछा।

“आजकल समय ही खराब है...मैंने तुम्हें जिस देवी शलाका से मिलाया था, वह भी झूठी निकली और मेरी कई शक्तियां लेकर भाग गई। उधर गोंजालो जब सामरा राज्य मे छिपकर खबर लाने गया था, तो किसी अज्ञात इंसान ने गोंजालो पर महाशक्ति से हमला कर दिया, बहुत मुश्किल से गोंजालो बचकर वापस आ पाया है।”

मकोटा ने कहा- “मुझे तो यही समझ नहीं आ रहा कि एक इंसान के पास महाशक्ति आयी कैसे?.... उधर गोंजालो का ऊर्जा द्वार, तिलिस्मा के ऊर्जा द्वार से टकरा गया, जिससे तिलिस्मा का कोई जीव भी भाग निकला, पर हम जैसे ही उस द्वार से घुसने चले, वह द्वार पुनः बंद हो गया।”

“तिलिस्मा का ऊर्जा द्वार?” लुफासा ने हैरान होते हुए कहा।

“हां, हमें भी नहीं मालूम था कि पिरमिड के पीछे तिलिस्मा का कोई छिपा ऊर्जा द्वार है, नहीं तो हम पहले ही उस द्वार से छिपकर तिलिस्मा में प्रवेश कर जाते, पर अब तो वह भी बंद हो गया। अब तो सुरंग ही एक
मात्र रास्ता है, अगर वहां भी कोई अड़चन नहीं आयी तो?” मकोटा ने कहा- “बस एक ही चीज हमारे साथ अच्छी हुई है.....ना जाने कैसे धरा शक्ति ने काम करना बंद कर दिया जिससे जैगन होश में आ गया है....
अब अगर तुम और सनूरा भी दिल से हमारा साथ देना शुरु कर दो, तो फिर हम जल्दी ही तुम्हारे माता-पिता को भी जिंदा कर लेंगे और फिर जीत हमारी ही होगी।”

“मैं तो पहले भी आपका साथ दे रहा था, फिर भी मैं आपके हर कार्य को करने के लिये अब अपनी जी-जान लगा दूंगा। आप बस आदेश करें मांत्रिक” लुफासा ने कहा और मकोटा के सामने अपने घुटने टेक कर सिर झुका दिया।

मकोटा ने रहस्य बताने के बहाने लुफासा को अपनी ओर करना चाहा था, लुफासा इस बात को अच्छी तरह से समझ रहा था, पर फिर भी अपने माता-पिता के नाम पर, वह भी मकोटा का साथ देने को मजबूर था।

लुफासा का यह रुप देख मक्कार मकोटा मुस्कुरा दिया....आखिर उसकी चाल कामया ब हो ही गई।


जारी रहेगा_____✍️
Bhut hi badhiya update Bhai
Makota ne jhuti kahaniyo se lufasa ko apne jhal me phasa liya hai lekin lufasa majburi me makota ka sath de raha hai
 

Raj_sharma

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Bhut hi badhiya update Bhai
Makota ne jhuti kahaniyo se lufasa ko apne jhal me phasa liya hai lekin lufasa majburi me makota ka sath de raha hai
Bilkul lufasa ke pas koi aur raasta hi nahi hai :dazed:
Thank you very much for your valuable review and support bhai :thanks:
 

Raj_sharma

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अंधेरे का देवता:
(16.01.02, बुधवार, 13:50, मकोटा महल, सीनोर राज्य, अराका द्वीप)

लुफासा जब मेलाइट, रोजर और सुर्वया का परिचय पूछ रहा था, तभी मकोटा ने लुफासा को सिग्नल भेजकर अपने महल में बुलवा लिया था।

पर आज पूरा 1 दिन बीत जाने के बाद भी मकोटा, लुफासा से मिला नहीं था। लुफासा इंतजार करते-करते पूरी तरह से परेशान हो गया था, पर मकोटा से वह कुछ कह भी नहीं सकता था।

एक तो मकोटा महल में उन काले भेड़ियों के अलावा कोई था भी तो नहीं, तो लुफासा आखिर पूछता भी तो किससे? कि मकोटा को मिलने में और कितना समय लगेगा? बहरहाल लुफासा के पास और इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं था।

आखिरकार एक लंबे इंतजार के बाद, उस कमरे का एक दरवाजा खुला और उसमें से मकोटा चलकर आता दिखाई दिया।

मकोटा को देख लुफासा ने राहत की साँस ली और झुककर मकोटा को अभिवादन किया।

“कल से तुम्हें बुलाने के बाद अचानक से पिरामिड में काम कुछ बढ़ गया था, इसलिये मिलने में कुछ ज्यादा ही समय लग गया। उम्मीद है तुम्हें कोई परेशानी नहीं हुई होगी?” मकोटा ने लुफासा को देखते हुए कहा।

लुफासा का मन किया कि इस मकोटा की गंजी खोपड़ी पर कोई डंडा फेंक कर मार दे, पर उसने अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए ‘ना ’ में अपना सिर हिला दिया।

मकोटा लुफासा के सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए बोला- “देखो लुफासा, तुम अराका का भविष्य हो। मैं चाहता हूं कि तुम अराका ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर राज करो, बस इसी लिये मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं। मेरी मेहनत को देखते हुए तुम्हारा भी हक बनता है कि तुम भी पूरे दिल से मेरा साथ दो।....और अब वैसे भी मेरे सपने को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता....मेरा मतलब है कि तुम्हें राजा बनने से।..... देखो लुफासा, मैंने पिछले कुछ दिनों में तुम्हें कई कार्य सौंपे, पर तुम इतनी शक्तियां होने के बाद भी, किसी भी कार्य में सफल नहीं हो पाये।

“जब मैंने ध्यान से सोचा तो मुझे लगा कि ये तुम्हारी शक्तियों का दोष नहीं है, सिर्फ तुम्हारी मानसिक स्थिति का दोष है। तुम अपने स्वयं के निर्णय लेने में भी बहुत असमंजस में दिखते हो। और ऐसा इसलिये है कि तुम्हें मैं ज्यादा कुछ नहीं बताता। पर आज मैंने तुम्हें सबकुछ बताने का निर्णय लिया है। जिससे आगे भविष्य में तुम अपने अच्छे-बुरे को पहचान सको। ये पहचान सको कि तुम्हारे साथ कौन खड़ा है? और तुम्हारे विरुद्ध कौन है?”

मकोटा के शब्द सुनकर लुफासा और सतर्क हो गया। वह समझ गया कि मकोटा उसके आस-पास कोई और जाल बुनना चाह रहा है।

“तुम मेरे साथ पिरामिड चलो, मैं आज तुम्हें सारा सच बताना चाहता हूं।” यह कहकर मकोटा कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया।

मकोटा को उठकर जाते देख लुफासा भी मकोटा के पीछे-पीछे चल दिया।

लुफासा जान गया था कि कुछ भी हो पर आज मकोटा के कई रहस्यों से पर्दा उठने वाला था।

कुछ ही देर में भेड़ियों के रथ पर बैठकर मकोटा और लुफासा सीनोर राज्य में स्थित, उन 4 पिरामिडों के पास पहुंच गये।

मकोटा ने अपना रथ पिरामिड नंबर 4 के पास रोका, यह देख लुफासा हैरान हो गया क्यों कि आज तक उसने किसी को भी पिरामिड नंबर 4 में जाते हुए नहीं देखा था? मकोटा, लुफासा को लेकर पिरामिड नंबर 4 में प्रवेश कर गया।

पिरामिड नंबर 4 के बीच में 2 ताबूत रखे थे। मकोटा लुफासा को लेकर उन्हीं ताबूतों के पास पहुंच गया।
उन ताबूतों का ऊपरी हिस्सा पारदर्शी शीशे का बना था। लुफासा आश्चर्य से उन ताबूतों को देखने लगा।

“तुम्हें पता है लुफासा कि इन ताबूतों में कौन है?” मकोटा ने लुफासा से पूछा।

लुफासा ने अपना सिर ना के अंदाज में हिला दिया।

“इन ताबूतों में ‘मुफासा और कागोशी’ की लाश हैं।” मकोटा ने कहा।

मकोटा के शब्द सुनते ही लुफासा पर बिजली सी गिर गई।

“आपका मतलब है कि इन ताबूतों में मेरे माता-पिता की लाशें हैं?” लुफासा ने शीशे के पास अपना चेहरा लाकर, अंदर झांकते हुए कहा।

“हां ये तुम्हारे माता-पिता की ही लाश हैं, जिन्हें आज से 22 वर्ष पहले सामरा राज्य के राजा कलाट ने मार दिया था।” मकोटा के शब्द रहस्य से भरे थे।

“कलाट ने?” लुफासा कलाट का नाम सुन आश्चर्य से भर उठा।

“चलो मैं तुम्हें शुरु से सुनाता हूं।” लग रहा था कि आज मकोटा सारे रहस्य खोलने के मूड में था-

“तुम्हें पता है कि सामरा और सीनोर के लोगों की औसत आयु 800 वर्ष होती है, पर दोनों ही राज्यों के नियम के अनुसार जिस व्यक्ति को राजा बनाया जाता है, उसे 600 वर्षों तक अपने राज्य पर शासन करना होता है, इस दौरान वह पुत्र या पुत्री उत्पन्न नहीं कर सकता। तो आज से 625 वर्ष पहले भी, इसी प्रकार से सीनोर का राजा मुफासा को और सामरा का राजा कलाट को बनाया गया। तुम तो जानते ही हो कि सामरा और सीनोर की दुश्मनी हजारों वर्षों से चली आ रही थी। इस दुश्मनी की वजह से दोनों ही अपनी शक्तियों को बढ़ाना चाहते थे।

“पर इस कहानी में नया मोड़ तब आया, जब सन् 1908 में मध्य साइबेरिया के जंगलों में एक बहुत बड़ा उल्का पिंड गिरा। मुफासा उस उल्का पिंड की जांच के लिये साइबेरिया जा पहुंचा। वहां पहुंचकर मुफासा को पता चला कि वह कोई उल्का पिंड नहीं, बल्कि बुद्ध ग्रह की एक यान रुपी प्रयोगशाला थी। जिसमें बुद्ध ग्रह के जीव, हरे कीड़े थे, जो कि पृथ्वी पर एक प्रयोग करने आ रहे थे, परंतु पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते समय, किसी प्रकार उनका यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वह साइबेरिया के जंगलों में जा गिरे।

“उन बुद्ध ग्रह के हरे कीड़ों ने मनुष्यों से तो अपना यान छिपा लिया, परंतु मुफासा से नहीं छिपा पाये। मुफासा को जब हरे कीड़ों के आने का उद्देश्य पता चला, तो वह उनकी मदद को तैयार हो गया, पर बदले में वह उनके देवता जैगन से मिलना चाहता था। हरे कीड़े सहर्ष ही इस बात पर तैयार हो गये। जैगन से मिलने के बाद यह तय हुआ कि मुफासा पृथ्वी पर हरे कीड़ों की शक्तियों के विस्तार के लिये पिरामिड बनवायेगा और बदले में जैगन उन्हें वैज्ञानिक शक्तियां देकर शक्तिशाली बनायेगा। अब शुरु हुआ धरती पर पिरामिडों का निर्माण। बुद्ध गह की मदद से धरती पर कुल 8 पिरामिडों का निर्माण हुआ, जिसमें 4 पिरामिड सीनोर राज्य में, 2 पिरामिड मैक्सिको में और 2 पिरामिड मिस्र में बनवाये गये।

“ सारा कार्य बहुत गुपचुप तरीके से किया गया। दरअसल हरे कीड़े मनुष्यों के शरीर की ऊर्जा खींचकर, अपना आकार बढ़ाना चाहते थे, जिससे वह हर प्रकार के वातावरण में जिंदा रह सकें। इस कार्य की
शुरुआत के लिये जब जैगन पृथ्वी पर आया, तब तुम और वीनस 2-3 साल के थे। मुफासा का राजा होने का कार्यकाल अब खत्म हो चुका था। मुफासा ने जैगन से काला मोती प्राप्त करने के लिये मदद मांगी, तभी पता नहीं कैसे धरा, मयूर और कलाट ने हमारे इस पिरामिड पर हमला कर दिया।

"जहां एक ओर धरा ने अपनी धरा शक्ति से जैगन को पृथ्वी से बांध दिया, वहीं दूसरी ओर अराका द्वीप के नियमों के विपरीत जाने की वजह से कलाट ने तुम्हारे पिता और माता को मार दिया। सभी के यहां से जाने के बाद, मैंने तुम्हारे माता और पिता के शरीर पर एक रसायन का लेप लगाकर इस ताबूत में रख दिया। मुझे पता था कि जब जैगन जागेगा, तो अपने गुरु ‘कुवान’ की मदद से तुम्हारे माता-पिता को फिर से जिंदा कर देगा क्यों कि जैगन की अंधेरी शक्तियां भी कुवान की ही देन थीं। पर जब 15 वर्षों के बाद भी जैगन नहीं जागा, तो हमने जैगन के सेवक गोंजालो के कहने से, स्वयं अदृश्य शक्तियों के स्वामी कुवान की साधना करनी शुरु कर दी।

“ कुवान के आशीर्वाद से हमें भेड़ियों की फौज और मेरा सेवक वुल्फा मिला। अब हम कुवान के आदेशानुसार काला मोती को प्राप्त करने के लिये, दूसरे पिरामिड से तिलिस्मा के अंदर तक एक सुरंग बना रहे हैं, जिससे हम बिना तिलिस्मा में प्रवेश किये ही काला मोती को प्राप्त कर लें और तुम्हारे माता-पिता को जिन्दा करके कलाट से बदला ले सकें।” यह कहकर मकोटा कुछ देर के लिये रुक गया और ध्यान से लुफासा के चेहरे को देखने लगा।

लुफासा मकोटा की बातें सुनकर बहुत तेजी से कुछ सोच रहा था, यह देख मकोटा फिर से बोल उठा-

“अगर तुम्हें सबकुछ समझ आ गया हो और अगर तुम मेरी बात से सहमत हो तो मुझे बताओ, तब मैं इसके आगे की बात बताऊं?”

“पहले मुझे ये बताये कि ये सारी बातें सनूरा को क्यों नहीं पता ? जबकि वह तो पिछले 600 वर्षों से सीनोर राज्य की सेनापति है।” लुफासा ने अपना शक प्रकट करते हुए कहा।

“मुफासा का साइबेरिया जाना और जैगन से मिलकर पिरामिड बनवाना बहुत ही गुप्त रखा गया था, इस बात का पता तो तुम्हारी माँ कागोशी को भी नहीं था, फिर सनूरा को कैसे होता? और अब रही बात कलाट के तुम्हारे माता-पिता को मारने की बात, तो उस समय सनूरा किसी कार्य से अराका द्वीप से बाहर गई थी? उसके आने के बाद हमने कलाट की बात उसे इसलिये नहीं बताई कि यह बात सुनकर कहीं तैश में आकर सामरा राज्य पर हमला ना बोल दे और उस समय तक सामरा राज्य की शक्तियां हमसे ज्यादा थीं, इसलिये मैं बस समय आने का इंतजार कर रहा था, जिससे उचित समय पर मैं ये सारी बातें तुम्हें स्वयं बता सकूं।” मकोटा ने कहा।

“अब मुझे ये बताइये कि कलाट ने मेरी माँ को क्यों मारा, उसने किसी का क्या बिगाड़ा था?” लुफासा ने क्रोध में आते हुए कहा।

“कलाट ने जब तलवार से तुम्हारे पिता पर हमला किया, उस समय तुम्हारी माँ बीच में आ गई, जिससे वह भी मारी गई।” मकोटा ने कहा।

“जैगन के इस प्रयोग से तो पूरी इंसानियत खतरे में पड़ रही थी, आप लोगों ने जैगन की बात मानने ये पहले ये क्यों नहीं सोचा?” लुफासा ने कहा।

“मनुष्य पहले भी अटलांटियन के आगे कुछ नहीं थे, इसलिये अटलांटियन को कभी भी मनुष्यों की चिंता नहीं रही।....ऐसा मैं नहीं ...तुम्हारे पिता का कहना था। मैं तो बस उनकी आज्ञा का पालन कर रहा था।” मकोटा ने उदास होते हुए कहा।

“ठीक है, अब आप मुझसे क्या चाहते हैं?” लुफासा ने कहा।

“चलो मैं पहले तुम्हें बाकी के पिरामिड दिखाता हूं, फिर कहीं बैठकर बात करेंगे।” यह कहकर मकोटा तीसरे पिरामिड की ओर बढ़ गया।

तीसरे पिरामिड में एक विशाल भेड़िया मानव की मूर्ति लगी थी, जिसके पीछे की ओर एक काँच की लिफ्ट लगी थी। मकोटा उसी लिफ्ट में बैठा कर, लुफासा को जमीन के नीचे की ओर ले गया।

यहां चारो ओर लगभग 20 काँच के कैप्सूल दिखाई दे रहे थे, जिसमें बहुत से विचित्र जीव योद्धा खड़े दिखाई दे रहे थे, परंतु वह सभी निष्क्रिय थे।

“ये सभी योद्धा अलग-अलग जीवों से मिलाकर बनाये गये हैं, जिसे बाद में कुवान अपनी शक्तियों से जीवित करेंगे। यह सभी योद्धा हमें सामरा राज्य से युद्ध में जीत दिलायेंगे।” यह कहकर मकोटा लुफासा को वहां से भी लेकर दूसरे पिरामिड की ओर चल दिया।

यह पिरामिड पिछले 2 पिरामिडों से बड़ा था। दूसरे पिरामिड के एक कमरे में कुछ हरे कीड़े जमीन में सुरंग खोद रहे थे।

एक कमरे में गोंजालो जख्मी हालत में लेटा था, और हरे कीड़े उसका इलाज कर रहे थे।

“यह गोंजालो कैसे जख्मी हो गया, इसके पास तो बहुत सी शक्तियां थीं।” लुफासा ने मकोटा से पूछा।

“आजकल समय ही खराब है...मैंने तुम्हें जिस देवी शलाका से मिलाया था, वह भी झूठी निकली और मेरी कई शक्तियां लेकर भाग गई। उधर गोंजालो जब सामरा राज्य मे छिपकर खबर लाने गया था, तो किसी अज्ञात इंसान ने गोंजालो पर महाशक्ति से हमला कर दिया, बहुत मुश्किल से गोंजालो बचकर वापस आ पाया है।”

मकोटा ने कहा- “मुझे तो यही समझ नहीं आ रहा कि एक इंसान के पास महाशक्ति आयी कैसे?.... उधर गोंजालो का ऊर्जा द्वार, तिलिस्मा के ऊर्जा द्वार से टकरा गया, जिससे तिलिस्मा का कोई जीव भी भाग निकला, पर हम जैसे ही उस द्वार से घुसने चले, वह द्वार पुनः बंद हो गया।”

“तिलिस्मा का ऊर्जा द्वार?” लुफासा ने हैरान होते हुए कहा।

“हां, हमें भी नहीं मालूम था कि पिरमिड के पीछे तिलिस्मा का कोई छिपा ऊर्जा द्वार है, नहीं तो हम पहले ही उस द्वार से छिपकर तिलिस्मा में प्रवेश कर जाते, पर अब तो वह भी बंद हो गया। अब तो सुरंग ही एक
मात्र रास्ता है, अगर वहां भी कोई अड़चन नहीं आयी तो?” मकोटा ने कहा- “बस एक ही चीज हमारे साथ अच्छी हुई है.....ना जाने कैसे धरा शक्ति ने काम करना बंद कर दिया जिससे जैगन होश में आ गया है....
अब अगर तुम और सनूरा भी दिल से हमारा साथ देना शुरु कर दो, तो फिर हम जल्दी ही तुम्हारे माता-पिता को भी जिंदा कर लेंगे और फिर जीत हमारी ही होगी।”

“मैं तो पहले भी आपका साथ दे रहा था, फिर भी मैं आपके हर कार्य को करने के लिये अब अपनी जी-जान लगा दूंगा। आप बस आदेश करें मांत्रिक” लुफासा ने कहा और मकोटा के सामने अपने घुटने टेक कर सिर झुका दिया।

मकोटा ने रहस्य बताने के बहाने लुफासा को अपनी ओर करना चाहा था, लुफासा इस बात को अच्छी तरह से समझ रहा था, पर फिर भी अपने माता-पिता के नाम पर, वह भी मकोटा का साथ देने को मजबूर था।

लुफासा का यह रुप देख मक्कार मकोटा मुस्कुरा दिया....आखिर उसकी चाल कामया ब हो ही गई।


जारी रहेगा_____✍️
Nice update....
 
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