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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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53,173
259
# 29 .
चैपटर-9 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 07:45;

सुयश की निगाहें पुनः स्टोर रूम में इधर-उधर फिरने लगी। वह मन ही मन कुछ तेजी से सोचता भी जा रहा था। एका एक सुयश तौफीक की ओर घूमा और बोल उठा-
“मिस्टर तौफीक, मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं।“ तौफीक सुयश की ओर देखने लगा।

“आप तो आर्मी में मेजर हैं। आपकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान, आपको बहुत सारी चीजें सिखाई गईं होगी। आप यह बताइए कि अगर कुत्ते को अपराधी की गंध सुंघाई जाती है, तो वह हमेशा उसी दिशा में क्यों भागता है? जिधर अपराधी गया है। उधर क्यों नहीं जाता ? जिधर से वह अपराधी आया था।“ यह प्रश्न सुनकर, सभी के चेहरे पर सुयश के प्रति तारीफ के भाव आ गए। क्यों कि इस पॉइंट के बारे में शायद कभी किसी ने नहीं सोचा था।

“क्यों कि जो चालाक अपराधी यह जान जाता है कि उसका पीछा जासूसी कुत्ते द्वारा कराया जा सकता है, वह आगे भागते हुए तो उस कुत्ते से बचने का इंतजाम करता है, परंतु वह जिस दिशा से आया था, मैं दावा कर सकता हूं कि उसने उस तरफ ऐसा इंतजाम नहीं किया होगा।“

सुयश ने ‘दावा ‘ शब्द पर जोर देते हुए, तेजी से अपने सीधे हाथ का मुक्का बना कर, अपने बाएं हाथ के पंजे पर जोर से मारते हुए कहा।

“देखिये कैप्टन! पहली बात तो यह है कि अधिकांशत: कुत्ते को अपराधी की कोई वस्तु, जैसे रुमाल, कपड़ा या कोई अन्य सामान सुंघाया जाता है, जिससे वह अपराधी के भागने की दिशा में जाता है। अगर कभी कुत्ते को वह जगह सुंघाई जाए तो उम्मीद है कि कुत्ता उस तरफ भी जा सकता है, जिधर से अपराधी आया था। लेकिन पुलिस वालों को हमेशा अपराधी पकड़ना होता है, इसलिए वह कुत्ते को उसी दिशा में जाने का इशारा करते हैं, जिस दिशा में अपराधी गया है।
वैसे एक बात और भी होती है, जिसकी वजह से कुत्ते को उस साइड नहीं ले जाया जाता, जिधर से वह अपराधी आया था, और वह वजह यह है कि अपराधी के शरीर की खुशबू, जिस तरफ वह गया है, उधर बढ़ती जाती है। जबकि जिधर से वह आया था, उसकी खुशबू वातावरण में मिलकर गायब होती जाती है। इसलिए भी कुत्ता उसी दिशा में जाता है, जिधर अपराधी गया है।“

इतना कहकर तौफीक चुप हो गया। कुछ सोचकर सुयश ने ब्रूनो को फिर वही जगह सुंघाई, जहां पर लॉरेन की लाश रखी थी और फिर ब्रूनो को ‘बैक‘ का इशारा किया।

इशारा मिलते ही ब्रूनो बहुत तेजी से स्टोर रूम के अगले गेट से निकलकर, गैलरी के एक कोने की ओर दौड़ पड़ा। एक बार फिर सब ब्रूनो के पीछे थे। सुयश की तरकीब काम कर गई थी। ब्रूनो को कातिल की गंध पुनः मिल गयी थी। कुछ आगे जा कर ब्रूनो एक क्षण के लिए रुक गया। ऐसा लगा मानो वह गंध यहां आकर काफी कम हो गई हो।

कुछ क्षणों के बाद ब्रूनो ने अपनी नाक उठाकर जोर-जोर से सूंघा और पुनः धीरे-धीरे एक दिशा की ओर आगे बढ़ना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे चलता हुआ ब्रूनो एक दरवाजे के पास पहुंचकर रुक गया। कुछ देर सूंघने के पश्चात, वह उस दरवाजे पर खरोंच मारने लगा।

उस दरवाजे पर गणित के बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था- ‘एस-25‘ उस दरवाजे पर ब्रूनो के खरोंच मारते ही जेनिथ का गला सूखने लगा क्यों कि यह रुम उसी का था। ब्रूनो के उस रूम के दरवाजे को खरोंचने का साफ मतलब था, कि अपराधी लॉरेन की लाश के पास, इसी कमरे से निकल कर गया था।

सुयश चूँकि एक बार जेनिथ के रुम में आ चुका था। इसलिए वह तुरंत जेनिथ की ओर घूमता हुआ बोला- “ब्रूनो आपके रूम के दरवाजे पर अपने पंजे क्यों मार रहा है?“

“म....मुझे......क्या पता ?“ जेनिथ एका एक घबराए स्वर में बोली-
“मैं तो स्टोर रूम में आज से पहले कभी गई ही नहीं थी।“

“आप अपने रूम का दरवाजा खोलिए। अभी सच्चाई का पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने जेनिथ को देखते हुए कहा।

“पर चाबी तो इस समय मेरे पास नहीं है।“ जेनिथ ने कहा।

“चाबी किसके पास है?“ सुयश ने जेनिथ से पूछा।

“मेरे सहयोगी कलाकार डारथी के रूम में।“

“चाबी वहां क्या कर रही है?“ सुयश ने शंकित स्वर में पूछा।

“वो मैं इस रुम में हमेशा ही लॉरेन के साथ रहती थी। लेकिन लॉरेन की मौत के बाद, जाने क्यों मुझे अकेलेपन से बहुत डर लगने लगा। इसलिए मैं अपना कुछ जरूरत का सामान लेकर, बगल वाले रूम में अपने दूसरे सहयोगी कलाकार डारथी के साथ जा कर रहने लगी थी।“ जेनिथ ने शांत भाव से जवाब दिया। सुयश को जाने क्यों जेनिथ सच बोलती हुई दिखी।

“जाइए जाकर पहले इस रूम की चाबी लेकर आइये।“ सुयश ने धीमे शब्दों में जेनिथ को आदेश देते हुए कहा।

जेनिथ तुरंत रुम नम्बर ‘एस-24‘ के दरवाजे पर पहुंच गयी। उसने एक पल के लिए कुछ सोचा और फिर डोर बेल पर उंगली रख दी। थोड़ी ही देर में रुम का दरवाजा खुल गया। दरवाजा खोलने वाली डारथी ही थी। उसकी आंखें देखकर लग रहा था कि अभी सोई ही हुई थी।

बाहर इतनी भीड़ देखकर वह आश्चर्य से भर उठी। लेकिन जेनिथ ने उसे कुछ समझाया और फिर उसके साथ रुम के अंदर चली गयी। बाकी के सभी लोग कुछ दूरी पर खड़े थे। इसलिए उन्हें दोनो की बातें सुनाई नहीं दी।

धीरे-धीरे समय बीतने लगा, पर जब काफी देर तक जेनिथ उस रुम से नहीं निकली, तो सुयश ने धीरे से लारा को इशारा किया। लेकिन इससे पहले कि लारा डारथी के रूम में जाकर, देरी का कारण पता लगा पाता, उसे जेनिथ बाहर निकलती हुई दिखाई दी। जेनिथ का उतरा हुआ चेहरा बता रहा था कि कहीं कोई प्रॉब्लम है?

“क्या हुआ मिस जेनिथ? चाबी कहां है?“ सुयश ने जेनिथ के उतरे हुए चेहरे को देखकर पूछा।

“पता नहीं कैप्टेन! चाबी तो मैंने अपने पर्स में ही रखी थी, पर अब वह वहां पर नहीं है। शायद किसी ने उसे गायब कर दिया है?“ जेनिथ ने डरते-डरते मायूस शब्द में सुयश से कहा।

“मुझे कुछ ऐसा ही शक था।“ सुयश ने शंकित नजरों से जेनिथ को देखते हुए कहा। इसके बाद सुयश लारा की तरफ पलट कर बोला-
“मिस्टर लारा, आप जाइये और रिसेप्शन से जेनिथ के रुम की दूसरी चाबी लेकर आइये।“ लारा , सुयश का आदेश मान तुरंत दूसरी चाबी लाने के लिए चला गया।

“मिस जेनिथ! क्या आपकी फ्रेंड डारथी को भी नहीं पता कि चाबी कहां है? या फिर कोई आपकी गैर हाजरी में आपसे मिलने आया हो।“ ब्रैंडन ने कहा।

“जी नहीं , मैंने यह सारी बातें उससे पूछ ली हैं। रूम में हम लोगों की उपस्थिति में कोई नहीं आया।“ जेनिथ के शब्दों में अभी भी चिंता के भाव थे।

“तो फिर आपके रूम से चाबी कौन निकाल कर ले गया ? सुयश ने कहा।

“मुझे नहीं पता। मैं इस समय स्वयं बहुत उलझन में हूं।“ जेनिथ ने जवाब दिया।

तब तक लारा दूसरी चाबी लेकर आ गया। असलम ने लारा से चाबी लेकर ‘की होल‘ में फंसाई और एक झटके से कमरे का लॉक खोल दिया। असलम ने दरवाजे को धीरे से धक्का दिया।

दरवाजा निःशब्द खुलता चला गया। जेनिथ सहित सभी के दिल इतनी तेजी से धड़क रहे थे। मानों दरवाजा खुलते ही उन पर मौत टूट पड़ेगी। अंदर कमरे में बिल्कुल अंधकार था।
जेनिथ धीरे से मरे-मरे कदमों से अंदर दाखिल हो गई। अंधकार इतना गहरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। जेनिथ के हाथ धीरे से दरवाजे के बांयी साइड वाली दीवार की ओर गया। कुछ देर टटोलने के बाद कुछ बटन उसके हाथ में आ गए। जेनिथ ने एक झटके से खट्-खट् की आवाज के साथ, सारे बटन ऑन कर दिए।

पूरा कमरा दूधिया प्रकाश से नहा उठा। लेकिन उसके बाद जो नजारा सामने आया, उसे देखकर सभी आश्चर्य में पड़ गए। जेनिथ के कमरे का सामान, पूरे कमरे में इस तरह बिखरा हुआ था । मानो किसी ने उसके कमरे की तलाशी ली हो।

“यह सब क्या है? सुयश ने भी कमरे में प्रवेश करते हुए कहा। “पता नहीं? जेनिथ का स्वर उलझा-उलझा सा था- “मैं स्वयं नहीं समझ पा रही हूं कि ये सब क्या है?“

“ऐसा लगता है, जैसे किसी ने तुम्हारे कमरे की तलाशी ली हो।“ असलम ने भी कमरे में प्रवेश करते हुए कहा।

“आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं।“ जेनिथ ने कमरे पर नजर मारते हुए जवाब दिया।

“क्या आप जब कमरे से निकली थीं? तब भी सारा सामान यूं ही बिखरा पड़ा था।“ ब्रैंडन ने पूछा।

“जी नहीं। अगर मेरे रूम से निकलते समय, ये सब बिखरा पड़ा होता, तो कम से कम रूम में प्रवेश करते समय मुझे तो आश्चर्य नहीं होता।“

जेनिथ के शब्दों में अब थोड़ा रोष भी नजर आ रहा था। अब सुयश की निगाहें तेजी से कमरे में बिखरे हुए सामान पर फिरने लगी।

“इसका साफ मतलब निकलता है कि हम लोग सही सोच रहे थे।“ सुयश ने पूरे कमरे पर नजर दौड़ाने के बाद लारा की ओर घूमते हुए कहा-
“लॉरेन का बॉयफ्रेंड ही उसका कातिल है। पहले वह जेनिथ के कमरे में आया। शायद उसे कुछ ऐसे सबूत की तलाश थी, जो उसे फंसवा सकते थे। जब वह सबूत उसे यहां नहीं मिले तो वह उसे ढूंढने लॉरेन की लाश के पास पहुंच गया होगा।“

“हम अब बिल्कुल सही सोच रहे हैं कैप्टन।“ असलम ने भी कमरे पर एक गहरी निगाह मारते हुए कहा-

“लेकिन इससे दो बातें तो बिल्कुल साफ हो जाती हैं। पहली यह कि उसे पता था कि जेनिथ अपने रूम में नहीं है। क्यों कि इस तलाशी को देखते हुए यह साफ लग रहा है कि उसने अपना काम बड़ी तसल्ली से किया है। और दूसरा उसे यह भी पता था कि जेनिथ डारथी के रुम में है और इस कमरे की चाबी जेनिथ के पर्स में है। और यह सब वही कर सकता है जो जेनिथ को ठीक से जानता हो या फिर उसकी एक्टिविटी लगातार देख रहा हो।“

“बिल्कुल ठीक।“ सुयश ने असलम की तारीफ करते हुए कहा।

“कैप्टेन! मैं भी आपको एक बात ध्यान दिलाना चाहता हूं।“ ब्रैंडन ने कहा- “वह यह कि इस समय यहां जितने लोग खड़े हैं, अपराधी इसमें से नहीं है।“

“इस बात के कहने का आपके पास क्या लॉजिक है?“ अलबर्ट ने कहा।

“मेरे कहने का यह मतलब है कि यदि अपराधी इसमें से कोई होता तो ब्रूनो उसकी खुशबू सूंघकर उसे पहचान जाता और वहीं पकड़ लेता। जबकि ब्रूनो खुशबू सूंघकर बाहर की ओर भागा था।“ ब्रैंडन ने अपना तर्क देते हुए कहा।

“मैं तुम्हारी इस बात से सहमत नहीं हूं असलम।“ सुयश ने असलम की बात काटते हुए कहा- “क्यों कि अपराधी बहुत चालाक है। यह भी हो सकता है कि उसने भागते समय, कुत्ते को डॉज देने वाले स्प्रे का सहारा लिया हो। जिसके कारण उसके शरीर की खुशबू छिप गई हो। इसी कारण इन लोगों के बीच खड़े होने के बावजूद भी ब्रूनो कातिल को ना पहचान पा रहा हो।“

सुयश का तर्क इतना वजनदार था कि असलम उसकी बात काट नहीं पाया। उसके बाद सभी ने एक बार फिर कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया। पर इन्हें सबूत के नाम पर कमरे से एक तिनका भी ना मिला।

अब सभी लोग धीरे-धीरे कमरे से बाहर निकलने लगे। तभी कैप्टन की नजर सोफे के पास गिरे पड़े सिगरेट के एक टोटे पर गई। सुयश ने वहां रखे टिश्यू पेपर के रोल में से एक टिश्यू निकाल लिया और झुककर उस टिश्यू से सिगरेट का वह टुकड़ा उठा लिया। सिगरेट के बचे हुए टुकड़े पर लिखा ‘ट्रेंच‘ नाम दूर से ही नजर आ रहा था।

“मिस्टर लोथार!“ सुयश ने सिगरेट के टुकड़े को लोथार के चेहरे के सामने करते हुए कहा- “आप किस ब्रांड की सिगरेट पीते हैं?“

“जी... मैं....।“ लोथार ने अचकचाते हुए पूछा।

“जी हाँ..... आप ही।“ सुयश ने हामी भरते हुए कहा।

“ट्रेंच!“ लोथार ने सुयश के हाथ में थमे सिगरेट के टुकड़े को देखते हुए जवाब दिया।

“अभी-अभी मुझे कमरे से यह ट्रेंच नाम की सिगरेट का टुकड़ा पड़ा हुआ मिला है। कहीं जेनिथ के रुम में आप तो नहीं आए थे?“ सुयश ने लोथार को घूरते हुए पूछा।

“जी नहीं। रूम में मैं नहीं आया था और वैसे भी मैं आपको एक बात बता दूं कि ट्रेंच न्यूयॉर्क की फेमस सिगरेट में से एक है। इस शिप पर सफर करने वाले लोगों में से सैकड़ों लोग इस सिगरेट को पीते होंगे, फिर आप ये बात मुझसे ही क्यों पूछ रहे हैं?“ लोथार ने थोड़ा नाराज होते हुए जवाब दिया।






जारी रहेगा.........✍️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Behtreen update Bhai

भाई, मुझको ये प्रोफेसर अल्बर्ट, इस अटलांटिस द्वीप के मुकाबले कोई कम मायावी नहीं लग रहे हैं। जब देखो तब, मौका-ए-वारदात के आस पास मौज़ूद दिखाई देते हैं। उनकी तार्किक मेधा का कोई सानी ही नहीं है - बस एक शेफ़ाली को छोड़ कर! कहीं इन महाशय का कनेक्शन भी अटलांटिस से नहीं? इनकी भूमिका बहुत तेजी से संदिग्ध होती जा रही है। याद रहे कि माईकल, मार्था, शेफ़ाली और ब्रूनो की सुप्रीम पर व्यवस्था करवाने वाले ये अल्बर्ट महाशय ही थे। शायद वो शेफ़ाली को अटलांटिस को सौंपने जा रहे हों! क्या पता - वो खुद अटलांटिस निवासी हों!

इनसे जुड़ा हुआ कोई अन्य भी है शिप पर - जो शेफ़ाली के सिरहाने अटलांटिस का सिक्का रख देता है, क्रिस्टी के कमरे में हरा जीव प्लांट कर देता है, लॉरेन के शव को ठिकाने (मतलब पानी में फेंक) लगा देता है, गार्ड के शव को गायब कर देता है, इत्यादि! उधर, कहानी की शुरुवात में शेफ़ाली के “सपनों” की बातें - अंधेरा, लहरें, रोशनी, फायर, लाम, कीड़े, द्वीप - सब एक के बाद एक सच होती जा रही हैं।

इतना तो लगभग पक्का लग रहा है कि लॉरेन के शव को ही सुप्रीम से फेंका गया है। लेकिन उससे क्या हासिल होना है? हत्यारे को डरने की कोई ज़रुरत ही नहीं है। हत्या से जुड़ा लगभग हर साक्ष्य दूषित है। सुप्रीम पर हो रहे उथल पुथल के कारण - अगर ये सभी किसी सौभाग्य से कहीं किसी मानवीय सभ्यता में जा भी सके - वैसे ही कुछ नहीं होना है। वैसे भी लॉरेन की हत्या फ़िलहाल एक छोटी समस्या है।

तौफ़ीक़ की गोली चलाने की स्टाइल शेफ़ाली के बताए अनुसार है। लेकिन कोई भी उसकी नक़ल कर सकता है - निशानेबाज़ी की प्रतियोगिता के समय कोई भी उसकी स्टाइल को देख सक रहा था। अब चूँकि लॉरेन का शव गायब हो गया है, तो शायद तौफ़ीक़ और लॉरेन के रिश्ते की सच्चाई सामने आ जाए।

एक नया कोण आ गया है - तुंगुस्का इवेंट का। जैसा कि लगभग हर प्रसिद्ध उस घटना के साथ होता है, जिसमें प्रमाणों का अभाव होता है, तुंगुस्का इवेंट पर भी ज्ञानियों की बहस चल रही है। ख़ैर, चूँकि यह कहानी फंतासी है - इसलिए तुंगुस्का इवेंट, अटलांटिस, बरमूडा त्रिकोण, वो हरा अतरंगी जीव और सुप्रीम पर आन पड़ी मुसीबतें - सब जुड़ी हुई हैं।

कहानी में कई स्थानों में सरनेम के जगह “________” का प्रयोग हुआ है। अल्बर्ट, असलम... ऐसा क्यों भाई?

बहुत ही रोचक कहानी है भाई, बहुत ही रोचक! और बहुत बढ़िया तरीक़े से लिखी गई है। आनंद ही आनंद!

Bhut shandaar update....... koi bhi lamha halka nahi h is kahani ka.......


Jaise boyfriend banne k chakkar m .... abhi fas jata bechara

बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है

लाॅरेन की हत्या , शिप के बरमूडा ट्राइंगल क्षेत्र मे पहुंच जाना , शिप के ऊपर से एक अजीबोगरीब यान के गुजरने के बाद इस शिप पर एक अजीब सा जहरीले क्रीचर का पाया जाना चौथी बड़ी घटना थी ।
इतने सारे अनहोनी इसी शिप पर ही क्यों हो रहे हैं ? क्या यह सभी घटनाक्रम अलग-अलग है या एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं ?

यह देखकर अजीब लग रहा है कि इस जहाज के बहुत सारे लोग डिटेक्टिव के भुमिका के रोल मे नजर आने लगे हैं । कम से कम इस शिप पर एक पुलिस आफिसर या किसी डिटेक्टिव को अवश्य सफर करना चाहिए था ।

इस शिप पर मौजूद करीब दो हजार लोगों के बीच सारा फोकस अब तक गिने चुने लोगों पर ही केंद्रित रहा है और वह हैं - कैप्टन सुयश , सेक्योरिटीज आफिसर लारा , शिप के अन्य सदस्य जैसे ब्रैंडन , रोजर , असलम वगैरह , प्रोफेसर अलबर्ट और उनकी पत्नी मारिया , माइकल , उसकी पत्नी मारथा और उनकी लड़की शैफाली , डांस ग्रूप की एक सदस्य जेनिथ , फ्रांसीसी तौफिक , अफ्रीकन लौथार और दो दोस्त जैक एंड जाॅनी । इसके अलावा शैफाली का क्यूटी डाॅगी ।

इन्ही मे कोई ऐसा शख्स होना चाहिए जो एक बड़ा खेल , खेल रहा है । और शायद शैफाली ही इस अनहोनी से पर्दा उठा सकती है !
तब तक हमे सिर्फ इस सफर के थ्रिल का आनंद ही उठाना चाहिए । वैसे अनहोनी की श्रृखंला अभी समाप्त नही हुई है , यह आगे भी चलता रहेगा । बस देखना यह है कि इस शिप के यात्री अंततः सही सलामत धरती पर वापस आ पाते भी हैं या नही !

आउटस्टैंडिंग अपडेट शर्मा जी और जगमग जगमग भी।

J से जेनिथ भी तो है कप्तान साहब 😌

बढ़िया अपडेट, लोग आपस में ही लड़ भीड़ न जाएं।

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

Ab to kahani aur bhi pechida hoti ja rahi he..........

Dimag ki dahi ho rahi he abhi to.............

Keep posting Bhai

Nice 👍 kya katil samne aayega next update mein ya phir suspense aur aage badhega, Alex bechare ka kuchh der ke liye bura haal ho gaya??
Kya Taufik murder mein involved hai ya phir koi aur hai, let's see in the upcoming updates!!!!!!


Ek baar phir se story suspense aur romanchak mod par samapt hua hai.

Zaroor padhe ge bhai raj

बहुत ही जबरदस्त और उलझनों से भरा अपडेट है भाई मजा आ गया
ये लाॅरेन की हत्या करने वाला और उसे लेकर भागने वाले ने सबको एक प्रकार के जाल में उलझा दिया
अब देखते हैं ये कडी कैसे सुलझती हैं
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

अल्बर्ट ने तो संभावना के अंबार लगा दिए......

इससे सब सुलझाने के बजाय उलझ गए.....


फिर सब नए सिरे से शक़ के दायरे मे है.







जलेबी की तरह सीधी सी कहानी

Raj_sharma bhai next update kab tak aayega?

Shaandar jabardast update 👌
Shefali gayab ho gayi 😏 lagta us connection Atlantis se hai 😏

Always welcome sir :smarty:

Badhiya update

CID ka case bana diya ha or captain suyesh acp prduman ki tarah sawal karta ja raha ha or nayi nayi baten ujagar hoti ja rahi ha sabke pas apna apna jawab ha suyesh be like kuchh to gadbad ha daya kuchh to gadbad ha kher dekhte han ki kon nikalta ha katil lekin ek bat ha lash gayi to kahan gayi dono

Awesome update
Har koi EK Naya sawal khada kar raha Hai लेकिन उत्तर किसी के पास नहीं है,
सब ऐसे ही अपने खयाली पुलाव पका रहे है,
जहां तक अभी तक के हालत ऐसे है कि शिप पर एक नई घटना को अंजाम देकर सबका माइंड उस तरफ डायवर्ट किया जा रहा है और फिर कुछ नया कांड हो जाता है
देखना अब ये है लॉरेन के केस से फिर से ध्यान हटाने को अब नया क्या होने वाला है

और तो सब ठीक है लेकिन उर्दू सिर्फ एक भाषा है लिपि नहीं जो सिर्फ भारतीय क्षेत्र में बोली जाती है

'लाम' अक्षर 'अरबी/फारसी' लिपि (script/font) का है
जैसे 'जे' अक्षर अंग्रेजी भाषा का नहीं 'रोमन/ग्रीक' लिपि का है

Nice update Bhai
Har koi ek naya sawal lekar kada hai or jawab kisi ke paas nahi
Chalo itna to pata chala ki vah rumaal jents ka hai or uska naam L se suru hota hai

बहुत ही शानदार अपडेट है !
हर अपडेट अगले अपडेट की तलब बढ़ा देता है

बहुत ही ग़ज़ब लिख रहे हैं आप मित्र !

New update
Update posted friends:declare:


DEVIL MAXIMUM

 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Superb update bhai
Kon ho sakta hai ye katil jise malum ho ki jenith ne apne room ki chabi kaha rakhi hai
Koi to hai, jisko jenith ki saari jankari ho, ki wo kab, kaha, or kya karti hai :approve: Thanks brother for your valuable review and support :hug:
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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चैपटर-9 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 07:45;

सुयश की निगाहें पुनः स्टोर रूम में इधर-उधर फिरने लगी। वह मन ही मन कुछ तेजी से सोचता भी जा रहा था। एका एक सुयश तौफीक की ओर घूमा और बोल उठा-
“मिस्टर तौफीक, मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं।“ तौफीक सुयश की ओर देखने लगा।

“आप तो आर्मी में मेजर हैं। आपकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान, आपको बहुत सारी चीजें सिखाई गईं होगी। आप यह बताइए कि अगर कुत्ते को अपराधी की गंध सुंघाई जाती है, तो वह हमेशा उसी दिशा में क्यों भागता है? जिधर अपराधी गया है। उधर क्यों नहीं जाता ? जिधर से वह अपराधी आया था।“ यह प्रश्न सुनकर, सभी के चेहरे पर सुयश के प्रति तारीफ के भाव आ गए। क्यों कि इस पॉइंट के बारे में शायद कभी किसी ने नहीं सोचा था।

“क्यों कि जो चालाक अपराधी यह जान जाता है कि उसका पीछा जासूसी कुत्ते द्वारा कराया जा सकता है, वह आगे भागते हुए तो उस कुत्ते से बचने का इंतजाम करता है, परंतु वह जिस दिशा से आया था, मैं दावा कर सकता हूं कि उसने उस तरफ ऐसा इंतजाम नहीं किया होगा।“

सुयश ने ‘दावा ‘ शब्द पर जोर देते हुए, तेजी से अपने सीधे हाथ का मुक्का बना कर, अपने बाएं हाथ के पंजे पर जोर से मारते हुए कहा।

“देखिये कैप्टन! पहली बात तो यह है कि अधिकांशत: कुत्ते को अपराधी की कोई वस्तु, जैसे रुमाल, कपड़ा या कोई अन्य सामान सुंघाया जाता है, जिससे वह अपराधी के भागने की दिशा में जाता है। अगर कभी कुत्ते को वह जगह सुंघाई जाए तो उम्मीद है कि कुत्ता उस तरफ भी जा सकता है, जिधर से अपराधी आया था। लेकिन पुलिस वालों को हमेशा अपराधी पकड़ना होता है, इसलिए वह कुत्ते को उसी दिशा में जाने का इशारा करते हैं, जिस दिशा में अपराधी गया है।
वैसे एक बात और भी होती है, जिसकी वजह से कुत्ते को उस साइड नहीं ले जाया जाता, जिधर से वह अपराधी आया था, और वह वजह यह है कि अपराधी के शरीर की खुशबू, जिस तरफ वह गया है, उधर बढ़ती जाती है। जबकि जिधर से वह आया था, उसकी खुशबू वातावरण में मिलकर गायब होती जाती है। इसलिए भी कुत्ता उसी दिशा में जाता है, जिधर अपराधी गया है।“

इतना कहकर तौफीक चुप हो गया। कुछ सोचकर सुयश ने ब्रूनो को फिर वही जगह सुंघाई, जहां पर लॉरेन की लाश रखी थी और फिर ब्रूनो को ‘बैक‘ का इशारा किया।

इशारा मिलते ही ब्रूनो बहुत तेजी से स्टोर रूम के अगले गेट से निकलकर, गैलरी के एक कोने की ओर दौड़ पड़ा। एक बार फिर सब ब्रूनो के पीछे थे। सुयश की तरकीब काम कर गई थी। ब्रूनो को कातिल की गंध पुनः मिल गयी थी। कुछ आगे जा कर ब्रूनो एक क्षण के लिए रुक गया। ऐसा लगा मानो वह गंध यहां आकर काफी कम हो गई हो।

कुछ क्षणों के बाद ब्रूनो ने अपनी नाक उठाकर जोर-जोर से सूंघा और पुनः धीरे-धीरे एक दिशा की ओर आगे बढ़ना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे चलता हुआ ब्रूनो एक दरवाजे के पास पहुंचकर रुक गया। कुछ देर सूंघने के पश्चात, वह उस दरवाजे पर खरोंच मारने लगा।

उस दरवाजे पर गणित के बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था- ‘एस-25‘ उस दरवाजे पर ब्रूनो के खरोंच मारते ही जेनिथ का गला सूखने लगा क्यों कि यह रुम उसी का था। ब्रूनो के उस रूम के दरवाजे को खरोंचने का साफ मतलब था, कि अपराधी लॉरेन की लाश के पास, इसी कमरे से निकल कर गया था।

सुयश चूँकि एक बार जेनिथ के रुम में आ चुका था। इसलिए वह तुरंत जेनिथ की ओर घूमता हुआ बोला- “ब्रूनो आपके रूम के दरवाजे पर अपने पंजे क्यों मार रहा है?“

“म....मुझे......क्या पता ?“ जेनिथ एका एक घबराए स्वर में बोली-
“मैं तो स्टोर रूम में आज से पहले कभी गई ही नहीं थी।“

“आप अपने रूम का दरवाजा खोलिए। अभी सच्चाई का पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने जेनिथ को देखते हुए कहा।

“पर चाबी तो इस समय मेरे पास नहीं है।“ जेनिथ ने कहा।

“चाबी किसके पास है?“ सुयश ने जेनिथ से पूछा।

“मेरे सहयोगी कलाकार डारथी के रूम में।“

“चाबी वहां क्या कर रही है?“ सुयश ने शंकित स्वर में पूछा।

“वो मैं इस रुम में हमेशा ही लॉरेन के साथ रहती थी। लेकिन लॉरेन की मौत के बाद, जाने क्यों मुझे अकेलेपन से बहुत डर लगने लगा। इसलिए मैं अपना कुछ जरूरत का सामान लेकर, बगल वाले रूम में अपने दूसरे सहयोगी कलाकार डारथी के साथ जा कर रहने लगी थी।“ जेनिथ ने शांत भाव से जवाब दिया। सुयश को जाने क्यों जेनिथ सच बोलती हुई दिखी।

“जाइए जाकर पहले इस रूम की चाबी लेकर आइये।“ सुयश ने धीमे शब्दों में जेनिथ को आदेश देते हुए कहा।

जेनिथ तुरंत रुम नम्बर ‘एस-24‘ के दरवाजे पर पहुंच गयी। उसने एक पल के लिए कुछ सोचा और फिर डोर बेल पर उंगली रख दी। थोड़ी ही देर में रुम का दरवाजा खुल गया। दरवाजा खोलने वाली डारथी ही थी। उसकी आंखें देखकर लग रहा था कि अभी सोई ही हुई थी।

बाहर इतनी भीड़ देखकर वह आश्चर्य से भर उठी। लेकिन जेनिथ ने उसे कुछ समझाया और फिर उसके साथ रुम के अंदर चली गयी। बाकी के सभी लोग कुछ दूरी पर खड़े थे। इसलिए उन्हें दोनो की बातें सुनाई नहीं दी।

धीरे-धीरे समय बीतने लगा, पर जब काफी देर तक जेनिथ उस रुम से नहीं निकली, तो सुयश ने धीरे से लारा को इशारा किया। लेकिन इससे पहले कि लारा डारथी के रूम में जाकर, देरी का कारण पता लगा पाता, उसे जेनिथ बाहर निकलती हुई दिखाई दी। जेनिथ का उतरा हुआ चेहरा बता रहा था कि कहीं कोई प्रॉब्लम है?

“क्या हुआ मिस जेनिथ? चाबी कहां है?“ सुयश ने जेनिथ के उतरे हुए चेहरे को देखकर पूछा।

“पता नहीं कैप्टेन! चाबी तो मैंने अपने पर्स में ही रखी थी, पर अब वह वहां पर नहीं है। शायद किसी ने उसे गायब कर दिया है?“ जेनिथ ने डरते-डरते मायूस शब्द में सुयश से कहा।

“मुझे कुछ ऐसा ही शक था।“ सुयश ने शंकित नजरों से जेनिथ को देखते हुए कहा। इसके बाद सुयश लारा की तरफ पलट कर बोला-
“मिस्टर लारा, आप जाइये और रिसेप्शन से जेनिथ के रुम की दूसरी चाबी लेकर आइये।“ लारा , सुयश का आदेश मान तुरंत दूसरी चाबी लाने के लिए चला गया।

“मिस जेनिथ! क्या आपकी फ्रेंड डारथी को भी नहीं पता कि चाबी कहां है? या फिर कोई आपकी गैर हाजरी में आपसे मिलने आया हो।“ ब्रैंडन ने कहा।

“जी नहीं , मैंने यह सारी बातें उससे पूछ ली हैं। रूम में हम लोगों की उपस्थिति में कोई नहीं आया।“ जेनिथ के शब्दों में अभी भी चिंता के भाव थे।

“तो फिर आपके रूम से चाबी कौन निकाल कर ले गया ? सुयश ने कहा।

“मुझे नहीं पता। मैं इस समय स्वयं बहुत उलझन में हूं।“ जेनिथ ने जवाब दिया।

तब तक लारा दूसरी चाबी लेकर आ गया। असलम ने लारा से चाबी लेकर ‘की होल‘ में फंसाई और एक झटके से कमरे का लॉक खोल दिया। असलम ने दरवाजे को धीरे से धक्का दिया।

दरवाजा निःशब्द खुलता चला गया। जेनिथ सहित सभी के दिल इतनी तेजी से धड़क रहे थे। मानों दरवाजा खुलते ही उन पर मौत टूट पड़ेगी। अंदर कमरे में बिल्कुल अंधकार था।
जेनिथ धीरे से मरे-मरे कदमों से अंदर दाखिल हो गई। अंधकार इतना गहरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। जेनिथ के हाथ धीरे से दरवाजे के बांयी साइड वाली दीवार की ओर गया। कुछ देर टटोलने के बाद कुछ बटन उसके हाथ में आ गए। जेनिथ ने एक झटके से खट्-खट् की आवाज के साथ, सारे बटन ऑन कर दिए।

पूरा कमरा दूधिया प्रकाश से नहा उठा। लेकिन उसके बाद जो नजारा सामने आया, उसे देखकर सभी आश्चर्य में पड़ गए। जेनिथ के कमरे का सामान, पूरे कमरे में इस तरह बिखरा हुआ था । मानो किसी ने उसके कमरे की तलाशी ली हो।

“यह सब क्या है? सुयश ने भी कमरे में प्रवेश करते हुए कहा। “पता नहीं? जेनिथ का स्वर उलझा-उलझा सा था- “मैं स्वयं नहीं समझ पा रही हूं कि ये सब क्या है?“

“ऐसा लगता है, जैसे किसी ने तुम्हारे कमरे की तलाशी ली हो।“ असलम ने भी कमरे में प्रवेश करते हुए कहा।

“आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं।“ जेनिथ ने कमरे पर नजर मारते हुए जवाब दिया।

“क्या आप जब कमरे से निकली थीं? तब भी सारा सामान यूं ही बिखरा पड़ा था।“ ब्रैंडन ने पूछा।

“जी नहीं। अगर मेरे रूम से निकलते समय, ये सब बिखरा पड़ा होता, तो कम से कम रूम में प्रवेश करते समय मुझे तो आश्चर्य नहीं होता।“

जेनिथ के शब्दों में अब थोड़ा रोष भी नजर आ रहा था। अब सुयश की निगाहें तेजी से कमरे में बिखरे हुए सामान पर फिरने लगी।

“इसका साफ मतलब निकलता है कि हम लोग सही सोच रहे थे।“ सुयश ने पूरे कमरे पर नजर दौड़ाने के बाद लारा की ओर घूमते हुए कहा-
“लॉरेन का बॉयफ्रेंड ही उसका कातिल है। पहले वह जेनिथ के कमरे में आया। शायद उसे कुछ ऐसे सबूत की तलाश थी, जो उसे फंसवा सकते थे। जब वह सबूत उसे यहां नहीं मिले तो वह उसे ढूंढने लॉरेन की लाश के पास पहुंच गया होगा।“

“हम अब बिल्कुल सही सोच रहे हैं कैप्टन।“ असलम ने भी कमरे पर एक गहरी निगाह मारते हुए कहा-

“लेकिन इससे दो बातें तो बिल्कुल साफ हो जाती हैं। पहली यह कि उसे पता था कि जेनिथ अपने रूम में नहीं है। क्यों कि इस तलाशी को देखते हुए यह साफ लग रहा है कि उसने अपना काम बड़ी तसल्ली से किया है। और दूसरा उसे यह भी पता था कि जेनिथ डारथी के रुम में है और इस कमरे की चाबी जेनिथ के पर्स में है। और यह सब वही कर सकता है जो जेनिथ को ठीक से जानता हो या फिर उसकी एक्टिविटी लगातार देख रहा हो।“

“बिल्कुल ठीक।“ सुयश ने असलम की तारीफ करते हुए कहा।

“कैप्टेन! मैं भी आपको एक बात ध्यान दिलाना चाहता हूं।“ ब्रैंडन ने कहा- “वह यह कि इस समय यहां जितने लोग खड़े हैं, अपराधी इसमें से नहीं है।“

“इस बात के कहने का आपके पास क्या लॉजिक है?“ अलबर्ट ने कहा।

“मेरे कहने का यह मतलब है कि यदि अपराधी इसमें से कोई होता तो ब्रूनो उसकी खुशबू सूंघकर उसे पहचान जाता और वहीं पकड़ लेता। जबकि ब्रूनो खुशबू सूंघकर बाहर की ओर भागा था।“ ब्रैंडन ने अपना तर्क देते हुए कहा।

“मैं तुम्हारी इस बात से सहमत नहीं हूं असलम।“ सुयश ने असलम की बात काटते हुए कहा- “क्यों कि अपराधी बहुत चालाक है। यह भी हो सकता है कि उसने भागते समय, कुत्ते को डॉज देने वाले स्प्रे का सहारा लिया हो। जिसके कारण उसके शरीर की खुशबू छिप गई हो। इसी कारण इन लोगों के बीच खड़े होने के बावजूद भी ब्रूनो कातिल को ना पहचान पा रहा हो।“

सुयश का तर्क इतना वजनदार था कि असलम उसकी बात काट नहीं पाया। उसके बाद सभी ने एक बार फिर कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया। पर इन्हें सबूत के नाम पर कमरे से एक तिनका भी ना मिला।

अब सभी लोग धीरे-धीरे कमरे से बाहर निकलने लगे। तभी कैप्टन की नजर सोफे के पास गिरे पड़े सिगरेट के एक टोटे पर गई। सुयश ने वहां रखे टिश्यू पेपर के रोल में से एक टिश्यू निकाल लिया और झुककर उस टिश्यू से सिगरेट का वह टुकड़ा उठा लिया। सिगरेट के बचे हुए टुकड़े पर लिखा ‘ट्रेंच‘ नाम दूर से ही नजर आ रहा था।

“मिस्टर लोथार!“ सुयश ने सिगरेट के टुकड़े को लोथार के चेहरे के सामने करते हुए कहा- “आप किस ब्रांड की सिगरेट पीते हैं?“

“जी... मैं....।“ लोथार ने अचकचाते हुए पूछा।

“जी हाँ..... आप ही।“ सुयश ने हामी भरते हुए कहा।

“ट्रेंच!“ लोथार ने सुयश के हाथ में थमे सिगरेट के टुकड़े को देखते हुए जवाब दिया।

“अभी-अभी मुझे कमरे से यह ट्रेंच नाम की सिगरेट का टुकड़ा पड़ा हुआ मिला है। कहीं जेनिथ के रुम में आप तो नहीं आए थे?“ सुयश ने लोथार को घूरते हुए पूछा।

“जी नहीं। रूम में मैं नहीं आया था और वैसे भी मैं आपको एक बात बता दूं कि ट्रेंच न्यूयॉर्क की फेमस सिगरेट में से एक है। इस शिप पर सफर करने वाले लोगों में से सैकड़ों लोग इस सिगरेट को पीते होंगे, फिर आप ये बात मुझसे ही क्यों पूछ रहे हैं?“ लोथार ने थोड़ा नाराज होते हुए जवाब दिया।






जारी रहेगा.........✍️
कहानी में रहस्य और रोचकता तो बढ़ रही है लेकिन ठहराव सा आ गया है
बरमूडा त्रिकोण की मिस्ट्री अब मर्डर मिस्ट्री में बदल रही है
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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कहानी में रहस्य और रोचकता तो बढ़ रही है लेकिन ठहराव सा आ गया है
बरमूडा त्रिकोण की मिस्ट्री अब मर्डर मिस्ट्री में बदल रही है
Isper bhi kaam chaalu hai bade bhai , mujhe lagta hai ek aadh update ke baad bhayankar suspense or mystery badhegi:declare:
 

Raj_sharma

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Supreme
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कहानी में रहस्य और रोचकता तो बढ़ रही है लेकिन ठहराव सा आ गया है
बरमूडा त्रिकोण की मिस्ट्री अब मर्डर मिस्ट्री में बदल रही है
Thank you very much for your valuable review and support bhai :hug:
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update

Shak ab jenith per bhi ho raha ha bar bar isse loren ke liye sawal kiye jate han lekin ye bolti ha ise pata nahi are dono ek sath ek kamre me rahte the to kuchh to kiren ne bataya higa ya galti se hi uske muh se nikal gaya ho or iske room ki chabi gayab ha iske room ki koi talashi le gaya ise wo bhi nahi pata aisa to nahi ki kuchh chhipa rahi ha ye

Or last me shak ki sui akar ruki lothar per jenith ke room me wo sigret or lothar bhi usi brand ki cigrette pita ba to ye coincidence ha ya yahi ha liren ka boyfriend
 

RAAZ

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#5

24 दिसम्बर 2001, सोमवार, 09:30; “सुप्रीम”

आज सुबह से ही शिप का डेक, पूरी तरह भर गया था । मौसम आज भी साफ था । सूर्य की स्निग्ध सी किरणें समुद्र की लहरों से टकरा कर, एक अजीब सी चमक उत्पन्न कर रहीं थीं । सुप्रीम पूरे जोश से
समुद्र का सीना चीरता हुआ, अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा था । प्रोफेसर अलबर्ट, अपनी पत्नि मारिया के साथ एक एकांत जगह ढूंढकर आराम से बैठे थे।

“कितना अच्छा लग रहा है ना मारिया।“ अलबर्ट ने सुनहली धूप पर एक नजर डालते हुए कहा -

“शहर की चीख-पुकार से भरी जिंदगी से दूर, अकेले तन्हाई में बैठना। ना कोई काम करने की टेंशन, न ही पैसे के पीछे भागने वाली जिंदगी। सभी कुछ सुकून से भरा हुआ।“

“सही कह रहे हैं आप।“ मारिया ने भी अलबर्ट की हां में हां मिलाई-

“आपका दिन-रात अपने शोध के पीछे इस तरह भागना । हमें तो बात करने का भी समय नहीं मिल पाता था । अब तो आज को देखकर बस दिल यही कहता है, कि यहीं कहीं आस-पास किसी सुनसान द्वीप पर चल कर रहा जाए। जहां पर हमारे और आपके सिवा और कोई इंसान ना हो।“

“सच! आज जिंदगी को देखकर यह लगता है कि मैंने अपने पूरे जीवन में
आखिर क्या हासिल कर लिया ?“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए, एक लंबी सांस लेते हुए कहा-

“जवानी से आज तक भागता रहा,..... भागता रहा...... सिर्फ भागता रहा। किस चीज के पीछे ......पता नहीं ?.....क्या पाया? ...........मालूम नहीं। क्या यही जिंदगी थी ?“

थोड़ी देर रुक कर अलबर्ट ने मारिया को सूनी आंखों में झांकते हुए, पुनः कहना शुरू किया-

“आज हमारी शादी को लगभग 40 साल होने वाले हैं। लेकिन आज तक मैं तुम्हें कुछ नहीं दे पाया। यहां तक कि वक्त भी नहीं।“
बोलते-बोलते अलबर्ट इतना भावुक हो गया, कि उसकी आंखों की दोनों कोरों में पानी आ गया। फिर वह धीरे से चलकर मारिया के पास आया और उसकी तरफ अपना दाहिना हाथ बढ़ा दिया। मारिया ने भी अपना दांया हाथ उठाकर अलबर्ट के हाथ पर रख दिया अलबर्ट के थोड़ा सहारा देते ही, मारिया उठकर खड़ी हो गई। अलबर्ट ने उसका हाथ, इस तरह से थाम लिया, मानो अब वह पूरी जिंदगी इसे ना छोड़ने वाला हो। धीरे-धीरे चलते हुए दोनों डेक की रेलिंग तक पहुंच गये। दोनों ही शांत भाव से इस तरह से सागर को निहार रहे थे। मानो वह इनकी जिंदगी का आखिरी पड़ाव हो।


“अब तुम बिल्कुल फिक्र ना करना मारिया।“ अलबर्ट ने खामोशी तोड़ते हुए कहा-

“आज से मैं दिन-रात तुम्हारे साथ रहूंगा। तुम जो कहोगी, मैं वही करूंगा। अब तो मौत ही हम दोनों को जुदा कर पायेगी।“

“इन बातों और इन लहरों को देखकर तुम्हें कुछ याद नहीं आता अलबर्ट।“ मारिया ने अलबर्ट को बीते दिनों की याद दिला ते हुए कहा। अलबर्ट ने सोचनीय मुद्रा में दिमाग पर जोर डाला। पर उसे कुछ समझ नहीं आया कि मारिया किस बात को याद दिलाने की कोशिश कर रही है। अन्ततः उसने सिर हिलाकर पूछा-

“क्या ?“

“हम लोग लगभग 40 साल पहले एक ऐसे ही शिप पर पहली बार मिले थे और उसके कुछ दिनों बाद, तुमने मुझसे यही शब्द बोले थे कि’ अब मौत ही हम दोनों को जुदा कर पायेगी’ और उसके कुछ दिनों बाद हम लोगों ने शादी भी कर ली थी।“

“वह दिन तो कुछ और ही थे।“ अलबर्ट भी शायद अतीत के कोने में चला गया-

“तब तो मैं कॉलेज में दोस्तों के साथ शायरी भी लिखा करता था। और........और तुम्हें वो शायरी याद है, जो मैंने तुम्हें पहली बार लिखकर सुनाई थी।“

एकदम से अलबर्ट बीते दिनों को याद कर खुशी से झूम उठा। उसे एकदम से लगने लगा, कि वह फिर से जवान हो गया। लेकिन इससे पहले कि वह किसी कालेज ब्वाय की तरह शायरों के अंदाज में शायरी कर पाता, माइकल को उधर आते देखकर, सामान्य हो गया। अलबर्ट
की इस स्टाइल पर मारिया को इतनी तेज हंसी आई कि हंसते-हंसते उसका बुरा हाल हो गया।

“क्या बात है अलबर्ट सर! मैडम बहुत तेज हंस रहीं हैं? क्या हो गया ?“ माइकल ने आते ही पूछ लिया।

“कुछ नहीं बेटे ! कुछ पुरानी बातें याद आ गई थीं।“ अलबर्ट ने जवाब दिया-

“उन्हें छोड़ो, अपनी सुनाओ, आजकल क्या चल रहा है?“

“फिलहाल सिडनी वापस जा रहा हूं सर। .......“ बोलते-बोलते रुक कर
माइकल ने हवा में हाथ मिलाया जो कि एक इशारा था, दूर खड़े शैफाली व मारथा को उधर बुलाने का।

“अच्छा ! यही है तुम्हारा परिवार।“ अलबर्ट ने मारथा व शैफाली पर नजर डालते हुए कहा-

“और ये है तुम्हारी बच्ची शैफाली। जिसके बारे में अक्सर तुम मिलने पर मुझे बताया करते थे।“ तब तक दोनों नजदीक आ गए थे। मारथा ने सिर झुका कर बारी-बारी से अलबर्ट व मारिया को अभिवादन किया।
आते ही शैफाली ने अंदाजे से अलबर्ट की ओर हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा-

“हैलो ग्रैंड अंकल!“

“ग्रैंड अंकल........।“ अलबर्ट यह शब्द सुन आश्चर्य से भर उठा- ये ग्रैंड अंकल क्या होता है बेटे ? ग्रैंड फादर तो सुना है, पर यह ग्रैंड अंकल.....।“

“मैं तो आपको ग्रैंड अंकल ही बोलूंगी। क्यों कि डैड के जितने दोस्त आते हैं वह मेरे अंकल हुए। तो आप तो मेरे डैड के भी सर हो और ग्रैंड भी। इसलिए मैं आपको ग्रैंड अंकल ही बोलूंगी।“ शैफाली नें तर्क देते हुए कहा।

“अच्छा-अच्छा ठीक है। तुम मुझे ग्रैंड अंकल ही कहना।“ अलबर्ट ने सिर हिलाते हुए कहा।

“तुमने जैसा इसके बारे में बताया था।“ अलबर्ट ने माइकल से मुखातिब होकर कहा- “यह ठीक वैसी ही है।“

तभी शैफाली ने दोनों को बीच में टोकते हुए कहा- “ग्रैंड अंकल आप के बाएं कंधे पर एक चींटी चल रही है, उसे हटा लीजिए।“

“व्हाट! अलबर्ट ने आश्चर्य से पहले शैफाली की तरफ देखा। फिर अपने बाएं कंधे पर, जिस पर वास्तव में एक चींटी चल रही थी। उसने चींटी को कंधे से झाड़ कर दोबारा शैफाली की ओर देखा -

“बेटे तुम्हें तो दिखा ई नहीं देता। फिर तुमने कैसे जाना कि मेरे बाएं कंधे पर चींटी चल रही है?“ अलबर्ट ने विस्मय से शैफाली की तरफ देखते हुए कहा।

“अरे ग्रैंड अंकल! आपने कभी चींटियों को एक कतार में चलते देखा है।“ शैफाली ने अलबर्ट से उल्टा सवाल कर दिया-

“अगर हां ! तो आप यह बताइए कि वह एक कतार में क्यों चलती हैं?“

“सभी चींटियां ‘फेरोमोंस‘ नामक एक विशेष प्रकार की गंध छोड़ती हैं।“ अलबर्ट में अपने ज्ञान का पूरा परिचय देते हुए कहा-

“जिससे उसके पीछे आने वाली
चींटियां उस गंध का अनुसरण करती हुई चलती हैं।“

“बिल्कुल ठीक कहा आपने ग्रैंड अंकल! शैफाली ने चुटकी बजाते हुए कहा-

“तो जो चींटी आपके कंधे पर चल रही थी। वह भी गंध छोड़ती हुई चल रही थी। जिसे सूंघकर मैंने जान लिया, कि एक चींटी आपके कंधे पर है।“

“यह कैसे संभव है?“ अलबर्ट बिल्कुल हैरान रह गया -


“तुम्हें चींटी की गंध कैसे मिल गई। वह तो इतनी हल्की होती है, कि चींटी के अलावा, अन्य बड़े जानवर भी उसे सूंघ नहीं पाते।“

“आपको कैसे पता कि अन्य जानवर उसे सूंघ नहीं पाते?“ शैफाली ने एक प्रश्न का गोला और दाग दिया -

“यह भी तो हो सकता है कि उसे जानवर सूंघ लेता हो पर वह सुगंध उसके मतलब की नहीं रहती, इसलिए वह उस पर ध्यान ना देता हो।“

“हो सकता है ।“ अलबर्ट ने गड़बड़ा कर जवाब दिया- “पर तुम्हें कैसे उसकी गंध मिल गयी ?“

“ग्रैंड अंकल! क्यों कि मैं जन्म से ही अंधी हूं। इसलिए मुझे हर चीज का अनुमान लगाना पड़ता है। जिसके कारण मेरी नाक व कान की इंद्रियां बहुत तीव्र हो गई हैं। मैं जो चीजें सुन व सूंघ सकती हूं, उसे सामान्य आदमी नहीं कर सकता।“

“बड़े आश्चर्य की बात है। मैंने सिर्फ इस बारे में सुना ही था।“ अलबर्ट लगातार विस्मय से बोल रहा था-

“देख पहली बार रहा हूं। अच्छा ये बताओ कि तुम्हें यह कैसे पता चला ? कि वह चींटी, मेरे बांए कंधे पर है।“

“सिंपल सी बात है ! शैफाली ने शांत स्वर में जवाब दिया - “आपने थोड़ी देर पहले मुझसे बात की। जिससे मैं आपकी आवाज सुनकर यह जान गई कि आपकी लंबाई 5 फुट 9 इंच है। आपके मुंह से निकलती आवाज और चींटी के बीच की खुशबू के बीच की दूरी लगभग 6 इंच थी। और आपके बांई तरफ से आ रही थी। जिससे यह पता चला कि वह चींटी आप के बांए कंधे पर है।“

“लेकिन बेटा ! यह भी तो हो सकता था कि मेरे बगल तुम्हारे डैड खड़े हैं। वह चींटी उनके कंधे पर भी तो हो सकती थी।“ अलबर्ट ने अब दिलचस्पी लेते हुए शैफाली का पूरा इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया।

“हो सकती थी ।......... जरूर हो सकती थी । परंतु आप इधर-उधर टहल कर बात कर रहे थे और जैसे-जैसे आप घूम रहे थे। वैसे-वैसे चींटी की गंध भी कम या ज्यादा हो रही थी । जबकि मेरे डैड एक ही स्थान पर खड़े हो कर बात कर रहे हैं।“

अब अलबर्ट का सारा ध्यान इधर-उधर से हटकर, पूरा का पूरा शैफाली की बातों में लग गया, मानो उसे अपने शोध का एक हथियार मिल गया हो।

“अच्छा बेटे! यह बताओ कि मेरे पैंट की दाहिनी जेब में क्या है?“ अलबर्ट ने पूरा परीक्षण लेते हुए कहा।

“आपकी दाहिनी जेब में एक लोहे की छोटी सी डिबिया में सौंफ रखी है।“ शैफाली ने निश्चिंत हो कर जवाब दिया । अलबर्ट शैफाली की बात को सुनकर भौचक्का सा खड़ा रह गया। क्यों कि उसकी पैंट की दाहिनी जेब में, वास्तव में लोहे की छोटी सी डिबिया में सौंफ थी।

“बेटे! यह तुमने कैसे जाना ?“ अलबर्ट ने शैफाली से सवाल किया।

“आपके चलने से बार-बार डिबिया के अंदर रखी सौंफ डिबिया की दीवार से टकरा कर एक ध्वनि उत्पन्न कर रही थी। अगर डिबिया, प्लास्टिक की होती तो वह ध्वनि थोड़ी दूसरे तरीके से आती। इस तरह से बार-बार सौंफ का डिबिया से टकराना, यह साबित करता है, कि उसमें जो भी चीज है, वह बहुत छोटे-छोटे कणों में है।“

“छोटे-छोटे कणों में तो कुछ भी हो सकता है?“ अलबर्ट ने शैफाली की बात को काटते हुए कहा - “फिर यह कैसे जाना कि उसमें सौंफ ही है।“

“आपके मुंह से आती सौंफ की खुशबू से, जो लगभग 1 घंटे पहले आपने खाई थी।“ शैफाली ने कहा। शैफाली का हर जवाब अलबर्ट को आश्चर्य से भर रहा था । अब लगा जैसे अलबर्ट को कोई नया खेल मिल गया हो। उसने पास से जा रहे वेटर को रोककर, उसकी फल वाली टोकरी से एक सेब व एक अमरुद निकाल लिया । फिर वेटर से चाकू लेकर सेब व अमरुद को शैफाली के सामने रखा । और फिर अमरूद के चार टुकड़े कर दिए।

“बेटे! यह बताओ कि तुम्हारे सामने अभी-अभी मैंने एक सेब को काटकर कुछ टुकड़ों में बांट दिया है। क्या तुम बता सकती हो ? कि मैंने सेब के कितने टुकड़े किए हैं?“ अलबर्ट ने झूठ बोलते हुए शैफाली से सवाल किया।

“आप झूठ बोल रहे हैं ग्रैंड अंकल!“ शैफाली ने मुस्कुरा कर कहा- “कि आपने सेब के टुकड़े किए हैं। आपने सेब के बगल में रखे अमरूद के चार टुकड़े किए हैं। सेब के नहीं । क्यों कि सेब के कटने से अलग तरह की ध्वनि होती है और अमरूद के कटने से अलग तरह की ध्वनि । और जो चीज ताजा कटती है, उसकी खुशबू ज्यादा तेज होती है।“

उसके जवाबों को सुनकर अब मारिया भी उत्सुकता से उसकी तरफ देखने लगी । इस बार अलबर्ट ने शैफाली के सामने जा कर, बिना हाथ उठाए पूछा-

“ये कितनी उंगली हैं?“

“पहले उंगली तो उठा लीजिए ग्रैंड अंकल! क्यों कि आपकी आवाज बिना किसी अवरोध के मुझ तक आ रही है।“ शैफाली ने चहक कर जवाब दिया ।

अलबर्ट ने वहीं पास में पड़ा एक पतला लोहे का पाइप उठा कर, अपने व शैफाली के चेहरे के बीच लाते हुए कहा-

“अच्छा ! अब ये बताओ। ये कितनी उंगलियां हैं?“

“ये उंगली नहीं, लोहे का पाइप है।“ शैफाली ने जवाब दिया - “क्यों कि आपकी आवाज इससे टकरा कर, मेरे पास पहुंच रही है। और जब आपकी आवाज इससे टकराती है, तो इसमें बहुत हल्के से कंपन हो रहे हैं। वह कंपन झनझनाहट के रूप में मुझे सुनाई दे रहे हैं।“

अलबर्ट के पास हाल-फिलहाल अब कोई सवाल नहीं था। अतः वह चुप रहा । अलबर्ट अब विस्मय से एकटक, चुपचाप शैफाली को इस तरह निहारने लगा मानो वह धरती का कोई प्राणी ना होकर, अंतरिक्ष से आया कोई जीव हो ।

“लगता है ग्रैंड अंकल के पास सवाल खत्म हो गए।“ शैफाली ने अलबर्ट को ना बोलते देख पूछ लिया ।

“अब मैं आप से पूछती हूं।“ शैफाली ने इस बार अलबर्ट की आंखों के सामने, अपने दाहिने हाथ का पंजा फैलाते हुए पूछा- “ये कितनी उंगलियां हैं?“

अलबर्ट ने अजीब सी नजरों से पास खड़े माइकल, मारथा व मारिया को देखा । उसकी आंखों में प्रश्नवाचक निशान साफ झलक रहे थे।

“आपने बताया नहीं ग्रैंड अंकल! यह कितनी उंगलियां हैं?“ शैफाली ने अलबर्ट को ना बोलते देख पुनः अपने हाथ का पंजा फैलाते हुए पूछ लिया ।

“पाँच! अलबर्ट ने अजीब से भाव से जवाब दिया ।

“बिल्कुल गलत!“ शैफाली ने तेज आवाज में हंस कर कहा-

“अरे ग्रैंड अंकल ! उंगलियां तो चार ही हैं। एक तो अंगूठा है। और अंगूठे की गिनती उंगलि यों में नहीं करते।“

अलबर्ट ने धीरे से जेब से रुमाल निकालकर अपने माथे पर आए पसीने की बूंद को पोंछा और फिर माइकल की तरफ घूमता हुआ बोला-

“बाप ... रे .... बाप ...... ये लड़की है या शैतान की नानी । मुझे ही फंसा दिया।“

अलबर्ट के इतना कहते ही शैफाली को छोड़ बाकी सभी के मुंह से हंसी का एक जबरदस्त ठहाका फूट निकला ।




जारी. रहेगा.........✍️✍️
Wow Kia khatarnak character hai shefali. Sahi kaha hai jinki janamjaat aankh nahi hoti unke aur sences bohat tez hotey hai. Coz upar wala bhi har cheez ko balance me rakhta hai jab aankh nahi to uska kaam chalane ke liye sences se diye. Bohat khoob. Mazedar story hai.
 
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