Dhakad boy
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Lagta hai is dveep ke aas paas koi bhit hi khatarnak samundari jeev hai# 34 .
“क्या वही है?“ लारा जो कि अब सस्पेंस के मारे मरा जा रहा था, पूछ बैठा।
“ये वही द्वीप है जो हमें कल रास्ते में मिला था।“ सुयश की आवाज में भय स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
सुयश के यह शब्द सुनते ही असलम को छोड़, सभी आश्चर्य में पड़ गए।
“ये कैसे संभव हो सकता है? आप ध्यान से देखिए सर, लगता है कि आप कहीं गलती कर रहे हैं? वह द्वीप तो बहुत पीछे छूट चुका है। उसके दोबारा मिलने का तो प्रश्न ही नहीं उठता।“ लारा के शब्दों में एक अजीब सी थरथराहट थी।
“नहीं लारा।“ असलम ने सुयश के बोलने से पहले ही कह दिया- “कैप्टन सही कह रहे हैं, यह वही द्वीप है, बिल्कुल वही। त्रिभुज की शक्ल वाला, अजीब सी मानवाकृति पहाड़ी वाला व गहरी धुंध वाला वही हरा-भरा द्वीप, जिसे हम कल पीछे छोड़ आए थे।“
“तो क्या हम 1 दिन तक इसी द्वीप के आसपास पानी में भटकते रहे?“ लारा ने चिंतित स्वर में कहा।
“पता नहीं, पर लगता तो कुछ ऐसा ही है। क्यों कि यह द्वीप तो चल नहीं सकता।“ सुयश ने कहा।
“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टेन?“ असलम आज्ञा की प्रतीक्षा कर रहा था पर उसके चेहरे पर बेचैनी के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे।
सुयश कुछ देर सोचता रहा और फिर बोला- “नहीं हमें शिप को इस द्वीप की ओर नहीं मोड़ना है।“
“तो क्या इस रहस्यमय द्वीप का रहस्य कभी नहीं खुलेगा ?“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा।
“यदि इस शिप पर केवल हमारा स्टाफ होता और यात्री सफर ना कर रहे होते। तो मैं इस द्वीप का रहस्य जाने बिना यहां से कहीं नहीं जाता, पर आज हमारे साथ लगभग 2700 जिंदगियां और भी हैं और मैं यह रिस्क लेने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हूं। हां, अगर हम सलामत अपनी सभ्यता तक पहुंच गए तो अगली बार मैं अकेला इस क्षेत्र में जरूर आऊंगा।“
अब सुयश के चेहरे पर बेबसी और गुस्से के निशान साफ दिख रहे थे।
“कैप्टन यदि आप कहें तो मैं कुछ लोगों के साथ इस द्वीप पर जाकर देखना चाहता हूं।“ लारा ने सुयश से रिक्वेस्ट करते हुए कहा-
“मैं जानना चाहता हूं कि आखिर इस द्वीप पर क्या है? और यह भी तो हो सकता है कि हमारा सोचना गलत हो । यह द्वीप साधारण द्वीपों की तरह हो या फिर यहां से हमें किसी तरीके की कोई मदद मिल जाए।“
“बिल्कुल नहीं।“ सुयश ने अपना फाइनल जवाब सुनाते हुए कहा- “मैं किसी को मौत के मुंह में नहीं भेज सकता।“
“कैप्टेन आप गलत सोच रहे हैं। हम तो वैसे भी मौत के मुंह में खड़े हैं।“ लारा ने दोबारा रिक्वेस्ट करते हुए सुयश से कहा-
“आज नहीं तो कल भटकते-भटकते हमारे शिप का ईधन खत्म हो जाएगा। फिर हम कितने दिन तक बीच सागर में खड़े रहेंगे। एक स्थिति यह भी आ जाएगी कि हमारे पास राशन और खाने-पीने का अन्य सामान भी खत्म हो जाएगा। तब शायद हमारे आस-पास कोई द्वीप भी ना हो। वह स्थिति आज की स्थिति से ज्यादा खतरनाक होगी। इसलिए मैं मौत से डर कर भागने के बजाय आज उसका सामना करना चाहता हूं। आप मुझे आर्डर दीजिए सर कि मैं उस द्वीप पर जाकर देख सकूं कि आखिर वहां ऐसा क्या है? जो बार-बार हमें घुमा कर उसी द्वीप के पास पटक रहा है। और फिर 2700 यात्रियों की जान खतरे में डालने से अच्छा है कि सिर्फ हम दो या तीन लोग इस प्रयोग को करके देखें। शायद मौत के रास्ते में ही कहीं जिंदगी की डोर हाथ लग जाए।“
सुयश ध्यान से लारा की बात सुन रहा था। लारा के चुप होने के बाद वह कुछ देर तक सोचता रहा और फिर बोल उठा-
“ठीक है, अगर तुम इतनी जिद कर रहे हो तो तुम उस द्वीप पर जा सकते हो। लेकिन शर्त यह है कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा।“
“क्या !“ सुयश की बातें सुनकर लारा भौचक्का खड़ा रह गया।
“आप!.......आप वहां क्यों जाना चाहते हैं कैप्टन? वहां मौत का खतरा भी हो सकता है।“ असलम ने सुयश को समझाते हुए कहा।
“जब तुम अपनी जान का जोखिम लेने को तैयार हो, तो मैं क्यों नहीं?“ सुयश के शब्दों में दृढ़ता साफ झलक रही थी।
“आपको अभी शिप पर ही रहना चाहिए कैप्टेन। आपकी जिंदगी हमारे लिए बहुत कीमती है और वैसे भी आपके साथ 2700 यात्रियों की जान है, जबकि हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं है।“ लारा के शब्द इमोशन से भरपूर थे।
“लारा बिल्कुल ठीक कह रहा है कैप्टेन।“ असलम ने भी लारा की बात का समर्थन करते हुए कहा- “और फिर वह कौन सा अकेला जा रहा है, वह अपनी सिक्योरिटी के दो आदमियों को अपने साथ ले लेगा।“
आखिरकार बड़ी मुश्किल से सुयश लारा की बात मान गया। आनन-फानन एक मोटर बोट समुद्र में उतारी गई। लारा दो गार्ड के साथ मोटर बोट पर सवार हो गया। असलम ने लारा को एक वॉकी-टॉकी सेट भी दे दिया।
सुयश व असलम की निगाहें, दूरबीन के द्वारा धीरे-धीरे दूर हो रही उस मोटरबोट की ओर थीं। धीरे-धीरे सूरज का सफर भी समाप्त हो रहा था। लेकिन फिर भी वह अपनी लालिमा के द्वारा पूरी दुनिया को रोशनी देने की अंतिम कोशिश कर रहा था।
ठीक उसी तरह लारा भी सूरज से प्रेरणा लेकर, जहाज के यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी अंतिम कोशिश कर रहा था। धीरे-धीरे मोटरबोट बहुत दूर पहुंच गई। इतनी दूर कि अब उसकी आवाज भी यहां तक नहीं आ रही थी। लेकिन वॉकी-टॉकी सेट से लारा का संपर्क सुयश से बना हुआ था। मोटरबोट अब उस भयानक दैत्याकार द्वीप की ओर बढ़ रही थी।
“तुम लोगों को डर तो नहीं लग रहा है?“ लारा ने दोनों गार्डों को संबोधित करते हुए कहा।
“नहीं सर, इसमें डर कैसा ? और वैसे भी डरना तो उनको चाहिए जो वहां बीच समुद्र में खड़े हैं। भला कभी किनारे की ओर जाने वाला भी डरता है।“ एक गार्ड ने मुस्कुरा कर कहा।
उस गार्ड की इस बात पर लारा सिर्फ मुस्कुरा दिया। तभी आराम से द्वीप की ओर जा रही बोट को एक झटका लगा और बोट रुक गई।
“क्या हुआ लारा ? तुमने मोटरबोट क्यों रोक दी ?“ वॉकी टॉकी सेट पर सुयश की आवाज सुनाई दी।
“मैंने नहीं रोकी सर, यह अपने आप झटके से रुक गयी है। मैं अभी देखता हूं कि क्या प्रॉब्लम है?“ लारा ने जवाब दिया।
“अगर किसी तरह का खतरा दिख रहा है तो वापस आ जाओ।“ सुयश की आवाज में चिंता के भाव थे।
“नहीं सर, अब हम लोग द्वीप के बहुत पास हैं। यहां से तो वापस लौटना बेवकूफी होगी। और वैसे भी आसपास कोई खतरा.......।“ कहते-कहते लारा एकाएक चुप सा हो गया।
“लारा.....लारा.....क्या देख रहे हो तुम?......हमें बताओ। तुम एका एक चुप क्यों हो गए?“ सुयश दूरबीन को आंखों पर लगाए, मोटरबोट की तरफ देखते हुए, वॉकी-टॉकी सेट पर चीखा।
“वो ....वो.....सर, पानी में मुझे कुछ हलचल होती दिख रही है।....... ऐसा लगा जैसे कोई विशालकाय जानवर पानी के नीचे तैर रहा हो।“ लारा ने घबराये स्वर में कहा।
“मूव.....मूव.....वापस आ जाओ। अपनी मोटरबोट को तुरंत मोड़ो।.... लारा........दैट्स माई आर्डर.. ... . मोटरबोट को तुरंत मोड़ दो।“
सुयश दूरबीन पर नजर गड़ाये हुए जोर-जोर से चीख रहा था।
“मैं........कोशिश कर रहा हूं सर। इसका इंजन तो स्टार्ट है, पर यह घूम नहीं रहा है।“ लारा की आवाज आयी।
“ओ.... गॉड!“ सुयश ने भगवान से लारा के लिए प्रार्थना करनी शुरू कर दी- “लारा की रक्षा करना।“
तभी_____उधर से खुशी की आवाज सुनाई दी- “मोटरबोट आगे बढ़ रही है सर। शायद यह किसी झाड़ियों में फंस गई थी।..... लेकिन.....यह क्या ?.......सर, अब तो यह रुक ही नहीं रही है...... यह अब तेजी से द्वीप की ओर जा रही है। मैं......क्या करूं सर.....? मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है?“ लारा घिघियाये से स्वर चीख रहा था।
“मोटरबोट का इंजन बंद कर दो। शायद उसके ब्रेक झाड़ी में फंसकर खराब हो गये हों।“ सुयश वॉकी-टॉकी सेट पर गला फाड़ कर चिल्लाया।
लारा ने झपट कर बोट का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया। दोनों गार्डों के चेहरे का रंग भय के कारण सफेद हो गया था। वह डरे सहमे से बोट को पकड़े बैठे थे। लारा ने जल्दी से आगे बढ़कर बोट का इंजन बंद कर दिया।
“कैप्टेन,.....मैंने बोट का इंजन बंद कर दिया है.....पर मोटरबोट..... अभी भी नहीं रुक रही है। यह बहुत तेजी से द्वीप की ओर जा रही है।.....लगता है यह अब द्वीप से टकरा कर ही रुकेगी “
लारा के शब्द सुन शिप पर खड़े सभी लोग भय से भर गये थे। तभी एक भयंकर झटका बोट को पुनः लगा । ये झटका पहले वाले से भी तेज था। अचानक लगे इस तेज झटके से दोनों गार्ड उछलकर समुद्र में जा गिरे। मोटर बोट अब रुक गयी थी।
“कैप्टन मोटरबोट पुनः रुक गयी है.....।“ लारा की आवाज पुनः आयी-
“पर मेरे दोनों गार्ड झटका लगने की वजह से समुद्र में गिर गए हैं.......मैं भी बहुत मुश्किल से गिरते-गिरते बचा हूं।...... सर वह दोनों गार्ड मुझे पानी में नजर नहीं आ रहे हैं....... पर.....यह....क्या ?..... ये पानी में.....हरा रंग....नहीं...नहीं......यह ....कैसे .....हो सकता है? ये दोनों आंखें......खटाक.....।“
वॉकी-टॉकी सेट पर सन्नाटा छा गया था। लारा से संपर्क टूट गया था।
“क्या हुआ लारा...... क्या देख रहे हो तुम?....लारा ऽऽऽऽऽऽऽ“ सुयश लगातार चीख रहा था।
लारा से सम्पर्क के टूटते ही इन्हें लारा की मोटरबोट पानी में डूबती हुई दिखाई दी। कुछ देर के बाद सब कुछ शांत हो गया था।
सफर भी खत्म हो गया था। सूर्य का भी और लारा का भी। रह गई थी तो केवल वातावरण में गूंजती लारा की चीखें और दूर-दूर तक वही सन्नाटे का साम्राज्य।
तीन और जिंदगियों को यह खूनी त्रिकोण निगल चुका था।.. .....................
जारी रहेगा............