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Fantasy सुप्रीम

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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# 38 .

चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️

Wah Raj_sharma Bhai Wah

Kya gajab ka suspense create kar rahe ho aap.............

Dimag ki dahi ho jati har ek update me..................

Gazab Bhai
 

Rekha rani

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# 38 .

चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️
Awesome update
Har update ke sath rahsaY badte ja rahe the
Ummid thi ki kido se mukabala hoga lekin yaha to luthar ko loren ki aatma le gayi apne sath aur jate jate luthar suyash ke samne ek rahsamyi saye ko kar gya
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
19,694
49,113
259
Wah Raj_sharma Bhai Wah

Kya gajab ka suspense create kar rahe ho aap.............

Dimag ki dahi ho jati har ek update me..................

Gazab Bhai
Thank you very much bhai, aapko acha lagega to apun aise hi dimak ka dahi banata rahega :five: Thanks for your valuable review bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Awesome update
Har update ke sath rahsaY badte ja rahe the
Ummid thi ki kido se mukabala hoga lekin yaha to luthar ko loren ki aatma le gayi apne sath aur jate jate luthar suyash ke samne ek rahsamyi saye ko kar gya
Us saaye ka hona or bhi Rahasyamai hone wala hai Rekha ji,
Keede pata nahi kaha chale gaye?:dazed:Anyway thanks for your wonderful review and support :thanx:
 

dev61901

"Never Lose Your Confidence Before You Get Success
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143
Badhiya update

Brandon ne lagaya dimag ir shak ki sui kristi ki taraf mod di jo ki sahi bhi ha bhala jis kide ne ek pal me guard ko mar diya usse kristi itni der se kaise bachi rahi bat me point ha ir fir bruno ki harkat kya sach me bruno ne kuchh supernatural chij dekh li kya pata koi adrashya ho us time per jise koi na dekh paya ho lekin bruno ne use sungh liya ho or fir ye last me kya loren mari nahi thi jinda ha jo lothar aise bol raha ha or lothar ko to aisa lagta ha kisi ne hypnotize kar liya ha or samudra me kudwa diya or last me koi saya bhi dekhne ko mila kya wo loren ho sakti ha bas sawal wahi ha ki kon is ship per mout ka khel khel raha ha rahasya badhta jaa raha ha
 

parkas

Well-Known Member
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चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 38 .

चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️
Ab ye achnak se ky ho Raha hai pehle Mariya gayab ho gayee dosre tarf Brendan or Suyash ki baate jisse unka dhyn Shefali ki tarf gaya lekin isse pehle ye dono aage kuch karte Johny ne aake ek dhamaka kar dia
.
Bus yhe ek bat smj me nahi aaye aakhir Lother ne aakhir esa kya dekha jis karan wo ship se kodne Jaa rha hai Q bol rha tha tha Lother ki usne Lauren se bat ki wo use bula rhe hai aakhir ho kya rha hai ye sab achnak se or ek tarf ishara kia jaha Suyush ko ek saya dikhaya dia safed kapdo me jiski aakhe chamak rhe hai lekin chehra nhi dikhai de rah hai
.
Kafi Heratanjeg episode tha ye wala
Very Amazing Update Raj_sharma bhai
 
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