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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहुत ही मस्त लाजवाब और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये सुप्रीम पर पल पल में कुछ ना कुछ अघटीत हो रहा हैं अब देखों ना सुप्रीम डुबने की कगार पर है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Update to de diya bhai:shhhh:Or supreme doobne ke kagaar per , nahi balki doob chuka hai :approve:, is jahaaj ki kismat me hi musibte likhi thi, Thank you so much for your valuable review and support :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Badhiya update

Supreme akhir kar dub gaya sab mar gaye kuchh hi jinda bache han dekhte han ki shefali bachi ha ya nahi wo to mukhya sutradhar ha is safar ki ab inhe island oer jana hi hoga ab ye dekhna hoga ki island per or konsa khatra ha jo inka intejar kar raha ha
Thanks for your wonderful review bhai :thanx:
Ye island 🏝 koi chota mota nahi hai bhaiya :nope:Balki kaafi bada hai,
Doosri baat, is taapu ka doosra naam hi khatra hai:declare:Ab pata nahi koi bachega? Ya bachega to kon bachega:roll:
 
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहुत ही हृदयविदारक और जानलेवा अपडेट है भाई मजा आ गया
अब सुप्रीम डुबने के बाद सुयश की क्या प्रतिक्रिया होती है
देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Dukhad update to hona hi tha mitra, 50 updates ka supreme ka sath jo chhoot gaya :idk1: Ab bechara suyash kar bhi kya sakta hai? Us captaan per kya gujarti hai, jiska jahaaj doob jaye? :verysad:Wo to goli bina bandook ho jata hai,
Thanks for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Shandar update bhai
To akir supreme dub hi gaya or iske sath dub gayi bhut sari jindagiya
Bache hai to sirf kuch mukya kirdar
Or kya isme shaifali bachi hogi kyo ki vo bhi is kahani ki ek mukya kirdar hai
Ha bhai, jo pahle life bot me nikal kar aage aaye the jyadatar unme se hi bache hai:approve: Waise bachni to shefaali bhi chahiye:shhhh:Agar wo mar gai to kzhani aage kaise chalegi:D Thanks for your valuable review bhai :thanx:
 

Rekha rani

Well-Known Member
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Awesome update
Akhír ship dub Gaya और काफी यात्री मारे गए और जो जीवित बचे है अब उनका संघर्ष शुरू होगा आगे अपनी लाइफ बचाने के लिए, इन सब में शेफाली कहा है , क्या हुआ होगा उसके साथ
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Awesome update
Akhír ship dub Gaya और काफी यात्री मारे गए और जो जीवित बचे है अब उनका संघर्ष शुरू होगा आगे अपनी लाइफ बचाने के लिए, इन सब में शेफाली कहा है , क्या हुआ होगा उसके साथ
Sefali safe hai devi ji, maine use bacha kar rakha hai :roll: Aap be fikra rahiye, shefaali ke kai or kisse padhne ko milenge aapko:declare:
Takreeban 2500 aadmi maare gaye, Thank you very much for your wonderful review and support :thanx:
 

Luckyloda

Well-Known Member
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Itna
# 51 .

सुयश को इस तरह भागते देख ड्रेजलर से रहा ना गया। उसने मोटर बोट में रखी एक छोटी सी लोहे की रॉड उठा कर, सुयश के सिर पर मार दी-
“माफ करना कैप्टन, आपको बचाने के लिए यह सब करना बहुत जरूरी था।“

सुयश के सिर पर लगी चोट तगड़ी थी। वह तुरंत बेहोश होकर ब्रैंडन के हाथों में झूल गया। ब्रैंडन ने सुयश को असलम के हवाले कर दिया और डूबते हुए शिप के डेक पर खड़े लोगों से चिल्ला-चिल्ला कर पानी में कूदने के लिए कहने लगा।

मूसलाधार बरसात की बूंदे सभी के चेहरे पर तेज चोट कर रहीं थीं। अब तूफान भी अपने चरम पर था। ऐसा लग रहा था जैसे बादल भी शिप की बर्बादी पर जी भर कर रोना चाहते हैं।

तौफीक ने शिप को धंसते देख जेनिथ को पानी में कूदने का इशारा किया, पर जेनिथ इस अंधकार भरे समुद्र को देख कर ही डर रही थी। उसकी पानी में कूदने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी। जेनिथ को इस तरह डरते देख तौफीक ने उसका हाथ कसकर अपने हाथ में थामा और एक झटके से पानी में छलांग लगा दी।

एक पल के लिए जेनिथ के मुंह से एक तेज चीख निकल गई, मगर बादलों की गड़गड़ाहट व लहरों के शोर के आगे वह चीख दबकर रह गई। ‘छपाक‘ की आवाज के साथ दोनों पानी में जा गिरे।

समुद्र का पानी बर्फ की तरह ठंडा था। एक पल में ही उन्हें अपना शरीर गलता हुआ प्रतीत हुआ। तेज झटका लगने के बाद भी तौफीक ने जेनिथ का हाथ नहीं छोड़ा। पानी के बाहर सिर निकलते ही वह दोनो तेजी से मोटर बोट की ओर तैरने लगे।

यह देख क्रिस्टी, ऐलेक्स, जैक,जॉनी व अलबर्ट ने भी पानी में छलांग लगा दी। सबकी कोशिश यही थी कि वह शिप से ज्यादा से ज्यादा दूरी पर गिरें क्यों कि शिप के पास गिरने पर वह शिप के साथ पानी में भी खिंच कर जा सकते थे।

तब तक जेनिथ व तौफीक मोटर बोट तक पहुंच गये। पानी की लहरें तेजी से उछलने के कारण समुद्र में तैरना बहुत मुश्किल हो रहा था । जैक, जॉनी, ऐलेक्स व क्रिस्टी भी बोट तक पहुंचने वाले थे, लेकिन अलबर्ट की सांसें उसका जवाब दे रही थीं।

अत्याधिक ठंडा पानी होने की वजह से अलबर्ट को अपना शरीर जमता हुआ महसूस होने लगा। अब सबकी निगाहें अलबर्ट पर थीं।

“कम ऑन प्रोफेसर.....जल्दी करिये ......शिप आधा डूब चुका है।“ ब्रैंडन अलबर्ट को देखते हुए चिल्लाया।

पर अलबर्ट की सांसें अब उसका साथ छोड़ रही थीं। उसके हाथ पैर शिथिल पड़ते जा रहे थे। यह देख ब्रैंडन ने तुरंत पानी में छलांग लगा दी।

वह तेजी से अलबर्ट की और तैरने लगा। कुछ ही देर में ब्रैंडन अलबर्ट के पास पहुंच गया। लेकिन तब तक अलबर्ट अर्धमूर्छित सा हो गया था।

“प्रोफेसर, हिम्मत रखिये........आप मुझे कस कर पकड़ लीजिए।“ ब्रैंडन ने बादलों की गरज के बीच चीखते हुए कहा।

अलबर्ट को सहारा मिलते ही थोड़ा राहत सी महसूस हुई। उसने अब ब्रैंडन को कसकर पकड़ लिया। कुछ ही देर में ब्रैंडन अलबर्ट सहित मोटर बोट पर था।

उधर शिप का डूबना लगातार जारी था। अब तक शिप की डेक पर सैकड़ों यात्री आ गये थे। शायद डेक का दरवाजा किसी ने खोल दिया था। बहुत से यात्री लाइफ बोट को उतारने में लग गये। किसी की भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर सुप्रीम डूब कैसे रहा है?

उधर ब्रैंडन ने ड्रेजलर को मोटर बोट दूर ले जाने के लिए कह दिया। क्यों कि शिप के डूबते ही उसके रिक्त स्थान को भरने के लिए चारो ओर का पानी खिंच कर शिप के साथ अंदर चला जाता और आसपास की हर वस्तु भी उसमें समा जाती।

उनकी मोटर बोट अब लगातार शिप से दूर जा रही थी। चारो तरफ चीख-पुकार का माहौल था। शिप अब बहुत तेजी से पानी के अंदर समा रहा था। कुछ लोग डर के मारे शिप से वैसे ही पानी में कूद रहे थे।

अब तक चार पांच लाइफ बोट उतार ली गई थी, लेकिन उतरी हुई लाइफ बोट पर शिप के ऊपर से आदमी कूद रहे थे। उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा था कि ओवरलोड हो जाने के कारण, बोट पलट भी सकती है।

हर इंसान को बस अपनी जान की फिक्र थी। कुछ लोग लाइफ बोट उतरते ही उसे दूर लेकर भाग रहे थे। जिंदगी और मौत के बीच एक तगड़ा संघर्ष हो रहा था।

तभी आसमान से एक कड़कती हुई बिजली सुप्रीम के एक किनारे पर जाकर गिरी। शायद ईश्वर को भी उनका रोना देखा ना गया। शिप का वह भाग जिस पर बिजली गिरी थी, पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सैकड़ों उस जगह पर खड़े आदमी बिजली से बुरी तरह झुलस गए।

शिप के उस भाग में आग भी लग गयी। लेकिन मूसलाधार बारिश उसे तेजी से बुझा भी रही थी। तभी शिप का एक मस्तूल चरमराते हुए एक लाइफ बोट पर जा गिरा। बच कर निकल जाने की आशा से भाग रहे कई यात्री उस बोट सहित जल समाधि ले लिए।

अब शिप टूटकर बड़ी तेजी से पानी में समाने लगा। मौत का ऐसा भयानक तांडव शायद ही किसी ने देखा हो। बादल भी उनकी मौत पर जोर-जोर से चीख रहे थे।

तभी टूटे हुए शिप के कुछ भाग में लगी आग फैलते-फैलते शिप में बिखरे पड़े फ्यूल तक पहुंच गयी। धीरे-धीरे जल रही आग, फ्यूल का साथ पाते ही खुशी से झूम उठी।

अब आग की लपटें पूरे शिप को अपने आगोश में लेने के लिए मचल उठीं। एक तरफ प्रलयंकारी समुद्री तूफान, दूसरी तरफ प्रचंडकारी आग की लपटें, और ऊपर से विशालकाय मुंह फाड़े समुद्र, मानो सभी कुछ आज इन असहाय यात्रियों को निगल लेना चाहती हो।

वह सारे यात्री जो अपनी जिंदगी के लिए अंतिम जद्दोजहद कर रहे थे, अब अपनी अंतिम घड़ी में ‘टुकुर-टुकुर‘ उस मुस्कुराते रहस्यमय द्वीप को आशा भरी नजरों से निहार रहे थे।

कुछ ही क्षणों में भयानक आवाज करता हुआ ‘सुप्रीम’ पानी के अंदर समा गया। एक तरफ से सभी यात्रियों की आशा का अंत हो चुका था।

तभी एक भयानक धमाका समुद्र के अंदर हुआ। लग रहा था कि आग शिप के फ्यूल टैंक तक पहुंच गयी थी। धमाका इतना जोरदार था कि उस स्थान का पानी सैकड़ों फिट ऊपर हवा में उछल गया।

धमाके की वजह से दो और लाइफ बोट समुद्र में उलट गईं। कुछ जिंदा बचे वह यात्री, जो लाइफ जैकेट बांधे समुद्र में जिंदा रहने का प्रयास कर रहे थे, इस भयानक धमाके का शिकार हो गए।

लहरों की सतह पर इस समय लाशों का एक अंबार दिखाई दे रहा था। हर तरफ तैरती हुई जली-कटी लाशें एक भयानक मंजर नुमाया कर रहीं थीं।

ऐसा लग रहा था जैसे प्रलय हो चुकी हो और यह कोई लाशों का समुद्र हो। धीरे-धीरे बादलों के पास भी आंसू खत्म होने लगे और बरसात धीमी पड़ती गयी।

6 जनवरी 2002, रविवार, 20:10; अटलांटिक महासागर:-


जब सब कुछ सामान्य होने लगा तो ब्रैंडन ने ड्रेजलर को मोटर बोट उस दिशा में मोड़ने के लिए कहा, जहां अभी-अभी सुप्रीम डूबा था।

अब तो लोगों के कराहने की आवाज भी आनी बंद हो गई थी। लगभग 6-7 लाइफ बोट में सवार बामुश्किल 50 आदमी ही बच पाए थे।

तब तक लगातार चेहरे पर बूंदे गिरते रहने के कारण सुयश को भी होश आ गया था।

“क्या हुआ?.....सुप्रीम कहां है?... ... कहां है हमारा शिप?“ सुयश ने उठते ही अचकचाकर इधर-उधर देखा।

सुयश के शब्द सुन किसी के भी मुंह से बोल न निकला।

“मैं पूछता हूं...... ‘सुप्रीम’ कहां है? कोई बोलता क्यों नहीं ?

सभी को चुप देख सुयश का दिल किसी अंजानी आशंका से धड़क उठा।

“सॉरी कैप्टेन, हम सुप्रीम को नहीं बचा सके।“ असलम की आवाज में दुख के भाव थे- “वह इस खूनी त्रिकोण की कातिल लहरों के बीच खो गया।“

सुयश यह सुनकर एकदम शाक्ड हो गया। उसने दोनों हाथ से अपना चेहरा छिपाया और बिना कुछ बोले धीरे-धीरे मोटर बोट में बैठ गया।

मोटर बोट अब उस जगह पर पहुंच गयी जहां सुप्रीम डूबा था। हर तरफ यात्रियों की लाशें दिख रहीं थीं।




जारी
रहेगा________✍️
इतना भयंकर मंज़र....किसने सोचा कि ye सफर आखिरी होगा 🥴😭
 
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