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Thanks and same to you
Thanks and same to you
राज भाई को जब समझ नहीं आया कि आगे क्या लिखना है तो उन्होंने 'सुप्रीम' को 'टाइटैनिक' की तरह डुबो दिया
अब देखते हैं
शैफाली तो बुढ़ापे में ही वो आगे की कहानी सुनाने आयेगी
Oho Jahaj ko hee duba diya…. Yeh kya new twist hai !
जहाज के इस विकट खौफनाक सिचुएशन मे पैसेंजर के भय , खौफ , जान बचाने की आखिरी कोशिश , गाॅड को याद करना , पल मे सदियों जी लेने की भावना इत्यादि का बहुत ही खुबसूरत और जीवंत वर्णन किया है आपने ।
ऐसी चीजें फिल्मों मे दिखाना सहज है पर कहानी के माध्यम से प्रस्तुत करना अत्यंत ही दुष्कर कार्य है ।
एक बार फिर से आपने अपनी लेखनी का लोहा मनवा लिया । आउटस्टैंडिंग डियर ।
लेकिन इस जहाज को हुआ क्या है ? चलते चलते जहाज अचानक से रूक क्यों गई ? जहाज के सभी मशीनरी चाक-चौबंद है , सभी मशीनरी अच्छी तरह से कार्य कर रही है और जहाज क्षतिग्रस्त भी नही हुआ है । फिर जहाज रूका तो रूका , समंदर मे भी समाने लगा है ; ऐसा क्यों ?
लेकिन आपने बात की कि लगता है जैसे जहाज दलदल मे धंसते हुए जा रहा है । समंदर मे दलदल कहां से आ गया ?
शायद यह बरमूडा ट्राइंगल का एक और आश्चर्यजनक क्षेत्र है !
सुयश साहब ने फिर से एज ए कैप्टन हमे निराश किया । इस बार दो कर्मचारी की आहूति उन्होने ले ली । उनके लिए जहाज के धनवान पैसेंजर की जान मायने तो रखती है लेकिन इस जहाज के साधारण और गरीब कर्मचारी की जान बिल्कुल ही मायने नही रखती ।
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Bhai sach khu story mai itna suspense bana hua hai ki maza he aa gya pehle hamare priye writer vj4 bhai ne itne suspense diye the ya phir purane writers ne thank u phir this wonder story keep it up
Must story likh rahe ho ju bhaiya ji, propellers me kuch fasa nahi, jahaj ka anti. Samay agaya jai, kyu ki jo bhi is jagah tak pahuncha hai, wo fir kahi nahi pahuncha intzaar hai aage aane wale updates ka waise update ne emotional kar diya update ne
Sabhi update shandar the Raj_sharma bhai lekin ye supreme kaise dub gya aur Aslam kya krega
Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,
Supreme ke sath sath na jaane kitni jindgiya dub gayi.............
Bahut hi dardnaak update Bhai
Shaandar jabardast Romanchak Update
Supreme dub gaya bahut kam log bachhe par mukhya patr bach gaye ab dekhte hai ye log Island tak pahuchne ke kin mushkilo ka samna karna padega.
nice update
बहुत ही मस्त लाजवाब और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये सुप्रीम पर पल पल में कुछ ना कुछ अघटीत हो रहा हैं अब देखों ना सुप्रीम डुबने की कगार पर है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
बहुत ही हृदयविदारक और जानलेवा अपडेट है भाई मजा आ गया
अब सुप्रीम डुबने के बाद सुयश की क्या प्रतिक्रिया होती है
देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Shandar update bhai
To akir supreme dub hi gaya or iske sath dub gayi bhut sari jindagiya
Bache hai to sirf kuch mukya kirdar
Or kya isme shaifali bachi hogi kyo ki vo bhi is kahani ki ek mukya kirdar hai
Awesome update
Akhír ship dub Gaya और काफी यात्री मारे गए और जो जीवित बचे है अब उनका संघर्ष शुरू होगा आगे अपनी लाइफ बचाने के लिए, इन सब में शेफाली कहा है , क्या हुआ होगा उसके साथ
भाई, छुट्टियाँ मनाने सपरिवार गाँव (मतलब, सही का गाँव / village -- मराठी वाला गाँव नहीं ) आया हूँ।
सुविधाएँ पहले की अपेक्षा बहुत हैं, लेकिन पर्याप्त नहीं।
साथ ही साथ एक नई कहानी भी लिख रहा हूँ, लिहाज़ा समय कम पड़ता है।
लेकिन पिछले दो तीन अपडेट्स शीघ्र ही पढ़ के बताऊँगा।
Saal k आखिरी update abhi de do
Bechare supreme walo new year ki raat kuch to good hopes dete ....ya unko bhi dubona hai?
Bechare new year ki raat me ab tak kale samandar ki kaali rat me bhatak rahe hai..
बहुत ही डरावना लिखा है, लेकिन शेफाली ठीक है और ब्रूनो ने फिर साबित किया कि ऐसे ही नहीं कुत्ते को सबसे वफादार जानवर कहा जाता,# 52 .
अच्छा ही हुआ कि सुयश चेहरे को ढके हुए चुपचाप बैठा था, नहीं तो वो यह लाशों का समुद्र देखकर तो पागल ही हो जाता।
वह लाशों के अंबार में किसी जीवित व्यक्ति को ढूंढ रहे थे। धीरे-धीरे बाकी की लाइफ बोट भी इनके पास आ गयीं। अब सभी धीरे-धीरे हर तरफ नजर डालते हुए आगे बढ़ रहे थे।
अगर साधारण तरीके से जहाज डूबता तो शायद बहुत से लोग जीवित बच गए होते। परंतु जहाज पर गिरी बिजली, उस में लगी आग और फ्यूल टैंक में हुए धमाके के कारण लोगों के बचने की संभावना काफी कम हो गई थी।
फिर भी सभी किसी उम्मीद से बंधे जिंदा लोगों को ढूंढने की काशिश कर रहे थे। तभी इन्हें किसी कुत्ते की भौंकने की आवाज सुनाई दी- “भौं....भौं।“ आवाज काफी दबी थी लेकिन फिर इन्हें सुनाई दे गयी।
“टॉर्च उधर करो....... उधर।“ ड्रेजलर ने चीखकर ब्रैंडन को आवाज की दिशा में इशारा किया- “उधर शायद कोई है?“ ब्रैंडन ने आवाज की दिशा में टॉर्च घुमाई।
“यह तो ब्रूनो है।“ अलबर्ट खुशी से चीख उठा- “उसके साथ शायद शैफाली भी है। उन्हें तुरंत बोट पर खींच लो।“
वह वास्तव में ब्रूनो ही था जो एक दिशा से तैरता हुआ उनकी तरफ आ रहा था। उसके गले में किसी प्रकार का एक कपड़ा फंसा हुआ था । कपड़े का दूसरा सिरा एक भारी लकड़ी के तख्ते से बंधा हुआ था और उस तख्ते पर शैफाली चिपकी हुई थी।
तुरंत दोनों को सहारा देकर बोट पर खींच लिया गया। शैफाली पूरी तरह बेहोश थी। उसे मोटर बोट की फर्श पर लिटा दिया गया। ब्रूनो अभी भी शैफाली को देख रहा था। अपने शरीर पर लगे पानी को झटक कर साफ करने के बाद ब्रूनो शैफाली के चेहरे के पास बैठकर अपनी जुबान से उसका मुंह चाटने लगा।
“ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि ये जिंदा बच गई।“ अलबर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
“ध्यान से देखो शायद अभी कोई और भी जिंदा हो।“ असलम ने अपने लेदर बैग को टटोलते हुए कहा। सभी की नजरें तेजी से पानी में फिर रहीं थीं।
अचानक एक अजीब सी आवाज सुनाई दी- “गुलुप!“
“यह आवाज कैसी ?“ ब्रैंडन ने टॉर्च की रोशनी आवाज के दिशा में करते हुए कहा। लेकिन इधर-उधर टॉर्च करने पर भी उन्हें ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया, जिससे वह यह पता लगा पाएं कि आवाज कहां से आई थी ?
तभी वही आवाज दूसरी तरफ से इन्हें पुनः सुनाई दी- “गुलुप!“
ब्रैंडन ने तुरंत अपनी टॉर्च उस दिशा में घुमादी। मगर फिर से उन्हें कुछ न दिखाई दिया।
तभी वही आवाज दूसरी तरफ से दो बार सुनाई दी- “गुलुप.....गुलुप“
ब्रैंडन को किसी खतरे का अहसास हुआ। अब वह तेजी से इधर-उधर टॉर्च मारने लगा। तभी ब्रैंडन की नजर टॉर्च की रोशनी में मोटर बोट के पास तैर रही एक लाश पर पड़ी-
“गुलुप“ और उसके देखते ही देखते वह लाश ‘गुलुप‘ की आवाज करती हुई पानी में समा गई।
इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, बोट के पास तैरती हुई कई और लाशें ‘गुलुप‘ की आवाज करतीं पानी में समा गईं। इस बार यह दृश्य बोट के कई लोगों ने देखा।
अब लाशों का पानी में खिंचने का सिलसिला तेज हो गया।
“गुलुप....गुलुप....गुलुप....गुलुप।“ “भागो द्वीप की ओर भागो..... अपनी जान बचाओ......।“ ब्रैंडन यह देखकर गला फाड़कर चीख उठा- “यह मौत का समुंदर है, सभी को निगल जाएगा।“
ब्रैंडन की चीख सुनकर सुयश भी जैसे होश में आ गया। वह अपने सारे दुख को भूलकर उठकर खड़ा हो गया और अजीब सी नजरों से लाशों को पानी में खींचते हुए देखने लगा।
ड्रेजलर ने भी जैसे इस दृश्य को देखा। उसने मोटर बोट स्टार्ट करके तेजी से द्वीप की ओर दौड़ा दी। तब तक उनके आसपास का पूरा क्षेत्र लाशों से खाली हो चुका था। लाशें लगातार पानी के अंदर खिंच रहीं थीं।
बरसात अब बिल्कुल बंद हो चुकी थी। बादल भी सबकी मौत का तमाशा देखने के बाद अब धीरे-धीरे छंट रहे थे। लेकिन ठंडी हवा के थपेड़े अब भी बचे हुए लोगों के शरीर से टकरा कर झुरझुरी उत्पन्न कर रहे थे।
सुयश एकाएक जैसे पिछली सारी बातें भूल गया। वह पीछे लाइफ बोट में छूट गए बाकी यात्रियों को जल्दी द्वीप पर पहुंचने के लिए कहने लगा। चूंकि उनके पास मोटर बोट थी इसलिए वह तेजी से द्वीप की ओर बढ़ रहे थे।
जबकि बाकी सातों लाइफ बोट के लोग उसे चप्पू से चला रहे थे, जिसकी वजह से वह काफी पीछे थे। ड्रेजलर को छोड़कर बाकी सभी की नजरें पीछे आ रही लाइफ बोट्स पर थीं।
लाशों से भरा समुद्र अब बिल्कुल खाली हो चुका था। ड्रेजलर को अपनी मंजिल यानि कि वह द्वीप सामने देख रहा था। तभी अचानक पीछे आ रही एक लाइफ बोट को झटका लगा और वह समुद्र में पलट गई।
“यह क्या ?... वह बोट अचानक कैसे पलट गयी ?“ ऐलेक्स ने हैरानी स कहा।
उस बोट के सभी यात्री पानी में तैरते हुए बोट को सीधा करने की कोशिश करने लगे। अचानक एक चीख के साथ उसमें से 2 यात्री पानी में समा गये।
“ड्रेजलर बोट को वापस मोड़ो....... वहां सभी यात्री खतरे में हैं।“ सुयश ने लगभग आर्डर देते हुए कहा।
“कोई फायदा नहीं है कैप्टेन। जब तक हम वहां वापस पहुंचेंगे, वो सारे लोग मारे जा चुके होंगे।.....यह मौत का समुंदर है...........यहां से कोई बचकर नहीं जा सकता..... हमें जल्द से जल्द द्वीप पर पहुंच जाना चाहिए.......हम वहीं सुरक्षित हैं।“
ड्रेजलर की आवाज में मौत की सी ठंडक थी।
तभी उनके देखते ही देखते एक-एक करके तीन और बोट्स पानी में पलट गईं। ऐसा लग रहा था जैसे सागर की लहरें उन्हें द्वीप पर जाने नहीं देना चाहती।
द्वीप धीरे-धीरे पास आता जा रहा था। पीछे आ रहीं अब सारी बोट पलट चुकीं थीं और बोट में मौजूद सारे यात्री उस खूनी समुद्र की भेंट चढ़ चुके थे।
थोड़ी ही देर में इनकी मोटर बोट द्वीप की रेतीली सतह से टकरा कर रुक गई। जमीन की सतह का स्पर्श एक तरह से सभी को रोमांचित कर रहा था।
उन्हें विश्वास नहीं आ रहा था कि वह सभी इतने भयानक मौत के तांडव के बाद बच निकलने में सफल हो गए हैं। तौफीक ने बेहोश शैफाली को अपनी गोद में उठा लिया और बाकी सभी लोगों की तरफ से उतरकर किनारे की तरफ चल दिया।
जेनिथ बिल्कुल उसके साथ-साथ चल रही थी। क्रिस्टी ने भी ऐलेक्स का हाथ थाम रखा था। जैक और जॉनी के चेहरे पर भी जिंदगी की खुशी स्पष्ट देखी जा सकती थी।
अलबर्ट और सुयश की निगाह द्वीप के अंदर के हिस्से की तरफ थी। असलम अपने काले लेदर बैग को संभाले हुए था, लेकिन उसके पैरों में थकान झलक रही थी। उसके चेहरे पर अफसोस के भाव थे।
ब्रूनो भी इधर-उधर देखता हुआ तौफीक के पीछे-पीछे चल रहा था। ड्रेजलर और ब्रैंडन बोट को रेतीली सतह पर खींचकर काफी आगे तक ले आए। उन्होंने मोटरबोट में रखी रस्सी से बोट को एक पत्थर से बांध दिया जिससे लहरें उसे खींच कर वापस ना ले जा सकें।
सुयश ने आगे बढ़ते हुए पुनः एक बार पलटकर पीछे उस विशाल समुद्र को देखा, पर उसे दूर-दूर तक अठखेलियां करती हुई सागर की लहरों के सिवा कुछ नहीं दिखाई दिया। यहां तक कि ‘सुप्रीम’ का मलबा और उलट गयी सातो लाइफ बोट के अवशेष भी अब नजर नहीं आ रहे थे।
अनायास ही सुयश की आंखों से दो बूंद आंसू निकल आए। शायद यह “सुप्रीम” के लिए अंतिम श्रद्धांजलि स्वरुप थे।
जारी रहेगा_________
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....# 52 .
अच्छा ही हुआ कि सुयश चेहरे को ढके हुए चुपचाप बैठा था, नहीं तो वो यह लाशों का समुद्र देखकर तो पागल ही हो जाता।
वह लाशों के अंबार में किसी जीवित व्यक्ति को ढूंढ रहे थे। धीरे-धीरे बाकी की लाइफ बोट भी इनके पास आ गयीं। अब सभी धीरे-धीरे हर तरफ नजर डालते हुए आगे बढ़ रहे थे।
अगर साधारण तरीके से जहाज डूबता तो शायद बहुत से लोग जीवित बच गए होते। परंतु जहाज पर गिरी बिजली, उस में लगी आग और फ्यूल टैंक में हुए धमाके के कारण लोगों के बचने की संभावना काफी कम हो गई थी।
फिर भी सभी किसी उम्मीद से बंधे जिंदा लोगों को ढूंढने की काशिश कर रहे थे। तभी इन्हें किसी कुत्ते की भौंकने की आवाज सुनाई दी- “भौं....भौं।“ आवाज काफी दबी थी लेकिन फिर इन्हें सुनाई दे गयी।
“टॉर्च उधर करो....... उधर।“ ड्रेजलर ने चीखकर ब्रैंडन को आवाज की दिशा में इशारा किया- “उधर शायद कोई है?“ ब्रैंडन ने आवाज की दिशा में टॉर्च घुमाई।
“यह तो ब्रूनो है।“ अलबर्ट खुशी से चीख उठा- “उसके साथ शायद शैफाली भी है। उन्हें तुरंत बोट पर खींच लो।“
वह वास्तव में ब्रूनो ही था जो एक दिशा से तैरता हुआ उनकी तरफ आ रहा था। उसके गले में किसी प्रकार का एक कपड़ा फंसा हुआ था । कपड़े का दूसरा सिरा एक भारी लकड़ी के तख्ते से बंधा हुआ था और उस तख्ते पर शैफाली चिपकी हुई थी।
तुरंत दोनों को सहारा देकर बोट पर खींच लिया गया। शैफाली पूरी तरह बेहोश थी। उसे मोटर बोट की फर्श पर लिटा दिया गया। ब्रूनो अभी भी शैफाली को देख रहा था। अपने शरीर पर लगे पानी को झटक कर साफ करने के बाद ब्रूनो शैफाली के चेहरे के पास बैठकर अपनी जुबान से उसका मुंह चाटने लगा।
“ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि ये जिंदा बच गई।“ अलबर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
“ध्यान से देखो शायद अभी कोई और भी जिंदा हो।“ असलम ने अपने लेदर बैग को टटोलते हुए कहा। सभी की नजरें तेजी से पानी में फिर रहीं थीं।
अचानक एक अजीब सी आवाज सुनाई दी- “गुलुप!“
“यह आवाज कैसी ?“ ब्रैंडन ने टॉर्च की रोशनी आवाज के दिशा में करते हुए कहा। लेकिन इधर-उधर टॉर्च करने पर भी उन्हें ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया, जिससे वह यह पता लगा पाएं कि आवाज कहां से आई थी ?
तभी वही आवाज दूसरी तरफ से इन्हें पुनः सुनाई दी- “गुलुप!“
ब्रैंडन ने तुरंत अपनी टॉर्च उस दिशा में घुमादी। मगर फिर से उन्हें कुछ न दिखाई दिया।
तभी वही आवाज दूसरी तरफ से दो बार सुनाई दी- “गुलुप.....गुलुप“
ब्रैंडन को किसी खतरे का अहसास हुआ। अब वह तेजी से इधर-उधर टॉर्च मारने लगा। तभी ब्रैंडन की नजर टॉर्च की रोशनी में मोटर बोट के पास तैर रही एक लाश पर पड़ी-
“गुलुप“ और उसके देखते ही देखते वह लाश ‘गुलुप‘ की आवाज करती हुई पानी में समा गई।
इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, बोट के पास तैरती हुई कई और लाशें ‘गुलुप‘ की आवाज करतीं पानी में समा गईं। इस बार यह दृश्य बोट के कई लोगों ने देखा।
अब लाशों का पानी में खिंचने का सिलसिला तेज हो गया।
“गुलुप....गुलुप....गुलुप....गुलुप।“ “भागो द्वीप की ओर भागो..... अपनी जान बचाओ......।“ ब्रैंडन यह देखकर गला फाड़कर चीख उठा- “यह मौत का समुंदर है, सभी को निगल जाएगा।“
ब्रैंडन की चीख सुनकर सुयश भी जैसे होश में आ गया। वह अपने सारे दुख को भूलकर उठकर खड़ा हो गया और अजीब सी नजरों से लाशों को पानी में खींचते हुए देखने लगा।
ड्रेजलर ने भी जैसे इस दृश्य को देखा। उसने मोटर बोट स्टार्ट करके तेजी से द्वीप की ओर दौड़ा दी। तब तक उनके आसपास का पूरा क्षेत्र लाशों से खाली हो चुका था। लाशें लगातार पानी के अंदर खिंच रहीं थीं।
बरसात अब बिल्कुल बंद हो चुकी थी। बादल भी सबकी मौत का तमाशा देखने के बाद अब धीरे-धीरे छंट रहे थे। लेकिन ठंडी हवा के थपेड़े अब भी बचे हुए लोगों के शरीर से टकरा कर झुरझुरी उत्पन्न कर रहे थे।
सुयश एकाएक जैसे पिछली सारी बातें भूल गया। वह पीछे लाइफ बोट में छूट गए बाकी यात्रियों को जल्दी द्वीप पर पहुंचने के लिए कहने लगा। चूंकि उनके पास मोटर बोट थी इसलिए वह तेजी से द्वीप की ओर बढ़ रहे थे।
जबकि बाकी सातों लाइफ बोट के लोग उसे चप्पू से चला रहे थे, जिसकी वजह से वह काफी पीछे थे। ड्रेजलर को छोड़कर बाकी सभी की नजरें पीछे आ रही लाइफ बोट्स पर थीं।
लाशों से भरा समुद्र अब बिल्कुल खाली हो चुका था। ड्रेजलर को अपनी मंजिल यानि कि वह द्वीप सामने देख रहा था। तभी अचानक पीछे आ रही एक लाइफ बोट को झटका लगा और वह समुद्र में पलट गई।
“यह क्या ?... वह बोट अचानक कैसे पलट गयी ?“ ऐलेक्स ने हैरानी स कहा।
उस बोट के सभी यात्री पानी में तैरते हुए बोट को सीधा करने की कोशिश करने लगे। अचानक एक चीख के साथ उसमें से 2 यात्री पानी में समा गये।
“ड्रेजलर बोट को वापस मोड़ो....... वहां सभी यात्री खतरे में हैं।“ सुयश ने लगभग आर्डर देते हुए कहा।
“कोई फायदा नहीं है कैप्टेन। जब तक हम वहां वापस पहुंचेंगे, वो सारे लोग मारे जा चुके होंगे।.....यह मौत का समुंदर है...........यहां से कोई बचकर नहीं जा सकता..... हमें जल्द से जल्द द्वीप पर पहुंच जाना चाहिए.......हम वहीं सुरक्षित हैं।“
ड्रेजलर की आवाज में मौत की सी ठंडक थी।
तभी उनके देखते ही देखते एक-एक करके तीन और बोट्स पानी में पलट गईं। ऐसा लग रहा था जैसे सागर की लहरें उन्हें द्वीप पर जाने नहीं देना चाहती।
द्वीप धीरे-धीरे पास आता जा रहा था। पीछे आ रहीं अब सारी बोट पलट चुकीं थीं और बोट में मौजूद सारे यात्री उस खूनी समुद्र की भेंट चढ़ चुके थे।
थोड़ी ही देर में इनकी मोटर बोट द्वीप की रेतीली सतह से टकरा कर रुक गई। जमीन की सतह का स्पर्श एक तरह से सभी को रोमांचित कर रहा था।
उन्हें विश्वास नहीं आ रहा था कि वह सभी इतने भयानक मौत के तांडव के बाद बच निकलने में सफल हो गए हैं। तौफीक ने बेहोश शैफाली को अपनी गोद में उठा लिया और बाकी सभी लोगों की तरफ से उतरकर किनारे की तरफ चल दिया।
जेनिथ बिल्कुल उसके साथ-साथ चल रही थी। क्रिस्टी ने भी ऐलेक्स का हाथ थाम रखा था। जैक और जॉनी के चेहरे पर भी जिंदगी की खुशी स्पष्ट देखी जा सकती थी।
अलबर्ट और सुयश की निगाह द्वीप के अंदर के हिस्से की तरफ थी। असलम अपने काले लेदर बैग को संभाले हुए था, लेकिन उसके पैरों में थकान झलक रही थी। उसके चेहरे पर अफसोस के भाव थे।
ब्रूनो भी इधर-उधर देखता हुआ तौफीक के पीछे-पीछे चल रहा था। ड्रेजलर और ब्रैंडन बोट को रेतीली सतह पर खींचकर काफी आगे तक ले आए। उन्होंने मोटरबोट में रखी रस्सी से बोट को एक पत्थर से बांध दिया जिससे लहरें उसे खींच कर वापस ना ले जा सकें।
सुयश ने आगे बढ़ते हुए पुनः एक बार पलटकर पीछे उस विशाल समुद्र को देखा, पर उसे दूर-दूर तक अठखेलियां करती हुई सागर की लहरों के सिवा कुछ नहीं दिखाई दिया। यहां तक कि ‘सुप्रीम’ का मलबा और उलट गयी सातो लाइफ बोट के अवशेष भी अब नजर नहीं आ रहे थे।
अनायास ही सुयश की आंखों से दो बूंद आंसू निकल आए। शायद यह “सुप्रीम” के लिए अंतिम श्रद्धांजलि स्वरुप थे।
जारी रहेगा_________
Bilkul Sanju ji me aapse 100% sahmat hu.....कुछ लोग को छोड़कर ' सम्राट ' के सारे यात्री मारे गए । शायद सत्ताइस अट्ठाइस सौ लोगों की जान चली गई ।
बरमूडा ट्राइंगल की पहेली अपनी जगह है , यहां से बचकर निकलना अवश्य ही बहुत मुश्किल काम है लेकिन , जहाज का कैप्टन ही गलत डिसिजन लेने लगे , खतरे का सही आकलन न कर पाए तब कैप्टन पर सवालिया निशान खड़ा होता ही है ।
सुयश साहब ने खतरे की गंभीरता का सही आकलन नही किया । चाहे किसी मानव के करतूत से हो , या फिर चाहे कुदरत का इशारा रहा हो , जहाज बार-बार आइलैंड के करीब ही नजर आती थी । या यूं कहें , जहाज ने अपनी मंजिल स्वयं ढूंढ ली थी ।
लेकिन अफसोस कैप्टन साहब की जिद , हठधर्मिता की वजह से जहाज को आइलैंड की पहुंच से दूर कर दिया गया , बल्कि कई बार दूर किया गया ।
अगर समंदर मे घनघोर तुफान नही आया होता तो जो कुछ लोग बच गए हैं वह भी शायद बच न पाते । बहुत समय बर्बाद किया कैप्टन साहब ने । अगर पहले ही इस जहाज का रूख आइलैंड की ओर कर दिया गया होता तो शायद सभी की जान बच गई होती । न ही तुफान का सामना करना होता , न ही बिजली जहाज पर गिरी होती और न ही जहाज पर आग लगी होती ।
राइटर साहब कैप्टन साहब का लाख बचाव करें , लाख उसकी वकालत करें , मगर इन सभी लोगों की मौत का जिम्मेदार अगर कोई है तो वह सुयश साहब ही है ।
खैर अब देखना है कि जो लोग बच गए हैं , वह वास्तव मे बच गए हैं या इस आइलैंड मे उनकी भी समाधि बन जानी है !
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Bilkul, jis dweep per pahunchna hi itna khatarnaak tha, usper rahna aasaan kaise ho sakta hai Wakai kutte wafadaar hote hai devi ji, Sath bane rahiye, Thanks for your wonderful review and supportबहुत ही डरावना लिखा है, लेकिन शेफाली ठीक है और ब्रूनो ने फिर साबित किया कि ऐसे ही नहीं कुत्ते को सबसे वफादार जानवर कहा जाता,
अब बचें हुए सब यात्री एक नए सफर के लिए द्वीप पर पहुंच तो गए लेकिन अब आगे उन्हें क्या क्या सहना है ये और रोचक रहेगा पढ़ने में