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Shukriya bhaiZabardast update superb
Shukriya bhaiZabardast update superb
Shukriya bhaiFuntastic update
Rajni ne ishara kiya hai ki nahi ye abhi andhere me hai bhai, well shukriya bhaiरूपचंद लगता है फिर से पिटेगा साला ये रजनी तो बहुत ही पहुंची हुई लगती हैं वैभव को धोका दे रही है रजनी और रूपचंद की बातचीत से ऐसा तो नहीं लग रहा है की ये उनका पहली बार संसर्ग हो,और अगर पहले भी उनका ये कांड चल रहा था तो किसको रूपचंद के बारे पता न कैसे चला मुरारी काका के बीवी के साथ वो किया था और अगर रूपचंद रजनी और वैभव के मुंशी के घर बताने का धमकी दिया होता तब रजनी उसके साथ मजे से न चुद रही होती कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है मुंशी का परिवार में कुछ गोलमाल चल रहा है,और होलिका दहन के दिन जब वैभव मुंशी के घर जा रहा था तो मुंशी और उसका बेटा कुछ बातचीत कर रहे थे रजनी और उसके सास के साथ और फिर बगीचे में वैभव के साथ वो हमला कहीं कोई लिंक तो नही,क्यूं की वैभव एक मस्त मौला इंसान है और किसी समय वो क्या करता है उसको खुद को नहीं पता तो फिर वैभव का उसी समय बगीचे में होना उन हमलावर को कैसे पता चला फिर बगीचे में जिस जगह विश्राम के लिए घर था उससे विपरीत दिशा में वैभव रजनी को चोद रहा था और वैभव इस कांड के बारे में सिर्फ रजनी को मालूम थी,और वैभव का कोई पीछा करने का कोई भी ऐसी बात अब तक सामने नहीं आई है फिर हमला कैसे हो सकता हैं जब वैभव के पता कोई नहीं जानता हो फिर हमलावर रजनी के जाने के कुछ समय बाद ही वहां पहुंचे शायद जाते वक्त रजनी उनको इशारा करके गई हो जो कुछ दूरी में हो देखते हैं आगे क्या होयता है
Shukriya bhaiहमेशा की तरह शानदार अपडेट
Shukriya bhaiबहुत बढ़िया अपडेट है । वैभव अब थोड़ा दिमाग से काम लेने लगा है । इसलिए अकड़ छोड़ कर सबसे संबंध सुधारने में लगा है शिव शंकर चाचा के बातों से तो यही लगता है । इन लोगों ने वैभव को अपने घर आमंत्रित किया है ताकि रिश्तों में सुधार हो सके ।देखते हैं वैभव क्या करता है
Waqt aur halaat har kisi ko badalne par majboor kar dete hain, vaibhav ne chaar mahine jo kast me bitaye the uski vajah se usme bahut changes aaya hai, well dekho aage kya hota hai....shukriyaवैभव का तो कायापलट ही हो गया । इतने शुद्ध विचार ! इतनी अच्छी अच्छी बातें ! इतनी समझदारी की बातें करने लग गया है पहले सरोज काकी फिर जगन काका समाज के बारे में अच्छे से समझा दिया
जरूर अनुराधा का असर है । लेकिन क्या इसके बाद सही में वो किसी अन्य लड़कियों के साथ सेक्सुअल सम्बन्ध नहीं बनायेगा ? क्या साहूकारों के साथ महात्मा गांधी की तरह व्यवहार करेगा ? क्या आपने भाभी की तरफ उठती गलत नजरों को अपने काबू में कर लेगा ? क्या साहूकारों की औरतों के प्रति उसका नजरिया बदल जायेगा ?
मुरारी काका की मौत ने क्या सही में उसे बदल दिया है ?
देखते हैं अगले अपडेट में
Ab ye to waqt hi batayega bhai ki ye khel kaha se aur kaun khel raha hai, well shukriyaमुझे लग रहा है वैभव बेकार में ही साहूकारों पर संदेह कर रहा है । पुरा खेल कहीं और से खेला जा रहा है । शायद हवेली के अन्दर से ही ।
Sab kuch apne samay par hoga, makaan banwane ke peechhe uski asal mansha kya hai ye bhi jald pata chal jaayega, well shukriyaएक बार फिर से वैभव ने निराश किया । जब कुसुम उसे कुछ बताना चाहती थी तो उसने उसकी बात क्यों नहीं सुनी ?
उसे पता है कि कुसुम का व्यवहार कुछ दिनों से बदला बदला सा है
इतनी सारी अजीबोगरीब घटनाएं हो रही हैं अभी तक सोचने के सिवाय किया ही क्या है
एक नहीं बल्कि कई चीजें अप्रत्याशित रूप से घटित हो रही है । मुरारी काका की हत्या , हवेली के अन्दर उसके सगे भाई का ही नहीं बल्कि चचेरे भाइयों का बदला हुआ रूप , उसके उपर दो दो बार जानलेवा हमला , कुसुम की उदासीनता रात को औरत की पायल की आवाज रजनी का रूपचंद से संबंध बनाना.....कम से कम इन्हीं पर वो अपना ध्यान केंद्रित करता
लेकिन ये तो फिलहाल रूपा को अकेले में मिलने को बुला रहा है और अलग से खुद का मकान बनवाने पर तुला हुआ है
Jaldi hi paristhitiya badlegi bhai, vaibhav ke saamne itne saare jhamele hain ki wo filhaal thik se soch hi nahi pa raha ki use kya cheez kis tareeke se karni chahiye. Well shukriyaअभी तक समस्याएं जस की तस है ।उसके भैया का बदला स्वभाव कुछ तो है भैया को पता चल गया है की उसके पास ज्यादा समय नहीं है सायद इसलिए ऐसा बर्ताव। कर रहा हो वैभव ने वैसे तो कुछ पहल की है जैसे कि अपनी भाभी से बातें करना अपनी भाभी को समझाना और उनको रोने न देना उनको हमेशा मुस्कराते रहना अपने पुराने मित्रों से मिलकर कोई योजना बनाना , हवेली में रहने वाली उस अज्ञात " छम छम " पायल वाली का पता लगाना एवं कुसुम से उसकी परेशानियों के बारे में जानकारी लेना आदि । शायद कुसुम जरूर कुछ बताती अगर विभोर ने उसे आवाज नहीं दी होती ।
जरूर ये विभोर ही कुछ ऐसा कर रहा है जिसका पता कुसुम को है कुछ तो है
पर मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे तुफान आने से पहले जो शांति छाई हुई रहती है वो अब खतम होने वाला है । अब उस तुफान के आने का वक्त हो गया है । कुछ बड़ा होने वाला है जो हवेली के लिए शुभ संकेत नहीं है ।
Shukriya bhaiबहुत ही सुंदर अपडेट है वैभव ने सुनील और चेतन को मुंशी और साहूकारों के पीछे लगा दिया है रूपा और वैभव के बीच की घटनाओं का वर्णन आपने पहले भी किया और आज इन दोनो के मिलने पर बहुत अच्छा लगा मुझे। रूपा और कुसुम का वर्णन पढ़कर बहुत अच्छा लगता है, एक प्रेमिका के तौर पर प्रेम दिखाती है तो दूसरी अनुजा के तौर पर दोनो का ही प्रेम निश्छल है। रूपा को अपने परिवार की जासूसी पर लगा दिया है देखते हैं रूपा कुछ पता लगा पाती हैं या नहीं