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Incest ❣️मां के साथ सुहागरात जंगल में❣️

आप किसे अपनी मां बनाओगे

  • ईशिता

    Votes: 8 38.1%
  • महारानी कौशल्यादेवी

    Votes: 13 61.9%

  • Total voters
    21
10
89
14
नामउम्रस्तन,कमर, नितंभफोटो
ईशिता..........
पति आलोक 60 साल
बेटा – सुमित सोनू 24 साल
4232,28,34
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महारानी कौशल्यादेवी
बेटा – बलदेव 24 साल
4834,30,38
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कावेरी
बेटा 18 साल
3632,28,38
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Last edited:
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Characters Detail

इशिता 42 साल
32 28 34
पति आलोक 60 साल
एक पड़ी लिखी औरत.. दिखने में सुंदर और स्वभाव से दयालु और अपने परिवार से बेहत प्यार करती है...

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में सुमित 24 साल
मुंबई में अपनी जॉब करता हु




कावेरी
उम्र 36 साल
32 28 38
दो बच्चो की मां एक बड़ा बेटा 18 साल और एक छोटा है
पति भोला
सास कविता

704b56675bd49507dfbd077194841bae.jpg


कौशल्यादेवी
उम्र 48
बेटा बलदेव
कबीले (गांव राज्य) की महारानी
भरे बदन की मालकिन...
34 30 38

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Last edited:
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Updated 01

दिसंबर की कड़कड़ाने वाली ठंड में में पापा और मां काली रात में सितारों को देखते हुए बाते करते हुए एक दूसरे को आलिंगन में जकड़ रहे थे...पापा और मेरे बीच में मां दब रही थी...हमारे उपर एक मोटी रजाई थी जो हमारा ठंड से रक्षण कर रही थी...

मां – आह हटिए ना आप बच्चे बन रहे हो...(मां ने पापा को उनसे चिपके हुए थे उनको दूर करते हुए कहा)

पापा – क्यों तुम्हारे बेटे को तो अपने सीने से चिपका रखी हो जैसे दो साल का बच्चा हो...

मां – तो बच्चा ही है वो....

पापा – अरे कहा बच्चा दिख रहा है तुम्हे इस की शादी कर दी होती तो आज इसके खुद के बच्चे तुम्हारी गोद में खेल रहे होते....

मां – की तो नही ना...

और मां ने मेरा मुंह उनके सीने में छुपा दिया...मेने ये मौका जानें नही दिया और मां के स्तन को चूम ने लगा...मां तो अपनी ममता में खोई हुए मेरे सर को सहलाने लगी...वही पापा ने मां को पीछे से पकड़ के अपनी बाहों में भर लिया...और हम तीनों 12 बजे तक प्यार करते रहे...

मां – चलो बेटा अब नीचे जाके सो जाओ...हम आते है...

में अपने कमरे में चला गया...और नींद इतनी आ रही थी कि लेटते ही सो गया...

मां ने छत का दरवाजा बंद कर दिया...और पापा लेते लेते ही नंगे होकर अपना लिंग पकड़ के उसे सहलाने लगे...मां आते आते ही अपना पेटीकोट ऊपर कर पापा के लिंग पर बैठ गई और पूरा लिंग एक बार में अपनी छूत में सिसकारी भरते हुए निगल ली..."आह मुझे नंगा कर खुद ब्लाउज नही निकाला सुमित की का" और पापा ने मां को अपनी तरफ खींच के ब्लाउज को खोल दिया...मां ठंड में मचल उठी...और पापा को जोर से पकड़ के चुप गई और पापा ने मां को सहलाया..जिस से मां के जिस्म में गर्मी का संचार होता गया...और एक कामुक संभोग दोनो में होने लगा...मां की सिसकारियां दूर दूर तक फेल रही थी लेकिन दूर दूर तक दूसरा घर भी नही था जो मां की आहे सुन सके....

भरपूर यौन संबंध बना के मां और पापा नीचे आके सो गई...


 
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Update 2

इशिता 42 साल
32 28 34
पति आलोक 60 साल
एक पड़ी लिखी औरत.. दिखने में सुंदर और स्वभाव से दयालु और अपने परिवार से बेहत प्यार करती है...

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में सुमित 24 साल
मुंबई में अपनी जॉब करता हु


मां जब 18 साल की थी तब वो पापा जो उनसे उम्र में पूरे 18 साल बड़े थे यानी 36 के होंगे तब..उनके प्यार में पड़ गई....और दोनो ने जैसे तैसे अपने परिवार को मनाया और उनकी शादी हो गई....और सादी के चार महीने बाद ही मां ने दो जुड़वा बेटो को जन्म दिया....

मां ने कम उम्र में ही बड़ी परिपक्व हो चुकी थी...जब हम 5 साल के हुए होंगे मां ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और वो काम करने लगी..एक डॉक्टर के रूप में...अब मां ने हमारी जिमेदारी एक आया को सौप दी और मां पापा सारा सारा दिन घर से बाहर रहने लगे...मां को देर रात तक भी काम रहता था...

जो आया मां ने रखी थी उसका चरित्र ठीक नही था..वो दिन में हमारे घर में कभी कभी उसके साथ कुछ मर्द ले आती और उनके साथ संभोग किया करती... मेरी रुचि बड़ी उम्र की औरतों में यही से आने लगी थी...में ने कही बार उनको नंगा देखा था संभोग क्रिया में आनंद लेती वो मुझे बड़ी अजीब लगती तब...

ऐसे ही एक दिन हम खेल रहे थे और वो किसी के साथ नंगी पड़ी थी की मेरा भाई और में बाहर निकल गई...हम बहोत दूर निकल आई और अब हमे पता नही था हमारा घर कहा है...हम चलते हुए हुए घर के पास के रेलवे स्टेशन पे आ गई थे..की तभी एक आदमी मेरे भाई को उठा ले गया...और में अकेला रोने लगा..और मुझे एक पुलिस वाले ने देखा और फिर वो मुझे थाने ले आया...रात को जब मम्मी पापा आई तब उनको पता चला तो वो पुलिस के पास आई तब उनको सब पता चला और वो आया भी भाग गई...में तो मिल गया लेकिन मेरा भाई अमित नही मिला...

पापा और मां तब से मेरा कुछ ज्यादा ही ख्याल रखने लगे...मां अपने आप को इस सब का जिमदेरार समझ रही थी और अपनी जॉब छोड़ दी...और मुझे भरपूर प्यार से बड़ा किया...

मां एक डॉक्टर होने के नाते बड़ी खुले विचार की महिला है.. लेकिन अपनी मर्यादा में रहती थी...अब उनकी दुनिया बस में और पापा ही थे...
 
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बहुत ही शानदार और जानदार कहानी का प्रारंभ हैं भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Updated 03

में चुटियो में घर आया हुआ था...हमारा घर सहर के सौर सराबे से थोड़ा दूर है.. आश पास काफी जगा हे और घर के आगे और पीछे बड़ा सा गार्डन बनाया हुआ है...

ठंड का मौसम चल रहा है और में अभी तक उठा नहीं था.. सुबह के 8 बज गई थे...मां अपने नहा के मेरे कमरे में आई..में रात में नीचे आने के बाद अपनी पेंट निकल दिया...मेरा लिंग बाहर निकल के पुरा तना हुआ खड़ा था...

में अपने खयालो में मां को सोच रहा था की...मां कमरे में आई..मेने आखें बंद कर ली...मां ने मुझे आवाज दी..लेकिन में नही उठा..."सोनू उठ जा बेटा... नाश्ता बन गया है..जा नहा के आजा..." मां अब बेड पर बैठ मेरी तरफ देख मेरे बालो को सहला रही थी...मुझे बड़ा अच्छा लगा...की तभी मां ने मेरे गालों को चूमते हुए मेरे कान में उसकी मीठी आवाज में बोली "उठ जा मेरे लाल...पता है तू जाग ही रहा होगा में जा रही हू जल्दी आजा" मां जैसे ही उठने लगी...मेने मां को कस के पकड़ के मेरे उपर गिरा दिया...मां जोर से धक्का मारी लेकिन मैने मां को अपनी पूरी शक्ति से जकड़ रखा था...

मां का मुंह मेरे मुंह के इतना करीब था की ने जरा उपर उठ जाता तो मां के गुलाबी होंठ मेरे सूखे होठ से मिल जाते...मां के चांद से खुसबूरत चहरे पे बड़ी सी मुस्कान आ गई...मेरे हाथ मां की नंगी पीठ से होते हुए उन्हें जकड़ रखे थे...उनका ठंडा गिला बदन मुझे उत्तेजना से भर दिया...

मेरा लिंग बाहर निकल आया था...जो ठंड में और अधिक गर्मी निकल रहा था...मेरे दिल में यही चल रहा था कि काश मां अपनी मुलायम हथेली में मेरा लिंग पकड़ के सहला दे...मेरी उत्तेजना इतनी बड़ी हुए थी की मेने डरते हुए दबी आवाज में बोला "मां...मां...वो.." में आगे बोल नही पाया..."क्या वो वो..चल मजे जाने दे... मेरी छुट्टी नहीं चल रही तेरी तरह...

"इशिता कहा गई...मेरी चाय लाओ यार..." मेने पापा की आवाज सुन मां को छोड़ दिया...और मां उठ गई...मेरा लिंग पूरा बाहर निकल के खड़ा था...

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मां ने मेरे लिंग को दो पल देखा और बोली " कितना बड़ा हो गया लेकिन अभी तक बच्चे की तरह नंगा सोता है...इतनी ठंड में...जरा तो खयाल रख..." और मां ने रजाई उठा के उपर कर दी...उनका हक्का सा हाथ मेरे लिंग को लगा और वो लोहे जैसे सख्त हो उठा.. मेरे दिल की धड़कने तेज तेज हो उठी...और में अपने किस्मत पे भरोसा नही हुआ...मां के हाथ का गर्म स्पर्श मुझे पागल कर दिया...

मै तुरत नहाने भाग गया और अपने लिंग को पकड़ के आगे पीछे करते हुए मां के हाथ का मुलायम स्पर्श को याद करने लगा...और बहोत सारा गाड़ा गाड़ा वीर्य निकल दिया...
 
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