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Incest 𝗚𝗮𝗼𝗻 𝗞𝗶 𝗗𝗲𝘀𝗶 𝗞𝗮𝗺𝘂𝗸 𝗞𝗮𝗵𝗮𝗻𝗶𝘆𝗮 (𝘋𝘢𝘪𝘭𝘺 𝘯𝘦𝘸 𝘴𝘵𝘰𝘳𝘺)

mamta singh

A sweet housewife and mom
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गाँव की कामुक कहानियो का संग्रह।।
।।रोज नई नई देसी गाँव की कामुक कहानियाँ, रिस्तो मे आते बदलाव की कहानियाँ, माँ बेटे के बिच प्यार की कहानियाँ, भाई बहन, बाप बेटी, की कामुक गरम कहानियाँ, रात रंगीन करने वाली कहानियाँ।।
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।।INDEX।।
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mamta singh

A sweet housewife and mom
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।।गाँव की कामुक कहानियो का संग्रह।।
झाड़ियों मे चुदाई की कहानी। नदी पर रोमांस की कहानी।माँ बेटे की छुपी हुई कामुकता। भाई बहन की आशिक़ी। बाप बेटी की ठरकपन।
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❤️🌹🌹INDEX🌹🌹❤️
( NOTE:यहाँ सभी कहानियाँ काल्पनिक और मनोरंजक है)
14 july2025 (monday 8:45am)
।। Non Series।। ।। Series।।
Story01
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बड़े पापा ने किया माँ के खेतो की जुताईStory03
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हाय... मेरा ससुर दीवाना part01
Story02
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आटे चक्की वाले ने मम्मी को चोदा।Story04
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हाय... मेरा ससुर दीवाना
Part02
Story05
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मम्मी को मिली बैगन से आजादी...Story08
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हाय... मेरा ससुर दीवाना Part03
Story06
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फ़क़ीर बाबा ने माँ का शुद्धिकरण कियाStory11
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हाय... मेरा ससुर दीवाना Part04
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मम्मी की छोटी बहन की रशीली चुतStory12
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हाय... मेरा ससुर दीवाना Part05
Story09
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सामने की खिड़की
वाली दीदी..
Story13
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हाय... मेरा ससुर दीवाना Part06
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खेत मे धान रोपाई और मेरी चुत चुदाई।Story15
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हाय... मेरा ससुर दीवाना
Part07(Last)
ComingSoon
Story14
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सिलाई सेंटर वाली भाभी की चुदाई।Comingsoon
 
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mamta singh

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STORY 01
।।बड़े पापा ने बड़े लंड से किया
मम्मी की खेतो की जुताई।।

images-1

हेलो दोस्तों,
मेरा नाम शुभम है, मैं यूपी के एक छोटा सा गांव का रहने वाला हु।

मेरी मम्मी का नाम देविका है, उनकी उम्र 35 साल है। दिखने मे गोरी और गदराई हुई। चूचियाँ और गांड बहुत ही मस्त है।
फिगर 36 30 36 है। जिसका पता कपडे के ऊपर चल जाता है।



पापा बाहर में रहकर काम करते हैं और मैं मम्मी के साथ घर पर रहता हूं।

बरसात के मौसम चल रहे थे और खेतों में पानी भरे हुए थे। पापा इस साल खेतों में फसल लगाने के लिए नहीं आ पाए थे। तो उन्होंने बड़े पापा को फोन करके बोल दिया था कि वह इस साल खेतों को देख ले।
बड़े पापा के खुद का खेत था तो वह उसमें व्यस्त रहते थे तब उन्होंने कहा कि वह मेरी और मम्मी की खेतों पर मदद कर देंगे।

सुबह मम्मी मुझे नाश्ता करा रही थी तब बड़े पापा ने मुझे आवाज लगाते हुए बोले

बड़े पापा - शुभम चलो खेतों पर बेटा मेरी मदद कर देना!

मै- नाश्ता करके आ रहा हूं बड़े पापा!


फिर मैं उनके साथ खेतों पर चला गया और बड़े पापा मम्मी को बोल दिए कि उनके लिए खेतों पर ही नाश्ता लेकर चली आय।

बड़े पापा खेतों में धान के बिया डाल रहे थे। मै उनकी मदद कर रहा था। थोड़ी देर में सभी खेतों में बीया डालना हो गया उसके बाद धान लगाने वाले ट्रैक्टर से धान लगवा दिया गया। बड़े पापा खेत में बने एक कुटिया में जाकर बैठ गए।

दूर से मम्मी लाल साड़ी और काली ब्लाउज पहनी हुई, हाथों में खाना लिए हुए खेतों की ओर चली आ रही थी।

मम्मी- शुभम बेटा, तुम्हारे बड़े पापा कहां है

मै- मम्मी, बड़े पापा कुटिया में आराम कर रहे हैं!


मम्मी खेतों में बने कुटिया के भीतर जाने लगी मैं भी उनके पीछे-पीछे गया।

बड़े पापा एक लूंगी और गंजी पहन कर लेटे हुए थे। मम्मी वही खड़ी होकर बड़े गौर से उन्हें देख रही थी तभी मैं पंहुचा और बड़े पापा को आवाज दिया। तो वह उठकर बैठ गए और मम्मी उन्हें नास्ता परोशने लगी।

बड़े पापा मम्मी को बहुत ही गौर से देख रहे थे। उनकी बालों की एक लटाय चेहरे पर लटक रही थी। मम्मी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जैसे ही मम्मी ने बड़े पापा को देखा तो बड़े पापा ने अपनी नजरे दूसरी ओर कर लिए। मम्मी के चेहरे पर हल्की से मुस्कान आ गया।

बड़े पापा नाश्ता करने लगे और बोले - बहू आज खेत का सारा काम खत्म हो रहा है तुम शाम को खीर पूरी बना लेना!

मम्मी- जी जरूर, आप खाने जरूर आइएगा!

बड़े पापा- अरे बहु, तुम इतने प्यार से बुला रही हो, तुम्हें मैं भला मन कैसे कर सकता हूं!


बड़े पापा ने नाश्ता को खत्म किया और बैठकर आराम करने लगे मम्मी वहीं बर्तन को समेटने लगी।

बड़े पापा उठे और मम्मी से बोले कि थोड़ी देर में आता हूं और बाहर निकल गए।
मम्मी मुझे जाने को बोली तो मैं वहां से निकल गया। पर मुझे पेशाब लगी तो मैं झाड़ी के पीछे करने लगा तो देखा कि कुछ दूरी पर बड़े पापा भी पेशाब ही कर रहे थे। बड़े पापा के दूसरी ओर देखा की मम्मी उन्हें छूप कर देख रही थी। बड़े पापा के बड़ा सा लंड से पेशाब की धार जमीन पर गिर रही थी और मम्मी बड़े ही गौर से उनके लंड को देख रही थी। जैसे ही बड़े पापा की पेशाब की आखिरी बूंद गिरी मम्मी वहां से कुटिया में चली गई।
मुझे यह कुछ समझ नहीं आया तो मैं उन्हें छूप कर देखने की सोची।

बड़े पापा कुटिया में मम्मी को बैठे देखकर बोले - अरे बहु तुम अभी गई नहीं और शुभम कहां है?

मम्मी- शुभम चला गया मैं आपके आने की इंतजार कर रही थी...

बड़े पापा- कुछ बात है बहू, तो बताओ?

मम्मी- नहीं ऐसा कुछ बात नहीं है, अगर आप नहीं होते तो मेरे खेत तो इस साल बंजार ही रह जाती…

बड़े पापा- अरे बहु ऐसे कैसे बंजार रह जाती! तुम बस मुझसे कह दिया करो और मैं तुम्हारी खेत को जोत कर हरा-भरा कर दिया करूंगा!


मम्मी बड़े पापा की बात सुनकर थोड़ी सी शर्मा गई तो बड़े पापा भी समझ गए कि वह कुछ और बोल गए उन्होंने तुरंत बात को संभालते हुए कहा

बड़े पापा- अरे बहू मेरा मतलब वह नहीं था...


मम्मी दूसरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी तो बड़े पापा भी समझ गए की मछली उनके कांटे में फस गई।

शाम को मम्मी ने बहुत ही अच्छे अच्छे पकवान बनाई। रात हो चुकी थी और चारों ओर काले बादल भी गिरे हुए थे। कभी भी बारिश शुरू हो सकती थी।
मम्मी ने मुझे बड़े पापा को बुलाने के लिए भेज दिया। मैं भी बड़े पापा को लेने चला गया। वह अपने घर में आराम कर रहे थे। मेरे एक आवाज से ही वह उठकर मेरे साथ चले आए।


बड़े पापा धोती कुर्ता पहने हुए थे और मम्मी अभी भी वही काली ब्लाउज और लाल साड़ी पहनी हुई थी बिल्कुल सेक्सी लग रही थी। मम्मी बड़े पापा को बैठ कर खाना खिलाने लगी, तभी जोरों की बारिश भी शुरू हो गई।

बड़े पापा खाना खाने लगे।
बारिश इतनी तेज थी कि लग नहीं रहा था कि आज रात छूटेगा..
बड़े पापा बोले- बहु सोच रहा हूं मैं भी यही सो जाऊं बहुत तेज बारिश होने लगी है।

मम्मी - आप आराम से खाइए मैं आपके लिए शुभम के पास ही बिस्तर लगा देती हूं!


मम्मी मेरे पास ही बड़े पापा की बिस्तर लगा दी और बड़े पापा तब तक खाना भी खा लिए थे। मुझे कुछ समझ तो नहीं आ रही थी पर बड़े पापा और मम्मी के आंखें आपस में पता नहीं क्या बातें कर रही थी।

मैं सोने का नाटक करने लगा और तभी बड़े पापा भी आकर मेरे पास लेट गए। 1 घंटे बाद मम्मी भी खाना खाकर छत पर कमरे में सोने चली गई।
थोड़ी देर बाद बड़े पापा भी उठे और छत पर जाने लगे, मैं देख कर समझ गया कि कुछ तो गड़बड़ होने वाला है। मैं उनके पीछे-पीछे छुप कर जाने लगा।

बड़े पापा मम्मी के दरवाजे के पास खड़े होकर आवाज दे रहे थे,

बड़े पापा - बहु दरवाजा खोलो,


मम्मी ने दरवाजा खोली और बोली -आप इस वक़्त, क्या हुआ?

बड़े पापा - बहु मैं सोच रहा हूं कि आज रात तुम्हारी खेत को भी जोत कर हरी भरी कर दूँ।


मम्मी शर्मा कर बिस्तर पर भाग गयी।
बड़े पापा समझ गए वह दरवाजे को बंद किया और मम्मी के पास बिस्तर पर चले गए।
मैं सीढ़ी से आगे बड़ा और मम्मी की बेडरूम में की होल से झांकने लगा।

बड़े पापा मम्मी को बाहों में लिए उनके गाल और गर्दन को चूम रहे थे।

मम्मी- उउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़..... आअह्ह्ह.... आराम से चुसिये...

बड़े पापा - बहु तुम बहुत ही रसीली हो आज तुम्हारा खेत जोतने मे मजा आएगा।


बड़े पापा मम्मी को बिस्तर पर लेटा दिए और आंचल को नीचे गिरा कर उनके ब्लाउज को खोल दिए और ब्रा के ऊपर से चूचियों को मसलने लगे, दांतो से काटने लगे.

मम्मी -आआआहहहहह... जेठ जी.. आराम से दर्द हो रही है.... उउउफ्फ्फ्फ़...


बड़े पापा मम्मी के चूचियों को मसलते हुए उनके गोरे-गोरे नाभी में जीभ डालकर चूमने लगे।
मम्मी के कमर को चूमते हुए उनकी कमर से साड़ी को निकाल कर फेंक दिया अब मम्मी ब्रा और पेटीकोट में थी। बड़े पापा ने मम्मी की पेटिकोट का नाड़ा खींचा और निकाल कर अलग कर दिया. उनकी गोरी गोरी जांघों को चूमना शुरू कर दीये।

मम्मी -आअह्ह्हह्ह्ह्ह... हईई... उफ्फफ्फ्फ़...


बड़े पापा अपने कुर्ता को निकाल दिए तो मम्मी उनके ऊपर आई और उनके छतियों को चूमने लगी। बड़े पापा आराम से लेट कर मम्मी के कोमल होठों का स्पर्श अपने छतियों और पेट पर महसूस कर रहे थे।

बड़े पापा ने मम्मी के गांड को दबाते हुए ऊपर की ओर खींचे और उनके रसीले होंठ को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगे। मम्मी के गांड को दबा रहे थे और बालों से खेल रहे थे।

मम्मी और बड़े पापा दोनों की मादक सिसकारियां कमरे में गूंज रही थी और दोनों एक दूसरे को शरीर से रगड़ रहे थे।

बड़े पापा मम्मी को नीचे लेटाये और उनकी ब्रा और पैंटी को निकाल कर नंगी कर दिया। मम्मी की रसीली चिकनी चुत देखकर बड़े पापा की लंड धोती से बाहर आने लगी, मम्मी उनके लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
बड़े पापा, मम्मी की चुत में जीभ डालकर गर्म रस पीने लगे।

उउउफ्फ्फफ्फ्फ़.... आअह्ह्ह....


फिर बड़े पापा मम्मी के ऊपर आए और अपने लंड को मम्मी की चुचियों में रगड़ने लगे। मम्मी अपने दोनों हाथों से, उनके लंड को चुचियों में दबऐ हुई थी और जीभ से उनके लंड को चाटने की कोशिस करती।

बड़े पापा ने अपने लंड को मम्मी के मुंह में घुसा दिया और उनके थूक से सना हुआ लंड को मम्मी की चुत पर रगड़ते हुए भीतर घुसाने लगे।
मम्मी को थोड़ी तकलीफ हुई लेकिन थोड़ी ही देर बाद मम्मी की चुत में पूरी तरीके से लंड उतर चुका था.

मम्मी - आआआहहहहहह... बड़े निर्दयी हो अआप.. थोड़े आराम से जोतो अपनी बहु की खेत.. आअह्ह्ह्ह...


मम्मी की कामुक आवाज बड़े पापा को और ज्यादा उत्तेजना पैदा कर दी। वह मम्मी की चुत में जोर-जोर से धक्के लगाने लगे और मम्मी के होठो को चूसने लगे।

मम्मी आराम से उनसे चुदवा रही थी। वह लंड को पूरा बाहर निकालते और एक बार में ही अंदर घुसा देते।
आआहहहह....


बड़े पापा ने मम्मी को उल्टा लेटाये और पीछे से लंड डालकर उनकी चुदाई करने लगे और उनके बालों से खेलने लगे।

काफी देर तक ऐसे ही मम्मी को बड़े पापा चोदते रहे और उसके बाद दोनों ठंडा पड़ कर एक दूसरे से लिपट गए।

बड़े पापा - बहु तुम्हारे चुत में मेरा लंड का पानी चला गया है अब तुम्हारी चुत हरी भरी रहेगी.

मम्मी - आज मुझे अापने वो दिया है जो मैं कब से चाहती थी।

यह कहते हुए मम्मी उनसे लिपट गई और उनके होठों को हल्के हल्के चूसने लगी।

इन दोनों की काम क्रीड़ा देखकर मेरे अंदर ना जाने क्या-क्या होने लगा मैं चुपचाप जाकर अपने बिस्तर पर लेट गया।

धन्यवाद।।
 
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