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22 Apr 2020 13:50
चिकने पेट पर जो उनके नजर गई।
फिसल कर सीधे चूत में उतर गई।।
चूत में ही नजर जाकर सो गई मेरी,
हम खोजते रहें कि आखिर किधर गई।
उनकी चूत गुलाब की पंखुड़ी जैसी थी,
शबनम बनकर ये नजर बिखर गई।
बार-बार लंड पर ही हाथ जाता है,
उनकी जवानी गजब का जादू कर गई।
बदतमीजों की तरह खुल गई है वो,
जबसे गाँव से निकलकर शहर गई।
रुकी जहाँ जिस जगह पर जा करके,
दुनिया की भीङ वहीं पर ठहर गई।
खङाकर देती है उन लोगों का भी,
जिनकी उम्र सत्तर साल के उपर गई।
बतमीज न जब एक बार बदतमीजी की,
गीली चूत हुई उसकी वो सिहर गई।
चिकने पेट पर जो उनके नजर गई।
फिसल कर सीधे चूत में उतर गई।।
चूत में ही नजर जाकर सो गई मेरी,
हम खोजते रहें कि आखिर किधर गई।
उनकी चूत गुलाब की पंखुड़ी जैसी थी,
शबनम बनकर ये नजर बिखर गई।
बार-बार लंड पर ही हाथ जाता है,
उनकी जवानी गजब का जादू कर गई।
बदतमीजों की तरह खुल गई है वो,
जबसे गाँव से निकलकर शहर गई।
रुकी जहाँ जिस जगह पर जा करके,
दुनिया की भीङ वहीं पर ठहर गई।
खङाकर देती है उन लोगों का भी,
जिनकी उम्र सत्तर साल के उपर गई।
बतमीज न जब एक बार बदतमीजी की,
गीली चूत हुई उसकी वो सिहर गई।