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Incest Anutha prem kahani

rusty blade

all about CurVes!!!!
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शान सुबह उठा गिजर के गुन्गुने गर्म पानी से नाहा ढो के नास्ता करने कमरे से निकल कर डाइनिंग टेबल पे आ गया ……।।



डाइनिंग टेबल पे उसके मॉम-डैड के साथ उसकी मासी नम्रता और उसकी बेटी तृप्ति पूर्वमेब प्रता भाख्या प्रबधन कर रहे थे………।।




नम्रता जो सिर्फ कॉफी पि रही तब वो शान को देख के बोलि …।।" ओह शान …।।तुम तो काफी बड़े हो गए ………नम्रता की बोल में भले ही मीठास थी लेकिन नज़र उसकी बता रही थी की वो तंज कस रही थी …।। जैसे आत्म इर्षा से डाह हो रही थी ……।




शान भली भांति जानता था अपनी मासी को भले ही उसने दो साल बाद अपनी मासी से मिला हे लेकिन वो भूला नही अपनी मासी की व्यंग्यपूर्ण प्रतीकत्व ……।




मिस्टर बालादेव……।।" गुड मॉर्निंग माय बोय"


शान अपनी डैडी से झुक के गैल मिल प्रता काल शुभश्या कर के अपनी मॉम की चेयर पे बैठ गया ……।



शान ……।" तो ……।गूड़ मॉर्निंग तू आल……और मासी और टिकली आप दोनों की सेटिंग्स बैठ गयी यहा की ……"



तिक्रि ……।।" व्हाट सेटिंग्स………"


शान……" अरे भाई आप लाग अमेरिका में रहते हो वाहा की दिन रात हमारे यहा से थोरी मिलती हे …।"


टिकली मुस्कुरा के बोलि …।।" oh well got it……।नेही हम फ्लाइट में सो के आये ताकि यहा दिन में न सोना पड़े …।।बस मैनेज कर लिया किसी तरह "


मिस्टर बालादेव……।" शान बेटा क्यों न……i mean …Me and your mother were thinking that you should come and stay at the aunt's house for a few days……."



नम्रता जैसे ये सुन के अंदर ही अंदर राख हो गयी …।। वो शान को देख के बिरक्ति बिमुखता हो गयी……।।



मिसेज बालादेव……" गुड आईडिया…।।what do you say नम्रता दी …।। तुम्हे कोई परेसानी तो नही होगी …।।"




नम्रता बड़े ही नाटकीय से "ओहो रीना …। मुझे क्या परेशानी होगी …।। मुझे तो अच्छा लगेगा अगर शान हमारे यहा चलेगा इसको घुमाने के बहाने हम भी घूम लेंगे …।। बच्चो की सक्कर में लाइफ इतनी बिजी हो गई हे कि क्या कहु …शान will you go to our house …"



तृप्ति…।" हाँ भैया चलो न हमारे साथ …।"




शान ……"Okay guys…….listen to me…में अभी कही नही जाने वाला …मेरा शेडूल अभी बोहोत बिजी हे…।।"




मिस्टर बालादेव……।।" क्या मतलब हे busy schedule ……दिन भर घूमने के अलावा करते क्या हो …।" शुरजित कुमार की स्वर में घोख अप्रसन्नता साफ़ ज़ाहिर था …।



मिसेज बलादेव ने आखो से शांत रेहने को कहा जिस्से माहौल न बिगड़े……



मिसेज बालादेव………।" बेटा कुचि दिन की बात हे …।हुम चाहते हे तुम थोरा घुम आओ अपना माइंड फ्रेश हो आओ …।।"



शान झल्लाहट से बोलै ……।" प्लीज सुबह सुबह आप लोगो शुरू मत हो……में अपने तरीके से फ्रेश माइंडेड हो रहा हूँ……।"



तृप्ति ने अपने शातिर दिमाग से समझ गए की शान का अपने मॉम डैड से बनती नही और उसने नया बिषय शुरू कर दी…।



तृप्ति……" शान भैया ……मुझे शॉपिंग करने ले चलोगे अभी …।।"



मिसेज बालादेव ……" शान इसे नास्ते के बाद शॉपिंग करवाने ले के जाना …।।बेचारी ने अपनी लगेज कही गुमा दी …।।"




शान हास् के बोलै……" इस्लिये काल रात मेरा इनरवेअर पहन रखा था ……"




तृप्ति ………।" अब हासो मत ……।नास्ता ख़तम करते ही तइयार हो जाना……।।"




सूबह का नास्ता ख़तम करने के बाद शान तृप्ति को शॉपिंग मॉल ले जाता हे…।।







तृप्ति शॉपिंग मॉल में अपनी ज़रूरत की सामान और कपड़े एक ट्रॉली में बिलिंग काउंटर पे ले गयी…।शान भी उसके साथ था …।।





जब सेल्स गर्ल ने सभी सामान का बिल बना दिया तो तृप्ति टुकुर टुकुर शान की तरफ देखने लगी …। और शान भी उसे देख के सोचने लगा की ये मुझे ऐसे क्यों देख रहा हे ……।



तृप्ति इसारे से शान को कुछ केहने लगी …।शान कुछ न समझ के कंधे उकसाने लगा ……


दोनो की निशब्द वार्तालाप सेल्स गर्ल ने अपनी काम में महारथी अनुभबी से शान को ससेट किया …।।" सर सायेद आपकी गर्लफ्रैड बिल पे करने को केह रही हे …।"



शान को जैसे झटका लगा …।।" क्या …। में क्यों दू बिल …।।और और…ये मेरी गर्लफ्रैड नही हे ।।ये डेढ़ फुटी मेरी गर्लफ्रैड"


तृप्ति को शान की बातों से बोहोत बुरी लगी वो उदास हो गयी और अपने बैग से क्रेडिट कार्ड को निकल के मायूसी से देख के सेल्स गर्ल को बोलि …।।" देखिये मेरा क्रेडिट कार्ड इंटरनेशनल नहीं हे …।। मेरे पास सिर्फ १० थाउजेंड केस हे इसमें जो जो ज़रूरी कॉस्मेटिक और जो ड्रेसेस आये उसे पैक कर दिजिये "



सलेस गर्ल शान को घुरने लगा जैसे वो शान को बोहोत गालिया दे रहा हो ……शान को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और शर्मिन्दिगी से अपने आपको गालिया देने लगा…।




शान ने झट्ट से अपने वॉलेट से क्रेडिट कार्ड काउंटर पे रख के बोलै……।" हे …।मे तो माझक कर रहा था …… ये लीजिये आप मेरा कार्ड स्वाइप कर दिजिये "



तृप्ति……।।" नही नही …।। मेरे केस से जितने सामान आये उतने का ही बिल बना दीजिये…।।"



सल्स गर्ल …।I'm very very sorry mam…। बाई डिफ़ॉल्ट एक बार बिल होने के बाद हम सामान नही रख सकते …। अगर प्रोडक्ट में कोई डिफेक्ट हो तभी हम रिटर्न या एक्सचेंज का ऑप्शन दे सकते हे कस्टमर को…।।"


शान जोर दे के बोलै……"हा तो मेरे कार्ड से पेमेंट करिये न आप "



सलेस गर्ल ने फिर शान के कार्ड से बिल लिया …।।शान फिर वेल बेहेवियर दीखते हुए सारे शॉपिंग बैग उठा लिया …।फिर दोनों एग्जिट से बहार आ गए जहा कार पार्क था ……



तृप्ति कार में बैठते ही सुबक सुबक के रोने लगी ……शान अब खुद के किये पर पछताने लगा ……



शान……"नो नो नो प्लीज रोना मत …। प्लीज मेरी माँ … यहा नही …।तुम कहो तो में तुम्हारे लिए पूरी शॉपिंग मॉल खरीद लूंगा …। प्लीज रो मत…।"



तृप्ति को कोई फर्क नही पड़ा …।"तुम बोहोत बुरे हो…।Till date no one has insulted me like this…….."


शान तृप्ति को मानाने के लिए हर कशिश करने लगा …।।"प्लीज रोना मत …।वो देखो यहा वुमन हरस्मेंट का सिंग बोर्ड लगा हे …… प्लीज किसी ने ऐसे तुम्हे रोते देख लिया तो मुझे लोग पीटेंगे फिर पुलिस के हाथों पकड़वा देंगे …।।इस शहर के बारे में तुम नही जानती …।"


तृप्ति धीरे धीरे चुप होने की कशिश करने लगी …… और शान ने अपनी भलाई समझ के जल्दी में कार को वह से रफा दफा किया और थोरी दूर ले जा के कार साइड में लगा दिया …।।



तृप्ति …।।" देखना में अंकल को बोल के तुम्हारी पिटाई करवा दूंगी"



शान …।" अरे मेरी माँ…।। वक्स दो हो गयी गलती …।। माफ़ कर दो कान पकड़ के माफ़ी मांगता हूँ …… में तो बस मझक कर रहा था …।।"


तृप्ति …।" क्या बोलै था डेढ़ फुटी…। में तुम्हे डेढ़ फुटी लगती हूँ……"


शान उसके पास जा के उसके मासूम सी चेहरे को चाती पे लगा के बोलै " माफ़ करना …।। प्लीज डैडी से मत बोलना वरना सच में मेरी पिटाई ही कर दे …।"


तृप्ति …।" क्यों न करू …। तुमने एक लड़की की बेइतज़ाती की हे …। मेरी जगह कोई दूसरी लड़की होता तो जो कजिन नही हो तब तुम बिल देने से पहले ही कार्ड निकल के दे देते …।I know very well boys like you….."



शान……।" नहीं मेरा बच्चा …।ऐसा नही हे में सच में मझक कर रहा था तुम्हारे साथ…… प्लीज माफ़ कर दे न "




शान ने उसकी बहती आसूँ को ऊँगली से प्यार से पॉच के माथे पे चूमा ।।…।।तृप्ति इतनी दुलर से प्यार पा कर चुप हो गयी …।।



तृप्ति …।।" इतनी जल्दी माफ़ नही करने वाली में "


शान मुस्कुरा के बोलै " पता हे …।पर टेंशन मत लो में तुम्हारी सारी नाराज़गी दूर कर दूंगा …।।अच्छा बोलो मेरे दोस्तों से मिलोगे उसमे दो नमूने हे तुम्हे बोहोत हस्सी आएगा "



तृप्ति शिर हिला के सहमति झताई……शान ने कार अपने अड्डे की तरफ रुख कर लिया………।
attiutam........ :applause:
 

Naina

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upadate 1


Phone ki ring jaa rahi thi………..dil joro se dhadak raha tha… narm peshish dil ummid se phir se bistrit roop se barnan kar raha tha ki dil kitna byakul tha tafshilata se………..


jis dhang se utkrist tha………lagta tha uska dil phir se sinmat jaye naye shire se jud jaye……….

" hello"


sard kapkapati hontho pe muskaan phail gaya mathe ka sikan door ho gaya tanaw se bhare nash khul sa gaya……..


" hey baby………"


" who's this? *"


" aanha…….abhi bhi naraaz ho…….please me mar raha hoon…..please baat karo……" sayed hi kisi ki lafz me itna dard nishtpat kasoobar aabhas thi


" who's this………Why are you calling again and again……kyu paresaan kar rahe ho…….dekho last warning de rahi hoon phir se dubara call kiya na to sidha tumahre nunber pe police ke paas case registered kar ke aaungi"




call disconnected……..wo pagalon ki tarah chikha chillaya aur apna mobile sadak pe patka……….




sadak ke kinare ghutne tek ke rone laga " kyu kyu…..kya kiya maine jo tum mujhe itni nafrat karne lagi ahcnak…..kyu akhir kyu…….aakhir kyu…..kyu tum mujhe ignore kar rahi ho……….naa mere phone uthati ho aur utha bhi leti ho to na pehchanne se inkaar kar deti ho…..kya huya he tumhe…..kuch batati bhi nehi ho…….aisa kya gunah kar diya jo itna nafrat karne lagi ho mujhse…..




ek aabhaga pagal aashiq fut fut ke roye jaa raha tha………mohabbat aaj yun sadak penishprabhaav swaroop se ashisht sur sur ho raha tha……..



pyaar wo bhawna he jo kisi byakti ya bostu ya sthaan ya jiv jantu ke liye niswarth paida hoti he…… pyaar ek nissal jazbaat hoti he……….pyaar woh shabd he jiski bakhya asambhab he par isme jivan chupa he…..jine ki chaah chupi he kabhi dar to kabhi nidarta chupi he kabhi bohot prem to kabhi ghrina chupi he aur prem ko samajhte samjhte zindegi samajhne ki apne aapko samjhane ki kala chupi he…… prem wo sunya he jo sabkuch asatya hone ka parishay deta he prem wo jo khubiyon par chehekne ka mouka deta he aur apni kamiyon par ruswa bhi karwata he……..isliye prem bina jeena bekar he…..pyaar ke koi naam ishq, mohabbat, pyaar aadi namon se prasharit……….



ye ladka bhi isi mohabbat se ruswa tha……..uska faanzil mohabbat nasut se wakif tha……….uske drishtikon se mohabbat zindegi jeene ki raah thi…….kisi ke saans lena mohabbat ne sikhaya tha…..kisi ke liye jalti raag me kadam rakhna mohabbat ne sikhaya tha……



jis pari ke liye beinteha pyaar mehsoos karta tha…….jis pari ki nazar se duniya ko dekhta tha wo duniya pehele use rangeen lagta tha……


Lekin aaj tute mohabbat ne buniyadi duniyaa se adharbhut yatharth karwaya….. na chaah kar bhi biswas uth chuka tha pyaar shabd se………jeise khud se nafrat hone laga kyu itne wo bewkoof bana raha……..



uske aasoon behte behte sukh gaye…..lekin dil me jo dard tha wo dhire dhire jakhm de raha tha……..sayed hi kabhi usne itna jakhm jhela hoga…..


thak haar ke girne ki kagar pe tha…..tabhi use ek sarhar kandhe pe kisi majboot hathon ki parkh mehsoos huya…….usne mud kar dekha…….aur wo phir dukh me tadpata huya us saks se lipat kar rone laga……….



wo saks use sahara deke uthaya aur sahara de ke utha ke jitna chahe rone diya…….aur jab rote rote thak gaya tab apni car me bitha ke le ke gaya……….
इसलिए ये भटकाव अच्छा नहीं इश्क बुरी बला होती है लग जाये तो आसानी से पीछा नहीं छूटता। हम मना तो नहीं कर सकते पर इतना जरुर है प्रीत का स्वाद जो चखा जुबान ने फिर बेगाने हुए जग से समझो..... :lollypop: :D
 

Naina

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upadate 3




barfilen sadar se kinara dhake sadak pe car chal rahi thi……achanak car ke aage ek hiron dour ke rasta paar kar ke ghane jungle me ghus gaya aur car achanak tibra break ke saath tezz jhatke ke sath ruk gaya lekin ped se takdate takdate reh gaye…..




" kaka kya kar rahe ho……."


"chote baba maaf karna gadi ke aage hiron aa gayi thi…..barf ki wazah se break bhi der se lagi….aapko lagi to nehi…."




" lagi to nehi……par jis tarah se drift ho gaya tha car mein to dar gaya tha……kaka tyre byre check karte ho na…..aise snowfall highway me humesha aankhe khuli rakhni chahiye….."



" haa chote baba…..mera dhyan rehta he in surksa ke mamle me….aap chinta mat kariye……."




shaan phir apne mobile me lag gaya…….wo befikar apne driver pe bharosa kar ke nidhandha ho gaya……




aur kuch der me wo club pohoch gaya……..jo usne haal hi me kharida tha ek dharmik sadi ki 100 saal purana jalpaan griha jo usne nayi sadi ke sainik chihn se saja ke sangh bana liya tha…….



shaan driver kaka ko rukh karwate huye club me enter huya…..jeise hi usne prabisti kadam badhaye uske shir ke upar gubbare phooti aur wo shok gaye……



surprise,….ooooo hoon………..kamre me taliya bajne lagi…….. khushi se chikhne ki awaaz gunjne lage....




shaan ke samne uske dost (vikram, jatin, preeti) abhivadan karte huye khade ho ke jhum rahe the…..



shaan un sabke paas gaya sabse gale mil ke pucha………" kambakhto kya huya kis baat itni khusi mana rahe ho….."





preeti boli……." humne kar dikhaya"



shaan…. " kya kar dikhaya"


jatin……. " humne game design kar liya…..character animator ka kaam bhi pura kar liya……."



shaan ki hontho pe muskaan aa gaya……vikram khusi se shaan pe chadh gaya…….dosti me chadham chadhai naa ho kya dosti……


saaron me beer party suru hui……


shaan……" accha 70 % kaam to lagbhag ho gaye…….lekin level scripter chahiye uske liye koi creative demag wala writer chahiye……."


vikram….. " bhai…….aisa banda milega kaha……"


preeti…… " wohi to……game me jitna bhi graphics special effects se bhar do lekin playar ko level up kick nehi milega to game chodh dega….."



jatin….." shaan dbundo kisi ko jo dhansu script likhe……"



shaan…….." dhund to raha hoon……"





vikram…….." shaan…tujhe pata he….humari phool kanya ki shadi ho rahi he….. "….





shaan muskurate huye konhi nazron se preeti ki taraf nazar dali…..to preeti ne isare se jatin ki taraf ishara ki….. shaan kuch samjh nehi paya…….





jatin……. " iske baapu bole ki phool khil gaya he ab gadbandhan kar dena chahiye……"





preeti…… " ye mustanda kis angel se khile huye phool lagte he zara batao….."







jatin chidh gaya……"saalo yeha mera baap meri shaadi karwane me tule he subah se ek hi ratt lagaye baithe…..aur tum log meri majhak uda rahe ho….."









preeti haas ke boli…… " kyu itna tension le rahe ho……Tell your father that you will not marry now….."





shaan vikram ko ishara kar ke bola……." dekha bhai……aag kisi aur pe lagi lekin jali koi aur…. "





preeti nakhre me…… " kya matlab he tum logo ka…..me kyu jalungi….. "





preeti muh phoola ke kamre se nikal gayi…….aur jate ek antic gudda tod ke chali gayi…….





vikram chillaya piche se…….. oye nakchadhi humne kaha tujhe bola kuch……mera antic chiz tod diya kamini ne…









shaan jatin se bola……." dekh tere pe fida he bandi…….yehi samay he kesar ki dhoodh ki kamal dikhane ka……koi aur le jaaye isse pehele kamse kam propose maar de….

jatin…… " kya pagal jeise baate karte ho…….koi pasand basand nehi karti aur na hi me……humare bich aisa kuch nehi he……hum sab jeise dost he aise hi hum dono dost he…. "


vikram………" to phir me pata loon…..kamini aaj kaal bobot matak matak ke chalti he…….bohot maze degi… "….



jatin gusse me vikram ki taraf lapka…..vikram bhagne laga aur jatin uske piche………




shaan haasne laga………shanakya ko is seher me aate huye ek mahina hi huya tha……aur in teen tikri se dosti hui…….dosti ki suruwat misunderstanding se hui thi…..lekin baad me mithyaabodh mit ke dosti ke iltifaad shuru ho gaye…..




shaan raat ke 8 baje apne baladev bhavan pohocha………hamesa ki tarah wo apne alishan sudrish ghar me ghusa……..



uske daddy mano uska hi intezaar kar rahe the…….mr. baladev apne bhabya wazan awaaz parsh kanth se bola….. " hey my brave baby……come here to daddy……."



shaan muskura ke apne daddy ke bagal me baith gaya aur apne manyata pita ke samadar karte huye gale mil liya…..



shaan……" daddy aapne khana dinner kiya……."…



mr. baladev……." No, haven't eaten yet, I was waiting for you……kabhi me apne bete ke bina khana khata hoon kya….."



yehi mudirt bicharon ki wazah se apne daddy se garv karte he ki wo unka beta he……



shaan bola….." chaliye aap taiyar ho jaiye me abhi change kar ke aapse dining hall me milta hoon……waise mom kaha he…. "



mr. baladev……." tumhari mom ko beauty creations ka sok lag gaya he……ek event organised planing kar rahi he….jime budhiya ramp walk karegi……"


dono baap bete haasne lage taali maar ke…..
lagta hai us driver ne race movie dekhke aaya ho ghar se.... isliye dhoom macha raha tha barfili raasto pe..... :D
Chalo sukar hai saamne hiran ke jhund aa gaye warana thodi der mein shayad car pahaadon ke upar udne lagti South Indian action movies kisi tarah aur shaan free mein hi aasamani sawari ka luft uthata :D
khair ....
to kayi kirdaaro ne entry le li hai story pe... Shaan shayad hero hai is kahani ka jo first update mein bich raaste rona dhona suru kar diya tha :hmm2:
well iske dosto ne bhi entry liya hai... shayad ye log game banate hai... ushi baat pe to charcha kar rahe the...

udhar shaan ki family mein shaan ki mom adher umar mein bhi modelling karti hai.... :D

bahot hi behtareen suruwat huyi hai kahani ki... shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan..

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 

Naina

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Mrs. baladev……." har baar apne naye naye girlfriend ke baare me batati ho…..lekin kabhi milwate nehi ho….me kya dracula hoon jo kha jaungi teri girlfriend ko…
Ooo... to ye baat hai.... matlab hero tharki bhi hai :D
even kitne ladkiyon ke sath chakkar hai, ye bhi apni mom ko bhi batata hai.. :D
Aur reena chatkara leke sunti bhi hai... are kyun na sunegi wo maje le kar.... after all adher model jo thehri :D
 

Naina

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upadate 4



shahi pariwar pranali pratha se thik pone aath baje shahee khane ki mej me khanan laga diya gaya shaahee rasoiya ke swara…………



jab aap apni brittiya sthiti ki samiksha he to keisa lagta he……..agar aapne thik thak dhan juta liya to kya aako santusht ka ehsaas hota he……shodh bastabiktya bayan karta he bohot se byakti birttiya se ausuntashi aur asurakshit mehsoos karte he….adhiktar log ye maante he ki wo behtar kar sakte the ya unhone abhi bohot achcha nehi kiya he……



hum paise aur sampatti ke baare ne keise sochte he ye koi upadan par nirbhar karta he……apne anubhab ke aadhar par hum paise se judi koi dharana bhi banate he humare haath me halaki kuch sutra hote he ki aisa karte to aur behtar ho sakta tha ya hum is tarike ki madat se behtar dhan doulat shohrat kama sakte the……aise bohot se log he jinke ummide bastabik sthiti me mel nehi khati…



bohot se dhani log bhay asurakshit ke maahol me jite he….saath me wo apni abhigrahan ko paryapt nehi mante…..hum jaan pehchaan wale chehre aur pasandida baat chit ke dayere me rehna pasand karte he…… humare aas paas ke logo ka byawhaar humari brittiya suraksha ya asuruksha paida karne me mahatvya bhumika nibhata he….koi parents jab bachche ko uski samta ke hisab se pradarshan naa karne ke liye daante he, ya jab koi bachcha padasi ki ke ghar ke sukh subidhaon ki baat karta he ya jab koi dost zarurat par saath nehi de pata to brittiya suraksha ya ausuraksha ka bhaw janm leta he……




mr. shurjit kr badaladev duniya ke liye sajjan byakti the……samudahik sanstha se jude rehna riti riwaz, sanskriti sampradaik parapmara uske liye mahatvyapurn tatva the………jitna apne bete se pyaar karta tha utna hi garvshali tha aur use bete ke jawan khoon se dar lagne laga tha ki kahi uska baris apne bans ki parampara ko khandit naa kar de……..



baladev pariwar 15 logo ki dining table ke ek sire me dinner karne baithe the…..naukar sakar bhadron kalapravin se dinner karwa raha tha….



mrs. baladev………." baby aaj kaal itne late kyu aate ho……."


shaan……. " kaha late aat hoon…..8 hi to baja he….."

mrs. baladev…….. " zamana kharab he…….aaj subah hi news me do bachche gayeb hone ki khabar padhe jaa rahe the….prashasan ko pukhta saboot mila he ki dono bachche aakhiri baar isi seher me dekha gaya tha…….bardaad bhi isi seher me huya he……..apni nehi to hume to aise sataya mat karo….."


shaan……." Good mind, good find…….jab tak me kisi ka kuch bigadu nehi to koi mera kyu kuch bigarega….."


Mrs. baladev……" always remember one thing ! it is never too late to correct our mistakes. And if we do not, we risk repeating them……"



shaan muskura ke bola…….." maine aisa koi galti nehi ki jo pachtawa ho…."


Mr. baladev………." shaan beta….tum us club me karte kya ho……."


shaan……" daddy bas time pass……subsections of day to day life……"



Mr. baladev……." I heard you guys play games there all day long…..kya ye sach he….."



shaan jhep gaya……wo sochne laga ki daddy ko aakhir pata chal hi gaya……wo ulajhan pe par gaya…..hamesa apne baap ki sawal jawab me wo niruttar ho jata he……..kabhi uske aur uske baap ki bichar mel nehi khate……


shaan……." nehi aapko puri baat nehi pata he…….asal me hum game devloper ka kaam karte he……."


Mr. baladev…….." MBA kar ke gumnam 15×18 square feet kamre ke club me do computer me game banate ho……."



shaan ko bohot gussa aaya…….lekin kisi sehenshilta ka ghut pi gaya hamesa ki tarah…..


Mr. baladev……." game bana ke karte kya ho……local company ko bechte ho…..ya khud illegally trade karte ho…..aaj kaal ke bachcho ka kya ho gaya he…….digital technology bane he zindegi behtar karne ke liye aur aaj kaal ke bachche shortcut ke sakkar me hacking becking dhanda chala raha he…….ye sab chhodo apni mom ke saath kaam shikho aur apna career banao……Do not destroy the abuser found in the inheritance……."



shaan itna gusaa ho gaya ki pitta sharir jhanjhna gaya….apne haath se sammach dining table de mara aur jhatt se khada ho gaya……chair ondhe muh kachu door gir gaya……



apni kamre ki taraf ped patakte huye chale gaye chidhiya chadte huye……..



Mrs. baladev……." kya zaruri tha is tamache ki…..i'm fed up with you….thora time do…..jab man hoga tab apne aap samjh jayega……"


Mr. baldev……. " tumhi ne bidag ke rakha he use……uski umr me apne pariwar ko bhar pet khana khilata tha khud kama ke….."



Mrs. baladev bhi chidh gayi aur Mr. baladev ko ghurte huye uth gayi…….wo apne ladle bete ke kamre me gayi……darwaza knock ki……



shaan darwaaza khol ke bapach apni rocking recline footerst wali chair pe baith gaya………mrs. baladev uske paas futon pe baith gaya……



reena apne bete ke gusse se laal muh phulaye chehre ko dekhti rahi antray…..shaan gusse me apni maa ki taraf nazar nehi mila raha tha……


Mrs. baladev……." you hid me too……agar me tumahre adde pe na jati to pata hi nehi chalta……"


shaan hairan tha……" kya aap woha gayi thi…….aap mujhpe nazar daal rahi thi…..".


Mrs. baladev muskurai……." ab mere bete ki khayal ka sawal tha…..to nazar to rakhni padegi na……"


shaan abhimaan se bola……" kya mom……kyu kyu…..me shanti se jeena chahta hoon…."


Mrs. baladev….." haan to jee shanti se…..I was doing my duty…….."


shaan….." kounsi duty bete pe chori chupe nazar rakhne ki duty bolte ho……daddy ki tarah aap bhi mujhe wohi nakara samjhte ho naa….."



reena bhabuk ho gayi……bete ki hatheli apni chaati pe rakh ke pyaar jhata ke boli……" nehi aisa mat bolo baby……..you know how much i love you naaaa…..mujhe bas tumhari fikar lagi rehti he…..aaj kaal tum mujhe kuch bhi nehi batate….."…


shaan….." kya nehi batata me…..me kya koi school jata bachcha hoon jo…..mom aaj mujhe teacher ne mara isse usse jagra huya ye kiya wo kiya……aap chahte he waisa tota ban jau……meri bhi kuch privacy he……"


Mrs. baladev……" no baby when did i say that….me chahta hoon tum jo bhi kaam karo wo mujhe batao isi bahane hume kuch time spend karne ka mouka to milega…..aaj kaal hum baat bhi nehi kar pate good morning goodnight ke alava…….I don't want to be a boring mom……thik he agar tunhari care karna tumhari privacy me tak jhak karna he to god promise aaj ke baad tumse do feet door reh ke baat kiya karungi……"….


reena shaan se hath chura ke uth khadi hui aur jaane ko do kadam badhaye hi the……shaan bandar ki furtile ban ke apni maa ko piche se pakada aur recline chair pe bitha diya…..reena mand mand muskurane lagi……shaan niche carpet pe baith ke piche jhuk gaya jisse uska shir apni mom god me…….


reena uski pechani pe chum ke uske shir pe pyaar se haath pherne lagi……


shaan…….." emotional blackmail karna koi aapse shikhe…….ok sorry maine nehi bataya……par ho daddy ki Obedient wife…..sab unke kaan me bhar deti ho….."



Mrs. bakadev muskurai…….." har baat nehi batati jeise claas 10th me teri ek tinde jeisi girlfriend thi wo sab to kabhi nehi batayi…."…


shaan sharmane laga….." ab baas bhi karo…."

Mrs. baladev……." achcha yeha koi mili…..suna he yeha ki ladkiyan bohot gori hoti he….."


shaan muskuraya…." nehi abhi tak nehi…..miliegi to aapko bata dunga……"


Mrs. baladev……." har baar apne naye naye girlfriend ke baare me batati ho…..lekin kabhi milwate nehi ho….me kya dracula hoon jo kha jaungi teri girlfriend ko….."


shaan….." aisa koi mili nehi jo khas ho….agar kabhi mili aisi koi jisse meri feelings ubhar ke aaye tab zarur mila dunga….."



aaj ki drishya darsata he shanakya ka apne perents se keisa rista he……riste me ek tabassum tha sufipan……kabhi khatta to kabhi meetha……..
sachhayi chaahe laakh karwi sahi lekin sachhayi to sachhayi hi hoti hai na....
Ab baldev ne shaan ko sach ka aaina dikhaya to usko mirchi lagni hi thi...
kaisa insaan hai ye shaan jo khane ko yun chhod ke chala gaya.... annapurna ko apamanit kiya hai usne.... Lekin wo kya jaane khane ka mol.... khud se kamata to pata chalta na ushe....

ye shaan prectical nahi hai life ko leke.... agar game developer hi banna tha to M. B. A. kyun kiya itna kharcha karke :dazed:

udhar is shaan aur iski mom rina ki baatein.... rina to samjhane gayi thi ... ulta ushe hi itna kuch suna diya kambakht ne... kya akal bech khaya hai usne jo itni si baat pata nahi ki is duniya mein ek insaan ka sabse zyada fikar uske maa baap hi karte hai aur utna hi pyar bhi....
Khair ....
waise apni hi mom se apni girlfriends ki ginti karwaye :akshay:
kuch zyada hi khule vichaaro ke hai ye log to :D

shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan....
Aise hi likhte rahiye aur hum pathako ka manoranjan karte rahiye..
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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ek car tezz raftar se chal rahi thi…….achanak car ka balance bigar gaya aur khai me jaane laga lekin jaan lena wala us din chutti pe tha……car ek bade pattar se takra gayi aur pattar ne pahadi se niche gairne se rok liya……….



ek ladka apni bicycle pe usi raste pe tha…sadak puri tarah se sunsaan tha…..logo ka kehna tha ki wo pahadi ka sadak khurak mitate he……..



ladka us hadse ko dekh ke boukhla gaya tha….uski sujbujh chali gayi thi do pal ke liye………aas paas dekhne laga ek chuha bhi woha nehi tha us shaam…..



ladka dar dar ke us khai ki taraf utara aur kisi tarah kadam thame us car pe pohoch gaya…..car ke bonet wala hissa pichak gaya tha dhooya hi dhooya nikal raha tha…….use dar lagne laga kahi car me aag na lag jaye…….



usne sise se andar dekha ki car ke andar sirf ek hi driver tha aur wo bhi ek aurat air beg me uska shir lahun luhan ho rahi thi…….itna sara khoon dekh ke wo aur ghabra gaya……




wo kya kare kya na kare badi uljhan me phans gaya………kisi se madat bulaye wo aisa bhi nehi kar sakta tha…..zindegi me pehli baar aisa ghatna anubhav kiya tha….



usne darwaza kholne ki kashish ki to darwaza nehi khula…..sayed andar se lock tha ya phir accident ki wazah se kahi atak gaya…..



use bohot ghabrahat hone laga…..pata nehi jinda bhi he ya nehi….kahi me hi na phans jau…..kya karu me ab darwaza bhi nehi khul raha he…….




tabhi nuttkadang shetna jaag uthi aur usne ambulance pe number pe call lagaya aur accident ke baare me bataya………tab tak uske dimaag ke nashe khul gaye aur usne patthar utha kar sisha tod diya phir darwaze ko jor laga ke khola aur us lahoon luhan aurat ko car se bahar nikal ke ghas pe lita diya aur uski haath pakad ke hilate hue bolne laga….."he he……aankhe kholo….."


lekin wo aurat behoos tha……usne dar dar se usi nabs chek kiya to pata chala ki abhi jinda he….uske bhi jaan me jaan aaya………



thori hi der baad ambulance aayi…..aur ambulance wale ne us aurat ke saath use bhi ambulance me le ke gaya wo ladka jana nehi chahta tha lekin ambulance wale use witness bana ke le ke gaye………




us aurat shidha icu me admit kiya……..wo ladka icu ke bahar hi baitha tha….uska shirt bhi khoon se latpat tha…..


tabhi uske paas ek nurse aayi….." mister kya aap is patient ke saath ho…. l"


ladka kahi khoya huya tha…….use bhanak bhi nehi laga ki uske paas koi aake usse kuch puch raha he……



nurse dubara boli……" o mister…..listen to me…..idhar idhar….." uske muh pe chutki bajane lagi…



tabhi us ladke ki tandra tuti……aur nurse ki taraf dekh ke bola…." hhmm…. ji ji boliye…."


nurse….."aapka naam kya he….."


ladka bola…. " ji rahul…..rahul avasthi….."


nurse……" aap mere saath chaliye….."



nurse use reception pe le ke gaya….aur use ek form fill-up karne diya…….


nurse boli….." aap patient ke kya lagte ho….husband….."


rahul bola….." ji….ji nehi……mujhe nehi pata wo koun he……"


nurse….." to phir yeha aaye kyu ho…."


nurse berukhi se baat kar rahi thi sakal se chalu lag rahi thi……rahul man me sochne laga…..ye kounsa tarika he aise battimizi se baat karne ka…..sakal to kitni bhaddi he lipstik aise pot ke aayi he jiese kothe me baithi besbya paan khati hui……


rahul bola…… " me nehi aaya….ambulance walo ne zabardasti le ke aaya…..maine accident hote dekha aur ambulance walo ko bulaya…."


nurse ki bolti band ho gayi phir bhi aise ghura jeise use koi fark hi nehi….


nurse boli……" bill koun dega….abhi dawai bhi deni he…bill pay kijiye dawai andar jayegi……"



rahul ko bohot gussa aa raha tha…….wo gusse me kuch kehne hi wala tha ki tabhi ek awaz aayi…….



" kya matlab he bill koun dega……".



rahul ne piche mud kar dekha……ek police inspector tha muso wala………wo inspector receptionist ki desk pe kohni rakh ke bola…… " hey you… what's your name……"


nurse buri tarah se ghabra gaya ….aur uth khadi hui……


inspector…." badtamiz kahi ki…..is tarah se baat karte ho…..noukri keise mili tumhe……"


nurse….." ji me to bas apna kaam kar rahi thi…..maine kaha badtamizi ki sir….."


inspector….." is ladke us paitent ki jaan bachahi …..ye us waqt nehi hota to sayed wo abhi tak hospital nehi pohochi hoti….aur sayed wohi……"



nurse ki akkal thikane lag gayi…..inspector ne do line me use line hazir kar diya……



inspector bola….." us patient ka husband me hoon……bill do mujhe "



nurse ki gala sukh gayi aur usne darte darte bill ka rasid diya……..inspector ne bill ka rasid dekh piche se wallet nikalte huye bola….." keisa hospital he re…..ilaz suru hone se peheli hi bill bharna padta he….."



tab tak rahul bhoot bane khada tha…….use biswas nehi ho raha tha ki jisko usne bachaya he uska pati ek police inspector hoga…….



inspector rahul ki taraf muskurte huye bola….." mujhe pata chala ki tumne hi ambulance ko phone kiya tha……pata nehi keise shukriya ada karu tunhara……tum nehi hote to aaj meri patni….."



rahul muskura ke bola……" ji aisi koi baat nehi….mujhe jo sahi laga wohi kiya…."



inspector……" nehi tumne bobot mahan kaam kiya he……log to sirf tamacha dekhte rehte he khade khade……."



rahul bola…." ji abhi wo keise he……"


inspector…… " doctor ne bola he ki abhi wo khatre se bahar he…..khoon zyada beh gaya he isliye thori complicated he….lekin kaha he wo thik ho jayegi…."



rahul……" me bhagwan se prathna karunga wo jaldi thik ho jayegi.."



inspector….." thank you so much….again and again…….achcha tumhe teen din ke andar thane me aana hoga….."


rahul thora ghabra gaya……" ji kyu….


inspector haas ke bola……" are daro mat……tum koi suspect ya criminal ki tarah nehi aana he……tum gawah ho to bas record me tunhara ek sign chahiye bas……tumhe aur koi paresaani nehi hogi…."



rahul muskura ke bola…. " ji zarur aaunga…..kya me abhi jaa sakta hoon…."



inspector….." yeah sure…..aur haa tunhara cycle to humne police station le gaya…..achcha jab tum sign dene aao tab le jaana….."



rahul…." oh koi baat nehi….me jab aaunga tab leke jaunga……abhi mujhe thora jaldi nikalna padega…..milte he….".


rahul hospital se nikal gaya aur paidal hi ghar jane laga……..
wo kehte hai na....jab koi raah na ho,, musibat ke waqt koi madad karne wala naa mile tab kabhi kabhi angels kisi na kisi roop mein aake jarur madad karte hai.... waise ise hum insaaniyat keh sakte hai....aur Rahul ne ishi insaaniyat ke naate us lady ki madad ki... haalanki wo dar gaya tha par phir bhi himmat na haari....
so wo lady us inspector ki biwi hai...
btw wo jaise rahul ke ehsaan tale hi dab gaya... lekin rahul ke hisap se ye uska farz tha....
ek baat sau aana sach ki is rahul kibsoch bilkul ek nayak jaisi hai.... I think isiko is kahani ka nayak hona chahiye...

shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan..
Aise hi likhte rahiye aur hum pathako ka manoranjan karte rahiye..
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
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