aur rahul & family kaha hai aur wo accident wali ladyLagta he rabha kant se aapka lagaw ho gaya aayega । Uska bhi aage role he ehem ।
Never give up.... isko yaad rakhiye... kahani jarur superhit hogi...
husn ko be-hijāb honā thāUpdated 11
शान तृप्ति को क्लब में ले गया ……उसके दोस्त तृप्ति को देख के थोरा हैरांन थे …।।
शान ने तृप्ति को तीनो के साथ मिलवाया और वो तीनो भी तृप्ति की सरल नेचुरल पसंद आये और घी खिचड़ी एक होने जैसा सन्न क्षणो में घुल मिल गए ……।।
आज काका भी क्लब में आया था अपना डाटा देने ………शान काका को देख के बोलै……।।" और काका काम कैसा चल रहा हे "
कका मुस्कुरा के बोलै……।"बोहोत बढ़िया छोटे बाबा ……।बस पेजेज जमा करवाने आया था और थोरी बात चित भी हो गयी अगला क्या लिखना हे……अब में चलता हूँ मालिक को पिकअप करना हे ऑफिस से"
शान ने काका को कुछ पैसे दिए और काका वाहा से चला गया ………
विक्रम……।" गुरु कमाल का लेखक पकड़ के लाये हो ……। अच्चा कंटेंट क्रिएटर हे "
शान……।" कहा था न……।अब तो बिस्वास हो गया …।"
प्रीति …।।" हां…।बुद्धा लालची हे …।।पैसे दो तो लपक के जेप में दाल लेता हे …।एक बार ख़ातिर दीखते हुए न नही बोलता …।अभी देखा जब तुमने पैसा दिया तो कैसे सीधा जेल में दाल दिया जैसे कभी पैसा देखा ही नही हो"
शान…" अपना तो काम बन रहा हे न…।।कोइ न…।तुम अपने काम में ध्यान दो उसकी स्क्रिप्ट से अपना डिज़ाइन बनाओ "
प्रीति मुँह बनांते हुए बोली…।" हां हां वही काम रह गया हे न मेरा "
शान …" हमारे सिद्कुंदे साहब गया काया हे "
वीकरम ……" बाल बनाने गया हे पॉर्लर …।।"
तभी जतिन भी क्लब में आता हे …।।उसके बाल काटने का स्टाइल से सब हक्का बक्का रह गया ……
प्रीति …।।" ै ए तुम्हारे साथ कुछ हुआ हे क्या …"
जतिन ……" नहीं तो ……।"
विक्रम…।।" तो फिर तेरे बाल ऐसे क्यों हे जैसे लोगो का आधे बाल काट के मुँह कला करवाता हे ……ये भाई तूने कही मुँह तो कला करवा के नही आया "
जतिन ऐसे बात कर रहा था जैसे सब सामान्य हो …।उसके बाल लेफ्ट साइड में कटे हुए थे और राइट साइड के बाल जैसे का वैसा था लम्बे……।।" वो मेरा बटुवा गम हो गया …।।मेरे पास २५ रूपए थे तो आधा कटवा के आया …।।"
शान , तृप्ति, विक्रम , प्रीती सारों पेट् पकड़ में हसने लगा ,……उन सबकी हासी रुक ही नही रही थी ……,
प्रीति अपनी हासी को संयम करते हुए बोलि …।।" पर तेरा वॉलेट गम हुआ या किसी ने जेप कत ली "
जतिन …।" पता नही …।। पार्लर जा के देखा तो जेप से वॉलेट गायब हे …।तो बापच लौट के फ़ुटपाथ पे बैठे नाई से आधा बाल कटवा के आया …।।"
शान …।।" क्या चुतिया इंसान हे तू ……केस नही तो ऑनलाइन पे कर देता और वो नाई से केह देता पैसे बाद में देता हूँ तेरी कहानी सुण के तरस खता तुझपे"
जतिन……" अरे में अपना मोबाइल भी भूल गया वो देखो टेबल में ही हे……।और उस नाई को बोला था लेकिन सला खड़ुस था बुद्धा केहने लगा धन्दे पे कोई दया नही "
चारों हासे जा रहा था ……।
प्रीति ……" लेकिन वॉलेट में क्या क्या था …।"
विक्रम……" अरे एक फुटी कोरी नही रहता ……।सो दोसों होंगे और क्या तू फ़िक्र मत इसके वॉलेट में कोई आइडेंटी कार्ड या एटीएम बगेरा कुछ नही रहता हे …।।"
जतिन ……" साले तुझे कैसे पता ……अच्छा तू मेरा वॉलेट चेक करता हे …।तभी सोचु मेरे बटुवे से पैसे कम क्यों होते हे …।। साले रूक साले …"
दोनो आपाच में एक दूसरे की ऊपर चढ़ गए……प्रीती और शान ने दोनों को अलग करवाया ………
शान……" लगता हे सेहर में चोरी का रॉकेट चल रहा हे…।।ईसकी भी लग्गैस चोरी हुआ हे " तृप्ति की तरफ इसरा करते हुए बोलै…।।
जतिन की नज़र तृप्ति की ऊपर परी ……" ये मोहतर्मा कोण हे बे " और कोलार उठा के सेली में पन्थर की चाल ढाल में तृप्ति के पास गया " नासिस को जतिन केहेते हे " और अपना हाथ आगे बढा दिया …।।
तृप्ति सट्टेदार करती हुई होथों पे मुस्कान ला के हाथ मिला के बोली…।"ट्रिप्टी ……you जस्ट कॉल T"
प्रीति ग़ुस्से में तमतमा रही थी ……।शान जतिन के कलर पकड़ के पीछे खीच के पिछवाडे में घुटना मार के बोलै " चूतिये मेरी कजिन सीस हे …।।जिस पर तेरा जादू चलता हे उसी पे जादू फूंक नही तो ऐसा घुसाऊंगा की ज़िन्दगी भर खोल के चलेगा और कभी बैठ भी नही पायेगा ……सब काम खड़े खड़े ही करना पड़ेगा "
विक्रम……।" साले ठरकी आते ही शुरू हो गया अभी तक मैंने भी ट्राई नही मारा…।।"
शान विक्रम की तरफ घुम गया " क्या बोला तूने ……हराम खोर दोनों एक नंबर के चूतिये हो " ।
विक्रम हस्ते हुए शान से दूर हट्ट गया ……तृप्ति दो नमूनों की मटर गस्ति देख बस हसे जा रही थी जिस्से उसकी खुबसुरती मासूम चेहरे की हुस्न खिल रही थी सारी नाराज़गी दूर हो गयी ……।
प्रीति …।।" एक काम करते हे हम……चलो पुलिस स्टेशन चलते हे फरियाद दर्ज करवाते हे …। तृप्ति की भी और इस नमूने का भी"
शान…।।" नही नही …।।मे पुलिस के पास नही जाने वाला …।।"
विक्रम……।" क्यों बे ……।डरता हे क्या …।"
शान……" डरता नहीं हूँ ……।बस डैडी की वज़ह से नही जाना चाहता "
जातीं …।।" अच्छा तो तेरे डैडी पुलिस से डरता हे……डाका डाला था क्या जो पुलिस से डरता हे …।।हा हा हा हा "
शान कोण्ही दिखा के बोलै " एक मारूँगा पूरी बत्तीसी हाथ में दे दूंगा……बात ये हे डैडी जहा भी जाते हे सबसे पहले पुलिस के साथ डील कर के दोस्ती का नाम दे के फायेदे में रहता हे ……अपना रख पराया सख …।।मे नही चाहता लग मेरे डैडी के नाम से मुझे पेहचाने "
प्रीति …" तो अब क्या करे …।।खुड जेम्स बांड बन जाये …।"
तृप्ति…।" अरे इतनी भी कोई बड़ी बाद नही हे …मेरे लग्गैस में तो सिर्फ कपड़े ही थे और कुछ नही था "
विक्रम अपनी दिमाग पे जोर देते हुए सारों और घूमने लगा …।।" में एक ऐसे इंसान को जनता हूँ जो हमारी मदत कर सकता हे "
शान……" कौन हे वो ……।"
विक्रम ……।।" हे एक …।बोहोत सुना हे इस सेहर में दो नंबरी धंदा चलता हे ……। गाडियो की चोरी महंगी चिज़ों का स्मगलर हे …"
जतिन ……।" तू पागल हो गया हे …।।गुण्डे से मदत लेंगे हम…।।और वो गुण्डा हमारी भला क्या मदत करेगा …।"
विक्रम……।" सुना हे चोर हे पर ईमानदार हे गरीबों की मदत भी करता हे ……।।हुमारी मदत ज़रूर करेगा …।"
शान तोड़ा सोच विचार के……" ठीक हे चलो फिर अभी चलते हे …।।पता तो चले कैसा इंसान हे जो गरीबों की भी मदत करता हे और चोरी की धंदा चलता हे …।।"
जतिन…।।" ठीक हे फिर तुम लाग जाओ जो जाना चाहता हे …।शान और में पॉर्लर जाते हे …।अपना बाल बनवा के आता हूँ…।"
विक्रम……" में शान के बिना नही जाउँगा……"
जातीं…।।"क्यू बे फट्ट रही हे तेरी अब…।।"
शान……" ऐसा करते है…।जतिन तुम प्रीती को ले के जाओ …। में और विक्रम जाते हे…।।तृप्ति भी तुम लोगो के साथ जायेगी …।लडकिया वाहा जाना ठीक नही होगा।"*
प्रीति …।।" में इस घोसु के साथ नही जाने वाली…।।केसा दीख रहा हे जैसे राज द्रह गधे पे उल्टा बिठा के निकला गया हो…।"
शान…।"अरे कोई नही देखेगा …।।ये लो की …।।मेरे कार से जाना तुम तीनो …।।लो बेहेस मत करो कभी तो बेचारे की साथ दिया करो"।
प्रीति शर्मा गयी और शान से कार की साबी ले लिया ……प्रीती जतिन और तृप्ति को ले के कार से पॉर्लर चली गयी …।।शान और विक्रम दोनों विक्रम की बाइक से चले गए ………
ye kahani ka dusra pehlu matlab rahul aur uske muh bole family wale pehlu zyada dilchasp hai... thodi bahot thrill aur suspense se bharpoor...Thori khichdi dali gayi he......dua karta hoon aap jeise umda kalakari pathakon ko pasand aaye ।। Thank you thank you and thank you.....
Kahani to pehle se hi super hit he jayantaDS bhai....Never give up.... isko yaad rakhiye... kahani jarur superhit hogi...
aur ye meri guarantee hai
बोहोत बोहोत धन्यवाद पाठिका महदया । तारीफ के लिए बोहोत बोहोत आभारी हूं आपका ।Update... 10
waise namrata yunhi apne bhanje se nafrat nahi karti hogi.... jarur kuch na kuch to kiya hoga past mein is tharki shaan ne. isliye aise tanz kasti hai uspe.... aur jo beta apni mom ke sath apne dwara patayi gayi ladkiyon ke bare mein itni gandi gandi baate share karta hai.... jo shaan apni mom ko daru ka offer deta hai... wo shaan kitna bada kamina hoga , ye baat kisise chupi thodi naa hai
aur lo , ab to baldev aur reena ne uske gale hi baandh diya shaan ko uske ghar le jaane ke liye..
Udhar mall mein bhi khudki bahan as a sis ki tarah parichay nahi diya ...
kyun .. ?
Kya tripti ko bahan nahi hai ya phir uski nazar mein wo bahan hai hi nahi?
aur dekho to ab baap ke dar se kaise chikni chupdi baatein kar raha hai, kaise attention de raha hai...
Khair..... shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan..
Waise in logo ke vicharo ka adan pradan jis mul vishay vastu pe hai wo ek lay mein dikhane mein lekhak mahir hai...
Aise hi likhte rahiye aur aur apni manoram lekhni se hum readers ka manoranjan karte rahiye...
Let's see what happens next..
Brilliant update with awesome writing skills...